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मणिपुर समस्या का इतिहास और वर्तमान

Nov 20, 2024

मणिपुर समस्या का ऐतिहासिक संदर्भ और वर्तमान स्थिति

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • 1850-60 दशक: ब्रिटिश भारत में आये, मणिपुर मेती समुदाय के नियंत्रण में था।
  • ब्रिटिश नीतियां: चाय प्लांटेशन के लिए नौर्थीस्ट में आये, मेती हिंदू समुदाय को नीचा दिखाया।
  • कूकी व नागा जनजाति: प्रकृति पूजा करने वाले, ब्रिटिशों ने इन्हें नौकरी और शिक्षा का लालच देकर ईसाई धर्म में बदल दिया।

सामाजिक-धार्मिक परिवर्तन

  • ईसाई धर्म में परिवर्तन: कूकी और नागा, चिन समुदाय का धर्म परिवर्तन।
  • जन्मजात वर्ग की स्थिति: 1920-30 में मेती समुदाय को शेड्यूल ट्राइब का दर्जा नहीं मिला।

राजनीतिक घटनाक्रम

  • 1942: Reginald Coupland ने नौर्थीस्ट में ईसाई राज्य बनाने का प्रयास किया।
  • भारत की आजादी: मणिपुर के बोध चंदर सिंह ने भारत में शामिल होने की इच्छा जताई लेकिन शेड्यूल ट्राइब का स्टेटस नहीं मिला।

मणिपुर की स्थिति और समस्याएं

  • 1950 के बाद: मेती समुदाय के खिलाफ भेदभाव, शेड्यूल ट्राइब स्टेटस न मिलने से निराशा।
  • 1960 के दशक: शेड्यूल ट्राइब स्टेटस का मामला, मेतीों को पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदने से रोका गया।

वर्तमान संकट

  • ड्रग इकानॉमी: कुकी, चिन समुदाय ने मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में ड्रग्स की खेती शुरू की।
  • मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के कदम: 2023 में, अवैध चिन लोगों को पहचान कर वापस भेजने और ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा।
  • अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और अमेरिकी रुख: अमेरिका ने भारत को धमकाया, भारत ने कार्रवाई जारी रखी।

समापन

  • समाधान के प्रयास: अवैध नागरिकता और ड्रग्स को खत्म करने की जरूरत।
  • भविष्य की दिशा: भारत-अमेरिका संबंध में गहराई और डिप स्टेट्स को नियंत्रित करने की आवश्यकता।

मनिपुर की समस्या केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा है, जिसका हल न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में आवश्यक है।