तो किया चाल भाइयों और उनके बहनों उम्मीद है तुम
सब प्रयुक्त हुए आज का हमारा वीडियो क्लास 10th पॉलीटिकल साइंस चैप्टर टू फेडरल रिजर्व के बारे
में और यार तुम लोगों को पता है हमारे पढ़ने का तरीका क्या है हमें स्मार्ट वर्क करना ज्यादा पसंद
है राहुल जैन हॉट बाल तो आओ यारों करते इस चैप्टर को डिकोड ऐसे जैसे हम लियोनार्डो द विंची के पड़पोते
मुखतलिब दूं सबसे पहला सवाल कि फेडरल सिस्टम है क्या तुझको फेडरेलिज्म कुछ नहीं है कंट्रोल सिस्टम है
बाबा से फाइट अब अब देखो यार मतलब फैट लूज हम एक ऐसा सिस्टम गवर्नमेंट जहां ना पॉवर को मार दिया
जाता है स्टेट गवर्नमेंट सेंट्रल गवर्नमेंट एंड लोकल गवर्नमेंट के बीच और जिस पर पिंपल्स हमारा
इंडिया अब इसमें हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है हमें प्रॉब्लम है फीचर्स क्या है वह तो देखो पिंप्वाइंट
में दो यह दो से ज्यादा लोग कमेंट होता है जैसे कि में है सेंट्रल गवर्नमेंट फिर से रूम के अंदर में
गवर्नमेंट को अपना काम के लिए बांट दिया गया है जैसे यार अंग्रेजी में के अध्यक्ष जूलियो दीक्षित
और देखा थिस गवर्नमेंट का कौन सा गांव है इसे यार हमारे कंडीशन में बांटा हुआ है तो अगर सेंटर स्किटील
लोकल बॉडीज में से किसी को भी कंस्टीटूशन कोई नियम पसंद नहीं आता है तो अकेले अपने मर्जी से तो चेंज
नहीं कर सकता और सबसे इंपोर्टेंट फेडरल सिस्टम का मैन ऑब्जेक्टिव है ठीक कंट्री के अंदर में यूनिटी
और जो ओरिजिनल डाइवर्सिटी है वह मेंटेन रहे हैं अब जैसे यार चीनी में हीरो के साथ मिलन का होना भी बहुत
जरूरी है तो यार हमारे यह वी सेंट्रल गवर्नमेंट को टक्कर देने आता है यूनिट रिक्रूटमेंट अब इन दोनों के
बीच का डिफरेंस है तो यार यह ट्रिक कमेंट में सिर्फ और सिर्फ एक तरफ गवर्नमेंट होता है और वही फेडरल
गवर्नमेंट में दो या दो से ज्यादा भी गवर्नमेंट होते हैं और हम पावर का बात करें यूनिटी मूवमेंट
में पावर पूरी तरीके से सेंटर के हाथ में होता है और फेडरल गवर्नमेंट में हमसे तो पॉवर भी दिए साधा स्टेट
और रोटिंग होरमोन को उनका अपना पावर देते हैं फॉर एग्जांपल की बात करें तो यह एंट्री कमेंट का बेस्ट
एग्जांपल लेफ्टिनेंट फ्रेंच और फेडरल गवर्नमेंट कब्ज एग्जांपल ए इंडिया इन यूएसए यह सब तो ठीक है बीवी
बटिया चैनल से तुमने फेडरेलिज्म से फेडरल गवर्नमेंट पर को दिए यह बात मुझे हजम नहीं हुआ अगर यह जॉब
नहीं होने वाला बात ही क्या है दुनिया में जितने भी गवर्नमेंट से जो फेडरेलिज्म का आइडिया को फॉलो
करते हैं उसे के फेडरल गवर्नमेंट और हमारे इंडिया भी फेडरल गवर्नमेंट है क्योंकि यार हमने भी फेडरेशन
का ऑडियो अ फॉलो किया है इतनी सिंपल सी बात है यार यह सब छोड़ो अब हम भर टाइप्स ऑफ पोलूशन के ऊपर तो
देखो फेडरेलिज्म दो तरीके का होता है एक होता है कमिंग टुगेदर फेडरेलिज्म और दूसरा होता है होल्डिंग
