तो आज का आपका टॉपिक है Anti-Diabetic Agent आज के इस लेक्चर में हम Anti-Diabetic Agents को डिटिल स्टडी करेंगे सबसे पहले मैं आपको बता दूं Anti का मतलब होता है Opposite और Diabetic का मतलब Diabetes तो आज के इस लेक्चर में हम ऐसे Agents पढ़ने वाले हैं ऐसे Drugs पढ़ने वाले हैं जो कि Diabetes को Oppose करें मतलब Diabetes को सही करें तो आज के इस लेक्चर में हम ऐसे Agents देखने वाले हैं आई रिपीट ऐसे एजेंट्स हम देखेंगे ऐसे ड्रक्स हम देखेंगे जो कि डायबिटीज को सही करती हो डायबिटीज आपने कई बार पढ़ा है डायबिटीज आपने पैथोफिजियोलोजी में पढ़ा है फामाकोलोजी में पढ़ा है ठीक है तो डायबिटीज को हमें अब सही करना है तो आज के लेक्चर में हम सब तरह की ड्रग्स देखेंगे और ड्रग्स का क्लासिफिकेशन देखेंगे कि किस तरह से हम ड्रग को क्लासिफाई करते है कौन सी short acting होती है, कौन सी intermediate acting होती है, कौन सी long acting drug होती है और उन drugs का mechanism of action क्या होता है, किस तरह से वो drug हमारे diabetes को सही करती है साती साथ इसी lecture में हम देखने वाले हैं insulin की preparation देखो, insulin एक essential hormone है, insulin regulate the blood glucose level जैसा कि आप सभी जानते हैं, blood में जो glucose level होता है उसको regulate कौन करता है इंसुलिन करता है तो आज के लेक्चर में इंसुलिन की देखने वाले हैं प्रेपरेशन साथी साथ देखेंगे इंसुलिन रिलीज कहां से होता है और इंसुलिन का इंट्रोडक्शन वगेरा और इंसुलिन का मेकेनिज्म वेक्षन की किस तरह से इंसुलिन जो है ग्लूकोस क ठीक है और फिर हम देखेंगे डायबिटीज क्या होता है और फिर ऐसी कौन सी ड्रग है जो डायबिटीज को सही करती है अब देखो ड्रग तो कई सारी है यहाँ पर आपको दिखा रखा है जैसे सल्फोनिल यूरिया, बाइग्वैनाइट्स, थायो, एजोलीडिन, डायोन्स थायो, एजिलिडिन, डाइओन्स के अंदर आपको रोजी ग्लिटाजोन, पियो ग्लिटाजोन दे रखा है, मेगलिटिनाइट्स के अंदर आपको रेपेगलिनाइट दे रखा है, एंड ग्लुकोसाइडेज इनिबीटर के अंदर आपको वोगली बोस और एकरा बोस दे रख ठीक है अब मैं आपको explain करूंगा सबसे बहुत ही diabetes फिर बताऊंगा कि anti diabetic drug किस तरह से diabetes को सही करती है और कौन-कौन सी drug होती है तो ये पूरा classification आपको exam में लिखना है जो कि आपके syllabus में mention है जैसे सबसे बहुत ही जैसे आपका rapaglinide और glucosidase inhibitor के अंदर acrabose और voglibose ठीक है अब आप यहाँ पर देख सकते हैं यहाँ पर आपको tall bitamite की synthesis भी दे रखी है आपको यहाँ पर star कर रखा है मतलब आपको tall bitamite की synthesis भी करनी है और जैसे कि मैंने आपको lecture के starting में बताया कि insulin release कैसे होता है insulin का preparation क्या है यह सब भी हम cover करने वाले हैं तो lecture को ध्यान से सुनते जाओ समझाने वाला हूँ तो चलिए diabetes की पूरी कथा को start करते हैं अगर आपको all lecture की requirement है तो आप check कर सकते हैं हमारी playlist जहांपर आपको unit wise सारे lecture मैंने mention किये हुए हैं और अगर आपको notes की requirement है तो आप check कर सकते हैं हमारी application depth of biology की application आप download कर सकते हैं play store से और आपको वहाँ पर सारे notes available मैंने कराए हुए हैं वहाँ पर लाइव लेक्चर्स भी होते हैं, ओनलाइन क्लासेस भी होती हैं, तो जरूर डाउनलोड कीजेगा डेप्ट अब बायलोजी अप्लिकेशन. चलिए लेक्चर को स्टार्ट करते हैं. तो चलिए स्टार्ट करते हैं डाइबिटीज से, सबसे पहले डाइबिटीज को समझते हैं, और डाइबिटीज को समझने के बाद हम ये देखेंगे कि एंटी डाइबिटिक एजेंट, और वीकेन से एंटी डाइबिटिक ड्रग किस तरह से डाइबिटीज को सही करती है.
