सिर्फ ये बोल देने से कि हम गरीब हैं, हम गरीब नहीं हो जाएंगे बचो गरीबी ना हम ने देखी नहीं है असलियत में कि होती क्या है जहाँ पर आप सर्वाइव तक नहीं कर पा रहे हो आपकी basic necessities जो हैं अगर वो पूरी हो रही है ना तो आगे से अपने आपको गरीब मत बोलना पास जादा probability है कि वो या तो गरीब रहेंगे या फिर आगे आने वाले टाइम में वो गरीब हो सकते हैं दूसरों के मुकाबले में Hello everyone, this is your SST educator उजबला पुञ्ज और आप सभी लोगों का स्वागत है आज के हमारी इस class में जहाँ पर हम पढ़ने जा रहे हैं हमारे class science का बड़ा ही प्यारा सा chapter प्यारा बोलो ये थोड़ा सा ironical है लेकिन हाँ जी chapter का नाम है poverty as a challenge यानि की गरीबी जो की एक बहुत बड़ी चुनौती है हमारे देश के लिए तो बहुत ही बड़ी चुनौती है बचो हमारे देश में इतने सारे लोग होने के बावजूद इतने सारे human resources होने के बावजूद इतने सारे लोग जो काम कर रहे हैं उसके होने के बावजूद development करने के बावजूद एक बहुत बड़ी चीज जो हमारे देश को हमेशा आगे बढ़ने से रोकती रहती है जो कि मैं ऐसा क्योंकि देश में गरीबी इतनी जादा है, लोग उस विश्यस साइकल में, पौवर्टी की साइकल में फसे पड़े हैं, कि देश जो है उस चंगूल से निकल ही नहीं पारा, आगे बढ़ ही नहीं पारा है। बढ़ान जी, इस समस्या को आज हम बहुत ही प्यार से समझेंगे, बहुत ही इजली मैं आपको समझाओंगी कि ये क्या समस्या है, क्या चालेंज है, असलियत में पौवर्टी होती क्या है, एक पूर इंसान होता क्या है, और कैसे हम लोग इस पौवर्टी से निकल सकते हैं, तो फटा फट से चैप्टर को कर लेते हैं स्टार्ट और यहां पर सबसे पहले हंजी पॉवर्टी आज चैलेंज चैप्टर का नाम है बहुत ही बढ़िया हमें पता है चलो जी आगे आजो चलिए बचो तो इस चैप्टर के अंदर हम जो है एक डिफिकल्ट चैलेंज की बात करने वाले हैं विच इस पेस्ट बाय इंडिपेंडेंट इंडिया हम लोग आजात तो हो गए लेकिन एक चीज जिससे हम आज भी आजात नहीं हो पा रहे हैं वह है गरीबी और बचो इस च क्वाजेज है कि इसकी चीज की वजह से गरीबी हुई है उसकी बात करेंगे एंटी पॉवर्टी मेजर्स यानि कि सरकार ने ऐसे कौन से मेजर्स लिए हैं गरीबी हटाने के लिए उसकी भी बात करेंगे एंड ग्लोबल पॉवर्टी सेनारियों पूर्व इसको डिलाइन लेस्ट पूर्व इसको डिलाइन लेस्ट पूर्व इसको डिलाइन लेस्ट पूर्व इसको डिलाइन लेस्ट तो यार हम लोग यहाँ पर क्या देखते हैं कि हमारे देश के अंदर आप सड़क पर एक बारी निकलो तो सही सड़क पर निकलो और अगर आप कोई चीजें ना दिखे तो नाम बदल देना किसका चैप्टर का ठीक है बचो तो हम लोग अपनी रोज मरा की जिंदगी में है या फिर जो लोग ओवर क्राउड जुग्गी शहरों में भी ऐसा नहीं कि गरीबी नहीं शहरों के अंदर भी बहुत सी जुग्गी है ओवर क्राउड स्लम है जहां काफी गरीबी है बहुत गरीब लोग रहते हैं डेली वेज वर्कर्स है कंस्ट्रक्शन पर जो बस यह ढूंढते हैं कि किसी दिन उनको काम मिल जाए किसी दिन वह काम कर लें राइट डेली दे लुक फॉर वर्क और क्या पता है मैंने एक बारी क्या हुआ मैं एक स्टोरी है कि एक मेरी फ्रेंड थी अ गाड़ी में बैठी थी और उनके फादर साथ में थे तो एक बारी क्या होता है वह एक बेगर आते हैं तो कहते हैं कि जैसे मांगते हैं वह कि अंकर कुछ दे दीजिए खाने को दे दीजिए पैसे दे दीजिए तो अपनी गाड़ी का शीषा नीचे किसी भी गरीब इंसान को यह बोल देना कि जाओ जाकर पढ़ाई करो स्कूल में वेरी इजी है ना लेकिन बच्चों वह या फिर क्यों वो लोग दो तीन चार रुपए के लिए भीक मांग रहे हैं that is the reason है ना कि वो पढ़ नहीं पा रहे हैं क्योंकि उनके सर पे एक बहुत बड़ा बोज है गरीबी का उनके पास basic means of survival नहीं है दो वक्त की रोटी खाने के लिए पैसा नहीं है सोच के देखे एक बारी begggers हैं बहुत से children in tatters मैं तो पता है जब देखती हूँ ना कि जो थंड में भी मैंने देखा है कि बिना जूते के घूमते रहते हैं या बहुत जब धूप पड़ रही होती है उसमें बिना जूते के कपड़े फटेवे से घूमते रहते कितना बुरा लगता है यह सब चीजें देखकर बहुत बुरा लगता है लेकिन क्या ही हम कर सकते हैं ज्यादा से ज्यादा वी के निव समथिंग टू देव बट व्हाट एल्स कैन वीडियो