आज की स्टोरी है वो काफी अलग है बाकी स्टोरी से इसमें पहली बार देव का यूज़ किया गया है कि वो हवन में गया हवन से दूआ आया अपने अंदर इन्हेल कर रही थी वो आती है और एक जगा बैठ जाती है और फिर जितने भी फैमिली मेंबर उस रूम में होते हैं उन सब को बोलते है हे गाइस एमवास सब तो क्या हाल चाल है आप सबके आई हूप कि जैसे भी हो बहुत सही हो तो गाइस आज की जो स्टोरी है वो हमसे शेयर करिया सनेहा ने तो थेंक यू सो मच सनेहा फॉर शेयरिंग वो स्टोरी विद अस आज की जो स्टोरी है वो काफी अलग है बाकी स्टोरी से वो एक उत्राकंड की कहानी है और अगर आप भी पहाड़ी इलाके में रहते हो हिमाचल उत्राकंड तो ये स्टोरी से आप रिलेट कर सकते हो और अगर नहीं भी रहत अगर आप पहाड़ी इलाके से नहीं हो और अगर familiar नहीं हो इन सब चीजों से तो देव सिरफ देवता नहीं होते बलकि और भी चीजों को देव बोला जाता है उनको use किया जाता है अलग-अलग टाइप से और उन्हें किस टाइप से use किया जाता है वो हम इस टोरी में सुनने यह जो स्टोरी है, यह स्नेहा की पूरी फैमिली के साथ हुआ था स्नेहा की फैमिली, जो की तेरी गड़वाल में चम्बा से बिलॉंग करती है अभी स्नेहा कॉलेज में है, बट यह स्टोरी तब के है जब वो फिफ्ट क्लास में हुआ करती थी सो स्नेहा की फैमिली में, स्नेहा, स्नेहा के पापा, स्नेहा की मॉम और स्नेहा के दो बड़े भाई रहते थे यह सारी फैमिली चम्बा में एक घर में रहती थी, रेंट पर सो एक दिन की बात है, जब इनके घर में इनकी दादी जी आ जाती है तो दादी जी गाउन से आई होती है और ये चम्बा में ही रुक जाती है उस रात को इनके साथ क्योंकि उनकी थोड़ी तबियत खराब होती है तो वैसे ही डॉक्टर से दवाई भी लेती है और आ जाती है अच्छा जो स्नेहा के दादा जी है उन्होंने दो शादियां करी थी जो उनकी फर्स्ट वाइफ थी जो मतलब उनकी फर्स्ट दादी जी थी वो काफी यंग एज में उनकी डेथ हो गी थी जिसकी वज़ से फिर उन्होंने सेकिन्ड मैरिज करी थी और अब जो ये है ये सेकि उनकी उस दिन तबियत जादा नहीं थोड़ी सी खराब थी मतलब वो वहाँ से यहां तक अकेले आ गई है इतनी तबियत थी उनकी ठीक बटान थोड़ा सा उन्हें आफ फिल हो रहा था तो बस उन्हें दवाई ली थी और यह अब सिनेया के घर में रुकी हुई है तो अब आती रात होती है कि एकदम से दादी जी को ऐसा फिल होता है कि तूरा घर उठ जाता है यहां से जो इस ने डेड है वह ताउजी को कॉल करते हैं इस ने जो गांव में होते हैं उन्हें बताते हैं कि भाई ऐसा हो गया और चल्दी आओ ताउजी आ जाते हैं वहीं पर मतलब एक कर हिंटे में वह आ जाते हैं जैसे आते हैं अपने साथ एक राख दादी जी के माथे में लगती है बट एकदम से सनेया की मम्मी चिलाने लग जाती है एकदम से वो गुस्सा कर रही है चिला रही है किसी को समझ नहीं आता भाई ये क्या हो गया एकदम से ठीक है ऐसे ही डिसाइड होता है