Hi everyone, you all are welcome on LawVita, my name is Aradhya Gupta और आज हम लोग इस lecture में discuss करेंगे International Law का बहुत important topic that is the sources of International Law तो देखो sources क्या होते हैं वो सारे methods जो की International Law के rules को derive करते हैं create करते हैं या discover करते हैं वो सारे methods कहलाते हैं Sources of International Law See The methods by which the rules of international law have been discovered or created are known as the sources of international law. तो देखो, sources किसी भी specified, codified law में तो नहीं है, लेकिन ICJ, जो हमारा International Code of Justice है, उसके statute के एक article में उसके कुछ provisions mentioned हैं. So, let's read that.
Article 38, याद रखना, एक ही article हम लोग यहाँ discuss कर रहे हैं, तो याद रखना, article 38 of ICJ. तो बेसिकली आर्टिकल 38 बताता है कि कोर्ट जो है केसेस के अंदर, केसेस को डील करने के लिए, इंवेस्टिगेशन्स के लिए या डिसीजन्स के लिए क्या-क्या चीजों को अप्लाई कर सकता है, यह article बोलता है कि court जो है cases में international conventions को apply कर सकते हैं second international customs जितने भी international customs यानि कि वो सारे habits कहलो या वो सारे usages जो कि international level पर कई सारे countries ने adopt कर लिए फिर उनको international customs का रूप मिल गया तो उन international customs को भी apply कर सकती है court then the general principles of law जो जनरल प्रिंसिपल्स जो मोस्ट ने रिकगनाइज किया है देखना और भी अप्लाइड बाद फॉर्ट जुडीशियल डिसीजन जुडीशियल डिसीजन प्रायर है यानि कि हमने प्रिसिडेंट्स बोल सकते हैं तो प्रिसिडेंट्स को भी अप्लाई कर सकते हैं प्लस दिचिंग दोस्त हाइली क्वालिफाइड पब्लिसिस व वेरियस नेशन्स अलग-अलग नेशन्स के जो जितने भी आई कैसे जूरिस्ट है या पब्लिसिस्ट है अ उनकी teachings को भी apply कर सकते हैं पर इनका chronology है ऐसा नहीं है कि आप सबसे top पे या सबसे priorly teachings ही apply करोगे नहीं, you have to first apply the conventions, then if convention is missing or it is not applicable, then we will look up to the custom, then general principles and judicial decisions and the last will come upon the teachings so this is a standard chronology, we have to follow that, ठीक है, अब हम लोग इस से यानि कि इस particular provision से और कुछ और studies से derive करते हैं that there are total seven sources of international law, those the custom, treaties, general principles of law, judicial decisions, the writing of jurist, equity and the resolution of general assembly और यहाँ पे इस lecture में हम इन seven sources को ही discuss करने जा रहे हैं यह याद कर लो जड़ा जल्दी से चाहो तो यहीं पर स्क्रीन पॉस करो रीट करो custom, treaty, general principles of law, judicial decisions, the writing of jurists, equity, equity पता है क्या है तीन आपके principles होते हैं जस्टिस, equity and good conscience, so equity and the last is वो resolutions जो की general assembly ने adopt किये हैं ठीक है शिरुवात करते हैं पहले source से जो की है custom आप लोग अगर sociology के student होंगे न तो आपने ये शब्द कई दफा सुना होगा क्योंकि custom जो है custom एक अलग से chapter है, अलग से syllabus है custom का in the sociology फिलाल हम लोग यहां discuss करते हैं custom is the original and the oldest source of international law हमारे international law का सबसे original और सबसे oldest source है custom it is the most important among all the sources, जितने भी sources और उसमें सबसे important है, international custom होता है क्या है, ये देखते है, it means a kind of qualified practice, which is distinguished from the usages by the existence of a legal obligation to act according to the practice, basically क्या है ये custom, ये वो, एक qualified practice है, देखो एक वो practice, जो की चीज हम लोग अपनाते हैं अपनी रोज मर्डा की जिन्दगी में, लेकिन अगर वो practice को legal sanction मिल जाता है, या legal obligation मिल जाता है, तो वो qualified practice बन जाता है, और जब बहुत सारे nations उस practice को adopt कर लेते हैं, या उसको perceive करते हैं, तो फिर वो बन जाता है हमारा international custom, I hope आपको समझ में आया होगा, आगे और details से और clarity आएगी, या फिर custom की एक और definition है, custom is referred to those habits, हमारी वो, habits which are regarded as binding upon the states जो कि states के ऊपर binding हो जाती है उनको status मिल जाता है of