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इलेक्ट्रिकल सर्किट के महत्वपूर्ण बिंदु

टोटल रियक्टेंस जो है पूरे सरकेट का उसको बिटा हम लोग बोलते हैं impedance of the circuit अगर मैं capacitor यूज़ किया है तो capacitor current के लिए जितना opposition create कर रहा है उसको हम लोग बोलते हैं capacitive reactance अगर हम लोग purely resistive circuit की बात करते हैं तो वहाँ पर EMF और current दोनों same phase में होते हैं जैसे जैसे alternating current की frequency बढ़ती जाएगी इसका reactance बढ़ता चला जाएगा और इसी formula से एक चीज देखो जाएगा, peak current क्या होता है, EMF बटे resistance of the whole circuit, current का amplitude maximum हो जाए, तो उस condition को resonance का जाता है, फिर आया wattless current क्या होता है, कोई भी ऐसा circuit जहाँ पर current तो flow हो रहा हो, लेकिन power loss ना हो रहा हो. Hi everyone, NCERT Mind Waves series में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, मैं हूँ शैलेंद्र पांडे, आपका अपना physics educator, मेरे प्यारे बच्चो, हम लोग इसके पहले लगबग 6 chapters के Mind Waves lectures कर चुके हैं, यानि उमीद करता हूँ आपके दिमाग में 6 lectures का mind map बन गया होगा, अब हम लोग आज तयार हैं अपने chapter number 7, जो की बहुत interesting chapter है और बहुत confusing भी लगता है बहुत सारे बच्चों को, यानि की chapter का नाम है alternating current, इस chapter का mind map आज मैं आपके दिमाग में create करने वाला हूँ, तो आज के इस session में, आज के इस lecture में हम लोग सबसे पहले alternating current की properties पढ़ेंगे, average और RMS value के बारे में पढ़ेंगे, Series LCR Circuit जिससे एक question आपके Board Examination में 100% आएगा, इस Series LCR Circuit की भी हम लोग बात करेंगे, फिर AC Generator और Transformer की बात करेंगे, और Transformer से भी आप लोग के Board Exam में एक question 100% आपको मिलेगा, right? So आज का ये session long questions के point of view से बहुत important है, ये chapter आपका वैसे भी important होता है. और मैं आपको बता दूँ चाहे boards हो, चाहे jmains हो, चाहे neat हो, इस chapter के जो questions आते हैं, वो बहुत tough कहीं नहीं आते हैं, क्योंकि बहुत normal normal questions ही इससे बन सकते हैं, so आजएए बहुत ध्यान से इसको आप पढ़ियेगा, सबसे पहली बात यह हुई sir, alternating current क्या होता है, बेटा कोई So alternating current is the one which changes its magnitude continuously and in direction periodically. यानि एक definite time period में यह अपनी directions को भी change कर रहा होता है और यह अपने magnitude को भी change कर रहा होता है. इसकी जो maximum value है वो I0 के बराबर है और वो हम लोग कैसे निकालेंगे आइए उसका discussion करते हैं. सबसे पहले अगर हम लोग यहाँ पर देखें तो current का जो expression है that is something like I is equal to I0 sin omega t. और alternating voltage के अगर बात करें तो इसका जो magnitude है that is V0 sin omega t, यहाँ पर यह जो I0 है, इस I0 को हम लोग current amplitude बोलते हैं, this I0 is current amplitude, या इसको current का maximum value आप कह सकते हो, this is current amplitude, or we can write it peak value of the alternating current, right, तो यह हमारा I0 है, और I0 ओम स्लॉस है अगर मैं आपको सिखाऊं तो that is equal to maximum EMF divided by the resistance of the circuit, right? So it is E0 by R, या फिर यहाँ पर अगर मैंने V0 से represent कर रखा है तो हम भी यहाँ पर लिख सकते हैं, maximum voltage divided by the resistance of the circuit, right? तो यहाँ पर V0 क्या है सर? V0 है voltage amplitude या peak value of voltage, this is voltage amplitude और peak value of the voltage right, चलिए यहाँ पर एक graph भी आपको दिखाया गया है यह graph देख लो, alternating current का sinusoidal graph है, यानि sine wave के form में change हो रहा है, और यह जो alternating current आपका है, इसका देखो एक तरफ direction पर value है minus i0 और दूसरी तरफ value उसकी plus i0 है, यानि कि यह current minus i0 से plus i0 के बीच में change हो रहा होगा, जब current positive है हमारा तब एक certain direction में वो flow हो रहा है जब current negative है तो वो just opposite direction में flow हो रहा है अगर यहाँ पर मैं आपको याद दिलाओ यानि कि for one complete revolution अगर मैं यहाँ पर check कर लूँ एक पूरी cycle के लिए अगर मैं check कर लूँ बेटा तो एक पूरी cycle में average value जो है वो positive है क्योंकि आदे cycle में current positive है और remaining आदे cycle में current जो है वो negative है So average value of the alternating current for one complete cycle is always equal to 0. इसलिए हम लोग half cycle के लिए इसकी average value को बिटा define करते हैं. ठीक है किसी भी continuously changing quantity का average आकर कैसे निकाला जाता है? तो उसका तरीका होता है average कभी भी अगर आपको निकालना है continuously varying quantity का तो integration that quantity DT upon integration DT आप कर दीजे. ये formula होता है average value को निकालने का बिटा. किसी भी continuously varying quantity का average निकालना हो इस formula से आप बहुत easily निकाल सकते हो, that is integral IDT upon integral DT, अब यहाँ पर limit लगाएंगे, अगर हम पूरी cycle की बात कर रहे हैं तो 0 से लेकर capital T तक हो जाएगा time