Dear Students, Welcome Back आज चर्चा कर रहे हैं गुरुदेव रविंदरनाथ ठाकुर जिन्हें अंग्रेज ठागोर कहते थे रविंदरनाथ ठागोर जिसे जिन्हें आप intellectual पिता कह सकते हैं भारत वर्ष के, modern जमाने के ये third Bengali political thinker है राजा राम मुहन रॉय, विवेका नंद के बाद हम पढ़ रहे हैं आफ कोर्स उनके क्रिटीक ऑफ नेशनलिजम जो उन्होंने नेशनलिजम की जिस तरह से उन्होंने बुराई की थी उसको कोर मान करके हम इस पूरे लेक्शर को देखेंगे लेकिन इसके थूँ हम लोग उनके पॉलिटिकल थॉट उनके जो बेसिस है उनके थिंकिंग के उनके वो टीज इन स्टोर में देखें तो यह थोड़ा अलग है और पॉलिटिकल थिंकर के मैं यहां पर उनकी बायोग्राफी डिस्कस नहीं कर रहा हूं मैं इस वीडियो को 50 मिनट से अधिक लंबा बनाना नहीं चाहता और मुझे इतनी बातें आप प्रोशन पूछे नहीं जाते हैं हम शुरुआत करेंगे बेसिस ऑफिस पॉलिटिकल थॉट कहां से निकलकर आती है कौन से उनकी सोच है कहां से वह इन्फ्लूएंस होते हैं किस तरह से उनकी थॉट बनती है अ फिर हम देखेंगे उनके critique of nationalism सबसे जादा part हमने जो है करीब 20 minute तक इस पे रखा है his alternative vision of social organization उनका क्या alternative thought था यदि nation state नहीं तो क्या इस पे भी हम लोग कुछ चर्चा करेंगे 5-6 minute में उनके political thought को देखेंगे अगले 5-8 minute में और फिर दो slide में उनके critical assessment करेंगे overall assessment करेंगे तो ये this is in store आइए सुरुवात करते हैं syllabus और past years questions से, मैंने DU से लिये हैं, other universities में पूछे जाते होंगे, जो उनकी critique of nationalism है, यही syllabus है, Tagore, critique of nationalism, केवल एक theme पे पढ़नी है, लेकिन उसके इर्द गिर्द हम लोगों ने सारी lecture को बनानी कोसिस की है, तीन साल का question मैंने लिया है, 2019 में है, compare Tagore and Savarkar's view on nationalism and nationalism, 2018 में question है with reference to Tagore's view on nationalism discuss his philosophy of humanism ये तो बिल्कुल हम लोग चर्चा कर रहे हैं 2017 में है Tagore considered nationalism as evil epidemic एक तरह का pandemic है वो जो पूरे दुनिया में फैल गई है बुरी pandemic तो वो उसको evaluate करने के लिए है of course ये सारी चीज़ों को हम लोग discuss करेंगे आप देख सकते हैं कि question जो है इनके जो theme है critic of nationalism उसी के एरद गुर घूमती है इसलिए एक ही तरह question इसमें आ सकता है आइए सुरुआत करते हैं ये समझने की कि उनके political thought आधारित किस पे थे, किन philosophy से वो प्रभावित होते हैं और कैसे बनती है उनकी thought एक बात हमें समझने चाहिए कि वो एक creative free soul थे, एकदम एक creative द्यक्ति थे और एकदम उनको freedom के लिए वो जीते थे, मरते थे वो एक poet थे, singer थे, ravindra sangeet, समझिए painter बहुत बाद में बने लेकिन बहुत बड़े painter बने, writer मतलब prolific writing, मतलब sacro उन्होंने लिखा और बहुत बड़े education list थे, स्री निकेतन, शांति निकेतन, कौन भूल सकता है, और बहुत बड़े intellectual थे, इसा मैंने कहा कि उनको आप intellectual father of the nation कर सकते हैं, लेकिन वो एक politician नहीं थे, यह हमें समझना चाहिए, he was not like गांधी जी, गांधी जी political father हमारे रहे हैं, इसके बाबजूद he इन टाइलोग विद पॉलिटीशन ऑफिस टाइम वह उस समय में गांधी जी हो चाहे उस समय के जितने लिबरल जो मिडल क्लास पॉलिटीशन थे उनके साथ में उनका विवाद होता था गांधी और टैगोर के जो डायलोग है और जो टेनिक है वह पूरी जग जाहिर है उनके जो बेसिस यदि आप देखें फिलासिफिकल बेसिस तो वह वेदानता फिलासिपी से जाती है उसमें क्या है मैंने आपको विवेकानन जी में पढ़ाया राजाराम मोहन रोय में भी वह यह है कि जो क्रिएटर है वहीं अपने को बिखेर के creation बनाता है और हर creation में चाहे वो पत्थर हो चाहे इनसान हो वो creator जो है जो God है ब्रहमन है वो बसता है इसलिए unity है universe की एक universe में सब कुछ एक है और जो आत्मा है जो soul है वो क्रिएटर के साथ मिल जाता है वह उसी का कण है यह एक जो फिलासोफी है उससे वह गाइडेड थे एंसियन इंडियो इंडियन सोशियो रिलीजियस जो इथोस था उससे बहुत प्रभावित है जो हमारा जिस तरह समाज चलता था धर्म पर अधारित समाज की जो सोवरेंटी होती थी स्टेट के ऊपर उससे वह गाइडेड थे उनका अपना हिस्ट्री और हिमेन सिविलाइजेशन जैसे उनकी जन्म के पहले आसपास में जाना चाहिए इटालियन नेशन बनता है 1848 में जर्मन नेशन बनता है 1871 में दोनों तलवार के बल पर बिस्मार्क ने कहा था कि वोर्स और वायलेंस से जो है निकल करके नेशन बनता है उसके बाद इंपेरिलिजम का उन्होंने दौर देखा नेशन बनने के बाद कैसे जो है