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दो बैलों की कथा - प्रेमचंद

Jul 15, 2024

दो बैलों की कथा - प्रेमचंद

परिचय

  • पिछला पाठ: कृतिका की पांच कहानियाँ पूरी कीं
  • नए पाठ: क्षितिज का गद्य खंड और काव्य खंड
  • विभाजन: गद्य खंड (कहानी) और काव्य खंड (दोहे, कविताएँ)
  • महत्व: गद्य खंड की विधाएं (संस्मरण, आलोचना, यात्रा वृतांत, उपन्यास) और काव्य खंड की कविताएँ पढ़ाई जाएंगी

दो बैलों की कथा

पात्र परिचय

  • हीरा और मोती: दो बैल, सुंदर और सुडोल, जो बहुत समय से साथ रहते थे
  • झूरी: बैलों का मालिक
  • गया: झूरी का साला

कहानी की शुरुआत

  • पहली घटना: झूरी ने बैलों को ससुराल भेजा, बैल समझे कि बेचे गए हैं
  • बैल भागते हैं: रात को झूरी के घर वापसी की योजना बनाते हैं

बैलों का संघर्ष

  • गया का व्यवहार: गया बैलों को बांधता है, बैल मना करते हैं, पिटाई होती है
  • हीरा और मोती की योजना: रस्सियां तोड़कर भागने की योजना
  • छोटी लड़की की मदद: लड़की बैलों को रोटी देती है, फिर उनकी रस्सियों को खोल देती है

भागने की कोशिश

  • कसाई का सामना: बैल कसाई से लड़ते हैं
  • पकड़े जाना: मोती कीचड़ में फंसकर पकड़ा जाता है, हीरा वापिस आता है
  • कांजी हाउस: दोनों कांजी हाउस में बंद होते हैं, खाना-पानी नहीं मिलता, दीवार गिराने की कोशिश
  • नीलामी: कसाई बैलों को खरीद लेता है

घर वापसी

  • बैल कीचड़ में फंसते हैं: कसाई बैलों को भगाता है, बैल घर के रास्ते पहचानते हैं
  • झूरी की खुशी: बैल लौटते हैं, झूरी उन्हें स्नेह से वापस अपनाता है
  • गांव की खुशी: गांव वालों और झूरी की पत्नी का बदलता व्यवहार

मुख्य बिंदु

  • सहनशीलता और संघर्ष: कहानी बैलों की साहस और उनकी संघर्षशीलता को दिखाती है
  • धरती से जुड़ाव: घर की पहचान और वापसी की खुशी
  • स्वतंत्रता का संदेश: भारतीय क्रांतिकारियों और उनकी लड़ाई की प्रतीकात्मकता

अंत

  • समिति का संदेश: यह कहानी स्वतंत्रता संग्राम की ओर भी संकेत करती है, संघर्ष और अंततः स्वतंत्रता प्राप्ति