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बीए हिंदी गद्य विकास के विविध चरण

Jul 14, 2024

बीए प्रोग्राम के हिंदी गद्य विकास के विविध चरण

वीडियो का परिचय

  • सेमेस्टर: 3 और 4
  • विषय: हिंदी ख, हिंदी गद्य विकास के विविध चरण
  • फोकस: महत्वपूर्ण प्रश्न (पिछले साल के प्रश्न, रिपीट होने के चांस अधिक)
  • वीडियो फॉर्मेट: शॉर्ट वीडियो
  • उद्देश्य: संपूर्ण सिलेबस के महत्वपूर्ण प्रश्नों का समावेश

कहानी के तत्व

  • 6 मुख्य तत्व: कथानक, पात्र, भाषा शैली, संवाद, दृष्टिकोण, उद्देश्य
  • कथानक: हर कहानी में कंटेंट होता है, प्रारंभ से अंत तक
  • पात्र: कहानी में मौजूद मुख्य किरदार
  • भाषा शैली: मुहावरे, तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज शब्द
  • संवाद: संवादों का महत्व, छोटे-छोटे संवाद
  • दृष्टिकोण/वर्णन: देश काल और वातावरण के हिसाब से
  • उद्देश्य: मनोरंजन के साथ प्रेरणा और सीख

कहानी के प्रकार

  • ऐतिहासिक: शिवाजी की कहानी, रानी लक्ष्मीबाई की कहानी
  • पौराणिक: पौराणिक कथाओं पर आधारित
  • राजनीतिक: राजनीति सोच पर आधारित
  • पारिवारिक: परिवारिक स्थितियों पर आधारित
  • प्रेम: लव स्टोरी
  • गांव/नगर से संबंधित: ग्रामीण और शहरी जीवन पर आधारित

कहानी का समीकरण

  • आकर्षक कथानक: पाठक के मन में जिज्ञासा उत्पन्न करना
  • प्रभावी और प्रेरणादायक अंत: मनोरंजन के साथ प्रेरणा
  • चरित्र चित्रण: सजीव और आकर्षक पात्र
  • संवाद: सरल, प्रभावी और यादगार; कहानी को गति देना
  • भाषा शैली: सरल, स्पष्ट, और विषयानुसार
  • देश काल/वातावरण: समय, स्थान, और रूढ़ियों का वर्णन
  • उद्देश्य: विशिष्ट उद्देश्य, समाज पर प्रभाव डालना

सदियों के कहानी का विकास

  • प्रारंभिक युग: अनुवाद युग, प्रसाद युग, प्रेमचंद युग, वर्तमान युग
  • प्रेमचंद पूर्व: 1800-1916
  • प्रेमचंद युग: 1916-1936
  • प्रेमचंद उत्तर: 1936-1950
  • नई कहानी: 1950 के बाद
  • प्रारंभिक युग: बाल्यावस्था, गुलेरी जी की श्रेष्ठ कहानी 'उसने कहा था'
  • प्रेमचंद युग: नवाब राय के नाम से लेखन शुरुआत, उर्दू में सोजे वतन, हिंदी में प्रेमचंद
  • प्रमुख कहानियां: पंच परमेश्वर, कफन, ईदगाह, नशा, पूस की रात
  • जयशंकर प्रसाद: प्रेम और कल्पना प्रधान कहानियां
  • प्रेमचंद उत्तर: प्रगतिवादी कथाकार जैसे इलाचंद्र जोशी, जैनेंद्र, यशपाल
  • नई कहानी: यथार्थ पर आधृत, जीवन की सच्चाई, व्यंग प्रधान कहानियां

एकांकी विधा

  • परिचय: नाटक का लघु रूप, एक ही अंक में
  • संकेत: स्टेज पर अभिनय
  • लघु नाटक और एकांकी: विभाजन
  • कलात्मक रूप: नाटक से स्वतंत्र स्वरूप
  • विभाजन: भारतेंदु काल, प्रसाद काल, प्रसाद उत्तर काल, स्वतंत्रता के बाद
  • भारतेंदु काल: प्रेम योगिनी पहली एकांकी मानी जाती है
  • प्रसाद काल: 'एक घूंट' मौलिक कृति, यथार्थ और जीवन की सच्चाई से जुड़े हुए
  • प्रसाद उत्तर काल: पाश्चात्य नाट्य शैलियों का प्रभाव
  • स्वतंत्रता के बाद: रेडियो नाटक का विकास

निबंध विधा

  • परिचय: गद्य की सर्वोत्तम विधा, किसी भी विषय पर बड़ा विवरण
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल: निबंध गद्य की कसौटी
  • परिभाषा: हर्षद रीड, ऑस बर्न, पृष्ठ
  • विकास: भारतेंदु काल, द्विवेदी काल, शुक्ल काल, शुक्ल उत्तर काल
  • भारतेंदु काल: प्रारंभिक निबंध, विविधता पूर्ण विषय
  • द्विवेदी काल: व्याकरण पर ध्यान, सरस्वती पत्रिका
  • शुक्ल काल: चिंतामणि, भाव और विचार, हृदय और बुद्धि
  • शुक्ल उत्तर काल: हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामधारी सिंह दिनकर, नंद दुलारे वाजपेई

विशिष्ट निबंध और कहानियां

  • 'मजदूरी और प्रेम' (सरदार पूरण सिंह): ईमानदारी और श्रम का महत्त्व
  • 'उसने कहा था' (च. गुलेरी): लहना सिंह का चरित्र चित्रण
  • 'चीफ की दावत' (भीष्म साहनी): मध्यम वर्ग के पारिवारिक मूल्य, समाज में प्रतिष्ठा
  • 'बिबिया' (महादेवी वर्मा): निम्न वर्गीय महिला की सामाजिक स्थिति
  • 'सूखी डाली (एकांकी)': परिवार में परस्पर संबंध और आत्मसम्मान का महत्व, दादा जी का योगदान