आई रिपीट ब्लड में ग्लुकोस का लेवल बढ़ जाता है ठीक है अब डाइबिटीज में ऐसा क्या होता है जो ब्लड में ग्लुकोस का लेवल बढ़ गया तो ध्यान स यहाँ पर मैं खड़ा हूँ और मेरे पास कोई भी नहीं है पूछने वाला जो मुझे कहे कि मेरे बाबू ने थाना थाया फिर भी मैं खाना खा लेता हूँ थाना नहीं खाता हूँ मैं खाना खाता हूँ और जैसे ही मैं खाना खाता हूँ मेरी बोडी में मेरे ब्लड स्ट्र प्रोपर पंचन करने के लिए इवन हमारी ब्रेन सेल को तो ग्लुकोस की बहुत ही रिक्वारमेंट होती है तो जैसे हम खाना खाते हैं जैसे हम खाना खाते हैं कार्बोइड्रेड है ठीक है इंटरस्टेंट में अब जो गागलो को जो है ब्लड में आएगा अब लड़ में क्या चुका है ग्लुकोस अब इंसुलिन का काम है इंसुलिन क्या काम है इंसुलिन का काम है कि इस ग्लुकोस को सेल के अंदर तक पहुंचाना तो देखो जो आपका इंसुलिन हॉर्मोन होता है ना इंसुलिन हॉर्मोन जो है पैंक्रिया से रिलीज होता है अ पेनक्रियास में भी कहां से बीटा सेल से आगे जब हम इंसुलिन को देखेंगे तो वहाँ पर ये सारी बाते डबला जाएगी अब यहाँ पर आप इतना याद रखो पेनक्रियास में जो बीटा सेल होती है वहाँ से इंसुलिन रिलीज होता है और इंसुलिन का बहुती बड़ा योगदान होता है कि ग्लूकोस जो है सेल के अंदर चला जाएगी अब देखो वो कैसे होता है पूरी कहानी समझो मैं यहा� और यहाँ पर क्या है ग्लुकोस के मॉलिक्यूल है यह ग्लुकोस के मॉलिक्यूल आपको दिखा दिया मैंने यह आपकी सेल है यहाँ पर ठीक है तो अब हमें क्या करना है इन ग्लुकोस के मॉलिक्यूल को सेल के अंदर तक पोचाना है पर कैसे तो ध्यान से सुनो और समझो तो यह जो आपकी सेल होती है ना सेल के ऊपर होते हैं रिसेप्टार जैसे सपोस यहाँ पर लगा हुआ यह रिसेप्टार सेल के ऊपर क्या है रिसेप्टार और यह रिसेप्टार कौन सा होता है यह रिसेप्टार इंस अब नाम से पता लग रहा अगर इंसुलीन का रिसेप्टार है तो इससे आके कौन जुड़ेगा इंसुलीन आके जुड़ेगा तो ध्यान से सुनते जाओ समझते जाओ हमने देखा सेल के उपर होता है रिसेप्टार कौन से रिसेप्टार इंसुलीन के रिसेप्टार और इं और वीकेंट से रिसेप्टार में कन्फर्मेशनल चेंजेज आना और उसके बाद क्या होता है कि सेल के अंदर होते हैं ग्लूकोस के ट्रांसपोर्टर इस ग्लूकोस ट्रांसपोर्टर जिसको शोट में लिखते हैं जी एल यू टी जी एल यू का मतलब ग्लूकोस और टी क अब नाम से पता लग रहा है ग्लुकोस के ट्रांस्पोर्टर तो किसको लेने आये हैं? ग्लुकोस को लेने आये हैं तो ये ग्लुकोस जो आपके ब्लड में था अब इस ट्रांस्पोर्टर में आ जाएगा और सेल के अंदर चला जाएगा देखो यहाँ पर इंसुलिन आया वो सेल के सरफेस पे आए वो अंदर चला गया तो हमने देखा जो ब्लड में हमारा ग्लूकोस था वो कहां पर चला गया सेल के अंदर चला गया और जैसे ही ग्लूकोस सेल के अंदर जाएगा तो वहाँ पर ATP formation होगी और सेल अपना सारा काम करेगी तो हमने ये देखा कि इंसुलिन की वज़े से जो ग्ल तो दियान रखना इंसुलिन क्या करता है इंसुलिन ब्लड में ग्लुकोस के लेवल को कम करता है इंसुलिन के रिसप्टार से जुड़ता है जिस तरह रिसप्टार