[संगीत] जहां पर हम हिस्ट्री को तू डी पॉइंट डिस्कस कर रहा है केवल वन लाइनर या जो पॉइंट एग्जाम में पूछे गए हैं पूरा सीरीज आप लोगों के लिए तैयार किया है इसके पहले कर वीडियो अपलोड हो चुके हैं ये पांचवा नंबर का वीडियो है जहां पर हम एंग्लो मराठा वार के ऊपर डिस्कशन करेंगे तो बेसिकली यहां पर तीन एंग्लो मराठा वार होती है जिनके ऊपर हमें डिस्कशन करना है फर्स्ट एंग्लो मराठा वार का जो समय है वो 1775 से लेकर 1782 तक का समय 1775 से 1782 का समय और फिर 20 साल के बाद अगली लड़ाई होना शुरू होती है 18003 से 18 05 और दें 18 17 से 18 ठीक है तो ये कुछ लड़ाइयां यहां पर होती है जिन्हें हम एंग्लो मराठा वार कहते हैं अब सबसे पहले दिमाग में आपको क्वेश्चन बन रहा होगा क्या मैडम ये जो आप टॉपिक पढ़ा रही हैं क्या ये एग्जाम के लिए इंपॉर्टेंट है या यहां से क्वेश्चन एग्जाम में पूछे गए हैं जो हमें इस टॉपिक को पढ़ना है तो मैं बोलूंगी बिल्कुल मैंने एनालिसिस किया पिछले पांच साल क्वेश्चन पेपर यहां पर गल की हमने देखें और वहां से कुछ क्वेश्चंस मैंने निकले हैं तो वह हम देख लेते हैं की कैसे क्वेश्चन एग्जाम में पूछे गए हैं तो आपको वीडियो के स्टार्टिंग में भी क्वेश्चन मिलेंगे वीडियो के और में भी क्वेश्चन मिलेंगे इसलिए वीडियो को लास्ट तक देखना है यहां पर जो इंपॉर्टेंट साइन हीन हैं इंपॉर्टेंट बैटल लड़ी गई हैं और उसे समय अकाउंट राजा था या फिर कौन गवर्नर था वो साड़ी बातें आप यहां पे पढ़ सकते हैं हालांकि गवर्नर के लिए मैं आपको बता चुकी हूं की मैंने एक अलग से सेपरेट सीरीज बनाई हुई है गवर्नर पे क्योंकि गवर्नर एग्जाम में क्वेश्चन अलग से पूछे जाते हैं की परमानेंट सेटलमेंट किसने शुरू किया सब्सिडी एलियंस कौन लेकर आया या फिर फर्स्ट एंग्लो मराठा वार के समय भारत का गवर्नर कौन था एट सिटेरा ऐसे क्वेश्चन आप लोग ने एग्जाम में देखिए भी होंगे तो उसके लिए एक सेपरेट सीरीज है उसे सीरीज में आपको हमारा जो पहले बंगाल का गवर्नर था फिर गवर्नर जनरल था गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया इसके अलावा विसरो ऑफ इंडिया बहुत सारे वीडियो वहां पे अलग से बना है एक-एक करके आप उन वीडियो को 1.5 जो आपकी स्पीड है उसपे सेट करके फटाफट से देख लीजिएगा हटा लीजिएगा ठीक से एटलिस्ट आपको पता होगी कौन सा टाइम है और चल रहा है और उनके समय पे कौन से इवेंट हो रहे हैं ठीक है सबसे पहले बात आज के यहां पे क्वेश्चंस देखते हैं तो देखिएगा ये क्वेश्चन आपको एसएससी गल में पूछा गया था डी फर्स्ट कंप्लीट सेंसेज टेकन इन इंडिया इसे इन डी एयर तो पहले जो जनगणना हुई थी भारत में कंप्लीट जनगणना जो हुई थी वो किसके समय हुई थी या कब हुई थी तो 1881 में हुई थी 1881 में हुई थी ठीक है ना पहले जनगणना जो है वो आपको पता है जो कंप्लीट जनगणना है वो कब हुई थी 1881 में हुई थी और फिर हर 10 साल बाद हमारे देश में जो है वो सेंसेज होने लगा जनगणना होने लगे मैंने आपको लॉर्ड रिपन के बड़े में भी बताया है और लॉर्ड मियो के बड़े में भी बताया है ये सारे वीडियो आपको वहां पर मिल जाएंगे ठीक है देखिए डायरेक्टली क्वेश्चन ऐसा बंता है अगला क्वेश्चन है इन विच ऑफ डी फॉलोइंग एयर वास डी सिटी ऑफ सालबाई साइन त्रुटि ऑफ सालबाई कब साइन की गई थी तो आपको पहले तो ये पता होना चाहिए की जब फर्स्ट एंग्लो मराठा वार और हुआ था जब फर्स्ट एंग्लो मराठा वार खत्म हुआ था तो उसका खत्म कैसे हुआ था वो वार ट्रीटी ऑफ सेल वाइस से हुआ था तो अगर आपको पहले नंबर का जो एंग्लो मराठा वार है उसका समय अगर आपको याद है मैंने बताया ना 1775 से 1782 ये बताया आपको स्टार्टिंग में ही पहले एंग्लो मराठा वार जो है वो 1775 से 1782 के बीच में हुआ था और पहले जो एंग्लो मराठा वार था उसका और कैसे हुआ तो ट्रीटी ऑफ सेल वाइस से हुआ सालबाई की संधि से तो सालबाई की संधि कब हुई होगी 1782 में हुई होगी तो साल भाई की संधि 1782 में हुई ठीक है अब अगला क्वेश्चन ऐसा भी बन सकता है की जब ये त्रुटि ऑफ सलवाई साइन हो रही थी या फिर पहले एंग्लो मराठा वार किसके समय हुआ था तो वारेन हेस्टिंग उसे समय जो हमारी गवर्नर थे ना उनका नाम था वारेन हेस्टिंग तो वारेन हेस्टिंग के समय पहले बैटल लाडा गया था ठीक है तो वारेन हेस्टिंग का सेपरेट वीडियो आप देख लेना तो ऐसे कोई भी क्वेश्चन यहां पे टूटी से रिलेटेड गवर्नर से रिलेटेड उसे समय राजा कौन था उससे रिलेटेड या वह कौन था उसे समय उससे रिलेटेड क्वेश्चन बन सकते हैं ठीक है ये किसी व्यक्ति का किसी बच्चे का ये रिजल्ट रहा होगा मतलब आंसर की रही होगी तो उसने ऑप्शन तू सिलेक्ट किया था लेकिन सही ऑप्शन क्या है ऑप्शन फोर है 1782 में ट्रीटी ऑफ सालबाई साइन की गई थी 769 कैसे हो ही नहीं सकता जब बटली शुरू हो रही है तो ट्राइसिटी कैसे साइन हो शक्ति है तो आपको एक थोड़ा सा भी सीक्वेंस अगर याद होगा ना तो आसानी से इन क्वेश्चंस के आंसर कर पाओगे क्लियर है तो आपको ये वाला जो टेबल है थोड़ा सा याद रखना है की पहले जो बैटल है वो 775 से 1782 और इसी में आपको हो रही है ट्रीटी ऑफ सालबाई आईटी इसी के बीच आपकी ट्रीटी ऑफ सालबाई 1782 में साइन हो रही है फिर अगला जो आपका बैटल हो रहा है वो 18003 से 1805 के बीच में हो रहा है और ये जेली का समय है सब्सिडियरी एलाइंस सहायक संधि याद आया मैंने आपको सिखाया है वेलेजली वाले लेक्चर में तो सहायक संधि या आपका सब्सिडियरी एलाइंस तो ये सेकंड नंबर का बैटल उसे समय हो रहा है हम इसको चर्चा करेंगे थर्ड बैटल जो है वो 18-17 से 18 के बीच में हो रहा है ठीक है तो यहां पर सेकंड नंबर का जो बैटल हम डिस्कस करेंगे तो हम भसीन के बड़े में चर्चा करेंगे 18 02 में त्रुटि ऑफ भसीन साइन होती है उसे पर हम चर्चा करेंगे और यहां पर ट्रीटी ऑफ पूना साइन होती है यहां पर साइन होती है तो मैंने आपको बता दिया ठीक है ये उसे समय की टूटी है जब बैटल शुरू हो रही है या फिर बैटल खत्म हो रही है जैसे की त्रुटि ऑफ सालबाई कब हो रही है जब बैटल खत्म हो रही है और ट्रीटी का भसीन का हो रही है जब बैटल शुरू हो रही है तो थोड़ा सा अटेंडेंस होकर पढ़िए और सीक्वेंस