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निबंध का विकास और महत्त्व
Dec 9, 2024
निबंध का उद्भव और विकास
परिचय
निबंध का विकास हिंदी गद्य के विकास के एक मह त्वपूर्ण चरण है।
यह विषय बीए और बीकॉम के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
निबंध का विकास भारतेंदु युग से प्रारंभ होता है।
भारतेंदु युग
निबंध की शुरुआत भारतेंदु काल में हुई, जिसे नवजागरण काल भी कहा जाता है।
इस काल में हिंदी निबंध का बच्चपन कहा जाता है।
प्रमुख लेखक: भारतेंदु हरिश्चंद्र, बालकृष्ण भट्ट, प्रताप नारायण मिश्र।
इन लेखकों ने समाज सुधार, देश प्रेम, धार्मिक विचारों पर निबंध लिखे।
द्विवेदी युग
निबंध की किशोरावस्था मानी जाती है।
भाषा की शुद्धता और व्याकरणिक नियमों का पालन महत्वपूर्ण था।
प्रमुख लेखक: महावीर प्रसाद द्विवेदी, माधवराव सप्रे।
प्रसाद युग
जयशंकर प्रसाद के नाम पर यह काल प्रसाद युग कहलाता है।
हिंदी साहित्य का शिखर काल माना जाता है।
प्रमुख लेखक: गुलाब राय, आचार्य रामचंद्र शुक्ल।
प्रसादोत्तर युग
कौशल यायन, यशपाल इन काल के प्रमुख लेखक थे।
समाजवाद और प्रगतिवादी विचारधारा का प्रभाव था।
आधुनिक निबंधकार
प्रमुख लेखक: राहुल सांकृत्यायन, प्रभाकर माचवे, नामवर सिंह।
हरिशंकर परसाई ने व्यंग्यात्मक निबंधों का लेखन किया।
निष्कर्ष
निबंध का विकास विभिन्न युगो ं में विभिन्न रूपों में हुआ।
हर युग के लेखकों ने समाज सुधार और राष्ट्रीयता की भावना में योगदान दिया।
आज भी निबंध साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है।
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