का एक्टिवेशन होता है विकेंट से कनफर्मेशनल चेंजेज आते हैं रिसप्टार में और अं� ठीक है सर हमें क्लियर हो गया कि इंसुलिन किस तरह से अपना काम करता है पर ये तो बताओ कि डायबिटीज क्यों हो रही है ये तो जनरल काम हो गया कि हाँ ग्लुकोस सेल के अंदर जा रहा कोई भी दिक्कत नहीं हो रही है अब डायबिटीज में क्या होता है वो सुनो या त तो सेल के अंदर जो ग्लुकोस के ट्रांसपोटर है वो सरफेस पर नहीं आएंगे और अगर ग्लुकोस के ट्रांसपोटर सरफेस पर नहीं आएंगे तो जो ग्लुकोस ब्लड में है वो ग्लुकोस अब सेल के अंदर नहीं जाएगा और ग्लुकोस जो है ब्लेड में से अंदर नहीं जाएगा मतलब कहीं न कहीं ग्लुकोस जो है ब्लेड में बढ़ता जाएगा और ये किस कंडिशन में ह अब दूसरी चीज देखो, एक तो हमें समझ में आ गया कि इंसुलिन की कमी से डाइबिटीज हो रही है, कैसे वो आपको पता लग गया, कि इंसुलिन की कमी है तो रिसप्टार से कम जोड़े गया, ग्लुकोस के ट्रांस्पोर्टर सरफेस पर कम जाएगा, और ग्लुकोस जो यह कैसे हो सकता है अगर इंसुलिन पूरा होगा सब्सक्राइब पूरा होने की वजह से रिसेप्टार से अच्छे से जुड़ेगा और सारा काम अच्छे से होगा तो फिर ऐसा आप कैसे कह सकते हैं कि इंसुलिन पूरा होने की बात भी आपको डाइबिटीज हो रही है तो उ नहीं जूड पाएगा भले इंसुलिन प्रोपर अमाउंट में भले इंसुलिन हमारे बिलेड में बहुत जादा है प्रोपर अमाउंट में सॉफिशिंट अमाउंट में पर रिसप्टार खराब होने की वज़े से रिसप्टार में कंफर्मेशनल चेंज आने की वज़े से इं एक्टिवेट नहीं हो पाएगा और जब रिसेप्टर एक्टिवेट नहीं हो पाएगा तो एक लुकोस के ट्रांसपोर्टर सेल की सरफेस पर नहीं आएंगे और ब्लड में जो ग्लुकोस है वो सेल के अंदर नहीं आएगा और जब ब्लड में जो ग्लुकोस है वो सेल के अं� और दूसरी condition जहां पर receptor ये आपके खराब हो जाते वैसे तो ये पूरा lecture मैंने आपको पढ़ा रखा है यहाँ पर जब मैंने आपको pathophysiology में diabetes mellitus पढ़ाये था यो chemistry में जब मैंने आपको diabetes mellitus पढ़ाये था देखो ये diabetes mellitus जो है biochemistry में, pathophysiology में, HAP में भी था साथे साथ आपके pharmacology, medicinal chemistry सभी जगह पर है ठीक है और ये जो आपका topic चल रहा है ना anti-diabetic ये आपका medicinal chemistry का topic है unit number 5th का अगर आप देखोगे फार्माकोलोजी फिफ्सेम की तो फिफ्सेम की फार्माकोलोजी में भी आपको यह टॉपिक दे रखा है देखो यूनिट नमबर 4 में जब आप फार्माकोलोजी देखोगे फिफ्सेम की तो वहाँ पर आपको अभी हम बात कर लेंगे देखो पेंक्रियास में अलफा, बीटा ठीक है तो अलफा जो है ग्लुकागोन रिलीज करता है बीटा जो है इंसुलिन रिलीज करती है आपको पता है इंसुलिन क्या करता है ब्लड में ग्लुकोस को कम करता है तो ग्लुकागोन क्या करेगा ब्लड में ग्लुकोस को बढ़ाएगा उल्टा काम करता है ठीक है तो यहा अब देखो यहाँ पर मैंने डायबिटीज की टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज बता रखी है टाइप 1 में क्या होता है? हमारी जो बीटा सेल है वो खराब हो गई, डिस्ट्रक्ट हो गई अब यहाँ पर आप देखिए इंसुलिन रजिस्टेंस हो जाता है मतलब कि रिसेप्टार से इंसुलिन सही से जुड़ने पारा वही वाली कंडिशन है यह तो वो टाइप 2 हो गई जब रिसेप्टार की दिक्कत है उसके बाद आपको यहाँ पर सिम्टम्स बता रखे हैं ठीक है आप जल्दी ठक जाओगे ठीक है और अनेक्स्प्लेन वेट लोस साते सात ब्लड विजन कि