हलो स्टुडेंट्स, आज से हम एक नया सबजेक्ट पढ़ेंगे जो के है Basic Electronics चैनल की कम्यूनिटी पे दो तीन दिन पहले एक पोल रखा गया था जिसमें बहुत सारे स्टुडेंट्स ने डिमान करी थी कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी ये सबजेक्ट के वीडियो लेक्चर्स बनाए तो आपकी डिमान पे आज से हम Basic Electronics सबजेक्ट पढ़ने की शुरुवात करेंगे अब ये सबजेक्ट पढ़ने से पहले एक रिक्वेस्ट है सभी को कि जब भी आप वीडियो देखने बैठो तब अपने पास पैन और पेपर जरूर से रखना जिससे करके आप खुद की नोट बना सकोगे अगर आपने नोट नहीं बनाई तो क्या होगा तीन चार दिन बाद आपको कुछ डाउ उठाएगा वापस से आप ये वीडियो को प्ले करोगे यानि आपका टाइम वेस्ट होगा ऐसा ना हो इसके लिए आप प अगर आप स्टडी के प्रती सीरियस हो तो जरूर से ये बात मानने वाले हो अगर नहीं हो तो आपकी इच्छा और आप जो पॉलेजिस में इतनी हजारों की फीज बर रहे हो उसकी वैल्यू करो और थोड़ा सीरियस हो जाओ पढ़ाई के लिए So I hope you are ready with your pen and paper So without wasting much time let us start this video तो basic electronic subject का आज हम first unit शुरू करने वाले हैं जो कहे diode theory and application ये unit में first topic है forward bias pn junction डायोड, तो आज का हमारा टॉपिक होगा Forward Bias PN Junction डायोड, जो के May 19 में एक बार पूछा जा चुका है तो सबसे पहले तो ये जो पूरा नाम है उसका मतलब समझने की कोशिश करते हैं पहले तो डायोड से शुरुवात करते हैं डायोड यानि क्या? कि आपके पास एक P Type Semiconductor है और एक N Type Semiconductor है दोनों Semiconductor को आप अगर कनेक्ट करोगे दोनों सेमीकंडक्टर को आप अगर connect करोगे तो जो भी device बन के आएगी उसे हम diode बोलेंगे यानि PN junction diode means what? When you will connect P type and N type semiconductor both then prepared device is known as diode अच्छा अब दोनों connect किये तब क्या होगा एक boundary बनेगी और ये boundary क्या करेगी P type और N type semiconductor को separate करेगी तो ऐसी boundary को हम बोलेंगे PN junction PN junction यानि क्या? such a boundary which separates p-type and n-type semiconductor is known as p-n junction connect किया, diode बना तो p-n junction डियोड का मतलब आपको समझ में आ गया है आगे बढ़ते हैं अब ये जो p-n junction है उसके पास ये electrons है n-type के first line की बात कर रहा हूँ उसी तरीके से p-n junction के पास ये p-type के hole है first line में ठीक है अब hole का charge plus electron का charge minus प्लस माइनस अन इक्वल चार्ज के बीच में एक्ट्रेक्शन होगा। जिससे करके ये जो इलेक्ट्रोन है एन टाइप के वो पी एन जंक्शन को क्रॉस करके होल में चले जाएंगे यानि डिफ्यूज हो जाएंगे डिफ्यूज यानि खतम हो जाएंगे खतम यानि न्यू� यह electron ने कुछ motion करी, क्यों? क्योंकि यह diffuse हो रहा है, इसके साथ यहां तक जा रहा है, electron की कुछ motion हुई, तो क्या बनेगा?
Current बनेगा, क्यों? हमें पता है, flow of electron is known as current, तो यहां पे electron की motion हुई, तो एक current बनेगा, जिससे हम बोल देंगे diffusion current, ठीक है? अब यह जो diffusion current है, बहुत ही negligible होता है, और जो हमारा main current होता है, उसमें यह diffusion current कोई भी role play करता नहीं है, क्यों?
