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स्टाफिंग की व्याख्या

स्टाफिंग यानी कि नियुक्ति किसी भी ऑर्गेनाइजेशन का जो प्रिंसिपल एसेट होता है वह होता है वहां पर काम कर रहे टैलेंटेड एंड हार्ड वर्किंग पीपल वही जो है प्रिंसिपल एसेट होता है किसी भी ऑर्गेनाइजेशन का और ये फाउंडेशन होता है ऑर्गेनाइजेशन का ऑर्गेनाइजेशन अच्छा परफॉर्म करेगी कि नहीं करेगी वो इस पर डिपेंड करता है कि वहां पर किस टाइप के पीपल हैं किस टाइप के एंप्लॉई वहां पर वर्क कर रहे हैं तो मैनेजमेंट फंक्शंस में जब आप प्लानिंग कर लेते हैं और सिलेक्शन कर लेते हैं कि किस टाइप का ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर आपका होगा यानी कि प्लानिंग एंड ऑर्गेनाइजिंग वाला फंक्शन फॉर्म कर लेते हैं उसके बाद जो नेक्स्ट फंक्शन होता है वो होता है स्टाफिंग स्टाफिंग का मतलब टू फिल दी वेरियस पोस्ट प्रोवाइडेड इन दी ऑर्गेनाइजेशन जब आपने ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर क्रिएट कर लिया तो अब जो ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर में आपने अलग-अलग पोजीशन क्रिएट किए हैं अब उसको फिल कर यानी कि उस पे एंप्लॉई को बैठाए ताकि एंप्लॉई अपना काम करें और ऑर्गेनाइजेशन सक्सेसफुली रन करे तो इसी को क्या कहते हैं स्टाफिंग फंक्शन कहते हैं तो स्टाफिंग मतलब क्या हो गया पुटिंग पीपल टू जॉब्स यानी कि पीपल को हायर करें और हायर करके उनको जो है उनका जॉब दें व वर्क करें और ऑर्गेनाइजेशन जो है सक्सेसफुली रन करें ऑर्गेनाइजेशन का जो ऑब्जेक्टिव है वह अचीव हो तो स्टाफिंग में क्या हो रहा है स्टाफिंग में आप जो है एंप्लॉई को हायर करके उनको जो है जॉब पे प्लेस करते हैं और उनसे काम करवाते हैं और उनको बदले में कंपनसेशन भी देते हैं और ऑर्गेनाइजेशन का जो ऑब्जेक्टिव वो अचीव होता है क्लियर तो इन अदर वर्ड्स स्टाफिंग इज दैट पार्ट ऑफ दी प्रोसेस ऑफ मैनेजमेंट व्हिच इज कंसर्न्ड विद ऑब्टेनिंग यूटिलाइजिंग एंड मेंटे निंग ए सेटिस्फैक्ट्रिली कि नियुक्ति यानी कि स्टाफिंग का मेन मोटिव क्या होता है कि जो भी आपके ऑर्गेनाइजेशन में जो जॉब है जो वैकेंसीज हैं एंप्लॉई को रिक्रूट करना उनको सेलेक्ट करना उनके परफॉर्मेंस अप्रेजल करना उनको कंपनसेटर यह स्टाफिंग कहलाता है स्टाफिंग हैज बीन डिस्क्राइब्ड एज द मैनेजरियल फंक्शन ऑफ फिलिंग एंड कीपिंग फिल्ड दी पोजीशंस इन दी ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर तो कूंज रिच इन्होंने जो है इस डेफिनेशन को दिया उन्होंने क्या कहा कि स्टाफिंग का मतलब होता है कि ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर में जो भी डिफरेंट पोजीशंस हैं उन पोजीशंस के के लिए एंप्लॉई को हायर करना और उस पोजीशन को कंटीन्यूअसली फिल करके रखना है ऐसा नहीं कि आपके यहां पर एक जो है मशीन ऑपरेट करने के लिए एंप्लॉई चाहिए था तो आपने जो है दो महीने के लिए आप जो है एंप्लॉयमेंट ले दिया उसके बाद दो महीने बाद वो छोड़ के चला गया अब वो पोजीशन खाली है अगर वो पोजीशन खाली होगी तो फिर उस मशीन पर का काम कैसे होगा और काम नहीं होगा तो ऑर्गेनाइजेशन जो है अपना ऑब्जेक्टिव अचीव नहीं कर पाएगा तो इसलिए पोजीशंस जो है ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर में वो फिल हो और कंटीन्यूअस फिल रहे इसको मॉनिटर करना ही स्टाफिंग कहलाता है इसको मैनेज करना ही स्टाफिंग कहलाता है अकॉर्डिंग टू कुज एंड रिज तो स्टाफिंग का मतलब हो गया कि सिलेक्टिंग राइट पर्सन और पुटिंग द राइट पर्सन एट राइट जॉब एट राइट टाइम यही चीज स्टाफिंग कहलाती है अब बात करले इंपॉर्टेंस ऑफ स्टाफिंग की तो इंपॉर्टेंस ऑफ स्टाफिंग हेल्प्स इन डिस्कवरिंग एंड ऑब्टेनिंग कंपट एट पर्सनल फॉर वेरियस जॉब यानी कि स्टाफिंग के जरिए ही आपके ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर में किस टाइप के एंप्लॉई की रिक्वायरमेंट है