period, तो 0 से T, 0 से T, इसको आप solve करोगे value 0 आजाएगी, और अगर half cycle के लिए निकालना है बिटा, One complete cycle, its average value is 0, है ना? half cycle की बात कर ले तो half cycle के लिए इसकी जो average value आती है that is 2 upon pi times I0 और इसको solve करो तो 0.636 I0 आता है यानि कि इसको हम लोग लिख सकते हैं it is 63.6% of peak value of alternating current है ना peak current ऐसा मैं कह सकता हूँ ये 63.6% होता है मैक्सिमम value of alternating current का बिल्कुल इसी तरीके से voltage का भी average value निकाला जा सकता है, that is again for half cycle, 2 upon pi times maximum value, तो ये भी 0.636V0 के बराबर आ जाता है, 0.637 भी आप लिख सकते हैं, यानि 63.7% of the peak current या 63.7% of the peak voltage, ऐसा भी आप लोग लिख करके use कर सकते हो, इसके बाद बिटा, एक average और आता है, जिसका नाम है RMS तो बात यही सर जब एक पहले से हमने अवरेज निकाल लग खाए तो फिर आरेबेस का सर यूज क्या है देखो बेटा यह जो मीन वैल्यू होती है ठीक है मैं यहां पर बताओ यह जो आई मीन है यह आई मीन या एवरेज वैल्यू अप द करेंट जो है इसका रिलेशन है दिस चार्ज फ्लो हुआ है बिटा यह उससे रिलेटेड है ठीक है और यह जो आरेमेस वैल्यू हम लोग पढ़ रहे हैं यानि कि आई आरेमेस इस आई आरेमेस इस रिलेटेड विद इट इस रिलेटेड विद हीट जनरेटेड हीट जनरेटेड इट इस रिलेटेड विद हीट ज तो I RMS जो है उसको भी निकालने का तरीका मैं आपको सिखा रहो, मैंने I mean का आपको सिखाया है, तो I RMS भी मैं आपको सिखाऊंगा, देखो I RMS का मतलब है root mean square, तो पहले उल्टा करो, पहले आप square करो current का, ठीक है, फिर उसका mean निकालो, average, तो average निकालने का तरीका मैंने आप इसको हम लोग जैसे solve करते हैं, यह value निकल करके आती है, I0 upon under root 2 के बराबर, और simplify इसको कर लो, तो 0.707 I0 होता है, similarly VRMS जो है, that is V0 by root 2, that is again 0.707 V0, इसको हम लोग लिख सकते है, 70.7%, this is 70.7% of peak current, है ना? तो ये बात ध्यान रखेगा कि जो हम लोग average value निकालते हैं, मीन value जो हम लोग निकाला था, वो half cycle के लिए निकाला था, लेकिन RMS value जो हम लोग निकाला है, that is for full cycle, ध्यान रहे, ये जो RMS value हम लोग निकाला है, that is for full cycle, कहेंगे सर, ये full cycle में zero क्यों नहीं हुआ, क्योंकि बेट तो current का square भाई, square किसी भी चीज़ का करो, positive ही होता है, है ना, तो current के square का जब average value निकालोगे, तो कुछ ना कुछ value बेटा full cycle में निकल करके आएगी, और वो value होती है I0 by under root 2, यानि कि सीधा सीधा formula कर मैं आपको बता हूँ, तो I RMS होता है I0 by under root 2, और V RMS होता है V0 by under root 2, तो next ले बेटा phase difference क्या होता है, तो सबसे पहले phase difference और phaser की बात मैं आपसे करूँ, यहाँ पर concept start होता है मेरे प्यारे बच्चो, phaser का, फेजर एक तरीके का rotating vector होता है, ठीक है, फेजर के थूँ हम लोग current और voltage इन दोनों को check करते हैं, कि कौन आगे है, कौन पीछे है, कितना आगे है, कितना पीछे है, और exact values क्या है, तो फेजर एक तरीके का rotating vector है, तो EMF यहाँ पर जो है, या voltage यहाँ पर है, तो वी इस इकल टू वी नौट साइन ओमेगा टी, इस term में, यह जो expression लिखा बिटा, इसमें यह जो वी नौट होता है, यह इसका amplitude है, तो वी इसका maximum value है, राइट, और ये जो ओमेगा टी बिटा लिखा है, जो की एंगल वाला पार्ट है, वो बिसिकली फेज रिप्रेजेंट करता है, ठीक है, साइन के अंदर जो भी लिखा है, ओमेगा टी लिखा है, ओमेगा टी प्लस फाइ, ओमेगा टी माइनस फाइ, ये सब फेज को रिप्रेजेंट कर तो ये हमने एक arrow बनाया है, एक vector बनाया है, जिसका length जो है बिटा, वो V0 को represent करेगा, यानि amplitude को represent करेगा, और इसका जो angle है, that angle will be omega t, तो मेरे प्यारे बच्चों, ये angle omega t, ये ही हो गया आपका phaser, किसके लिए, आपके voltage के लिए, right, अब अगर यहाँ पर हम लोग बात करें, न तो इसका मतलब क्या हो गया, इसका मतलब यह हो गया कि सर करेंड का amplitude तो I0 है, जो की obvious है V0 से अलगी होगा, क्योंकि बिटा अगर मैं I0 की बात करूँ, तो I0 जो होता है, that is in general अगर मैं बात करूँ, तो that is V0 by R, यानि इस V0 में अगर resistance का आप device करोगे, तब करेंड आएगा, कि अगर ये omega t angle बना रहा है, तो current इससे थोड़ा और angle बनाएगा, current इससे थोड़ा जादा angle बनाएगा, और वो phi angle extra बना रहा है, और current का जो amplitude है, I0 वो इसकी length को represent करेगा, और इसकी जो length है, वो V0 से थोड़ी कमी होगी, तो ये रहा हमारा V0, यानि voltage का phasor diagram, ये रहा हमारा current का phasor diagram, जादा से जादा इसमें एक काम बस और किया जा सकता है, रखते हैं और सर्किल का सेंटर हम लोग रख सकते हैं यह देखो सर्किल का सेंटर हम यहां पर रख देंगे ठीक है इसके इंटरसेक्शन पॉइंट पर और इस सर्किल का जो रेडियस है वह रेडियस हम बिल्कुल हां यह देखो वह रेडियस हम लोग एक्सैक्टली जो है इसके बराबर कर सकते हैं लाइक दिस जैसे वी नॉट उसका एंप्लीट्यूड था बेटा जो कि समझ लो एक रोटेटिंग वेक्टर को रिप्रेजेंट करेगा जो वोल्टेज को रिप्रेजेंट करेगा जब वोल्टेज भाई यहां पर है इसका मतलब उसका फेज एंगल जीरो है वोल्टेज यहां पर है फेज एंगल उसका ओमेगा टी है यही कुछ समय के हो चुका है ओमेगा टी प्लस फाइल यहां पहुंचेगा वोल्टेज तो एंगल कितना हो चुका है टोटल 