क्योंकि ये diffusion current किसकी ओज़े से produce होता है? momentary motion of electron, momentary यानि थोड़ी सी motion जब electron करता है, तभी ये current produce होता है, तो ये negligible है, और इसे हम diffusion current बोल देंगे, और diffusion current जो process में बनता है, उसे हम diffusion process बोल देंगे, ठीक है? अब diffusion हो गया, यानि neutral हो गया, यानि हमें एक ऐसी कुछ layer मिलने वाली है, ये layer के अंदर क्या होगा, shortage of charge carrier होंगे, यानि ये layer में electron भी नहीं होंगे, hole भी नहीं होंगे, तो क्या होगा, neutral चीजे होगी, neutral चीजे यानि क्या, जिसके पास कुछ भी charge नहीं है, क्यों, क्योंकि hole और electron दोनों एक दुशरे के साथ और ऐसी जो layer मिली है हमें जिसमे shortage of charge carrier है ऐसी layer को हम depletion layer बोल देंगे suppose करते हैं depletion layer की जो thickness है वो d के बराबर है ठीक है अच्छा तो depletion layer तक आपको बात समझ में आ चुकी है अब क्या होगा यहाँ पे यह n type में से electron चले गए electron diffuse हो गए यानि n type जो है उसमें से negative charge चले गए तो यह side positively charge हो जाएगी इसकी क्यों n type और negative चले गए थोड़े बहुत तो positively charged आ जाएंगे यहाँ पे उसी तरीके से यह hole है p type में positive charged चले गए तो यह negative यह side negatively charged हो जाएगी ठीक है अब यहाँ पर plus है, minus है, यानि electric field आएगी, हमें पता है electric field कहां से कहां होती है, plus से minus की और, तो यहाँ पर plus से minus की और एक electric field बनेगी, ठीक है, तो यहाँ पर एक electric field बन गई, अब यह electric field बनी, उसके कारण यह depletion layer में एक potential create होगा, voltage create होगा, according to V is equal to E into D, यह electrostatic potential में class 12 में परक कि यहाँ पे डिप्लेशन लेयर की जो थिकनेस है वो D है और एलेक्ट्रिक फिल्ड E है जिसके करण एक पोटेंशियल बना डिप्लेशन लेयर में यह पोटेंशियल या वोल्टेज को हम बोल देंगे पोटेंशियल बैरियर अब पोटेंशियल बैरियर इसे क्यों बोलते हैं वो समझ लेते हैं पहले तो बैरियर याने क्या रुकावट अब यह जो एलेक्ट्रोन है उस पे यह एलेक्ट्रिक फिल्ड की वजए से तो हमें पता है electric field के opposite direction में यानि electric field ये direction में है तो ये electron पे ये direction में force लगने वाला है तो अगर electron पे ये direction में force लग रहा है इसका मतलब क्या हुआ कि अब n type में जो electron है वो depletion layer को cross करके p type में नहीं जा सकते इसका मतलब electron का flow अब नहीं होगा इसका मतलब current का flow अब नहीं होगा जो के यह हमारा जो barrier, potential जो create हुआ, इसके अंदर वो potential क्या करेगा? Current के flow को oppose करेगा, यानि उसे जाने देगा, नहीं, यानि एक रुकावट देगा, रुकावट को क्या बोलेंगे हम?
Barrier, तो इसलिए हम इसे बोलते हैं potential barrier, potential barrier क्या करेगा? Potential barrier current के flow का oppose करेगा, n type के अंदर जो electron है, उसे p type में जाने से रोकेगा. और अगर हम Silicon Crystal की बात करें, ये जो n-type और p-type जो बना रहे हैं, अगर Silicon Crystal की बात करें, तो उसका potential barrier 0.6 electron volt के बराबर है, और German name के लिए 0.3 electron volt के बराबर है. अब इसका मतलब क्या हुआ?
अगर potential barrier 0.6 electron volt है यहाँ पे, इसका मतलब क्या हुआ? अगर आपको current flow कराना है, अभी तो current flow होगा नहीं, क्यों electric field यहाँ पे force देगी, electron यहाँ पे नहीं आ पाएंगे. फिर भी अगर आपको flow कराना है तो आपको एक external battery का use करना पड़ेगा वो external battery का potential ये potential से जादा होना चाहिए ठीक है यानि 0.6 electron volt का potential barrier है current flow कराना है तो 0.7 electron volt की battery आपको लेनी पड़ेगी तब ही जाके current flow होगा ठीक है अच्छा तो ये सारी बाते आपको समझ में आ चुकी है अब हम आगे बढ़ते हैं कि इसका हमें biasing करना है biasing यानि क्या बायसिंग यानि क्या? कि जब भी आप PN junction diode को battery के साथ connect करोगे, जब भी आप ये जो PN junction diode है उसको कोई battery के साथ connect करोगे, तब ये process को हम बोलेंगे biasing of diode.