अब सब सोने लग जाते हैं तो स्नेहा की मम्मी एक बैड में सोते हैं जो दादी जी है वो ऊपर वाले बैड में ताउ जी और पापा जी दूसरे रूम में ठीक है तो अब सब सो जाते हैं दादी जी को उतने अच्छे से नीन नहीं आ तो सुबह जाती है सुबह के चार बच जाते फिर स्नया की मम्मी जी की नींद खुल जाती है जब वह उठती है तो खर्च देखती है तो दादी जी भी पूरी गहरी नींद में सोई होती है तो मतलब सब उठने लग जाते हैं धीरे-धीरे देखते हैं तो दादी जी अभी भी गहरी नींद में सोई है जो रात को एकदम छोटी-छोटी बातों अब चार से पांच बच जाते हैं सब लोग सोच रहे हैं कि ठीक है दादी जी को उठाया जाए क्योंकि गुरुजी के पास ले जाना है सब उठा रहे उठी नहीं रही बहुत मतलब ज्यादा ही गहरी नीन थी कुछ ठीक है अब सब बोलते हैं अ� अब ताऊ जी एकदम से बोलते हैं कि रुको सब रुक जाते हैं ताऊ जी पास में जाते हैं दादी जी के और थोड़ी देर ऐसे पास जाके देखते हैं वो और फिर एकदम वो एकदम मतलब सन रह गए हैं चुप हो गए हैं तो सब पूछते हैं कि क्या हो गया तब वो बतात एकदम से सुबा उठते हैं तो वो हमारे साथ नहीं है ये बहुत जादा शॉकिंग था खासकर सनेहा के लिए सनेहा सबसे चोटी लड़की थी पूरे घर में और उसके सामने दादी जी की ऐसी न्यूज़ आना हो गई थी वो इस बात से बहुत जादा ट्रॉमेटाइज हो ग सबके मन में बस एकी सवाल है कि कैसे दादी जी इतनी जादा मतलब बूडी भी नहीं थी वो अराउंड 55 से 60 years की थी कुछ बूडी नहीं थी फिक्ट थी काफी काम करती थी सारा गाय चराना ये सब करती थी कैसे इतनी कम उमर में उनके साथ ऐसा हो गया और इकदम अचानक से ह फिर कैसे एकदम से उनकी मौत हो गई? ये सबके दिल में ये सवाल चल रहा था और किसी के पास भी कोई आंसर था नहीं वैल अब किरिया करम की बारी आती है तो वहाँ पे पंडिजी बुलाया जाता है घर में वो जब आते है घर में कदम रखते है तो कुछ अलग सा महसूस करते है घर में वो अंदर आते हैं उन दोनों को पास बुला कर बोलते हैं कि इस घर में कुछ सही नहीं है सब कहते हैं कि क्या मतलब इस बात का वो बताते हैं कि इस घर में आपकी पूरी फैमिली तो यह पर किसी ने तो देवता लगाया हुआ है देवता दोश लगा हुआ है और दादी जी के बाद जो अगले नंबर है वो है ताऊ जी का और जो ताऊ जी के बाद नंबर है वो है सनेहा के एक बड़ा भाई है उसका यह सुनकर सब एकदम दंग रह जाते हैं इस फैमिली का बैकग्राउंड भी कुछ शेडी सा था मतलब की जो इससे पहले भी मौते हुई थी वो बड़ी खूफिया टाइप थी मतलब कुछ समझ नहीं आता था कि कैसे हो गई जो दादा जी की पहली बीवी थी जो आपको बताया था मैंने की फस जो दादा जी थी उनकी एकदम यंग एच में डेथ हो गई थी उनकी भी ऐसी हुई थी एकदम अलग ही तरीके से किसी को समझ नहीं आता कि ऐसा कैसे हो सकता है कि रात को एकदम सही है और सुबह उठके देख रहे हैं उनकी death हो गई है वेल