स्क्रैंबल फ यह जो उन्होंने देखा उससे वो नेशनलिजम के जो है क्रिटिक बने यह ऑल्सूस टू बी इंफ्लूएंस बाय रीजन साइंस रेसिनलिटी जो इनलाइटेनमेंट का जो दौर था उससे वह प्रभावित है कोई भी इंडियन उससे में इंटिलेक्शुअल हुआ था लेकिन उसके बाद का जो दौर था पोस्ट इंटर इनलाइटेनमेंट रोमांटिसिजम जहां पर कि रीजन से हटकर फीलिंग इमोशन ब्यूटी नेचर उस पर लोग चले गए थे उसके भी वह जो है प्रणेता थे और भकती सूफी तो उनके रगडग में बसी हुई थी उनके गान में देखें बाउल और सुफीजम दिखता है मार्क्सीजम से वो बहुत प्रहावेद दिखते हैं और कहीं एनार्किजम उनके विचारों में छलकती है कोई ओथरिटी उनको बरदास नहीं था अपने फ्रीडम के बेसिस पे हुमन एक फ्री सोल है यदि पार्ट मानेंगे तो यूनिवर्सल ब्रदर होगी कोई यूनिटी मतलब ह्यूमैनिटी की एक अन इन अन इंटरप्टेड चेन है उनका जो पूरा जो एक यूनिटी एक बुक है और जो डिफरेंट जो कंट्री है जस्ट उसके चैप्टर है डिफरेंट जो पास पार्ट है तो ऐसे में यूनिजम आप समझिए कि उनके लिए क्या था कि आदमी एक है चाहे कहीं भी रह रहा है किसी भी रेस किसी भी धर्म गाइडेट थे, spiritual जो है वेदानता में एक salvation है जैसे आत्मा परमात्मा से मिलने और जो method है life को कैसे affluencement से जीते हैं, channelize करते हैं, वो spiritualism है, cosmopolitanism मतलब कि आदमी किसी boundary से बंधा हुआ नहीं है, man जो है man को देख सकता है, चाहे वो nation के boundary, चाहे धर्म के boundary, language कोई उसको बानता नह उसको वह बहुत ज्यादा नहीं सपोर्ट करते थे वह यहां पर आता है कि नेशन जब है तब आपस में जब नेशन इंटरनेशनलिजम के बगर इंटरनेशनलिजम हो सकती है एक्टिव लव को अपरेशन इंटर डिपेंडेंस यूनिटी ओप मैन एंड कंट्रीजी उनके थॉट में था फॉर हिम मोरल ट्रूथ ही वन वो अन्ब्रेकेबल चेन है इनवर्सल मोरल परसेप्ट या इनवर्सल मोरल जो प्रिंसिपल्स है वो नेशन के बाउंडरी से नहीं जो moral guide है human के लिए hence any external organization form which seeks to contradict that universal moral percept वो immoral उनके लिए इसलिए वो nationalism के critic हो गया है उनका goal जो है human freedom emancipation था जो मैंने आपको बताया है human excellence जैसे Aristotle के जैसे था कि flourishment होनी चाहिए वो ब्रिक्ष के तरह जो है हर दिशा में बढ़ना चाहिए वो ऐसे human को जो है flourishment होनी चाहिए उसका highest stature उसको अचीव करना चाहिए बिना किसी बंधन के मुक्त होना चाहिए तो क्रिएटिविटी उसी से निकल के उनके आती थी वह अगेंस्ट एनीथिंग विच चेन ह्यूमैन फ्रीडम कोई चीज जो बांती है उसके अगेंस्ट है जो चीज हमें मसीन तो मैन को मसीन बनाती है इसलिए बनाते उसके अगेंस्ट में थे विच मेक्स पर्सनल मैन उनका कहना था कि अ personal man क्या है, जो man का excellence है, मतलब unalignated man, conscious of truth, beauty and goodness, आप याद कीजिए marks को, कहते हैं man alignate हो गया है, यहाँ पे unalignated है, वो अपने inner self के साथ harmony में है, external दूसरे ब्यक्ति के साथ harmony में है, nature के साथ harmony में है, समाज के साथ harmony में है, वो unalignated man है, उसको personal man बोलते थे, जिसमें कि सारी beauty, truth कोई भी organization बनाता है, चाहे वो nation ही क्यों ना तो उसके against थे वो. So these were the basis of his political thought. उनकी जो क्रिटीक आफ नेसलिजम है वो इतनी ट्रेंचेंट है, ट्रेंचेंट के मतलब है इतने बहुत बड़े क्रिटिक हैं वो, बहुत वारलेंट आप कर सकते हैं, काफी जादा, तो वो इतनी जादा है कि मुझे समेटने में बहुत दिक्कत हुई है और आपका चुकी सि कैसे उन्होंने नेशनलिजम को देखा और कैसे इसकी क्रिटिसिजम की उनके लिए नेशन जब भी मैं बोलता हूँ तो नेशन स्टेट समझे जो एक और नेशन स्टेट क्या है नेशन एक इमेजिन कमिनिटी है जो मानते हैं कि हम एक हैं चाहे एक दूसरे को देखे भी नहीं और जब उनका अपना पॉलिटिकल और नाइशन हो जाता है जो सोवरेन होता है एक बॉंडरी टेरिटरी के अंदर में एक पॉपुलेशन तो यह एक मॉडर्न परिकल्पना है इसी के साथ मॉडर्निजम आई पिछले 300 साल में ही नेशन स्टेट की बात बनी है जो वेस्टफेलियन ट्रिटी से निकल कर आती है इस सिविलाइजन जो हमारा 2000 साल या 3000 का रहा है या 5000 उसमें कहीं नेशन स्टेट नहीं था रूरल होते थे लेकिन सोसाइटी चलाती थी नेशन स्टेट नहीं था यह मानते हैं कि जो नेशन स्टेट नेशन आगे से हम कहेंगे नेशन इस ऑर्गनाइज्ड पॉलिटिकल एंड इकोनॉमिक यूनियन आफ पीपल यह सिंपल जो है पॉलिटिकल इकोनॉमिक या कॉमर्सियल यूनियन है और यह मेकानिकल पर्पस के लिए होता है, यह एक means है, क्या बहुत अधिक power acquire कर लो, बहुत इसको efficient बना लो, material gain कर लो, दूसरे पर करके, या commercial, या economic development करके, enterprise