थोड़ा सा याद रखिए बाकी सर मुझमें पर छोड़ दीजिए मैं बहुत अच्छे से आपको ये तीनों बटर समझा देती हूं इतनी चीज क्लियर है तो क्वेश्चन भी आपको क्लियर हो चुके होंगे कैसे क्वेश्चन एग्जाम में बनते हैं अगला क्वेश्चन जैसे की पूछा गया था विच ऑफ डी फॉलोइंग पैर इस एसोसिएटेड विद डी टैक्सेशन सिस्टम ऑफ मराठाज तो मराठा कौन से टैक्सेशन सिस्टम को फॉलो करते थे तो आप लोगों ने सुना होगा की मराठा लोग जो थे वो चोर और सरदेशमुखी बसूला करते थे और बोलते थे की हम आपकी टेरिटरी को आपके गांव को प्रोटेस्ट करेंगे है ना आप अगर 14 और सरदेशमुखी देंगे तो चौथ और सरदेशमुखी टैक्सेशन सिस्टम था मराठस का तो ऑप्शन नंबर बी बिल्कुल करेक्ट हो जाएगा ठीक है इतनी चीज ऑप्शन नंबर सेकंड इस डी राइट आंसर तो आई थिंक ये सारे क्वेश्चन आपको स्क्रीनशॉट के फॉर्म में इसलिए लगा है मैंने हो सकता है फोंट साइज इससे बड़ा हो नहीं रहा था स्क्रीनशॉट इसलिए लगा है मैंने जिससे आपको पता चल सके की मेरे मनगढ़ंत कहानी नहीं है ऐसे क्वेश्चंस एग्जाम में बने हुए हैं इसलिए हम इस पर्टिकुलर टॉपिक को पढ़ रहे हैं ठीक है तो इसलिए मैं बोल रही हूं की क्वेश्चन पेपर मैं क्वेश्चन आपको पता चल चुके हैं तो आप लोग कॉपी पेन लेकर बैठिएगा जो इंपॉर्टेंट प्वाइंट्स आपको लगता हैं वो आप नोट डॉ करते जाइए अदर वाइस इसकी जो पीएफ होगी वो हमारे वेबसाइट पे तो मिल ही जाएगी और इसके पहले के जो कर वीडियो है नहीं देखें हैं तो उनको भी देख लो उसमें भी काफी इंपॉर्टेंट प्वाइंट्स मैंने वन लाइनर के फॉर्म में कर किया हैं और आप लोगों के सपोर्ट की बहुत जरूर है अगर आप लोग सपोर्ट करेंगे तो ही ये सीरीज कंटिन्यू र पाएगी इसलिए ज्यादा से ज्यादा फ्रेंड्स के बीच में शेर कीजिए जिनके एसएससी गल का पेपर है एमटीएस का पेपर है या फिर कोई स्टेट एग्जाम का पेपर है ठीक है तो स्टार्ट करते हैं अब सारे कहानी तो हमें ये कहानी ये यहां से नहीं देख रही इसको भूल जो इतना ऊपर का हिस्सा फिलहाल के लिए भूल जो हम इसको फिर कभी देखेंगे अभी फिलहाल हम यहां से शुरू कर सकते हैं बालाजी बाजीराव से आप लोगों को मैं अलग से एक वीडियो बनाऊंगी जहां पर मैं बैटल ऑफ पानीपत का फर्स्ट बटर सेकंड बैटल और थर्ड बैटल के ऊपर चर्चा करोगे फिलहाल हम आते हैं डायरेक्टली पानी पद के थर्ड बैटल के ऊपर हम सभी को पता है की पानीपत का थर्ड बैटल 7061 में होता है जिसमें मराठाओं की हर होती है और उसे समय जो पेशवा होते हैं वो बालाजी बाजीराव होते हैं ठीक है और ये हर इतनी खतरनाक होती है तो कुछ इतिहासकारों का कहना है की बालाजी बाजीराव इस हर को बर्दाश्त नहीं कर पाते की हम इतने बुरे तरीके से हर गए और कई सारे मराठा सरदारों की डेथ भी हो जाति है उनमें से एक उनके बेटे भी होते हैं विश्वास राव विश्वास राव जो उनके बेटे हैं उसकी उनकी भी डेथ हो जाति है वो भी शाहिद हो जाते हैं तो उसे पूरे सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाते और 6 महीने बाद पानीपत के बैटल के बाद थर्ड बैटल ऑफ पानीपत के बाद बालाजी बाजीराव की भी डेथ हो जाति है तो जब ऐसा कैसे बंता है तो क्या होता है समस्या आई है की अगला पेशवा कौन बनेगा क्योंकि बालाजी बाजीराव का निधन हो गया है अब अगला पेशवा कौन बनेगा तो पेशवा की अगर आप उम्मीदवार देखेंगे तो पेशवा के आपको दो उम्मीदवार यहां पर देखने को मिलेंगे कौन-कौन है वो दो उम्मीदवार दो कैंडिडेट कौन है जो अगले पेशवा बन सकते हैं तो पहले है बालाजी बाजीराव के बेटे इनके सॉन्ग जिनका नाम है माधवराव और दूसरे हैं इनके भाई इनके भाई भाई राघव बा या रघुराम राव रघुराम राव को ही आप राकु भावी बोलते हैं कई साड़ी बुक में राघोबा लिखा होगा तो राघोबा मतलब रघुराम राव ठीक है तो यहां पे बालाजी बाजीराव की डेथ के बाद दो कैंडिडेट है जो अगले पेशवा बन्ना चाहते हैं एक है माधवराव और एक है रघुराम राव ठीक है एक सन है और एक भाई है इतनी चीज क्लियर हो गई है आगे की कहानी थोड़ी डर में समझती हूं यहां पर देखिएगा माधव राव का एक भाई और है जिसका नाम है नारायण राव और नारायण राव का जो बेटा है वो है माधव नारायण राव ठीक है ये भी सीक्वेंस थोड़ा सा याद रखना अभी इसकी जरूर हमको पड़ेगी आई हम पिछले तो जैसे की मैंने कहा की थर्ड बैटल ऑफ पानीपत होता है थर्ड बैटल ऑफ पानीपत में बहुत बुरी तरीके से मराठाओं की हर होती है और उसमें उसके बाद यहां पर देखेंगे विश्वास राव जो की पेशवा बालाजी बाजीराव के बेटे हैं और उसके दो भाई हैं जिनका नाम है कृष्णा राव और सदस्य राव भाऊ ठीक है तो इनकी भी डेथ हो जाति है तो ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाते और 6 महीने बाद ही बैटल ऑफ पानीपत के पेशवा बाजीराव बालाजी राव का भी निधन हो जाता है तब दो कैंडिडेट होते हैं एक माधवराव होते हैं और एक रघुराज रघुनाथ राव होते हैं जिन्हें पेशवा बन्ना होता है ये कहानी मैंने आपको समझा चुकी है ठीक है इतनी चीज तो अब यहां पे देखिए तो अगला जो पेशवा बना दिया जाता है वो पेशवा बनाया जाता है पेशवा माधवराव को अगला पेशवा जो बालाजी राव के बेटे होते हैं पेशवा माधवरा उनको बना दिया जाता है और ये बात राघव आप को बिल्कुल पसंद नहीं आते की मेरे होते हुए एक 17 साल के लड़के को मंत्र 17 इयर्स के होते हैं जब उनको पेशवा बनाया जाता है एक 17 साल के लड़के को कैसे पेशवा बना दिया मेरे होते हुए तो ये बात राघोबा को बिल्कुल पसंद नहीं आई राघव्बा जो है वह षड्यंत्र करना शुरू कर देते की कैसे भी माधवराव को हटाए जाए और माधवराव जो होते हैं ना पेशवा बहुत ही योग बहुत ही होनहार बहुत ही इंटेलिजेंट और बहुत ही स्ट्रांग पेशवा होते हैं और जब पेशवा माधवराव बनते हैं ना तो उसके बाद जितना भी मराठा अंपायर को जितना भी लॉस हुआ था ना पानीपत के बैटल में तो लगभग 10 सालों में वो पूरा का पूरा रिकवर कर लेते हैं वापस से जो मराठा अंपायर होता है वो बहुत स्ट्रांग हो जाता है और मराठा अंपायर के जो भी के होते हैं सरदार जैसे की होलकर है सिंधिया है भोसले हैं गायकवाड है ये सब भी बड़े स्ट्रांग हो जाते हैं तो पूरा मराठा है अंपायर जो है वो बहुत रिच हो जाता है स्ट्रांग