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राजस्थान के एकीकरण की कहानी

Feb 27, 2025

राजस्थान का एकीकरण

परिचय

  • सभी विद्यार्थियों को प्यार भरा नमस्कार।
  • आज का सेशन: राजस्थान का एकीकरण, भाग 3।
  • यह कक्षा 41 है।

एकीकरण की समयसीमा

  • तीसरा चरण: 18 अप्रैल 1948।
  • इस चरण में संयुक्त राजस्थान का गठन।

तीसरा चरण (18 अप्रैल 1948)

  • संयुक्त राजस्थान का नामकरण।
  • पूर्व राजस्थान संघ का गठन।

अन्य महत्वपूर्ण बातें

  • उदयपुर का एकीकरण।
  • राजधानी: कोटा, जहां हर वर्ष विधान सभा का अधिवेशन होगा।
  • राजपरमुख: महाराणा भूपाल सिंह; वरिष्ठ उपराजपरमुख: भीम सिंह, कनिष्ठ उपराजपरमुख: बहादूर सिंह।
  • उद्घाटन: जवाहरलाल नेहरू।

जनसंख्या और क्षेत्रफल

  • जनसंख्या: 42,60,000।
  • क्षेत्रफल: 28,000 वर्ग मील।

महाराणा भूपाल सिंह की शर्तें

  • 20 लाख वार्षिक शाही भत्ता।
  • राजपरमुख का पद वंशानुगत नहीं।

मंत्री मंडल

  • मुख्यमंत्री: मानिक्यलाल वर्मा।
  • मंत्री मंडल में शामिल लोग:
    • प्रेम नारायण मातुर (उदयपुर)
    • भूरे लाल भैयां
    • मोहनलाल सुखाड़िया
    • भोगीलाल पंड्या (दूंगरपुर)
    • अभिन्हरी (कोटा)
    • गोकुलाल सावा (साहपुरा)
    • ब्रज्य सुंदर शर्मा (बूंदी)

चौथा चरण (30 मार्च 1949)

  • बड़ा राजस्थान का नामकरण।
  • शामिल रियासतें: जयपुर, जोधपुर, बिकानेर, जेसलमेर।
  • उद्घाटन: वल्लभ भाई पटेल।

राज्य पुनर्गठन आयोग

  • राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन: 1 नवंबर 1956।
  • मुख्यमंत्री: मोहनलाल सुखाड़िया।
  • भारत के पहले राज्यपाल: गुरुमुक निहाल सिंह।

समापन

  • राजस्थान के इतिहास का अध्ययन पूरा हुआ।
  • अगले सेशन में आगे की योजना पर चर्चा होगी।

टिप्पणियाँ

  • विद्यार्थियों से विचार-विमर्श करने की आवश्यकता।
  • ‘जय हिंद, जय भारत’ के साथ समापन।