करके, और competitive advantage ले लो, other nation state से आगे बढ़ जाओ, इस basis पर इनका मानना था कि यह एक organization है, political and economic union of people, इनके अनुसार से ज नेशन रिपेजेंट कलेक्टिव सेल्फ इंटरेस्ट सेल्फिस ने इनका कहना था कि सोशल लाइफ में हमसे आसा किया थी है सेल्फ सेक्रिफाइस की लेकिन नेशन को सेल्फिस होना पड़ता है नेशनल इंटरेस्ट आप देखिए क्या है तो यह पूरे जो कलेक्टिव सेल्फ इंटरेस्ट है कलेक्टिव सेल्फिस नेस है कलेक्टिव इर्शा है तरह समझिए इल्गो कि कलक्टिव इगो है कलक्टिव वैनिटी ओपीपुल जितने निगेटिव जो हो सकते हैं यूज एक इंडिविजुअल में उसका कलक्टिव स्वरूप जो है नेशन बन जाता है इट इज बेस्ट ऑन फिर एंड ग्रीड क्यों फिर ग्रीड बोलते थे क्योंकि वह कि कोई आकर हमें ना कर दे चलिए तो ठीक है लेकिन यह आप पैरनुआई हो जाए अ और हमेशा आप तलवार भांसते रहे कि कोई आये ना आये लेकिन पता नहीं कोई आ जाए तो आप पागल के ऐसा लगेंगे तो ये कहता है कि नेशनलिजम उसी तरह से है आपको लगता है दूसरा नेशन आपको वैंक्यूस करने आ रहा है कोई आपको हरा देगा कोई आपको डिफीट कर देगा तो ये आपमें फिर ब्रीड करता है और ग्रीट भी ब्रीड करता है कि दूसरे को यदि हम लूट लेंगे दूसरे को कॉलनी बना लेंगे तो हम ज़्यादा बन जाएंगे हमारा नेशन ज़्यादा प्रॉस्पर करेगा पर्सनल मैन को यह क्रॉड बदल देता है और यह सिंपली एक मीन सी तो है मेकानिकल मीन से मसीन है उनका कहना था और मोनोटोनस होता है यूनिफॉर्म होता है कहना था कि आप लंदन से फ्रैंकफ़र्ट तक जाओ एक ही तरह के शहर देते हैं एक ही जहां की सिटी देख एक ही जहां के लोग देते क्यों ऐसा है क्योंकि नेशन ने तब हमारी डिफरेंस है हमारी यूनिकनेस है ब्यूटी उसको खत्म कर दिया है लोग जो है यूनिक होते हैं लेकिन उसको जब आप नेशन में बदलते हो तो यूनिक के नाम पर आप उसको मोनोटोनस बना देते हुए यूनिफॉर्म बना देते हुए इट डाज नॉट फॉलो यूनिवर्सल मोरल प्रिंसिपल मर्गंधा को याद कीजिए वह कहते हैं कि नेशन जो है वह इनवर्सल मोरल प्रिंसिपल से बंधा हुआ नहीं है उसका अपना मोरल एस्पीरेशन अलग है यह बिल्कुल इनको स्वीकार नहीं था और यह ऐसा ही है इसलिए यह मोरिली डिग्रेडिंग है यह डिवाइड करता है ह्यूमिनिटी को मोरिली तुम्हारा मोरिली अलग हमारा मोरिली अलग और इसको शुमिन को वह नेशन इनके अनुसार से एक्स्क्लूसिवनेस ब्रीड करता है क्योंकि आप एक इंक्लोजर में घेर लेते हो कि ये मैं हूँ ये तुम हो तो अदर की फिलिंग करता है नैरोनेस मतलब आप अपने को नैरो बाउंडरी में घेरते हो इट ब्रीड कंफ्लिक्ट कितना नेशन के आपको और वायर्न तो ब्रिट करता ही है बायर्न पर बेस्ट है वायर्न ब्रिट करता है इचेंस मैंस इस प्रिट उसको फ्री सोल नहीं रहने देता है उसको बांध देता कि भाई तुमको एक नेशन के लिए चलना है नेशन का इथोज है उसी तुमको मानना है एक मास्टर है नेशन तुम उसके विल से अलग नहीं हो सकते हो मेक हिंग मसीन स्लेव इनके तो यह नेशनलिजम पुट नेशन अवध मैन पीपल इसको भी यह डिवाइड करते थे इनका कहना था कि पीपल ऊपर है सोसाइटी ऊपर है नेशन नहीं लेकिन यह उल्टा करता है इसलिए कहते थे कि इट इनक्रोचेज अपन ए स्पेस इस स्टेट का काम एक बहुत स्पेसिफिक है वह हमारे सोशल मामले में दखल नहीं देना चाहिए लेकिन देखने लगती है लाइक इट इस उनका कहता है कि जो गॉवर्नमेंट बाइन नेशन जो है एक अप्लाइड साइंस के जैसा है यह पाउरफुल है यूनिवर्सल है इं बहुत बड़े-बड़े काम कर सकता है क्योंकि यह पावरफुल है और इफिशियंट है फैक्टिव है उनका कहना था कि एक तरह का यह हिपनोटिजम है लोगों को आप नेशनलिजम में चार्म कर लेते हो लोग जो हैं क्राउट भीर की तरह बेहेव है खोकला कर देते हो आप उसको एक पैसनेट क्राउट बदलते हो सो इट टर्न्स फ्री सोल इंटू पैसनेट बट स्लेविस प्राउट तो आप देख सकते हैं कि किस तरह की यह ट्रेंचेंट critic nationalism के रहा है मतलब कोई हमारा intellectual guru वो हम है हमें जानना चाहिए कि एक हमारा intellectual गुरुदेव है वो nation के बारे में क्या सोचते थे ठीक है इस पर हम बिवाद कर सकते हैं लेकिन हमें जानना जरूर चाहिए sorry यहाँ पे थोड़ी spelling यह है 2 by 4 है अब आगे देखें तो nation is therefore immoral least human and least spiritual of course मैंने आपको समझाया it is evil ब्रेन डिजीज यहां तक करते थे कि यह बहुत बड़ा इविल है यह मिनेस है मिनेस मतलब क्या है बहुत बड़ा खतरा है एक ब्रेन डिजीज है उनका कहना था कि मतलब और यह डिजीज तेजी से फैल रहा है वेस्ट से आया है और इस यह अफ्रीका सब इसके चपेट में आ गया पॉलिटिकल नेशनलिजम हैस मेड मैन द ग्रीटेस्ट मिनेस टू मैन मतलब मैन का सबसे बड़ा जो खतरा है वह मैन बन गया नेशन के नाम पर तू में दूसरे नेशन तो पावरफुल नेशन है उसने ब्लड सक करना शुरू किया पूर नेशन का जैसे कि इंग्लाइन करें कर रहा है इंडिया का तो नेशन का दुश्वन बन गया मैंन को मैंन का दुश्वन