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केमिकल बॉन्डिंग पर नोट्स

[संगीत] दो एटम्स जब इक्वल शेयरिंग करते हैं एक-एक इलेक्ट्रॉन देकर के बॉन्ड बनाते हैं तब वहां पर कोवलेंको आप गुस्सा हो जाते हैं तो शब्द यूज होता है हाइपर मैंने बताया जहां कहीं भी फोर्स ऑफ अट्रैक्शन लगना शुरू होता है एनर्जी घटना शुरू हो जाती है और जब कभी भी एक ही एक्सिस पर दो ऑर्बिटल आपस में आकर के इस तरीके से एक-एक लोब मिलाएंगे तो वहां पर सिग्मा बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा कि अगर साइड एटम की इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 2.5 फ से ज्यादा नजर आती है तो इस एक इलेक्ट्रॉन को भी स्टेरिक नंबर के अंदर गिन दीजिए अगर a ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव होगा तो इलेक्ट्रॉन को वो अपनी तरफ खींचेगा तो a पर डेल नेगेटिव आएगा और हाइड्रोजन पर डेल प्लस चार्ज आएगा हेलो स्टूडेंट्स कैसे हैं आप लोग आई होप आप अच्छे होंगे वेलकम टू दिस अमेजिंग प्लेटफॉर्म फिजिक्स वाला मेरा नाम है ओमरा देखना शुरू कर चुके हैं माइंड मैप की एक बेहतरीन सी सीरीज और इस सीरीज के तहत सबसे ज्यादा नंबर दिलाने वाले चैप्टर पर आज हम बातचीत और चर्चा करेंगे भैया जी ध्यान रखिएगा ये एक माइंड मैप सीरीज है बहुत कम टाइम में आपको जल्दी से हमें रिवीजन कराना है और एक बात और बताना चाहूंगा अगर आप इसका एक डिटेल्स शॉट चाहते हैं आप ये चाहते हैं कि इसको आप 5च घंटे में कर पाएं तो इसी चैनल जेई वाला पर मैंने ही वन शॉट वीडियो बनाई हुई है उसको जाकर के देख सकते हैं अगर चाहे तो आप केमिकल बॉन्डिंग ओम सर करके सर्च करिएगा आपको वो वीडियो मिल जाएगी बाकी आइए चर्चा का विषय बनाते हैं अपने इस चैप्टर को आज हमारा गोल क्या है भैया देख लीजिए कमोवेश सारी जी ची आपको यहां पर मिलती हुई आपको नजर आएंगी चलिए जी ज्यादा वक्त ना गवाते हुए चर्चा का विषय बनाते हैं जनाब इनको क्या बनाना पहले पहले जानना भैया कोवलेंको शेयरिंग करते हैं एक-एक इलेक्ट्रॉन देकर के बॉन्ड बनाते हैं तब वहां पर कोवलेंको ले लीजिए जिसके आउटर सेल में टोटल सात इलेक्ट्रॉन मौजूद होते हैं होते हैं ना जी वैलेंस सेल में सात इलेक्ट्रॉन मौजूद होते हैं तो ये क्लोरीन चाहता है कि वो अपने ऑक्टेड को कंप्लीट कर ले और हाइड्रोजन कहता कहता कि भैया मुझे डबलेट बनाना है तो वो क्या करते हैं आपस में इलेक्ट्रॉन को शेयर करके ये जो बॉन्ड बनाते हैं इसी बॉन्ड को कोवलेंको आर्डिनेंस प्यार टाइप का यहां पे एक प्यार दिए जा रहा है दूसरा मान लो चलो रिसीव यहां पे कर लेगा यहां पर देखिएगा कैसे दे ते हैं जैसे आप ओजोन ले लीजिए ओजोन जब बनाते हैं o3 होता है ओजोन क्या होता है o3 होता है ओजोन तो बनाएंगे कैसे ऑक्सीजन डबल बॉन्ड ऑक्सीजन यहां पे इस तरीके से थोड़ा सा यह नया एकदम पेन है तो टेढ़ा मेढ़ा बन सकता है और वो बर्दाश्त करने की कोशिश करिएगा पन एकदम ही नया है ठीक है जी ऑक्सीजन डबल बॉन्ड ऑक्सीजन और इसके बाद हम कहते हैं कि भैया यहां पर दो इलेक्ट्रॉन रहेंगे जो कि ऑक्सीजन को इस तरीके से डोनेट होंगे तो यहां पर होता क्या है यहां पर ये वाला ऑक्सीजन दोनों इलेक्ट्रॉन अपनी तरफ से उठा कर के इस ऑक्सीजन को दे रहा है इस वजह से बोला जाएगा कि यहां पर क्या होगा कोऑर्डिनेट बॉन्ड होगा क्योंकि ये वाला ऑक्सीजन दोनों इलेक्ट्रॉन पेयर को रिसीव कर रहा है और देने वाला भैया ये है तो यहां पर क्या देखने को मिलेगा शेयर्ड बिटवीन टू एटम्स दो एटम्स के बीच में इलेक्ट्रॉन की शेयरिंग होगी बट डोनेटेड बाय वन ऑफ देम इन दोनों में से कोई एक ही डोनेट कर रहा होगा अच्छा जी ये बात तो शायद आप जानते भी रहे हो बहुत बेसिक सी बात करी मैंने अभी अब बात करते हैं ऑक्टेट्स के आउटर सेल में जो है टोटल सात इलेक्ट्रॉन होते हैं लेकिन अब वो चाहता है कि उसके आउटर सेल में आठ इलेक्ट्रॉन हो इसीलिए वो इनके साथ रिश्तेदारी करता है इनके साथ गठबंधन करने का प्रयास करता है तो इस तरीके से क्लोरीन का आउटर सेल का सात इलेक्ट्रॉन इसका मिलकर के टोटल आठ तो क्लोरीन के पास आठ इलेक्ट्रॉन का एक सेट बन जाता है जिसको कि ऑक्टेट्स रूल का आधार था भैया स्टेबिलिटी ऑफ नोबल गैसेस जो नोबल गैसेस हैं हीलियम निन आर्गन क्रिप्टन ये क्या होती हैं ये स्टेबिलिटी ज्यादा रखती है इसीलिए तो इनको इनर्ट गैस बोलते हैं ये रिएक्शन में ज्यादा पार्टिसिपेट नहीं करते उनके इसी बिहेवियर को देखते हुए ऑक्ट रूल बताया गया कि देखो नोबल गैसेस के वैलेंस शल में भी आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं तो इसका मतलब सारे एटम्स की कोशिश है कि अगर वो आठ इलेक्ट्रॉन अपने वैलेंस सेल में रख ले तो वो स्टेबल हो जाएगा अच्छा जी और वहां पर हमने पढ़ा था ऑक्ट रूल के अंदर कि हाइपोवेलेंट या इनकंप्लीट ऑक्टेड के बारे में अब हाइपोवेलेंट का क्या मतलब होता है देखिएगा ध्यान से हाइपोवेलेंट या इनकंप्लीट ऑक्टेड का जैसे मैं एग्जांपल ले लेता हूं bh3 तो bh3 अगर मैं बनाऊंगा तो बोरनन कितने हाइड्रोजन से जुड़ा होगा तीन हाइड्रोजन से जुड़ा होगा आपको पता है कि बोरनन के वैलेंस शल में तीन इलेक्ट्रॉन होते हैं और हाइड्रोजन इस तरीके से रिश्तेदारी करेगा तो देख लीजिए टोटल नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन कितने होंगे बॉन्ड्स कितने हैं एक दो तीन तीन बॉन्ड पेयर है तो भैया जी टोटल नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन जो कि बोरनन के वैलेंस शल पर दिखाई दे देगा वो छह होंगे मतलब बोरनन के पास नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन आठ नहीं आठ से कम होंगे जब आठ से कम होंगे तो हाइपोवेलेंट शब्द यूज करेंगे तो नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन ऑक्टेड का मतलब क्या क्या होता है भैया जो वैलेंस सेल वैलेंस सेल के अंदर जो इलेक्ट्रॉन उसको मैं n से रिप्रेजेंट कर रहा हूं वो आठ इलेक्ट्रॉन होने चाहिए लेकिन हाइपोवेलेंट के अंदर आपको हमेशा नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन लेस देन एट दिखेगा जैसा कि यहां b3 में बोरनन के केस में दिख रहा है इसको इनकंप्लीट ऑक्टेड क्यों कह रहे हैं क्योंकि कहां भैया ऑक्टेड कहां कंप्लीट हुआ नहीं हुआ इसलिए इसको इनकंप्लीट ऑक्टेड कहते हैं क्योंकि यहां पर आठ इलेक्ट्रॉन नहीं उससे कम इलेक्ट्रॉन मौजूद है आइए हाइपर वेलेंट देखिए हाइपो का मतलब होता है एक जो आपका नंबर आपने फिक्स किया उससे कम नंबर है तो हाइपोवेलेंट हाइपर होने का मतलब उससे ज्यादा अरे जिंदगी में लोग कहते नहीं है अरे भैया बड़ा तुम हाइपर हो जाते हो हाइपर होने का मतलब जो नॉर्मल स्टेट है आपकी जिंदगी की ग्राउंड स्टेट उससे आप गुस्सा हो जाते हैं तो शब्द यूज़ होता है हाइपर तो यहां से याद रहेगा हाइपरवैलेंट के केस में नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन जो होगा आठ इलेक्ट्रॉन से ज्यादा दिखेगा जो सेंट्रल एटम होगा उसके वैलेंस सेल में ये बात ठीक-ठाक है जानते हैं सर हमें कुछ नहीं पता पूरा पढ़ाया करिए अच्छा जी pf3 की अगर मैं बात करूं तो pf3 को कुछ इस तरीके से बनाते हैं फास्फोरस है फ्लोरीन है एक मिनट रुकिए जी अगर मैं बात करूं भैया यहां पर हाइपरवैलेंट की तो देखिए हाइपरवैलेंट का एग्जांपल मैं ले लेता हूं pf5 जहां पर फास्फोरस जो है पांच फ्लोरीन के साथ जुड़ा हुआ है और आपको यह बात पता होगी कि फास्फोरस के वैलेंस सेल में पांच इलेक्ट्रॉन होते हैं पांच इलेक्ट्रॉन होते हैं पांच फ्लोरीन के साथ एक-एक इलेक्ट्रॉन लेकर के पांच को वेलेंट बॉन्ड बनाएगा तो इस तरीके से इस फास्फोरस के आउटर सेल पर 10 इलेक्ट्रॉन नजर आएंगे अगर 10 इलेक्ट्रॉन नजर आएंगे तो निश्चित रूप से इसको हम हाइपर वेलेंट बोलेंगे क्योंकि नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन यहां पर आठ से ज्यादा नजर आ रहे हैं ऐसे ही होता है ऑड इलेक्ट्रॉन स्पीशीज ऐसे स्पीशीज जहां पर ऑड नंबर ऑफ इस इलेक्ट्रॉन प्रेजेंट हो एग्जांपल के तौर पर आप no2 ले लीजिए no2 को आप बनाएंगे तो नाइट्रोजन पर आपको एक क्या मिल जाएगा जी ऑड इलेक्ट्रॉन मिल जाएगा बना कर के देखना चाहे तो मैं यहां पर बनाकर दिखा देता हूं n डबल बॉन्ड o और इस तरीके से दो इलेक्ट्रॉन डोनेट होता है इस ऑक्सीजन को और इस नाइट्रोजन पर एक इलेक्ट्रॉन रहता है अब इस तरीके से आपको क्या दिख रहा है ऑड इलेक्ट्रॉन दिख रहा है जबकि हमारा ऑक्टेट्स मतलब इवन नंबर होना चाहिए लेकिन यहां पर ऑड नंबर निकल कर के नाइट्रोजन में आएगा चेक कर लीजिए इसलिए इसको ऑड इलेक्ट्रॉन स्पीशीज कहते हैं सर क्लियर है इतनी बात अच्छा जी हाउ टू ड्रॉ स्ट्रक्चर देखो बेसिकली जो स्ट्रक्चर्स ड्रॉ करना है इस तरीके से आपको शायद आता होगा आप फंसते कहां है जब कभी भी सेंट्रल एटम पर पॉजिटिव चार्ज दिखाई दे तब आप थोड़ा डर जाते हैं तो जैसे कि nh4 प तो nh4 प में समझिए गा जी नाइट्रोजन के वैलेंस सेल में टोटल पांच इलेक्ट्रॉन होते हैं कितने होते हैं टोटल पांच इलेक्ट्रॉन होते हैं ध्यान दीजिएगा टोटल कितने होते हैं पांच इलेक्ट्रॉन होते हैं पांच इलेक्ट्रॉन में से अगर यहां पर आपको प्लस दिया जाए तो सेंट्रल एटम में से एक इलेक्ट्रॉन हटा हटाना है क्या करना है सेंट्रल एटम में से एक इलेक्ट्रॉन हटाना है देखिएगा मैंने क्या किया सेंट्रल एटम में से एक इलेक्ट्रॉन हटा दिया और जो ये इलेक्ट्रॉन है वो हाइड्रोजन के एक इलेक्ट्रॉन को लेकर के उनके साथ बॉन्ड बनाएगा तो ये इस तरीके से जो रिश्तेदारी हुई उससे nh4 बन जाएगा और आपको पता आपने नाइट्रोजन के इलेक्ट्रॉन हटाए इसलिए ये पॉजिटिव चार्ज आपको यहां पर बनाना होगा तो जब कभी भी स्ट्रक्चर में पॉजिटिव चार्ज दिखे तो आपको क्या करना है रिमूव इलेक्ट्रॉन फ्रॉम सेंट्रल एटम से आपको इलेक्ट्रॉन को हटाना है लेकिन अगर नेगेटिव चार्ज दिखे जैसे कि bh4 नेगेटिव तो उसको देख लीजिएगा आपको पता है कि बोरनन के वैलेंस सेल में टोटल नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन कितने होते हैं तीन एक नेगेटिव का मतलब हुआ कि यहां पर जो हमारा बोरनन है उसको एक इलेक्ट्रॉन दे दीजिए अच्छा नेगेटिव का मतलब एक इलेक्ट्रॉन लाना पॉजिटिव का मतलब एक इलेक्ट्रॉन हटाना अब क्या हुआ चार हो गए यस सर तो क्या करिए चार हाइड्रोजन को इस तरीके से यहां पर कनेक्ट कर दीजिए बोलो हुआ क्या यस और यहां पर एक नेगेटिव चार्ज बना दीजिए तो इसका स्ट्रक्चर इस तरीके से बनेगा लेकिन ध्यान दीजिएगा अब अगर वहां पर जैसे यहां पर साइड एटम तो हाइड्रोजन है अगर ये साइड एटम ऑक्सीजन होता तो ये नेगेटिव चार्ज हमेशा ऑक्सीजन पर जाएगा ये सेंटर एटम को कब मिलेगा जब साइड एटम ऑक्सीजन नहीं होगा तब मिलेगा देखिए क्या लिखा है ऑक्सीजन इज प्रेजेंट एज साइड एटम एसे मतलब साइड एटम देन ईच ऑक्सीजन विल कैरी वन नेगेटिव चार्ज अदर वाइज नेगेटिव चार्ज इज गिवन टू सेंट्रल एटम अगर ऑक्सीजन नहीं है तो ये नेगेटिव चार्ज कहां जाएगा इसका मतलब सेंट्रल एटम के पास जाएगा एग्जांपल के तौर पे समझा देता हूं जैसे so4 2 नेगेटिव अगर मैं so4 2 नेगेटिव की बात करूं तो सल्फर के वैलेंस शल में टोटल नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन कितने हैं छह होते हैं अच्छा जी चार ऑक्सीजन है तो देखिएगा क्या करना है अब आपको पता है कि चार ऑक्सीजन कम से कम एक बॉन्ड तो सारे लोग बनाएंगे एक बॉन्ड तो सारे लोग बनाएंगे सर बना दिया अच्छा दो नेगेटिव चार्ज है तो क्या करिए एक नेगेटिव चार्ज यहां लगा दीजिए एक नेगेटिव चार्ज यहां लगा दीजिए ऐसा क्यों क्योंकि बताया गया कि अगर साइड एटम जो है ऑक्सीजन हो तो एक ऑक्सीजन को एक नेगेटिव चार्ज दे द दीजिए तो दो नेगेटिव चार्ज थे दो ऑक्सीजन को दे दिए अब बचे हुए ऑक्सीजन पर क्या करिएगा जो न्यूट्रल हैं उन पर ये इस तरीके से लगा दीजिए पाई बॉन्ड लगा दीजिए है ना आगे मैं पाई बॉन्ड के बारे में बताऊंगा सिंपली जानिए