कि नमस्कार दोस्तों मैं हूं विशाल और आज मैं बात करने जा रही हूं लेखक सीताराम सेकसरिया द्वारा लिखी गई संस्मरण जिसका सिर तक है डायरी का एक पन्ना तो चलिए दोस्तों शुरू से इस संस्मरण को समझने का प्रयास करते हैं इस पाठ में लेखक ने 26जनवरी 1971 इसको कोलकाता में मनाए गए स्वतंत्रता दिवस का विवरण प्रस्तुत किया है लेखक ने बताया है कि भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ तीस में मनाया गया था लेकिन उस साल कोलकाता की स्वतंत्रता दिवस मिनट ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए थे जबकि इस साल पूरी तैयारी की गई थी सिर्फ प्रचार में ₹2000 खर्च किए गए थे और लोगों के घर-घर जाकर समझाया भी गया था बड़े बाजार के बीच-बीच में मकान घर पर तिरंगा फहराया गया था यहां तक कि कलकत्ता के हर भाग में झंडे लगाए गए थे ऐसा लग रहा था मानो ऐसी सजावट पहले कभी नहीं हुई थी पुलिस में तैनात होकर अपनी पूरी ताकत से पहरा दे रही थी और घुड़सवारों का भी प्रबंध था स्मारक के नीचे जहां सभा होने वाली थी उस जगह को पुलिस ने सुबह छह से घेर लिया था फिर भी कई जगह पर झंडा फहराया गया श्रद्धानंद में क्रांति विद्यार्थी संगठन मंत्री ने डू तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उम्र में बड़ा बाजार कांग्रेस कमेटी के मंत्री हरिश्चंद्र को तो झंडा फहराने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया मारपीट हुई जिसमें 24 लोगों के सिर फट गए और गुजरात विकास संघ की ओर से निकाले गए जुलूस में कई लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है एक मारवाड़ी बालिका विद्यालय की लड़कियों ने 11:00 झंडा फहराया इसके बाद जगह-जगह उत्सव और जुलूस के फोटो हटाए गए और कई सारे लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया जो कि उत्सव और जुलूस में शामिल थे उनमें से पूर्ण दास और पुरुषोत्तम राय प्रमुख थे इसके बाद इस्त्री समाज भी अपना जुलूस निकालने और ठीक स्थान पर पहुंचने की कोशिश कर रही थी तीन वजह से ही मैदान में भीड़ जमा होने लगी और लोग टोलियां बनाकर घूमने लगे इससे पहले इतनी बड़ी सभा कभी नहीं की गई थी पुलिस कमिश्नर के नोटिस के आधार पर अनिश्चित धरा के अनुसार कोई सभा नहीं हो सकती थी और जो भी व्यक्ति इन सभा में भाग लेगा उन्हें दोस्ती समझा जाएगा परिषद के नोटिस के अनुसार 04:24 पर झंडा फहराया जाना था और स्वतंत्रता का शपथ पड़ा जाना MP4 बजे सुभाष चंद्र बोस जुलूस के साथ आए लेकिन भीड़ ज्यादा होने की वजह से पुलिस उन्हें रोक नहीं पाई फिर पुलिस ने जुलूस निकालने वालों पर लाठियां चलाई जिस कारण कई लोग घायल हो गए सुभाष बाबू पर लाठियां चली उस दौरान वह बहुत जोर से वंदे मातरम बोल रहे थे उस समय पुलिस भयानक रूप से लाठियां चला रही थी जिस कारण स्थिति चटर्जी का सिर फट गया था उधर स्त्रियां स्मारक की सीढ़ियां चढ़कर झंडा फहरा रही थी तभी सुभाष बाबू को हिरासत में ले लिया गया कुछ देर बाद वहां से स्त्रियां जुलूस निकाली जिस कारण उनके साथ बहुत बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई पुलिस ने डंडे बरसाने शुरू कर दिए जिससे कि कई लोग घायल हो गए आगे धर्म तलने के मोड़ के पास आकर जुलूस टूट गया और करीब 50 से 60 महिलाएं वहीं बैठ गई जिसे पुलिस पकड़कर लाल बाजार भेज दिया स्त्रियों का एक भाग विमला देवी के नेतृत्व में आगे बढ़ा बहु विचार के मोड़ पर रोक दिया गया और फिर आधे घंटे के बाद में उन सभी को लाल वस्त्र ले जाया गया फिर को पकड़ा गया और भी पकड़ी गई सब मिलाकर 15 स्त्रियां पकड़ी गई थी जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया इससे पहले कोलकाता में एक साथ ज्यादा गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी उस समय दो सौ लोग घायल हुए थे पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों की संख्या का पता नहीं चला लाल बाजार के लॉकअप में स्त्रियों की संख्या पांच थी लेकिन आज का दिन कोलकाता वासियों के लिए अनोखा था वह मिल गया कि कोलकाता वासियों के यहां काम नहीं हो सकता तो दोस्तों इस वीडियो को लाइक और शेयर करके आप हमारा आत्मविश्वास यह बढ़ा सकते हैं और हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें धन्यवाद है [संगीत]