जब पंडी जी ये बताते हैं तो सब एकदम हैरान हो जाते हैं और बोलते हैं कि फिर हमें क्या करना चाहिए ये सब सही हो जाए वेल जो पंडी जी होते हैं वो फिर इने नुसके बताते हैं और आपकी फैमिली के किसी एक औरत ने लगाया था तो सनेहा का बताना है कि इस पर कि हमारी जो प्रॉपर्टी थी मलाव इस प्रॉपर्टी थी उसके लिए कई सालों पहले जनरेशन पहले दो जनरेशन में लड़ाई हो गई थी तो यह भाई थे और उनके चोटे बच्चे तो उन सब में लड़ाई हो गई कि हमें चीज की और ऐसे करके जो एक औरत थी उसने इस लड़ाई में खुद को आग लगा दी थी तो सब समझ जाते हैं बैकग्राउंड भी और वह और थी भी थोड़ी सी मतलब ब्लैक मैजिक यह सब कर रहे हैं करती थी वो, perform करती थी, किसी ने कभी जाके directly कभी बोला नहीं, बट हाँ, सबको पता था, तो औरत भी कुछ इस टाइप भी थी, वेल पंडिजी बताते है कि दोश हटाने के लिए हमें पूजा करनी पड़ेगी, 15 दिन की ये पूजा होगी, और ये कोई simple पूजा नहीं थी, वो जिन देवता का दोश लगा था उनकी पूजा कराई गई बट जो मलब नीचे वाले मंजिल में जो देवता की पूजा कर रहे थे वो एक अलगी रूम था मलब वो घर से सेपरेट था घर के बाहर खर के अंदर कोई नहीं गया था, ये पूजा खर के अंदर नहीं करी थी, बस बाहर ही कराई थी, और इस पूजा में लड़कियां भी अलाउड नहीं थी, लड़कियां, औरतें, जो भी थी, वो सब नहीं थी, सिरफ वहाँ मर्दी बैठते थे, और वही ये पूरी पूजा क इस वज़े से उन्हें 15 दिन तक घर से बाहर जाना मना था एकदम स्ट्रिक्ट मना कि आप बाहर नहीं जाओगे आप रहोगे घर के अंदर ही आप जहां चाहते हो घर में ही घूमो लेकिन बाहर बिल्कुल मत जाना और पूजा के टाइम सारी औरते नहीं होती थी बट जो सनेहा की मम्मी थी उनको रखा जाता था वहाँ पर जब भी पूजा करते थे तो कहते हैं कि जो देवता जी थे वहाँ पे कुछ लोग थे जो धोल नगाडे वो सब थे वो बजाने लग जाते थे ताकि मतलब वो खुश हो जाएं और उन्हें ऐसा न लगे कि मेरा स्वागत नहीं कर रहा है ऐसा कुछ तो जैसे वो आते थे स्नेया की ममी के अंदर वो एकदम धोल बजाने लग जाते ये पांच जानवर लाये गए थे और सनेहा का बताना है कि ये worst part था क्यूंकि वो जानवर थे यार वो प्यारे थे और सनेहा को उन्हें देखके बहुत अजीब सा लग रहा था कि मतलब वो आज उन्हें देख रही है और कल उनकी बली दे दी जाएगी ये बहुत जादा अजीब बात थी सनेहा के लिए सनेहा चाहती थी कि ऐसा ना किया जाए बली नहीं दी जाए वो अपने पापा से भी बोलते है कि ऐसा बली क्यूं देनी हमें बिना बली के भी तो हो सकती है ना चीजे हमें किसी को खुश करने के लिए क्यों मारना है, बट एवेंचली ऐसे नहीं होता, एवेंचली सबकी बलियां दे दी जाती है, बल अब जो लास्ट डे होता है, उस दिन सनेहा के भाई के साथ काफी पेरनॉर्मल एक्सपीरियंस होते हैं, जैसे की जो सनेहा का भाई था, वो इन स� और पंडित जी ने