एक और बॉन्ड बना देंगे तो इस तरीके से so4 2 नेगेटिव का ये स्ट्रक्चर आपका बन जाएगा आगे बढ़ते हैं जी वैलेंस बॉन्ड थ्योरी की अगर मैं बात करूं तो ये वैलेंस बॉन्ड थ्योरी कहती है कि देखो जब दो एटम आपस में ध्यान से सुनिए दो एटम आपस में जब बॉन्ड बनाते हैं तो तो एक्चुअली वो अपने वैलेंस सेल के ऑर्बिटल को आपस में ओवरलैप कराते हैं और उस ओवरलैपिंग की वजह से बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा और जब कभी भी बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा अरे बॉन्ड फॉर्मेशन क्या होता है फोर्स ऑफ अट्रैक्शन का होना और कहीं भी सृष्टि में अगर फोर्स ऑफ अट्रैक्शन लग रहा है तो उस सिस्टम से एनर्जी निकलती है उसी बात को इन्होंने ग्राफ के तौर पर अच्छे से समझाया है मैं आपको h2 मॉलिक्यूल की फॉर्मेशन को देखिएगा समझाता हूं जैसे देखिएगा ये हाइड्रोजन का 1s ऑर्बिटल है जपया ध्यान दें ये हाइड्रोजन का 1s ऑर्बिटल है मैं दूसरा भी हाइड्रोजन का 1s ऑर्बिटल ले रहा हूं ये दोनों 1s ऑर्बिटल आपको पता है कि ए ऑर्बिटल कैसा होता है स्फेरिकल होता है ये दोनों आपस में ओवरलैप करते हैं क्या करते हैं इस तरीके से ओवरलैप करते हैं और इस ओवरलैपिंग की वजह से देखिए कुछ ओवरलैपिंग रीजन इसके बीच में आएगा इनकी वजह से यहां पर बॉन्ड बनता है रिश्तेदार यां बनती हैं ठीक है तो इस तरीके से h2 मॉलिक्यूल का फॉर्मेशन होता है क्या होता है हाइड्रोजन एटम के एटॉमिक ऑर्बिटल वन 1s ऑर्बिटल आपस में मिलक के ओवरलैप करके बॉन्ड का फॉर्मेशन करते हैं और जब वो बॉन्ड का फॉर्मेशन करते हैं तो उस समय एनर्जी निकलती है क्या निकलती है एनर्जी निकलती है तो जब दो हाइड्रोजन पास आते हैं तो इतनी एनर्जी निकलती है अब ये जितनी एनर्जी निकलती है इसी एनर्जी को बॉन्ड एनर्जी कहते हैं क्या कहते हैं मेरे साथ बोलो बालक बॉन्ड एनर्जी कहते हैं कोई नालायक प्राणी ऐसा नहीं होना चाहिए जिसको समझ में ना आए भाई ठीक है जी जो जो यहां पर एनर्जी निकली दैट इज बॉन्ड एनर्जी आइए ग्राफ पे देखते हैं यहां पर मैंने इंटरन्यूक्लियर डिस्टेंस r ले लिया यहां पर मैंने पोटेंशियल एनर्जी ले लिया है अभी हमारे जो ये हाइड्रोजन एटम है 1s 1s ऑर्बिटल है अ भी बहुत दूर हैं तो इनके बीच में जो r डिस्टेंस है वो क्या होगा ज्यादा होगा तो देखिएगा मैंने यहां पर दो 1s बनाए हुए हैं अब इनके बीच में समझिए कि दूरी ज्यादा है अब ये दोनों जब करीब आते हैं करीब क्यों आते हैं क्योंकि इनके बीच में फर्स ऑफ अट्रैक्शन लग रहा है मैंने बताया जहां कहीं भी फोर्स ऑफ अट्रैक्शन लगना शुरू होता है एनर्जी घटना शुरू हो जाती है तो देखिएगा नी एनर्जी घट जाती है जब वो ओवरलैप करते हैं तो यहां पर एक्चुअली पूरी तरह से ये क्या करते हैं बॉन्ड बना लेते हैं तो पहले तो वो दूर-दूर थे लेकिन पास आए पास आए तो इनके बीच में इंटरन्यूक्लियर डिस्टेंस क्या हो जाता है कम हो जाता है तो ग्राफ देखिएगा कैसा मिलता है ग्राफ कुछ ऐसा मिलेगा जब ये दूर थे तब उनकी पोटेंशियल एनर्जी यहां पे दिखाई गई है जब वो बहुत करीब आ गए तो उनकी पोटेंशियल एनर्जी यहां दिखाई गई है अच्छा जी इसके बाद अगर और करीब आते हैं तो ये क्या होगा ये एनर्जी और बढ़ जाएगी इसका रीजन क्या क्या बताया जाता है जब ये इस ग्राफ की मैं बात करूं तो इस समय फोर्स ऑफ अट्रैक्शन फोर्स ऑफ अट्रैक्शन बल्कि ए लिख दूंगा तो समझ जाओगे क्या बोलो हे बालक समझ जाएंगे क्या फोर्स ऑफ अट्रैक्शन इज ग्रेटर देन फोर्स ऑफ रिपल्शन रिपल्शन किसके बीच में लगेगा भैया जब ये दोनों करीब आएंगे दोनों ऑर्बिटल हैं ऑर्बिटल में इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी होती है तो वो इलेक्ट्रॉन आपस में रिपेल भी तो कर सकते हैं लेकिन अगर बॉन्ड बन रहा है तो निश्चित रूप से फोर्स ऑफ अट्रैक्शन ज्यादा रहा होगा और इसी वजह से उसकी एनर्जी यहां पे डाउन होती हुई नजर आती है लेकिन मैं अगर इसकी बात करूं इसको और करीब ला दोगे तो इनके न्यूक्लिया जो है आपस में टकराने लग जाएंगे जिनकी वजह से जो फोर्स ऑफ रिपल्शन है ध्यान दीजिएगा जो यहां पर फोर्स ऑफ रिपल्शन है दैट विल बी ग्रेटर देन फोर्स ऑफ अट्रैक्शन इस वाले में फर्स ऑफ अट्रैक्शन कम होगा रिपल्शन ज्यादा होगा इसलिए इसकी एनर्जी क्या होती है बढ़ जाती है सिंपल सी बात है अच्छा जी अब देखिए ये जो एनर्जी है पोटेंशियल एनर्जी पर ये वाला पॉइंट किससे दिखाया जाएगा इतने से दिखाया जाएगा ठीक है जी देखिए यहां पर कितना लिखा है -43 5.8 किज पर मोल मतलब जब हम दो हाइड्रोजन एटम को पास ला रहे थे तो इतनी एनर्जी निकलती है एंड दिस एनर्जी इज नोन एज बॉन्ड एनर्जी ऑफ h2 मॉलिक्यूल इसको क्या कहते हैं बॉन्ड एनर्जी ऑफ h2 मॉलिक्यूल है ना कि h2 मॉलिक्यूल को बनाने में इतनी एनर्जी निकलती है अब सुनिए यहां जो डिस्टेंस है इस बॉन्ड फॉर्मेशन के बाद जो ये डिस्टेंस जो मैं अभी बना रहा हूं इसी को तो r से रिप्रेजेंट करते हैं h2 में देखा जाता है कि वो कितना आता है 74 पिको मीटर आता है और ये 74 पिको मीटर क्या होगा दोनों न्यूक्लिया के बीच की डिस्टेंस जहां पर बॉन्ड का फॉर्मेशन हो चुका है उसी को बॉन्ड लेंथ कहते हैं इसीलिए h2 की ये बॉन्ड लेंथ निकल कर के आएगी क्या निकल के आएगी बोलो बालक बॉन्ड लेंथ निकल कर के आएगी आई होप आपको बात समझ में आ गई हो अब देखते हैं ओवरलैपिंग ओवरलैपिंग एक्सियल ओवरलैपिंग की बात करें तो कैसे होता है एक्सियल ओवरलैपिंग का मतलब एक एक्सिस पर दो लोब आकर के क्या मुख हो रहे हैं मिल रहे हैं ओवरलैप कर रहे हैं जैसे कि देखिएगा मान लीजिए ये हमारा क्या है एक s ऑर्बिटल है ये एक एस ऑर्बिटल दूसरे एस ऑर्बिटल के साथ जब ओवरलैप करता है तो ये ओवरलैपिंग रीजन तैयार होता है क्या तैयार होता है ये ओवरलैपिंग रीजन तैयार होता है जो कि मैंने अभी आपको यहां पे बना के दिखाया हुआ है उसी को यहां पर इस तरीके से दिखा दिया है अच्छा जी तो जब कभी भी जब कभी भी ऑर्बिटल का एक लोब दूसरे लोब से मिलता है तो 1:1 वन 1 ओवरलैप को 1:1 ओवरलैप से हमेशा सिग्मा बॉन्ड का फॉर्मेशन होता है और जब कभी भी एक ही एक्सिस पर दो ऑर्बिटल आपस में आकर के इस तरीके से एक-एक लोभ मिलाएंगे तो वहां पर सिग्मा बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा सिमिलरली अगर ये z एक्सिस है ध्यान से सुनना अगर ये z एक्सिस है तो जो ये p ऑर्बिटल है दिस इज p ज आप जानते ही होंगे p ज कहां होता है z एक्सिस पर होता है और इसी पर अगर मैं इस तरफ से s ऑर्बिटल लेकर के आऊं तो इनके बीच में जो गठबंधन होगा उसमें यहां पे देखिए 1:1 यहां पे भी है इस p ऑर्बिटल का ये वाला लोब इस पूरे s ऑर्बिटल में तो एक ही लोब होता है तो ये लोब इस लोब के साथ ओवरलैप करता है 1:1 की ओवरलैप से सिग्मा बॉन्ड का फॉर्मेशन होता है इसी तरीके से अगर मैं ये एक पी ज ले लूं दूसरा मैं इधर से एक पी जड ले लूं दोनों पी ज में एक-एक लोब आपस में मिलेंगे तो यहां पर भी सिग्मा बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा अगला देखिए लैटरल ओवरलैपिंग का मतलब समझाता हूं जैसे यहां पर p और p क्या कर रहे इस तरीके से ओवरलैप कर रहे हैं अगर ये दो p ऑर्बिटल इस तरीके से हो ध्यान से सुनिए इस तरीके से हो और आमने-सामने से आकर के इस तरीके से ओवरलैप करते हो साइड वेज ओवरलैपिंग करते हो या लैटरल ओवरलैपिंग करते हो तो इससे पाई बॉन्ड का फॉर्मेशन होता है किसका पाई बॉन्ड का फॉर्मेशन होता है एग्जांपल के तौर पे देखिए जैसे ये मान लीजिए ये z एक्सिस है तो उसके परपेंडिकुलर ये मैं कह रहा हूं ये px1 px1 ले लो आप जो भी कहना चाहो ठीक है अगर ये p एक हमने इस तरीके से ले लिया एक दूसरा p एक ले रहा हूं मैं एक दूसरे एटम का ये p एक आपस में अगर इस तरीके से ओवरलैप करें कि ये ऊपर वाला लोभ इसके साथ नीचे वाला लोभ इसके साथ इसका मतलब एक पी ऑर्बिटल के दो लोभ दूसरे पी ऑर्बिटल के दो लोब के साथ ओवरलैप कर रहे हैं मतलब 2:2 ओवरलैपिंग अगर हो रही है तो इससे पाई बॉन्ड का जन्म होता है क्या होता है भैया पाई बॉन्ड का जन्म होता है आई होप आपको यहां पे आनंद आया होगा अब बात कर लेते हैं हाइब्रिडाइज्ड की हाइब्रिडाइज्ड एटम जब भी किसी साइड एटम से भेट मुलाकात करना चाहता है बॉन्ड बनाना चाहता है तो उससे पहले अपने घर में वो तैयारी करता है अपने s ऑर्बिटल को पी ऑर्बिटल के साथ मिक्स करके खिचड़ी तैयार करता है जिसको कि हम कहते हैं जिस प्रोसेस को हम कहते हैं हाइब्रिडाइज्ड सिमिलर एनर्जी कंबाइंड टू फॉर्म हाइब्रिड ऑर्बिटल इज नोन एज हाइब्रिडाइज्ड एटम बॉन्ड बनाने से पहले अपने ही ऑर्बिटल को मिक्स करके हाइब्रिड ऑर्बिटल बनाता है और कितने बनाता है जितने एटॉमिक ऑर्बिटल को वो आपस में मिक्स करता है उतने ही नए हाइब्रिड ऑर्बिटल पैदा होते हैं और उसी के थ्रू बॉन्ड का फॉर्मेशन देखने को मिलता है तो चलिए जी यहां पर आपसे पेपर में पूछा जाता है स्टेट ऑफ हाइब्रिडाइज्ड ऑफ हाइब्रिडाइज्ड आना चाहिए क्या स्टेरिक नंबर निकालना स्टेरिक नंबर किसी सेंट्रल एटम पर निकालना है तो देखिए उस सेंट्रल एटम पर कितने लोन पेयर हैं अगर वहां पे कुछ लोन पेयर है तो उसको लिखिए प्लस वहां पर कितने साइड एटम है उसको लिख दीजिए दोनों को जोड़ दीजिए दोनों के जोड़ के बाद जो नंबर निकलेगा दैट इज स्टेरिक नंबर तो ध्यान दीजिएगा स्टेरिक नंबर इज इक्वल टू नंबर ऑफ लोन पेयर ऑन सेंट्रल एटम और वहां पर कितनी साइड एटम है वो लिख दीजिएगा काम बन जाएगा चलिए जी अब हाइब्रिड समझते हैं अगर स्टेरिक नंबर टू है ध्यान दीजिएगा अगर इस कैलकुलेशन में स्टेरिक नंबर टू आता है इसका मतलब हुआ सेंट्रल एटम ने अपना s ऑर्बिटल अपना प ऑर्बिटल आपस में मिक्स कर दिया और अपने मिक्स करके उसने क्या क्या बनाया है ए हाइब्रिडाइज्ड इइ किया है और इस समय ज्योमेट्री जो है लीनियर नजर आती है ठीक है जी ये पढ़ा होगा अगर स्टेरिक नंबर थ्री हो तो एक s और दो p आपस में मिलकर के sp2 हाइब्रिडाइज्ड इइ में हमें ट्रायग्लव ज्योमेट्री मिलती है याद करिए आगे मैं और अच्छा से समझाऊ इसको देखिए अगर वहां पर स्टेरिक नंबर 4 आ तो 1s और 3p आपस में मिलकर के sp3 हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन में जो ज्योमेट्री है दैट इज टेट्रा हैड्रन निकल कर के आती है अगर मैं पांच की बात करूं स्टैटिक नंबर फाइव कैलकुलेशन में आ गया तो 1s 3p चार ये हो जाएंगे और जो d होगा ध्यान रखना वहां पर हम d z स् यूज़ करते हैं जब स्टेरिक नंबर फाइव है तो d कौन सा यूज़ होगा d z स्कर यूज होगा और उसमें ट्रायग्लव स्ट्रक्चर हमें देखने को मिल जाता है अभी सबको दिखाऊंगा अभी हैना स्टेरिक नंबर सिक्स की बात करें तो देखो ये तीन प तो यूज होंगे जैसे तीन p की बात करूं तो क्या लिख सकते हो px1 होते हैं अच्छा जी एक देखो जैसे d z स् ऊपर लिखा तो नीचे भी d z स् तो रहेगा ही रहेगा इसके साथ एक और हो जाएगा x स् - y स् ध्यान रखिएगा जब स्टेरिक नंबर सिक्स होता है तो उस समय आपको वो वाले डी ऑर्बिटल रखने हैं जिनके लोब जो है एक्सिस पर एलाइंड होते हैं अच्छा जी ऑक्टा हैड्रन इसका ज्योमेट्री निकल के आएगा अगेन स्टेरिक नंबर सेवन की बात करें तो आप इस तरीके से पूरा लिख लीजिए अगर मैं इसकी बात करूं तो dz2 होगा और इसके बाद x y लिख सकते हो एंड x स् - y स् इसका मतलब हुआ यहां पे dz2 तो देखो सब में dz2 यहां पे dx1 - y स् ऐड हुआ तो देखो वो चीज यहां पे होगी साथ-साथ x वा आ जाएगा ये ख्याल रखना पड़ेगा और इस समय जब स्टेरिक नंबर सेवन हो तो पेंटागनल बाय पिरामिडल के अलावा कुछ और नहीं बनने वाला बालक अच्छा जी बात समझ में आ गई है आइए अगला देखते हैं जैसे ये तो आपको प्रैक्टिस करके खुद देखना पड़ेगा मैं आपके सामने प्रस्तुत कर दे रहा हूं ab2 टाइप का मॉलिक्यूल का मतलब बताता हूं पहले समझिए फील लीजिएगा ab2 टाइप में ऐसे मान लीजिए कि सेंट्रल एटम a है साइड एटम वहां पर b है क्या है साइड एटम b है अगर इस तरीके से होगा तो