बना दिया यह एक तरह का जोग्रिफिकल डेमोन बन गया यह दायत्य बन गया मतलब भौगौलिक दायत्य क्योंकि एक टेरिटरी है उस टेरिटरी से बंधा हुआ है तो टेरिटोरियल सॉवर्णिजम कि मेरा टेरिटरी अच्छा है तुम्हारा टेरिटरी से कंपीटिशन एंड डिस्ट्रॉइंग कम करेंगे सब को मिटा देंगे जिससे कि हम सबसे ग्रेट रहें तो यह जो ग्रिफिकल डेमोन बन गया इन सेसेंट सेल्फ कंसियसनेस ऑफ नेशन जो मैंने बोला ना कि एक आदमी इस डर से कि कोई उसके घर पर टाइप कर दे लगातार तलवार कर दे इससे हमारी क्वालिटी ऑफ लाइफ पूर होती है गुरुदेव के नुसार नेशलिजम है जो लिंक टू कैपिटलिजम कोलोनियलिजम एंड इंपेरियलिजम उन्होंने इस लिंक को समझा देखा कि कैसे जो है यह कैपिटलिस्ट नेशन स्टेट है यह कॉमर्सियल इंटरप्राइज है यह एक तरह सा प्लाइट साइंस है और कैसे वह इस लिए जो है कोलोनिजम बदल जाती है यूरोपियन नेशन कैसे दूसरे नेशन का ब्लड सक करने लगते हैं और कैसे वह बेस्ट ऑन वायलेंस नेशन बना ही वायलेंस थी आप नेशन का पूरा इतिहास देखो तो यूरोप में नेशन स्टेट बनने में खून ही खून हुआ है दोनों वर्ल्ड वार्ड नेशन स्टेट के ही परिणाम माना जाते हैं फासीजम उसी का पूरा माना जाता है इन फैक्ट जर्मनी इटली जैसे जो नेशन बने हैं वह भी उसी तरीके से बने इंग्लैंड में तो कितनी सीविंड वॉल कितनी खून खड़ाबा हुआ है तो इट इस बेस्ट ऑन वायलेंस ब्रीड वायलेंस एंड डिस्ट्रक्शन यह वायलें��� पर ही खरा है वायलेंस लाता है डिस्ट्रॉय करता है इनका कहना था कि यह वेस्टर्न हिस्ट्री का एक प्रिस्ट्रिक फेज है यह एक दौर है यह कोई बहुत यूनिवर्सल फिनोमेना नहीं है हमारे 2000 साल के रिटेन विधिआस में और 5 से 10,000 साल के ह्यूमिन सिविलाइजेशन में एक दो सुसुभी कम जिस है में गुरुदेव थे इनका कहना था कि ये ना तो कोई universal model है और कोई ना ही necessary path है जिसको हर society country को traverse करना ही है कि हमको nationalism करना है इसलिए उनका कहना था कि हमें copy नहीं करना है हमें political nationalism के लिए compete नहीं करना है कि यदि हम यह थर्ड स्लाइड में देखें तो नेशनलिज्म जो है उनके अनुसार से एक कल्ट बन जाता है फैटिसिजम दोनों क्या होता है कल्ट क्या होता है मतलब एक जैसे कि माल जी कि भगवान रजनी से उन्होंने अपना कल्ट तो नेशनलिज्म एक कल्ट हो गया है फैटिसिजम क्या होता है कमोरिटी फैटिसिजम मैंने आपको पढ़ाया है मतलब फैटिसिजम यह कि जब कोई निर्जीव वस्तु में आप अपनी सोच से जान डाल देते हो और वह जो है आपको गाइड करने लगता है, जैसे कंजुमेरिजम, आपके लिए जो है, कैपिटिलिजम एक फैटिसिजम है, आप कोई कंप्यूटर आप खरीटे हो, और फिर कंप्यूटर के गुलाम बन जाते हो, आप गेम के गुलाम बन जाते हो, तो ये फैटिसिजम है, अब दिखे, क तो नेशन वही है इट ब्रीड कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट ऑफ कोर्स एक नेशन दूसरी नेशन से कलेक्टिव कंपिटिशन है बहुत बन जाता है मैंने सेक्रिफाइस फ्रीडम एंड ह्यूमिनिटी टू द फेटिस ऑफ नेशनलिजम यह जो उसमें उसके freedom को खा जाता है, लेकिन people उस नसे में nationalism के feel करते हैं, hypnotize feel करते हैं, उनको लगता है कि वो free है, वो बिलकुल free नहीं हो chain में, वो America, Europe में जाके जगा गुरुदेब भाषन देते थे, कहते थे कि हमको तुम सोचते हैं तुमने गुलाम बनाया है, तुम nationalism के गुलाम हो गुड है वर्चुअस है उसको ले लो उसको अपना जो गुड जो स्पीरिट है हमारा स्टर्न उससे मिला करके आगे बढ़ जाओ लेकिन तुम जो नेशन ऑफ द वेस्ट जो है वह डेमोनिक है एक्सप्लाइटेटिव उसको मत लो उसको कॉपी मत करो उनका कहना था कि नेशन ऑफ वेस्ट जो है इट फोर्जेज इट्स आइरन चेन ऑफ ऑर्गनाइजेशन का कहना था कि यह नेशन स्टेट है यह लोहे का ऑर्गनाइजेशन है वह सब को बांध लेता है मोस्ट रिलेंटलेस एंड अनब्रेकेबल डिवाइस है जो कि उससे कोई जकड़ के बाहर निकल नहीं पाया है ने नहीं पाएगा नेशन बिल्ड इनक्लोजर उनका कहा था कि भाई आपने ट्रेडी ले ली यह बांडरी मेरा है आपने इनक्लोजर कर लिया और जो भी इसके बाहर में है आप उसको जो है वैंक्यूस ब्रिड होता है कंटेंट घृणा ब्रिड होती है यह बहुत गलत फिलिंग ह्यूमिनिटी पैदा करती है इस एफ आइट बिट्वीन लीविंग तो पीपल का जो लिविंग स्पीट है, फ्री सोल है, वन है, लव है, हार्मोनी है, उसके बदले में जो मेथड आफ नेशन ओर्गनाइजिंग जो अभी हम लोग पढ़ रहे हैं, वो किस तरह का?
एक collective self-interest, collective selfishness, collective competition, conflict of interest, violence, एक तरह का समझ जी है कि जद्दो जहद उसमें लोगों को डालता है, तो वो freedom को खतम करता है, nationalism is the training of a whole people for a narrow ideal, मतलब एक पूरे कॉम को तुम जो है एक बहुत narrow ideal के लिए तैयार करते हो उसको जो है इस boundary से तुम बाहर जहांकने ही नहीं देते हो उसकी free soul को तुम बोलते हो नहीं तुम बिल्कुल एक तो नेशन तुम्हारा master है उसके will के अंसार तो इनका इन्होंने example दिया कि ऐसा था जैसे माल जि हम मु� कि एक किसान को नहीं चूपता लेकिन अब नेशन स्टेट वह बोलते थे उस टाइप का है कि आपको एक जूता लोहे का जूता पहना दिया गया वह नेशन स्टेट का एक फर्मा है वह आपको एकदम बिल्कुल अब बोलेगा कि देखो भाई अब तुम ऊबर कितना बालू और कितना मिट्टी तुम्हारे पैर पे लगता था कितनी कंकड लगते थे अब जूते में थोड़ा सा घुस गया तो तुम परिशान हो रहे हो उनका कहना था यही फरक है जब जूते में एक बालू अकन हम बदास नहीं कर सकते वो हमें पीड़ा देती है लेकिन कि इस फाइनल स्लाइड में मैं कुछ गुरुदेव के अपनी ही जो बातें हैं उसको कहकर इसको हम क्लोज करेंगे फॉर लिमिटेड पीरियड ऑफ टाइम नेशन प्राउडली प्रूव इटसेल्व टू द फिटेस टू सर्वाइव करता है कि ऐसा आपको लग सकता है क्योंकि बहुत ही फीसेंट मैसीन है यह तो वह बहुत आगे बहुत कुछ कर सकता है वह लेकिन यह वह सर्वाइवल स्वार्थी होना और self-interested होना conflict. The nation is thus characterized as externally aggressive. बाहर के लिए वो aggressive है, competitive है और internally देखोगे तो एक discipline रखना पड़ता है, regulate करना पड़ता है लोगों को, एक regulatory power है, तो ये erosion जो है difference का है, जो हमारा uniqueness है human का, उसको ये monotonous बनाता है, हर जगह sameness लाता है. तो ये बाहर भी बुरा है, अ अंदर में ये difference को खतम करता है, homogenization करता है, monotony लाता है, sameness लाता है.
Hence, in both its internal and external orientation, it is negation of that freedom which is to be found in the life world of people as free soul. आप समझेओ क्या कहना चाहते हैं, मैं बार बर कह रहा हूँ. अब उनके कुछ line देखें, तो उनके ही word में, Nations live in an atmosphere of fear, greed, panic, due to the preying of one nation upon other.
पर हम पर कब्जा जमा लेगा फॉर मैटेरियल वेल्थ इस सिविलाइजेशन इज कार्नीवोरस जो नेशन का जो सिविलाइजेशन बनता है कैनिबलिस्टिक है एक दूसरे खा जाने वाला है फ्रीड फीडिंग अपन द ब्लड ऑफ वीकर नेशन बड़ा नेशन दूसरे नेशन को खा रहा है चूस रहा है इन वन इट्स वन आइडिया टू थोट ऑल ग्रेटनेस आउटसाइड इज ऑल टेरेबल जिलियसनेस इतना कभी जो है जेलसी हम नहीं हुआ था दूसरे से सच बिट्रेयल ऑफ ट्रस्ट एक दूसरे में इतना शक कभी नहीं हुआ हिमनीटी में ओल दिस इस कॉल्ड पैट्रियोटिजम और यह किस नाम पर होता है पाता है यहां आप याद कीजिए जॉनसन के लाइन को कि पैट्रियोटिजम इज द लास्ट रिसॉर्ट अप द इस कॉल्ड तो कि यह कई लोग इस फिल्म को रखते हैं वह सब्सक्राइब हो सकता है हम लोग इसको एक्जामनेशन पॉइंट विशेप पर है द नेशन एजेड नेशन स्टेट विथ इस फेटिसाइजेशन ऑफ टेरिटरी ऑफ टेरिटरियल सॉवर्णिजम बाउंडरीज इस मैसीन लाइक बीरोक्रैसी एंड इट्स पॉलिटिक्स विच नारो द स्फेयर ऑफ यूमेन लाइफ एंड इनकरेज इंटरनेशनल कंप्रेटिव नेस एंड इंट्रा नेशनल होमोजैन आप समझिए वह सेम बात कर रहे हैं कि वह एक बाहरी तौर पर देखें तो इंटरनेशनल कंप्रेटिवनेस लाता है अंदरी तौर पर देखिए तो अपने नेशन के अंदर होमोनोजनाइजेशन लाता है वह एक तरह का फेटिसनेस ने फेटिसनेस है टेरिटरी का टेरिटरियल सॉवरेंटी है एक परसीन लाइक ब्यूरोक्रिसी है और एक नारो करता है हमारे ह्यूमैन लाइक लाइफ के इस पेर को हमको परसनल मैंन जो है वह नारो हार्ड मैन बनाता है एब्स्ट्रैक्ट मैन बनाता है हमको फ्री सूल से जो है उस लेविस मैड फ्रेंज इन इस क्राउड में बदल देता है नेशनलिजम टर्न सोशियो रिलिजियस फॉर्म आफ लाइव इंटू ए स्टेट पॉलिटिकल फॉर्म उनका कहना था कि हमारा पहले का लाइव नेशनलिजम टर्न सोशियो रिलिजियस फॉर्म आफ लाइव इंटू ए स्टेट पॉलिटिकल फॉर्म उनका कहना था कि हमारा पहले का लाइव अपने को हम स्ट्रेस्ट बताना दूसरे को नीचा मतलब हमारी ट्रेटरी सबसे अच्छी है तो हमारा एक्स्क्लूसिवनेस है यह क्योंकि आप इसमें किसी को थोड़ी घुसने देते हो वीसा पासपोर्ट आप देखो एक्स्क्लूसिव हमारा है अमेरिका ऑफ इनवर्स है जो ब्रदर हुड है कमराडरी है ब्रेदरेंशिप है हम सब एक है मतलब क्रिएटर के हम जो है क्रिएशन है तो क्रिएटर हम में सब जगह वर्तमान है जो अद्वयत विदानता का है उस सब को यह काटता है जो इनवर्सल मोरल लॉज इविन कांथ ने भी कहा उसको भी काटता है मोरली डिवाइड करता है यूनिटी और मैन को काटता है इन सब दूसते थे, डराइड करते थे, तो उनका क्या विजन था पॉलिटिकल? यहां मैं बहुत सारी बाते आपको बताना चाहता हूँ, लेट मी एलॉव के हम बहुत तेजी से जाएं, यदि हम देखें स्टेट वर्से सोसाइटी, उनका एक बहुत बड़ा पॉलिटिकल थॉट यह था, कि वो सोसाइटी को स्टेट से बहुत अलग मानते थे, और सोसाइटी को प्रिफरेंस देते थे, यह क्या था जरस्ट समझने कि जो मैंने कहा कि सोशियो रिलीजियस