टुगेदर फेडरेलिज्म अब समझते इन दोनों के बीच कार्डिफ तो कमेंट वेदर फेडरेलिज्म मैं छोटे-छोटे स्टेट्स
मिलकर बाण सेकंडरी बनाता है और ओल्ड इनटू गोल्ड मेडल जब मैं यह बहुत ही बड़ा सा कंट्री जिसे रूल
करना मुश्किल है उसके लिए हम पॉवर को बांट देते हैं सेंट्रल स्टेट के बीच जिसने किया और उसे भूल करना
आसान हो और इसी लिए कनेक्ट विद दर फेडरेशन के अंदर में स्टेट्स को बराबर पावर मिलता है और वही ओल्ड
- एंटर फेडरेशन के अंदर में इसको किसी में ज्यादा या किसी में कम पावर मिलता है जैसे कि यार जम्मू
एंड कश्मीर को इंडिया के अंदर में एक लंबे समय तक काफी स्पेशल पॉवर मिलता था दूसरे स्टेट के मुकाबले
और उसके बाद कमेंट डेफिनेटली जब मैं सेंटर स्टेट गवर्नमेंट के पास पावर जोन तक बराबर होता है और वही
होल्डिंग तू किधर फेडर ले जब मैं सेंटर के पास पावर ज्यादा होता है और अगर हम एग्जांपल की बात करें तो
कमिंग टुगेदर फेडरेलिज्म का बेस्ट एग्जांपल है यह से स्विट्जरलैंड एंड ऑस्ट्रेलिया और शेयर होल्डिंग टू
द फेडरेलिज्म का बेस्ट एग्जांपल आफ इंडिया बेल्जियम स्पेन अरे बीवी कमिंग और होल्डिंग के नाम से मुझे
याद आ रहा है अपने स्कूल गया बाथरूम जाने कुंठित मतलब यार बाहर जाने का बहाना चाहिए तय और उसके बाद
तो जब तक बिल नहीं मारता था उससे पहले तो आना ही नहीं है में और गलती से आ गई जानते थे तो यह टीचर
उसने लगेगा इतनी देर कहां लगा लें तो यार हमारा बहाना वह तक रहता था मैं गए थे पानी पीने बढ़िया नल
जो है ना वो टाइट जख्म ही नहीं रहा था अब क्या करें यार इसलिए इस समय लग गया अब इन सबके बारे में सवाल
उठता है कि क्या हमारा देश यारा वे से भारत वह एक पैडल कंट्री है या नहीं तो इसका एक बहुत ही सिंपल सा
जवाब है हां हमारा कंट्री फॉलो करता है फेडरेलिज्म का आइडिया को जानता है कैसे वह हमारे घंटे के
अंदर में अत्री लेवल आफ गवर्नमेंट से सेंट्रल गवर्नमेंट स्टेट गवर्नमेंट और लोकल कमेंट और फिर
हमारे कंस्टिट्यूशन ने जितने भी गवर्नमेंट से उनका काम क्लीयरली बांटा हुआ है जूनियर मैंने तुम लोगों
को बताया था अंग्रेजी में कहते हैं जूरिस्डिक्शन फिर ईयर हमारा इंडियन कि होल्डिंग इधर फिल्टर एवं
है इसके कारण सेंटर के पास थोड़ा ज्यादा पावर स्टेट गवर्मेंट से बट अगर तुम्हें एक कंस्ट्रक्शन के
अंदर में कोई भी चेंजेस करना होना तो तुम्हें सबसे पहले तो राज्यसभा और लोकसभा से टू थर्ड वोट चाहिए और
इसके साथ-साथ इंडिया में जितने भी स्टेट से उनमें से आदेश केट को मंगवाना पड़ेगा तो मैं तो कहां निकल उबल
उपवास है कि कंस्टीटूशन को चेंज करना और यह अपने लिए गर्लफ्रेंड बनाना दोनों ही बहुत ही मुश्किल चीज है
और उसके बाद अगर सेंटर स्टेट के बीच कोई सीन हो गया ना तो यार इसे देखने के लिए हमारा सुप्रीम कोर्ट
है तो थोड़ी देर पहले मैंने तुम लोग को बताया कि कंस्टीटूशन ने गवर्नमेंट स्कूल का काम बांटा हुआ है
