इकोनॉमिक्स रिफॉर्म्स 1991 (LPG पॉलिसी)

Jul 27, 2024

इकोनॉमिक्स रिफॉर्म्स 1991 (LPG पॉलिसी)

परिचय

  • चैप्टर: इकोनॉमिक रिफॉर्म्स 1991 (LPG पॉलिसी)
  • अन्य नाम: न्यू इकोनॉमिक पॉलिसी
  • चार मुख्य बिंदु:
    1. सुधार क्यों लाए गए?
    2. कौन-कौन से कॉम्पोनेंट्स थे?
    3. सुधारों का परिणाम
    4. प्रमुख शब्दावली

सुधारों की आवश्यकता

  • 1991 में हमारी इकोनॉमी में कई समस्याएं थीं:
    • विदेशी मुद्रा का अभाव
    • बढ़ता हुआ फिसल डेफिसिट
    • एडवर्स BOP
    • महंगाई बढ़ रही थी
    • गल्फ क्राइसिस
    • पब्लिक सेक्टर की खराब परफॉर्मेंस

सुधारों के मुख्य कॉम्पोनेंट्स

  1. लिबरलाइजेशन (Liberalization)
  • सरकारी लाइसेंसिंग की बाधाओं को कम किया गया
  • सरकारी क्षेत्र से 17 प्रमुख क्षेत्रों में कटौती हुई (अब केवल 3 क्षेत्रों में)
  • फाइनेंशियल सेक्टर रिफॉर्म्स - बैंकों की बढ़ती स्वतंत्रता
  • टैक्स सिस्टम को आसान और कम किया गया
  • एक्सपोर्ट और इंपोर्ट ड्यूटी में ढील
  1. प्राइवेटाइजेशन (Privatization)
  • गवर्नमेंट एसेट्स का डिसइनवेस्टमेंट
  • प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ी
  1. ग्लोबलाइजेशन (Globalization)
  • इंटरनेशनल ट्रेड में हिस्सेदारी
  • विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने की अनुमति
  • आउटसोर्सिंग की बढ़ती भूमिका

प्रमुख शब्दावली

  • माइनॉरिटी सेल: 49% तक सरकारी एसेट्स बेचना
  • स्ट्रैटेजिक सेल: 51% से अधिक सरकारी एसेट्स बेचना
  • टैरिफ बैरियर: इंपोर्ट पर टैक्स लगाना
  • नॉन-टैरिफ बैरियर: डरने-अन्य प्रतिबंध
  • बिलैटरल ट्रेड: दो देशों के बीच व्यापार
  • मल्टीलेटरल ट्रेड: दो से अधिक देशों के बीच व्यापार

महत्वपूर्ण टर्म्स

  • WTO: वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गैनाइजेशन, इंटरनेशनल ट्रेड को रेगुलेट करता है
  • लिबरलाइजेशन का प्रभाव: माउंटिंग फिजिकल डेफिसिट, वर्कलाइव एक्सचेंज रिज़र्व्स
  • ग्लोबलाइजेशन का प्रभाव: आउटसोर्सिंग और इंटरनेशनल ट्रेड में बढ़ोतरी

निष्कर्ष

  • सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी
  • लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन, और ग्लोबलाइजेशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
  • इन सुधारों का उद्देश्य था भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारा और स्थिर करना

महत्वपूर्ण बिंदु

  • लिब्रालाईज़ेशन में मुख्य बदलाव

    • इंडस्ट्रियल लाइसेंसिंग का हटना
    • बैंकों में सुधार
    • फाइनेंशियल सुधार
    • टैक्स सुधार
    • फॉरेन एक्सचेंज सुधार
  • प्राइवेटाइजेशन में मुख्य बदलाव

    • गवर्नमेंट एसेट्स का डाईवेस्टमेट
    • प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ी
  • ग्लोबलाइजेशन में मुख्य बदलाव

    • इंटरनेशनल ट्रेड में हिस्सेदारी
    • आउटसोर्सिंग और विदेशी निवेश
  • WTO और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

  • आउटसोर्सिंग का बढ़ता महत्व

    • इसके लिए इंडिया क्यूँ पसंदीदा बना?