हो जाता है संपन्न हो जाता है बट बट होता क्या है पेशवा माधवराव को होती है टीवी जिसको आप ट्यूब पर प्रोसेस भी कहते हैं छह रोग उसके करण पेशवा माधवराव का निधन हो जाता है इनकी डेथ हो जाति है ऐसा इतिहासकार कहते हैं जितना नुकसान पानी पद के बैटल में मराठाओं को नहीं हुआ उससे ज्यादा नुकसान पेशवा माधवराव की असम में उनकी जो मृत्यु हो गई उनकी जो डेथ हो गई ना बहुत जल्दी बहुत कम आगे में उससे मराठा अंपायर रहे स्नस होकर गया क्योंकि पेशवा माधव राव के बाद इतना योग कोई साशा क्या इतना कोई पेशवा नहीं था जो इतने बड़े मराठा अंपायर को एक साथ लेकर चल सके हॉल करके रख सके ठीक है तो यहां पे क्या देखा हमने की पेशवा माधव राव जी की कुछ समय बाद जो है वो टीवी के करण डेथ हो जाति है अब रघुवर को ग रहा है भाई ये तो निकाल लिया है अच्छा यहां पे एक छोटी सी चीज और बताना भूल गई मैं की पेशवा माधव राव जब पेशवा बनते हैं तो रघुनाथ राव भी बहुत सारे कंस्पायरेसी रचते हैं की कैसे भी इनको हटाए जाए तो पेशवा माधव राव क्या करते हैं इनको हाउस अरेस्ट कर देते हैं इनको क्या करते हैं हाउस अरेस्ट कर देते हैं की आप भाई घर में ही रहो चुपचाप रहो और कोई भी कंस नहीं करो तो यहां पर माधवराव जो होते हैं हाउस अरेस्ट कर देते हैं राघव्बा को और माधवराव के डेथ के बाद माधवराव की डेथ के बाद इनके जो भाई होते हैं माधवराव के अभी हमने फोटो में दिखाए था ना नारायण राव तो अगले जो पेशवा बनते हैं वो नारायण राव बनते हैं और नारायण राव इतने योग्य शासन होते नहीं है वो ना ही स्ट्रांग होते हैं और ना ही एक कैपेबल रोलर होते हैं की जो इतनी बड़ी मराठा अंपायर को संभल सके और मराठा अंपायर यहां पर वीक होता हुआ आपको दिखाई देता है साथ ही साथ नारायण राव क्या करते हैं की राघोबा को हाउस और ऐसे रिलीज कर देते हैं है ना सबसे बड़ी गलती यहां पे नारायण राव ने क्या कर रही की माधवराव ने जब राघव बैग का हाउस कराया था तो उसका उनको हाउस और रेस्टोरेंट देना था लेकिन इनको यहां कर देते हैं रिलीज कर देते हैं तो राघोबा अब रिलीज होगा लेकिन इनको तो अभी भी पेशवा बन्ना है तो ये क्या करते हैं राज होगा राघव्बा जो है वो पेशवा नारायण राव को मार देते हैं इनकी हत्या कर देते हैं तो ये छोटी मोती बात तो है नहीं की राघोबा ने पेशवा को मार दिया पूरे के पूरे मराठा अंपायर में ये बात निकाल गई की भाई राघोबा ने पेशवा को मार दिया तो राघव पेशवा को मार देते हैं और अब यहां पर देखेंगे आप अब राघोबा सोच रहे हैं की अब तो मैं ही पेशवा बनेगा रघुबा क्या सोच रहा है अब तो मैं ही पेशवा बनेगा ठीक है उनका सोचना है राव की जो वाइफ होती है ना जब नारायण राव की डेथ होती है 1773 में उसे समय जो नारायण राव की वाइफ होती है वो प्रेग्नेंट होती है और नारायण राव के डेथ के कुछ समय बाद उनका एक बच्चा होता है एक बेटा होता है उनका एक बेटा होता है तो यहां पर उसे समय एक बहुत ही इंपॉर्टेंट सरदार एक बहुत ही इंपॉर्टेंट के होते हैं जिनका नाम है नाना फडणवीस तो नाना फडणवीस और और भी ज्यादा आपके जो के है और सरदार है अलग-अलग मराठा के उन सब मिल्क एक 12 लोगों की एक कमेटी बनाते हैं जिसको 12 भाई काउंसिल के नाम से जानते हैं जिसको हम 12 भाई काउंसिल के नाम से जानते हैं क्योंकि इसमें 12 मेंबर है इसलिए इसको 12 भाई काउंसिल कहते हैं तो नाना फोंट और ये पूरे 11 जो मेंबर है वह लोग मिलकर डिसाइड करते हैं की भाई अगला पेशवा तो हम किसको बनाएंगे नारायण राव का जो बेटा हुआ है ना उसको ही हम अगला पेशवा बनाएंगे रघुनाथ राव को हम पेशवा नहीं बनाएंगे क्योंकि इसने हमारे पेशवा नारायण राव को मारा है तो कोई भी रघुनाथ राव को या रघु बागू को पेशवा माने से मतलब एक्सेप्ट नहीं करता इनकार कर देता है अच्छा ये नारायण राव की जो बेटा होता है ना उसका नाम क्या रखा जाता है सवाई माधवराव सवाई माधवराव माधवराव आपको पता है है ना इनका नाम रखा जाता है सफाई माधवराव इन्हें माधवराव तू के नाम से भी जाना जाता है सवाई माधो राव भी वही है और माधवराव तू भी वही हैं अब इन्हें पेशवा बनाने की तैयारी में जुड़ जाता है 12 भाई काउंसिल और यहां पर 40 दिन की मस्कत के बाद यहां पे 40 दिन का छोटा सा बच्चा वो पेशवा बन जाता है जिसके बेचारे के खेलने कूदने के दिन है खेलने कूदना भी कभी सोनी के देने आंखें भी नहीं कोली और 40 दिन का बच्चा यहां पर जो है वो पेशवा बन जाता है एक 40 दिन का बच्चा है और एक है रघुनाथ राव जिनकी उम्र लगभग 40-45 साल हो चुकी है इनको अगेन से पेशवा नहीं बनाया और सवाई माधवराव को अगला पेशवा बना दिया तो रघुनाथ राव जो है बड़े नाराज हो गए की ऐसे कैसे ऐसे और ये लोग भाग कर ये भागकर चले गए कहां पर सूरत कहां भाग कर चले गए सूरत और ब्रिटिश से जाके मिल गए रघुनाथ राव कहां चले गए सूरज से लेकर और सूरज जा के ब्रिटिश से मिल गए और ब्रिटिश से क्रिटिसाइज कर ली जिसको हम सूरत की छुट्टी या सूरत के संधि कहते हैं और बस यही गड़बड़ होकर यहां से शुरू हो जाएगा आपका फर्स्ट एंग्लो मराठा वार मटर समझ में आया वापस से बताऊं मैंने बस इतनी कहानी आपको बताई है मैंने कहा था की पानीपत का बैटल हो रहा है थर्ड बैटल इस थर्ड बैटल में बालाजी बाजीराव की डेथ हर जाते हैं और 6 महीने बाद जो है सिक्स मठ बाद बालाजी बाजीराव की डेथ हो जाति है और उनकी एक बेटे विश्वास राव की भी डेथ हो जाति है फिर उनके अगले बेटे होते हैं माधवराव और उनके भाई होते राघोबा ये लोग बन्ना चाहते हैं पेशवा रघुनाथ राव को जो है वो हाउस अरेस्ट कर दिया जाता है इनको पेशवा नहीं बनाया जाता और पेशवा कौन बन जाते हैं माधवराव बन जाते हैं माधवराव जो होते हैं बहुत ही कैपेबल योद्धा होते हैं बहुत ही कैपेबल रोलर होते हैं और बहुत अच्छे से पूरे के पूरे मराठा अंपायर को संभल के रखते हैं लेकिन बहुत कम आगे में 1772 में टीवी के करण की डेथ हो जाति है तो माधव राव के भाई होते नारायण राव इनको पेशवा बनाया जाता है और यह क्या करते हैं इन्हें हाउस अरेस्ट सेरागोबा को हाउस और एस से रिलीज कर देते हैं तो राघोबा क्या करते हैं नारायण राव को मार देते हैं नारायण राव को मार देते हैं और खुद