तो सवाल उठता है कि कंस्टीटूशन में कैसे बांटा हुआ है तो देखो हमारे कंस्टीटूशन के अंदर में कुछ ऐसे
लिस्ट ए जिसके अंदर में सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट ही काम कर सकता है कुछ ऐसे रिश्ते इसके अंदर में
स्टेटमेंट काम कर सकते हैं और कुछ ऐसे ही हिंदी में दोनों मिलकर काम कर सकते हैं अब वह क्या है देखते
हैं सबसे पहला ही यूनिक लिस्ट अब इसके अंदर में कुछ ऐसी चीजें डाला हुआ है जो कि हमारे पूरे कंट्री के
लिए जरूरी है और इसी लिए यहां पर सेंट्रल गवर्नमेंट ही लोग बना सकता है क्योंकि सेंट्रल गवर्नमेंट
पूरे कंट्री को देखता है कोई पर्टिकुलर स्टेट को देखता नहीं है तो मैं घर एग्जांपल के बाद करूं तो
हमारा जो इंडिया का डिफरेंस है और फॉरेन अफेयर्स या फिर जो हमारा करेंसी है यह सारे एग्जांपल है और फिर
स्टेट लिस्ट इसके अंदर में कुछ ऐसे चीजें डाला गया है जो कि सिर्फ और सिर्फ स्टेट्स ले ही मायने रखता
है और इसी लिए इनके ऊपर सिर्फ स्टेट गवर्नमेंट ही कानून बना सकता है और मैं अगर एग्जांपल का बात करो
तो एग्रीकल्चर पुलिस और ब्रेड यह सारे इसके एग्जांपल से और अब एक तीसरा का लिस्ट अधिनियम के तहत कंकरेंट
लिस्ट अब इसके अंदर बना ऐसे चीजें डाला हुआ है जो कि यार सेंटर स्टेट दोनों कोई जरूरी पड़ता है और
इसीलिए यहां सेंट्रल स्टेट मिलकर कानून बनाता है और अगर एग्जांपल का बात करो तो एडिशन मैरिज और एडाप्शन
और यह इन तीनों के अलावा एक चौथाई इस बीच है जिन्हें हम कहते हैं ऋषि अगली लिस्ट अब देखो रेमिडी लिस्ट
के अंदर में जो भी नए चीज है जो कि इन तीनों लिस्ट में ही नहीं है उन्हें और इसमें डाल दिया गया है और
इसमें सिर्फ और सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट ही कानून बना सकता है और मगर एग्जांपल का बात करूं तो साइबर
सिक्योरिटी और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और कई सारे चीज है अब यार एक सवाल फेडरेलिज्म इंडिया में किस तरीके से
प्रैक्टिस होता है या फिर क्वेश्चन ऐसा भी आ सकता है इंडिया के अंदर में क्या-क्या चैलेंज आप प्रोब्लम्स
रहे फेडरेलिज्म को लेकर या फिर क्यों फेडरेलिज्म इंडिया में कितना सक्सेसफुल हो पाया सवाल कई तरह के
होंगे बट जवाब एक तो जो पहला प्रॉब्लम हमारे देश के अंदर में आया फेडरेलिज्म को लेकर हमने यह लैंग्वेज
के नाम पर स्टेट स्कोर बनाया जो कि बहुत ही बड़ा चीज ता आज तक हम देखते है थे बहन कुछ नाम पर कंट्रीज तो
बना था बट स्टेट नहीं बना था जो कि हमने बनाया फिर हमारा जो लैंग्वेज पॉलिसी था वह भी बहुत ही यूनिक है
तीसरा जो प्रॉब्लम आए हम है कि कैसे हम स्टेटस सेंटर का रिलेशनशिप को इंप्रूव कर सकते थे और आखिरी हमने
कैसे डिसेंट्रलाइजेशन का आइडिया को इंडिया में पोस्ट किया अब मेरे बातें तुम्हारी सर के ऊपर से जा रहे
होंगे इसके लिए हमें इन सबको डिटेल में देखना पड़ेगा वन बाय वन शुरुआत करते हैं कि कैसे हमने लैंग्वेज