90 ऐसे-ऐसे है तो यह टू सेवेंटी यहां पहुंचेगा थ्री सिस्टी इस तरीके से बेटा लगातार एंग्ल चेंज होता रहेगा एंग्ल चेंज होता रहेगा तो वोल्टेज की वैल्यू भी लगातार चेंज होती रहेगी बिल्कुल इसी तरीके से एक सर्किल का हम लोग और बना सकते हैं और वह सर्किल हम लोग बनाने वाले हैं करेंट के लिए एक सर्किल हम लोग और बना सकते हैं एंड दैट इस फॉर द वैल्यू ऑफ करेंट तो आप यह देखो यह करेंट वाला सर्किल हो गया भाई ठीक है यह हमारा करेंट के लिए हम लोगे जो ने जो सर्किल बना दिया ठीक है अब यह जो अंदर वाला जो सर्किल है बेटा वो करेंट को रिप्रेजेंट कर रहा होगा कि करेंट यहां पर है तो अभी एंगल है ओमेगा टी प्लस फाइड यही करेंट यहां पहुचेगा तो ओमे� कितना आगे है, फाई एंगल से आगे है सर, तो करेंट आगे चल रहा है, वोल्टेज पीछे चल रहा है, क्योंकि वोल्टेज का एंगल कम है, करेंट का एंगल साधा है, तो इस तरीके से बेटा हम लोग चेक करते हैं, यही कॉनसेप्ट होता है, फेजर डाइग्राम का, फे� अब आज यह impedance की बात करते हैं, impedance का मतलब क्या होता है, पूरे circuit का, alternating current में जो circuit होता है, उस circuit का जो total resistance है, है न, total reactance जो है, पूरे circuit का, उसको बिटा हम लोग बोलते हैं, impedance of the circuit, so the opposition offered by the electric circuit to alternating current, है न, इसी को तो हम लोग बोलते हैं वहीया resistance, है न, opposition offered by the total circuit to, तो ऑल्टरनेटिंग करेंट इज नोनेज इंपीडेंस यानि कि जैसे अभी तक हम रजिस्टेंस समझते थे अब ऑल्टरनेटिंग करेंट वाले चैप्टर में उसका नाम इंपीडेंस होता है और इंपीडेंस का मतलब हो गया जब इसी कोल टू वी अपॉन वो Z से represent कर दिया जाता है, impedance से हम represent करते हैं, और यहां से आप लोग देख सकते हो कि जो Z हमारा है, that is voltage upon current, maximum voltage upon maximum current, या RMS voltage upon RMS current, देखो बिटा, इस chapter में RMS का बहुत important role है, generally, जब किसी numerical question में लिखा होता है न, कि बईया, यह कोई एक circuit है, जो 220 volt 50 hertz पर work कर रहा है, 220 volt और 50 hertz पर यह work कर रहा है, तो आप खुछ सोच लो ये voltage कौन सा voltage हो सकता है क्या ये instantaneous voltage हो सकता है क्या ये V हो सकता है नहीं हो सकता भाई it is not V क्यों क्यों क्यों कि यहाँ पर इस chapter में जो voltage है जो current है वो लगातार change हो रहा है तो ये तो एक constant value है अगर एक constant value है तो this must be RMS value तो आप लोगों को बिटा numerical question में जब कभी ऐसा बोला जा रहा है 220 volt 50 hertz तो इसका मदलब वो तुम्हें RMS value दे रहे है राइट, जब RMS value पता होती है, मेरे प्यारे बच्चो, तो maximum value भी हम निकाल सकते हैं, क्योंकि V RMS जो होता है, that is equal to V0 upon under root 2, तो अगर आपको RMS value पता है, तो यहां से हम maximum value निकाल लेंगे, that will be under root 2 times V RMS. राइट यह देखो ठीक है तो इस तरीके से हम एक्सवेल तक पहुंच सकते हैं तो मैक्सिमल वैल्यू का भी रेशियो हो सकता है आरेवेस का भी रेशियो हो सकता है इसको हम लोग जड़ बोलते हैं यही जड़ कलाता है इंपीडेंस और रियक्टेंस कैपेसिटर के लिए टर्म यूज होता है कैपेसिटिव रियक्टेंस यानि एक्सेल और एक्सी राइट यानि कि कोई भी इंडक्टर अगर मैंने सर्केट में यूज किया है इंडक्टर करेंड को जितना ऑपोजीशन क्रिएट कर रहा है उसको लोग बोलते हैं रियक्टेंस ऑफ डेट इंडक्टर और अगर मैं कैपेसिटर यूज किया तो कैपेसिटर करेंड के लिए जितना और xc की value होती है बईया 1 upon omega c, right, तो xl होता है omega l, xc होता है 1 upon omega c, और omega को अगर हम लोग यहाँ पर लिखें, तो omega हमारा 2 pi f के बराबर होता है, that is 2 pi f, right, या इसी को time period के terms में अगर मैं लिख दू, तो omega जो है, that is equal to 2 pi upon capital T, omega को हम लोग 2 pi upon capital T, ऐसा भी हम लोग लिख सकते हैं. So the opposition offered by the inductance and capacitance are both in any AC circuit is called reactance. So XC or XL term हम लोग use करते हैं बाई. Right. Opposition due to inductor alone, केवल inductor की विज़े से जो opposition है, उसको XL कहा जाता है, जिसका नाम है inductive reactance. और केवल capacitor की विज़े से जो होता है, उसका नाम XC है, जिसका नाम है capacitive reactance. इन दोनों का unit भी बिटा जो है, वो ओम ही होता है. Next है. purely resistive circuit, अब आजाओ हम लोग purely alternating current के circuits को हम लोग analyze करते हैं, purely resistive circuit कहने का मतलब यह है कि हम किसी ऐसे circuit की बात कर रहे हैं, जिसमें एक simple सा register लगा हुआ है, और एक alternating current का यह circuit है, right, alternating current के circuit में आपको हमेशा एक चीज़ पता होगी, वो है E is equal to E naught sine omega t, यानि कि EMF अपने को पता है, अपने को voltage पता है, V बराबर V naught sine omega t, देखो, E बराबर E0 sin omega T बोलो, या V बराबर V0 sin omega T बोलो, बात एक ही है, right है, यानि हम लोग voltage की बात कर रहे हैं, voltage अपने को पता है, यहाँ पे हमारा focus होता है, current कैसे मिलेगा, है न, तो बिटा, current को निकालना बहुत ही जादा आसान है, current जो है, वो EMF बड़े resistance होता है, according to Ohm's law, E0 sin omega T, divided by resistance, E0 by R जो है बिटा, वो I0 बन जाता है, तो यहाँ पर current की value आ जाएगी, I0 sin omega t यानि कि