an international custom and which becomes an essential source of international law they evolve through the practices and usage of nations and their recognition by the community of nations और ये जो practices हैं, ये जो habits हैं, ये जो usages हैं वो custom तब बन जाती है जब नेशन से उनको सैंक्शन मिल जाता है या रिकग्नेशन मिल जाता है है ना कोई बात इंटरनेशनल तब कंसिडर की जब एक से ज्यादा नेशन या कई सारे नेशन जो है उसको रिकग्नाइज करते हैं या उसको एक लीगल इनफोर्समेंट इनशॉर करते हैं अब हम यह जानते हैं कि custom और usage में अंतर क्या है तो देखो usage means a practice of certain uniformity and consistency the duty to follow a usage is not of a legal character but a moral one तो usage क्या है एक general practice है जो कि uniform रहती है और जो कि कई सालों से चली आ रही है जो कि कई सारे countries में consistent है similar है या फिर कई सारे सालों से वो consistent है ठीक है that practice is called usage और usage के उपर किसी भी तरीके का कोई legal character नहीं होता है, मतलब कोई legal obligation नहीं है कि आपको वो follow करनी है usage, it's just a moral one, मतलब कि एक नैतिक value है कि आपको follow करना चाहिए, या आपको practice करना चाहिए, but it's not having a legal character. While the breach of a rule of international customary law is regarded as an illegal act, और अगर कोई भी international customary law के rule को अगर आप break करते हो तो वो illegal माना जाएगा तो usage और custom में अंतर यही है कि custom या फिर एक usage या एक practice जो है वो custom तब बन जाता है जब उसको एक legal recognition मिल जाती है यही एक legal recognition का यहाँ पे distinction create होता है between custom and usage ठीक है अब एक customary international law अब International law का rule कैसे बनता है? Let's see that. The custom international law results from a general and consistent practice of states.
ये तो हमने जान लिया. Which is followed by them from a sense of legal obligation. तो हमने बोला कि एक practice जब कई सारी countries जो हैं वो follow करती हैं तो वो एक international custom बन जाता है.
है ना? और उसको legal obligation मिल जाती है तो फिर वो एक rule में भी convert हो जाता है. तो इस custom rule को international law का source बनाने के लिए it is important कि एक से जादा state यानि कि some particular states जो है उसको exist कराएं मतलब उस चीज को follow करें है ना ज़रूरी है कि एक से ज्यादा स्टेट्स जो है उस चीज को इनिशिएट करें उस चीज को लीगल सैंक्शन इनिशियर करें तो थ्री एलिमेंट्स आ रिक्वायर टो स्टेब्लिश टे एक्जिस्टेंस ऑफ इंटरनेशनल कस्टम एक इंटरनेशनल कस्टम के एक्जिस्टेंस के लिए तीन जबको एक particular usage, एक state काफी लंबे समय से use कर रहा है या practice कर रहा है तब वो particular practice जो है क्या बन जाती है custom बन जाता है but the passage of a considerable period of time is not necessary every time presently even a short period of time can suffice an information of custom if other conditions and circumstances are not fulfilled तो यहां बोल रहे है कि हाँ वैसे तो in general it is important कि एक duration भी होना चाहिए कि वो लंबे समय से उस चीज को practice कर रहे हो लेकिन हर बार भी ये condition fulfilled हो ये ज़रूरी नहीं है कई दफार जब बाकी conditions fulfilled हो जाती है तब भी एक particular practice जो है वो international custom का रूप ले सकती है and also if there is widespread acceptability of a rule by the states कि भले ही वो long duration से तो apply नहीं हो रही है लेकिन वो widespread मतलब काफी बड़े amount में spread हो गई है और accept हो गई है कई सारे states के द्वारा as a rule तब भी वो international custom का रूप जो है वो ले लेती है तो duration का role है of course it is the prime of a site important but not in every case in other certain cases और conditions भी उसको acceptability दिला सकती है तो यह हो गया हमारा पहला condition सेकेंड कंडीशन है यूनिफॉर्मिटी, एक तो हो गया duration, दूसरा है uniformity or consistency, मतलब कि almost सभी जगाहों पर हर states में वो similar तरीके से follow की जा रही हो, continuously follow की जा रही हो, एक है समान रूप से follow हो रही हो, plus वो continuously follow हो रही हो, a practice is required to be followed consistently by the states की वो बिना break के consistently वो जो है follow की जा रही है by the states in the lotus case lotus case is a very famous international case which derive various international rules so in lotus