अब पेशवा बने की तैयारी में है लेकिन बार-बार काउंसिल जो होती है वो डिसाइड करते हैं की नारायण राव के जो 40 दिन का बेटा है माधव नारायण राव या फिर सवाई माधवराव इसको अगला पेशवा बनाएंगे तो इनको अगला पेशवा यहां पे बना दिया जाता है इनको माधव नारायण राव को अगला पेशवा बना दिया जाता है और रघुनाथ राव जो है वो चले जाते हैं सूरत और सूरत में जा के ब्रिटिश से मिल जाते हैं और अब सूरत की संधि को साइन करेंगे ठीक है ठीक है भाई काउंसिल आपको समझ में ए गई होगी नाना फडणवीस और 11 और मेंबर के साथ मिल्क ये पूरा एडमिनिस्ट्रेशन रन करने के लिए बार-बार काउंसिल बनी थी और क्योंकि 40 दिन का बच्चा है ऑब्वियस सी बात है इतने बड़े मराठा अंपायर को नहीं संभल पाएगा तो ये बार-बार काउंसलिंग ही जो है वो पूरे के पूरे मराठा अंपायर को रन करने का कम करती थी ठीक है इतनी चीज चलो अगली बात कर लेते हैं ये साड़ी कहानी यहां पर लिखी हुई है जो भी मैंने आपको बताई है अब बात करते हैं यहां पर ये जो फ्रस्ट्रेटेड रघुनाथ राव है ये कहां चले गए हैं ये चले गए हैं बॉम्बे और सूरत और वहां पे जाके अंग्रेजन के साथ ट्रीटी का सूरत को साइन करते हैं और उसके बाद ही यहां से फर्स्ट एंग्लो मराठा वार की शुरुआत होती है तो क्वेश्चन बनेगा की पहले एंग्लो मराठा वार की शुरुआत किस संधि से हुई थी तो फर्स्ट एंग्लो मराठा वार की जो स्टार्टिंग हुई थी वो त्रुटि ऑफ सूरत से हुई थी और ट्रीटी ऑफ सूरज जो है वो रघुनाथ राव और ब्रिटिश काउंसिल के साथ साइन की गई थी मटर क्लियर बॉम्बे की ब्रिटिश काउंसिल के साथ यहां पे रघुनाथ रावल ने टट्टी ऑफ सूरत साइन की गई थी अब सूरत में क्या-क्या कंडीशन थी वो मैं बताती हूं अब रघुनाथ राव को तो पेशवा बन्ना देते हैं बदले में हमें क्या मिलेगा ऑब्वियस सी बात है फ्री में तो ब्रिटिशर्स कम करते नहीं थे तो रघुराज एन राव ने कहा की हम आपको क्या करेंगे जो साल से तो भसीन का रीजन है साल से मतलब जो आपका यहां पे खाना बॉम्बे का रीजन है वो साल से कहलाता है साल से साल से अगर मशीन का रीजन हम आपको देंगे इसके अलावा सूरत और भरूच का जो रीजन है वो वहां पर भी हम आपको रिवेन्यू शेर करेंगे उसका भी रिवेन्यू आपके साथ शेर करेंगे बस आप हमें क्या कर दो हमें अगला पेशवा बना दो तो यहां पे ब्रिटिशर्स कहते हैं ठीक है ये लो 25 100 सोल्जर की हमारी सी ले लो और जो लड़ाई करो और पेशवा बन जो समझ में आया त्रुटि ऑफ सूरत में कौन-कौन से कंडीशन थी तो ट्रीटी ऑफ सूरज जो है वो राघोबा और बॉम्बे काउंसिल ब्रिटिशर्स बॉम्बे काउंसिल के बीच में हुई थी यही से फर्स्ट एंग्लो मराठा वार की शुरुआत होती है इस सिटी में राघोबा जो होते हैं वो पेशवा बन्ना चाहते हैं और बदले में 2500 सोल्जर यहां पे आर्मी जो है वो ब्रिटिशर्स राघोबा को देते हैं और राघोबा बदले में साल से अगर हसीन का रीजन देते हैं उसके अलावा जो आपका सूरत और भरूच का रीजन है वहां पे रिवेन्यू शेर करने का भी रघुनाथ राव ब्रिटिशर्स को बोलते हैं ठीक है ये क्रिटिसिन हो गए और त्रुटि साइन होने के बाद इनकी सी ब्रिटिशर्स के साथ निकाल गई लड़ने के लिए अंग्रेजन से लड़ने के लिए लेकिन आप सभी को पता है की यहां तक आते-आते सूरज साइन हो रही है 1775 में उसका तब तक आते-आते रेगुलेटिंग एक्ट रेगुलेटिंग एक्ट 1773 पास हो चुका है और इस एक्ट के अंतर्गत जो है वो वारेन हेस्टिंग है गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल बन चुके हैं ना गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल बन चुके हैं मतलब अब पावर जो है वो बंगाल के पास है और बंगाल के अंदर ही थोड़ा सा बॉम्बे प्रेसीडेंसी कम कर रहे तो मतलब कोई भी ट्रीटी आप साइन करोगे कोई प्रपोज होगा तो वो कहां पे जाएगा बंगाल जाएगा और बंगाल में जो वारेन हेस्टिंग बैठा है जब वो इस बात को अप्रूव करेगा तभी त्रुटि त्रुटि मनी जाएगी तो ये जो कॉपी होती है सूरत की टूटी की सूरत की टूटी की कॉपी बॉम्बे से बंगाल भेजें जाति है बॉम्बे से बंगाल वारेन हेस्टिंग के पास बेड भेजें जाति है ठीक है और वारेन हेस्टिंग स्थिति को माने से माना कर देता है वारेन हेस्टिंग स्थिति को माने से माना कर देता है और बोलना है की भाई कोई लड़ाई ए नहीं होगी यहां पे कोई भी लड़ाई नहीं होगी और हम एक नई त्रुटि जो है वो मराठाओं के साथ साइन करेंगे हम एक नई ट जो है वो मराठाओं के साथ साइन करेंगे और यहां पे कोई भी बैटल नहीं लड़ी जाएगी मतलब प्रीति ऑफ सूरत को वो माने से बिल्कुल माना कर देता और एक नई संधि साइन होती है एक नई टूटी साइन होती जिसको हम ट्रीटी का पुरंदर के नाम से जानते हैं बात समझ में आई त्रुटि ऑफ सूरत की जगह अब नई त्रुटि साइन हो गई त्रुटि ऑफ पुरंदर पुरंदर में कहा जाता है की देखो हमको मराठाओं के साथ कोई भी वेयर नहीं रखना है हमें मराठाओं के साथ कोई भी लड़ाई नहीं करनी है तो हम क्या करते हैं जो सवाई माधवराव है ना सवाई माधवराव जिनको आपने माधवराव तू कहा है इनको हम पेशवा मानते तैयार हैं तो ब्रिटिशर्स ने कहा की सवाई माधवराव को हम पेशवा मानते हैं ठीक है और मराठा अंपायर जो है मराठाओं के कोई भी दुश्मन जो हैं उनका साथ हम नहीं देंगे इंक्लूड रघुनाथ राव जो भी आपके दुश्मन हैं आपके एनीमी है हम उनका कोई भी सहयोग नहीं करेंगे उनका साथ नहीं देंगे इंक्लूड डी रघुनाथ राव ये बात भी यहां पर बोल दी जाति है ठीक है इसके अलावा यहां पर बोला जाता है की रघुनाथ राव का क्या करें तो यहां पर मराठा कहते हैं की राघोबा जैसे भी है तो मराठा ही हम इनका इलाज कर देंगे हम एक कम करते हैं रघुवर से बात करते हो राघोबा से बोलते हैं की आप एक कम करो 2500 25000 सॉरी ₹25000 आप हर महीने का पेंशन लो और पेंशन लेकर बढ़िया से आप बैठो कोई दिक्कत नहीं है यह बात यहां पर डिसाइड पुरंदर की क्या-क्या कंडीशन थी पहले कंडीशन की ब्रिटिशर्स जो भी मराठाओं के एनीमीज हैं दुश्मन हैं उनका सहयोग नहीं करेंगे इंक्लूड राघव होगा राघव आपको ₹25000 पेंशन देकर जो है वो भेज दिया जाएगा सवाई माधव राव को जो है वो नया पेशवा या पेशवा एक्सेप्ट कर लिया जाएगा ये साड़ी चीज यहां पे बोली गई और ब्रिटिशर्स ने