पूरी स्थिति तो नहीं बदल सकते हैं तो वह चीज है वी सी पॉवर्टी ऑल अराउंड अज़ एवरी फोर्थ परसेंट इन इंडिया इस पूर्व हर चौथा इंसान इंडिया में गरीब है रॉफली पूर्व इंडिया में पॉवर्टी में रह रहे थे दो हजार गैरां बारा में अब बच्चों बात यह है कि आप लोग बोलेंगे मैम हम भी गरीब है ना बड़ा इजी होता है बोल देना मैम हमारे पास आईफोन नहीं है हम गरीब है हमारे पास सिर्फ ये बोल देने से कि हम गरीब हैं, हम गरीब नहीं हो जाएंगे बचो गरीबी ना हम ने देखी नहीं है असलियत में कि होती क्या है जहाँ पर आप सर्वाइव तक नहीं कर पा रहे हो आपकी basic necessities जो हैं अगर वो पूरी हो रही है ना तो आगे से अपने आपको गरीब मत बोलना, ठीक है क्योंकि आप गरीब नहीं हो अब define करने का वही बात है कि poverty को define कैसे किया जाए कल को कोई बोलेगा यार मेरे पास तो इतना पैसा में कुछ ये था अब नहीं है तो मैं गरीब हूँ नहीं ठीक है तो उसके लिए एक particular कोई तो scenario होना चाहिए कोई तो एक judgment के लिए कोई criteria होना चाहिए जिसके तरूं हम बोल सके कि हाँ गरीबी ऐसे होती है या ये गरीब है कि सबसे पहले यह चैप्टर दो कहानियों की बात करता है अर्बन केस और रूरल केस की बात करता है बच्चों शहर में गरीबी का एग्जांपल देंगे और एक ग्रामिन शेत्र में भी गरीबी का एग्जांपल देंगे तो चलो पहले अर्बन केस की बात करते हैं थर्टी त्री एयर ओल्ड राम सरन है मैंने ऐसी पिछल लगा दिया राम सरन है थर्टी त्री एयर ओल्ड है वह वेज लेबर इन वीड फ्लार मिल नियर रांची इन झारखंड तो वह जो है बच्चों एक डेली वेज लेबर है मतलब हर दिन उनको काम ढूंढना पड़ता है इस वर्डिंग को काम नहीं ढूंढा पड़ता हर दिन वह काम पर जाते काम करते हैं और उनको उस काम की ध्याड़ी मिलती है एक वीड फ्लार मिल है राची में जारखंड के अंदर राची के पास जारखंड में वहां पर काम करने जाते हैं जब उन्हें काम मिलता है जब काम होता है देली काम मिल रहा है तो पैसा भी मिलेगा पर जब बीच में काम तो जब काम नहीं होता तो तब पैसा भी नहीं होता money is not enough to sustain a family of 6 people 6 लोगों का परिवार है that includes his wife, 4 children between 12 years to 6 months तो 4 बच्चे हैं, बीवी हैं, वो खुद हैं, 6 लोगों का परिवार है 1500 महीने का कमा रहे हैं और कभी-कभी उतना भी नहीं कमा पा रहे हैं तो इस 6 लोगों का परिवार sustain कैसे करेगा जीवित कैसे रहेगा, खाना क्या खाएगा, क्या करेगा, पता नहीं, God knows यह आपको पेश पर पेश चिटी के बिल्कुल बाहरी इलाके में आउटस्कट्स में घर है टेंपरेरी शैक है बच्चों कोई घर भी नहीं है पक्का घर भी नहीं है एक छोटा से शैक सा बना रखा है टेंपरेरी सा ब्रिक से क्लेय टाइल से इनकी वाइफ है संता देवी के पार्ट टाइम मेड की तरह कुछ घरों में काम करती है और वह आठ सौ रुपए कमा लेती है देमाने जो मीगर मीगर मील दाल राइस ट्वाइस अडे दाल चावल का खाना ही अफोर्ड कर पाते हैं वह भी दिन में सिर्फ दो पेट भर के खाना नहीं खा पाता है बहुत दुख होता है ना ये सोचकर हम लोग कितने नकरे करते हैं मम्मी आपने दाल बना दी मम्मी आपने ये कर दी आपने वो कर दी एक क्यों नहीं बनाया वो क्यों नहीं बनाया फर्माईश नहीं करते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिनके लिए वो भी चीज होना एक लगजरी है बच्चों इस वेरी साइड बट येस बट इस एल्डर सान वर्क्स अज़ा हेलपर बचो अगर उनकी life में financial struggle ही नहीं होता तो बच्चे पढ़ रहे होते कुछ कर रहे होते लेकिन जो बड़ा बेटा है वो एक helper की तरह एक चाय की दुकार में काम कर रहा है अपनी family income को supplement करने के लिए थोड़ा और बढ़ाने के लिए और वो भी 300 रोपे कमा लेता है और वो कपड़े भी ऐसे नहीं है कि खुद से खरीदे हैं वो कपड़े किसी ने दिये हैं उतरन है किसी की और उसी के साथ new ones bought only when the old clothes become unwearable नए कपड़े तभी आएंगे जब तुराने जो कपड़े हैं वह किसी काम के नहीं रहेंगे फट फटा जाएंगे खराब हो जाएंगे तभी कोई नया जोड़ा आएगा शूज तो एक लग्जरी है जूते तो तब मिलेंगे पता नहीं कब मिलेंगे एक लग्जरी आइटम है जैसे आपके लिए BMW है ना उनके लिए जूते हैं