हेलो दोस्तों गेट स्मैशेज में आपका स्वागत है इस वीडियो में एक्सप्लेइन करने जा रहा हूँ सौफ्टवेर इंजिनिरिंग डेफिनेशन और इस एवोलूशन देखो सौफ्टवेर इंजिनिंग की डेफिनेशन आपको बहुत जगा पर मिल जाएगी इस देफिनेशन आपको बहुत अलग डेफिनेशन है software development के लिए हमारे पास it is a systematic मतलब step by step approach है and disciplined मतलब यहाँ पे कि we are following the rules and regular basis पे काम कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि अभी आज काम किया 10 दिन काम बंद कर दिया फिर काम start करें नहीं there is a proper deadline deadline के बीच में हमें काम करना है disciplined वेशे हमें काम करना है cost effective मतलब जिस technique को कॉस्ट उसमें इंपोर्टेंट फैक्टर है इंपोर्टेंट पैरामेटर है ऐसा नहीं कि आप ओवर दी बजेट काम कर रहे हो नहीं आपको अंडर दी बजेट जो है वो काम कर रहे है एस वेल आप इसमें एक और कंस्ट्रेंट जोड सकते हो टाइम क्योंकि टाइम भी बहु इट इस ए होल एप्रोच मतलब एक सिंपल सी मैं आपको भाषा में बता देता हूं कि सॉफ्टवेयर इंजीडियनिंग में एक्शन में क्या बात कर रहे हैं यह कोडिंग की कोई बात नहीं कर रहे हैं यहां पर यह सिर्फ बात कर रहे हैं पूरी एप्रोच की वो एप्रोच implementation किया, design किया, implementation किया, फिर आपने उसके बाद उसको testing किया, maintenance है, product delivery, सारे जो steps आ रहे हैं, इन सारे steps को combine करके आप उसको बना रहे हो, एक approach, that approach is also known as engineering approach, so that's why the next definition is, engineering approach to develop a software is known as software, engineering, तो यहाँ पे engineering approach का मतलब यह नहीं है कि engineer जो काम कर रहे है, that is known as engineering approach, नहीं, engineering approach का मतलब क्या है, step by step, systematic way से आप कोई काम कर रहे हो, बिल्कुल पहले step से लेके last step तक आप एक एक करके अपने goal को achieve कर रहे हो, that is known as engineering approach, तो देखो, जहां तक मैं अगर आपको real life examples इसको समझाओं, तो एक बहुत ही basic से example है, branded versus non-branded, देखो branded की अगर हम बात करें branded जो like companies है company एक बहुत proper way से अपना काम करती है जैसे like मैं जिस जगह से बिलॉंग करता हूँ, वहाँ पे ना modified jeeps बहुत मिलती हैं, अब modified jeep जो mechanics हैं, वो लोग क्या करते हैं, कि पुरानी jeepों के engine वगेरा निकाल के, उन्होंने चौड़े टाय डाल के, अच्छी सी body बना के, और उसको क्या करते हैं, market में ले आते हैं, अब market में ल इस तरीके की गाड़िया मिलेंगी और पहली बात में यहां पर कोई स्किल की बात नहीं कर रहा कोई डिग्री की बात नहीं कर रहा कि एक तरफ मेकैनिक और एक तरफ इंजीनियर है मैं सिर्फ अप्रोच की बात कर रहा हूं इन लोगों की अप्रोच क्या है जो नॉन ब्रें� खतम है और दूसरी तरफ अगर हम बात करें ब्रेंडिड की तो ब्रेंडिड में उन्होंने सारे स्टेप्स को प्रॉपरली फोलो किया हुआ है इवन प्रोडक्ट डिलिवरी के बाद देखो अगर आपकी गाड़ी को पांच साल हो गए आज स्टिल आपके पास ओपर्चुनि idea से लेके maintenance तक, maintenance से लेके regularly updation तक, ये सारे steps को हम actually बोल रहे हैं, engineering approach, तो that is only about the software engineering, तो software engineering अगर आपसे कोई भी पूछता है, कि क्या इसमें development करनी है, क्या coding करनी है, वो तो एक phase है यार, एक phase है, कि ठीक है मेरे को ये काम करना है, लेकिन software engineering is all about the step one to last step, आप कैसे follow कर रहे हो, कैस software engineering तो देखो यहाँ पे अगर हम बात करें next इसके evolution की तो ऐसा नहीं कि software engineering कोई आज की term है या 10 साल पहले 20 साल पहले की term है the term software engineering comes under the 1945 to 65 के time पे आप कह सकते हो origin इसका हुए origin तब ही होगा जब software development start होगी तो देखो world war 2 के time पे development जो है इस से related start होगी थी even NASA है काफी जो organization है बड़े level पे जो organization थी IBM company थी उन्होंने अपने level पे जो है वो start कर दिया था इसके उपर काम करना लेकिन engineering की अभी कोई बात नहीं कर रही थी simple software development के उपर काम चल रहा था and all are following the build and deliver kind of method, जिसको build and fix method भी बोलते हैं, कि ठीक