कंप्लीकेशन भी कई तरह की आ सकती है जिससे डाइबिटिक फूट इंफेक्शन हो सकता है आपको डेटिनोपेथी एंड ब्लाइंडनेस हो सकता है हार्ट एडिक के चांसेस हो सकते हैं पेरीफेरल नीरोपेथी हो सकता है परमेंट चेक किया जाता है और फिर आपकी देख चेक की जाती है अ अब देखो इंसुलिन के प्रेपरेशन जैसे कि आपको syllabus में mention है सबसे बले हमने diabetes अच्छे से समझ लिया अब ही anti-diabetic पढ़ने होले हम anti-diabetic पढ़ने से पढ़ना जरूरी था ठीक है और भी पढ़ना है तो यह lecture playlist में add है अब इंसुलिन और उसकी preparation देखते हैं और उस lecture को मैं इसी में add कर देता हूँ अब next थे आपका इंसुलिन मैंने पैथोफिजियोलोजी में पढ़ा रखा है, बायोकेमिस्ट्री में पढ़ा रखा है, मेडिसिनल केमिस्ट्री में पढ़ा रख इंसुलिन एक हॉर्मोन है चलो एक बार और कहानी हो जाए अगर आ गया है तो इंसुलिन की बात करते हैं ठीक है वन बावन सुनते जाना इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो की बीटा सेल से रिलीज होता है आई रिपीट इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो की पेंक्रियास में बीटा स देखो पेंक्रियास में कई तरह की सेल होती है, अलफा सेल, बीटा सेल, डेल्टा सेल, अलफा ग्लूकागोन निकालती है, डेल्टा सोमेटोस्टर्टिन निकालती है, हमें पता होना चाहिए कि बीटा सेल इंसुलिन निकालता है, इंसुलिन एक हॉर्मोन है, अब यह इंसुल और माल लीजिए यहाँ पर ग्लुकोस का लेवल बढ़ गया, यह ग्रीन कलर से मैंने ग्लुकोस दिखा रखा है, तो यहाँ पर हमें क्या करना पड़ेगा, इंसुलीन का इंजेक्शन लगाना पड़ेगा, यह उस कंडिशन में है जो डायबिटीज है, इंसुलीन देना पड सेल के उपर receptor होता है, insulin का, तो यह insulin जो है, insulin के receptor से bind होगा, जैसे ही insulin, insulin के receptor से bind होगा, अंदर कुछ glucose के transporter होते हैं, वो glucose के transporter यहाँ पे surface पे आना शिरू हो जाएंगे, और जो भी glucose बाहर होगा, उसको अंदर लेके चल जाएंगे, समझ में आ गया, insulin जो है, insulin के receptor पे जुड़ेगा, अंदर जो glucose के transporter थे, और बाहर जो भी glucose है उसको cell के अंदर ले जाएंगे, और अगर glucose cell के अंदर कल गया, मतलब glucose जो है blood में कम हो गया, तो इस तरह से insulin जो है blood में glucose के level को कम करता है, यहां तक तो आपको clear हो गया, और यह भी आपको clear हो गया कि insulin एक hormone है, जो कि beta cell release करती है pancreas से, तो हमें क्या करना है, rdna technology की मदद से, e-coli की मदद से, हमें insulin बनाना है, e-coli की मदद से, और E.coli में कुछ टेकनोलोजी की यूज़ करेंगे R.DNA टेकनोलोजी का यूज़ करके E.coli का यूज़ करके हमें इंसुलिन बनाना है तब से पहले इंसुलिन को डिसकवर्ड किया था इट वोस डिसकवर्ड बाई सर एडवार्ड शार्पी स्केपर इन 1916 एक प्रोटीन है सिंपल प्रोटीन है जहां पर 51 अमीनोएसिड होते हैं अमीनोएसिड है पर और अमीनोएसिड जुड़ते हैं तो क्या बनता है प्रोटीनी बनता है ना अगर मैं बोलूं अमीनोएसिड है 51 तो 51 अमीनोएसिड इस तरह से जुड़े बोलते हैं तो इंसुलीन क्या होता है इंसुलीन जो है एक स्मॉल सिंपल प्रोटीन होता है जो कि 51 अमीनोएसिड का बना होता है साते सात इसका molecular weight है 580 at delta जो insulin है उसका molecular weight होता है 580 at delta अब insulin में