इसको कहते हैं कि ये सारे एक लाइन में है इसलिए इसको लीनियर ज्योमेट्री कहते हैं और एग्जांपल के तौर पे आप bcl2 एंड hgcl2 देख लीजिएगा प्रैक्टिस करके अगली चीज देखते हैं भैया co2 भी आएगा ab3 टाइप में ट्रगल प्लेनर बनेगा जहां पर sp2 आएगा उसके एग्जांपल है bf3 और यहां पर bcl3 और आपको bh3 इसका मतलब समझाता हूं क्या कहना चाह रहा हूं यहां जब ab2 टाइप का होगा तो यहां पर स्टेरिक नंबर कृपया ध्यान दीजिएगा यहां पर सेंट्रल एटम का स्टेरिक नंबर टू होगा यहां पर सेंट्रल एटम का स्टेरिक नंबर थ्री निकल कर के आएगा और उस समय ट्रायग्लव ज्योमेट्री मिलती है अगली चीज देख लीजिएगा अच्छा जी मैंने किसी के ऊपर लिख दिया क्या कोई बात नहीं ओके ठीक है समझ गए होंगे स्टेरिक नंबर थ्री है ab5 की अभी मैं ab4 में मैंने बताया था कि यहां पर स्टेरिक नंबर कितना आता है बोलो बालक स्टेरिक नंबर फोर नजर आता है इस ऊपर वाले में क्या कहेंगे स्टेरिक नंबर थ्री नजर आता है है ना तो अभी मैंने बताया था जब स्टैटिक नंबर फोर होगा स्टैटिक नंबर फोर का मतलब क्या है देख लीजिए अगर आप ab4 बनाएंगे तो सेंट्रल एटम a होगा साइड एटम होंगे b और यहां पर कोई भी लोन पेयर नहीं है अगर सेंट्रल एटम पर कोई भी लोन पेयर नहीं है तो एक बात बताओ ना मेरे भाई अगर मैं स्टेरिक नंबर लिखूंगा तो मैं क्या लिखूंगा मैं लिखूंगा स्टेरिक नंबर इज इक्वल टू क्या इस पर कोई लोन पेयर नहीं तो जीरो लोन पेयर प्लस चार साइड एटम है तो जोड़ कर के क्या होगा स्टेरिक नंबर फोर इसीलिए यहां पर sp3 हाइब्रिडाइज्ड में ऐड करेंगे टेट्रा हैडल फैशन में ऐड करेंगे इतनी बात समझने में कोन दिक्कत कोन परेशानी कोन समस्या नहीं होनी चाहिए बालक अच्छा जी इसका एग्जांपल आप ch4 nh4 प्लस करके देख सकते हैं एक बात और जान लीजिए यहीं पर सीख लेते हैं जो ये थीटा आता है लीनियर के केस में वो 180° आता है लेकिन अगर मैं ट्रायग्लव की सॉरी ट्रायग्लव की बात करूं तो ab3 में ध्यान देंगे तो आपको समझ में आएगा कि तीन लोगों को एक दूसरे से सबसे ज्यादा दूरी पर रखना हो तो यही तरीका और इस तरीके में जो ये थीटा नि निकल के आता है दैट इज 120° निकल के आता है लेकिन यहां की बात करें तो यह 109 ° 28 मिनट आता है कब जब स्टेरिक नंबर फोर या sp3 हाइब्रिड देखने को मिलता है अच्छा जी अब इसी तरीके की बात करनी है हमें ab5 में तो ab5 में जो स्टेरिक नंबर होगा दैट इज फाइव अब आपको समझ में आ रहा होगा अब आगे नाम है ट्रायग्लव ट्रायग्लव में sp3 डी हाइब्रिडाइज्ड देखिएगा ट्रगल बाय पिरामिड जैसे मैं p p स स यहां पे मैं आपको समझा देता हूं ठीक है स स स स ठीक है जी देखिएगा ध्यान से जो तीन लोग जो तीन लोग यहां एक ट्रायंगल पर लगे हैं जो ये तीन लोग एक ट्रायंगल पर लगे हैं इनके लिए हम शब्द यूज करते हैं ट्रागीर मिड है नीचे एक पिरामिड है मतलब दो पिरामिड है एक ऊपर पिरामिड एक नीचे पिरामिड दो पिरामिड मतलब बाई पिरामिडल बाई मतलब होता है दो ध्यान रख पाएंगे बाई का मतलब क्या होता है मेरे बालक बाई मतलब होता है दो दो पिरामिड एक ऊपर एक नीचे और जो ये ट्रायंगल वाला पार्ट है उसको कहते हैं इक्वेटोरियल पोजीशन और जो ये सीधा-सीधा उसको कहते हैं एजियस एगियन पोजीशन इसको कहते हैं इक्वेटोरियल क्लोरीन इक्वेटोरियल क्लोरीन ध्यान रख पाएंगे इक्वेटर पर अगर आप इसको एक स्फेयर पर देखें तो ये इक्वेटर पर आएंगे इसलिए इन तीनों क्लोरीन के लिए शब्द यूज होगा इक्वेटोरियल पोजीशन और इनके लिए एक्सियल पोजीशन करके बोला जाता है क्या आप यहां पर अपने आप थीटा बता सकते हैं अरे सर बता देंगे क्या बात कर रहे हैं क्योंकि यहां ट्रायंगल बन रहा है तो ये वाला जो थीटा होगा दिस थीटा इज 120° लेकिन यहां पर एजिल और इक्वेटोरियल की बात करूं तो ये कितना आता है थीटा 90° देखने को मिल जाता है नेक्स्ट अगला देखेंगे ab5 की अगर मैं बात करूं तो यहां पर स्टेरिक नंबर भैया जी सिक्स आता है और ऑक्टा हैड्रन यहां पर ज्योमेट्री एंड sp3 d2 ये तो मैंने पीछे पढ़ाया हुआ है आप देख ना चाहे तो sf5 हो सकता है ठीक है जी अच्छा ab7 टाइप की बात करें तो ab7 को मैं थोड़ा सा समझाना चाहूंगा ab7 का एग्जांपल देख लीजिए if7 if7 की अगर मैं बात करूं तो सेंट्रल आयोडीन है एक फ्लोरीन ऊपर रहेगा एक फ्लोरीन नीचे ध्यान रखिएगा ये मैं दो पिरामिड बनाने की कोशिश कर रहा हूं क्योंकि बाय पिरामिडल लिखा है तो दो पिरामिड बनेगा एक ऊपर एक नीचे बाकी बीच में पेंटागन आएगा तो पेंटागन का मतलब समझना 1 2 तीन बॉन्ड बनाया चार पांच बॉन्ड बनाया इन पांच बॉन्ड पर क्या लगा दीजिए फ्लोरीन फ्लोरीन फ्लोरीन फ्लोरीन एंड फ्लोरीन लगा दीजिए तो ये जो पांच फ्लोरीन है कृपया ध्यान दें ये जो पांच फ्लोरिन है ना बालक ये कहा जाता है कि पेंटागन पे है पेंटागनल जानते होंगे ज्योमेट्री क्या होती है बालक तो पेंटागन पे है अब एक बात बताइए ये पेंटागन जो है अगर 360 डिग्री रहेंगे यहां पर थीटा कितना आएगा पूरा का पूरा 360 तो एक के लिए यहां थीटा निकालिए तो 360 डिग्री डिवाइड बाय कितना भैया पा पा मतलब कि ये 72 डिग्री आएगा तो यहां पर तो सब में 72 डिग्री आएगा लेकिन जो ये पिरामिड है पिरामिड और यहां पर देखेंगे तो ये थीटा 90 डिग्री निकल के आता है इनके बारे में आपको पता होना अति आवश्यक है अच्छा जी इनको थोड़ी देर इग्नोर करिएगा बाकी काम अब देखते हैं वीएससी पीआर थ्योरी में कहा गया था वैलेंस सेल इलेक्ट्रॉन पेयर रिपल्शन थ्योरी वहां पे हमने पढ़ा था कि लोन पेयर लोन पेयर में जो रिपल्शन है वो घमासान होता है वो सबसे ज्यादा है फिर लोन पेयर बॉन्ड पेयर फिर बॉन्ड पेयर बॉन्ड पेयर ऐसा देखने को हमें रिपल्शन का ऑर्डर मिलता है अच्छा जी ये देखेंगे अगर मैं कहूं ab2 टाइप का तो ऐसे लीनियर बनता है अब दोहरा लीजिए ab2 लीनियर बनता है अगर मैं ab3 कहूंगा तो ट्रायग्लव प्लेनर बनता है मैं ab4 कहूं मतलब टेट्रा हैड्रन टाइप का बनता है अगर मैं यहां पर देख ले अगर मैं इस तरीके से एक ट्रायंगल बना दूं तो मैं क्या कह सकता हूं कि एक ट्रायंगल है एक पिरामिड ऊपर और एक नीचे तो इसका नाम हो जाएगा हे बालक ट्रायग्लव जिसको टीबीपी कहते हैं और ये देखिए आपका ऑक्टा हैड्रन है और ऑक्टा एडल में जो ये थीटा निकल के आता है दिस थीटा इज 90° यहां पर सारे थीटा 90° आते हैं जैसे कि ab6 टाइप का आप ले लीजिए एग्जांपल के तौर पर आइए अगला देखते हैं ये मैं एग्जांपल ले रहा हूं sf4 का ध्यान रखिएगा sf4 का अगर बनाना हुआ तो आपसे शेप बहुत ज्यादा पूछा जाता है तो इसके लिए मैं बना कर के आपको बताता हूं देखिएगा क्या होगा sf4 में सल्फर आप यहां लिखेंगे सल्फर यहां लिखेंगे दिखेगा नहीं तो यहां पर मैं क्या करता हूं यहां पर मैं सल्फर लिख देता हूं ठीक है जी चार फ्लोरीन कहां रहेगा देखिएगा एक फ्लोरीन यहां एक यहां एक यहां एक यहां ध्यान दीजिएगा जो आपका sf4 होगा वहां सल्फर पर एक लोन पेयर आता है क्या आता है एक लोन पेयर तो उस लोन पेयर को यहां पर रख दीजिए कृपया यहां पर क्या करिए रख दीजिए समझ में आया क्यों रखा गया क्योंकि ये इक्वेटोरियल पोजीशन है और इक्वेटोरियल पोजीशन पर ध्यान रखिएगा इक्वेटोरियल पोजीशन पर रहने से ये थीटा एप्रोक्सीमेट 120 आएगा ये थीटा एप्रोक्सीमेट 120 आएगा इसके वजह से रिपल्शन कम होगा किसके बीच बीच में बॉन्ड पेयर सॉरी ये क्या है लोन पेयर और बॉन्ड पेयर के बीच में तो यहां लोन पेयर एंड बॉन्ड पेयर के रिपल्शन को कम करने के लिए हम हमेशा याद रखेंगे हम हमेशा कोशिश करेंगे अपने इस लोन पेयर को इक्वेटोरियल पोजीशन पर रखने पर जब स्टेरिक नंबर कितना आएगा फाइव आएगा तो ये बात आपकी खोपड़ हों में गूंज चाहिए कि हां ये इक्वेटोरियल पोजीशन पे ही रहेगा आई होप यहां तक की बात में कोई दिक्कत नहीं होगी अगला है x4 x4 की अगर मैं बात करूं तो देखो भैया जेनन है आपको पता है कि इसके आउटर सेल में टोटल आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं आठ में से पहले एक रफ स्ट्रक्चर बना लीजिए फ्लोरीन फ्लोरीन फ्लोरीन एंड फ्लोरीन तो क्या होगा दो लोन पेयर तो अब स्टेरिक नंबर निकाल लीजिए आप स्टेरिक नंबर निकालेंगे तो आपको पता चलेगा कि यहां पर दो लोन पेयर है चार बॉन्ड पेयर है स्टेरिक नंबर सिक्स है अगर स्टेरिक नंबर सिक्स है तो निश्चित रूप से क्या बनेगा ऑक्टा हैड्रन जैसा बनेगा ऑक्टा हेडल जै ऐसा ही बनाया था मैंने लेकिन क्योंकि दो लोन पेयर थे तो दोनों लोन पेयर को एक दूसरे से हमने दूर रखा क्योंकि दोनों लोन पेयर आपस में बहुत ज्यादा रिपल्शन करते हैं तो रिपल्शन को मिनिमाइज करने का तरीका एक को ऊपर रखिए एक को नीचे रखिए तो इस तरीके से जो चार ये आपको ग्रीन कलर से दिख रहे हैं वहां पर समझिए फ्लोरीन है एक लोन पेयर ऊपर एक नीचे है और ये जो बीच में है वो जेनन है तो यहां पे बोला जाता कि अगर मैं लोन पेयर को हटा करके सोचूं तो इसकी शक्ल कैसी होगी इसकी सूरत कैसी होगी उसी को शेप कह हैं क्या कहते हैं शेप कहते हैं तो बताइए अगर मैं लोन पेयर हटा दूं तो ये चारों कहां पर लगे हैं आप कहेंगे एक स्क्वायर में लगे हैं इसलिए इसको स्क्वायर प्लेनर कहते हैं मेरे साथ बोलिए क्या बोलते हैं स्क्वायर प्लेनर कहते हैं इसीलिए x4 में कोई ज्योमेट्री पूछे तो ज्योमेट्री को स्टेरिक नंबर से बताइए स्टेरिक नंबर अगर सिक्स है तो ज्योमेट्री गारंटी है कि क्या आएगा मेरे भाई मेरे साथ बोलिएगा ऑक्टा हैड्रन आएगा ज्योमेट्री या ऑक्टा हैड्रन आएगा कैसे पता स्टैटिक नंबर देख कर के पता लेकिन शेप में क्या करना है लोन पेयर को हटा दीजिए जो चीज बच गई उसको चेक करिए तो वो स्क्वायर प्लेनर आता है सिमिलरली यहां पर भी अगर स्टेरिक नंबर निकालेंगे तो एक लोन पेयर है चार साइड एटम है तो टोटल पांच हो जाएगा पांच स्टेरिक नंबर के अंदर टीबीपी ट्रायग्लव यही इसकी ज्योमेट्री आएगी लेकिन अगर हम इसको यहां पर रखें और इसको ढक दें तो ये कैसा है सीस बोला जाता है इसको क्या बोलते हैं इसकी सीश शेप आती है आई होप ये बात आपको आती हो समझ में ठीक है जी अब अगर मैं अ इतनी ही बात करनी थी जी जी इतनी बात करनी थी आगे बढ़ जाते हैं अब बात करते हैं फॉर्मल चार्ज पर फॉर्मल चार्ज को आप एग्जांपल से समझेंगे तब आनंद आएगा जैसे देखो बोरनन कहीं दिखे और बोरनन ने अगर सिर्फ तीन बॉन्ड बनाए हैं तो वहां पर फॉर्मल चार्ज जीरो क्या है फॉर्मल चार्ज जीरो है लेकिन अगर बोरनन चार बॉन्ड बनाए हैं तो वहां पर आपको पता ही है नेगेटिव चार्ज आ जाता है याद करिए जब आपको bh4 नेगेटिव पढ़ाया था तो जो ये चार्ज जाता है दैट इज फॉर्मल चार्ज तो फॉर्मल चार्ज यहां पर -1 आता है बोरनन जब चार बॉन्ड बनाता है तो फॉर्मल चार्ज -1 आता है बोरनन जब यहां पर देख लीजिए तीन बॉन्ड बनाता है तो फॉर्मल चार्ज जीरो निकल कर के आता है अच्छा जी इसी तरीके से प्रैक्टिस करेंगे बहुत आसान है ये नाइट्रोजन के केस में नाइट्रोजन जब ध्यान दीजिएगा नाइट्रोजन तीन बॉन्ड बनाता है जब नाइट्रोजन तीन बॉन्ड बनाता है तो यहां पर एक लोन पेयर रहता है तो इस समय फॉर्मल चार्ज तो जीरो नजर आता है क्या नजर आता है जीरो नजर आता है लेकिन लेकिन अगर मैं नाइट्रोजन पर चार बॉन्ड बना दूं तो अभी हमने पढ़ा था कि वहां पर कौन सा चार्ज आता है पॉजिटिव चार्ज आता है जैसे nh4 प् तो यहां पर फॉर्मल चार्ज मेरे भैया कितना आएगा प्सव आएगा बोलो मेरे भैया कितना आएगा प्लव आएगा आई होप इतनी बात समझने में को दिक्कत कोनो परेशानी को समस्या नहीं है अरे है क्या नहीं है ना या अगर आपको ऐसा दिख जाए कहीं पे जैसे नाइट्रोजन दिख जाए कहीं डबल बॉन्ड सिर्फ दो बॉन्ड बनाए हुए तो वहां पर आ जाएगा नेगेटिव चार्ज क्या आ जाएगा नेगेटिव चार्ज देखो नाइट्रोजन की वैलेंसी होती है थ्री नाइट्रोजन की वैलेंसी है थ्री अगर वैलेंसी से कम बॉन्ड है जैसे यहां पे दो बॉन्ड बने हुए हैं तो एक नेगेटिव चार्ज लगा दीजिए नाइट्रोजन के केस में और नाइट्रोजन की वैलेंसी तीन होती है यहां पर चार बॉन्ड दिखे तो एक ज्यादा है वैलेंसी तीन