कहा हमने जो भी रीजन लिया है वो हम वापस कर दे तो साल से इसका रीजन जो है वो मराठाओं को वापस कर दिया गया साल से इसका जो रीजन था वो वापस से मराठाओं को दे दिया गया और यहां पे बोला की यार हसीन तो नहीं दे पाएंगे लेकिन भसीन जो है वो र गया था मराठाओं के पास तो ये चीज त्रुटि ऑफ पुरंदर में साइन कर ली गई अब यहां पे ट्रीटी ऑफ पुरंदर साइन होकर उसके बाद मराठा सोचते हैं यार ये ब्रिटिशर्स होते कौन हैं ये हमारा इंटरनल मटर है की हमें राघोबा को पेशवा बनाना है नहीं बनाना हम उनके साथ फाइट करनी है नहीं करनी है यहां हमें हाउस अरेस्ट करना है या हमें उनके साथ कोई संधि करनी है या कुछ भी करना है की उनको पेंशन दे के भेजना है हमें कुछ भी करना है हमारा मराठाओं का इंटरनेट मटर है ये ब्रिटिशर्स आखिरकार होते कौन हैं ब्रिटिशर्स आखिरकार होते कौन है जो मराठाओं के इंटरनल मटर में इतना इंटरफ्रेंस करने बैठ गए तो यहां पे मराठा उन्हें सोचा की अब हम अपनी पावर को स्ट्रांग करेंगे और अपने पावर को स्ट्रांग करने के लिए इन्होंने एक फ्रेंडली ट्रीटी साइन कर ली फ्रांसिस के साथ ठीक है तो यहां पर मराठा होने क्या-क्या एक फ्रेंडली त्रुटि फ्रेंडली त्रुटि साइन कर ली किसके साथ फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ इन्होंने क्रिटिसाइज कहा गया की आप हमको 2000 सोल्जर दो इसके अलावा जो ₹10000 इंडियन सोल्जर से आप उनको यूरोपीय मेथड से ट्रेन करो जिससे हमारा अंपायर भी बहुत स्ट्रांग हो जाए बदले में वेस्ट का एक को हम आपको देते हैं वेस्ट का एक पोर्ट अब आपको देते हैं जिसमें आप आसानी से ट्रेडिंग कर सुकून बात समझ में आई क्या किया मराठा उन्हें मैराथन एक फ्रेंडली साइन की फ्रांसिस के साथ उसमें कहा गया की आप हमारे 10000 की आर्मी को ट्रेनिंग प्रोवाइड करो और अपने 2016 हमको तो जिससे हमारा अंपायर और स्ट्रांग हो जाए और हम ब्रिटिशर्स के खिलाफ अच्छे से लड़ाई कर सकें बदले में बेस्ट का एक को आपको ट्रेडिंग करने के लिए देते हैं और ये भक पहुंच गए किसके पास ब्रिटिशर्स के पास और ब्रिटिश तैयार ये क्या बात हुई अभी हमने पुरंदर की संधि इन लोगों के साथ साइन की है और इन लोग हमारे ही ना फ्रांसिस के साथ जाके मिल गए हैं उनसे ट्रेनिंग ले रहे हैं के साथ हाथ मिला रहे हैं संधि कर रहे हैं भाड़ में गई ये त्रुटि डस्टबिन में जान दो ये पुरंदर की जो टूटी है उसको डस्टबिन में जान दो अब तो हम लड़ाई करेंगे अब तो हम क्या करेंगे लड़ाई करेंगे और यहां से अब शुरू हो जाएगा वापस से बटर यहां से वापस तो शुरू हो गई बटर तो इन 1779 डी मराठा डिफीटेड इंग्लिश फोर्स इन एन बैटल ऑफ बड़गांव तो यहां पे जो ब्रिटिश की आर्मी है वो आई है और यहां से सिंधिया वगैरा जो है और महज सिंधिया वो अपनी आर्मी को लेकर आते हैं और यहां पर बैटल ऑफ बड़गांव होती है तो बैटल ऑफ बड़गांव में जो महर्षि सिंधिया होते हैं ना बहुत ही सिंधिया के जो आर्मी होती है वो पुरी तरीके से ब्रिटिशर्स को घर लेती है पूरे तरीके से ब्रिटिशर्स को घर लेती है और ब्रिटिशर्स बहुत बुरी तरीके से हर जाते हैं तो ये बैटल ऑफ बड़गांव में जो है वो मराठाओं की जीत होती है और ब्रिटिश फोर्स यहां पर हर जाति है और ब्रिटिश फोर्स जब यहां पर हर जाति है और तो यहां पे बोला जाता है ब्रिटिशर्स को की आप सुरेंद्र कर दो ब्रिटिशर्स को क्या बोला जा रहा है आप सुरेंद्र कर दो यहां पे और जितना हमारा एरिया आपने एक्वायर किया है वो वापस हमको यहां पे लौटाडो तो इस बात से ब्रिटिश को ये बात समझ में ए गई की पानीपत के बैटल के बाद और माधवराव पेशवा की डेथ के बाद अभी भी मराठा अंपायर स्ट्रांग है उसको हरण इतना आसन नहीं है लेकिन यहां पर बैटल ऑफ बड़गांव में जब बोला जाता है की आप सुरेंद्र कर दो तो वहां पे वारेन हेस्टिंग बैठा हुआ है वारंटिटिंग बोलना है अच्छा बेटा आप हमको सुरेंद्र करवाओगे रुको हम अपनी तीन फोर्सेस को भेजते हैं आपके अगेंस्ट आप हमको सुरेंद्र कराओगे ना रुकिए हम अपनी फोर्सेस को आपकी अगेंस्ट भेजते हैं तो यहां पे वारेन हेस्टिंग जो की कोलकाता में बैठा हुआ है वो अपने तीन फोर्सेस को भेजता है एक को लेट करते हैं करनाल गोदर दूसरे को कैप्टन से निकलते है महाराज मराठा रीजन में और उनके टेरिटरी को एक्वायर करते हैं यहां पे देखेंगे करनाल गोदर ने अहमदाबाद को अहमदाबाद को 799 में कैप्चर कर लिया भसीन का जो रीजन था वो 1780 में कैप्चर कर लिया फिर कैप्टन आपके जो पॉप हम थे उन्होंने ग्वालियर को 1780 में कैप्चर कर लिया और फाइनल तो यहां पे होगा की जनरल केमेक ने सिंधिया को यहां पे डिफीट कर दिया 1781 में सिंधिया को डिफीट कर दिया और अब वारेन हेस्टिंग ने बोला अब रुक जो अब आप टेरिटरी को हम नहीं एक्वायर करते हैं अभी अलग-अलग ए जाऊं के साथ अलग-अलग सरदारों के साथ हम क्या करेंगे कटाईसाइन करेंगे ठीक है 1782 में साइन होती है बिटवीन डी ईस्ट इंडिया कंपनी और डी मराठस स्थिति में बोला जाता है की हम जो माधव नारायण राव है उसको पेशवा बनाते हैं ठीक है ये जो रघुनाथ राव है इसको हम जो है वो पेंशन देकर भेजते हैं लेकिन रघुनाथ राव कहते हैं यार ठीक है हमारी तो उम्र हो चली है हम ठीक है रिटायर हो जाते हैं और टेंशन लेने देते हैं लेकिन एक कम कर सकते हो की मेरा जो बेटा है ना मेरा जो बेटा है आप उसको जब वो बड़ा हो जाए थोड़ा सा तो आप उसको अपने एडमिनिस्ट्रेशन में मतलब पेशवा के एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल कर लेना क्योंकि अभी बेचारे की उम्र नहीं हुई है की वो भी रिटायर हो जाए मैं तो बुध हो चला हूं और मुझे तो पेशवा भी नहीं बना कोई दिक्कत नहीं मैं रिटायरमेंट लेट हूं टेंशन लेकर आराम से रहूंगा कोई लड़ाई डांगी अब नहीं करूंगा लेकिन बदले में बस इतना कर देना मेरा बेटा जब बड़ा हो जाए तो उसको पेशवा में पेशवा के एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल कर लेना तो बिल्कुल नाना फडणवीस कहते हैं ओके चलेगा बड़ा होने दो हम एडमिनिस्ट्रेशन में उनको शामिल कर लेंगे ठीक है तो इस तरीके से माधव माधव राव नारायण राव को पेशवा बना दिया रघुनाथ लोगों को भेज दिया कहां पर पेंशन