case in the words of permanent code of international justice the practice should be constant and uniform so इस case में permanent code of international justice ने बोला था कि अगर कोई practice को international custom denote करना है so it is important कि वो practice uniform होनी चाहिए और consistent होनी चाहिए consistent होनी चाहिए right similarly we have quoted one more case here north sea continental case so in north sea continental case the ICJ remarked that practice of state had to be both extensive and uniform तो जरूरी है कि किसी भी state की practice को uniform होना चाहिए plus extensive यानि कि उसको wide acceptability मिली होनी चाहिए then only प्राक्टिस विल बी कांसीडर्ड एज एंटरनेशनल कस्टम तो आप लोगों सुन में आ रहा होगा कि एक प्राक्टिस कस्टम कैसे बनती है और इंटरनेशनल कस्टम बनने के लिए क्या-क्या उसके स्पेसिफिक कंडीशन है और यहां पर थर्ड कंडीशन एज जनरलिटी सो इट इस एसेंशियल दाट यूज इच बी प्राक्टिस बाइट मोस्ट अब द स्टेट इन आरेड ट्रांसफॉर्म इंटू अक्सटम और तीसरा कंडीशन है कि काफी सारे स्टेट्स तो है उस पर्टिकुलर यूज को प्राक्टिस कर रहे हों तभी वो usage जो है वो custom में convert होगा it implies that there is no rule which prescribes that the consent of all states is a necessary condition देखो ये जुरूरी नहीं है कि जितने भी states इस world में exist करते हैं उन सभी states की acceptability needed है पर हाँ काफी सारे most बोला है ना तो काफी सारे states जो है उसको practice कर रहे हो there is a case Western Central Gold Mining Company Limited so it was held that it must be proved by satisfactory evidence that the alleged rule is of such a nature and has been so widely accepted that it can hardly be supposed that any civilized state would repudiate it तो ये बोल रहे है कि हमारे पास sufficient evidence होना चाहिए कि एक particular rule ऐसे nature का है कि शायद ही कोई civilized nation होगा जो कि उस rule की acceptability को repudiate करेगा मतलब कि उस चीज को deny करेगा या फिर मना करेगा कि नहीं मैं इस particular rule को अब एक्सेप्ट नहीं करता हूं या मैं उसको प्रैक्टिस नहीं करता हूं तो हमारे पास ऐसा एक अलिज्ड एविडेंस होना चाहिए सेटिसफेक्टरी एविडेंस होना चाहिए फॉर मेकिंग पर्टिकुलर प्रैक्टिस और यूज एच ट्रांसफॉर्म इंटू आ इंटरनेशनल कस्टम ठीक है सब राइटर्स है व्यक्ति प्रेजेंस ओपने एलिमेंट एट नेसेसिटिस विच मीज रिक्गनेशन ऑफ सर्टिन प्रैक्टिस एड obligatory by the state means states must recognize the custom is binding upon them as a law तो कुछ writers ने ये भी बोला है कि एक important और element होता है इन तीन के अलावा जो कि एक legal maxim explained है that is opinion, juris, ed, necessities कि जरूरी है कि जो states है ना जो states है ना वो उस custom को जो है recognize करें कि ये जो particular custom है ये हमारे उपर binding है हमारे nation पर binding है just as a law यह भी एक important element है, लेकिन यह कुछ limited writers ही इस चीज को regard करते हैं, that's why हमने अलग से as a point discuss किया है, but basic three elements ही हैं, जो मैंने बताया, आपका एक है generality, मतलब most of the states accept करें, एक है आपका uniformity, plus consistency, and एक है आपका duration, ठीक है, तो guys, यह था हमारा custom क्या होता है, custom के elements क्या है, to be transformed into an international custom, up did I two kinds of customary rules एक है general customs and एक है particular customs, so general are those which are binding generally on all the states such as basic rules of law treaty, rules of डिप्लोमाटिक इंटरकोर्स एचेटरा तो एक तो होते हैं तो जनरल रूल होते हैं जो अमूमन सभी स्टेट्स पर जनरली बाइंडिंग होते हैं जैसे कि ट्रीटी के लॉज हो गए या डिप्लोमाट जितने भी आपके इनवॉयस वगैरह होते हैं हाई कमिस्टर्स वगैरह होते हैं उन लोगों के जो रूल होते हैं डिप्लोमाट के सदेश टू पेट द इन पॉइंट ऑन ऑल अस्टेज राइट बाइंडिंग अपन जनरली ऑन ऑल अस्टेज एक होते हैं पर्टिकुलर कस्टम रिडूल्स दिजर दोस्तों प्रैक्टिस ओनली बिट्वीन द टू स्टेज कि दो स्टेट्स के आपस के रूल्स होते हैं राइट इसीलिए इन रूल्स को हम लोग बायलेटरल कस्टम्स बोलते हैं बिकॉस दे आफ बिट्वीन दे टू स्टेट्स ओली दे नॉट जनरल वन देट पर्टिकुलर बन पर्टिकुलर बिट्वीन दे टू स्टेट्स ठीक है तो आपके यह हो गए टू द काइंस ऑफ कस्टम जनरल एंड पर्टिकुलर तो गाइस यह हो गया हमारा पहला सोर्स था कस्टम उसको हमने डिटेल में डिस्कस किया तो यह हो सकता है कि अगर आपका क्वेश्चन अ individually customs के ऊपर भी आता है in case of international law तो भी we are