बॉन्ड चार एक ज्यादा दिख रहा है तो फॉर्मल चार्ज + व ऐसे सोचना है नाइट्रोजन के केस में बोरनन के केस में बस यही दो केस आपको जानने होते हैं आइए सिमिलरली यही वाला मेथड अब ऑक्सीजन फैमिली में लगाइए ऑक्सीजन की बात करूं जब ऑक्सीजन दो बॉन्ड बनाता है किसी के साथ तो उस पर फॉर्मल चार्ज जीरो होता है उस पर कोई चार्ज नहीं आता है लेकिन अगर एक बॉन्ड बनाएगा तो गारंटी है कि फॉर्मल चार्ज -1 आएगा अरे आपको पता है ऑक्सीजन हमेशा दो बॉन्ड बनाता है तभी उसके पास क्या रहता है भैया इसकी वैलेंसी पूरी हो पाती क्योंकि इसके वैलेंस शल में छह होते हैं दो और इलेक्ट्रॉन लेकर उसका ऑक्टेट्स जी तो उस समय फॉर्मल चार्ज जीरो लेकिन अगर सिर्फ एक बॉन्ड बना है तो ध्यान रखिए हमेशा ऑक्सीजन पर -1 दिखेगा ही दिखेगा फॉर्मल चार्ज -1 होगा इस इसी तरीके से अगर ऑक्सीजन ने तीन बॉन्ड बना दिए तो ध्यान रखिए इसकी वैलेंसी होती है दो वैलेंसी से ज्यादा बॉन्ड कितना है एक बॉन्ड तो इसलिए इस पर एक प्लस आएगा क्या आएगा एक प्लस तो इस कंडीशन में जब तीन बॉन्ड बनाएगा तो फॉर्मल चार्ज + 1 आता है आई होप आपको ये बातें समझ में आ गई हो इसी से आपका काम बन जाएगा फार्मूले के चक्कर में परेशान होने की जरूरत नहीं है बात करते हैं रेजोनेंस की o3 बनाना हमें आता है o3 बना कर के आपको समझ में आया होगा कि ऑक्सीजन डबल बॉन्ड ऑक्सीजन और ये भाई साहब इनको इस तरीके से ॉन डोनेट करते हैं ये हम जानते हैं अब इस कोऑर्डिनेट बॉन्ड को कोवलेंको कोऑर्डिनेट बॉन्ड है उसमें इलेक्ट्रॉन दे कौन रहा है ये ऑक्सीजन जो इलेक्ट्रॉन देता है उस पर लगाइए पॉजिटिव चार्ज जो इलेक्ट्रॉन लेता है उस पर लगाइए नेगेटिव चार्ज और कोऑर्डिनेट की जगह पर इनके बीच में एक कोवलेंको आना चाहिए ये क्या है ये कोऑर्डिनेट बॉन्ड है क्या हां है ये क्या है इनकी के बीच में एक कोवलेंको है लेकिन इस समय एक प्लस और माइनस भी बना हुआ है अब एक चीज समझिए रेजोनेंस क्या होता है रेजोनेंस में हम डी लोकलाइजेशन ऑफ पाई इलेक्ट्रॉन देखते हैं पाई इलेक्ट्रॉन का समझना ये जो नेगेटिव चार्जेस हैं वो भी पाई इलेक्ट्रॉन में गिने जाते हैं ये जो नेगेटिव चार्ज है जब वो यहां आता है तो यहां जो पाई बॉन्ड होता है ना वो दोनों पाई बॉन्ड के इलेक्ट्रॉन उठक के इस ऑक्सीजन की खोपड़ी पर सवार होने चल जाते हैं तो पाई इलेक्ट्रॉन के नाचने से ध्यान से सुनिए पाई इलेक्ट्रॉन के नाचने के प्रोसेस को रेजोनेंस कहते हैं और जब कभी भी रेजोनेंट स्ट्रक्चर बनाइए तो पहले हमेशा सिग्मा बॉन्ड बनाइए क्या करिए पहले हमेशा सिग्मा बॉन्ड बनाइए उसका स्केलेटन तैयार करिए इसके बाद देखिए क्या हुआ है ध्यान से सुनिए ये इलेक्ट्रॉन इन दोनों के बीच में आएगा तो एक बॉन्ड यहां बनाएगा ये इलेक्ट्रॉन इन दोनों के बीच में आएगा बॉन्ड यहां बनाएगा अब जो पाई इलेक्ट्रॉन है वो दोनों उठकर इस ऑक्सीजन पर आएंगे तो यहां पर नेगेटिव चार्ज आएगा क्या इस प्लस पर कोई फर्क पड़ा नहीं पड़ा इसलिए ये दोनों आपस में रेजोनेंट स्ट्रक्चर्स कहलाएंगे क्या कहलाएंगे स्ट्रक्चर्स कहलाएंगे और इनके बीच में जो साइन बनता है वो साइन ऐसा है कि मतलब ये देखिए इससे ये बनाया जा सकता है इससे ये बनाया जा सकता है समझ में नहीं आया होगा तो इसको मैं दोबारा बता देता हूं इसको मैं भैया जी दोबारा बता देता हूं क्या कहना चाह रहा हूं ये स्ट्रक्चर इसमें कन्वर्ट हो गया तो इसको बनाते हैं ऐसे और यही इलेक्ट्रॉन अगर आप यहां लेकर के आइए तो जो यहां के पाई इलेक्ट्रॉन है ना वो उठ कर के यहां आ जाएंगे तो इसका मतलब इससे आप ये भी बना सकते हैं तो इसलिए रेजोनेंस का ये साइन बनेगा जो मैंने अभी आपको बना के दिखाया अब अब इसी तरीके से हमें बनाना होता है क्या भैया रेजोनेंस हाइब्रिड कैसे बनाना है जब कभी भी कोई रेजोनेंस हाइब्रिड बनाने को बोले तो क्या करिए तीनों ऑक्सीजन को पहले सिग्मा बॉन्ड के थ्रू कनेक्ट कर लीजिए सर कनेक्ट कर लिया इसके बाद देखिए कि पाई बॉन्ड कहां-कहां नाचने गया था पहले वो यहां नाच रहा था पहले वो यहां था लेकिन अब देखो इस वाले स्ट्रक्चर में वो यहां है इसका मतलब पाई बॉन्ड दो जगह नाच रहा है कभी यहां कभी यहां कभी यहां कभी यहां मतलब वो एक जगह नहीं दोनों जगह अवेलेबल है तो इसलिए एक पाई बॉन्ड को आप क्या करिए दो जगह पर दिखाने के लिए डॉट लाइन यूज करिए इस इन दोनों डॉट लाइन को आप मिलाएंगे तो एक पाई बॉन्ड बनेगा इसका मतलब ये होता है तो इस तरीके से हमें क्या मिल गया रेजोनेंस हाइब्रिड मिल गया क्या बोलते हैं इसको रेजोनेंस हाइब्रिड बोलते हैं रेजोनेंस हाइब्रिड में आप क्या देखते हो यहां ऑक्सीजन ऑक्सीजन में एक सिग्मा बॉन्ड है और यहां पर आधा पाई बॉन्ड है अरे भैया एक पूरा पाई बॉन्ड यहां है लेकिन जब यहां नाचेगा यहां नाचेगा यहां नाचेगा यहां नाचेगा तो क्या होगा जी अरे बोलो रे बालक यहां पे एक सिग्मा होगा और आधा पा मतलब 0.5 पा होगा इसका मतलब अगर मैं इस टोटल को मिलाऊं तो 1.5 बॉन्ड ऑर्डर आएगा क्या आएगा बॉन्ड ऑर्डर इसको बोलते हैं बॉन्ड ऑर्डर अब इसको निकालने का भी तरीका है मेरे पास तरीका व भी है अगर आप इस तरीके से नहीं समझ पा रहे हैं तो यह समझिए कि बॉन्ड ऑर्डर लिखा जाता है नंबर ऑफ सिग्मा + पा डिवाइड बा सिग्मा ध्यान से देख लीजिए यहीं पर लगा कर के बता देता हूं ऐसे सिग्मा जहां पे रेजोनेंस चल रहा है तो आप देखते हैं एक दो दो दो सिग्मा बॉन्ड है जहां पे रेजोनेंस चल रहा है दो सिग्मा बॉन्ड पाई बॉन्ड कितने एक ही पाई बॉन्ड है तो एक पाई बॉन्ड डिवाइड बायट तो 3/2 3/2 मतलब कितना होता है जी 1.5 होता है 1.5 तो इसका मतलब बॉन्ड के बीच में एक तो सिग्मा होगा आधा पाई एक सिग्मा आधा पाई तो ये चीज यहां पे मैंने दिखा दी है अच्छा अगर दो लोगों के बीच में बॉन्ड ऑर्डर सेम होते हैं तो कहा क्या जाता है बॉन्ड लेंथ सेम होती है इसीलिए अगर मान लो ये वाला बॉन्ड लेंथ x स्ट्रम है तो यह वाला बॉन्ड लेंथ भी एक्स एस्ट्रम ही होगा दोनों बॉन्ड लेंथ एक्स एस्ट्रम ही होगा ध्यान देंगे दोनों ही बॉन्ड लेंथ क्या होंगे एक्स एस्ट्रम होंगे अब यह लग रहा है कि नए पेन से कभी नहीं पढ़ाना चाहिए है ना ये बीच-बीच में लटक जाते हैं भाई साहब एक्स एस्ट्रोम तो ये वाली बॉन्ड लेंथ और ये वाली बॉन्ड लेंथ क्या आएगी सेम आएगी शायद लॉजिकली आपको यह बात समझ में आ गई हो अब कभी-कभी पूछा जाता है कि बताओ इनमें से कौन सा मॉलिक्यूल एजिस्ट नहीं करता कौन नहीं करता उसके लिए लिखा है कि अनअवेलेबिलिटी ऑफ डी ऑर्बिटल इन सेकंड पीरियड एलिमेंट आपको पता है कि जितने भी सेकंड पीरियड एलिमेंट होते हैं जैसे कि बोरनन है कार्बन है नाइट्रोजन है ऑक्सीजन है फ्लोरीन है ये लोग कभी भी ये लोग कभी भी क्या कर सकते हैं कोवलेंको भैया देख लीजिए फ्लोरीन तो एक ही बॉन्ड बनाता है ये जितने भी लोग हैं ये मैक्सिमम हाइब्रिडाइज्ड थ्र कर सकते हैं पता है क्यों क्योंकि इन सबके पास सेकंड पीरियड एलिमेंट के पास d ऑर्बिटल नहीं होते इसीलिए वहां पर कभी भी कभी भी आप ऐसा हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन sp3 d2 हाइब्रिडाइज्ड के अंदर देखने को नहीं मिल सकती क्योंकि इनके पास d ऑर्बिटल होता ही नहीं है पेपर में पूछा जाता है कि ncl5 एजिस्ट नहीं करता बट ये एजिस्ट करता है क्यों तो इसका जवाब सुनिए यहां नाइट्रो डजन पर अगर पांच क्लोरीन लगाएंगे तो स्टेरिक नंबर फाइव आएगा क्या आएगा स्टेरिक नंबर फाइव अगर स्टेरिक नंबर फाइव आएगा तो हे बालक यहां पर हाइब्रिडाइज्ड इइ शो कर सकता है अरे बोलो रे भैया कभी शो कर सकता है अभी तो मैंने बताया था कि नाइट्रोजन मैक्सिमम हाइब्रिडाइज्ड एलिमेंट है इसीलिए कहा जाता है कि ये जो है एजिस्ट नहीं करता बट ये क्यों एजिस्ट करता है वो समझिए ये है फास्फोरस फास्फोरस है भैया थर्ड पीरियड एलिमेंट और जो थर्ड पीरियड एलिमेंट्स होते हैं उनके पास s ऑर्बिटल भी है p ऑर्बिटल भी है डी ऑर्बिटल भी है इसलिए यहां पर इसलिए यहां पर sp3d हाइब्रिडाइज्ड नहीं करते ये एजिस्ट नहीं करते और ये एजिस्ट करते हैं ये पेपर में पूछा जाता है आइए ऑड इलेक्ट्रॉन स्पीशीज में कभी-कभी हाइब्रिड आपको परेशान करता है उस कंड कंडीशन में आपको बुद्धि क्या लगानी है काउंट वैलेंस सेल इलेक्ट्रॉन पेयर ऑफ सेंट्रल एटम इफ ध्यान सुनिए बताऊंगा मैं समझाऊ इफ इलेक्ट्रोनेगेटिविटी ऑफ साइड एटम इज ग्रेटर दन र इक्वल टू 2.5 यहां पर जब कभी भी ऑड इलेक्ट्रॉन स्पीशीज मिले तो आप हमेशा ये देखा करिए कि जो साइड एटम्स हैं जो साइड एटम्स हैं क्या उनकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 2.5 से ज्यादा है पॉलिंग स्केल पे अगर ज्यादा है या बराबर है तो उस कंडीशन में आप ऑड इलेक्ट्रॉन को स्टेरिक नंबर के अंदर कंसीडर करेंगे अदर वाइज नहीं करेंगे सर ये गुणा गणित समझ में नहीं आई थोड़ा लिख के बताइए आप तो ऐसे बोल के चले जाओगे हमें कुछ समझ में नहीं आएगा अरे हे बालक ऐसा पॉसिबल नहीं है देखिएगा ये जो नाइट्रोजन है इन पर चक कर ये तो डबल बॉन्ड ऑक्सीजन इस तरीके बनाएगा ये एक ही इलेक्ट्रॉन है एक इलेक्ट्रॉन के लिए हम इसको ऑड इलेक्ट्रॉन कह रहे हैं ठीक है जी तो देखिएगा यहां पर आपसे पूछा जाए क्या स्टेरिक नंबर में ये ऑड इलेक्ट्रॉन गिना जाएगा तो सुनिए no2 में क्या है दो साइड एटम है no2 में दो ऑक्सीजन साइड एटम के रूप में है एक इलेक्ट ॉन है क्या इस एक इलेक्ट्रॉन वाले को देखो ये लोन पेयर नहीं है कि इसको गिन गिनना ही गारंटी है अगर एक ही इलेक्ट्रॉन है तो कब गिनना है कब नहीं गिनना ये जानना है देखो तब गिनना है इसको स्टेरिक नंबर के अंदर जब साइड डटा मतलब यहां पर जो ऑक्सीजन है उसकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी आपको पता है कितना आती है थ्री के आसपास आती है मतलब 2.4 से ज्यादा है 2.5 से ज्यादा है इसलिए अबकी बार + व करेंगे सर + व क्यों किया हमने क्योंकि ये लॉजिक कहता है कि जो स्टेरिक नंबर है उसको जब भी गिनिया आप तो वहां पर ध्यान रखिए कि अगर साइड एटम की इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 2.5 से ज्यादा नजर आती है तो इस एक इलेक्ट्रॉन को भी स्टेरिक नंबर के अंदर गिन दीजिए और अगर स्टेरिक नंबर यहां पर तीन नजर आता है थ्री नजर आता है अगर स्टेरिक नंबर थ्री नजर आता है तो हे बालक यहां पर sp2 हाइब्रिडाइज्ड साइड टम फ्लोरीन है और फ्लोरीन तो मोस्ट इलेक्ट्रोनेगेटिव जिसकी पॉलिंग स्केल पर वैल्यू होती है फोर इसका मतलब मतलब ये एक इलेक्ट्रॉन भी स्टेरिक नंबर के अंदर गिना जाएगा तो देख लीजिए तीन फ्लोरीन है मतलब तीन साइड एटम है और जो ये एक इलेक्ट्रॉन है ये भी एक स्टेरिक नंबर में कंट्रीब्यूट करेगा मतलब यहां पर फोर आएगा और फोर आने पर हाइब्रिडाइज्ड आएगा देखिएगा यहां पर हाइड्रोजन है यहां पर हाइड्रोजन है यहां पर हाइड्रोजन है ये तीनों हाइड्रोजन का आप तीनों हाइड्रोजन क्या एक एक ही हाइड्रोजन को देख लीजिए उसकी आपकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी वैल्यू 2.1 निकल के आती है अब ये तो 2.1 का मतलब क्या हुआ इसका इलेक्ट्रोनेगेटिव पावर कम है अगर कम है तो उस समय इस इलेक्ट्रॉन को स्टेरिक नंबर के अंदर मत गिनिगे तो यहां पर स्टेरिक नंबर लिखा जाएगा तीन क्लोरीन का है ना सॉरी तीन हाइड्रोजन का और कुछ भी नहीं लिखा जाएगा ध्यान दीजिएगा इसलिए यहां पर sp2 हाइब्रिडाइज्ड बने हैं माना कि अगर sp2 हाइड्रेशन आएंगे तो यहां पर तीन बॉन्ड तैयार हो जाएंगे लेकिन ये जो इलेक्ट्रॉन है वो कहां रहेगा तो ये भैया प्योर पी ऑर्बिटल के अंदर रहेगा प्योर पी ऑर्बिटल के अंदर रहेगा अरे भैया जो ऑर्बिटल जो ऑर्बिटल हाइब्रिड में पार्टिसिपेट नहीं कर रहा है उसके को क्या कहते हैं उसको कहते हैं कि भैया वो प्योर ऑर्बिटल है ये थोड़ा आज यहां पर क्या लिखेंगे प्योर प ऑर्बिटल इधर से ज्यादा अच्छा लिखा जा रहा है तो आपसे यही से लिखते हैं ठीक है जी बात समझ में आ गई होगी आई होप अबकी बार हमने कंसीडर नहीं किया