यंगर किट्स आर अंडर नरिज्ड और जो और भी चोटे बच्चे हैं वो तो अंडर नरिज्ड हैं बिल्कुल अब एक बात बताओ न्यूट्रि� विशेष नो एक्सेस टू हेल्थ केयर वेंड फॉल और बच्चा बीमार भी पड़ेगा कोई भी घर में बीमार पड़ेगा तो हेल्थ केयर का भी एक्सेस नहीं है कहां इलाज कराओगे ठीक कैसे होगे पता नहीं भगवान जाने तो इस बुरी पर मेरट इन यूपी तो यूपी में मेरट के पास में इनका गांव है वहां से हैं अ इनकी फामिली जो है doesn't own any land कोई land नहीं है जमीन नहीं है तो इस वजह से they do odd jobs for the big farmers तो बड़े-बड़े farmers के वहाँ पर कुछ भी चोटा-मटा काम जो भी मिल जाए जैसे भी मिल जाए बस पैसा मिलना चाहिए कुछ भी काम कर लेते हैं work is erratic का मतलब है constant नहीं है कभी मिलता है कभी नहीं मिलता and so is the income और income भी वैसे erratic है कि कभी आएगी कभी नहीं आएगी at times they get paid Rs.50 for a hard day's work but often it's in kind like a few kgs of wheat और दाल और even vegetables for toiling in the farm through the day तो यार बहुत ही और जॉब्स करनी पड़ रही है कोई फिक्स जॉब नहीं है जो मिल रहा है काम उसको कर दे रहे हैं दिन की कभी-कभी तो 50 रुपे की ध्याडी भी मिलती है लेकिन कभी-कभी ध्याडी भी नहीं मिलती नहीं पाते यह लोग तो दो वक्त की रोटी भी नहीं खा पा रहे वह तो एट लीज चलो दो वक्त की रोटी खा रहे थे थोड़ा बहुत यह वह भी नहीं खा पा रहे यह कच्चा हाउस में रहते हैं और ऐसी पक्का घर नहीं है कच्चा घर है मिट्टी-विट्टी बना हुआ कच्चा घर है आउटस्कट्स विलेज के बिल्कुल बाहरी इलाके में विमेन ऑफ द फैमिली स्पेंड द चॉपिंग और दो विलेज है प्राइमरी स्कूल लाखा नेवर वेंट डेर ही है टू स्टार्ट अर्निंग वें वस डस टेन इयर्स ओल्ड न्यू क्लोड्स आपने वांस एन फ्यू यू यॉर्स एन इवन द सोप एन ऑयल आर लक्जरी फॉर द फैमिली बताया जा रहा है कि उनकी लाइफ जो उनकी बीवी है वह भेड़ बक्रियों के लिए जो चारा है फॉर्डर है उसको चॉप करती है लकड़ी वगैरह कलेक्ट मर गए जो मां है वह भी सेम पेशेंट है टीवी की मरीज है लेकिन उनकी भी जिन्दगी धीरे खतम हो रही है बिकोस उनको भी मेडिकेशन नहीं मिल पारी सेम वही चीज हो रही है प्राइमरी स्कूल है लेकिन लाखा तो कभी गए नहीं क्योंकि उनको दस साल से ही काम करना पड़ा मजबूरन ठीक है साधी में नए कपड़े कुछ साल में कभी मिलते हैं तो जो एक बहुत बेसिक चीज है हम कभी बच्चों सोच सकते हैं कि साबुन और तेल साबुन और तेल का ना होना हम तो सुचते हैं कुछ है ही नहीं है चीजें ओके तो यह सारी बच्चों कहानी पढ़ने के बाद लेट्स कम टू सी अब आप लोगों को आई थिंक यह ना बेसिकली कहानी हमको इसलिए सुनाई गई है ताकि हमें पता चले कि असल में गरीबी होती क्या है हम लोग जो आज तक गरीबी को समझते आनेलाइज करने के लिए दो चीजों का आप इस्तेमाल करते हो एक होता है इकनॉमिक टर्म्स में पॉवर्टी को देखना कि वेनेवर वी लोक आट पॉवर्टी हम पॉवर्टी को दो नजरिये से देखेंगे एक होता है इकनॉमिक टर्म्स वे पॉवर्टी को देखना यानी कि दो टाइप में एक अनुसार इकनॉमिक टर्म्स वे हो जाएगा आपके इनकम और कंजम्शन लेवल्स को देखेंगे कि इन सब्सक्राइब है और एक कंजम्शन लेवल होता है कि आप कितना न्य कि दूसरा है हमारा सोशल तरीके से भी समाजिक रूप से भी हम लोग पॉवर्टी को एनलाइज करते हैं उसके दूं भी हम देखते हैं जो सोशल साइंटिस्ट वह बताते हैं कि कौन गरीब है कौन हमेरे चलो देखते हैं कि सोशल टर्म्स को कैसे देखा जाता है समाजिक दृष्टिकोण से या समाजिक नजरिये से पॉवर्टी को कैसे देखा जाता है इंडिकेटर्स लाक ऑफ जेनरल रिसिस्टेंस जूटो माय न्यूट्रिशन लाक ऑफ एक्सेस टू हेल्थ के लाक ऑफ जॉब ऑप्पॉचुनिटीज लाक को दर्शाते हैं जितनी ज्यादा अनपढ़ता है जितने लोग अनपढ़े दाट मींस गरीब है ना वह क्योंकि उनके पास स्कूल का कि बिमारी हो गई तो उससे रिकवरी नहीं कर पा रहे क्योंकि दवाई नहीं अफोर्ड कर पा रहे हैं क्लीन ड्रिंकिंग वाटर अवेलेबल नहीं है सानिटेशन जो साफ सभाई है वह अवेलेबल नहीं है बड़ी बुरी स्थिति में रहना हेल्थ बड़ी भी समझोगे एनलिसिस ऑफ पॉवर्टी बेस्ट ऑन सोशल एक्सक्लूजन एन वॉल्नेरेबिलिटी इस ऑल्सू बेकमिंग कि सोशल