अगर हम लोग यहाँ पर चेक करें जरा, voltage है V0 या I0, sorry voltage आपका है E0 sin omega t या V0 sin omega t है ना, और current है I0 sin omega t अब आप खुद चेक कर लो, क्या दोनों का angle same है, अगर दोनों का angle same है बेटा, तो हम लोग दोनों same phase में होते हैं, यानि दोनों के लिए phase difference कितना है 0 के बराबर, और अगर phase difference 0 है तो उस पूरे सरकेट का जो impedance है वो R के बराबर होता है क्योंकि इस पूरे सरकेट में ना inductor है ना capacitor है सिर्फ resistor है तो resistor का जो resistance है वही इस पूरे सरकेट का impedance भी कहलाएगा तो यहाँ पर हम लोग देख सकते हैं I बराबर I0 sin omega T आ गया है और इस I0 की value को अगर मैं तुम्हें बता दूं तो that is E0 by Z और Z यहाँ पर R के बराबर है तो यह बिटा E0 by R बन जाएगा जो मैंने वहाँ पर आपको बताया था, यह हमारा phaser diagram है, phaser diagram simply show कर रहा है कि current और voltage दोनों same phase में है, दोनों के बीच में कोई angle नहीं है, या फिर यही phaser diagram आप ऐसे भी बना सकते हो, आप यह दिखा सकते हो, आप यह कह सकते हो कि sir यह रहा E0, इसका angle है sir omega t के बराबर, और यहीं है देखो दोनों straight line ही, एक ही line पर voltage और current दोनों को represent किया, मतलब phase difference बिटा, zero के बराबर होगा, next है purely inductive circuit, purely inductive circuit का मतलब ये रहा, कि इस circuit में एक inductor है, और एक alternating current का source है, inductor का self inductance L के बराबर है, और यहाँ पर फिर से अपने को emf या voltage given है, that is E0 sine omega T, कि सर voltage भले V0 sin omega T हो या E0 sin omega T हो बट यहाँ पर जो current निकल करके आता है that is I0 sin omega T minus pi by 2 इसका मतलब बेटा ये हुआ कि current जो है वो pi by 2 पीछे है और EMF जो है या voltage जो है वो pi by 2 आगे है देखो अगर हम लोग purely resistive circuit की बात करते हैं तो वहाँ पर EMF और current दोनों same phase में होते हैं जबकि purely inductive circuit के case में कि करेंट 90 डिग्री पीछे होता है एमएफ के कंपरेजन में यानि कि यह में आगे होगा और करेंट हमारा 90 डिग्री पीछे होगा फेजर डाइग्राम एक तरीका तो देखो यह है कि यहां पर करेंट दिखाया है है ना तो अब हमने एमएफ को 90 डिग्री आगे दिखा दिया यानि बोल्टेज 90 डि नहीं है ना देखो यहां पर करेंट दिखाया करेंट से 90 डिग्री आगे हमने दिखा दिया वोल्टेज को तो या तो यह कहो कि करेंट 90 डिग्री पीछे है या तो यह कहो कि वोल्टेज 90 डिग्री आगे है तो बात देखिए तो इस तरीके बना सकते हो और दूसरा तरीका इसको बनाने का मैं आपको और बता दूं तो सेकंड मेथड इसको बनाने का ऐसा है कि अगर मैं यहां पर EMF को दिखाऊं तो EMF का एंगल बेटा मैंने उमेगा टी वान रखा है चेक करो उमेगा टी वान रखा है तो करे तो current बेटा यहाँ कहीं पर हो जाएगा, this will be I0, और ये angle कितना हो गया भाई साथ, this angle is 90, तो ये देखो साफ साफ दिख रहा है कि भाई या EMF आगे है, और current उससे 90 degree पीछे है, तो ये भी तरीका है, ये भी तरीका है, ठीक है, इस तरीके के circuit ने current को जो भी opposition offer किया है, उसी को हम inductive reactance बोलते हैं, जो कि XL के बराबर है, XL आपका omega L के बराबर है, omega 2 pi F होता है, तो इसी को 2 pi FL, ऐसा भी हम लोग कह सकते हैं, यहाँ पर ध्यान से देखने वाली बात यह है मेरे प्यारे बच्चों, जैसे जैसे alternating current की frequency बढ़ती जाएगी, इसका reactance बढ़ता चला जाएगा, right है, यानि कि अगर मैं यहाँ पर एक graph बना दू, यह graph मैंने frequency और excel के बीच का बनाया है, तो देखो यह graph एक straight line graph passing through origin होगा, क्य बढ़ता चला जाएगा यानि कि ऑल्टरनेटिंग करेंट के लिए एक्सेल प्रोपोर्शनल टू फ्रीक्वेंसी है लेकिन डायरेक्ट करेंट कि अगर मैं बात करूं तो डायरेक्ट करेंट की फ्रीक्वेंसी बेटा कितनी होती है जीरो के बढ़ाबर ठीक है डीसी प्रोपोर्शनल की फ्रीक्वेंसी जीरो है इसलिए डीसी के लिए एक्सेल की वैल्यू भी जीरो होती है ठीक है फॉर डीसी और डीसी विकेट राइट फ्रीक्वेंसी जीरो सो डीसी के लिए बेटा एक्सेल की वैल्यू भी जीरो होती है यानि कि कभी भी इंडक्ट 70 को डायरेक्ट करेंट के सोर्स यानि सेल के साथ अगर जोड़ दिया जाएगा तो कोई रिएक्टेंस वहां पर वह ऑफर नहीं करेगा अब यहां पर एक ग्राफ के थ्रू देखो आपको समझाने की कोशिश किया जा रहा है सबसे पहला ग्राफ देखो 90 डिग्री पीछे करेंट 90 डिग्री पीछे यानि जिस जगह पर वोल्टेज अभी है करेंट वहां पर 90 डिग्री बाद आएगा करेंट पीछे है तो देखो वोल्टेज मैक्सिमम यहां पर है तो करेंट मैक्सिमम देखो 90 डिग्री आगे हुआ है वोल्टेज जब जीरो है तो करेंट उस समय पर देखो निगेटिव है करेंट उस समय निगेटिव है तो दोनों में डिफरेंस कितने का हो गया पाई बाई simple graph है, graph में कोई दही चीज नहीं है, बस ये show किया गया है कि ये जो graph है, current का जो value है, वो 90 degree पीछे चलना है, जिस जगह पर voltage अभी पहुंचेगा, उसी जगह पर current 90 degree के बाद में पहुंचेगा, तो ये होता है, next है purely capacitive circuit, तो यहाँ पर भी same खेल है, यानि कि यहाँ पर एक capacitor है, और उस capacitor को हमने alternating current के source के साथ जोड़ दिया है, इस current source के लिए फिर से हमारे पास, E बराबर E0 sin omega T है या फिर V बराबर V0 sin omega T है और इस पूरे सरकिट ने जो opposition किया है current का उसको हम xc से denote करते हैं xc का मतलब 1 upon omega C होता है और xc की value जो है