लेकिन यहां पर दोनों पर ऑड इलेक्ट्रॉन को स्टेरिक नंबर के अंदर हमने गिना हुआ है लॉजिकल है समझ में आ गया होगा बात ड्रैगोमन कैसे कहते हैं किसे कहते हैं याद कराऊंगा एक मिनट में से याद कर लीजिएगा ड्रागो कंपाउंड जो हैं वो नाइट्रोजन फैमिली और ऑक्सीजन फैमिली में देखने को मिलते हैं नाइट्रोजन फैमिली और ऑक्सीजन फैमिली के हाइड्राइड्स में देखने को मिलते हैं तो याद करने का तरीका क्या है नो हाइब्रिडाइज्ड वो कंपाउंड्स होते हैं जहां पर कोई भी हाइब्रिडाइज्ड देखने पर नहीं मिलता सेंट्रल एटम पर जब भी चेक किया जाता है और यह कहां मिलता है नाइट्रोजन और ऑक्सीजन फैमिली में लेकिन खास ख्याल ये रखिएगा कि इन दोनों को छोड़कर इन दोनों में आपने पढ़ा होगा कि sp3 हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन आता है लेकिन इस पूरे फैमिली में इसके बाद जितने हाइड्राइड्स आएंगे जितने भी हाइड्राइड्स आएंगे उनमें कोई भी हाइब्रिडाइज्ड रहे हैं यहां पर आप कहिए नो हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन नहीं पाया जाता तो अगर कोई तुमसे पूछे कि पी3 में फास्फोरस पर कौन सा हाइब्रिडाइज्ड नहीं होगा यहां जो हमारा पी मतलब कि फास्फोरस है वो अपने प्योर प ऑर्बिटल यूज करके हाइड्रोजन को अपने आप से कनेक्ट करता है अच्छा जी इसी वजह से ध्यान से सुनिए क्योंकि यहां पर प्योर प ऑर्बिटल यूज होते हैं और हमें पता है कि प्योर प ऑर्बिटल एक दूसरे से 90 डिग्री पर होते हैं इसीलिए यहां पर बॉन्ड एंगल थीटा एप्रोक्सीमेट 90° देखने को मिल जाता है तो ध्यान दीजिएगा इन सब में 90° का बॉन्ड एंगल आपको देखने को मिल जाएगा और इनमें कोई भी हाइब्रिड नहीं होता इन्हीं को हम ड्रैगोमन कहते हैं कृपया इनको ड्रागो कंपाउंड में मत गनिए ग ये ड्रेगो उस कंपाउंड नहीं है क्योंकि इनका हाइब्रिड sp3 आता है टेट्रा हैडल इसकी ज्योमेट्री आती है अगर आपने ध्यान से पढ़ा हो तो अच्छा जी आइए अब बातचीत और चर्चा का विषय बनाते हैं बॉन्ड एंगल को बॉन्ड एंगल क्या होता है दो बॉन्ड्स के बीच में जो एंगल है वही बॉन्ड एंगल है निकालने का तरीका क्या कैसे पूछा जाता है आपको ऐसे मॉलिक्यूल दिए जाएंगे जहां पर कोई लोन पेयर नहीं है तो उस समय सिर्फ एक बुद्धि लगाइए दैट इज हाइब्रिडाइज्ड पेयर ही नहीं है सेंट्रल एटम पर सिर्फ एक बेसिक बुद्धि लगानी है हाइब्रिडाइज्ड इइ में हमने पीछे बताया है कि थीटा कैसा आता जैसे लीनियर के केस में अगर मैं कहूं ए हाइब्रिडाइज्ड 9° 28 मिनट आता है तो चलिए कंपैरिजन करके दिखा देता हूं co2 की बात करें तो हमें पता है कि कार्बन पर sp2 हाइब्रिडाइज्ड आएगा तो हमें पता होता है कि यहां पर है ना sp2 आएगा अरे सर काहे गलत पढ़ाते हो इतना तो हमें भी पता है अरे बालक यहां पर ए हाइब्रिड होगा और यहां थीटा जो होगा वो 180 डिग्री होगा लेकिन so3 की अगर मैं बात करूं तो so3 पर हाइब्रिडाइज्ड अगर मैं x4 की बात x4 की बात करूं तो जो जेनन है वहां पर हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन आता है sp3 हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन ध्यान से सुन लीजिएगा अगर आपको कि इनके सेंट्रल एटम पर कोई भी लोन पेयर ना मिले तो उनका डायरेक्ट हाइब्रिड निकाल लीजिए थीटा से कंपेयर कर लीजिए आपको ऑर्डर अपने आप आ जाएगा बताइए ज्यादा कहां पर है तो बॉन्ड एंगल का ये ऑर्डर देखने को मिलता है लेकिन अक्सर यही नहीं आएगा ये भी आएगा मॉलिक्यूल विद लोन पेयर अभी हमने क्या बात करी थी ऐसे मॉलिक्यूल जहां पर लोन पेयर नहीं है अब बात कर रहे हैं ऐसे मॉलिक्यूल की जहां लोन पेयर हैं तो उस कंडीशन में देखेंगे हम नंबर ऑफ लोन पेयर अगर नंबर ऑफ लोन पेयर किसी सेंट्रल एटम पर ज्यादा है तो बॉन्ड एंगल थीटा की वैल्यू वहां पर कम आती है ध्यान दीजिएगा सेंट्रल एटम पर जितने लोन पेयर बढ़ते जाएंगे बॉन्ड एंगल उतना छोटा होता जाएगा रिपल्शन की वजह से एग्जांपल के तौर पर ch4 nh3 और h2o सब में देखेंगे सब में एक ही हाइब्रिडाइज्ड ऑफ लोन पेयर भैया दो दिखाई देगा ब बॉन्ड बना के देख लीजिए जहां पर लोन पेयर ज्यादा है जहां पर लोन पेयर ज्यादा है वहां बॉन्ड पेयर को रिपेल हो कर के छोटा होना पड़ता है तो यहां पर देख लीजिए ये ऑर्डर देखने को मिल जाता है कांसेप्चुअली और अच्छे से समझना चाहते हैं सर स्ट्रक्चर बना देते तो सर एकदम प्रसन्न हो जाता मैं बात समझ में आ जाती तो देख लीजिए भैया ये वाटर मॉलिक्यूल है यहां पर लोन पेयर है यहां पर लोन पेयर दो लोन पेयर होंगे तो ये आपस में रिपेल करेंगे फिर ये लोग इस बॉन्ड को रिपेल करेंगे ये इस बॉन्ड को रिपेल करेंगे जब दोनों बॉन्ड रिपेल होंगे तो वो छोटे हो जाएंगे इसलिए सबसे कम वैल्यू देखने को मिलती है बॉन्ड एंगल के फॉर्मेट में आई होप आपको आनंद आया हो अगला देखिएगा इलेक्ट्रोनेगेटिविटी ऑफ इलेक्ट्रोनेगेटिविटी ऑफ साइड एटम ये केवल फ्लोरीन और इसमें लगाइए ये कहीं और नहीं लगाना है ध्यान दीजिएगा ये सिर्फ इन्हीं दोनों में लगाइए ठीक है ये यहीं पर लगाना है फ्लोरीन एंड हाइड्रोजन के केस में तो जब इलेक्ट्रोनेगेटिविटी की वैल्यू बढ़ती है देख लीजिए क्या लिखा है इलेक्ट्रोनेगेटिविटी ऑफ साइड एटम साइड एटम के इलेक्ट्रोनेगेटिविटी की अगर वैल्यू बढ़ती है तो जो थीटा होता है कृपया ध्यान दीजिएगा जो थी थीटा होता है वो वहां पर कम नजर आता है इलेक्ट्रोनेगेटिविटी के ज्यादा होने से इलेक्ट्रोनेगेटिविटी के ज्यादा होने से साइड टर्म के इलेक्ट्रोनेगेटिविटी के ज्यादा होने से थीटा क्या आता कम आता जैसे देखो यहां पर भी ऑक्सीजन सेंट्रल एटम है यहां भी ऑक्सीजन सेंट्रल एटम है लेकिन यहां वाटर में देख लीजिए वाटर में क्या होगा इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी बॉन्ड में यहां आएगी यहां आएगी कैसे पता कैसे पता चला अरे ऑक्सीजन ज्यादा इलेक्ट्रो नेगेटिव है हाइड्रोजन से तो इलेक्ट्रॉन वो अपनी तरफ खींच के ले जाएगा बॉन्ड का बॉन्ड का इलेक्ट्रॉन कौन खींच के ले जाएगा ऑक्सीजन क्यों क्योंकि वो ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव है ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव है कौन इसमें ऑक्सीजन इसलिए ये यहां पर रिपल्शन होगा जब इलेक्ट्रॉन डेंसिटी बहुत पास आ जाएंगे तो रिपल करके इसको दूर कर देंगे तो इसलिए वाटर में जो थीटा होगा वो थोड़ा ज्यादा आएगा किसके कंपैरिजन में कह रहा हूं मैं इसके कंपैरिजन में तुम यहां से कंपेयर मत करने लग जाना तो यहां से कंपैरिजन में मैंने ये बात पढ़ाई सिमिलरली अगर आप of2 में देखें of2 में देखें ध्यान दीजिएगा of2 में देखें तो आपको पता है कि फ्लोरीन ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव है तो बॉन्ड के इलेक्ट्रॉन को वो अपनी तरफ खींच के के ले आएगा तो अबकी बार इलेक्ट्रॉन यहां आ गए अबकी बार बॉन्ड के दोनों इलेक्ट्रॉन यहां आ गए तो यहां पर देखो गैप ज्यादा हो गया तो यहां पर रिपल्शन क्या होगा कम से कम अगर इनके बीच में रिपल्शन कम से कम होगा तो भैया जी वो और करीब आ सकते हैं तो इसलिए थीटा यहां कम और यहां ज्यादा होता है तो ये लॉजिकल है रटना नहीं है बुद्धि लगा कर के सीखा जा सकता है ध्यान रखिएगा ये जो वाटर हमने अबकी बार बनाया है ये इसके कैटेगरी में लाई कर गया अब आइए अगला देखते हैं ये कब लगाना है ऑक्सीजन से जुड़ा हुआ जैसे हाइड्रोजन है या फ्लोरीन है ये सब बुद्धि तब लगानी है है हाइड्रोजन एंड फ्लोरीन जज अ साइड एटम लेकिन सेंट्रल एटम की साइज के बढ़ने से क्या होता है सेंट्रल एटम के साइज के बढ़ने से थीटा कम हो जाता है ठीक है सेंट्रल एटम कौन है जैसे यहां पर सल्फर सल्फर की साइज बड़ी है अगर सल्फर की साइज बड़ी है तो ध्यान रखिएगा यहां पर थीटा क्या आएगा कम आएगा ऊपर वाले में ज्यादा आएगा अगली चीज साइज ऑफ सेंट्रल एटम की बात करें तो देखें साइज सॉरी सॉरी साइज ऑफ सेंट्रल एटम तो यहां निपटा दिया ये साइड एटम है ए साइड एटम की अगर साइज बढ़ गई साइड एटम की साइज बढ़ गई तो थीटा बढ़ जाएगा लॉजिकल है अभी समझा देता हूं जैसे अगर मैं ob21 ज्यादा नजर आएगा क्योंकि ये बड़े साइज के हैं ब्रोमीन लेकिन अगर मैं क्लोरीन की बात करूं कृपया ध्यान दें क्लोरीन साइज में छोटे हैं क्लोरीन साइज में छोटे हैं तो ये आपस में ज्यादा रिपेल नहीं करेंगे तो ये पास आ सकते हैं इसलिए ये देखने को मिलता है तो ये जो कांसेप्ट दिखाया उसको एक बार प्रैक्टिस कर लीजिएगा आइए बात करते हैं डाइप मूमेंट की जैसे डाइप मूमेंट को मैं ऐसे समझा देता हूं है क्यों क्योंकि एक प्लस बन रहा है एक माइनस डाई मतलब दो पोल मतलब समझिए कि पॉइंट तो एक प्लस पॉइंट एक माइनस पॉइंट डाई पोल क्रिएट हो रहा है अगर डापोर क्रिएट हो रहा है तो मैथमेटिकली इसको कैसे लिखा जाएगा इस पर कितने चार्जेस वगैरह हैं इसको लिखा जाता है डापोर मोमेंट म के फॉर्म में डापोर मोमेंट म इज इक्वल टू होता है जितने चार्जेस इन पर अवेलेबल हैं दैट इज q मल्टीप्ला बाय इनके बीच की जो लेंथ है दैट इज l तो म = q * l हो जाता है तो इस तर तरीके से डाइप पल मोमेंट को एक्सप्लेन करते हैं मैथमेटिकली आई होप आपको समझ में आ गया हो पोलैरिटी क्रिएट होने का मतलब क्या है पोल्स का क्रिएट होना वो कब होगा जब एक ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव है जैसे क्लोरीन और दूसरा कम इलेक्ट्रोनेगेटिव है तो ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव के ऊपर नेगेटिव चार्ज और कम इलेक्ट्रोनेगेटिव के ऊपर पॉजिटिव चार्ज आएगा ही आएगा आई होप समझ में आया हो देखो भैया अब यहां पे ना एक डायरेक्शन बनाने का तरीका होता है क्या समझना ध्यान से जैसे क्लोरीन है वो ज्यादा इलेक्ट्रो नेगेटिव है तो इलेक्ट्रॉन कौन खींच रहा है क्लोरीन तो इस तरीके से डायरेक्शन बनाना होता है एक छोटी सी लाइन और इधर बना दीजिए तो डाइप मोमेंट एक वेक्टर क्वांटिटी है और दो डाइपिस का हम रिजल्टेंट निकालना जानते हैं उस हिसाब से हम मॉलिक्यूल के डापोर मूमेंट को एक्सप्लेन कर सकते हैं जैसे कि देखिएगा अगर कोई लीनियर मॉलिक्यूल है जैसे कि co2 तो लीनियर मॉलिक्यूल को ले लीजिए c o c ब o ज़्यादा इलेक्ट्रो नेगेटिव कौन है बताओ ज़्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव ऑक्सीजन तो इलेक्ट्रॉन वह अपनी तरफ खींचेगा यहां पर भी इस बॉन्ड में इलेक्ट्रॉन यह अपनी तरफ खींचेगा दोनों में डापोर मोमेंट सेम आएगा क्योंकि दोनों में एटम्स सेम है है ना भैया चार्ज और लेंथ पर ही तो डिपेंड करता है तो दोनों में मान लीजिए कि इस बॉन्ड के अंदर डापोर मोमेंट u है इस बॉन्ड के अंदर भी डापोर मोमेंट म है तो आपस में कैंसिल आउट हो जाएंगे क्योंकि ये वेक्टर क्वांटिटीज हैं तो ध्यान रख लीजिए एक ही लाइन में निपटा देता हूं ऐसे मॉलिक्यूल जहां पर लोन पेयर नहीं होते ऐसे मॉलिक्यूल जिनके सेंट्रल एटम पर लोन पेयर नहीं होते अगर वो शकल से लीनियर है तो इन सबके लिए डापोर मोमेंट म रिजल्टेंट डापोर मोमेंट म की वैल्यू जीरो आएगी तो देखो इन दोनों का दोनों वेक्टर का जो रिजल्टेंट निकलेगा दैट विल बी जीरो ठीक है जी याद रख पाएंगे हां सिमेट्री ज्योमेट्री का मतलब देखिएगा जैसे एक सेंट्रल एटम है उसके किनारे तीन फ्लोरीन लगे हैं तीनों सेम साइड एटम अगर हुए तो गारंटी है कि वहां पर भी डापोर मोमेंट म की वैल्यू रिजल्टेंट के तौर पे सब में जीरो आएगी लेकिन कंडीशन क्या है लोन पेयर नहीं होना चाहिए सर लेकिन आपने तो एक ऐसा यहां पे लिखा जहां लोन पेयर है तो हां उसको मैं एक्सप्लेन कर देता हूं समझिए यहां पर क्या होगा देखिएगा यहां पर होगा आपको बता चुका हूं मैं स्क्वायर प्लेनर इसकी ज्योमेट्री होगी अगर इसकी स्क्वायर प्लेनर ज्योमेट्री होगी तो लोन पेयर ऊपर होगा लोन पेयर नीचे होगा जो डापोर मोमेंट इस बॉन्ड में आएंगे उसका डायरेक्शन इधर है और इस वाले बॉन्ड का इधर है तो कैंसिल आउट इधर वाला इससे कैंसिल आउट लोन पेयर का लोन पेयर से कैंसिल आउट इस वजह से यहां पर