के नाम पर स्टेट बनाया तो हमारे देश के आजाद होने के बाद जो सबसे पहला और सबसे बड़ा चैलेंज हमने फैसला
किया कि कैसे यार एक लैंग्वेज के नाम पर स्टेट्स बनाएं लोग काफी डिमांड कर रहे थे कि हमें लैंग्वेज
के नाम पर स्ट्रेट चाहिए तो देश आजाद होता है और हम कई सारे पुराने स्टेट्स को चेंज करके नेक्स्ट बनाते
हैं और इसी समय इसलिए किया ताकि जितने भी लोग एक तरह के लैंग्वेज बोलते थे ना वह एक ही स्टेट में रहा
है बट जब हम ऐसा कर रहे थे तो हमारे पॉलीटिशियंस को यह डर था कि इससे यार हमारे देश का जी यूनिट यह ना
खत्म हो जाए बट यार देखो बहुत बहुत सिंपल सा था इस लेयर आफ फायदा हुआ हमारा देश का यूनिटी तो बनाई वारा
एडमिनिस्ट्रेशन में भी बहुत हेल्प वर्कर चलो भाइयो अवम जान लेते हैं हमारा लैंग्वेज पॉलिसी कैसा था
तो मैंने तुम लोगों को बताया है यह हम लोग लैंग्वेज पॉलिसी काफी यूनिक तो था कि अभी चीनी था वह जान लो
तो सबसे पहला चीज इंडिया का कोई नेशनल लैंग्वेज तो है नहीं कि गांव में हिंदी को नेशनल लैंग्वेज तो
नहीं बनाया बटन उसे ऑफिशियल लैंग्वेज बना दिया और हिंदी के अलावा 222 लैंग्वेजिस को कंस्टीटूशन के
अंदर में शेडयूल लैंग्वेज का दर्जा दिया गया इसका मतलब यह था कि हिंदी के अलावा इन लैंग्वेजेस को
भी हम इंपॉर्टेंस देना है और फिर स्ट्रैट को भी कह दिया गया कि वह तुम अपना अपना ऑफिशियल लैंग्वेज पॉज
कर लो जैसे कि यार देखो हमारे आसाम में ना असामीज हमारा ऑफिशियल लैंग्वेज हैं और गवर्नमेंट का जो भी
काम होगा ना उसके लिए ना इंग्लिश का हम यूज करेंगे ऐसा इस लैंग्वेज पॉलिसी में कहा गया कि शिमला की
यही बात था तो कुछ बात ही नहीं कर रहा पेट्रोलियम में हमने सेंटर की पावर बराबर होना चाहिए में सच
में सेंट्रल स्टेट के बराबर है इसे जानने के लिए हमें समझना पड़ेगा centre-state रिलेशंस था में काफी
लंबे समय तक सिंगल पार्टी सिस्टम चलता था जहां सेंटर में ही करता था अब इसके लिए बुरा मान लो कि कोई ऐसा
है जहां अलग कर रहा है तब स्क्रीन का दावा कोशिश करता था बट यह सारी चीजें इन यह बात खत्म होता है
जब में शुरू होता है मतलब यह जो गवर्नमेंट केंद्र में छोटे-छोटे पार्टी से उनका इंपॉर्टेंट भरता है
कि अब देखो इस से स्टार्ट होता है कि नया करियर का अब हमें ना स्टेट गवर्नमेंट को भी देना पड़ेगा इज्जत
और हमें चाहिए थोड़ा चकली को हम इसके बाद हम पोर्स चुके इस चैप्टर का आखिरी टॉपिक डिसेंट्रलाइजेशन आफ
इंडिया तो जब तुम्हारे कानों पर डिसेंट्रलाइजेशन नाम आए तो इसे समझ जाना जब हम सेंटर स्टेज का पॉवर
को लेकिन लोकल गवर्नमेंट को देते हैं तो इसी के तहत डिसेंट्रलाइजेशन तो देखो लंबे समय तक इंडिया के
अंदर में बस हमने बात है कि हमें डिसेंट्रलाइजेशन करना है ऐसा करना है वैसा करना है बट हमने करा कुछ
भी नहीं बस 1992 में हमने कई सारे स्टेप लिए जिससे कि हम इंडिया के अंधेरे डिसेंट्रलाइजिंग को प्रॉपर