The process in which diode is connected with a battery is known as biasing process. अब ये biasing process के दो type आते हैं. कौन से, एक तो forward bias और reverse bias आज का topic तो forward bias है, उसमें detail में देखेंगे reverse bias next video में देख लेंगे अब forward bias यानि क्या? तो forward bias यानि जो भी हम battery लगा रहे हैं ठीक है? suppose इसका कुछ होगा potential जो भी हम battery लगा रहे हैं वो battery का जो positive terminal है वो हम positive type यानि p type semiconductor से connect करेंगे और battery का जो negative terminal है वो n type यानि negative type semiconductor से हम connect करेंगे तो ये arrangement को forward bias बोलते है यहाँ पर लिखे रखा है plus minus यानि क्या correct connection plus minus यानि क्या ये positive terminal battery का ये positive type semiconductor यानि plus से connect करो ये negative terminal battery का और ये n type यानि negative negative हो गए correct connection कर दिया अच्छा जब ऐसे connection करते हैं उसे forward bias बोलेंगे forward bias के अंदर क्या होगा कि हमारा जो ये diode है वो active हो जाएगा diode active हो जाएगा और diode active हुआ तो current flow करना शुरू कर देगा अब diode कैसे active हुआ कैसे current flow करना शुरू किया ये भी हम देखेंगे दीरे लेकिन अभी याद रखना forward bias में current flow करता है और diode active होता है अब आगे बढ़ते हैं अब शुरू आत में हमने क्या देखा था कि ऐसे कुछ डिप्लेशन लेयर थी तो यहां पर डिप्लेशन लेयर बना दी शुरुआत की जब बैटरी कनेक्ट नहीं करी है डिप्लेशन लेयर बना दी ठीक है यह एलेक्ट्रिक फिल्ड है हमारी जो डिप्लेशन के लेयर के अंदर है यह हमारा प्लस वाला यानि हायर पोटेंशियल यह माइनस वाला यानि लोवर पोटेंशियल अच्छ कैसे देखोगे यहाँ पे?
यह plus से minus के बीच की यह जो height है यह क्या बताती है? potential barrier बताती है. अगर यह potential barrier 5 volt का है, तो जो भी external battery आप लगाओगे, वो potential barrier से जादा volt की होने चाहिए, तभी current flow करेगा.
अब हम क्या करने वाले हैं? बैटरी लगा दी हमने. अब क्या होगा? forward bias करने के कारण, जो depletion layer है, वो depletion layer, कम होता जाएगा Depletion layer will decrease अगर Depletion layer decrease हुआ तो Electric field भी decrease होगी और अगर Electric field decrease हुई तो Potential barrier भी decrease होगा अब ये तीन चीज़ समझ लेते हैं कि Forward bias करने पर पहले देख लेते हैं कि Depletion layer कैसे decrease किया तो वो कैसे समझेंगे कि यह जो side है, वो negative terminal से connect किया गई है, तो यह negative terminal यहाँ पे है, और यह सारे hole negative है, यानि equal charge negative की बीच में क्या होगा, repulsive force लगेगा, यानि सारे electron यह side आने की कोशिश करेंगे, यानि कि यह layer यह side जाएगा, उसी तरीके से यह positive terminal यहाँ connect किया गई है, यह hole म तो positive repulsive force सारे hole ये side डाने की कोशिश करेंगे इसका मतलब ये जो depletion layer है वो ऐसे करके पतला होता जाएगा depletion layer कम होता जाएगा कब forward bias में तो depletion layer कम होगा तो यहाँ पर depletion layer कम कर दे ये विर्थी पहले depletion layer की अब forward bias किया तो मैंने समझाया उस हिसाब से क्या होगा depletion layer कम हुआ यानि ये layer थोड़ा आगे बढ़ा ठीक है अच्छा तो डिप्लेशन लेयर कैसे कम हुआ वो समझ में आ गया अब दूसरे नंबर समनने कोशिश करते हैं कि डिप्लेशन लेयर कम हुआ तो इलेक्टिक फिल्ड कैसे कम हो गई अब ये जो एक्समिल बैटरी है प्लस माइनस यहां भी एक इलेक्टिक फिल्ड होगी कौन सी प्लस से लेके माइनस अब अगर हम ये डियाग्राम को अब्ज़व करे opposite direction में होगी ये field depletion layer की वज़े से ये field external battery की वज़े से अब दोनों field एक बुछरे के opposite direction में है तो net electric field है वो तो कम ही होगी क्यों?