लाइफ से हम जो है पॉलिटिकल स्टेट वाली लाइफ पर हमें ले गया नेशन स्टेट उनका रिलीजियन यहां पर आप धर्मा को मानिए उनका कहना था कि सोसाइटी एक स्पोंटेनियस सेल्फ एक्सप्रेशन ऑफ मैन है एजेस सोशल बींग क्योंकि ह्यूमिन सोशल बींग है एक नेचुरल रेगुलेशन है ह्यूमिन रेगुलेशन सिप का जिससे कि हम एक साथ रह सकें कोपरेशन के साथ इंटर डिपेंडेंसी के साथ एक अच्छा लाइफ जी सके और यह अपने आप अपने एंड है यह कोई मींस नहीं है सोसाइटी खुद अपने आप में जो है एंड है मतलब गोल है स्टेट उसके बदले में जो है एक मेयर जो है सोशल कंट्राइवेंस है कंस्ट्रक्शन है सोशल सोसाइटी ने बनाया है यह सोसाइटी है जो है वह सूपर स्ट्रक्शन है तो यह एक मीन्स है एक स्पेसिफिक एंड को एचीव करने का वह यूटिलेटेरियन है में मोटिव कि हम कंपीट करेंगे हम स्ट्रांग बनेंगे पावर को इकठा करेंगे बड़े-बड़े काम करेंगे दूसरे नेशन के तुलना में आगे बढ़ जाएंगे और आल काइंड और तो यह मींस है सोसाइटी एंड है पॉलिटिक्स ऑफ द स्टेट ब्रिड एलिनियेशन कंफ्लिक्ट फिर ग्रीड होमोनेजेशन होमोजेनेजेशन कंपीटिशन हम लोग इस अब देख चुके हैं वर्से जो अन एलिनियेटेड तारितम में और दूसरे लोगों के साथ लव हार्मोनी में रहते हो आरेली अले अन एलिनेटेड लाइफ है गुड लाइफ है तो वह वर्ल्ड बेस ऑन लव हार्मोनी को ऑपरेशन इंटरडिपेंडेंस है यह सोसाइटी है उनके अनुसार से नेशन स्टेट वाइल आवर कंट्री लीव्स ऑन सोशियली रेगुलेटेड कंवेंशन फ्री फ्रॉम स्टेट इंडरवेंशन ठीक हैं पर मुगलों ने सासन किया और अंग्रेज सासन कर रहे हैं 600 साल से गुलाम थे लेकिन हमारा जो अपना सोसाइटी था वह वाइब्रेंट वह उससे हमें सस्टेनिस मिलता था कोई निर्प हो ही हमें कहानी वाली बात राजा कोई है उसे मारे सोशल लाइफ पर फर्क पर इसी से हमारी बनी रही हम सोसाइटी एक रहे हम वैंक्यूस नहीं हुए इंडिया रिमेंट इंटैक्ट डिस्पाइड सेंचुरी ऑफ एलियन रूल दूटू वेलफेयर ऑफ सोसाइटी हैड बिन लार्जडी नॉन पॉलिटिकल फंक्शन वाज मैनेज बाई कम्यूनिटी नॉट इस्टेट नहीं था कम्यूनिटी विलेज पंचायत वो जिंदा रखी वो आज भी आपको देखने को मिल सकता है कैसे इस्टेट से अ द लाइस इन द पॉलिटिकल सिस्टम वहां उनका दिल है इफ इट कोलाप्सेस पॉलिटिकल सिस्टम कोलाप्स किया वह खत्म हो गया था वह कंट्री दिस मींस द डेफ्ट ऑफ द कंट्री डेथ ऑफ द कंट्री इन इट्स वे इसी तरह सुनकर ग्रीस और रोम जो है कि धर गए जब कि कंट्री लाइक इंडिया एंड चाइना है वाइट इन स्पाइट ऑफ पॉलिटिकल रिवोलूशन सिंस देर जो है अजय को इंटैक्ट हमारा सिविलाइशन इंटैक्ट रहा हूं का यह कहना था सॉरी यहां पर जो इतने लाइन मैंने खींच दिए हुआ आपको गंदे दिख रहे हैं नेशन वर्सेज स्वदेशी समाज उनका कहना था तो फिर उनका अल्टरनिटिव था स्वदेशी समाज वह कहते थे कि नेशन नहीं एक कैसा समाज लौग एक सोशल रिलेशन दाट आर माट मेकानिकल एंड इंपर्सनल बट उन इवें यहां तक उन्होंने कहा था कि समाजपति नियुक्त करो भले तुम एक हिंदु का समाजपति बनाओ एक मुस्लिम कम्यूनिटी को बनाओ जैसे कि महासम्मत जो बुद्धिजम ने कहा था ना जो सबसे तुमको अच्छा लगता है उसको तुम समाजपति चुन लो डिफरेंट होते हुए साथ रह पाएं, खुजी-खुजी, an accommodation of differences rather than its elimination, मिठाना नहीं है difference को, वही हमारी beauty है, लेकिन हमको accommodate होना है एक साथ रहने के लिए, उसके लिए tolerance चाहिए, love चाहिए, दूसरे के परती. इंडियन सिंक्रिटिक ट्रेडिशन कहना था कि वह हमारे लिए आइडियल होना चाहिए जो नानक ने दिया जो कभी ने दिया तुकाराम ने दिया चैतन ने दिया और बहुत सारे वह मैंने आपको पढ़ाया बेक है उसमें से उस ट्रेडिशन को हमें कि उसी टाइप का नेवी बना��ंगे जैसा इंग्लैंड का क्योंकि वह एक आईलेंड कंट्री है तो वह नेवल पावर में डेवलप कर गया स्वीज एड लैंड लॉक कंट्री है वह नेपाल बोलेंगे हम नेवी पावर बनाएंगे तो यह उसी टाइप की जो है गलत नखल है उनका कहना था पॉलिटिकल नेशनलिजम वेस्ट का इंडिया को नहीं करना चाहिए इंडिया का अलवेशन क्या है इंडिया को मुक्ति कैसे मिलेगी सोशल रिओर्ग्नाइजेशन से सोशल रिफॉरमेशन से रिफॉर्म करना हमको अपने आउटडेटेड सोशल कस्टम ट्रेडिसन आईडियल्स टू हैब सेल्फ रिस्पेक्ट सेल्फ रिलायंस नॉट डिपेंडेंट विशेष नोट सोशल रिकंस्ट्रक्शन रिओर्गनाइजेशन ऑफिस ऑथरिटी बेस हमें एक ऐसा ऑथरिटी बेस बनाना पड़ेगा जो खुद हम अपना मैनेज कर सके हमारे अफेयर को जो पहले था जो लूज कर रहे हैं जिसको उन्होंने कहा विलेज पंचायत ग्राम पंचायत उन्होंने चार लेवल पर दिया, सबसे नीचे विलेज पंचायत, उसके ऊपर समीती, फिर प्रोविंशियल पंचायत और नेशनल लेवल का पंचायत, समझी क्या उनकी थॉट थी जो हम लाए पी आराई में, और उनका कहना था कि पैरलल सोसाइटल ओथरिटी, स्टेट के प उनका कहा था कि old जो हमारा institution है community मेला का उसको बढ़ाओ एक दूसरे के हाथ पर राखी बांदो brotherhood हो चाहे किसी भी कौम का हो