देखें इसके अलावा यहां पर कंपनी ने कंट्रोल ले लिया था आपका साल से और एलीफेंट आयरलैंड में साल से और एलीफेंट और आयरलैंड में जो है वो कंपनी ने अपना टेकओवर कर लिया कंट्रोल ले लिया और मराठाओं को बोला की आप गारंटी दो कोई और यूरोपियन कंपनी के साथ स्पेशली जो फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी है या उनके जो रिप्रेजेंटेटिव है उनके साथ आप कोई भी चाहे वो फ्रेंडली हो या कोई भी ट्रीटी हो आप साइन नहीं करेंगे ठीक है ना आप हमें प्रोटेस्ट करो हम आपको प्रोटेस्ट करेंगे आप पर कोई हमला करेगा तो हम आपकी मदद करेंगे हम पर कोई हमला करेगा तो आप हमारी मदद करना इस तरीके से हम शांति से आईटी इस साइन करते ऑफ सालबाई और टूटी सालबाई करने के बाद मराठा अंग्रेजन ने पूछा की आपके रीजन में हम वैसे ही ट्रेडिंग कर सकते हैं तो की नहीं मराठा होने का नहीं कोई दिक्कत नहीं है जैसे आप पहले व्यापार करते थे बढ़िया बिंदास शो के वैसे ही आप ट्रेडिंग करते रहिए इस तरीके से यहां पे पीस रोटी साइन हो जाति है विच इस त्रुटि ऑफ सालबाई और टूटी जो है वो 20 सालों तक रहती है और 20 साल तक अंग्रेजन के बीच में और मैराथन के बीच में कोई भी बैटल यहां पे नहीं लड़ी जाति है सब कुछ बढ़िया चल रहा होता है अब 20 साल के बाद ऐसा कौन सा कांड हो गया की अब सेकंड बटर लाडा जा रहा है आई हम वो देखते हैं 20 साल के बाद की कहानी सेकंड एंग्लो मराठा वार 18 032 18 05 अब देखिएगा यहां पर चौथ नंबर का एंग्लो मैसूर वार खत्म हो चुका है टीपू सुल्तान मारे गए हैं और टीपू सुल्तान की जो टेरिटरी थी मैसूर उसपे ब्रिटिश को ब्रिटिशर्स ने कब्जा कर लिया ये बात हमें पता है अब अगर मराठाओं की बात करते हैं तो मराठाओं के यहां पे जो सरदार है पराठा में अब जो पेशवा बन चुके हैं पहले हम पेशवा देख लेते हैं मराठाओं के अब जो पेशवा बन चुके हैं वो बन चुके हैं यहां पे बाजीराव सेकंड याद आया बाजीराव सेकंड कौन थे रघुराज राव के बेटे राघोबा के बेटे बाजीराव सेकंड अभी पेशवा बन चुके हैं और अभी यहां पर आप सभी को पता है की फाइव यहां पर फाइव यहां पर जो थे मराठा कॉन्फिडेंस थी है ना कौन-कौन से थे एक तो आपके इंदौर के होलकर थे यशवंत राव होलकर फिर पुणे में आपके बाजीराव सेकंड मतलब पेशवा रहा करते थे गायक भारती सिंधिया कहां रहते थे ग्वालियर में दौलत राव सिंधिया और भोसले कहां के थे नागपुर के तो कौन-कौन हो गए होलकर भोसले गायकवाड और पुणे के आपके पेशवा और आपके सिंधिया इस तरीके से पूरा अंपायर था मराठा अंपायर ठीक है भोसा है यह सब अपने आपको स्ट्रांग करना चाहते थे अपने आप को बहुत पावरफुल शो करना चाहते थे ठीक है तो इनके बीच में अब षड्यंत्र होने लगे ये लोग आपस में ही लड़ाई करने लगे और सबसे बड़ी गड़बड़ी यहां पे ये हुई की बाजीराव जो सेकंड था ना वो बहुत ही आयोग राजा था आयोग रोलर था और वो क्या करता था इन यह जो आपके पेशवा है गायक वार है सिंधिया इनको आपस में भिड़ना का कम इनको आपस में लड़ने का कम है करता था कौन बाजीराव सेकंड तो बाजीराव सेकंड दिया सिंधिया का बेसिकली सिंधिया अपनी सुपारी में से दिखाना चाहते थे की हम बड़े हैं हम स्ट्रेस थे हम बहाने और होलकर चाहते थे की होलकर बड़े हैं होलकर की पावर ज्यादा है तो सिंधी और होलकर के बीच में यहां पर थोड़ा सा बैटल चल रहा था बर चल रही थी तो सिंधिया का हेल्प किसने किया बाजीराव सेकंड ने किया और बाजीराव सेकंड और सिंधिया के कंबाइन फोर्स ने बाजीराव सेकंड और सिंधिया की कंबाइन फोर्स ने अटैक कर दिया किस पे हॉलेक्युलिस पे यशवंत राव होलकर पर अटैक कर दिया ओके कोई दिक्कत नहीं होल कर तो बहुत स्ट्रांग थे तो होलकर ने यशवंत राव होलकर के आर्मी ने ये जो बाजीराव सेकंड और सिंधिया की कंबाइन आर्मी है ना उनको बहुत बुरी तरीके से हर दिया डिफीट कर दिया डिफीट कर दिया ठीक है डिफीट कर दिया जब डिफीट कर दिया तो बाजीराव सेकंड जो थे वो भाग के चले गए भाग गए जैसे इनके पिताजी राघव बाबा ए गए थे सूरत याद आया वैसे ही ये भी भाग गए बाजीराव सेकंड कहां चले गए ये भासिंह चलेगा और यशवंत राव होलकर ने क्या किया यशवंत राव होलकर ने यहां पर अगला पेशवा किसको बना दिया अमृत राव के बेटे को अमृत राव के बेटे को अगला पेशवा बना दिया ठीक है अगला फेस पर कैसे बना दिया अमृत राव बेटे को अमृत जो है बेसिकली रघुनाथ राव के अडॉप्टेड सन है अडॉप्टेड हैं इनके बेटे को जो है वो अगला पेशवा यहां पे बना दिया यशवंत राव होलकर ने और बाजीराव सेकंड जो थे वो भाग कर चले गए कहां पर बसीम चलेगा क्लियर हो गए इतनी चीज तो इस तरीके से ओलेकर की पावर यहां पर निकाल कर आई है सामने और बाजीराव सेकंड जाते हैं बसन और वहां पे मिलते हैं वेली जल से क्योंकि जब सेकंड एंग्लो मराठा वार हो रहा है उसे समय जो गवर्नर है वो है लॉर्ड वाली जाली है ना और वेलेजली ही हमारे देश में सब्सिडियरी एलाइंस सब्सिडियरी एलाइंस मतलब सहायक संधि लेकर आया था सहायक संधि या सब्सिडी एलाइंस लेकर आया था और पेशवा बाजीराव सेकंड जो है वह वैली जेली के पास गए अब बेली जान के पास गए तो यहां पर ट्रीटी होती है त्रुटि और भसीन साइन तृतीय भसीन जो है वो 18 02 में साइन होती है 18 जीरो तू में त्रुटि ऑफ भसीन साइन की जाति है अब ट्रीट्यूप मशीन की क्या कंडीशंस थे वो मैं आपको बताती हूं देखिएगा बाजीराव सेकंड को ये तो पापा से पेशवा बन्ना चाहता है अपना वापस अपने पुणे की गाड़ी को चाहता है तो यहां पे ब्रिटिशर्स ने कहा की ठीक है हम आपकी मदद करेंगे हम आपकी मदद करेंगे लेकिन आप जो सब्सिडियरी एलाइंस है इस पे साइन कर दो सब्सिडियरी एलाइंस पे साइन कर दो मतलब हमारे 6000 की जो ट्रूप है वो आपके मराठा आपके जो पुणे का रीजन है ना वहां पे हमारे 6000 की ट्रूप रहेगी ठीक है इसके अलावा कहा की आप जो चौथ वगैरा वसूल करते हैं जो हैदराबाद के निजाम है ना हैदराबाद के निजाम के साथ आप चाहे तो वसूलने का कम नहीं करेंगे ठीक है इसके अलावा नर्मदा और तापी के ताप्ती रिवर नर्मदा और ताप्ती के बीच का जो कुछ टेरिटरीज है वो आप हमें दे दो तो बाजीराव सेकंड ने बोला की ठीक है नर्मदा और ताप्ती के बीच की जो टेरिटरी है वो