आपको दो तरह की chain देखने को मिलती है एक होती है chain A एक होती है chain B देखो यहाँ पर आपको दो तरह की chain देखने को मिल रही है chain A, chain B and this is mature insulin इससे पहले एक condition होती है जहाँ पर तीन chain होती है chain A, B, C तीन chain देखने को मिलती है इसे हम बोलते हैं प्रो इंसुलिन तो होता क्या है प्रो इंसुलिन से इंसुलिन बनते टाइम आई रिपीट प्रो इंसुलिन से मैचूर इंसुलिन बनते टाइम या फिर नॉर्मल इंसुलिन बनते टाइम चेन C जो है रिमूव हो जाती है तो ध्यान रखना है एक विशेष और प्रो इंसुलिन में तीन हुआ करती थी चेन A, B, C, बट जैसे ही मैचुरेशन हुआ चेन C जो है रिमूव हो गई, ठीक है, अब ये चेन A और चेन B जो है मैचुर इंसुलिन में ये दोनों जुड़े होते हैं डाई सल्फाइड बॉंड से, ठीक है, अब देखो, जो चे और हमने यह बोला था कि यहाँ पर 51 अमीनो एसिड होते हैं तो दो चेन है चेन ए और चेन बी मैचूर इंसुलिन की बात करने चेन ए चेन बी और चेन ए में होते हैं 21 अमीनो एसिड और चेन बी में होते हैं 30 अमीनो अब आपको क्या करना है आपको बनाना है इंसुलिन तो इंसुलिन बनाने का सीधा सा तरीका सबसे पहले आपको चाहिए जीन ठीक है जीन के साथ आपको चाहिए वैक्टर अब जीन कौन सा चाहिए डिजाइडेबल जीन मतलब इंसुलिन का जीन किसका जीन चाहिए इंसुलि ओराई साइट होनी चाहिए सिलेक्टेबल मार्कर जीन होना चाहिए यह सब हमने देखा था वेक्टर में जब अपने क्रेक्टेस्टिक फीचर देखे थे इस टर्डियू ऑफ प्लोनिंग वेक्टर किस तरह से होना चाहिए जैसे पीबी 322 तो सारी फीचर हमने देखे थे अब जीन हमारे पास ठीक है इंसुलीन का वेक्टर तैयार है तो जीन और वेक्टर मिलकर क्या बनाता है आज यह ने ऑल सोने स्काइमेरिक डीएन है और यह आज यह ने रिकोमिनेंट डीएन है हम और E-COLI में डालने के बाद आपको मिलेगा आपका प्रोडक्ट जिसको आप बोलोगे इंसुलिन और ये आपने बनाया है तो इसका नाम आजाएगा ह्यूम्यूलिन क्या बोलोगे ह्यूम्यूलिन तो ज्यान रखना जब आपके पास डेजारेबल जीन हो जो कि आपने बीट इंसुलिन को आप एक और नाम से बोलोगे, ह्यूमिलिन क्योंकि ये आपने बनाया है, और ये जो आप बनाते हो ह्यूमिलिन, ये ह्यूमिलिन जो होता है more safe, more pure, more stable होता है, I repeat, more safe, more pure and more stable होता है, ठीक है, तो देखो, एली लिली जो कमपनी है, उसने इसे कैसे बनाया था, सबस वेक्टर के साथ और वेक्टर भी इकोलाई से निकालते हैं हम डालेंगे आईडीएने को इकोलाई में और वेक्टर भी कहां से निकालेंगे इकोलाई से तो जीन ए जीन भी दोनों डिजाइड जीन है हमारे पास ठीक है और यह ग्रीन कलर से मैंने बता रखा है वेक्टर इध इन दोनों desired gene को हमने vector के साथ जोड़ दिया और desirable gene plus vector मिलके बन गया rDNA अब rDNA को कहाँ पर डालना है E-coli में तो यह आपके सामने है E-coli इस is E-coli, इस is E-coli bacteria ओके तो एक डाल दिया आपने rDNA इसमें और एक डाल दिया आपने rDNA इसमें यह आपके पास था gene A तो यहाँ पर बनेगी chain A और यह आपके पास था gene B तो यहाँ पर बनेगी चेन बी ठीक है और आपको पता है चेन ए और बी इन दोनों का अगर मैं मिला दूं तो क्या बनेगा इंसूलिन क्योंकि आपको पता है ना इंसूलिन में कितने तरह की चेन होती है दो तरह की ये चेन ए ये चेन बी और यहाँ पर कुनसे बॉंड होते हैं डाइसलफाइट ब� रीकॉम्बिनेंट इंसुलिन क्योंकि रीकॉम्बिनेंट सेल से बना, ह्यूमिलिन क्योंकि आपने