एक्सक्लूजन और वनरेबिलिटी के थ्रू भी इसको अनलाइज करते हैं वह टेस्ट सोशल एक्सक्लूजन बच्चे सोशल एक्सक्लूजन एक्सक्लूड करने का क्या मतलब होता है अपने से अलग कर देना जैसे स्कूल में सपोस्ट आपके ठीक है इन्होंने मेरे को अपने साथ नहीं रखा में को एक्सक्लूड कर दिया जुदा कर दिया अलग कर दिया सेम चीज होती है गरीबों के साथ अब होता क्या है अकॉर्डिंग टू दिस कंसेप्ट पॉवर्टी मास्ट बी सीन इन पॉवर्टी पॉवर जुग्गी जोपडी वाला अलग सा एरिया दिखेगा जहां सारे गरीबी गरीब रहे हैं तो यह क्या हुआ है यह एक तरीके से सोसाइटी ने एक्सक्लूड कर दिया है उनको तो जो बेटर ऑफ पीपल है जो बेटर सराउंडिंग रहते हैं उन्होंने बोला यहां तो सिर्फ हम ही रहेंगे गरीब जो है ना वह सारे एक जगह पर रहें इनकी जुग्गी जोपडी अलग करो इनको अलग करो हमसे हमारे सराउंडिंग में लोग नहीं रहेंगे तो इस तरीके से इनका सोशल एक्सक्लूड व बेटर ऑफ पीपल पूर पीपल दूसरे पूर पीपल के साथ रह रहे हैं जिनको एक्सक्लूड कर दिया गया है फ्रॉम दे बेटर आफ पीपल जो की बाकी बेटर सराउंडिंग में रह रहे हैं इट कैन बी बोस अ कॉज अज वेल अज अ कॉनसिक्वेंस आफ पॉवर्टी बच्चो सोशियल एक्सक्लूजन एक कारण भी है जिसकी वज़े से पॉवर्टी हुई है और एक नतीजा भी है गरीबी का क्योंकि देखो कैसे मैं समझाती हूं कॉज और कॉनसिक्वेंस के सबसे कॉज को समझते कॉज क्यों है क्योंकि आपने सोशियल एक्सक्लूज करा मेरे को आपने वंशित कर दिया वहां बेटर ऑफ लोग रहते हैं ठीक है मेरे को सारे गरीबों के साथ रहना पड़ रहा है और इस वजह से भी पॉवर्टी हो रही है क्योंकि मेरे पास कोई एक्सेस नहीं बेटर ऑफ सराउंडिंग नहीं है मैं मेरे अंदर उस reason की वज़े से भी poverty हो रही है because I am only living with the people who are like me, तो सब गरीब है, तो में को लग रहा है गरीबी ठीक ही है, ये सब भी तो रही रहे है, मैं भी रही हूँ, लेकिन तो ये तो cause है, और consequence of poverty, अब क्योंकि मैं गरीब हूँ, इस वज़े से ही तो मुझे exclude करा है, तो एक नत टॉपर्स के साथ रहोगे तो आप अगर हो भी अनपढ़ तो भी एट लीस्ट आपको लगेगा कि यार मेरे तो सारे दोस्त टॉप करते हैं मैं भी टॉप करूँगा आपके अंदर वो मोटिवेशन आएगी बट अगर आप हो ही सारे बैक बेंचर के साथ में जो लोग पढ� अगर आप उन लोगों के साथ रहते हैं, अगर आप उस सराउंडिंग में रहते हैं, बेटर सराउंडिंग में, तो आपको भी मन करता है कि मैं भी उनकी तरह बनू, मैं भी उतना बेटर हूँ, लेकिन क्योंकि आपको एक्स्क्लूड ही कर दिया गया, तो मन ही नहीं रहा, आ एमोशनली भी सोशली भी आपको एक्स्क्रूडी कर दिया गया बेटर सराउंडिंग में आप नहीं हो बेटर ऑफ लोगों के साथ आप नहीं हो आप इसी गलत सराउंडिंग में गंधी सराउंडिंग में हो आपको लग रहा है कि गरीबी और मेंटली बहुत डामेज करेंगे बाकी लोगों से पहले पढ़ जाना, जैसे suppose बच्चों हो सकता है कि economy खराब हो रही है ठीक है इकानोमी की स्थिति ठीक नहीं है अब इकानोमी की स्थिति ठीक नहीं है तो उसके इसमें ठीक है जो अमीर लोग अलरेडी जो अमीर लोग हैं उनके लिए भी दिक्कत आ रही है ओविसली उनके लिए दिक्कत आ रही है कि वो लोग उनके बिजनस भी नहीं चल रहे बट ओल्डो उनके पास क्योंकि बहुत सेविंग है तो वो सर्वाइब कर जाएंगे वो उस चीज से निकल जाएंगे बट जो बिचारा गरीब इंसान है ग कि उस रिसेशन में अगर किसी पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा तो पहले गरीब इंसान पर पड़ेगा क्योंकि वह पहले से गरीब है ना उसके पास सेविंग है ना कुछ और अब तो और भी बुरा हाल हो गया मतलब वहीं गरीबी में आटा गीला मतलब ज्यादा अफेक्ट किस पर पड़ेगा किसी चीज का सिमिलरली यहां पर वहीं वनरेबिलिटी की बात होते हैं मेजर विच डिस्क्राइब्स ग्रेटर प्रॉबिलिटी ऑफ सर्टन कम्यूनिटीज और इंडिविजुअल्स ऑफ बिकमिंग और रिमेइनिंग पूर इन कि दूसरों के मुकाबले में ठीक है बाट इज वॉट वनर एबिलिटी मीडिट्स यहां पर आप देखेंगे वनर एबिलिटी क्या होती है जहां पर कुछ कम्यूनिटी इंडिविजुअल पर ज्यादा रिस्क है ज्यादा खतरा है कि वह गरीब ही रहेगा या फिर दूसरों के मुकाबले वह गरीबी में आ सकता है पहले दूसरे बाद में आएंगे वह पहले गरीबी में आ सकता है तो कि जैसे कि हमारे