वो 1 upon 2 pi f c के बराबर भी होता है यानि कि xc यहाँ पर जो है that is inversely proportional to frequency जैसे जैसे alternating current की frequency बढ़ेगी वैसे वैसे capacitive reactance जो है वो लगातार घटता चला जाएगा तो यहाँ पर देख लो जैसे जैसे frequency बढ़ रही है, पहले इस वाले graph को देखो, जैसे जैसे frequency बढ़ रही है, xc की value बढ़ा लगातार घटती चली जा रही है, तो यहाँ पर अपने को साफ पता है, xc is inversely proportional to frequency, अब आप बात करो किसी direct current की, अगर मैं direct current के लिए बात करता हूँ, तो बात करो DC के लिए, for DC, direct current की मैं बात करूँ, तो frequency 0 है, अगर frequency 0 है, तो उसके लिए react... रियक्टेंस बोलो इनफानाइट हो गया है यानि कैपेसिटिव रियक्टेंस विल बी इनफानाइट इन द केस ऑफ डायरेक्ट करेंट यानि कि अगर यहीं पर तुमने एसी की जगह डीसी सोर्स जोड़ा होता यहीं पर आपने एक सेल बैटरी जोड़ी होती तो देखो voltage जो है वो V0 sin omega T है और current जो इसके लिए है बिटा वो I0 sin omega T plus pi by 2 है यानि कि इस बार आगे कौन है मेरे प्यारे बच्चो current आगे है voltage से phaser diagram को आप ऐसे भी बना सकते हो कि यहाँ पर आप दिखा सकते थे E0 या फिर मैं V0 लिख रहा हूँ, ठीक है, और V0 का एंगल था बेटा, उमेगा T के बराबर, तो करेंट इससे 90 डिग्री आ गए है, करेंट यहाँ कहीं पर है, और यह एंगल हमारा 90 डिग्री है, तो रटने वाली बात अब क्या आ गए, फिजिक्स में देखो, पहले चैप्ट तो ध्यान लगेगा, phase difference अभी भी 90 के बराबर है, लेकिन इस बार current आगे है, है ना, तो current को मैंने आगे दिखाया है, तो अब ज़राँ check करो, voltage देखो पीछे है, नीचे की तरफ दिखाया है, और voltage से 90 degree आगे मैं किसको दिखा रहा हूँ, current को, कि जिस जगह पर current, जिस जगह पर current, check कर लो, ये voltage का graph है, भाई V0 sin omega T, कि करेंट आगे चला जब वोल्टेज जीरो है तब करेंट मैक्सिमम वेल्यू पर है वोल्टेज मैक्सिमम होगा पाई बाई टू एंगल के बाद और करेंट पहले से मैक्सिमम है तो इस वर्ड आगे कौन चला बेटा करेंट आगे चला वोल्टेज पीछे चलना है इस वर्ड करेंट को फॉलो कर रहा होगा यह वोल्टेज तो करेंट आगे चलेगा वोल्टेज पीछे चलेगा इस तरीके से यह ग्राफ जो है यहां पर शो किया गया अ अब most important slide आ गई है, that is LCR circuit, इससे आपके board exam में 100% question आएगा, LCR circuit में एक inductor होगा, एक resistor होगा, एक capacitor होगा, और उसको हम लोगों ने एक alternating current के source से जोड़ रखा है, ठीक है, इसका बिड़ा सबसे पहले phaser diagram हम लोग बनाते हैं, आज़ो मैं आपको पहले phaser diagram में बनाना सिखा देत रजिस्टर के केस में प्यारे बच्चों अगर मैं लिखूं यानि की ER अगर मैं आपको दिखाऊं तो ER और करेंट बोलो दोनों सेम फेज में होते हैं रजिस्टर के लिए EMF और करेंट दोनों सेम फेज में होते हैं इंडक्टर के केस में EMF आगे होता है करेंट तो यहाँ पर है लेकिन इंडक्टर का EMF है EL वो 90 डिग्री आगे होता है करेंट से और कैपसिटर के केस में EMF है वो पीछे होता है तो let us suppose EC को मैंने 90 degree पीछे दिखा दिया है, as shown in this figure, right, अब ध्यान देने वाली बात यह है, कि यह जो EL और EC है, दोनों just opposite है, क्योंकि current से 90 degree आगे होता है, EMF of inductor, और current से 90 degree पीछे होता है, EMF of capacitor, right, क्योंकि just opposite है, that is EL-EC, इस EL-EC और इस ER का resultant होता है, given EMF यानि circuit में जो आपको EMF given था, यहाँ पर यह जो EMF given है, जिसको V0 या E0 में लिख रहा हूँ, right मेरी आदित है, मैं E0 लिखता हूँ बार बार तो एक ही चीज़ है, चाहे बिटा V0 लिखो, E0 लिखो, ER लिखो, VR लिखो EL-EC लिखो या VL-VC नहीं है, right, तो E0 क्या हो गया जो circuit में हमें जो given था, E बराबर E0 sin omega T तो maximum EMF कितना था E0 के बराबर, right, तो ये रहा हमारा maximum EMF, अब आप साफ देख लो, EMF आगे है या current आगे है, तो आप खुदी कहोगे सर, EMF आगे चल ला है, current पीछे चल ला है, कितना पीछे चल ला है, phi angle, तो आजाओ current की value लिखते है, current की value होती है I0 sin omega t minus phi, right, EMF की value कितनी है EMF की value बेटा यह है और current हमारा जो है वो I0 sin omega T-5 के बराबर है अगर आपको इस 5 की value निकालनी है तो आप यहाँ पर सीधे सीधे tan 5 apply कर लो tan 5 क्या होता है perpendicular upon base तो perpendicular बेटा कौन है EL-EC perpendicular कौन है बईया EL-EC और base कौन है that is ER है ना तो मेरे प्यारे बच्चो tan 5 जो हमारा बन जाएग EL का मतलब I0XL, EC का मतलब I0XC, और ER का मतलब है I0R, I0 कॉमन लेके उड़ा दो, तो tan phi की value तुमारी निकलाएगी, that is XL-XC divided by R, तो किसी भी LCR सरकिट के लिए tan phi, यानि phase difference निकल करके आ गया है, phi is equal to tan inverse XL-XC बटे R, ये XL-XC बटे R तब है जब XL बड़ा था, यानि EL बड़ा इस डाइग्राम में हमने ये मान रखा है कि EL बड़ा है, अगर EL बड़ा ना होता, EC बड़ा होता है, तो बेटा यही चीन नीचे आती, ये पूरा नीचे बड़ड जाता, तब यहां XC-XL बड़े R ह ठीक है, I hope आप बात समझ रहे होंगे, दूसरी बात, अगर आपको ये, आपको ये I0 निकालना है, है ना, तो I0 निकालने के लिए तरीका मैं आपको सिखा रहा हूँ, I0 निकालने का तरीका ये है, जरा सोचो ये E0 क्या है, ये E0, इस EL-EC और इस ER का बेटा resultant है, है ना, तो और ये रहा हमारा E0 है, है ना, यानि कि, पाइथा गोरस थिरम ही अगर मैं यहां लगा दू, सीधे सीधे