जैसे कि suppose करते हैं कि ये field suppose 8 की है और opposite है यानि ये field 4 की है तो कितना हो गया net? कम हो गया था कितना? 8 का और कम हो गया कितना? 4 कक यानि electric field कैसी हो गई?
electric field कम हो गई अगर ऐसे नहीं समझे तो यहां डायग्राम से समझ लो पहले एलेक्ट्रिक फिल्ड यहां से लेकिन यहां तक थी अब डिपलेशन लेयर कम हुआ तो अब एलेक्ट्रिक फिल्ड कितनी हो गई यह पॉइंट से लेके यह पॉइंट तक एलेक्ट्रिक फिल्ड हो गई ठीक है अच्छा अब हम देखते हैं कि जो पोटेंशल बैरियर है वो कैसे कम हो गए तो और ये minus higher potential पहले potential barrier इतना था अब potential barrier कम हो चुका है ठीक है पहले suppose 5 volt का था तो अब suppose 3 volt का हो गया है ठीक है यानि potential barrier कम हो गया किसने forward bias में अगर forward bias में potential barrier कम हो गया तो हम क्या बोलेंगे तो हम ऐसा बोलेंगे कि जो भी external battery लगाई है उसका potential कम भी होगा तब भी current flow करा पाएंगे जैसे के पहले potential barrier 5 volt का था अगर आपको current flow कराना है तो आपको 6 volt की battery लगानी पड़ेगी लेकिन forward bias कमने पर potential barrier कितना हो गया कम हो गया, depletion layer कम हुआ electric field कम हुई, potential barrier कम हो गया potential barrier कम हो गया अब अगर आपको current flow कराना है ये diode में से, तो कितने volt की battery की ज़रूर पड़ेगी 6 volt, 3 volt की battery से भी है कम चल जाएगा यानि अब करंट इजीली फ्लो होना शुरू हो जाएगा क्यों potential barrier जो है जो करंट को opposite कर रहा है उसका value कम हो जाएगा यानि के करंट फ्लो करेगा क्यों के diode जो है वो active हो चुका है क्यों क्यों के correct connection की है form of s में लगाया है इसलिए ठीक है अब ये जो diode है pn junction diode उसका simple सा symbol ये है ये triangle और एक line यहाँ पे p लिख लो यहाँ पे n लिख लो ये simple symbol किसका है diode का अगर आपको forward bias का symbol बनाना है, forward bias PN junction का symbol, तो ये का यही symbol बनाएंगे, फरक क्या होगा, कि positive type जो semiconductor है, वो battery के plus terminal से, और negative type semiconductor है, वो battery के negative terminal से connect कर देना, और ये जो positive है, उसे कभी anode के नाम से भी जानते हैं, ये negative है, उसे cathode के नाम से भी जानते हैं, PN plus minus जरूर से आप लिखना, अच्छा. अब लास्ट में हम देख लेते हैं इसके characteristics, VI characteristics के नाम से जाना जाता है ये कव को, VI voltage current characteristics के नाम से जाना जाता है, तो इसमें हम क्या करेंगे, यहाँ पे IF यानि forward current ले लेंगे, VF यानि, forward voltage ले लेंगे, हम क्या करेंगे, यह जो potential है battery का, उसका potential बढ़ाते जाएंगे, forward potential क्यों बोल दिया, क्योंकि plus और minus से connect किया गया है, अब यह VF का value हम बढ़ाते जाएंगे, बढ़ाते गए, कुछ value तक तो current flow ही नहीं हो रहा, यह current है, current का value कितना है, zero है, क यह suppose 3 volt का है तो यहां से लेके यहां यह पूरा 3 volt 3 volt क्या है potential barrier है ठीक है अब 3 volt का तो potential barrier है तो potential barrier तक voltage दोगे तब तो कुछ current flow होगा नहीं potential barrier से जादा voltage दिया यहां पे 4 volt का battery connect किया तो आप जाके potential barrier overcome हो गया झाल और current flow होने की शुरुवात हो गई जिसे बोलते है forward current और ऐसे potential की value ऐसे potential की value जिस पे current flow करना शुरु कर जाए ऐसे potential को हम knee voltage बोलेंगे या फिर हम उसे cutting voltage भी बोल सकते है threshold voltage भी बोल सकते है और ये जो knee voltage है वो हमेशा potential barrier से जादा potential होगा यानि यह जो नी potential है नी potential का value हमेशा कितना यह 4 होगा और यह कितना 3 होगा यानि यह नी potential जो है नी voltage उसका value हमेशा यह potential barrier है उससे ज़्यादा होगा तभी current flow कर सकेगा तो यहाँ तक आपको exam में लिखना है तो इस video में बस इतना ही तो till then read hard, work hard, thank you very much