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स्नेहा और देवता दोष की कहानी

Dec 5, 2024

देवता दोष की कहानी

कहानी का परिचय

  • यह कहानी उत्तराखंड की है, जो स्नेहा नामक लड़की की है।
  • स्नेहा की कहानी उसके परिवार के साथ चम्बा में घटी थी।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

  • स्नेहा के परिवार में स्नेहा, उसके माता-पिता और दो बड़े भाई थे।
  • स्नेहा की दादी जी भी उनके साथ कुछ दिन रहने आई थी।

घटना का विवरण

  • दादी जी की तबीयत थोड़ी खराब थी, लेकिन गम्भीर नहीं थी।
  • एक रात अचानक दादी जी की मृत्यु हो गई, जिससे पूरा परिवार स्तब्ध रह गया।
  • परिवार ने पंडित जी को बुलाया, जिन्होंने देवता दोष की पहचान की।
  • पंडित जी ने बताया कि दादी जी के बाद ताऊ जी और फिर स्नेहा के बड़े भाई पर खतरा था।

पृष्ठभूमि और इतिहास

  • परिवार का बैकग्राउंड शेडी था, जैसे कि दादा जी की पहली पत्नी की यंग एज में मृत्यु हो गई थी।
  • परिवार की एक औरत ने काली विद्या (ब्लैक मैजिक) का इस्तेमाल कर जमीन को शापित किया था।

देवता दोष का समाधान

  • दोष से निजात पाने के लिए 15 दिन की पूजा का आयोजन किया गया।
  • पूजा के दौरान पशुओं की बलि दी गई और देवताओं को प्रसन्न करने का प्रयास किया गया।

पूजा के दौरान अनुभव

  • स्नेहा की मम्मी के अंदर देवता आते थे और वे अजीब व्यवहार करने लगती थीं।
  • पूजा के बाद, परिवार को तीन जगह खुदाई करने को कहा गया, जहां उन्हें कुछ चिह्नित वस्तुएं मिलीं।

परिणाम और वर्तमान स्थिति

  • पूजा के बाद स्थिति सुधरी और परिवार की समस्याएं कम हो गईं।
  • स्नेहा की मम्मी ने स्पिरिचुअलिटी के माध्यम से अपनी मानसिक स्थिति को सुधारा।
  • परिवार अब सामान्य जीवन जी रहा है, लेकिन देवता दोष की घटना का प्रभाव अब भी मन पर है।

कहानी का प्रभाव

  • यह कहानी देवता दोष और इसके संभावित परिणामों पर प्रकाश डालती है।
  • कहानी ने डर और स्पिरिचुअलिटी के बीच एक संबंध को भी दर्शाया है।

समापन

  • स्नेहा की कहानी एक अनोखी घटना है जो परिवार के जीवन को प्रभावित करती है।
  • यह कहानी भूत-प्रेत के बजाय देवता दोष पर केंद्रित होने के कारण विशेष है।

ध्यान दें: यह कहानी स्नेहा द्वारा साझा की गई है और यह उनके व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है।