भी कहा था कि आखिरी दिन में कोई अकेला नहीं रहना चाहिए सब मतलब किसी ना किसी के साथ रहनी चाहिए तो भाई को कॉल करके बताता है कि तो अगर वह अकेला तो एक काम कर अपने दोस्तों को बुला ले तो वह ऐसे हैं कि तभी जो उसका भाई है उसको अचानक से जो दूसरा रूम है उदर से दादी जी की आवाजें सुनाई देने लग जाती है जो जिस मतलब बैड में दादी जी लेटी थी और जिस बैड में उनकी डेथ हुई थी उस रूम से उस बैड से अब भाई को आवाजे सुनाई दे रही है दादी जी की दादी जी उसे बुला रही है बेटा यहां पर आजा देख मेरी तबियात ठीक नहीं है बेटा आजा जल्दी आजा ऐसे करकर के भाई बहुत चादा डर गया है भाई अपने दोस्त को बोल रहा है कि तुझे कुछ सुनाई दे रहा है क्या बोलता है नहीं मुझे तो कुछ ऐसा स अब वो जो आवाजे हैं वो पहले तो बहुत प्यार से बुला रही थी कि बेटा देख दादी जी बुला रही है दादी जी के पास आ जा बट जब भाई बिलकुल हिलता नहीं है कोई रिस्पॉंस नहीं आता तो गुस्से में बुलाने लग जाती है तो आएगा कि मैं आओ तो आ की नहीं रहा अभी आएगा ऐसे एकदम चिला के बोल रही है वो भाई उन आवाजों को सुनके बहुत चादा डर जाता है वो कॉल करता है अपने पापा को बताता है कि ऐसा हो रहा है पापा ज बचने की, बट तुम प्लीज हावी मत धोने देना खुद पे, तुम बस उस रूम में बै��े रहो, और इग्नोर करो, तुम येरफोन लगाओ, इग्नोर करो, जो भी हो सकता है, इग्नोर करो, आखे बंद कर दो अपनी, सुबा ही खोल दो आखे अपनी, भाई ऐसे करता है, सारी जितने भी लेडीज होती है उन्हें एक जगह बिठा दिया होता है मतलब इसमें शामिल नहीं किया गया होता है उन्हें अलग से बिठा दिया होता है और एक जो उनका छोटा भाई होता है वो बार इन्हें बता रहा होता है कि क्या चल रहा है अपडेट्स दे रहा ह अब जब देवता आते है ना तो वो बहुत जादा ऐसे बहुत जादा चिलाने लग जाती है और आवाज भी बड़ी मतलब सनेया की मम्मी की नहीं होती है वो आवाज वो किसी आदमी की होती है most probably जो देवता ची थे उनकी आव ठीक है नहीं वो काफी देर तक चलता है मतलब 20-30 मिनट तक तो चलता है ढोलना गाड़े यह सब चिलाना वो सब चलता है और फाइनली सब जानवरों को लाया जाता है उनकी बलियां दिया जाती है और उनको जो हवन होता है उसमें फैक दिया जाता है जब उसमें फैक दिया है तो जो सनेहा की मम्मी के एक्सप्रेशन से बहुत खुशी वाले हो जाते है वो बहुत खुश हो जाती है और वैसे पास में जाती है और जो हवन से ऐसे धुआ नहीं उठ रहा होता वो धुआ उठता है क्योंकि उसम वो हवन में गए हवन से दूआ आया और वो धूआ अपने अंदर इन्हेल कर रही थी और ऐसे वो आती है और एक जगा बैठ जाती है और फिर जितने भी फैमिली मेंबर उस रूम में उते हो उन सब को बुलते हैं कि यह ऐसे दूआ के पास एकदम जाके है कि जैसे कि मतलब वह ऐसा लग रहा था कि वह इंडियरेक्ट तरीके से उन्हें खा रही है कि