बनाया, इंसुलिन, इंसुलिन तो है ही, और मैचॉर इंसुलिन क्योंकि दो ही चेन है, चेन A और B, और दोनों को मिला कि यहाँ पर 51 अमीनो एसेड होते हैं, तो इस तरह से काफी थियोरी भी देख लिए, उसके बाद इसका प्रोड़क्शन भी देख लिया अभी जो आपने लेक्चर देखा, वो था आपके इंसुलिन का प्रिपरेशन का लेक्चर जहाँ पर हमने RDNA टेकनोलोजी से इंसुलिन को प्रिपेर किया है इसलिए इंसुलिन का प्रिपरेशन होने के बाद चलते हैं सल्फोनेल यूरिया, बाइग्वैनाइट, थायो और जलेडिन, डाइ ओन्स, मेगलीटेनाइट, ग्लोकोसाइडेस इनिवेटर पर और देखते हैं one by one कि इनका mechanism of action क्या होता है देखो मैं सबका mechanism of action बताने वाला हूँ अब कल को अगर आपसे एक question आ जाए कि chlorpropamide का mechanism of action बताईए कि किस तरह से chlorpropamide जो है anti-diabetic का काम करता है sulfonyl urea के अंडर में तो मैं आपको बताने वाला हूँ sulfonyl urea का तो जैसे मैं आपको sulfonyl urea का बता दूँगा तो इसके अंदर जो 12-butamide है इसके अंदर जो chlorpropamide है इन सभी का same mechanism of action है बाग्वेनाइट्स का बता दिया तो वही मेटफॉर्मिन का हुआ, मेगलिटेनाइट्स का बता दिया तो वही रेपेगलिनाइट का हुआ, ग्लुकोसाइडिस इनिवेटर का बता दिया तो वही आपके वोगली बोस का हुआ और एकराइबोस का हुआ, तो ध्यान रखना मैं मेकनिजम अवेक्षन पूछा है कि किस तरह से ग्लुकोसाइडिस इनिविटर जो है एंटिडाइबिटिक एजेंट की तरह काम आते हैं तो चलिए स्टार्ट करते हैं इंसुलिन की प्रिपरिशन हमारी होई चुकी है अब हम देखने वाले एंटिडाइबिटिक तो सबसे पहले आपको classification लिखना है जो आपके syllabus में mention है उसके बाद आपको यहाँ पर एक over review देना है कि जो sulfonylurea है वो क्या करता है increase insulin release sulfonylurea जो drugs होती है जैसे कि आपका 12 विटामाइड है तो यह जो agents होते हैं यह जो drug होते हैं इन्सुलिन के release को बढ़ाते हैं ठीक है कही नगई अगर इंसुलिन की कमी होगी तो हम क्या दे देंगे सल्फोनील यूरिया ये सल्फोनील यूरिया क्या करेंगे इंसुलिन को बढ़ा देंगे और इंसुलिन बढ़ने पे क्या होगा इंसुलिन बढ़ेगा तो इंसुलिन तीनी सब टार से जुड़ेगा तो यह जो आपका मेगलिटिनाइट्स है ना, अब यह मैं सल्फोनीर यूरिया का मेकनिज्म अफेक्शन बताऊंगा, तो सेम मेकनिज्म अफेक्शन है मेगलिटिनाइट्स का, फिर आपके आते हैं बाइग्वनाइट्स, बाइग्वनाइट्स का कोई भी इफेक्ट नहीं होता देखो इंसुलिन का रिजिस्टेंस हो गया था ना मतलब रिसेप्टर सही से काम नहीं कर रहे थे तो यह वाली डरग उसको सही करेगी उसके बाद अलफा ग्लुकोसाइडेज इनिविटर तो यहाँ पर क्या होगा कि कार्बोहाइड्रे हाँ बाई मेरे पास कोई भी बाबू नहीं है फिर भी मैंने क्या कहा खाना खाया क्योंकि थाना तो है नहीं फिर मेरे पास तो मैं जैसे ही मैंने खाना खाया अब मेरे अंदर क्या आ गए ग्लुकोस आ गए तो ग्लुकोस कब आएंगे जब इंटरस्टाइन में एब्जॉप तो ग्लुकोस कैसे मिलेगा खाना खाएंगे खाना पचेगा उसके बाद इंटेस्टाइन में जाएगा और इंटेस्टाइन में जाकर एब्जोब होगा तो इंटेस्टाइन में जो एब्जोब्शन है उसी को रोक दो डिले कार्बोइडेड एब्जोब्शन फ्रॉम जी आ� मेहनत और मशकत करने के बाद हम ब्लड के गलोकोस का लेवल को कम करने वाले देखो तो सबसे पहला मेकनिस्म अविक्षन है आपके सल्फोनिल यूरिया का सबसे पहले मैं जनरली बताऊंगा जनरली होता क्या है फिर बताऊंगा कि सल्फोनिल