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प्रोडक्टिविटी सुधार के सिद्धांत

Jun 15, 2025

Overview

यह लेक्चर 'द गोल' मैनेजमेंट और मैन्युफैक्चरिंग नोवेल पर आधारित है, जिसमें एक कारखाना मैनेजर के अनुभवों के माध्यम से प्रोडक्टिविटी, प्लांट मैनेजमेंट और प्रोसेस ऑप्टिमाइजेशन के महत्वपूर्ण सिद्धांत समझाए गए हैं।

कहानी की पृष्ठभूमि

  • एलेक्स रोगो प्लांट मैनेजर है, जिसका प्लांट घाटे में है और तीन महीने में सुधार नहीं हुआ तो प्लांट बंद हो सकता है।
  • सीईओ, बिल पीच, ऑर्डर डिले और मुनाफे की कमी के लिए दबाव बना रहे हैं।
  • फैक्ट्री में अक्सर ऑर्डर डिले, मशीनरी की समस्याएं, और वर्कफोर्स से असंतोष रहता है।

प्रमुख समस्याएँ और कारण

  • बार-बार डिले और बैकलॉग, काम समय पर पूरा नहीं होता।
  • लेबर कम करने से एफिशिएंसी पर असर, पर फिर भी मुनाफा नहीं।
  • रोबोट्स व नई मशीनरी के बावजूद थ्रू-पुट (बेचने लायक आउटपुट) नहीं बढ़ता।
  • इन्वेंटरी और ऑपरेशनल एक्सपेंस अनावश्यक रूप से बढ़ रहे हैं।

मुख्य सिद्धांत एवं समाधान

  • कंपनी का असली गोल है- पैसा बनाना (मेकिंग मनी), सिर्फ एफिशिएंसी या क्वालिटी नहीं।
  • तीन मुख्य पैमाने: थ्रू-पुट (सेल से आने वाला पैसा), इन्वेंटरी (फंसा पैसा), ऑपरेशनल एक्सपेंस (चलाने का खर्च)।
  • थ्रू-पुट बढ़ाते हुए इन्वेंटरी व ऑपरेशनल एक्सपेंस घटाना चाहिए।
  • बैलेंस्ड कैपेसिटी जाल है- फ्लो (माल का प्रवाह) को बैलेंस करो, कैपेसिटी को नहीं।
  • बॉटल-नेक (जहाँ कैपेसिटी कम, डिमांड ज्यादा) की पहचान और उसे फोकस करो।
  • बॉटल-नेक मशीन/प्रोसेस की आउटपुट लिमिट तय करती है; इनकी कैपेसिटी बढ़ाओ या किसी तरह खाली समय कम करो।

व्यावहारिक बदलाव

  • अलग-अलग मशीनों-प्रोसेस की क्षमता और डिमांड की लिस्ट बनाओ।
  • बॉटल-नेक पर कभी मशीन या आदमी खाली नहीं रहना चाहिए; विशेष शेड्यूलिंग व स्टाफिंग।
  • बॉटल-नेक से पहले क्वालिटी चेक करो, ताकि खराब पार्ट्स पर समय बर्बाद न हो।
  • नॉन-बॉटल नेक प्रोसेस को बॉटल-नेक की ज़रूरत के मुताबिक ही चलाओ- अतिरिक्त इन्वेंटरी से बचो।
  • सिस्टम में रेड-ग्रीन टैग, शेड्यूलिंग और वर्क-प्रायोरिटी क्लियर करो।

Key Terms & Definitions

  • थ्रू-पुट — सिस्टम द्वारा सेल से उत्पन्न होने वाली धनराशि की दर।
  • इन्वेंटरी — सिस्टम में अटके पैसे (खरीदे गए मैटेरियल आदि) की राशि।
  • ऑपरेशनल एक्सपेंस — सिस्टम चलाने हेतु खर्च की गई राशि।
  • बॉटल-नेक — वह प्रोसेस/मशीन जिसकी कैपेसिटी डिमांड के बराबर या कम है।
  • नॉन-बॉटल-नेक — वह प्रोसेस जिसकी कैपेसिटी डिमांड से अधिक है।
  • फ्लो — माल का निरंतर प्रवाह; इसे बैलेंस करना ज्यादा जरूरी।
  • डिपेंडेंट इवेंट्स — एक प्रोसेस का आउटपुट आगे की प्रक्रिया के लिए इनपुट है।

Action Items / Next Steps

  • अपने प्लांट/ऑर्गेनाइजेशन में बॉटल-नेक की पहचान करें।
  • थ्रू-पुट, इन्वेंटरी और ऑपरेशनल एक्सपेंस को मापें और ट्रैक करें।
  • बॉटल-नेक की कैपेसिटी बढ़ाने और उसका उपयोग अधिकतम करने के तरीके लागू करें।
  • अगला भाग (गोल बढ़ाने की असली तकनीकें) सुनने/पढ़ने के लिए चैनल पर अपडेट देखें।