सोसाइटी में का सिस्टम चलता था तो बहुत से एस टीज ओबीसीज इन पर ज्यादा खतरा है उसी के साथ महिलाएं भी एक ऐसा ग्रूप है विमिन एक ऐसा ग्रूप है जिन पर ज्यादा खतरा आदमियों के कंपारेजन यार मोल मोर वर्ल्नरेबल दन मेन उसी के साथ अगर मैं बात करूं तो का सिस्टम हो गया हां विमिन हो गए तो इन सब चीजों की वजह से दीजिए ग्रूप सार्ट मोर वर्ल्नरेबल टू बी पूर ओके लैंड लेबर हो गया वह ज्यादा वर्ल्नरेबल है तो यह सारी चीजें ना है लेट्स कम टू दी इकनॉमिक एस्टिमेट अब इकनॉमिक टर्म्स में भी तो आप लोग गरीबों को बाट सकते हो है ना एक मेजर क्रिएट कर सकते हो जिसको मैंने क्रिएट भी करा है जिसको हम बोलते हैं पॉवर्टी लाइन मतलब कि वह चुक तो यह लाइन कहा है हमें भी टाप कर आनी है हम ही line देखेंगे poverty line और टाप जाएंगे जब हम दूसरी side चले जाएंगे हम अमीर हो गए नहीं बच्चो ये कोई असलियत में line नहीं है ये एक imaginary line है और ये line हो जाती है आपके income या फिर आपके consumption level से मतलब की जब ये बोला जाए कि आप अगर दिन का हजार रुपे कमा रहे हो ठीक है उस पर आपने poverty line बना दी मतलब की अगर हजार से नीचे कमा रहे हो तो आप गरीब हजार से उपर कमा रहे हो तो सही है फिर गरीब नहीं हो और consumption level की बात हो गई, मतलब कि आपने बोल दिया कि इतनी calories की, अगर कोई 2000 calorie है, 2000 calorie का intake हो रहा है, उससे उपर का intake हो रहा है, तो आप ठीक हो, लेकिन अगर उससे नीचे का intake कर रहे हो, तो आप गरीब हो, मतलब आप afford ही नहीं कर पा रहे है, है न, तब ही तो आप गरीब हो ग� परसन कंसिड़ेड पूर इफ इस और हर इंकम कंसम्शन लेवल फॉल्स बिलो अ गिवन मिनिमम लेवल नेसेसरी टो फुलफिल द बेसिक नेट और बच्चों इस पॉवर्टी लाइन को एस्टिमेट ऐसे करा गया है कि एक बेसिक सस्टेनेंस लेवल बेसिक सबसिस्टेंस लेवल की जो जरूरी चीज़ है ये नहीं कि मैं बोल रही हूँ कि आरे गाड़ी आईफोन नहीं है तो गरीब हो जाएंगे वो तो बेसिक चीज� अगर उतना आप afford कर पा रहे हो तो आप नहीं हो गरीब, अगर वो भी नहीं afford कर पा रहे हो तो definitely आप गरीबी रेखा के नीचे आ जाएंगे, poverty line के नीचे आ जाएंगे, अब देखो, accepted, अब यहाँ पर सबसे पहले calorie requirement की बात करते हैं, जो की poverty line का estimate है, accepted average calorie requirement in India is 2400 calories per person per day in rural areas and 2100 calories per person per day in urban areas. ठीक है मतलब की देखो रूरल एरिया में 2400 अर्बन एरिया में 2100 रूरल एरिया के अंदर बचो पॉवर्टी लाइन इस तरीके से बनी कि अगर आप यह 2400 पर एस्टिमेटेड है अगर आप 2400 कैलोरीज से नीचे इंटेक्स आपका हो रहा है तो आप पॉवर्टी लाइन के नीचे आ गए अगर 2400 कैलोरीज से ऊपर इंटेक्स हो रहा है तो आप पॉवर्टी लाइन के ऊपर आ गए मतलब उतना इलाफ है अर्बन एरिया की बात कर लेते अर्बन एरिया में क्या है 2100 से नीचे तो बीपीएल इसके ऊपर तो एपिएल आईपीएल की बात नहीं हो रही पीएपीएल मतलब पॉवर्टी लाइन ठीक है तो अर्बन एरिया में यह हिसाब है अब सवाल यह उठता है कि मैम, रूरल एरिया में कैलरी रिक्वायर्मेंट जादा क्यों चाहिए पर परसन पर डे, एक इनसान को एक दिन का कैलरी रिक्वायर्मेंट जादा क्यों चाहिए, अर्बन एरिया में कम पे क्यों एस्टिमेटेड है, तो बच्चु इसका एक बड� पर अर्बन एरिया में क्योंकि इतना मैनुअल काम नहीं होता इसलिए वहाँ पर कैलरी रिक्वायरमेंट थोड़ी सी कम है क्योंकि वहाँ फिजिकल लेबर उतनी नहीं है जदातर बैठ के काम हो जाता है या जदा महदन मशक्कत नहीं करनी पड़ती ठीक है इस वज़े से त बोला जा रहा है अब इंकम लेवल के हिसाब से 816 for rural and 1000 for urban 816 अब इंकम लेवल क्या हो गया 816 और 1000 अब जो इंसान अर्बन एरिया में 1000 से जादा महीने का कमा रहा है वो above poverty line बलकि it sounds so wrong बचो आप खुछ सोझिए कि एक इंसान महीने का 1000 रुपे क्या वो basic subsistence level है कुछ भी नहीं है हजार रुपए आजकल की टाइम में निकलो ना एक दिन में खर्च हो जाते हैं हजार रुपए अगर आप कुछ खरीद लो तो और यहाँ पर क्या है मंथली सैलरी एक इनजान की मंथली