केमिकल बॉन्डिंग पर नोट्स

Jul 12, 2024

केमिकल बॉन्डिंग और वैलेंस बॉन्ड थ्योरी

इंट्रोडक्शन

  • दो एटम्स द्वारा इक्वल शेयरिंग से कोवेलेंट बॉन्ड बनता है।
  • इलेक्ट्रॉन्स शेयर करने पर सिग्मा बॉन्ड फॉर्म होता है।
  • इलेक्ट्रोनेगेटिविटी अधिक हो तो इलेक्ट्रॉन्स अपनी तरफ खींचती है।

कोवेलेंड बॉन्डिंग और इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर

  • कोवेलेंट बॉन्ड: समान इलेक्ट्रॉन्स शेयरिंग करते हैं।
  • क्लोरीन और हाइड्रोजन का उदाहरण।

ऑक्टेट रूल

  • क्लोरीन 7 इलेक्ट्रॉन्स और ऑक्टेट पूरा करना चाहता है।
  • नोबल गैसें अधिक स्थिर होती हैं: हीलियम, आर्गन, क्रिप्टन।
  • हाइपोवैलेंट: ऑक्टेट पूरा नहीं, उदाहरण BH3।
  • हाइपरवैलेंट: आठ से अधिक इलेक्ट्रॉन्स, उदाहरण PF5।

ओवरलैपिंग

  • एक ही एक्सिस पर ओवरलैपिंग: सिग्मा बॉन्ड बनता है।
  • लेटरल ओवरलैपिंग: पाई बॉन्ड बनता है।
  • 1s ऑर्बिटल का ओवरलैपिंग: H2 का उदाहरण।

हाइब्रिडाइज्ड थ्योरी

  • हाइब्रिडाइज्ड: s और p ऑर्बिटल मिलकर हाइब्रिड ऑर्बिटल बनाते हैं।
  • स्टेरिक नंबर = लोन पेयर + साइड एटम्स।

हाइब्रिडाइज्ड प्रकार

  • स्टेरिक नंबर 2: sp हाइब्रिडाइज्ड, लीनियर ज्योमेट्री।
  • स्टेरिक नंबर 3: sp2 हाइब्रिडाइज्ड, ट्रायग्लव ज्योमेट्री।
  • स्टेरिक नंबर 4: sp3, टेट्राहेड्रल ज्योमेट्री।
  • स्टेरिक नंबर 5: sp3d, ट्रायग्लव बाय पिरामिडल।
  • स्टेरिक नंबर 6: sp3d2, ऑक्टा हेड्रन।
  • स्टेरिक नंबर 7: पेंटागोनल बाय पिरामिडल।

वीएसईपीआर थ्योरी

  • लोन पेयर-लोन पेयर रिपल्शन अधिक होता है।
  • लोन पेयर-बॉन्ड पेयर < बॉन्ड पेयर-बॉन्ड पेयर रिपल्शन।
  • AB2: लीनियर ज्योमेट्री, AB3: ट्रायग्लव प्लेनर।
  • AB4: टेट्राहेड्रल ज्योमेट्री।
  • बॉन्ड एंगल: लीनियर (180°), AB3 (120°), AB4 (109° 28')。

फॉर्मल चार्ज

  • बोरन: 3 बॉन्ड = चार्ज 0, 4 बॉन्ड = चार्ज -1。
  • नाइट्रोजन: 3 बॉन्ड = चार्ज 0, 4 बॉन्ड = +1。
  • ऑक्सीजन: 2 बॉन्ड = चार्ज 0, 1 बॉन्ड = -1, 3 बॉन्ड = +1。

वैलेंस बॉन्ड थ्योरी और मॉलिक्यूलर ऑर्बिटाls

  • एटॉमिक ऑर्बिटाls से ओवरलैपिंग पर मॉलिक्यूलर ऑर्बिटाl बनते हैं।
  • H2: सिग्मा 1s और सिग्मा स्टार 1s。
  • बॉन्ड ऑर्डर: बॉन्डिंग - एंटी बॉन्डिंग इलेक्ट्रॉन्स / 2。
  • पैरामैग्नेटिक: अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन्स, डायमैग्नेटिक: पेयर्ड इलेक्ट्रॉन्स。

बैक बॉन्डिंग

  • B की ओर से A को इलेक्ट्रॉन्स ट्रांसफर अधिक स्थिरता।
  • लोइस एसिड करैक्टर: इलेक्ट्रॉन्स की कम और आवश्यकता अधिक।
  • ब्रोमीन के साथ बोरन लोइस एसिड का अच्छा उदाहरण।

ब्रिज बॉन्डिंग

  • इलेक्ट्रॉन प्रोसाइज: Y के पास लोन पेयर होता है।
  • इलेक्ट्रॉन डेफिसिट: B के पास नहीं होता।
  • Al2Cl6 और B2H6 के उदाहरण।

हाइड्रोजन बॉन्डिंग

  • Z एटम के पास लोन पेयर और बड़ा इलेक्ट्रो नेगेटिविटी होना चाहिए।
  • इंटरमॉलिक्यूलर और इंट्रामॉलिक्यूलर H बॉन्डिंग。

बॉलिंग और मेल्टिंग पॉइंट

  • बॉन्डिंग से बॉलिंग और मेल्टिंग पॉइंट बढ़ता है।
  • मॉलिक्यूलर मास बढ़ने से भी बढ़ता है।