having enough sufficient content कि आप लिख सकते हो answer और अपने पास से थोड़ी चीज़े add on भी कर सकते हो you are well versed with all that अब हम लोग बढ़ते हैं दूसरे source के ऊपर जो की है treaties custom के बाद आता है treaties देखिए वैसे तो treaties खुद में एक बहुत ही बड़ा topic है इसके मेरे पास बहुत ही detailed notes हैं पर अभी हम लोग क्योंकि सिर्फ sources discuss कर रहे हैं, तो हम लोग बहुत जाधा detail में नहीं जाएंगे, कि ऐसा लगेगी हम लोग treaties ही discuss कर रहे हैं, तो treaties का एक अलग से lecture बना दिया जाएगा, यहाँ पे हम लोग limited content ही discuss करेंगे, और अगर आप लोग बोलेंगे comments में, तो मैं treaties का separate lecture भी बना दूगी, फिलाल treaties क्या है, international treaties are the most important source of international law, ट्रीटी बिसिकली एग्रीमेंट्स होते हैं बिट्वीन वोर दिन वन कंट्री आर्टिकल थर्टी एट वन ए ऑफ साटिविड ऑफ आईसीजे लेस डाउन द द पोर्ट वाइल डिसाइडिंग एनी डिस्प्यूट शाल अप्लाइट इंटरनेशनल कोन्वेंशन विद जनरल और पर्टिकुलर इस्टेब्लेशिंग रूल्स एक्सप्रेस रिक्यॉन नाइज बाय द कॉन्टेस्टिंग स्टेज तो पर्टीट जो है आर्टिकल वह बोलता है कि कोड्स को कोई भी डिस्प्यूट डिसाइड करते वक्त इंटरनेशनल कोन्वेंशन कि आर्टिकल 38 में चार आपको अटिगरीज बोली थी डाइड द पोर्ट अप्लाई वाल डिसाइडिंग केस उसमें सबसे नंबर वन पर इंटरनेशनल कन्वेंशन सा उसमें यही था कि कोर्ट्स को डिसाइड करते वक्त केस को इंटरनेशनल कन्वेंशन सप्लाई करनी चाहिए चाहे वह जेनरल कन्वेंशन जो चाहे पर्टिकुलर कन्वेंशन जो ठीक है जो भी उसमें रूल उन्होंने उसमें रिकग्नाइज किया हूं एक्सप्रेस ली रिकग्नाइज किया है चीज क्या होते हैं चीज जनरी द एग्रीमेंट एग्रीमेंट्स होते हैं दो या दो से ज्यादा कंट्री स्टेट्स के बीच में ठीक है इसमें वह लोग अपने रिलेशनशिप क्रिएट करते हैं अलग-अलग स्फेयर्स में इंटरनेशनल होगे अलग-अलग स्फेयर्स में जैसे कि एक्सपोर्ट हो गया ठीक है आपका कोई ग्लोबलाइजेशन का कोई भी आस्पेक्ट हो सकता है जैसे कि अभी हम लोग बात लॉ द सी हो गया लॉ द वार हो गया डिप्लोमाटिक लॉज हो गए ठीक है इस सारे लॉज के ऊपर अलग-अलग एग्रीमेंट बदल जो भी रिलेजनशिप स्टैब्लिश करना है दो कंट्रीस को यह दोस्ते ज्यादा कंट्रीस को मिलिटरी नेवी वोटेवर और तो उन सब के लिए treaties form की जाती हैं treaties are also known as conventions, protocols, accords, etc. ठीक है, इसको हम लोग conventions भी बोलते हैं, protocols भी बोलते हैं, और accords भी बोलते हैं treaties दो category में further divide होती हैं, दो तरह की होती हैं, पहला है law making treaty, जिनने हम लोग general treaty भी कहते हैं, और दूसरी होती है treaty contract, which are also known as the particular treaty, इन देश एंड प्रिटी एंड प्राटिकुला ट्रीटी तो पहला है लॉर मेकिंग या जनरल ट्रीटी सो देख दोस्तों इस वेरी इन मोस्ट अब द स्टेट्स अब वर्ल्ड कमुनिटी आप पार्टीज इन विचार ओपन टू एसेशन बाय अदर्स बेसिकली यह ट्रीटी ओपन रहती है वाइडली ओपन ओपन रहती है जितने भी हमारे वर्ल्ड के अंदर स्टेट्स है वह सब उसकी पार्टीज हो सकते हैं मोस्ट द पार्ट मोस्ट अब द कंट्री ओपन उसकी पार्टीज होते हैं एंड कि कंट्रीज ओपन भी होते हैं कि वह उसको एक्सेप्ट करें या डिनाई करें या उसका मेंबर ना बनें ठीक है देख रहे जनरल और यूनिवर्सल नॉर्म और यह ट्रीटीज होते हैं यह किसी स्पेसिफिक टॉपिक की बात नहीं करते हैं यह जनरल नॉर्म को डिक्लायर करते हैं या फिर उसको डिस्कस करते जनरल नॉर्म होते हैं या फिर जो यूनिवर्सल नॉर्म होते हैं जो कि यूनिवर्सली सभी कंट्रीज पर सभी सब्जेक्ट पर अप्लीकेबल रहेंगे दे और ये लोग कई सारे Universal International Law के Rules फ्रेम करते हैं, जो कि almost सभी countries पे binding होगा, चाहे वो country उस particular treaty की member है, party है, या नहीं है, क्योंकि ये लोग universal norms बना रहे हैं, जो कि सभी countries पर applicable रहेंगे, ठीक है, these treaties perform the same function in the international field as legislation does in the state field, तो almost जो इन treaties का role रहता है, they are very similar जैसा role हमारे municipal law में, हमारे country के within, जो कि legislations का role रहता है, in the same way, इंटरनेशनल कॉनवेंशन प्लेज रूल इन द इंटरनेशनल फील्ड ठीक है यह आपका पहला कैटेगरी जनरल प्रिंट ट्रीटीज ना सेकंड इज पर्टिकुलर ट्रीटीज जिन्हें हम लोग ट्रीटी कॉन्ट्राक्ट भी कह रहे हैं देखने रिफर्ट प्लूरी लेटरल ट्रीटी और द ऑर्डिनरी ट्रीटी ठीक है अगर दो कंट्रीज के बीच में हो रहा है तो हम इसको जो दोस्तों वह नंबर फ्रीडीज टू और मोर देने टू अगेंड सेम थिंग देरफॉर दे हैं बिन डिस्टिंग्विश्ट फ्रॉम लॉ मेकिंग ट्रीटी क्रिएट लॉ फॉर टू और मोर से जाइए थिंग इट वेरी क्लियर डोन नीट