आप ले लो निजाम के साथ हम 14 वसूल नहीं करेंगे जो गायकवाड थे वो ब्रिटिशर्स के सपोर्टर थे हम गायकवाड के साथ भी कोई लड़ाई नहीं करेंगे हम आपकी सब्सिडी एलियंस पे साइन करते हैं आपकी 6000 की टप जो है वो हमारे मतलब हमारे पुणे में रहेगी ठीक है हमारे पूनम में वो 6000 की फोर्सेस यहां पर रहेगी बस बदले में आप हमें पेशवा बना दो इतनी चीज यहां पे ट्रीटी अब्बासी ने साइन की गई ट्रीटी अब बेसन की पुरी कंडीशंस यहां पे मेंशन है ठीक है पुरी कंडीशन यहां पे मेंशन है जिसमें लिखा है की साउथ ऑफ रिवर ताप्ती टेरिटरी लाइव बिटवीन डी नर्मदा और डी टॉपिक फुटरी नियर डी रिवर तुंगभद्र और गुजरात वसस्टेड तू डी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी जहां से उनको 26 लाख का रिवेन्यू जेनरेट होता था गायकवाड और निजाम जो है वो कंपनी के फीवर में कम करते थे और उनसे चौथ वगैरा लेने के लिए माना कर दिया था इसके अलावा बोला गया था की आप कोई भी फॉरेन पॉलिसी बनाते हैं तो हमारे कंसेंट के बिना आप किसी भी त्रुटि पर किसी भी सुन्नी पे साइन नहीं करेंगे किसी के साथ हमारे कंसर्ट के बिना किसी के बैटल नहीं लड़ेंगे यह साड़ी कंडीशन जो है वो ट्रीटी का मशीन में कहीं गई थी बाजीराव सेकंड ने साइन की थी ये बहुत ही हमिलिटी थी मतलब मराठाओं के लिए बहुत ही अपमानजनक ही किया और ये क्या बात हुई मतलब एक पपेट बन गए हो आप आई पपेट की तरह कम कर रहे हो की आपकी टेरिटरी में ब्रिटिश की आर्मी है आप हर कम ब्रिटिशर्स की परमिशन से कर रहे हो कोई फॉरेन रिलेशन बनाना है तो आप ब्रिटिशर्स की परमिशन ले रहे हो कोई सनी साइन करनी है तो आप ब्रिटिशर्स के परमिशन ले रहा है आप देख पपेट हो एक तो कठपुतली हो और ऐसे कठपुतली पेशवा का क्या मतलब है ऐसे कठपुतली पेशवा का क्या मतलब है तो बाकी जो थे ना होल कर्व्स इंडिया ये काफी नाराज हुए की भाई हम तो एक्सेप्ट नहीं करते त्रुटि ऑफ हसीन को और यही से फिर शुरुआत होती है सेकंड एंग्लो मराठा वार की क्योंकि सिंधिया और भोसले ने एक्सेप्ट नहीं किया भसीन को इसके बाद सेकंड एंग्लो मराठा वार की शुरुआत 18003 में होती है 183 में ये बैटल लड़े जाति है तो यहां पे जो अर्थ वैलेंस जाली है ये अपनी कंबाइन फोर्स को भेजता है अपनी आर्मी को भेजता है अगेंस्ट डी सिंधिया और भोसले और सिंधिया और भोसले की यहां पे हर हो जाति है और फोर्सफुली सिंधिया और बोसले को यहां पे सब्सिडियरी एलाइंस साइन करने के लिए माना लिया जाता है और फिर 1804 में अपनी आर्मी को भेजता है अगेंस्ट होलकर और होलकर की भी यहां पे हर होती है 1804 में और 1804 में फिर होलकर भी जो है वो सब्सिडियरी एलाइंस को साइन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं तो यहां पे तीन अलग-अलग क्रिटिसिन हो रही हैं एक टूटी हो रही है सिंधियास के साथ साइन को आप सूजी अंजनगांव कहते हैं इस ट्रिक को त्रुटि ऑफ सूजी अंजनगांव कहते हैं और सिंधियास के यहां पे हर होती है और सिंधियास भी जो है वो सब्सिडियरी एलाइंस पे एक्सेप्ट कर लेते हैं फिर भोसले बी लोगों के साथ यहां पर सिटी ऑफ देवघर देवगांव साइन होती है सिटी ऑफ देवगांव 1803 में साइन हो रही है और उसमें भी घोसला जो है वो सब्सिडियरी एलाइंस को एक्सेप्ट कर रहा है फिर ट्रीटी ऑफ राजघाट इसको याद रखना ये क्वेश्चन पूछा गया है ऑफ राजघाट 1805 में साइन होती है हॉलेक्युलिस के साथ और होलकर भी अब जो है वो सब्सिडियरी एलाइंस को जॉइन कर लेते हैं तो धीरे-धीरे होल कर्व्स हो गए पेशवा हो गए गायकवाड सिंधिया सभी लोगों ने जो क्योंकि साइन कर लिए सब्सिडी एलियंस को जॉइन इन कर लिया है और जब सब्सिडी एलियंस को जॉइन कर ले तो आप देख सकते हैं की ब्रिटिशर्स की पावर यहां पे कितनी ज्यादा हो गई है ब्रिटिशर्स की पावर कितनी ज्यादा हो गई क्योंकि मराठा अंपायर उसे समय का सबसे बड़ा अंपायर था और उसके भी आपने सरदारों के साथ सब्सिडी बना ली है मतलब उनकी टेरिटरी में आपकी आर्मी अब र रही है तो ये यहां पे पेशवाओं की ये बहुत बड़ी हर थी और यहां से मराठा अंपायर का पाटन होना शुरू हो गया और ये ब्रिटिशर्स के सबसे बड़ी जीत थी ठीक है तो इस तरीके से ये सेकंड एंग्लो मराठा वार यहां पर खत्म होता है अब कहानी शुरू होती है थर्ड एंग्लो मराठा वार के बड़े में अभी थर्ड इग्नोर मराठा वार सब कुछ तो ठीक हो गया है आपने उनकी टेरिटरी भी ले ली है सब्सिडियरी एलाइंस में साइन कर ली है वो किसी के साथ फॉरेन रिलेशन भी नहीं बनाएंगे अब प्रॉब्लम कहां ए गए अब प्रॉब्लम ए गई पिंडारियों की अभी पिंडारी कौन थे तो पिंडारी बेसिकली किसी एक धर्म विशेष के नीति हिंदू भी थे मुस्लिम भी थे अफ़ग़ानस भी थे यह लोग क्या करते थे पिंडारी जो थे वो एक तरीके से मराठा सोल्जर सी थे जब मराठा लोग थे अलग-अलग टेरिटरी पे हमला करते थे या अटैक करते थे वार पे जाते थे तो पिंडारियों के साथ क्रिटिसिन करते थे और पिंडारियों को अपनी सी में भारती कर देते थे और पिंडारी उनके साथ लड़ते थे मराठाओं के साथ और जी टेरिटरी को मराठा जीते थे उसमें लूटपाट करने का अधिकार मराठा उन्हें दे रखा था तो पिंडारी बेसिकली लूटमार करने का कम करते थे अब हुआ क्या था यहां पर मराठा होना तो सब्सिडियरी एलाइंस साइन करके रखिए मतलब अब मराठा किसी और टेरिटरी पे अटैक नहीं करेंगे कोई वार नहीं लड़ेंगे तो ये जो पिंडारी थे वो बेसिकली बेरोजगार हो गए पिंडारी जो हो गए बेरोजगार होगा क्योंकि वो मराठा के साथ लड़ाई पर जाते थे जिससे लूटमार का पैसा उनको मिलता था अपना सर्वाइवल हो देखते थे लेकिन जब मराठा उन्हें अटैक करना ही बैंड कर दिया तो पिंडारी यहां पे बेरोजगार हो गए तो पिंडारियों ने क्या किया जो ब्रिटिश टेरिटरी थी उसे पे हमला करना शुरू किया वहां पे ल पार्ट में हटाना मत आना शुरू की तो यहां पर यहां पर अब ब्रिटिश ने सोचा पिंडारियों का तो खत्म करना पड़ेगा पिंडारियों को खत्म करना पड़ेगा तो ब्रिटिशर्स ने कैंपेन शुरू किया एंटी पिंडारी कैंपेन एंटी पिंडारे कैंपेन ब्रिटिशर्स से शुरू किया और वहां पर मराठाओं को बोला की आप भी हमारा सपोर्ट करो पिंडारियों को खत्म करने में तो मराठा उन्हें बोला यार ये तो मुझे