इंकम हजार रुपए अगर वो तिना कम आ रहा है तो अबब बॉवर्टी लाइन ओ रुपीज कम इसलिए हैं बच्चों क्योंकि रूरल एरिया में महंगाई उतनी नहीं है अर्बन एरिया में महंगाई जादा है इस वज़े से अर्बन एरिया में पैसे जादा रखे हैं और रूरल एरिया में पैसे कम रखे हैं ठीक है अब देखो पौवर्टी लाइन एस्टिमेटेड पेरियोडिकली नॉर्मली एवरी फाइव यूर्स बाय कंडक्टिंग सैंपल सर्वेज दी सर्वेज आर कैरेड आउट बाय द नैशनल सैंपल सर्वेज और ऑर्गनाइजेशन विच इस द एनेसेसो ताकि बच्चों देखो महंगाई जब बढ़ती है तो उसके हिसाब से ये rate तो revise होगा ना पैसा revise होता रहेगा change होता रहेगा but calories उतने की उतनी रहेगी calorie intake तो उतने ही रहेगा calorie तो इतनी चाहिए वो थोड़ी भेंगाई के हिसाब से estimate होगी calorie का constant रहेगा but जो income level है वो revise होता रहेगा due to the inflation, recession उस हिसाब से काम किसका है NSSO यानि की National Sample Survey Organization का काम है कि हर 5 साल में periodically वो poverty line को estimate करें कि इस सर्वेट कर रहेंगे और उसके हिसाब से पॉवर्टी लाइन को एस्टीमेट करेंगे साउंड वेरी रॉंग आइन ओ कि यह बिल्कुल बेसिक सस्टेनेंस लेवल नहीं माना जाना चाहिए बट स्टिल बच्चों मानते हैं उसी के साथ अगर 2.15 dollars per person this means that anyone living on less than 2.15 dollars a day is in extreme poverty अगर वर्ल्ड बैंक के हिसाब से क्या है poverty line वर्ल्ड बैंक के हिसाब से है कि अगर आप एक इंसान ये मैंने पता नहीं क्या ही बनाया रूपी और डॉलर का mixture हाँ अगर एक इंसान 2.15 dollar per day कमा रहा है या उससे जादा तो वो poverty से उपर है poverty से नीचे है एक्स्ट्रीम वॉर्डी में वह अगर टू पॉइंट 15 डॉलर भी नहीं कोई कमा पा रहा ना दिन का तो वह एक्स्ट्रीम वॉर्डी में है वॉर्ड बैंक के हिसाब से ऊपर कमा रहे हो तो ठीक है फिर भी ठीक है चलो उसी के बाद मैंने जैसा आपको बिलो पॉवर्टी लाइन इस ऑल सो नॉट द सेम फॉर ऑल सोशल ग्रूप से निकला में कैटेगरी बचो कुछ लोग और कि कुछ लोगों के पास और ज्यादा रिस्क रहता है गरीब रहने का या फिर गरीब होने का जैसे मैं आपको बताया था तो समझें तब के ऐसे कौन से हैं एसटीज ए बहुत ज्यादा वनरेबल है क्योंकि उन्होंने एक बहुत लंबा समय डिस्क्रिमिनेशन हमारे देश में झेला है बहुत लंबा पोषण झेला है वाइड वॉल्नरेबल टू बी इन पॉवर्टी और टू रिमेन पॉवर्टी और टू बी पूर इन फ्यूचर ठीक है उन पर ज्यादा खत्रा और इकनॉमिक ग्रूप्स यानि कि ऐसे कौन से आर्थिक तबके हैं इकनॉमिक ग्रूप्स ऐसे कौन से है जैसे कि रूरल आग्रीकल्चरल लेबरर हाउस होल्ड्स ग्रामीन शेत्र में अ जो आग्रिकल्चरल लेबर है बच्चों जिनके पास खुद की जमीन नहीं है तो उन पर ज्यादा खतरा है गरीब रहने का या गरीबी में आने का और उसे के साथ अर्बन एरियास में जो कैजूल लेबर है यानि कि जिनको रोज मरा डेली वेज लेबर है जिनको रोज मरा की रूरल आग्रीकल्चरल लेबर भी है उपर से वह एक शेडूल कास्ट भी है आर्थिक रूप से भी वह वल्नेरेबल है और सोशल रूप से भी अगर वह वल्नेरेबल है तो वह एक डबल डिसेडवांटेज पेस करता है वहीं एक तरफ कुआ तो एक तरफ खाई दोनों साइड से वह वल्नेरेबल है उस पर और भी डबल तरीके से खतरा मन रहा है कि वह वल्नेरेबल मतलब कि वह गरीबी रहेगा या गरीबी गरीब हो जाएगा पूरे तो द पूर लोग कौन कंसिडर करे जाते हैं विमेन एलडरली पीपल फीमिल इनफेंट्स सिस्टेमाटिकली डिनाइड इक्वल आक्सेस टू रिसोर्स अवेलेबल इन फैमिली देर फॉर विमेन चिल्डरेंट एस्पेशली द गर्ल चाइल्ड एंड ओल्ड पीपल आर कंसिडेड पूर्व रेस्ट ऑफ द पूर्व अब बच्चो एक फैमिली और डिव फैमिली गरीब है लेकिन उस गरीब फैमिली में भी जो सबसे ज्यादा गरीब है वह इस घर की औरते हैं या फिर घर की बेटियां है या फिर जो बुड़े लोग है वह है ऐसा क्यों है ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों के साथ कि फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस उनको नहीं दी जाती कुछ भी उनको पैसा नहीं दिया जाता एक्सप्लोइट करा जाता है तो आप इस दिविजन लड़ द पूरेस्ट ऑफ द पूर्व क्योंकि उन्हें इक्वल आक्सेस जो घर के रिसोर्सेस का