एक्सप्लेइन दाट कि अलग कैसे है यह चैनल ट्रीटी जो है वह जरूरी सभी कंट्रीज के लिए लॉ बना रहा है जब कि यह जो अ ट्रीटी है यह पर्टिकुलर डी दो स्तेज या दो से ज्यादा स्तेज के लिए लॉब बना रहे हैं मोस्ट अब दो रूल दोने एक्सट्रडीशन है वॉल्ड थ्रू द कंक्लूशन ऑफ ट्रीटी कंट्रैक्ट तो यहां पर एग्जांपल दिया है कि एक्सट्रडीशन से रिलेटेड ज्यादा जो भी रूल्स डिवाइट हुए हैं वह इन ट्रीटी कंट्रैक्ट से ही हुए हैं यानि कि यह पर्टिकुलर ट्रीटीज है इन ही से डिवाइट हुए हैं राइट तो अभी फिलहाल ट्रीटीज के रिगार्ड में हम इतनी ही जानकारी रखें करते हैं आगे देखो और भी इंफोर्मेशन है कि कौन-कौन पार्टीज होंगे और डिस एंड था वह अभी इतना इंपोर्टेंट नहीं है वह हम लोग सेपरेटी के लेक्शन में डिस्कस करेंगे चलो फिलहाल हम लोग थर्ड सोर्स पर जल्दी से जंप करते हैं दाट इस द जेनरल प्रिंसिपेल्स ऑफ लॉट थर्ड कैटेगरी दीना फर्स्ट फर्स्ट कस्टम वह हो गया चीज हो से न यह आर्टिकल 38 के पॉइंट सी में मेंशन था अ देखिए general principle of law is a source which comes after treaties and customs तो ये treaties और customs के बाद आता है it means court is directed to apply general principles only ध्यान से सुनो it means court is directed to apply general principles only when there is no treaty relevant to the dispute or where there is no customary international law that can be applied in a particular case कि हम लोग general principles को तभी apply करेंगे, court तभी apply करेंगे जब हमारे पास, यानि कि court के पास कोई relevant treaty नहीं है, prevail नहीं कर रही है, regarding the particular dispute, जो कि in matter है, in dispute है, और ना ही कोई specific customary rule exist कर रहा है, ना ही कोई custom exist कर रहा है, जो कि हम लोग उस particular case में apply कर सकें, तो जब ये दोनों ही चीज़े absent होती है, तब आता है the role of general principles, तब जो है court के उपर ये obligation है, कि विच रिक्टर नाइस बाइस लाइज नेशन उनको अप्लाई करें ठीक है देखो एक बात मुझे बोलना है सॉरी टू इंटरअप्ट इन बिट्ट्वीन मैंने कुछ लेक्चर्स देखे हैं यूट्यूब पर वह साइज में हो सकता है छोटे होंगे कि हार्डी देव बी कम यूसफुल हो जाते हैं क्योंकि हमको शॉर्ट स्पैन में समझना है ठीक है लेकिन मेरे लेक्चर का यहां पर रोल रहता है कि अगर आप लोगों को एक्स्टेंसिव आंसर राइटिंग के लिए मटीरियल चाहिए एक्स्प्लीनेशन चाहिए या चीजों को और डीप में सम तो अगर लंबा होता है तो उसके लिए है एम सॉरी बट कोई और फालतु की बातें हम नहीं करते हैं जो भी बात करते हैं सिर्फ कॉन्टेंट की बात करते हैं ठीक है वीडियो पसंद आ रहा हो तो लाइक कर सकते हैं और चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं ऐसे और लेक्शन के लिए उम्मीद करती हूं आपको पसंद आ रहा होगा चले कंटिनेव करते हैं लास्ट बात कर रहे थे कि हम लोग इन जनरल प्रिंसिपल को अप्लाई कप करते हैं तो यह से लाइन लिखा है ना यहाँ पे कि जनरल प्रिंसिपल्स अफ लॉट रिकगनाइज बाय सिविल नेशन तो इससे हमें क्या मतलब है कि हमारे वर्ल्ड कम्यूनिटी के निके हमारे दुनिया में जितने स्टेट्स है जो सिविलाइज स्टेट्स है ठीक है जो ज्यादातर जैसे कि यूवेनों के पार्ट है जो वर्ल्ड कम्यूनिटी में एक्टिव रॉल प्ले करते हैं ठीक है जो सिविलाइज नेशन जो स्मिक कल्चर है उसमें ट्रेडीशंस है उसमें लॉ है उसमें कॉंसिट्यूशन है तो उन सिविलाइज नेशन ने अपने डोमेस्टिक लॉ में भी इन प्रिंसिपल्स को अप्लाई किया हुआ है अपने रूल्स रेगुलेशन पॉलिसीज में वहीं कहलाते हैं general principles of law recognized by civilized nations ठीक है I hope आप लोगों समझ में आ गया होगा the examples of such principles which have been recognized are good faith, reciprocity, presumption, stopple रेजजुडिकाटा ये सारे general principles के examples है और हमारे Indian laws में भी almost ही सभी हमें देखने को मिलते हैं है ना the principles of law recognized by many states do not become principle of international law automatically they are required to be recognized by world code अब ऐसा नहीं है कि कई सारे countries में कोई particular for example estoppel है estoppel कई सारे countries जो है अपने domestic laws में उसको apply कर रही है तो ये ऐसी by so fact और जैनरल वे में ही यह रूप ले लेगा हमारा जैनरल प्रिंसिपल्स अपलाव करने ही इट इज इंपोर्टेंट और इट इज रिक्वायर्ड कि उस पर्टिकुलर अब उस पर्टिकुलर आस्पेक्ट या उस पर्टिकुलर रूल को यह प्रिंसिपल को वर्ल्ड पोर्ट जो है वह आईसीज हो सकती है वह पर्मानेंट फोर्व जस्टिस हो सकती है उन्होंने उसको रिकग्नेशन प्रोवाइड किया हो राइट before any such principle is applied by the court certain considerations are required to be taken into account क्या क्या rule is a general