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महादेवी वर्मा की कहानी भक्तिन

Oct 15, 2024

महादेवी वर्मा की कहानी "भक्तिन"

परिचय

  • कहानीकार: महादेवी वर्मा
  • मुख्य पात्र: भक्तिन (जिसका असली नाम लक्ष्मी)
  • भक्तिन का जीवन और उसकी सेविका के रूप में भूमिका

भक्तिन का विवरण

  • भक्तिन की शारीरिक विशेषताएँ: छोटे कद और दुबले पतले शरीर वाली, सादगीपूर्ण जीवन
  • सेविका के रूप में भक्तिन की मेहनत और समर्पण
  • भक्तिन का नाम कैसे रखा गया: लक्ष्मी नाम पसंद नहीं था, इसलिए "भक्तिन" नाम दिया गया।

कहानी के चार भाग

पहला भाग: जन्म और शादी

  • जन्म स्थान: इलहाबाद के जूसी गांव में एक गौपालक की एकलौती बेटी।
  • छोटी उम्र में माता की मृत्यु और सौतेली माँ के द्वारा जल्दी विवाह।
  • विवाह के बाद पिता की मृत्यु का समाचार नहीं दिया गया।
  • भक्तिन का दुख और सास को खरी-खोटी सुनाना।

दूसरा भाग: साधी सुदा जीवन

  • बेटियों को समाज में महत्व नहीं दिया जाता था।
  • भेदभाव का सामना करना: जेठानी के बेटों को अच्छे भोजन की प्राप्ति।
  • बड़े धूमधाम से बड़ी बेटी का विवाह।
  • पति की मृत्यु और बड़ी बेटी का विधवा होना।
  • पंचायत का फैसला: विदुषी बेटी की शादी।
  • आर्थिक कठिनाई: पति द्वारा संपत्ति की हानि।
  • जमिन्दार के अपमान के बाद गांव छोड़कर लेखिका के पास आना।

तीसरा भाग: सेवा और समर्पण

  • भक्तिन का जीवन: नियम और धर्म से चलने वाली महिला।
  • सुबह जल्दी उठकर नहाना और खाना बनाना।
  • मेहनती, ईमानदार, और स्वामी भक्त।
  • लेखिका की सेवा करना उसका धर्म।
  • रात में लेखिका के पास जागना और हर जरूरत में मदद करना।
  • जेल जाने से डरते हुए भी स्वामी की सेवा के लिए तैयार रहना।

निष्कर्ष

  • भक्तिन और लेखिका के बीच विशेष तालमेल।
  • भक्तिन की अनुपस्थिति का लेखिका को दुख।

धन्यवाद

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