सही नहीं ग रहा है क्योंकि कहानी ना कहानी तो पिंडारियों के साथ हमारा कोई ना कोई कनेक्शन है अटैचमेंट है हमारे साथ हर बैटल में हर एक वार में लड़ने के लिए पिंडारी गए हैं तो हम इस एंटी पिंडारी कैंपेन में आपका सपोर्ट नहीं करेंगे तो ब्रिटिशर्स में सोचा ओके ओके हम आपको बाद में निपटेंगे पहले हम पिंडारियों से निपट लेने फिर हम आपको बाद में देख लेंगे तो यहां पे एंटी पिंडारी कैंपेन जो था पिंडारी शब्द सक्सेसफुल रही और पिंडारियों को दमन कर दिया गया पिंडारियों का दमन कर दिया गया ठीक है पिंडारी यहां पे खत्म होगा क्योंकि पिंडारी जो थे वह निजाम कार्नेटिक रीजन मालाबार रीजन और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का जो रीजन था ना वहां पर अटैक करते थे वहां पे ल करते थे तो एंटी पिंडारी कैंपेन खत्म हुआ और ये कैंपेन लॉर्ड हेस्टिंग के समय हुआ था क्योंकि जब थर्ड एंग्लो मराठा वार हो रहा है तो लॉर्ड हेस्टिंग है क्या हो गया पहले एंग्लो मराठा वार के समय कौन था वारेन हेस्टिंग था सेकंड एंग्लो मराठा वार के समय कौन था वेलिजेली था और थर्ड नंबर पे हेस्टिंग है तो ये तीनों गवर्नर भी आपको याद रखना अलग-अलग बैटल के समय तो पिंडारियों को खत्म हो गया पिंडारियों का यहां पे खत्म हो गया लेकिन पिंडारियों क्या खत्म करने में मराठाओं ने मदद नहीं की इस बात से हेस्टिंग बड़ा नाराज हुआ की हमने एक तो आपके साथ एलियंस बनाया है और ऊपर से आप हमारी मदद नहीं कर रहे हो पिंडारियों को करने में और यही से शुरू होता है अब थर्ड एंग्लो मराठा वार इसी से शुरू होता है थर्ड एंग्लो मराठा वार और थर्ड एंग्लो मराठा वार का जो रिजल्ट था ना वो बहुत ही डेंजरस था डेंजरस ऐसा था की पेशवा शिव को खत्म ही कर दिया गया जो पेशवाई थी ना पेशवा शिव उसको खत्म ही कर दिया गया 1818 में 1818 में पेशवाई को खत्म कर दिया गया और जो पेशवा देना पेशवा को बिट्ठुर कानपुर के निकट बिठूर भेज दिया गया पेंशन पे ठीक है ना और मराठा अंपायर इस तरीके से थर्ड एंग्लो मराठा वार के बाद खत्म हुआ अभी जो थर्ड एंग्लो मराठा वार है ना इसमें कई साड़ी बॉटल्स लड़ी गई एक तो पिंडारी वार है जिसके ऊपर अभी मैंने चर्चा कारी पिंडारी बार के अलावा बैटल ऑफ शीतल बिर्दली बैटल ऑफ माहएपुर और बैटल ऑफ खिड़की अभी मैं बताऊंगी जैसे की बैटल ऑफ महिदपुर होलकर के साथ लड़ी गई है ना ऐसे अलग-अलग बटर लड़ी गई बैटल ऑफ शीतल बिर्दली बैटल ऑफ महत्वपूर्ण और बैटल ऑफ खड़की तो ये तीनों बैटल जो है वो थर्ड एंग्लो मराठा वार के अंतर्गत ही लड़ी गई थी इस बात को याद रखना है तो रिजल्ट क्या हुआ तीन अलग-अलग बैटल लड़ी गई होलकर के साथ लड़ी गई सिंधियास के साथ लड़ी गई ठीक है ना और पेशवा के साथ लड़ी गए तो ये तीनों बटर ये लोग हर गए और जब तीनों बटर ले लो हर गए तो अलग-अलग इनके साथ सांडिया हुई त्रुटि साइन हुई तो ट्रीटी ऑफ ग्वालियर जो है वो 18-17 में साइन हुई बिटवीन डी सिंधिया और ब्रिटिशर्स इंडिया साइन हुई और इसमें बोला गया की आप आगे से कोई बैटल में इंवॉल्व नहीं होगे| तो राजस्थान भी राजस्थान का एक बहुत बड़ा हिस्सा जो है वो ब्रिटिशर्स के हाथ लगा लेकिन राजपूताना जो था वो प्रिंसेस बना रहा हूं यहां पर ओलेकर के साथ साइन हो रही है और हाल कर के साथ 18 में त्रुटि ऑफ मंदसौर साइन की गई ठीक है और उसके बाद पेशवाई को खत्म कर दिया क्या और कानपुर के निकट बिठूर में इनको भेज दिया गया और पेशवा का जो रीजन है वह बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा बना लिया गया ठीक है और जब पेशवा के बाद उनके जो बेटे होते हैं नाना साहब और नाना साहब जब पेशवा बनते हैं तो पेशवा माने से माना कर देते हैं ब्रिटिश क्योंकि नाना साहब इनके अडॉप्टेड चाइल्ड होते हैं गॉड ली हुए बेटे होते हैं तो नाना साहब को पेशवा माने से माना कर देते हैं आगे जाकर ब्रिटिशर्स और पेंशन देना भी बैंड कर देते हैं और नाना साहब के जो पेंशन बैंड हो जाति है तो उसके बाद वो 1857 के रिवॉल्ट में पार्टिसिपेट करते हैं कानपुर से तो इस तरीके से मराठा अंपायर यहां पे खत्म होता है इन तीन बॉटल्स के बाद चलो इन तीनों बॉटल्स को हम सुम्मराइज करते हैं तो देखो फर्स्ट एंग्लो मराठा वार 1775 से 1782 के बीच में लड़ी जाति है ठीक है इस समय पेशवा जो होते हैं वो माधवराव पेशवा सेकंड होते हैं माधव और पेशवा सेकंड और ब्रिटिशर्स के बीच में लड़ाई होती है और ब्रिटिशर्स को सपोर्ट कौन करता है राघोबा ठीक है यहां पे जो सिटी साइन होती है वो सालबाई के एग्रीमेंट होता है सालबाई की संधि होती है 1782 में ये बात हमें पता चल चुकी है सेकंड अंग मराठा वार जैसे की फर्स्ट एंग्लो मराठा वार की शुरुआत कहां से होती है ट्रीटी का सूरत से होती है ट्रीटी का सूरत से इस बटर की शुरुआत होती है वैसे ही सामग्री सेकंड नंबर के एंग्लो मराठा वार की शुरुआत सिटी और भसीन से होती है 802 में और मराठा वार की शुरुआत 1803 से 1805 के बीच में होती है इसमें एक तरफ होलकर बस ने सिंधिया और राजा और भरतपुर है और दूसरी तरफ कौन है पेशवा बाजीराव सेकंड और ब्रिटिश 17 से 18-18 के बीच में होती है इसके बीच में यहां पर ट्रीटी का पुणे भी साइन होती है ट्रीटी का पुणे जो है वो पेशवा बाजीराव सेकंड के साथ होती है और डिक्लिन हो जाता है यहां पे मराठा अंपायर यह समुराई है आप यहां पर समरी को देख सकते हैं तो ये था हमारा एंग्लो मराठा वार आई थिंक आपको सारे के सारे पिक्चर थोड़ा सा क्लियर हुआ होगा अब एक बार जब आप रिवाइज करोगे ना तो सारे नाम आपको ऑटोमेटेकली याद हो जाएंगे बस आप सीक्वेंस थोड़ा सा याद रखेंगे तो ज्यादा आसन होगा आप लोगों के लिए क्लियर है तो मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में नेक्स्ट वीडियो में हम एंग्लो मैसूर वार के बड़े में डिस्कशन करेंगे चारों मेटल के बड़े में चारों संधिया के बड़े में गवर्नर के बड़े में सर कुछ हम अगले वीडियो में देखेंगे यहां पर याद रखना है वारेन हेस्टिंग है यहां पर है और थर्ड बैटल के समय है हैशटैग तो ये भी आपको याद रखना है ठीक है सो मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में टेक केयर बाय