principle of law वो कोई limited नहीं है किसी particular section पे या किसी particular kind of cases पे उसका जो scope है वो wide है general है जो rule है it is recognized by the states प्लस द रूल इस रिकगनाइज बाय मोस्ट ऑफ द स्टेट्स तीक है कुछ कंसिडिएरेशन्स होती है कि हाउ आ प्रिंसिपल विल बी यू नो यूज इस एस फोर्स ऑफ इंटरनेशनल लॉ एंड बी टर्म डेस जनरल प्रिंसिपल अफ लॉ प्रिंसिपल ऑफ स्टॉपल विशाब लाइट इन द केस ऑफ बार्सेल ऑन अट्रैक्शन केस एंड टेंपल ऑफ प्रिया विहार केस सो इन दोनों तो दो लीडिंग इंटरनेशनल केसेस है इनमें जो प्रिंसिपल ऑफ स्टॉपल है वह अप्लाई किया गया था अ आज जनरल प्रिंसिपल अफ लॉ इस प्रिंसिपल अवरेज जुडिकाटा एंड प्रिंसिपल आफ सकंस्टांशल एविडेंस देवर अप्लाइड बाय आईसीजे इन दो कॉल फू चैनल केस ठीक है मैंने कुछ केस को कोट किया है सो दाट दिस विल गेवा एज इन द आंसर राइटिंग राइट तो गाइस यह हो गए हमारे तीन सोर्सेस ठीक है अमीद कर दो समझ में आ रहा जिडिशियल डिसीजन्स क्या है? दीज आर द सबसिजरी मीन्स फोर डेटरमिनेशन आफ रूल्स अफ लॉग देखो ये प्राइमरी मीन्स नहीं है ये सबसिजरी मीन्स है देखो जो पहले तीन थे लेकिन जिडिशियल डिसीजन आपका प्राइमरी नहीं है because they have no binding force except to the parties to a particular case because यह binding नहीं होती है, except जब जो court जो है, उन judicial decisions को apply करेंगे उस particular case में, तो उन parties के उपर वो binding होंगी, लेकिन it is not like every state has to be binding upon by these judicial decisions, it is not so, right?
Under judicial decision, let's discuss the contribution of following, तो अब हम लोग judicial decisions की बात करते हैं, तो यहाँ पे हम लोग कुछ judicial courts का role देख लेते हैं, जैसे कि the judicial organ of अ युनाइटेड नेशनल वेरी फर्स आईसीजे इंटरनेशनल कोर्ड अफ जस्टिस साइड प्रेजेंट इज अ मेन इंटरनेशनल जडीशियल ट्रिब्यूनियल करेंटली यह मेन इंटरनेशनल जडीशियल ट्रिब्यूनियल है ठीक है हावेवर इट्स रिशियल और एन ओन एवरी यू नो इंडिवीजुअल नो इस नॉट सो पर दिखाओ था यूज इट्स प्रायर डिसीजन फॉर गाइडेंस आज टू द लॉफ एग्जांपल फॉर परपॉस अफ लास्ट्रेटिंग और इस टिंग विशन द ए अप्लीकेशन ऑफ पर्टिकुलर रूस तो कोर्ट पहले भी अपने प्रायर डिसीजन जो प्रिस डिसीजन इस आईसी जेने पहले रिलीज किए है या हेल्प किए है उनको ऐसे गाइडेंस जो है वह यूज करते हैं केसिस को डिल करने के लिए या इलास्ट्रेट करने के लिए किसी पर्टिकुलर इंस्टांस को सब्सक्राइब दें और डिसीजन्स अफ कोट है वह ग्रेट इंपाक्ट अन द एक्जिस्टिंग रूल्स ऑफ इंटरनेशनल लॉड दिकांट बीट नोट आइडर बाइट द कोड इज सेल्व और बाइट अथर ट्रिप्यूरियल्स और जो कोड के डिसीजन्स है जो जुडीशियल डिसीजन्स है दे एन इंपोर्टेंट सोर्स आफ इंटरनेशनल लो ऑल्डो इट इज आ सब्सेजरी और इंडारेक्ट वन ठीक है तो यह गया पहला इसीजे अब सेकंड हमारा अवार्ड्स ऑफ इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल्स सुधा वॉइड अफ इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल सच एस दी ट्रिब्यूनल ऑफ पर्मनेंट कोर्ड आफ आफिटरेशन और अमेरिकन मिक्स क्लेम ट्रिब्यूनल देख आफ ऑफ ट्रिब्य टू डेवलपमेंट ऑफ इंटरनेशनल लॉट तो आईसीजे के अलावा और सारी जो ट्रिब्यूनियल्स भी है जो इंटरनेशनल देखो वैसे तो जो municipal courts होते हैं उनके decisions जो है international law पे बहुत कोई major impact नहीं play करता है बहुत limited value रहती है उसके role की लेकिन अगर कोई particular aspect पे decision जो है वो कई सारी countries के courts ने uniformly दिया है है ना झाल तो वहां पे वो एक important role play कर जाती है it create an evidence of the international custom especially in those fields of international law which have interwoven between the international law and municipal law such as nationality, extradition, diplomatic immunities, etc. लेकिन और specially उन फील्ड्स में उन फील्ड्स में जो कि इंटरनेशनल लॉज से रिलेटेड है वह भी वह जो कि इंटरनेशनल और म्यूनिसिपल लॉग के बीच के रिलेशनशिप को सिग्निफाई करते हैं उन फील्ड्स में तो जो भी डिसीजन म्यूनिसिपल कोर्ट्स के होते हैं वह एक इंपोर्टेंट रोल प्ले करते हैं जैसे कि लॉज आफ नेशनालिटी एक्सट्रडीशन डिप्लोमाटिक किम्यूनिटीज एक्सट्रा और यहां पर डी कैटेगरी है डिसीजन ऑफ रीजिनल कोर्ट्स अ तो यह रीसेंट डेवलपमेंट है इंटरनाशनल लॉज में न रीजनल कोर्ट्स एग्जांपल आफ सच कोर्ट्स आर द जस्टिस अब यूरोपियन कम्यूनिटीज इस टेप कॉंट्रीब्यूटिट इमेंस्टली डेवलपमेंट ऑफ इंटरनेशनल लॉइन पर्टिकलर इरियास तो कुछ पर्टिकलर इरियास में रीजिनल कॉर्ट्स ने अपना रॉल प्ले किया है टूवर्ड डेवलपमेंट ऑफ इंटरनेशनल लॉग तो यह हो गया हमारा यहां पर फोर्थ कैटेगरी दाइट वॉजन जुडीशियल डिसीजेंस ठीक है इसमें हम लोगों ने चार फर्थर पॉइंट डिसकस के