पाइथा गोरस मैं लगा दू, तो ये रहा ER, और ये रहा EL-EC, तो ज़रा चेक कर लो, पाइथा गोरस अगर सीधे सीधे लगा दे, E0 square बराबर, ये जो लिखा हुआ है, इसको हम लिख सकते है, I0XL-I0XC का whole square, plus I0R का whole square, पूरी equation में से, आप I0 square को common कर लो, जैसे common करोगे, बनेगा xl-xc का whole square, plus ये बन जाएगा r square, right? That is equal to e0 square. यहां से, मेरे प्यारे बच्चों, हम लोग i0 निकाल सकते हैं, मैं यहां लिख रहा हूँ, जगए नहीं हैं. तो i0 को हम लोग लिख सकते हैं, e0 divided by, बहुत ध्यान से देखना, बेटा, under root ले लिया मैंने, xl-xc का whole square, plus r square. ये peak current का formula बेटा निकलाया. और इसी formula से एक चीज़ देखो ज़रा, peak current क्या होता है, EMF बटे resistance of the whole circuit, पूरे circuit का जो resistance है, वही तो impedance कहलाता है यहाँ पर, यानि कि E0 बटे जो भी लिखा हुआ है, division में जो कुछ भी है, current के expression में, division में जो कुछ भी है, यही हमारा impedance है, तो इस पूरे circuit का बिटा impedance भी निकल क square, तो फड़ा फड़ इस तरीके से मेरे प्यारे बच्चों हम लोग impedance को यहाँ पर निकाल सकते हैं ठीक है भाई, यही पर एक triangle और बनाया जा सकता है, जिसको impedance triangle कहते हैं, वो impedance triangle एक right angle triangle होता है, जिसका यह angle 5 होगा, यहाँ पर हमेशा resistance होगा, यहाँ पर z होगा, और यहाँ पर हम लोग लिखेंगे xl-xc, right एक simple सा right angle triangle बना लो भाईया यह वाला angle 90 होगा, इस angle को 5 बनाओ टैन फाइड परपेंडिकुलर अपन बेस होता है तो बेस में रखो आर और परपेंडिकुलर पर रखो एक्सल माइनस एक्सी और इन्ही का रिजल्टेंट होगा बेटा जेड चेक कर लो चेक कर लो पाइथागोरस से जेड स्क्वायर बराबर आर स्क्वायर प्लस एक्सल मा� यह xc minus xl का whole square एकी बात है, ठीक है, tan phi का formula भी आ गया, tan phi xl minus xc बड़े r होता है, ठीक है, और total voltage का formula भी आ गया है, that is under root vr square plus xl minus, plus vl minus vc का whole square, इस तरीके से, right है, एक बात और ध्यान रखना, कई बार इस पर question पूछा जाता है, कि भाई इसने मालो 20 volt ले लिया है, इसने मालो तो कई बार हमारे मन में आता है भाई DC source की तरह हम सोच लेते हैं कि 20V, 10V, 5V, तो सर आमसर हो गया 35V, गलत है, यह DC नहीं है बेटा, अगर यह DC होता तो 35V सही था, लेकिन यह AC है, alternating current है, यहाँ पर यह खेल नहीं चलता, यहाँ पर यह वाला खेल चलेगा, यह वाला 10-5 का whole square हम लोग कर रहे होंगे ये जब आप simplify करोगे मेरे प्यारे बच्चो तब आपको total voltage, net voltage आपको मिल जाएगा I hope आपको LCR circuit में help हुई होगी next एबिटर, resonant circuit resonant circuit का मतलब होता है कि जब उस alternating current circuit में flow होने वाला जो current है उसका amplitude maximum हो जाए current का amplitude maximum हो जाए तो उस condition को resonance का जाता है और resonance तभी possible है जब XL, XC के बराबर हो XL का XC के बराबर होना मतलब, Omega L का 1 upon Omega C के बराबर होना, तो यहां से Omega, यानि Angular Frequency of Resonance आ जाती है, इसी को Resonant Angular Frequency भी कहा जा सकता है, तो Omega R की value बेटा आ गई है, 1 upon Underroot LC के बराबर, क्योंकि Omega हमारा 2πi F के बराबर है, तो यहीं से Frequency of Resonance भी निकाली जा सकती है, that is 1 upon 2πi Underroot LC, Resonant Frequency पर जो Phase Difference है, कि सर्किट हमारा प्योर ली रजिस्टिव सर्किट की तरह बेहेव कर रहा होता है नेक्स्ट पेटा क्वालिटी फैक्टर का वालिटी फैक्टर का मतलब यह है कि जो रेजनेंस हो रहा है उस रेजनेंस की क्वालिटी क्या उसका शार तो क्वालिटी फैक्टर अब देखिए अब इस डिफाइंड एस द रेशियों अब द रेजोनेंट फ्रीक्वेंसी टू द एंग्यूट टू द फ्रीक्वेंसी पर रेजोनेंट कर देखो यह जो रेजोनेंट कर हमने बनाया है यह दो चीजों के बीच में बनाया है सबसे पहला हमने उसके बाद लगातार current का amplitude घटता चला जाता है जिस particular frequency पर current का amplitude maximum हो जाता है उस frequency को हम लोग क्या बोल लेते हैं वहीया resonant frequency है ना ये frequency हमारी resonant frequency हो गई है that is omega r जिस पर इसका जो amplitude है वो maximum है अब इसी के corresponding rms values मिलती हैं है ना यानि कि 0.707 i0 तो 0.707 i0 इससे तोड़ा कमी होगा और उसके corresponding एक यहाँ पर angular frequency मिलेगी और एक angular frequency यहाँ पर मिल जाएगी, this is omega 1 and this is omega 2 और यह जो यहाँ पर middle में है बेटा, यह resonant frequency है, this is omega r, रेजोनेंट frequency पर current का amplitude होता है पैरे बच्चों, वो हमारा maximum होता है, तो quality factor क्या है वाईया, quality factor हमारा जो है, that is omega r, यानि resonant angular frequency divided by omega 2 minus omega 1, which is equal to omega r L divided by r, ठीक है यह बात ध्यान रखेगा ओमेगा आर एल डिवाइडेड बाई आर या फिर इसी का एक फॉर्मला में तो मैं और बता रहा हूं डारेक्ट वन बाई आर अंडर रूट एल बाई सी अगर आपको एल सी और आर इन तीनों की वैल्यूस पता है तो क्वालिटी फैक्टर को तो quality factor हमारा increase हो जाता है ये भी objective question में आप से गुमा फिरा के पूछा जा सकता है कि quality factor को कैसे कैसे बढ़ाया या घटाया जा सकता है so clearly smaller the value of resistance