अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी वापसी की चुनौतियाँ

Sep 30, 2024

अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी वापसी: चुनौतियाँ और तथ्य

मुख्य विचार

  • अंतरिक्ष मिशन की सफलता का पैमाना है अंतरिक्ष यात्रियों का सुरक्षित पृथ्वी लौटना।
  • पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के अंतिम चंद मिनट बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश की चुनौतियाँ

  • स्पीड का प्रभाव:

    • अंतरिक्ष यान की अत्यधिक गति, जो साउंड की स्पीड से 25 गुना अधिक होती है, सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण पहलू है।
    • हवा के अणुओं से टकराने पर अत्यधिक घर्षण और गर्मी उत्पन्न होती है।
    • इस घर्षण के कारण प्लाज्मा का निर्माण होता है।
  • एंट्री ऑफ एंगल:

    • सही एंगल पर नहीं होने पर स्पेसक्राफ्ट उछल सकता है या ब्लास्ट हो सकता है।
    • स्पीड को सही तरीके से नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है।

पुनः प्रवेश के दौरान तापमान और संरचना

  • स्पेसक्राफ्ट का बाहरी आवरण उच्च तापमान को सहने के लिए बना होता है।
  • तापमान बढ़ने से स्पेसक्राफ्ट का पृथ्वी से संपर्क टूट सकता है।

पैराशूट और लैंडिंग प्रक्रिया

  • बहुत हद तक स्पीड को घटाने के लिए पैराशूट का उपयोग।
  • स्पीड इतना कम करना कि वह धरती पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सके।

G-Force का प्रभाव

  • G-Force यानि gravitational force का प्रभाव अंतरिक्ष यात्रियों पर पड़ता है।
  • पृथ्वी पर वापस आते समय अंतरिक्ष यात्रियों पर 3G का G-Force लगता है।
  • 12G तक की G-Force इंसान सह सकता है, परंतु उससे अधिक जोखिमपूर्ण होता है।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • G-Force के दौरान आँखों की रोशनी कम हो सकती है और सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
  • बेहोशी या कोमा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

निष्कर्ष

  • पृथ्वी पर वापस लौटने का अंतिम 30 मिनट अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण होते हैं।
  • इस अवधि में मिशन की सफलता या विफलता का निर्णय होता है।

उपयोगिता

  • इस जानकारी ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बारे में अच्छा ज्ञान प्रदान किया।

यह विवरण अंतरिक्ष मिशन के दौरान आने वाली तकनीकी और भौतिक चुनौतियों पर प्रकाश डालता है।