लीला उपाय अब चाहिए स्टेप लिया देखते हैं तो सबसे पहले तो हमने कंस्टीटूशन लें मैंडेटरी कर दिया कि
लोकल गवर्नमेंट इलेक्शन को रेगुलरली करवाओ क्योंकि इससे पहले जो रेगुलर रिएक्शन होता है टाइम का फिर
अपने लोकल गवर्नमेंट्स में sc-st अरे ओवर इसलिए सीट को रिसर्च किया और इसके साथी सावंत अट समय वूमेंस
क्लियर करवा दिया और हमने एक इंडिपेंडेंट स्टेट इलेक्शन कमिशन बनाया जिसका काम था इलेक्शन करवाना
पंचायत और मुस्लिम पार्टीज विच और सबसे इंपोर्टेंट बाद अब बिहार स्टेट गवर्नमेंट वरना पावर और पैसा
दोनों ही लोकल कमेंट के साथ बांटना पड़ेगा अब यह सर्विस टैक्स के बाद इंडिया में डिसेंट्रलाइजेशन
काफी अच्छे से हुआ तो इतना तो अब तुम समझ गए हो कि अगर तुम्हें प्रमोट करना है डिसेंट्रलाइजेशन तो
तुम्हें ध्यान देना पड़ेगा लोकल कॉमेंट्स के ऊपर पर क्या तुम लोगों को पता है कि इंडिया के अंदर में
लोकल गवर्नमेंट कितने तरह के होते हैं मुझे पक्का पता तुम लोग और नहीं पता होगा कोई बात नहीं यार मैं
किसी ले आए थे यहां पर तो इंडिया के अंदर में लोकल गवर्नमेंट होता है दो तरीके का एक होता है रूरल लोकल
गवर्नमेंट और दूसरा होता है और वन लोकल गवर्नमेंट फॉर रूरल लोकल गवर्नमेंट जॉब है यह होता है गांव के
लिए और अर्बन लोकल गवर्नमेंट में उन क्षेत्रों के लिए और लोकल गवर्नमेंट को कहा जाता है पंचायती राज
और अर्बन लोकल गवर्नमेंट को कहते हैं मुनिसिपलिटी तो एक छोटा सा डिफरेंस है अब जान लो कि इनके स्ट्रक्चर
कैसा होता है तो सबसे पहले बात करते भूल लोकल कमेंट का तो इसमें यार सबसे विलेज लेवल पर होता है ग्राम
पंचायत जिसका है डो तयार सरपंच यह रिदम विलेज लेवल पर काम करता है और जब कई सारे विलेजर्स मिल गए ग्रुप
बनाता है या फिर तुम कि लैब बनाता है तो उसे हम कहते हैं पंचायत समिति और एक डिस्टिक के अंदर में कई
सारे पंचायत समिति मिलकर बनता है जिला परिषद तो यह था स्ट्रक्चर रूरल लोकल गवर्नमेंट का फिर हम बात
करते है कैसा स्ट्रक्चर है अर्बन लोकल गवर्नमेंट का तो अरविंद लोकल गवर्नमेंट में सबसे बड़ा तो होता है
मुनिसिपल कारपोरेशन यह उतर बड़े-बड़े शहरों के लिए जैसे कि यार चेन्नई कोलकाता मुंबई समझ रहे हो ऐसे
बजा इसलिए होता है मुनिसिपल कारपोरेशन और जो छोटे मोटे टाउन होता है उनके लिए तो बस मुनिसिपलिटी से
काफी होता है और इसका जो है ना इसे हम मेयर करता है और तुम्हारे किताब में तो यह नहीं दिया हुआ है बट यह
बस एक जनरल नॉलेज के लिए है कि इन दोनों के अलावा एक तीसरा होता है वह नगर पंचायत अब यह ना ही टाउन है और
ना ही विलय से इन दोनों के बीच में है इसलिए हम इसे कहते हैं नगर पंचायत अगर तुम लोग तो सब्सक्राइब करो
तो लाल वाला बटन हिट उसके साथ सूर्यनमस्कार करो या फिर रूम बिलों मुझे नहीं पता बस क्लिक हो जाना चाहिए
अब मैं भी जरा मुझे बच्चों को गाली सिखाना है बाय