उसको डिस्कवर करना उसको ऑब्टेन करने में हेल्प करता है क्योंकि रिक्रूटमेंट में आप क्या करते हो कि आप एडवर्टाइजमेंट देते हो आप जो है वेबसाइट पर न्यूज़पेपर में या फिर अपने फैक्ट्री के गेट पे नोटिस चिपकाते हो कि आपको इतने एंप्लॉयज की इतने वर्कर्स की रिक्वायरमेंट है तो फिर लोग उसको देखते हैं और अप्लाई करते हैं और आपके पास डाटा आ जाता है डिफरेंट जो है लोगों का जिसमें से आप बेस्ट एंप्लॉई को बेस्ट जो पर्सन होता है उसको सेलेक्ट कर लेते हो तो ये आपको जो है डिस्कवर करने में और कंपट पर्सनल को हायर करने में हेल्प करता है स्टाफिंग मेक्स फॉर हायर परफॉर्मेंस बाय पुटिंग राइट पर्सन ऑन द राइट जॉब स्टाफिंग के जरिए जो है आप सही पर्सन को सही जॉब पे रख के आप जो है परफॉर्मेंस को इंप्रूव करते हैं परफॉर्मेंस को इंक्रीज करते हैं इंसेस द कंटीन्यूअस सर्वाइवल एंड ग्रोथ ऑफ द एंटरप्राइज थ्रू द सक्सेशन प्लानिंग फॉर मैनेजर और जो है इसी में जो बेस्ट एंप्लॉयज होते हैं वो जब अच्छा परफॉर्म करते हैं तो उनको जो है फर्द आप उनको प्रमोट करते हैं नेक्स्ट हायर पोजीशन पे तो इससे क्या होता है कि जो एंटरप्राइज है वो सरवाइव करता है और वो ग्रो करता है कंटीन्यूअस बेसिस पे हेल्प्स टू इंश्योर ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ ह्यूमन रिसोर्सेस स्टाफिंग के जरिए जो ह्यूमन रिसोर्सेस हैं आप जो है उनका ऑप्टिमम मैक्सिमम यूटिलाइज यूटिलाइजेशन करते हैं यानी कि उनकी जो भी कैपेबिलिटी है उसका फुल यूटिलाइजेशन करते हैं और कंटीन्यूअस जो है आपके ऑर्गेनाइजेशन का इंटरप्राइज का ग्रोथ होता है यानी कि एंप्लॉई का भी ग्रोथ होगा और ऑर्गेनाइजेशन का भी ग्रोथ होगा एंप्लॉई का ग्रोथ का मतलब कि उनका प्रमोशन होगा तो उनको अच्छी जॉब मिलेगी अच्छी रिस्पांसिबिलिटी मिलेगी और कंपनसेशन भी जो है उनको वहां पर मिलेगा इंक्रीज होगा इट अवॉइड डिसर पशन ऑफ वर्क बाय इंडिकेटिंग इन एडवांस द शॉर्टेज ऑफ पर्सनल यानी कि यहां पर क्या होता है कि स्टाफिंग में आप जो है कंटीन्यूअस बेसिस पे इस चीज को आइडेंटिफिकेशन है तो नहीं कोई पोस्ट ऐसी खाली तो नहीं है अगर पोस्ट खाली होगी तो वो काम नहीं हो रहा होगा वो काम रुक जाएगा तो आपकी इंटरप्राइज में वर्किंग कहीं ना कहीं इंटरप्ट होगी तो इससे क्या होता है स्टाफिंग में आप कंटीन्यूअस आइडेंटिफिकेशन तो आप तुरंत उसके रिटायरमेंट होने से पहले ही आप उस पोजीशन के लिए जो है नया पर्सन नया एंप्लॉई जो है वहां पर हायर कर लेते हैं तो जैसे ही वो रिटायर होगा वैसे ही जो वहां पर प्लेस हो जाएगा बहुत बार आपने देखा होगा कई ऑर्गेनाइजेशन में या फिर आप अपने स्कूल या कॉलेज में ही देखते होंगे कि वहां पर क्या होता है कि कोई फैकल्टी जो है वहां पर रिटायर हो गई या फिर छोड़ के चली जाती है तो कई दिनों तक वहां पर जो है कोई दूसरी फैकल्टी नहीं आती है जिसकी वजह से वो क्लास कहीं ना कहीं आपकी डिस्टर्ब हो जाती है लेकिन अगर स्टाफिंग वहां पर सही से हो रहा होगा तो जैसे ही कोई फैकल्टी वहां से छोड़ के जाती है रिटायर होती है तो तुरंत ही वहां पर जो है नई फैकल्टी आ जाती है और वो जो है आपके सब्जेक्ट को कंटिन्यू करेगी यानी कि उसकी क्लास जो है वहां पर डिस्टर्ब नहीं होगी अगर कोई फैकल्टी छोड़कर चली जाती है क्लियर तो इसी तरीके से स्टाफिंग जो है वो अवॉइड करता है कोई भी डिसर ऑफ वर्क बाय इंडिकेटिंग इन एडवांस द शॉर्ट ऑफ पर्सनल इंप्रूव्स जॉब सेटिस्फैक्ट्रिली हैं उनके जॉब सेटिस्फेक्शन होगा यानी कि वो जब सही पर्सन को सही जॉब देंगे तो उसको करने में उसको अच्छा भी लगेगा और साथ ही साथ उसका मोराल भी हाई होगा और वहां पर जो है जब आप उसकी परफॉर्मेंस को अप्रेस करेंगे और उसके अकॉर्डिंग जो है उसको रिवॉर्ड देंगे चाहे वो मॉनेटरी रिवॉर्ड हो चाहे नॉन मॉनेटरी रिवॉर्ड हो तो उसको जो है वहां पर अच्छा लगेगा वो मोटिवेट भी होगा तो ये भी जो है स्टाफिंग का इंपॉर्टेंस है