कुरान और इंसान का कलाम
परिचय
- प्रस्तुत विषय: कुरान क्या इंसान का कलाम है?
- व्यक्तिगत अनुभव शेयर किया गया है।
प्रारंभिक अनुभव
- कॉलेज में कोर्स लिया जिसमें कुरान का अध्ययन शामिल था।
- होमवर्क असाइनमेंट: बाइबल की जोसेफ की कहानी और कुरान में सूरा यूसुफ का तुलना करना।
- बाइबल में अधिक जानकारी उपलब्ध थी, जैसे नाम, स्थान आदि।
- कुरान में कई बातें गायब लगीं।
कुरान का महत्व
- पैदाइशी मुसलमान होने के नाते, कुरान की गहराई में जाना था।
- किशोरावस्था से सुनते आए हैं कि कुरान का हर शब्द परफेक्ट है।
- अरबी में कुरान का पाठ किया जो नयी समझ प्रदान करता है।
अध्ययन की प्रक्रिया
- कुरान की डिटेल्स और संरचना का अध्ययन किया।
- कुरान में एक ही विषय को बार-बार दोहराया गया है।
- प्रत्येक सूरा में स्वतंत्रता है, जो उसे अन्य किताबों से अलग बनाता है।
पाठ के उद्देश्य
- सवालों के उत्तर खोजने की कोशिश की।
- कोर्स तैयार किया गया, जिसमें अरबी का ज्ञान न रखने वालों के लिए कुरान का अध्ययन किया गया।
कुरान के मौजा
- मौजा के दो प्रकार: बाहरी और आंतरिक।
- बाहरी मौजा विज्ञान के माध्यम से समझे जा सकते हैं, जबकि आंतरिक मौजा समय के साथ नहीं बदलते।
फातिहा का अध्ययन
- फातिहा की पहली आयत पर इख्तिलाफ है: बिस्मिल्लाह रहमान रहीम या अल्हम्दुलिल्लाह।
- बिस्मिल्लाह का फातिहा का हिस्सा होना या न होना पर चर्चा।
अल्हम्दुलिल्लाह का अर्थ
- अल्हम्दुलिल्लाह में दो चीजें शामिल हैं: तारीफ और शुक्र।
- तारीफ और शुक्र का संबंध समझाने की कोशिश।
- मुसीबत में भी अल्लाह का शुक्र अदा करना।
निष्कर्ष
- यह सेमिनार कुरान की गहराई में जाने और उसके अद्भुतता को समझने का एक प्रयास है।
- सवालों की खोज में आगे बढ़ते रहना।
नोट: यह नोट्स उस विषय पर आधारित हैं जो कुरान और इंसान के कलाम पर चर्चा कर रहे हैं। पाठ का उद्देश्य व्यक्तिगत अनुभव और कुरान की गहराई को समझाना है।