उसको spread and wide करो तो ये उनकी alternate political vision थी आप समझने कोशिश कीजिए ये तो मैंने जस्ट आपके note के लिए दिया है ये मैंने animate कर दिया था उनके ये other political thought हम लोग होते ही से देखें तो उनके लिए political freedom जो है वो माइने नहीं रखता था human freedom माइने रखता था इसलिए उनको नेशन स्टेट उनका कहा था कि भाई तुम यदि एक ले भी लोगे इंडिपेंडेंस राजाराम मोहनराय को याद कीजिए या तुम पॉलिटिकल नेशन स्टेट बन भी जाओगे तो तुम तो अनफ्री ही रहोगे वो भी अनफ्री है तुम और अनफ्री हो जाओगे मतलब वेलफेयर फंक्शन है जो अपने धर्मा के अनुसार काम करता और सोसाइटी में इंटरफेर नहीं करता है वह उनका आईडियल स्टेट था उनके सब अल्टर्न थॉट थे वह एरिस्ट्रोक्रेटिक फैमिली से ब्राह्मिन थे जमिंदार थे इंडस्ट्रोलिस्ट उनके कि मासेज क्या है वह क्या चाहते हैं उस मासेज को रिवेटलाइज करना रिजूविनेट करना और उसी के द्वारा लीडरसिप होना उनका ड्रीम था अगेंस्ट नॉन कॉपरेशन थे गांधी जी का नॉन कॉपरेशन जो था वह उनको पसंद फ्रीडम लेना चाहते तो उनके भी अगेंस्ट था उनका कहना था कि वह इंडियन अब जो फिलोसोफी है सॉरी वेस्टरन फिलोसोफी से विगारियर होती है वेस्टरन हिस्ट्री का वह पाठ है वह हमारा इथोज है ही नहीं उनका कहना था कि इंडिया अपना जो दर्वाजा और माइंड जो है ना वह वेस्ट के अच्छे चीजों से जो है लेनी चाहिए फिलोसोफी स्पीरिट अपनी जो हमारी जड़ है उससे उसको मिलाना चाहिए सीच करके और आगे यह निगेशन है तो उनका खराद था कि इस प्रिट ऑफ द वेस्ट को ले लो नेशन ऑफ द वेस्ट को त्याग दो यह ले लो इसको छोड़ दो यह मैंने बताया उनका फोकस था सोशल री ऑर्ग्नाइशन रीजेंडेशन मैंने आपको बताया कैसे उन्होंने समाजपति बिल्डिंग सोसाइटल ऑथरिटी जो मैंने आपको बताया ग्रास्ट्रूट लेवल से सोशल कोहसिमनेस बनाओ अडॉप्ट साइंस, रीजन, रैस्टनलिटी ये करो, अपनाओ, इससे बंद मत कर इसलिए वो गांधे जी के चड़का मुवमेंट के अगेंस्ट हो गए इसलिए नहीं कि कोई तुमको लीडर करा इवन वह गांधी जी के पीछे लोग जो भागते थे उसको बोलता था तुम स्लेव बन रहे हो किसी लीडर के पीछे मत भागो किसी के बात को किसी को भगवान मत मानो अपने तरक से चलो सेल्फ रिलाइंट हो इंडियन सोसाइटी र तुम एक वीक नेशन के तौर पर फ्री जिसको बोलोगे वो तुम फ्री नहीं हो तो कई लोग कहते हैं कि जो नॉन एलाइनमेंट जो नेहरू जी ने अपनाया और फेडरलिजम ये दोनों उनके थौट में है मैं यहाँ डिसकस नहीं कर रहा हूँ लेकिन कई लोग का मानना है कि ये जो है टेगो थौट से निकल करके आती है तो ये अधर पॉलिटिकल थौट है यदि उनके हम थौट पॉलिटिकल इकोनॉमी पे देखें तो आपको पता है कि खुद वो जमिनदार एस्ट्रोक्रेटिक क्लास से आते थे लेकिन फिर भी उनके कितने विचार जो है अलग थे आप देखिए उनका एकदम ये विचार था कि गौं को भी हमको हर तरह से जो है scientific temper develop करना है reason intellect लाना है, revitalize करना है rural areas को, masses को, modernize करना है, farming practices को हर तरह का उसमें अच्छे seed अपनाना है, soil testing करनी है, tractor, harvester, जितना waste करता है, pesticide, वो छुड़काओ जो अभी हम लोग कर रहे हैं वह उनकी उनका सपना था उनका कहना था कि कॉपरेटिव क्रॉप प्रोडक्शन चाहिए फार्मर अपनी जो है जो अभी हो रहा है फार्मर प्रोडूसर ऑर्गनाइजेशन बनता है उस तरह कॉपरेटिव फार्मिंग होनी जाकर के हो रहा है सप्लाई ऑफ सूटेबल मैनियर होना चाहिए फीशियन फार्मिंग होनी चाहिए विलेज कि जो मैं आपको आगे बताऊंगा भी कि उन्होंने खुद प्रयास किया मॉडर्न ट्रेनिंग गौंव में देनी है स्किल डेवलपमेंट करना है सोच देखिए उनकी कहां थी उन्होंने सेंटर फॉर रूरल रिकंस्ट्रक्शन एट्स इस तरह से रूर एरिया जो रिजोमिनेट हो सकता है वह चरखा मूवमेंट के अगेंस थे गांधी जी के उनका मानना था कि यह तो बिल्कुल पैसिव ने से यह गोइंग बैकवर्ड है हम क्यों मिल और इंडस्ट्री और मसीन को हम त्यागते हैं वह मसीन के इस प्रिट के अगेंस थे वह मसीन को अपनाने के नहीं तू मसीन जैसे नहीं हो एक्सटर्न प्रॉथ का यह सब उनका करना था कि यह तुम दूसरे को नीचा दिखा करके भले ही इंग्लैंड को तुम अपना freedom नहीं ले सकतो अपने अंदर ही regenerate करके तुम जो है उपर उठ सकते हो तुम other worldly होगे रूसों को याद कीजिए दूसरे के लिए तुम जीओगे कि दूसरे का कपरा जला के तुम उसको pain पहुचा के तुम backward जाओगे government school का भाईसकार करोगे इस तरह के non-cooperation civil disobedience से क्या मिलना है इसलिए उसके against में थे so this was his thought on political economy यदि हम उनकी critical assessment करते हैं, तो उनकी criticism कई ground पर की जाती हैं, कई लोग कहते हैं वो utopic है, impractical है, idealistic है, out of sync of his time थे, मतलब अपने ही time में वो उनको अलग थलग पढ़ गये थे पूरे