दें क्या-क्या पहला आईसीजेंस डिसकस किया फिर इंटरनेशनल ट्रिब्यूनियल्स मिनिसिपल कोड्स एंड रीजिनल कोड्स ठीक है चले आप डिस्कस करते हैं बहुत थोड़ा portion बचा है आप डिस्कस करते हैं writing of jurists तो जब हमने custom apply किया custom भी absent है, treaties भी absent है, general principles भी नहीं है, judicial decisions भी उससे related नहीं है तब हम लोग आएंगे, तब courts apply करेंगे jurists की writing the statute of ICJ lays down that the teachings of most highly qualified publicists of various nations are subsidiary means for determination of rules of law तो आईसीजे की जो article 38 था उसका fourth point बात कर रहा था इस वाले source के बारे में कि जो teachings होती हैं countries के अलग-अलग nations के highly qualified publicist की उनको हम लोग subsidiary source consider करेंगे ठीक है in determination of the rules of law while a publicist or a writer is a highly qualified or not will perhaps be determined by tribunals तो ये चीज कि publicist highly qualified है या highly qualified नहीं है, ये चीज तो tribunals के हाथ में, ये चीज courts determine करता है, before whom the teaching will be placed is an evidence for determination for rules of law, clear? कि जब इस वाले सोर्स को अप्लाई करना है और teachings को लिया गया है, books को या journals को लिया गया है refer करने के लिए, तो जब वो चीजे on the table place की जाती है, तब tribunal decide करेगा कि जो उसका publicist है या जो उस writing का writer है, that person is a highly qualified one or not, right, so that depends upon the determination of the court. जुरिस्टिक अपीनियन थ्रोज लाइट अन्ड रूल्स ऑफ इंटरनेशनल लॉव एंड राइटिंग्स प्लेड मेक्स इट इजियर टो फ्रेम आ पर्टिकुलर रूल तो यह जुडीशियल अपीनियन्स भी इंपॉर्टेंट रूल प्लेड करते हैं इन द फॉर्मेशन ऑ बात का जो सोर्स है यह इस वाली राइटिंग से डिवा है या फिर इस राइटिंग से कोट किया गया है ग्रॉशियल्स वैटल बिंकशॉक आरेमंग दोस्त वूज राइटिंग है बीन कोटेड बाय आईसीजे एंड अदर ट्रिब्यूनियल्स इन देखेज लाइक साउथ वेस्ट एफरिका केस इंटरप्रेडेशन ऑफ पीस फ्रीडी केस एजायलम केस एट्सेट्रा तो यहां पर इस पॉइंट में यह बोला गया है कि इंटरनेशनल ट्रिब्यूनियल्स ने या आईसीजेस ने कई सारे जो ए लेन्डमार्क इंटरनेशनल केसेज हैं उनमें कई सारे फेमस राइटर्स के या पब्लिस की राइटिंग्स को कोट किया था जैसे कि हूगो ग्रॉशिस, वैटल, बेंकरशॉक एचेचा और केसेज के नाम I have mentioned here.
तो ये हो गया हमारा fifth category that is the writing of chores ठीक है उमीद कर रही हूँ समझ में आ रहा होगा ठीक है कोई भी doubt हो ना तो क्या करना जिस जगा doubt हो उसी जगा video pause करना और उसी जगह comment section में mention कर देना कि ma'am इस particular point पे ये चीज समझ में नहीं आई और अगर मैं कर सकूंगी तो जरूर उसका आपका answer दूँगी ठीक है चलो six point discuss करते है equity तो equity मैंने बताया था एक important principle होता है that is the three major principles का एक sub part है ये justice, equity and good conscience so the term equity as a source of international law is used in the sense of fairness, reasonableness जो है वह यूज किया जाता है इन दुसरे इंशॉर करना है हमें जस्टिस इंशॉर करना है रीजनेबिलिटी इंशॉर करनी है है ना और हमें एक सेटल रूल ऑफ लॉक ओस्टेब्लिश करना है सेंड आइट प्लेस हम लोग इक्विटी को यूज करते हैं एज एस ऑर्स ऑफ इंटरनेशनल लॉग इट इज अफ ग्रेट इंपोर्टेंस इन दोस्त फील्ड्स अ वेर्ड रूल्स आइट नॉट रेडिली अवेलेबल तो हम लोग इक्विटी के सोर्स को जनरली तब यूज करते हैं और तब इसका ग्रेट इंपोर्टेंस होता है जब बाकी रूल्स जो हैं वो अवेलेबल नहीं होते हैं इन पर्टिकुलर केस विद पॉट इन द आप सेंस और इन general principles के basis पे general principles वो third वाला नहीं जो justice के general principles होते हैं जो equity के general notions होते हैं उनके basis पे court क्या करते हैं कई सारे cases में नए नए rules को derive करते हैं, deduce करते हैं the concept of equity has been referred to in several cases बहुत सारे cases में equity को use किया गया है, referred किया गया है by the court जैसे कि run of cuts आर्बिट्रेशन बिट्वीन इंडिया एंड पाकिस्तान एंड 1968 ये बहुत इंपोर्टेंट केस था इसमें एक्विटी को रेफर किया गया था त्राइबुनल अग्रीड ताट एक्विटी फॉर्म द पार्ट अफ इंटरनाशनल लॉग सिमिलरली इन अदर केसेस इन द केस अफ नॉर्ड सी कॉंटिनेंटल केस एंड बार्शिन अल अट्राक्शन केस द आईसीजे अल्सो गेव ड्यू रिगार्ड टो द प्रिंसिपल्स अफ एक्� देखो equity को मैंने बताया ये primary rule नहीं है ये एक secondary rule है और ये काफी बाद में हम लोग उसको picture