resistance की value जितना कम होगा larger is the quality factor तो साफ साफ दिख रहा है बिया resistance हमारा denominator में जिसती कम value होगी quality factor उत्ता जादा होगा and sharper is the resonance hence the quality factor determines the nature of the sharpness of the resonance और इसका कोई भी unit बिटा नहीं होता है तो quality factor क्या है आपको ये पता होना चाहिए, ये formula जो basic हैं, वो formula आपको पता होनी चाहिए, इसी formula पर based आपसे सिदा सिदा question पूछा जाता है, अब बात याई कि सर अगर माल लो, ये जो graph बनाए, ये किसी एक certain resistance पर बनाए, ठीक है, सर अगर माल लो मैं resistance को बढ़ा दू क्या हो जितना कम resistance होगा, current का amplitude उतना ही ज़ादा होगा, ठीक है, यह वाला हमारा graph बनता है very high resistance पर कि जब resistance की value बहुत ज़ादा होगी, तब यह graph बनेगा, और यह वाला जो है, यह moderate resistance पर है, यानि इन दोनों के बीच में जब हम resistance लेते हैं, तब एक normal सा graph हमारा बन जाता है, यानि कि resonant frequency जो है, वो तो resistance पर dependent नहीं होती है, omega r की value जो है, मेरे प्यारे बच्चो, वो 1 upon under root LC के वराबर है, या resonant frequency 1 upon 2 pi under root LC के बारे है resonant frequency जो है वो कतई resistance पर depend नहीं करता है लिकिन resonance की condition पे current का जो amplitude है वो जरूर depend कर जाता है resistance की value पर चलो next है बिड़ा power dissipation in any alternating current circuit यानि AC circuit में power का formula बता रहे है तो पावर, average power का बिटा formula होता है, Vrms, Irms multiplied by cos phi, इसी cos phi को बिटा हम लोग power factor बोलते हैं, इस cos phi is termed as power factor, ठीक है, इसी को maximum terms के term में भी लिख सकते हैं हम लोग, 1 by 2 V0 I0 into cos phi के बराबर, अगर maximum power हो रहा है, तो वहाँ पर cos phi हमारा maximum होगा, 1 के बराबर होगा, purely resistive circuit की तरह behave कर रहा होता है cos 5 1 तबी होगा जब phase difference 0 होगा phase difference 0 बेटा या तो purely resistive circuit में होता है या तो फेज डिफरेंस 0 होता है जब हमारा सरकेट रेजोनेंस में होता है, तो अगर सरकेट रेजोनेंस में है, LCR सरकेट है, रेजोनेंस में है, तब फेज डिफरेंस 0 होगा, और ZR के बराबर होगा, तब वहाँ पे पावर फैक्टर मैक्सिमम हो जाएगा, पावर फैक्टर मिनिमम कब होता है, जब यही कॉस्ट फाई हमारा 0 के बराबर हो जाए, कॉस्ट फाई 0 तब हो सकता है, जब फेज डिफरेंस पाई बाई 2 या 90 डिग्री के बराबर हो, और ऐसा तब ही पॉसिबल है, जब या प्यूरली इंडक्टिव सरकेट हो वहाँ पर फेस डिफरेंस हमारा 90 के बाराबर होता है और पावर लॉस किसी भी सरकेटे में कितना होगा भीया I2R के बाराबर क्योंकि रजिस्टर जो होता है वो पावर का लॉस वहाँ पर करा रहा होता है फिर आया वाटलेस करेंट क्या होता है कोई भी ऐसा सरकेट जहाँ पर करेंट तो फ्लो हो रहा हो लेकिन पावर लॉस ना हो रहा हो ऐसा तब ही possible है देखो पावर का फॉर्मला क्या था ERMS IRMS INTO COS5 जब COS5 0 हो जाएगा तो पावर लॉस भी 0 हो जाएगा तो ऐसा करेंट जिसमें पावर लॉस ना हो रहा है, उसको वाटलेस करेंट हम लोग कहते हैं, क्योंकि वाट पावर का यूनिट है और लेस का मतलब आप समझ रहे हो, तो पावरलेस करेंट, पावरलेस करेंट फ्लो होता है हमेशा प्यूरली इंडक्टिव और प्यूरली कैपसिटिव सरके� और sin फाई निकालना बड़ा आसान है भाई, impedance triangle बनाना, यहाँ पर हमेशा क्या होता है, r, यहाँ पर हमेशा क्या होता है, z, और यहाँ पर change होता है, अगर purely हमारा inductive circuit है, यहाँ तो xl होगा, purely capacitive circuit है, यहाँ xc होगा, लेकिन sin फाई की जो value है बेटा, वो तुम निकाल सकते हो, अगर purely capacitive circuit है, तो खुद ही सोचो, purely capacitive circuit अगर है, तो केवल xc होगा, तो sin फाई कितना हो गया, xc वाई z, प्योरली inductive circuit है तो यहाँ पे excel होगा तो excel yz हो जाएगा, तो देखो वही चीज यहाँ पर बेटा लिखा हुआ है, तो कभी भी wattless component of current तुमसे पूछे तो IRMS sin phi निकालना, watt full component of current पूछे तो IRMS cos phi वहाँ पर आपको निकालना होता है, ध्यान रहे, यह चीज पर आपसे question पू� फिर आजाओ generator और transformer की बात कर लेते हैं, बही alternating current generator का मतलब यह है, कि magnetic field में अगर किसी coil को रखो और coil को घुमाओ, coil को जब आप घुमा रहे होते हो, तो coil से related जो magnetic flux है, वो flux लगातार change हो रहा होता है, ठीक है, एक coil के पूरे revolution में, जो current है, वो अपना direction दो बार change कर रहा होता है, तो वही पर alternating current generator का concept start होता है, तो alternating current generator जो है, वो electric, एक्ट्रो मैगनेटिक इंडक्शन के फेनोमेना पर वर्क करता है मेकैनिकल एनर्जी को एलेक्ट्रिकल एनर्जी में कंवर्ट करने की कोशिश करता है क्योंकि हम उसको घुमा रहे हैं तो वह मेकैनिकल एनर्जी है और वह तो यह यहां पर जनरेट होता है उस यह का फार्मुला है एनबीए ओमेगा और साइन ओमेगा टी, यहाँ पर n क्या है number of turns of the coil, b magnetic field है, a area of the coil है, omega angular frequency of the coil है, इसी n, b, a, omega को ही हम लोग एक नया नाम देते हैं, e0, और वो e0 कहलाता है peak value of the EMF, right, यहीं पर current निगाल सकते हो, अगर उस coil का resistance r है, तो यह बन जाएगा e बटे r, यानि कि