दुनिया में, वो nationalism के against कहते थे जब nationalism का उभार हो रहा था, तो मतलब national freedom movement से एक तरह से cut गये अधिक और वह थे भी नहीं पॉलिटिशन इसलिए इस पर कोई बुराई की बात है नहीं हिस पॉलिटिकल थॉट बहुत स्केची है कंक्रीट नहीं आगे यह कोई क्या बुराई है क्योंकि तो पोइट थे लाइटर थे उनके जैसे कि आप कह सकते हैं कि हाउ एक वार हुआ तब हुआ है इंडिया में भी कैसे होगा वह क्लास वार हुआ है हॉपर एनियल मैलेडी ऑफ यूमेन सोसाइटी जो एक हमारी सबसे बड़ी बीमारी है कि एक्सप्लॉइटेशन ऑफ यू बाइ मैनी कैसे इलिमिनेट होगा इसका कोई ब्लूपरून करना चाहते थे लेकिन वह उनका थॉट स्पिरिचुअल कहीं और से आता था वह कहते भी थे कि नॉट हैर बट एल्सवेयर कहीं और से नहीं यहां तो यह उनकी थॉट में थी अ थे वह टॉपिक एनार्किजम गौर से मेरे डिस्क्रेशन को पढ़ा होगा सुना होगा तो एनार्किजम के तरफ जहां कोई ऑथरिटी को स्विकार नहीं करते हैं फ्री सोल के अगेंस्ट में तो वह भी एक यूटोपिक है रविननाथ एस ग्रेट पोएट तो दो कंट्री उनको हम गुरुदेव कहते हैं स्रविंद्र संगित जो है रचा बसा है बंगाल और हमारे चेतन में लेकिन उनका जो पॉलिटिकल थॉट था उसको हम लोग ने भुला दिया आज कई आपको भी पढ़कर आश्चर होगा कि क्या गुरुदेव जैसे इंटेलेक्चुअल फादर ऑफ दे नेशन नेशलिजम की इतनी खिलाफ थे कई लोग नहीं जानते हैं कोई लोग कई लोग जो उनकी इस विशेष इस बाय रिजेक्टिंग द आईडिया ऑफ वेस्टर नेशन स्टेट ही डिस्ट्राइड द मिट ऑफ वेस्टर मॉडरनिटी उसको मिट को ने रियल प्रॉब्लम इंडिया उनकी थी वह विजन उनका तो उनका जो ये thought था कि हमारा social reorganization, unity in diversity, adjustment of races, toleration, सब मिल करके रहें, वो हमारा real strength है, और masses को revitalize करना, social reform करना, ना कि political freedom, वो देख पाये थे वो, many of his thoughts are very much relevant today, जैसे minuses of nationalism, उनके, जैसा मैंने आपको बताया है कि उनके मरनी के बाद जो वो नहीं देख पाया, अच्छा हुआ नहीं वायलेंस किया है और मैंने आपको एक स्केच दिया कि उसके बाद भी हम खुद उस दन से आज हम तीन नेशन जो है बने हुए हैं एक नेशन के बदले यूनिटी इन डाइवरसिटी कितनी बड़ी आज भी वह रिलीवेंस है पॉलिटिकल वर्सेज कि कॉस्मोपॉलिटीजम आज भी जिंदा है दूसरे के लिए हृदय हमारा धड़कता है उसकी इंपोर्टेंस है नेशनल बॉंडरी हमें बांती नहीं है और साइंस और रीजन का जो हर जगह प्रवेश होना चाहिए वह भी आज भी रिलेवेंट है तो इस ओवर ऑल असिस्मेंट डेफिनिटली ही वाज़ इंटेलेक्शन फादर ऑफ देने से डिएर स्ट्रेंट्स मैं इस लेक्चर खत्म कर रहा हूं उनके दो थॉट के साथ एक मैं आपको उनका पोइम जस्ट में पढ़ दे रहा हूं उनकी पूरी थॉट की निचोर है उनका एक famous point, where the mind is without fear, जहां डर नहीं है दिमाग में, and the head is held high, जहां हमारा माथा उचा है, where knowledge is free, where the world has not been broken into fragments, नहीं बटा है, nation, territory में नहीं बटा है, by narrow domestic wall, where the world has not been broken up into fragments by narrow domestic wall, where words come from the depth of truth, टाइरलेस स्ट्राइबिंग स्ट्रेचेज इस आर्म टूआर्ट परफेक्शन जहां पर कि लोग ट्वाइल करते हैं मेहनत करते इंटरप्राइज करते हैं परफेक्शन के टूआर्ट दिन राध वेर द क्लियर स्ट्रीम ऑफ रीजन जो सवेंटी ऑफ रीजन है वेर द क्लियर स्ट्रीम ऑफ रीजन है नॉट लॉस्ट इट्स वे जहां कि बालू में नदी की धार खो जाती है इस ट्रीम जाती है उस तरह रीजन जो है डेड डॉगमा में डेड सोशल हैबिट में खोया नहीं हो वेर द माइंड इज लेड फॉरवर्ड बाइट दी इंटू एवर वाइडिंग थॉट एंड एक्सन इंटू द हेवन ऑफ फ्रीडम माय फादर लेट माय कंट्री अवेक जस्ट थिंक ओवर इट एंड लास्ट ली वह अलग-अलग अपनी ही लाइफ टाइम में पड़ गए थे उनकी सोच से जो उससे में नेशनल मूवमेंट था वह कहते थे नेशनलिजम बुरा है तो उनका कहना था कोई प्रॉब्लम नहीं जो दित और डाख सुने कोई ना आसे तो बे ओक एकला चलो रहे वैन नूबडी लिसेंट यूर वॉइस मूव अहेड अ move ahead alone no problem अकेला चलने में कोई problem नहीं I am leaving you with this thought of the great गुरुदेव dear students ये references हैं मैंने books भी दिया है जो DU की recommended list of reading है उससे मैंने refer किया और online resources बहुत interesting है क्योंकि मैंने दो YouTube का भी दिया है आप उसको जाके देख सकते हैं यहाँ पे so these are the references एंड थैंक्स फॉर वॉचिंग इस लॉन वीडियो और जैसा मैं हमेशा कहता हूं कि मेरे पैसन को बनाए रखने में आप हेल्प करें इसलिए इसको शेयर करें सब्सक्राइब करें कॉमेंट करें अब तो आपका अपना वेबसाइट है पॉल ने हैंडल बदल दिया है सो थैंक्स सी नेक्स विक बी सेफ बी हैपी