भी डापोर मूमेंट जीरो आएगा क्योंकि ये सिमिट्रिकल मॉलिक्यूल है ठीक है जी आइए लेकिन कहीं पर एंगुलर मिल जाए एंगल मिल जाए जैसे सल्फर डबल बॉन्ड ऑक्सीजन क्या ये आपस में कैंसिल हो पाएंगे अरे जब ऐसे सीधे होंगे तब ना कैंसिल होंगे यहां कभी कैंसिल नहीं होंगे तो एंगुलर के केस में हमेशा आपको डापोर मोमेंट म की जो वैल्यू होगी हमेशा वहां पर जीरो आएगी और सॉरी जीरो के बराबर क्या होगी भैया नहीं आएगी कुछ ना कुछ वैल्यू आएगी है ना कुछ ना कुछ डापोर मोमेंट की वैल्यू आएगी कैसे पता देखना भैया यहां पर अगर मैं एंगल पर बनाऊं तो देखो ये इधर की तरफ खींचेगा डापोर मोमेंट में इलेक्ट्रॉन है ना ऑक्सीजन की तरफ तो बताइए दो वेक्टर का एक रिजल्टेंट नहीं बनेगा एक रिजल्ट बनेगा तो कुछ ना कुछ वैल्यू तो आई ना ये रिजल्टेंट है तो यही ू आ कह रहा हूं मैं तो रिजल्टेंट की वैल्यू जो कुछ ना कुछ आएगी जब एंगुलर होगा या अनसिमिट्रिकल होगा एंगुलर होगा या अनसिमिट्रिकल और आप एक चीज देखोगे एंगुलर और अनसिमिट्रिकल में हर जगह लोन पेयर है इन सब में हर जगह लोन पेयर इवॉल्व है तो जहां लोन पेयर है वहां गारंटी के साथ कहिए क्या भै आएगा रिजल्टेंट जो है वो जीरो के बराबर नहीं आएगा उसकी कुछ ना कुछ वैल्यू आएगी है ना तो इसको कहते हैं ध्यान से सुनिए ऐसे लोग ऐसे लोग जिन मॉलिक्यूल के लिए रिजल्टेंट की वैल्यू जो होती है वो जीरो के बराबर नहीं होती उसको कहते हैं पोलर मॉलिक्यूल मेरे साथ बोलेंगे क्या बोलते हैं उसको पोलर मॉलिक्यूल बोलते हैं और ऐसे मॉलिक्यूल जिनके लिए डापोर मोमेंट म की वैल्यू जैसे ये लोग हैं वो जीरो आती है उसको कहते हैं नॉन पोलर उसको क्या कहते हैं नॉन पोलर मॉलिक्यूल मेरे साथ ये लाइन बोल पाएंगे क्या बोलो बोलो नॉन पोलर बोलेंगे इन सबको नॉन पोलर और इन सब को हम पोलर मॉलिक्यूल की कैटेगरी में रखेंगे अब आपसे पूछा जाता है nh3 वर्सेस nf3 में तो ये देख लीजिए एक बार nh3 की अगर मैं बात करूं तो नाइट्रोजन से जुड़े हुए हैं हाइड्रोजन और यहां पर क्या है लोन पेयर ठीक है nf3 की सेम बात है सेम तरीके से लिखा जाता है कोई सक समस्या और संदेह है ही नहीं सक समस्या और संदेह है ही नहीं ध्यान से सुनेंगे ये लाइन समझ में आ जाएगी नाइट्रोजन और हाइड्रोजन में ज्यादा इलेक्ट्रो नेगेटिव अगर हाइड्रोजन है तो ये इलेक्ट्रॉन इधर शिफ्ट होगा नाइट्रोजन हाइड्रोजन में ज्यादा इलेक्ट्रॉन इधर शिफ्ट होगा यहां पर क्या होगा ये इलेक्ट्रॉन यहां शिफ्ट होगा ठीक है सारे डापोर मोमेंट्स के जो डायरेक्शन है वो ऊपर की तरफ है इसका मतलब एक रिजल्टेंट निकलेगा इसका तो म आ ऐसे ऊपर की तरफ होगा देखिए लोन पेयर का भी कैसे बनाते हैं जो सेंट्रल एटम है उससे थोड़ा दूर ऐसे छोटा सा इनका भी बना देते हैं तो ये तीन और एक ये मिलकर के एक रिजल्टेंट डापोर मूमेंट क्रिएट करेंगे यहां देखिए नाइट्रोजन एंड फ्लोरीन में फ्लोरीन ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव तो इलेक्ट्रॉन इधर आएगा यहां पर इलेक्ट्रॉन इधर आएगा यहां पर इलेक्ट्रॉन इधर आएगा और यहां पर डापोर मूमेंट बहुत छोटा सा बना दीजिए तो क्या होगा ये ऊपर की तरफ बाकी लोग क्या कर रहे हैं दूर जा रहे हैं तो यहां पर छोटा सा नीचे आएगा लेकिन ये रिजल्टेंट डापोर मोमेंट क्या होगा भैया कौन बड़ा होगा बताओ ये वाला ज्यादा बड़ा होगा क्योंकि यहां पर सारे इकट्ठा हो रहे हैं एक पॉइंट पर तो यहां पर एक डायरेक्शन में होने की वला से बड़े आएंगे लेकिन यहां पर क्या एक पॉइंट से दूर दूर जा रहे हैं तो इसका रिजल्टेंट बहुत छोटा आएगा इस वजह से ध्यान रखिएगा रिजल्टेंट डापोर मोमेंट रि रिजल्टेंट डापोर मोमेंट जो होगा इन दोनों में इसका ज्यादा होगा और ये पेपर में बहुत पूछा जाता है आई अगली बातचीत है मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल थ्योरी पर वो कर लेते हैं वो क्लियर हमें समझ में आना बहुत ज्यादा जरूरी है मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल जो थ्योरी है वो सबसे इंपॉर्टेंट थ्योरी है उसके बेसिक कांसेप्ट को हम सीख लेते हैं देखो भैया मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल थ्योरी क्या कहता है सुनिए ध्यान से ये भाई साहब कहते हैं कि देखो भैया दो एटम के जो एटॉमिक ऑर्बिटल हैं जब वो आपस में मिलते हैं तो एनर्जी एक मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल की कम हो जाती है जिसको कि हम बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल कहते हैं और एक मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल की एनर्जी बढ़ जाती है जिसको कि हम एंटी बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल कहते हैं तो इसका मतलब हुआ कि बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल में आपको कम एनर्जी नजर आएगी लेकिन एंटी बॉन्डिंग में आपको ज्यादा एनर्जी नजर आएगी अब इसको समझाता हूं तब समझ में आएगा जैसे मैं ले लेता हूं h2 मॉलिक्यूल अगर मैं h2 मॉलिक्यूल की बात करूं तो ध्यान दीजिएगा यहां पर हाइड्रोजन एटम का एटॉमिक ऑर्बिट बर्बिटल मान लीजिए 1s है जो कि 1 s1 लिखा जाता है यहां पर क्या लिखेंगे 1 s1 मैंने क्या लिया यहां एक हाइड्रोजन एटम लिया और यहां पे हाइड्रोजन एटम लिया दोनों के एटॉमिक ऑर्बिटल लिए 1s एंड 1s अब उन दोनों को जब मैं ओवरलैप करा रहा हूं तो मुझे एक बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल मिला एक एंटीबॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल मिला अब देखें s ऑर्बिटल आपस में जब मिलते हैं दो s ऑर्बिटल जीवन में कभी भी आपस में मुलाकात करेंगे तो हमेशा सिग्मा बॉन्ड बनाएंगे पता है क्यों क्योंकि s ऑर्बिटल के पास सिर्फ एक लोब है और दूसरे s ऑर्बिटल के पास एक लोब है मतलब 1:1 की ओवरलैपिंग सिग्मा बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा तो जिस बॉन्ड का फॉर्मेशन होगा उसी के हिसाब से बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल को लिखते हैं तो समझिए सिग्मा बॉन्ड बनता है इसलिए लिखेंगे सिग्मा फिर लिख देंगे 1s तो जो यहां पर बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल बना उसका नाम है सिगमा 1s और एंटी बॉन्डिंग वाले का नाम है सिग्मा स्टार 1s क्या सिगमा स्टार 1s क्या यहां तक की बात पचाने में कोई समस्या चाहे किसी को नहीं होनी चाहिए अब लिखा जाता है इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन ध्यान से सुनिए यहां पर एक इलेक्ट्रॉन है यहां पर एक इलेक्ट्रॉन तो टोटल इलेक्ट्रॉन मॉलिक्यूल के अंदर कितने हो गए 1 + 1 दो तो टोटल दो इलेक्ट्रॉन हो गए अब दो इलेक्ट्रॉन का इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन लिखना है तो क्या करिए दोनों इलेक्ट्रॉन को यहां नीचे भर दीजिए क्यों क्योंकि जो कोई भी चाहे वो एटॉमिक ऑर्बिटल हो चाहे वो मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल हो अगर एक ऑर्बिटल है तो वहां पर दो इलेक्ट्रॉन रखा जा सकता है अकॉर्डिंग टू पॉली एक्सक्लूजन प्रिंसिपल और सुनिए लाइन ध्यान से आप बाऊ कहते हैं जो लोअर एनर्जी में है पहले इलेक्ट्रॉन वहां रखिए ये दोनों इलेक्ट्रॉन को यहां एंटी बॉन्डिंग में मत डालिए बॉन्डिंग में डालिए क्योंकि उसकी एनर्जी कम है ऐसा कौन कहता है मेरे साथ बोलो ना कौन कहता है सर ये तो हमने सुना था आप बाऊ बाबा ये बात कहते थे अच्छा अगर ऐसा है तो क्या मैं इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन ऑफ h2 मॉलिक्यूल लिख सकता हूं लिख सकता हूं कैसे लिखेंगे सिगमा 1s सिग्मा 1s मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल में कितने इलेक्ट्रॉन है दो बस दिस इज द इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन ऑफ h2 मॉलिक्यूल तो ये बात बात अगर समझ में आ गई तो पूरी बातें समझने में बहुत आसानी हो गई आपके अब आइए हम निकालते हैं बॉन्ड ऑर्डर बॉन्ड ऑर्डर का फार्मूला होता है नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन इन बॉन्डिंग माइनस नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन इन एंटी बॉन्डिंग ए मतलब एंटीबॉन्डिंग डिवाइड बाय टू तो चलिए h2 मॉलिक्यूल के लिए बॉन्ड ऑर्डर निकाल कर बताइए नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन इन बॉन्डिंग बॉन्डिंग मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल में दो इलेक्ट्रॉन है अच्छा और नॉन बॉन्डिंग सॉरी एंटी बॉन्डिंग मतलब ये यहां सिग्मा स्टार में कोई है नहीं है मतलब जीरो डिवाइड बाय 2 तो कितना आ गया वन और आपको पता है कि दो हाइड्रोजन के बीच में एक सिग्मा बॉन्ड होता है तो वही यहां पर इस तरीके से निकाल कर बताया जाता है अब आइए अगली चीज क्या है पैराम मैग्नेटिक बिहेवियर देखो मैग्नेटिक बिहेवियर होते हैं दो तरीके के एक होता है पैराम मैग्नेटिक दूसरा होता है डायमैग्नेटिक पैराम मैग्नेटिक बिहेवियर तब बोला जाता है जब आप यहां पर इस तरीके से इलेक्ट्रॉन की फिलिंग करें और वहां पर नंबर ऑफ अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन की वैल्यू जीरो ना आए उसकी कुछ ना कुछ वैल्यू आए ध्यान रखिएगा नंबर ऑफ अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन की वैल्यू अगर जी जीरो के बराबर नहीं है कुछ ना कुछ आ रहा है जैसे एक अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन है दो अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन है अगर अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन है तो वहां पर मैग्नेटिक बिहेवियर को पैराम मैग्नेटिक बिहेवियर बोला जाता है और पैराम मैग्नेटिक बिहेवियर का मतलब होता है वो मैग्नेट के साथ इंटरेक्ट करता है मैग्नेट के साथ वो क्या करता है इंटरेक्ट करता है अच्छा जी बात समझ में आ गई अगली चीज डा मैग्नेटिक बिहेवियर का मतलब होता है नंबर ऑफ अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन जो होंगे वो जीरो के बराबर होंगे कोई भी अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन नहीं होगा जब मॉलिक्यूल के अंदर तो उसको कहेंगे वो डाया मैग्नेटिक बिहेवियर कर रहा है और जो डाया मैग्नेटिक बिहेवियर शो करता है वो मैग्नेट के साथ इंटरेक्ट नहीं होता अब आपसे पूछा जाता है कि बताइए यहां पर सारे इलेक्ट्रॉन पेयर्ड हैं क्या तो आपने देखा दो ही इलेक्ट्रॉन है ये दोनों इलेक्ट्रॉन एक दूसरे के साथ पेयर्ड हैं अगर ये रिश्ते में है पेयर्ड हैं तो इसका मतलब ये डाया मैग्नेटिक है तो बोला जाता है कि जो h2 मॉलिक्यूल है वो h2 मॉलिक्यूल डाया मैग्नेटिक नेचर का होता है वो मैग्नेट के साथ इंटरेक्ट नहीं करता दिस इज ऑल अबाउट मॉलिक्यूलर थ्योरी लेकिन अच्छे से और समझते हैं नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन अगर मॉलिक्यूल के अंदर 14 या 14 से कम है है ना जैसे मान लीजिए n2 ले लीजिए है ना अगर आप n2 प्स लेते हैं तब भी चलेगा n2 माइन लेते हैं तब भी चलेगा सर n2 माइनस में देखिए नाइट्रोजन के अंदर देखिएगा सर 14 इलेक्ट्रॉन एक -1 लेकिन ये तो गलत हो गया ना सर नहीं तो जो न्यूट्रल एटम है उससे क्रिएट हो तो चलेगा उससे क्रिएट होगा आयन तो चलेगा है ना ध्यान रखिएगा पहले आपको जो कुछ भी बताया जा रहा है वो न्यूट्रल के लिए बताया जा रहा है तो ये सारे के लिए एक यही है यही अभी बताऊंगा क्या है समझ जाओगे ठीक है जी तो नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन अगर 14 या उससे कम होती है तो कहा जाता है वहां ए मिक्सिंग होती है यह बात याद करनी है समझनी नहीं है ए मिक्सिंग होती है लेकिन अगर नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन 14 से ज्यादा है तो हम कहते हैं कि वहां पर कोई एपी मिक्सिंग नहीं होती जैसे एग्जांपल के तौर पर हम o2 मॉलिक्यूल ले लेते हैं या o2 से क्रिएट हुआ कुछ भी ले लो o2 प् ले लो कुछ भी ले लो o2 से क्रिएट हुआ o2 - o22 माइ ये सब कुछ यहीं का कंसीडर होगा या आप ले लीजिए o2 2+ अब देखने पे ऐसा लगता है o2 2+ कि देखो o2 का मतलब क्या हुआ एक ऑक्सीजन में आठ इलेक्ट्रॉन तो दो ऑक्सीजन में 16 इलेक्ट्रॉन 16 में से दो घटाओ 14 तो उसको आप सोचते हैं इधर लिखना है नहीं भैया दो तरीके का इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन देखने को मिलता है एक इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन इस हिसाब से बनाया जाएगा और एक इस हिसाब से बनाया जाएगा चलिए उसको देख लेते हैं अगर वो समझ में आ गया तो काम आपका बन चुका है देखिएगा जब नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन 14 या उससे कम होता है तो देखिए हमने क्या किया एटम का 1s और 1s लिया जैसा कि मैंने यहां पर h2 के केस में पढ़ाया हुआ है तो दोनों के 1s जब आपस में मिलते हैं तो यहां पर जो बनता है दैट इज सिग्मा 1s और यहां पर जो बनता है दैट इज सिग्मा स्टार 1s क्या आपके खोपड़ी में इतनी बात गई अरे यही तो बनाया सिगमा 1s सिगमा स्टार 1s इसी तरीके से 2s ऑर्बिटल दूसरे के 2s ऑर्बिटल के साथ जब भेंट मुलाकात रिश्तेदारी करता है तो वहां पर क्या बनेगा बोलो भैया अरे लिखो रे भाई यहां पर सिमा 2s लिखोगे और यहां पर सिग्मा स्टार 2s लिखोगे बोलो लिखोगे कि नहीं सर लिख देंगे इसके बाद देखें यहां पे 2p है ये थोड़ा ख्याल रखना पड़ता है ये 2p है जब 2p लेते हैं देख आपको पता है 1s 2s और 2p आता है ना इसके बाद 2p तो देखिएगा जब ए मिक्सिंग होती है तो नीचे की तरफ पाई दिखता है क्या नीचे की तरफ दो पाई ऑर्बिटल दिखते हैं मेरे साथ बोलिएगा दो पाई ऑर्बिटल दिखते हैं तो इसको लिखते हैं पाई ध्यान से सुनिए पा 2p क्या कहते हैं इसको भी कहते हैं पा 2p आपको पता है 2p के कितने होते बोलो बोलो px1 pz9 रहा है पाई बॉन्ड तो इसको कहते हैं 2py ठीक अब देखिए दो अगर यहां पर पाई बन गए तो एक बनेगा सिग्मा और यहां पे लिखेंगे सिगमा 2pz क्या लिखेंगे सिगमा 2pz क्योंकि px50 सिग्मा बनाने के लिए अच्छा और यहां हमेशा ख्याल रखिएगा यहां तो पाई फिर क्या है सिग्मा फिर यहां पर आता है पाई स्टार ध्यान रखेंगे पाई स्टार पाई स्टार इनका नाम कैसे लिखोगे जो यहां पे लिखा है वही छाप दो 2px तो यहां पर छाप दो 2py ठीक है जी य नाम बनना है यहां पे समा 2pz है तो यहां पर क्या होगा अरे सर हमको पता चल गया सिगमा स्टार 2pz होगा एक बात का खास ख्याल रखिएगा ये वाला पोर्शन एगजैक्टली यहां सेम आएगा एगजैक्टली सेम आएगा कोई अंतर नहीं है यहां तक में कोनों अंतर नहीं है दोनों सेम ही बात है जो आपने यहां लिखा है वो यहां लिख सकते हैं लेकिन ध्यान रखना जब आपको जब आपको दिया जाए जब आपको दिया जाए नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन जहां पर 14 से ज्यादा हो ऐसे मॉलिक्यूल दिए जाएं जहां पे नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन 14 से ज्यादा हो तो उस समय देखिए कैसे करते हैं उस समय ये भी 2p है ये भी 2p ही था इधर भी हमारा 2p था तो इस समय देखिएगा थोड़ा सा बदल जाती है चीज क्या जो यहां पे पहले पाई लिखा जाता था एनर्जी वाइज नीचे अब वो पाई थोड़ा ऊपर लिखा जाएगा जो यहां सिग्मा ऊपर लिखते थे वो सिग्मा नीचे मिलेगा बस इतना फर्क है और यह आपको अपनी खोपड़ी में बसाना पड़ेगा पा 2px पा 2py ठीक है और केवल यही अंतर यहां पे है यहां जैसा था वैसा ही यहां पे कॉपी कर दो यह वाला पोर्शन भी पूरा एगजैक्टली सेम होगा तो देख लीजिए नकल मार लेते हैं यहां पर लिखा है सिमा 2pz तो वही नकल मार लिया यहां पर क्या है पा स्टार पाई स्टार 2px पाई स्टार फिर क्या हो जाएगा जी 2py आई होप आपको ये सारी बातें समझ में आ गई हो सिमिलरली इसको लिखना हो तो हम क्या लिखेंगे सिगमा 1s इसको लिखेंगे सिगमा स्टार 1s इसको लिखेंगे सिगमा 2s इसको लिखेंगे सिग्मा स्टार 2s आई होप आपको ये बातें समझ में आई हो दुख दर्द परेशानी समस्याएं सारी खत्म हुई हो याद हो गया क्या याद करने के तरीके में बस इतना है कि आपको ऐसे याद करना है देखो दो ये देखो इतना पोर्शन तो सेम है मैं सिर्फ इको बता रहा हूं देखो दो मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल नीचे है तो लिखिए टू दो मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल फिर वन फिर लिखिए वन 2 1 2 1 लिखना सीख गए 2 1 21 यहां पे होगा लेकिन यहां की अगर मैं बात करूं तो यहां देखिए नट क्या लिखेंगे नट फिर क्या है 2 1 मतलब ऊपर की तरफ यहां भी 21 तो यहां भी 21 यहां बस नीचे की तरफ टू फिर वन यहां वन फिर टू ये बात आपकी खोपड़ी में बस जानी चाहिए चलिए मैं आपको n2 मॉलिक्यूल ढंग से पढ़ा के समझा देता हूं n2 मॉलिक्यूल में देखो दो नाइट्रोजन है तो दो नाइट्रोजन में एक नाइट्रोजन में सात इलेक्ट्रॉन है तो दो नाइट्रोजन में कितने होंगे 14 इलेक्ट्रॉन होंगे अब 14 इलेक्ट्रॉन को मैं भर के आपको दिखाता हूं बताता हूं ठीक है जी आइए देख लेते हैं आइए देख लेते हैं 14 इलेक्ट्रॉन को कैसे भरेंगे देखो पहले दो फिर यहां भरिए दो च दो 6 2 आ आठ भर लिया फिर नौ फिर 10 आदत डालिए हुंड रूल फॉलो करने की 10 फिर 11 फिर 12 फिर 13 फिर 14 ठीक फिर यहां पर आप चाहें तो इसी तरीके से बॉन्ड ऑर्डर निकाल लीजिए पैराम मैग्नेटिक निकाल लीजिए डायमैग्नेटिक अगर मैं आपसे मैग्नेटिक बिहेवियर बोलूं तो सारे इलेक्ट्रॉन देखो पेयर्ड है हर जगह पर दो-दो इलेक्ट्रॉन लिखे हैं मतलब n2 कैसा है n2 एक डाया मैग्नेटिक मॉलिक्यूल है n2 एक डाया मैग्नेटिक मॉलिक्यूल है अगर मैं यहां o2 के लिए बोलूं तो o2 में क्या होगा एक ऑक्सीजन में आठ इलेक्ट्रॉन तो दो ऑक्सीजन में 16 इलेक्ट्रॉन 16 इलेक्ट्रॉन को यहां पर भर कर के हमें चेक करना है चलिए चेक करते हैं अगर हम चेक करने जाए तो हम कितने भर रहे हैं भैया 16 देखना दो 2 4 2 6 2 8 2 10 10 भरने के बाद 11 12 13 14 14 भर दिया फिर 15 ध्यान से सुनिए एक देखिए यहां 16 इस तरीके से भरेंगे इसका मतलब o2 जो है एक पैरा मैग्नेटिक मॉलिक्यूल है क्योंकि यहां पर देखो दो अनपेयर ड इलेक्ट्रॉन मिल रहे हैं अगर दो अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन मिल रहे हैं मतलब वो पैराम मैग्नेटिक होगा तो इस तरीके से o2 एक पैराम मैग्नेटिक है आप इन सबको लिख कर के एक बार प्रैक्टिस कर लीजिएगा आई होप आपको आनंद आएगा अब हमें समझना है बैक बॉन्डिंग क्या होती है बैक बॉन्डिंग में समझ लीजिए बहुत बेसिक सी बात है a और b अगर इन दोनों ने पहले से बॉन्ड बना रखा है और सिचुएशन ऐसी आती है कि b के पास इलेक्ट्रॉन हैं b के पास इलेक्ट्रोंस हैं लेकिन a के पास वेकेंट ऑर्बिटल है और a का ऑक्ट नहीं भरा हुआ है ध्यान दीजिएगा a का ऑक्टेट्स है तो जिससे उसने सिग्मा बॉन्ड बनाया था वो क्या करेगा इस b से इलेक्ट्रॉन ले लेगा b से इलेक्ट्रॉन ले लेगा अपने वेकेंट ऑर्बिटल के अंदर तो जहां पे फील्ड ऑर्बिटल है वो वेकेंट ऑर्बिटल को इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर करेगा देखिए पहले से एक सिग्मा बना हुआ है तो अभी जो इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर हुआ उसे हम कहेंगे कि पाई बॉन्ड बन रहा है तो इनके बीच में कौन सा बॉन्ड बन रहा है पाई बॉन्ड लेकिन जो ये पाई बॉन्ड बन रहा है उसमें ऐसा नहीं कि एक एक इलेक्ट्रॉन ये दे रहे हैं एक इलेक्ट्रॉन ये ऐसा नहीं हो रहा है दोनों इलेक्ट्रॉन ये दे रहे हैं बी वाले इसलिए इसको कहते हैं कोऑर्डिनेट पाई बॉन्ड क्या कहते हैं को ऑर डी नेट कोऑर्डिनेट कोऑर्डिनेट पाई बॉन्ड बोलते हैं मेरे भाई मेरे बंधु ध्यान से समझना इसको कहते हैं कोऑर्डिनेट पाई बॉन्ड एंड दिस कोऑर्डिनेट पाई बॉन्ड इज नोन एज बैक बॉन्ड या बैक बॉन्डिंग इसी को बैक बॉन्डिंग कहते हैं ठीक है जी बस इतना ख्याल रखना है कि a या बी में से ध्यान रखना a या बी में से किसी एक का सेकंड पीरियड एलिमेंट का रहना जरूरी है हमेशा एक गारंटी है ऑलवेज ऐसा होना चाहिए दोनों में से एक कोई कम से कम सेकंड पीरियड एलिमेंट हो दोनों हो अच्छी बात है बैक बॉन्डिंग होगी लेकिन अगर मान लीजिए a जो है सेकंड पीरियड का है और बी जो है थर्ड पीरियड का है तब तो चल जाएगा तब भी चल जाएगा क्योंकि एक क्या हो गया एक सेकंड पीरियड एलिमेंट है एक कंडीशन और हो सकती है a जो है सेकंड सेकंड पीरियड एलिमेंट है और b भी जो है वो भी सेकंड पीरियड एलिमेंट है ये भी चल जाएगा लेकिन कभी भी ऐसा नहीं होना चाहिए कि a थर्ड पीरियड एलिमेंट हो और b भी थर्ड पीरियड एलिमेंट हो जब दोनों ही थर्ड पीरियड एलिमेंट होंगे तो उस कंडीशन में बैक बॉन्डिंग बहुत घटिया होगी आप उसको इग्नोर करके चलेंगे तो कंडीशन सिर्फ इतनी सी है जो मैंने बताया हुआ है ठीक है जी पीरियड एलिमेंट तो जानते होंगे सेकंड पीरियड एलिमेंट चलिए समझा दूंगा यहां पर देख लीजिए यहां पर देख लिए बोरनन के पास वेकेंट पी ऑर्बिटल है कैसे पता चला क्योंकि बोरनन का sp2 हाइब्रिडाइज्ड इजेशन बोरनन पर आएगा ट्रगल प्लेनर आएगा तो उस कंडीशन में ये वेकेंट प ऑर्बिटल होगा इसके पास क्या है अरे बोलो रे भैया इसके पास वेकेंट p ऑर्बिटल है ध्यान दीजिएगा ध्यान दीजिएगा वेकेंट p ऑर्बिटल है अच्छा जी लेकिन फ्लोरीन आपको पता है कि इसके पास लोन पेयर्स होते हैं और वो लोन पेयर्स यहां पी ऑर्बिटल में प्रेजेंट है पी ऑर्बिटल में प्रेजेंट है तो ये जो लोन पेयर है वो कहां पे हैं भैया प ऑर्बिटल के अंदर हैं अब हमारे पास दो पी ऑर्बिटल हैं एक इनके पास इनके पास तो होगा क्या सिग्मा बॉन्ड पहले बन चुका है अब वो कहेगा देखो यार तुम्हारे पास इलेक्ट्रॉन है मुझे डोनेट कर दो तो ये भी इनको डोनेट कर देगा तो इस समय जो आप बॉन्डिंग देख रहे हैं दिस बॉन्डिंग इज बैक बॉन्डिंग क्यों क्योंकि यहां पर क्या हो रहा है एक के पास इलेक्ट्रॉन नहीं है और दूसरे के पास इलेक्ट्रॉन है तो इस तरीके से दोनों के बीच में पाई बॉन्ड का फॉर्मेशन होता है ये बात समझ में आ गई तो ये यहां पर बैक बॉन्डिंग कंसीडर की जाती है आई होप आपकी खोपड़ी में ये बात एकदम उतर गई हो कोन दिक्कत कोन परेशानी कोन समस्या ना ही होनी चाहिए बालक अच्छा जी अगला देखते हैं लुवेस एसिड कैरेक्टर लुवेस एसिड कैरेक्टर का मतलब है ऐसा कौन है सेंट्रल एटम जिसके पास इलेक्ट्रॉन की कमी है और वो बाहर से वो इलेक्ट्रॉन की कमी पूरा करना चाहता है लोएस एसिड का मतलब होता है इलेक्ट्रॉन पेयर एक्सेप्टर इलेक्ट्रॉन पेयर एक्सेप्टर को इलेक्ट्रॉन पेयर एक्सेप्टर को हम लवेस एसिड कहते हैं चलिए चेक कर लेते हैं किसमें पूछा bf3 bcl3 एंड bbr3 तो देखो जो bf3 है उसमें फ्लोरीन क्या करेगा बोरनन का पेट भरेगा ये वाला फ्लोरीन भी इनको ध्यान से सुनिए ये वाला फ्लोरीन भी यहां इलेक्ट्रॉन दे सकता है ये फ्लोरीन भी यहां इलेक्ट्रॉन दे सकता है तो इस तरीके से जो बीच में बोरनन है उसका पेट भर जाएगा क्योंकि इसको पड़ोसी इलेक्ट्रॉन दिए जा रहे हैं दिए जा रहे हैं तो अगर इनको इलेक्ट्रॉन दिए जाएंगे तो इस तरीके से इनका पेट भर जाएगा और इनका पेट भर गया तो इस बोरनन का क्या होगा पेट भरा हुआ है पेट अरे भैया भेंट नहीं रे बाबा पेट भरा हुआ क्या लिखना है समझ जाओगे इनका पेट भरा हुआ तो इनको इलेक्ट्रॉन की जरूरत बाहर नहीं है तो ये सबसे घटिया लोएस एसिड होगा तो लोएस एसिड अच्छा कौन होगा ये पता है क्यों क्योंकि bbr3 की अगर मैं बात करूं तो यहां पर ब्रोमीन है यहां पर देखिए ब्रोमीन है यहां पे क्या है ब्रोमीन है अब देखिएगा ध्यान से समझने की कोशिश करिएगा ये बोरनन का तो सेकंड सेकंड ऑर्बिटल का है सेकंड पीरियड एलिमेंट बोरनन एक सेकंड पीरियड एलिमेंट है तो इसके पास 2p होगा लेकिन आपको पता है कि ब्रोमीन फोर्थ पीरियड एलिमेंट है तो इसके पास 4p होगा तो 2p एंड 4p अच्छे से ओवर लैप नहीं कर पाते इसीलिए कहते हैं कि बैक बॉन्डिंग नहीं होगी देखो 23 अलाउड है या तो 22 अलाउड है 33 अलाउड नहीं है 24 अलाउड नहीं है इसलिए यहां पर ये इलेक्ट्रॉन का ट्रांसफर अच्छे