कुरान और इंसान का कलाम

Aug 2, 2024

कुरान और इंसान का कलाम

परिचय

  • प्रस्तुत विषय: कुरान क्या इंसान का कलाम है?
  • व्यक्तिगत अनुभव शेयर किया गया है।

प्रारंभिक अनुभव

  • कॉलेज में कोर्स लिया जिसमें कुरान का अध्ययन शामिल था।
  • होमवर्क असाइनमेंट: बाइबल की जोसेफ की कहानी और कुरान में सूरा यूसुफ का तुलना करना।
  • बाइबल में अधिक जानकारी उपलब्ध थी, जैसे नाम, स्थान आदि।
  • कुरान में कई बातें गायब लगीं।

कुरान का महत्व

  • पैदाइशी मुसलमान होने के नाते, कुरान की गहराई में जाना था।
  • किशोरावस्था से सुनते आए हैं कि कुरान का हर शब्द परफेक्ट है।
  • अरबी में कुरान का पाठ किया जो नयी समझ प्रदान करता है।

अध्ययन की प्रक्रिया

  • कुरान की डिटेल्स और संरचना का अध्ययन किया।
  • कुरान में एक ही विषय को बार-बार दोहराया गया है।
  • प्रत्येक सूरा में स्वतंत्रता है, जो उसे अन्य किताबों से अलग बनाता है।

पाठ के उद्देश्य

  • सवालों के उत्तर खोजने की कोशिश की।
  • कोर्स तैयार किया गया, जिसमें अरबी का ज्ञान न रखने वालों के लिए कुरान का अध्ययन किया गया।

कुरान के मौजा

  • मौजा के दो प्रकार: बाहरी और आंतरिक।
  • बाहरी मौजा विज्ञान के माध्यम से समझे जा सकते हैं, जबकि आंतरिक मौजा समय के साथ नहीं बदलते।

फातिहा का अध्ययन

  • फातिहा की पहली आयत पर इख्तिलाफ है: बिस्मिल्लाह रहमान रहीम या अल्हम्दुलिल्लाह।
  • बिस्मिल्लाह का फातिहा का हिस्सा होना या न होना पर चर्चा।

अल्हम्दुलिल्लाह का अर्थ

  • अल्हम्दुलिल्लाह में दो चीजें शामिल हैं: तारीफ और शुक्र।
  • तारीफ और शुक्र का संबंध समझाने की कोशिश।
  • मुसीबत में भी अल्लाह का शुक्र अदा करना।

निष्कर्ष

  • यह सेमिनार कुरान की गहराई में जाने और उसके अद्भुतता को समझने का एक प्रयास है।
  • सवालों की खोज में आगे बढ़ते रहना।

नोट: यह नोट्स उस विषय पर आधारित हैं जो कुरान और इंसान के कलाम पर चर्चा कर रहे हैं। पाठ का उद्देश्य व्यक्तिगत अनुभव और कुरान की गहराई को समझाना है।