यूरिया देने से किस तरह से काम हो रहा है चल ये स्टार्ट करते हैं जनरल मेकनिजम अफेक्शन कि किस तरह से नॉर्मली काम होता है फिर सल्फोनिल यूरिया दे कर बताऊंगा है तो देखो जैसा कि आप सभी जानते हैं सेल के ऊपर इंसुलिन के रिसेप्टार होते हैं और इस रिसेप्टार से इंसुलिन आए जुड़ता है जब इस रिसेप्टार से इंसुलिन आए जुड़ता है तो अंदर की जो ग्लुकोस के ट्रांसपोर्टर वह सेल के अंदर आ रहा है विद द घृणि को ट्रांसपोर्टर ठीक है यहां पर यह कहानी मैंने नहीं बताई आप लिख सकते हैं कि इंसुलिन आगे जुड़ेगा रिसेप्टार एक्टिवेट होंगे कंफर्मेशनल चेंजेस आएंगे रिसेप्टार में उसके बाद ग्लुकोस के ट्रांसपोर्ट और सेल के सरफेस पर आएंगे फिर जाक ठीक है पायर विक बन गया फिर पायर विक आगे जाकर सेट्रिक चलाएगा तो यह साइकल चलती रहती है तो यहाँ पर मैंने आपको बता रखा है कि ग्लुकोस जैसे सेल के अंदर आया तो ग्लुकोकाइनेस एंजाम की मदद से यह कन्वर्ट हुआ 6 ग्लुकोस फोस्पेट म कि उसके बाद आप देख सकते हैं जैसे ही एटीपी रिलीज होता है यहां पर पोटीशन चैनल ओपन हुआ है पोटीशन चैनल जो होते हैं एटीपी सेंसिटिव होते हैं मतलब यह पोटीशन चैनल एटीपी की प्रेजेंस में ही चलेंगे और जैसे ही पोटीशन चैनल ओपन होते हैं अंदर का जो पॉजिटिव चार्ज है अंदर का जो सेल के अंदर जगह मतलब है तो मैं रिपीट कर देता हूं सबसे पहले आपके पास ग्लुकोस था ग्लुकोस जो इस सेल के अंदर आया ग्लुकोस टांसपोर्टर की मदद से इन द प्रेजेंस ऑफ ग्लुको का इन इस व कन्वर्ट हुआ सिक्स ग्लुकोस फॉस्फेट में फिर तो पोटेशियम जो ATP सेंसिटिव चैनल है पंप है वो ओपन हुए और उसकी वज़े से अंदर जो आपके ICF में इंटर सेलिलर फ्लूड में जो पोजिटिव चार्ज था जो पोटेशियम था वो बाहर जाना स्टार्ट हो गया आपके एक्स्ट्रा सेलिलर फ्लूड में इस त मैंने आपको एक आइडिया दिया था कि सल्फोनिल यूरिया जो है इंसुलिन के रिलीज को बढ़ाएगा तो चलिए देखते हैं कि सल्फोनिल यूरिया किस तरह से इंसुलिन के रिलीज को बढ़ा रहा है। देखो सबसे पहले तो ये द्यान रखो कि जो सल्फोनिल यूरिया है ना वो आपके सल्फोनिल यूरिया रिसप्टार से जुड़ेगा। देखो जैसा इंसुलिन के लिए इंसुलिन का रिसप्टार है। ठीक है। वैसे ही सल्फोनिल पेन्क्रियास में बीटा सेल है और आपको मैंने बोला कि संपोनील यूरिया किस तरह से काम करेगा यह जो आपका संपोनील यूरिया होता है ना यह इंसुलीन के रिलीज को बढ़ाएगा और अगर इसको इंसुलीन के रिलीज को बढ़ाना है तो कौन सी सेल पर एक्ट करेग इन द प्रजेंस अप लुको का इनेज वह कंवेट हुआ सिक्स ग्लुकोस फॉस्टवेट में फर्दन कंवर्जन हुआ और यहां पर माइटोकोंडिया से एटीपी रिलीज हुई एटीपी रिलीज होने के बाद यहां पर पोटेशन चैनल ओपन हुए जो कि यह एटीपी सेंसिटिव है और इसके बाद पोटेशन जो है अंदर से बाहर की तरफ मूवमेंट कर रहा है अ जो opening है इसको बंद कर देगा, potassium channel open हुआ थे जिसकी वज़े से potassium जो है अंदर से बाहर जा रहा था, अब अगर potassium का channel बंद हो गया, तो potassium जो है अंदर से बाहर नहीं आ पाएंगे, और potassium अंदर बढ़ते जाएंगे, potassium का level अंदर बढ़ता जाएगा, तो हम यह कह सकते हैं कि positive charge ज और जैसे ही potassium का channel ब्लॉक हुआ तो जो potassium बाहर जा रहा था वो बाहर नहीं जा पा रहा और वो cell के अंदर ही बढ़ता जा रहा है तो हम यह कह सकते हैं potassium जो है cell के अंदर बढ़ता जा रहा है और जब कभी