वह नहीं दिया जाता तो यह और भी ज्यादा पिचारे गरीबी में पड़ जाएंगे तो यहां पर आप देखी आ रहे हो नंबर ऑफ पूर्व पॉइंट पर सेंट एस इस जो है रूरल एरिया में उनकी परसेंटेज आ रही है शेडूल का जो रूरल इंडिया में है 31.5 परसेंट आवरेज इंडियन पॉवर्टी रेशो इस 21.9 तो आवरेज रेशो से भी जादा रेशो इन ग्रूप्स का है वेरी वाल्डरेबल उसे के साथ आग्रीकल्चरल लेबरर्स और कैजुल लेबरर्स का भी परसेंटेज इसी के साथ बचो अब जैसे इंडियन स्टेट्स हैं अलग-अलग भारत के राज्य हैं हर स्टेट में पॉवर्टी सेम नहीं है बिहार और इसा सबसे जादा दे आदर टू मोस्ट अब द पूरेस्ट स्टेट्स इन इंडिया क्यों है ऐसा बिहार और औरिसा में सबसे जादा ठीक है टू स्टेट्स विद लोड ऑफ पॉवर्टी ठीक है टू पॉरेस स्टेट्स बहुत ज्यादा पॉवर्टी है रूरल पॉवर्टी वर्बन पॉवर्टी भी बहुत ज्यादा यहां पर पाए जाती ��ै उसी के साथ यहां पर हम लोग देख रहे हैं कुछ स्टेट्स में पॉवर्टी कम भी हुई है अब देखो ऐसा नहीं कि सब नेगे जो की पूर पॉवर्टी से निकले हुए हैं जैसे पंजाब हर्याना के अंदर हाई एग्रीकल्चरल ग्रोथ रेट की वजह से लोगों को मदद मिली बच्चों देखो पंजाब और हर्याना दो ऐसे स्टेट से जहां पर काफी ज्यादा लोग खेती करते ले अच्छा पैसा कमाया तो खेती ने कहीं ना कहीं मदद भी करी है किसको निकलने की ठीक है खेती ने कहीं ना कहीं हमारे इन दो पंजाब और हराने में मदद कर रही है बहुत से लोगों को पॉवर्टी से बाहर आने के लिए कैरिला के अंदर क्योंकि ह्यूमन रिसोर्स डेवेलपमेंट में बहुत फोकस किया गया बहुत ज्यादा फोकस करा गया कि यहां के लोगों की जो लाइन रिफॉर्म मेजर्स का लांड सीलिंग वगैरह लगा देगी कि कुछ लोगों के पास ही इतनी जमीन रहेगी उससे ज्यादा नहीं ले सकते तो उससे की क्वालिटी प्रोमोट करेंगे बहुत से लोग पॉवर्टी से बाहर निकले आंध्रपृतेश तमिलनाडु लोग पॉवर्टी से बाहर निकल के आए हैं तो यह कुछ अच्छी चीजें भी हैं बचारे कुछ ऐसे स्टेट से बिल्कुल टीवी में जूंज रहे हैं क्योंकि एक तो पॉपिलेशन बहुत ज्यादा उसके लिए ज्यादा फैसिलिटी नहीं करी गई कोई तरीका नहीं अपनाया गया जिससे वहां के लोगों को बाहर निकाला जाए पॉवर्टी से ग्रोबल पॉवर्टी सेनारियो को भी देखते हैं सब्सक्राइब रिडक्शन पॉवर्टी हो रही है बहुत जगह पॉवर्टी रहती है बचों मार्ड विद ग्रेट रीजिनल डिफरेंस लेकिन हर जगह कि एकनॉमिक ग्रोथ बहुत तेजी से हुई उसी के साथ इनवेस्टमेंट बहुत पैसा लगाया गया ह्यूमन रिसोर्स डेवेलपमेंट में लोगों को पढ़ाय लिखाया जाना उनको हेल्थ केर प्रोवाइड करना ताकि लोग जो है तरक्की लाटन अमेरिका में ratio poverty का same ही रहा है, throughout same ही रहा है, ना improve हो रहा है, ना गिर रहा है, poverty कुछ जगा पे resurface भी हुई है, मतलब एक टाइम पे हट गई थी, फिर से poverty आ गई, जैसे की Russia, तो Russia बच्चों, Russia में poverty एक टाइम पे हट गई थी, पर फिर resurface हो गई, फिर से आ गई, अब बात करते हैं, what are the causes of poverty, कौन-कौन से reasons हैं, चलिए, फटा फट से यहाँ पर देख लेते हैं कौन से reasons हैं जिसकी वज़े से हमें गरीबी देखने को मिलती है फटा फट से देख लेते हैं बचो क्या causes क्या reasons रहे हैं हमारे particular देश में poverty के लिए है सबसे पहले यहां पर देखो क्या है सबसे पहले यहां पर हिस्टोरिकल रीजन एतिहासिक रीजन क्या रहा है पॉवर्टी का तो दिमोटिवेट करती है हमें हमारी इंडस्ट्रीज को बढ़ने नहीं देती थी आगे जिस वजह से हमारे देश में बहुत गरीबी हुई बच्चों लोग प्रोडक्शन कर भी रहे हैं तो उनका समान नहीं बिक रहा है तो यह दिक्कत हो गई थी हम लोग देखते हैं ग्रीन रेविल्यूशन आता है, ह्यवी सीट्स आते हैं, बट ह्यवी सीट्स से प्रोडक्शन वही कर पाते थे, जिनके पास पै���ा अच्छा खासा था, क्योंकि ह्यवी सीट्स से अगर खेती करनी है, तो आपको उसके लिए फर्टिलाइजर, पेस्टिसा उसी के साथ मूविंग टू सिटीज एंड लो लेवल ऑफ लिविंग स्टैंडर बहुत से लोग ग्रामिन शेत्रों से उठकर अर्बन एरियाज में गए उनको ऐसा लगा कि शहरों में जाकर शायद हमें और काम मिलेगा हमारी स्थिति बेहतर होगी बट हुआ क्या ना उन्हे तो उनका लिविंग स्टैंडर्ड भी कम हो गया और सिटी जाने से