है, बनाई चीज, और market में दे दी, अब उसके बाद हो सकता है, कि problem आए, और problem आएगी, क्योंकि आपने पूरे steps को follow नहीं किया, आपने बस एक बर काम चलाओ चीज दे दी, अब काम चलाओ चीज obviously problem create करेगी, या बहुत आप कह सकते हो कि famous NATO की conferences ही जहां पे actual में software engineering का पहली बार नाम लिया गया था उसके बाद अगर हम बात करें 65 to 85 ये जो दोर था ना ये जो time था इसको बोलते है software crisis crisis actual में क्यों बोल रहे है वही point मैं आपको बता रहा हूँ branded और non-branded यह आप कह सकते हो कि एक तो मैं पूरी approach follow कर रहा हूँ लेकिन उस time पे कोई approach नहीं थी they are simply following the build and deliver kind of method मैंने उसको फटा फटा रैप अप करने की गोशिश की और मार्केट में डिलीवर कर दिया, अपने क्लाइट को दे दिया, अब प्रॉब्लम क्या आ रही थी, प्रॉब्लम यह थी कि उस टाइम पे सबसे ज़्यादा जो क्राइसिस का टाइम था, कि जो आपके सौफ़वेर उ आपके delivery नहीं हुए, मतलब काम ही नहीं आए, और आप कह सकते हो कि rest of them are what? They are simply scrapped, scrapped का मतलब obviously खतम हो गया, बलब या तो उसका जो budget था, जो cost थी, वो overrun होगी, मतलब आपके पास budget था, उसका let's suppose 1 billion, और आपने जो है 1 billion already करच कर दी, लेकिन सारा software आपका अभी बनाई नहीं, या फिर time constraint, जो time, within the time आपको बनाना था, आपने वो time ही सारा क्या कर दिया? consume कर दिया, over time हो गया, तो ये जो थे, काफी constraint थे, complexity थी, बहुत सारे factors है, जिनकी वज़े से, सिरफ 2% जो software से, वही actual में use हुए, और इसका जो one of the best example है, that is OS 360, ये IBM का product था, operating system 360, they try to develop, and जो बन्दा इस पूरी team को head कर रहा था, उसकी खुद की कि it is a multi-millionaire failure project, क्यूं? क्योंकि उन्होंने इसका पहले कोई design ही नहीं त्यार किया, कोई coherent design नहीं त्यार किया, directly they started working on that, coding पर त्यार किया, implement किया, और market में लेकर आये, and that was totally a failure, तो ये failure जो है, ये actual में approach को properly use ना करने की वज़े से है, और देखो, बार बार approach की बात करो, तो इसका मतलब ये नहीं है कि successfully होगे, नहीं, but the probability of success will be more, that is the main point, लेकिन अगर आप approach नहीं follow कर रहे, the probability of failure is actually more, तो देखो उसके बाद ऐसा नहीं कि उसके बाद crisis जो है, इसके बाद बंद हो गया या कम हो गया, नहीं, उसके बाद भी काफी चलता रहा, like इसमें काफी popular है, एक Taurus project वो भी काफी popular है, 10-12 साल उसपे काम हुआ, even कितने ही उस पे जो है UK pound जो है उस पे काफी खर्च हुए लेकिन still वो end पे क्या बना उसको scrap में डाल दिया US के भी काफी products जो है उन्होंने autonomous system मनाने कोशिश की थी उस पे भी 10-12 साल काम किया लेकिन budget जो है उसको overrun हो गया तो उसकी वज़े से क्या हो गया वो भी scrap में डाल दिया लेकिन इस time पर तो आप कह सकते हो कि 100 में से सिर्फ 2 ही use हुए rest आप कह सकते हो कि fail ही होगे तो obviously that is actually known as तो सॉफ्टवेयर क्राइसिस फेज उसके बाद जो है टाइम आया इंटरनेट का 1990 के बाद जो है वह टाइम आया इंटरनेट का और इस टाइम पर जितने भी सॉफ्टवेयर सेर लाइक ओविसली वन अफ दा अभी तक भी अगर हम बात करें सबसे ज़्यादा फेमस है देट इस मोबाइल का टाइम मोबाइल में उन्होंने स्टार्ट किया लाइटवेट के ऊपर लाइटवेट मतलब कि ठीक है एक तो पीसी के ऊपर चल रहे टाइम 2010 के बाद आप कह सकते हो द टाइम इज ऑफ एई मशीन लर्निंग डिप लर्निंग जहां पर सॉफ्टवेयर के अंदर हम यूज करें कंसेप्ट ऑफ सेल्फ लर्निंग जहां पर वो खुद learn करने की कोशिश कर रहा है, like a human being, तो देखो ये जो है, evolution इस तरीके से चलता जा रहा है, अब इस evolution में one of the best thing क्या हुई है, that is the most of the softwares are now free, मतलब पहले वो propriety थे, company ने बनाये, उन्होंने अपने पास रखे, but now most of the softwares are free, जिस पे लोग काम कर सकते हैं, they can work on that particular thing, स software engineering का तो इसके उपर आपको आपके exams में college, university exams में even placement में भी थोड़े बहुत point जो है वो पूछे जा सकते हैं Thank you