वह हवन जाये हमने से दूआ आया वह पूरा अपने अंदर इन्हेल कर रही थी वेल जब ये सब हो जाता है, जब पूरा हवन, मतलब धूआ खतम हो जाता है, जो जितने में जानों रहते हैं, पूरे जल चुके होते हैं, सब कुछ खतम हो जाता है, तब वो आती है और एक जगा बैठ जाती है, और फिर जितने भी family member उस room में होते हैं, उन सब को बोलते हैं कि त वो सारे घरवालों को बोलते हैं कि मैं तुम्हें तीन जगह बताऊंगा वहाँ पर खुदाई करो और वहाँ पर तुम्हें कुछ मिलेगा तो तीन जगह बताते हैं एक किचन होता है घर का एक बार जो मलब जस्ट घर के इदर पेड होता है उसके नीचे होता है और एक कि कुछ फूल कुछ हडियां और कुछ अजीब से ऐसे मतलब अब लगे कपड़े में ऐसे कुछ राख टाइप है और उसे कपड़े पास बांधिया गया ऐसे गोल सा बना दिया और वह रखी हुई थी वह सब लाते हैं और पंडिजी के पास दे देते हैं तब पंडिजी बताते है कि उस औरत ने यह चीजें इधर इसलिए रखी थी ताकि इस जमीन में मतलब देवता लग जाएं ताकि उसने इस पूरी जमीन को ऐसे कर्स कर दिया था और जब यहां पर घर बने थे स्नेहर की फैमिली ने जब पहली बार यहां घर बनाया अपना तब से ही उनके साथ सब कुछ बुरा होने लग गया था पूजा पूरी कर दी गई थी अब देवता दोस्ट जो था वो भी अब नह मतलब इस पूरी फैमिली में कुछ ना कुछ प्रॉब्लम्स हमेशा ही रहती थी बट धीरे वो सब भी अब खतम होने लग गई थी और सब अपनी लाइफ अच्छे से जी रहे थे अब सब खुश थे अपनी लाइफ में 2016 तक ऐसे ही होता है बट 2016 में सनेहा की ममी को एक कॉल आती है कॉल आती है गाउन से ताउजी वो बताते है की तो बता रहे थे कि काफी टाइम हो गया तो हम सोचे पूजा कर ली जाए, ऐसा नहीं ही पूरे 15 दिन की पूजा करनी है, ऐसा कुछ नहीं, बस एक आद दिन निकाल कर, फाइनल करके हम पूजा कर लेंगे ताकि सब कुछ सही रहे, जब मम्मी जी ये सुनती है तो मना कर देती वो लिटरली चिकन मटन सब खा रही थी मतलब उनकी बॉडी नहीं ले पा रही थी इतना और वो काफी ज़्यादा ट्रामे में चले गई थी इन सब चीजों के बाद जब सब कुछ सब कुछ सही हो गया सब जगह सारी प्रॉब्लम सही हो गई सब खुश थे सनेया की मम तो सिदा मना कर देती है वेल ऐसा होता है कॉल रखते हैं बात खतम दो दिन बाद जब सब family वाले वही होते हैं मतलब family वाले in the sense कि सनेया, सनेया के dad सनेया की मम्मी और सनेया के दो भाई तो सनेया की मम्मी बात निकालते हैं जैसे वो ऐसा बोलते हैं जो सनेया के dad है क्यों नहीं करेगी तुझे करना होगा तुझे करना होगा वो ऐसा बोल रहे हैं और एकदम चिला के बोल रहे हैं सब एकदम दंग रह जाते हैं क्योंकि सनेया के डाड का नेचर ऐसा बिल्कुल भी नहीं था इन फैक्ट आस तक सनेया के डाड ने तो चिलाये भी नहीं हमेशा हस के रेटे और वुबी बहुत सिर्फ सुनते ही ऐसा भी नहीं है कि कोई लड़ाई होगी कुछ भी नहीं नोंने बस नॉर्मली