कोई फायदा भी नहीं हुआ यूज इंकम इनिकॉलिटी बहुत ज्यादा इंकम इनिकॉलिटी हमको देखने को मिलती है कुछ लोगों के बाद बहुत पैसा तो उनका पैसा बढ़ता ही जाता तो शो कल्चरल एंड इकनॉमिक फैक्टर्स और जो शो कल्चरल एंड इकनॉमिक फैक्टर्स बहुत लोग क्या करते हैं पैसा बढ़ा देते हैं जब पैसा नहीं होता तो जैसे बेटी की शादी करनी है या घर में किसी की डेथ हो गई तो कुछ ट्रेडिशन के लिए कल्चर के लिए उस चीज के लिए क्या होता है बहुत सा पैसा यह लोग खर्च देते हैं जाया कर देते हैं जिसकी वजह से गरीब जो है वह और भी ज्यादा गरीब हो जाता है इन ऑब्लिगेशंस को पूरा करने के लिए क्रिफ कॉजेस नहीं देखेंगे ऐसी हम स्ट्राटेजी भी देखेंगे तो बच्चों देखो एक तरीका हो सकता है एंटी पॉवर्टी स्ट्राटेजी का कि आप अपने देश में एकोनॉमिक ग्रोथ को प्रमोट करें देश की इकानोमी जब आगे बढ़ेगी जब यह सब होगा देश की इकानोमी आगे बढ़ेगी रेज ज्यादा पैसा कमाएगा लोग ज्यादा पैसे कमाएंगे और उनकी स्थिति इंप्रोव होगी तो एक तो यह तरीका हो सकता है प्लस उसी के साथ एक दूसरा कुछ ऐसी जीजे भी आप कर सकते हो जहां पर आप पौवर्टी की समस्या को टार्गेट करें पौवर्टी की समस्या को टार्गेट करके उसे एलिविएट यानि कि हटाने की कोशिश करें जैसे कि सरकार ने कुछ योजनाओं के थूँ करा है महत्मा गांधी नैशनल रूरल इंप्लॉयमेंट गैरिंटी आक्ट अप 2005 जिसको हम लोग मन रेगा मन रेगा के नाम से जानते हैं अब यह जो पॉलिसी आती है इसके थ्रू aim to provide 100 days of wage employment to every household to ensure livelihood security in the rural areas जहां पे बचोई scheme लाग हुई वहाँ पे उस rural area के अंदर उस ग्रामिन शेत्र के अंदर सभी लोगों को guaranteed work देने की बात करेगी 100 दिन का एक साल में 100 दिन का guaranteed काम स गवर्मेंट आपको काम नहीं प्रोवाइड कर पाती तो जितने दिन का पैसा बनता है वो आपको अनेम्प्लॉयमेंट अलावंस के तौर पर दे दिया जाएगा तो इससे एक तरीके से गरीबी हटाने की कोशिश करी जा रही थी बिकोस ग्रामिन शेत्रों में सीजनल अनेम् पड़े लिखे जो लोग हैं, उनके लिए self employment opportunity create करना, कि उनको loan वगैरा provide करा, जो छोटा-मोटा काम वो खुद से अपना चालू कर सके, खुद से अपना कोई कारोबार चालू कर सके, उसके लिए opportunity provide करना, फिर आता है rural employment generation program, rural employment generation program के तहटे, इस program का aim यही था, self employment opportunities, rural areas और small towns में create करना, अब यहाँ पर भी small towns, rural areas में self employment opportunities, difference यह है कि यहाँ पर educated unemployed, जो educated और बेरोजगार youth है उसके लिए था पर यहाँ पर सभी के लिए है ठीक है सेम चीज है बट यहाँ सभी के लिए है वह educated unemployed youth के लिए है फिर आता है स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना SGSY Assisted poor families above the poverty line by organizing them into self-help groups through a mix of bank, credit and government subsidy अब इस प्रोग्राम का basic motive यही है कि जो poor families हैं जो गरीब घर के लोग हैं उन्हें पॉवर्टी लाइन के ऊपर लेकर आना पॉवर्टी लाइन से ऊपर लेकर आना कैसे उन्हें सेल्फ ग्रूप में ऑर्गनाइज करें ग्रूप यह होता है छोटा सा ग्रूप बना लिया अपने आसपास के पडोसियों का और उसी ग्रूप में सारे लोग अब रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम कर दे जाएगा तो यह सारी चीजों के लोगों को क्रेडिट प्रोवाइड करना लोन प्रोवाइड करना ताकि लोग अगर कोई काम दंधा चालू करना चाहिए वह करें उसके तू पैसा कमाएं हालत सुधार है अपनी फिर रूरल एरिया जो भी आपके स्टेट में पढ़ रहे हैं उसके अंदर फैसिलिटीज को इंप्रूव कीजिए बेसिक सर्वसेस जैसे कि प्राइमरी हेल्थ केर हो गया अस्पताल वगैरा की बात होई स्कूल है कॉलेज है रूरल शेल्टर है ड्रिंकिंग वाटर है बिजली है I hope कि आप सभी कोई chapter बहुत अच्छे से समझ में भी आ गया होगा, चलिए, तो I will see you guys in the next class, तब तक के लिए take care and bye-bye.