🔬

प्रियोडिक टेबल की संरचना का अध्ययन

Oct 13, 2024

प्रियोडिक टेबल का अध्ययन

प्रारंभिक मॉडल

  • डूबरनीयर, न्यूलैंड, मेंडलीव: पहले मॉडल्स की चर्चा की गई। 18वीं शताब्दी में कई मॉडल बने, जो बाद में असफल रहे।
  • मेंडलीव: अंतिम सफल मॉडल, जो अणु के द्रव्यमान पर आधारित था।

हेनरी मॉस्ली का योगदान

  • X-ray प्रयोग: मॉस्ली ने X-ray के प्रयोग से अणु संख्या (Atomic Number) की अवधारणा दी।
  • अणु संख्या की पहचान: प्रत्येक तत्व की अपनी विशेष X-ray आवृत्ति होती है।
  • आधुनिक प्रियोडिक टेबल: इसे अणु संख्या के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है, न कि अणु द्रव्यमान के अनुसार।

आधुनिक प्रियोडिक कानून

  • आधुनिक प्रियोडिक कानून: तत्वों की भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म अणु संख्या के आवर्ती कार्य होते हैं।
  • आवर्ती गुणधर्म: जब तत्वों को अणु संख्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, तो समान गुणधर्म वाले तत्व निश्चित अंतराल पर पुनरावृत्त होते हैं।

लंबी अवधि की प्रियोडिक टेबल

  • लंबी अवधि की प्रियोडिक टेबल: 18 ऊर्ध्वाधर कॉलम और 7 पिरियड होते हैं।
  • उदाहरण: हाइड्रोजन, हीलियम, बेरिलियम, मैग्नीशियम आदि।

ब्लॉक्स का गठन

S ब्लॉक

  • S ब्लॉक तत्वों की पहचान: अंतिम इलेक्ट्रॉन S सबशेल में प्रवेश करता है।
  • विशेषताएँ: सभी मेटल्स होते हैं।

P ब्लॉक

  • P ब्लॉक तत्वों की पहचान: अंतिम इलेक्ट्रॉन P सबशेल में प्रवेश करता है।
  • विशेषताएँ: नॉन-मेटल्स भी शामिल हैं।

D ब्लॉक

  • D ब्लॉक तत्वों की पहचान: अंतिम इलेक्ट्रॉन D सबशेल में प्रवेश करता है।
  • विशेषताएँ: ट्रांजिशन तत्वों को शामिल करता है, जिनमें वैकेंट D-ऑर्बिटल होते हैं।

F ब्लॉक

  • F ब्लॉक तत्वों की पहचान: अंतिम इलेक्ट्रॉन F सबशेल में प्रवेश करता है।
  • विशेषताएँ: लैंथिनोइड्स और एक्टिनोइड्स शामिल हैं।

आवर्तीता (Periodicity)

  • आवर्तीता की परिभाषा: समान भौतिक और रासायनिक गुणों का निश्चित अंतराल पर पुनरावृत्ति।
  • आवर्तीता का कारण: समान इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन का होना।

डायगोनल संबंध

  • डायगोनल संबंध: कुछ तत्वों के बीच गुणधर्म समानता बायें से दायें।
  • कारण: चार्ज-टू-साइज अनुपात समान रहने के कारण।

ट्रांजिशन तत्व

  • परिभाषा: D ब्लॉक तत्व जिनके पास वैकेंट D-ऑर्बिटल होता है।
  • उदाहरण: ताम्र, लोहे, निकल, आदि।
  • गैर-ट्रांजिशन तत्व: जैसे जिंक, कैडमियम, जो पूरी तरह से भरे हुए D-ऑर्बिटल रखते हैं।

इन नोट्स को पढ़कर प्रियोडिक टेबल की संरचना और उसके तत्वों के बीच संबंधों को समझा जा सकता है।