e0, साइन, ओमेगा, टी, divided by r, तो यह चीज मैं पहले भी बता चुका हूँ, और current की value भी यहां से आ जाती है, that is i0, साइन, ओमेगा, कि टी के बराबर देख रहें एक पूरे रेवोल्यूशन में करेंट कितनी बार डिरेक्शन चेंज करता है दो बार तो अगर कभी कहा जाएगी भाईया फ्रेक्वेंसी हमारों फिफ्टी यह आपको बोलेंगे ऑल्टरनेटिंग करेंट है उसकी फ्रेक्वेंसी फिफ्टी हेर्ट्स बताओ करेंट ने कितनी बार डिरेक्शन चेंज किया सौ बार कितनी बार चेंज किया सौ बार राइट नेक्स्ट दो दरीगे से transformer काम करता है, एक है step up और एक है step down, जब वो voltage को बढ़ा रहा होता है, तो step up transformer, जब वो voltage को घटा रहा होता है, तो वो step down transformer की तरह behave करता है, transformer हमारा जो है, बेटा, वो mutual induction के principle पर based होता है, mutual induction मैं आपको पढ़ा चुका हूँ, पिछले वाले lecture में, है न, अब यहा primary में number of turns NP के बराबर है, secondary में number of turns जो है वो NS के बराबर है, यहाँ पर एक formula हमारे पास आता है, कि NS upon NP जो होता है, that is equal to ES upon EP, and which is equal to IP upon IS, ध्यान से समझिए गाए इस चीज़ को, इसी एक formula पर सारा खेल है, transformer के सारे numerical, इसी एक formula पर solve होते हैं, देखो NS upon NP क्या है, number of turns in the secondary coil upon number of turns in the primary तो वो step up करने का काम करता है voltage बढ़ाने का काम करता है output voltage बढ़ जाता है और अगर number of turns in secondary कम हो तो वो step down का काम करता है voltage घटाने का काम करता है VS वहाँ पर घट जाता है तो यह जो ratio है transformation ratio भी कहा जाता है ट्रांसफॉरमेशन रेशियो भी कहा जाता है नंबर ऑफ टर्न सेंडरी अपन नंबर ऑफ टर्न सेंड प्राइमरी दिस रेशियो इस नोन है ट्रांसफॉरमेशन रेशियो या फिर करेंट इन प्राइमरी अपन करेंट सेंडरी इस ऑल्सो नोन ऑन एनपी टाइम्स वीपी और आईएस हम लोग निकाल सकते हैं देट इस करेंट इन द सेंडरी कोईल देट एनपी तो यह फॉर्मला आप दिमाग में रखिएगा अगर कभी भी नंबर ऑफ टर्न सेकंड्री के ज्यादा है बेटा तो वह स्टेप अप है ठीक सेकंड्री का नंबर ऑफ टर्न सेकंड्री का नंबर ऑफ टर्न सेकंड्री का नंबर पी बराबर आई स्क्वायर आर या एच बराबर आई स्क्वायर आर टी होता है, तो वहाँ पर करेंट फ्लो होने की वज़े से कुछ ना कुछ हीट जनरेट होती है, तो हीट लॉस होता है, उसी हीट लॉस को हम कॉपर लॉस कहते हैं, तो यह ही ट्रॉस एक ही ट्रॉस हो रहा था कोईल में अराए वाइडिंग की वजह से और एक ही ट्रॉस हो रहा है अंदर जो आयरन लॉसेस है है ना सॉफ्ट आयरन कोर जो तुमने यूज किया उसमें भी ही टालाउस हो रहा होता है यह ही ट्रॉस एडी सेगंडरी से पास हो जाए लेकिन यह तो आइडियल केस है ऐसा हमेशा पॉसिबल नहीं है प्राइमरी का सारा फ्लक्स सेगंडरी से पास नहीं हो पाता है तो इस वजह से बेटा फ्लक्स लीकेज होता है और उसकी वजह से भी वहां पर सॉफ्ट आयरन कोर को वहां पर इंसर्ट कर रहे होते हैं किसी भी कोईल में तो होता क्या है बेटा वह जो सॉफ्ट आयरन कोर है वो भी हर एक साइकल में मैगनेटाइज होता है और डीमैगनेटाइज होता है तो उस iron core के magnetize और demagnetize होने में भी energy का loss होता है उस loss को हम लोग hysteresis loss कहते हैं इस loss को minimize कर सकते हैं by choosing silicon iron core pure iron की बजाएं अब silicon iron का core अगर आप use करोगे तो उसके लिए hysteresis loop जो है वो बहुत thin होता है और उस hysteresis graph का उस hysteresis loop का area जितना कम होता है hysteresis loss भी उतना ही कम हो जाता है next बिड़ा humming losses, humming losses का मतलब यह जब भी भी transformer working condition में होता है, कुछ ना कुछ वो voice वहाँ पर generate कर रहा होता है, noise generate कर रहा होता है, vibration की वज़े से कुछ ना कुछ humming sound create कर रहा होता है, तो sound के रूप में भी वहाँ पर energy का loss हो रहा होता है, तो यह energy का पाँचवा loss है, right, देखो हम लो आईपी अपॉन आईएस यह वाला फॉर्मला बेटा हम लोगों ने बनाया था कि जब हंड्रेड परसेंट इफिशियंसी हो यानि कि आईडियल ट्रांसफॉर्मर हो यानि कोई भी फ्लक्स लीकेज भाईया नहीं हो रहा है कोई भी एनर्जी का लॉस नहीं हो रहा है ठीक है जितना पावर इनपुट में दिया उतना पूरा का पूरा पावर अपने आउटपुट में ले तो अगर कोई भी real transformer हो, तो उसकी efficiency कभी भी 100% तो होई नहीं सकती है, तो आखिर में सर फिर efficiency कैसे निकालेंगे, efficiency को बेटा इस तरीके से, इस symbol eta से represent करते हैं, efficiency का मतलब हो गया, output power upon input power multiplied by 100, output secondary में मिलता है, input हम लोग primary में देते हैं बेटा, तो output power कितना हो गया, VSIS, ठीक है, input power कितना है, VPIP multiplied by 100, तो यहां से आपको efficiency मिल जाएगी, percentage में, राइट तो इफिशेंसी निकालने को भी पूछा जा सकता है किसी भी रियल ट्रांसफॉर्मर के केस में और बहुत-बहुत धन्यवाद यह था हमारा आज का सेशन पावरफुल सेशन है बहुत ही क्विकली मैंने एक चीज को आपको समराइज किया है एक चीज को समझाया है ठ तो पूरे week इसके regularly 10-10 question अगर आप करोगे तो हर एक chapter पे 60-70 question या 50-60 question आप बहुत अराम से लगा डालोगे और हर एक chapter में अगर आपने 50-60-60 question लगा रखे हैं तो boards के लिए आपका काम बिल्कुल चकाचक रहेगा बढ़िया रहेगा तो सभी लोग जीतोड मेनत करते रहें मिलते हैं अपने अगले lecture में किसी अगले chapter के साथ तब तक के लिए goodbye and take care