में लाएंगे जो बाकी सारी चीज़े available नहीं है तो देखो equity के rules directly तो source नहीं है लेकिन जब widely accept कर लिये जाते हैं तो ये transform हो जाते हैं with the passage of time into the customary rules, और custom we have read जो की पहला important source है of international law, right? अब हम लोग यहाँ पे last source discuss कर रहे हैं, I am very happy, ये बड़ा chapter था, और successfully हम लोग इसके बिल्कुल end पे आ गए हैं, right? तो हम लोग discuss करेंगे resolutions of general assembly, तो देखो, The resolution of General Assembly have a tendency to acquire the character of customary rule of international law in the sense that they fulfill the essential elements of custom, that is, generality and continuity. तो ये देखो हम लोगने past lectures में इस human rights के lecture आजकर हम लोग discuss कर रहे हैं law vita पे, तो General Assembly कई सारे fields में अलग-अलग declarations adopt करते हैं, conventions adopt करते हैं.
जिन्ने भी resolutions adopt करते हैं General Assembly जो है General Assembly बहुत important organ है United Nations का जैसे कि एक example देते हूं resolution का child rights related General Assembly ने एक convention adopt किया था the convention on the rights of child CRC तो CRC एक resolution था बाद General Assembly तो उस जितने भी जनरल असेम्प्ली के रिजल्यूशन्स होते हैं ना उनके पास एट टेनेंसी होती है यह प्रॉपर्टीज होते हैं कि उन वह जो है अक्वायर कर लेते हैं कस्टम री रूल का कार्रेक्टर बिकॉस इसके पीछे भी कारण है कारण बताया थे लांग डिवरेशन जनरल एटी और कंजिस्टेंसी यूनिफॉर्मिटी अ So because the resolution of General Assembly fulfill those elements, that's why they acquire the character of customary rules as well. They provide the basis for the progressive development of law because General Assembly always works on all the problems in society, all the states put front in the United Nations meeting, and for them, for development of different sections, they have to be in the same place. अलग-अलग problems में solution लाने के लिए conventions हो गई है, declarations हो गई है, उन्हें adopt करते हैं, so that's why the resolution of general assembly provide the basis for progressive development of law, right, the instances of some of the principles that have acquired the status of customary rules, though the adoption of, through the adoption of resolution of general assembly are, तो कुछ examples हम लोग यहाँ discuss कर रहे हैं, कि कुछ जो resolutions थे general assembly के, अब वो जो है, वो जो resolutions थे, उनको customary rules का status मिल गया है, जैसे की, the resolution of non-intervention, the right of self-defense, self-determination, prohibiting the use of threat of force in the international relations, तो कुछ examples भी है, examples of important law-making resolutions, जो कि General Assembly ने adopt किये थे, जैसे की, UDHR, UDHR बहुत ही important, important declaration था बहुत ही important document था जो कि human rights की protection and promotion के बारे में deal करता है जो कि General Assembly ने adopt किया था ठीक है 10th December 1948 को उसका एक lecture भी मैंने यहाँ डाल रखा है Law Vita पे हाली ही में डाल है आप देख सकते हैं इसके अलावा the declaration on prohibition on use of nuclear weapon for war purposes 1961 देखिए देखिए देखिए देखि� और इस पॉइंट में हम लेक्चर के लिए आपको आपको सब ही सोर्स समझ में आए होंगे हम लोगों ने बड़े प्यार से बड़े अराम से डिसकस किए हैं सभी कॉन्टेंट यह स्क्रीन पर अवेलेबल है और अगर आपको पीडियेफ फॉर्म में चाहिए तो उसके लिए लिंक्स हैं इन दोनों ही चीजों के वो description box में available है तो आपको वहाँ जाके click करना होगा फिर आप contact करें आगे की details वहाँ पे आपके साथ share कर दी जाएंगी तो lecture कैसा लगा यह हमें जरूर बताएगा comment section में कोई कमी थी कुछ अच्छा नहीं लगा तो बताएगा क्योंकि उसको बेहतर किया जाएगा ना सेम नहीं रहना चाहिए चीज़े अगर improvement की need है तो improvement की जाएगी और मैं improvement के लिए हमेशा ready हूँ right, lobita is always ready to make improvement and always there to help all of you my dear friends ठीक है so for all those much more lectures एक ही काम करना है जैनल को subscribe करना है जुड़े रहना है and this was it I'll meet you soon with the next video with the next lecture till then everyone please take care of yourself Have a good day. Bye-bye.