बताए कि मैंने उन्हें मना कर दिया क्योंकि फिजिकली मुझे बहुत ज़्यादा नुकसान होता है और मेंटली भी इतना ही सुनते वो एकदम चिलाने लग गया है अज तो गए ठीक है सुबह होती है सब जाते हैं इस ने कि रेट को पूछते हैं कि आप कैसे हो ठीक हूं मैं क्यों क्या हुआ तो सब बताते हैं कि आपने कल ऐसा बोला उसने की मॉन्बी होती है तो बोलते हैं कि क्या हैं कि मुझे तो ऐसा कुछ याद भी नहीं ऐसा कुछ मैंने कब बोला और मैं ऐसा क्यों बोलूंगा मैं तो कभी बहुत है रान हो जाता है कि पापा को क्या हो गए पापा ऐसा क्यों बोल रहा है अब कल ही तो नहीं चिलाएं थे सब ठीक है यह बात को ज्यादा नहीं की से क्योंकि इस ने की मम्मी बोलते हैं कि इस बात को ज्यादा मत कीचो छोड़ दो और यह वह भगवान की पूजा करती थी बट यह सब देखने के बाद बहुत ज्यादा भगवान की मतलब पूजा करने लग गया रहा दिन में चार-चार पांच-पांच गंटे सिर्फ भगवान जी के पास बैठना उनका नाम लेना राम लिखना हर चीज तो बहुत ज्यादा इस प्रिचालिटी में चली गई थी एंड उसके बाद उन्होंने अपने मलाब कीर्तन-मीर्तन करना हर हर दिन कृतन होता है और स्नेहा की ममी ने गुरुजी भी बना लिया तो टाइम टू टाइम गुरुजी के पास जाती है वह अलग-अलग चीजें बताते हैं कभी इस मंदिर चले जाओ वहां पर यह चढ़ा कर आ जाओ कभी उस मंदिर चले जाओ वहां पर ऐसे चढ़ा कर आ जाओ तो करती रहती है तो जब से स्पिरिचुअलिटी में स्नेहा की ममी एक� एकदम ठीक हो गई है वाला पहले भी ठीक हो गई थी बट एकदम ऐसा हो गया था कि चुप रह दी थी एकदम ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाती थी किसी भी चीज में मालाब यह नहीं है कि बहुत दर्द हो जाये मेंटली कुछ बहुत ट्रामा लग गया है ऐसा नहीं वो character उनका बहुत change हो गया था उस incident के बाद, हमेशा चुप रहना, किसी चीज में कुछ interest नहीं दिखाना, जादा बात नहीं करनी, ये सब, बट जब से spirituality में उखुसी है, जब से फिर से उन्होंने भगवान जी के, मलब, जब से फिर से उन्होंने भगवान जी का हाथ पकड� कि वह देवता का दोष जो परफॉर्म नहीं कर रहा था बस उससे कुछ नुकसान ना हो जाए और जो एकदम से स्नेहा के डाट के अंदर एकदम से वह आ गए थे सबको पता है कि शायद हो ना हो कोई देवता ही आए थे कि वह स्नेहा के डाट तो नहीं थे एकदम उन्हें चिलाया था ऐसा है एकदम एग्रेसिव होकर ऑल दो यह बात 2016 को हुई थी अब तो 2014 भी हो चुका है फिर भी एक हल्का सा डर तो कहीं ना कहीं सबके अंदर रहता है तो गाइस यह थी स्नेहा की स्टोरी जो उन्होंने हमसे शेयर कर दिया और ये मेरे चैनल में भी फस्ट टाइम है, मैं फस्ट टाइम ही जिकर कर रहा हूँ, पहली बारे का ऐसी स्टोरी ला रहा हूँ, जिसमें भूत उतनी बलकि देवता के दोश लगे वे थे, और इसके बारे में मैं और रिसर्च करूँगा, थैंक यू सोमस्निया फोर शेयरिं