भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र (Sectors of Indian Economy)
अध्याय का परिचय
- वक्ता: दिगराज सिंह राजपूत
- क्लास: 10वीं अर्थशास्त्र
- अध्याय: भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र
- मुख्य विषय: पिछले अध्याय में विकास की बात, अब आर्थिक विकास के क्षेत्रों के बारे में।
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र
- अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र हैं:
- प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector)
- माध्यमिक क्षेत्र (Secondary Sector)
- तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector)
- अर्थव्यवस्था के क्षेत्र काम के आधार पर विभाजित होते हैं।
प्राथमिक क्षेत्र
- कृषि क्षेत्र या प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित गतिविधियाँ।
- जैसे:
- कृषि
- डेयरी
- मछली पकड़ना
- वन्य उत्पाद
माध्यमिक क्षेत्र
- औद्योगिक और निर्माण क्षेत्र।
- प्राकृतिक उत्पादों का रूपांतरण।
- जैसे:
- विनिर्माण उद्योग
- खाद्य प्रसंस्करण
तृतीयक क्षेत्र
- सेवा क्षेत्र।
- प्राथमिक और माध्यमिक क्षेत्रों के विकास में सहायता करता है।
- जैसे:
- शिक्षा
- स्वास्थ्य सेवा
- परिवहन
क्षेत्रीय निर्भरता
- प्राथमिक, माध्यमिक, और तृतीयक क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- उदाहरण:
- टमाटर:
- प्राथमिक क्षेत्र में उगाया जाता है।
- माध्यमिक क्षेत्र में टमाटर से टमाटर कैचप बनता है।
- तृतीयक क्षेत्र में वितरण और विपणन होता है।
ऐतिहासिक परिवर्तन
- जैसे-जैसे देश विकसित होते हैं, प्राथमिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या कम होती जाती है, और तृतीयक क्षेत्र में बढ़ती है।
- अमेरिका जैसे विकसित देशों में तृतीयक क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण हो गया है।
अनौपचारिक और औपचारिक क्षेत्र
- अनौपचारिक क्षेत्र:
- कार्य की अनियमितता, कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं।
- औपचारिक क्षेत्र:
- नियमित कार्य, सामाजिक सुरक्षा और लाभ।
रोजगार की स्थिति
- प्राथमिक क्षेत्र में अधिक लोग काम करते हैं लेकिन उनका योगदान जीडीपी में कम है।
- तृतीयक क्षेत्र का योगदान जीडीपी में अधिक है लेकिन इसमें रोजगार की संख्या कम है।
समस्या और समाधान
- अंडर-एम्प्लॉयमेंट और डिज़्गाइज्ड अनएम्प्लॉयमेंट की समस्या।
- समाधान:
- जलवायु परिवर्तन, कृषि में सुधार, और नई उद्योगों का विकास।
- सरकारी योजनाएँ जैसे: महात्मा गांधी रूरल रोजगार guarantee अधिनियम (MGNREGA)।
निष्कर्ष
- भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र और उनकी भूमिका को समझना आवश्यक है।
- सरकारी नीतियों का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों की सुरक्षा करना।
नोट: इस अध्ययन में सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों पर जोर दिया गया है, जो रोजगार और विकास में सहायक साबित हो रहे हैं।