से नहीं हो पाता तो ये बोरनन भूखा रहता है तो बाहर से वो इलेक्ट्रॉन पेयर को एक्सेप्ट करने की टेंडेंसी रखता है तो इसलिए इसके अंदर करैक्टर ज्यादा देखने को मिलता है लॉजिकल था समझ में आया होगा ब्रिज बॉन्डिंग दो तरीके का देखने को मिलेगा एक होता है इलेक्ट्रॉन प्रोसाइज और दूसरा होता है इलेक्ट्रॉन डेफिसिट समझा दूंगा इलेक्ट्रॉन साइज में आपको जो साइड एटम दिखेंगे ये साइड एटम जो y है इसके पास लोन पेयर होना जरूरी है लोन पेयर अगर साइड एटम के पास होगा तो दो लोग आपस में मिल सकते हैं डाइमर का फॉर्मेशन कर सकते हैं दो यूनिट आपस में चिपक सकती हैं कैसे y के पास लोन पेयर होगा तो वो इनको डोनेट कर देगा सेंट्रल एटम को इस y के पास होगा तो ये इनको डोनेट कर देगा इसको कहते हैं ब्रिज बॉन्डिंग कैसे एक मॉलिक्यूल ये था दूसरा मॉलिक्यूल ये था इनके बीच में ब्रिज बन गया क्या बन गया ब्रिज बन गया और इस ब्रिज बॉन्डिंग में बाकायदा इलेक्ट्रॉन डोनेट हो रहे हैं तो इसलिए इसको इलेक्ट्रॉन प्रेसा इज मतलब जितने इलेक्ट्रॉन डोनेशन चाहिए उतनी हो पा रही है यहां पर ऑक्टेट्स इलेक्ट्रॉन प्रेसा इज बॉन्डिंग कहते हैं है ना लेकिन इलेक्ट्रॉन डेफिसिट नाम से लग रहा है भिखारी आदमी है इलेक्ट्रॉन डेफिसिट जहां पे इलेक्ट्रॉन की कमी हो तो देखना भैया ये जो ये जो बी है साइड टर्म बी वहां पर कोई लोन पेयर नहीं होना चाहिए तो यहां पर लिखोगे वा हैज लोन पेयर अगर वा के पास साइड एटम के पास लोन पेयर होगा तो इलेक्ट्रॉन प्रेसा इज बॉन्डिंग होगी बट बी एज अ साइड एटम हैज नो लोन पेयर अगर कोई लोन पेयर नहीं होगा अगर कौनो लोन पेयर नहीं तो मतलब एक साफ है कि वहां पर इलेक्ट्रॉन डेफिसिट बॉन्डिंग बोली जाएगी इलेक्ट्रॉन डेफिसिट बॉन्डिंग बोली जाएगी तो बोला जाता है कि जो इलेक्ट्रॉन यहां होते हैं वही इलेक्ट्रॉन एक्चुअली इनके पास जाते हैं बॉन्ड के जो इलेक्ट्रॉन यहां होते हैं वही एक्चुअली इनके पास आते हैं ठीक है जी क्योंकि इन b के पास लोन पेयर नहीं तो बॉन्ड का इलेक्ट्रॉन डोनेट करते हैं यह आपके दानवीर कर्ण है अपना बॉन्ड तोड़ के इनका घर बसा रहे हैं तो चलिए एग्जांपल देखते हैं al2 al2 cl6 की बात करें तो दो हिस्से में तोड़िए कैसा बन जाएगा alcl3 alcl3 alcl3 alcl3 देख लीजिए क्या आपको ये चीज नजर आ रही है alcl3 अरे बोलो रे बालक क्या आया alcl3 alcl3 alcl3 ठीक है यहां की बात करें तो यहां क्लोरीन के पास लोन पेयर है अगर लोन पेयर है तो ये डोनेट करेगा लोन पेयर है तो ये डोनेट करेगा तो इसलिए एलुमिनियम के पास आठ इलेक्ट्रॉन आठ इलेक्ट्रॉन इसका मतलब इलेक्ट्रॉन प्रोसाइज मॉलिक्यूल है लेकिन अगर मैं बात करूं b2 ए6 की तो बोरनन जो है हाइड्रोजन के थ्रू यहां जुड़ा है हाइड्रोजन के थ्रू यहां जुड़ा है bh3 मॉलिक्यूल हमने बनाया हमने क्या बनाया bh3 मॉलिक्यूल हमने बनाया ध्यान दीजिएगा अब हाइड्रोजन के पास तो कोई लोन पेयर नहीं है तो लोन पेयर नहीं है तो क्या करेगा बॉन्ड पेयर का इलेक्ट्रॉन इनको देगा बॉन्ड पेयर का इलेक्ट्रॉन इनको देगा तो इस तरीके से यहां पर इस तरीके से बॉन्ड बना के बताया जाता है अब ध्यान दीजिएगा ध्यान दीजिएगा भैया ये लाइन अगली मैं जो बोलने जा रहा हूं वो पचाने की कोशिश करेंगे एक सेंटर ये बोरनन एक हाइड्रोजन ये और एक बोरनन ये इन तीनों को आपस में कनेक्ट करने के लिए सिर्फ दो ही इलेक्ट्रॉन है क्योंकि दो ही इलेक्ट्रॉन जो यहां है वही यहां यहां कूदता रहता है तो इसीलिए इस तरीके की बॉन्डिंग को हम कहते हैं कि तीन सेंटर है बोरनन हाइड्रोजन बोरनन तीन सेंटर के बीच में दो इलेक्ट्रॉन है तो तीन सेंटर दो इलेक्ट्रॉन बॉन्ड या इसी को बनाना बॉन्ड कहते हैं b भी कहते हैं क्या कहते हैं बनाना बॉन्ड कहते हैं या इसी को इलेक्ट्रॉन डेफिसिट बॉन्ड भी कहते हैं आई होप आपको समझ में आ गया हो अगली चीज है हाइड्रोजन बॉन्डिंग लास्ट बट नॉट द लीस्ट हाइड्रोजन बॉन्डिंग में देखने को ये मिलता है कि देखो कोई z एटम होगा जिसके पास लोन पेयर होगा और कोई z एटम y के साथ जुड़ा ध्यान से सुनिए z ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव होता है इसलिए इस पर डेल नेगेटिव आएगा और यहां पर डेल प्लस कंडीशन को समझेंगे समझ में आएगा अगली चीज क्या है हाइड्रोजन जुड़ा होगा किसी a से और a का इलेक्ट्रो नेगेटिव होना जरूरी है अगर a ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव होगा तो इलेक्ट्रॉन को वो अपनी तरफ खींचेगा तो a पर डेल नेगेटिव आएगा और हाइड्रोजन पर डेल प्लस चार्ज आएगा डेल प्लस चार्ज आएगा तो इस तरीके से जो हाइड्रोजन के ऊपर डेल प्लस है और z के ऊपर जो डेल नेगेटिव है ये इनका आपस में भेंट मुलाकात प्यार मोहब्बत होगी क्यों क्योंकि प्लस माइनस को तो प्यार करता ही है ना यहां पर एक इलेक्ट्रोस्टेटिक फोर्स ऑफ अट्रैक्शन है और ये जो इलेक्ट्रोस्टेटिक फ फोर्स ऑफ अट्रैक्शन यहां पर हाइड्रोजन बीच में आता है इसलिए इसका नाम हाइड्रोजन बॉन्डिंग है फोर्स ऑफ अट्रैक्शन को बॉन्ड कहते हैं लेकिन यहां पर हाइड्रोजन के थ्रू यह बॉन्ड बन रहा है इसलिए इसको हाइड्रोजन बॉन्डिंग कहते हैं अब प्रश्न यह आता है यह z क्या पॉसिबल है a क्या पॉसिबल है तो ध्यान रखिएगा यह z हमेशा आपको क्या मिलना चाहिए या तो फ्लोरीन होना चाहिए यह z हमेशा आपको या तो फ्लोरीन या तो ऑक्सीजन या तो नाइट्रोजन इसके अलावा कुछ होगा तो हाइड्रोजन बॉन्डिंग में कंसीडर नहीं होगा तो यह फन होना चाहिए फन होना चाहिए भैया फोन होना चाहिए किसका z फोन होना चाहिए अच्छा जी सर समझ में आ गया नाटक मत करिए ज्यादा इतना बात समझ में आ जाती है हमें यह जो हमारा आपने लिखा हुआ है वो भी फोन होना चाहिए या क्या होना चाहिए या ये तीन और कंडीशन है कार्बन ए हाइब्रिडाइज्ड होना चाहिए कार्बन से तीन फ्लोरीन लगे होने चाहिए कार्बन से तीन क्लोरीन होने चाहिए तो एक की जगह पर आप ये लिखिए ये लिखिए ये लिखिए या फोन लिख दीजिए तो ये जो आपको दिख रहा है दिस इज हाइड्रोजन बॉन्डिंग हाइड्रोजन बॉन्डिंग आपको दो तरीके का मिलेगा एक है इंटरमॉलिक्युलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग दूसरा है इंट्रा मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग इंटर का मतलब दो मॉलिक्यूल के ध्यान से सुन लीजिए दो मॉलिक्यूल के बीच में जैसे कि मैं यहां पर ले लेता हूं पैरा नाइट्रो फिनोल क्या पैरा नाइट्रो फिनोल पैरा मतलब क्या होता है 14 पोजीशन ये पहला पोजीशन ये चौथा तो अगर 1 फ पोजीशन पर इस तरीके से दैट इज पैरा नाइट्रो फिनोल पैरा नाइट्रो फिनोल में आप इसको एक तरफ no2 इधर बनाइए एक तरफ no2 इधर बनाइए समझने के लिए समझ में पूरा आएगा कोशिश करेंगे तो सब समझ में आता है देखिएगा क्या होगा देखना भैया यहां पर ऑक्सीजन से जुड़ा हुआ हाइड्रोजन है तो हाइड्रोजन पर क्या होगा डेल प्लस चार्ज देखिए हाइड्रोजन किसी इलेक्ट्रोनेगेटिव एटम a से जुड़ा होना चाहिए a ऑक्सीजन हो सकता है इसलिए इस पर डेल प्लस चार्ज आप समझिए ये जो हाइड्रोजन है ये इस ऑक्सीजन जिस पर की डेल नेगेटिव चार्ज है उससे भेंट मुलाकात करेगा तो हाइड्रोजन बॉन्डिंग है सिमिलरली यहां डेल नेगेटिव है और हाइड्रोजन पर हमारे डेल पॉजिटिव है पॉजिटिव तो इनके बीच का रिश्ता हाइड्रोजन बॉन्डिंग कहलाता है इनके बीच का रिस्ता हाइड्रोजन बॉन्डिंग कहलाता है तो इस तरीके से एक मॉलिक्यूल ये है एक मॉलिक्यूल ये है दो अलग-अलग मॉलिक्यूल में हाइड्रोजन बॉन्डिंग तो इसको कहते हैं इंटर मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग इंट्रा का मतलब एक ही घर में झगड़ा हो रहा है जी इंट्रा मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग एक ही घर में प्यार हो रहा है झगड़ा नहीं इंट्रा मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग सर ये तो हर घर में होता है अच्छी बात है भैया है ना हम लोग उसी की उपज है यहां देखेंगे यहां पर अगर मैं कहूं तो ये र मैं no2 की बात करूं तो n डबल बॉन्ड o और इस तरीके से बनाएंगे ये है ऑर्थो नाइट्रो फिनोल ऑर्थो नाइट्रो फिनोल में यहां जो हाइड्रोजन है उस पर डल प्लस है यहां पर डेल नेगेटिव है तो डेल प्लस डेल नेगेटिव के साथ जब बात करेगा तो इसको कहेंगे हाइड्रोजन बॉन्डिंग इस हाइड्रोजन बॉन्डिंग को इंट्रा मॉलिक्यूलर और इसको इंट्रा मॉलिक्यूलर कहते हैं आप समझिए दोनों में अंतर किसका बॉयलिक बॉयलिक पॉइंट ज्यादा होता है देखिए अगर यहां दो मॉलिक्यूल के बीच में अच्छा खासा प्यार मोहब्बत होगा तो ज्यादा टेंपरेचर दे कर के इनको आपको अलग करके गैस फॉर्म में कन्वर्ट करना पड़ेगा इसलिए इंटरमॉलिक्युलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग में आपको बॉयलिक पॉइंट ज्यादा मिलेगा लेकिन इंट्रा में हमेशा आपको कम मिलेगा विस्कोसिटी की बात करें ज्यादा विस्क कौन होगा ये इंटर वाला होगा ये कम विस्क हो विस्क मसल सब जानते ही होंगे जैसे शहद ज्यादा विस्क है पानी लेस विस्क है अच्छा जी मेल्टिंग पॉइंट की बात करें तो ज्यादा आसानी से मेल्ट कौन होगा जहां हाइड्रोजन बॉन्डिंग होगी वो आपस में प्यार मोहब्बत करेंगे तो मेल्ट नहीं हो पाएंगे है ना तो इसका मेल्टिंग पॉइंट ज्यादा होगा लेकिन इसका मेल्टिंग पॉइंट कम होगा ऐसा इसलिए क्योंकि यहां प्यार मॉलिक्यूल के अंदर हो रहा है जबकि जब आप बॉयल करेंगे ना तो क्या होगा अलग-अलग मॉलिक्यूल को उड़ाना है हमें गैस फॉर्म में कन्वर्ट कराना है तो भैया जी यहां पर दो मॉलिक्यूल आपस में एक दूसरे से हाइड्रोजन बॉन्डिंग से नहीं जुड़े हैं अगर हाइड्रोजन बॉन्डिंग से नहीं जुड़े तो इजली ये वेपराइज हो जाएंगे ठीक है समझ में आ गया होगा आई होप अगला देख लेते हैं क्या है बॉयलिक पॉइंट मॉलिक्यूलर मास के बढ़ने से क्या होता है फर्स ऑफ अट्रैक्शन बढ़ता है इसीलिए बॉयलिक पॉइंट भी बढ़ता हुआ आपको नजर आएगा ठीक है जी अच्छा हाइड्रोजन बॉन्डिंग के बढ़ने से फोर्स ऑफ अट्रैक्शन बढ़ता है इसलिए बॉयलिक आपको बढ़ता हुआ नजर आएगा एग्जांपल के तौर पे ch4 से लेकर के s nh4 तक देखो यहां पर कोई ऐसा है जो हाइड्रोजन बॉन्डिंग कर सकता है नहीं कहीं पे f o नहीं है अगर एओ नहीं है तो यहां पर सिर्फ पहला वाला रूल लगाइए दैट इज मॉलिक्यूलर मास के बढ़ने से मेल्टिंग सॉरी मेल्टिंग पॉइंट या बॉलिंग पॉइंट दोनों चलेगा बॉयलिक बढ़ता है बताइए ये चीज एकदम सही है तो बॉयलिक का ये ऑर्डर यहां पर देखने को मिलता है क्योंकि यहां पर कोई हाइड्रोजन बॉन्डिंग नहीं है तो सिंपली एक रूल लगा मॉलिक्यूलर मास वाला है ना ऊपर से नीचे जाएंगे मॉलिक्यूलर मास बढ़ता है लेकिन यहां पर देखो यहां पर अगर nh3 प्रेजेंट है तो nh3 एक nh3 मॉलिक्यूल दूसरे nh3 मॉलिक्यूल के साथ हाइड्रोजन बॉन्डिंग करता है अगर हाइड्रोजन बॉन्डिंग करेगा तो उसका भी क्या होगा बॉलिंग पॉइंट ज्यादा होगा अगर ज्यादा होगा तो मैं बता देता हूं कहां पे लाई करेगा इन दोनों के बीच में आएगा इन दोनों के बीच में आएगा देख लीजिए तो यहां पर लिखेंगे कैसे लिख दूं क्या मैं हां सर लिख दीजिए देख लीजिए sbh3 उससे कम आएगा nh3 बस मुझे यही बताना है nh3 के बाद कौन आएगा जी as3 as3 के बाद आता है ph3 as3 के बाद आता है ph3 तो आई होप आपको ये पॉइंट क्लियर हुआ हो कि हाइड्रोजन बॉन्डिंग ने क्या नाटक कर दिया हाइड्रोजन बॉन्डिंग ने क्या किया उस मॉलिक्यूल का उस मॉलिक्यूल का बॉयलिक उठा कर के आगे कर दिया जी तो यहां पे ये टेंडेंसी आती है सिमिलरली h2o में भी हाइड्रोजन बॉन्डिंग है लेकिन अबकी बार जो h2o जंप लेता है तो ये h2te से भी आगे आता है अगर मैं इसको ढंग से प्यार से लिखूं तो मैं लिखूंगा h2t इससे ज्यादा क्या आता है भैया सॉरी सॉरी यहां पे लिखना है ना h2o नीचे की तरफ सबसे h2o h2te इसके बाद h2se और इसके बाद आता है h2s ठीक है जी तो ये ऑर्डर आएगा सिमिलरली एए में भी यह जंप मार करके इसके नीचे आते हैं तो एए में सबसे ज्यादा आएगा फिर आएगा h फिर आएगा भैया h ब और इसके बाद आता है hcl-insys