potassium cell के अंदर बढ़ता जाएगा बढ़ता जाएगा तो उस condition में calcium channel open हो जाते हैं potassium का efflux ब्लॉक हो चुका है due to sulfonylurea जिसकी वज़े से opening हुई है voltage dependent calcium channel की calcium channel की opening हुई है और जैसे ही केल्शियम चैनल ओपन हुए हैं तो केल्शियम जो है एक्स्ट्रा सेलुलर फ्लूट से इंट्रा सेलुलर फ्लूट में आ रहे हैं मतलब सेल के बाहर से सेल के अंदर आ रहे हैं तो पहली तो पॉजिटिव चार्ज था और केल्शियम आ रहे हैं तो और पॉजिट तो अब इंसुलिन के रिसाप्टार से जोड़ेगा, ग्लुकोस के ट्रांसपोर्टर सेल सरफेस पर आएंगे, और ग्लुकोस जो है सेल के अंदर चल जाएगा, और डाइबिटीज आपकी सही हो जाएगी, तो इस तरह से हमने देखा कि सल्पोनिल यूरिया किस तर उसकी वजह से क्या होता है जो इंसुलिन के ग्रेनूल है वो रिलीज हो जाते हैं सेल के बाहर और वी केंद्र से प्रो इंसुलिन से इंसुलिन बन जाता है वो रिलीज हो जाता है और इंसुलिन ब्रड में रिलीज होने के बाद वो सेल के रिसप्टार से जुड़ेगा ग्ल� adverse effect क्या है अगर आप sulfonylurea ज़्यादा ले लेते हैं तो weight gain हो सकता है या फिर hyperinsulinemia हो सकता है मतलब insulin बहुत ज़्यादा हो सकता है क्योंकि आपको पता है कि sulfonylurea क्या करा रहा है insulin release करा रहा है तो हो सकता है sulfonylurea बहुत ज़्यादा देने पर insulin बहुत ज़्यादा हो जाए आपके blood में और insulin अगर आपके blood में बहुत ज़्यादा हो गया तो insulin का क्या काम है कि blood में से जो glucose है उसको कम कर देगा तो insulin बहुत ज़्यादा हो गया तो blood का glucose level बहुत कम हो जाएगा और जब blood का glucose level बहुत कम हो जाएगा तो उसको बोलते हैं तो यह सारे एडवर्स एफेक्टेड वेट गेन हाइपर इंसुलीनीमिया एंड हाइपोग्लाइसीमिया और यहां पर आपको एक्शन दे रख यह जो आपका सल्फोनील यूरिया इसमें कई तरह की ड्रग है मैंने आपको स्टार्टिंग में बताइए तो इसमें अगर शोर्ट एक्टिंग में बताऊं तो वह है टॉल ब्यूटामाइट जिसकी सिंथेसिस भी आपको दे रखी है तो चलिए टॉल टॉल इन का मतलब होता है बेंजीन के ऊपर सीएस इसकी रिएक्शन आपने कराई है सीएल ऐसो थ्री एच और हमें होता है ध्यान से सुनना अ जैसे कि यहाँ पर मैंने आपको बता रखा है टोलिन की स्ट्रक्चर तो यहाँ पर जो हाइड्रोजन है ठीक है अब वो हाइड्रोजन और यहाँ का यह हाइड्रोजन जिहाँ से देखते जाओ एक तो यह हाइड्रोजन हो गया एक यह हाइड्रोजन हो गया तो क्या हो गया H अब उसके बाद इसकी रियक्शन मैंने कराई है एनेस थ्री एस सीएल से तो अब देखो जब मैं एसो टू सीएल की रियक्शन एनेस थ्री एस सीएल से कराऊंगा तो क्या होगा आप यहां पर देख सकते हैं एस ओ टू ठीक है एस एडिज एस और टू है अब यहां पर आप देखिए एनेस थ्री था पर यहां पर हमने एनेस टू अटेज कर रखा ऐसा क्यों क्योंकि यहां का एक हाइड्रोजन और यहां का जो आपको सीएल दिख रहा है यह तो यह हाइड्रोजन और सीएल निकल चुका है और निकलने के बाद इसने एस सीएल रिलीज कर दिया तो यहां से तो CL और यहां से एक hydrogen निकल गया तो बचेगा क्या बचा आपके पास NH2 और यहां से SO2 तो आप देख सकते हैं SO2 NH2 उसके बाद इसके reaction आपने करा दी pyridine के साथ pyridine in the presence of CL C double bond O C2H5 ethyl chloroformate तो यहां पर क्या बनेगा देखो as it is benzene के उपर CS3 तो रहेगा benz ठीक है एनएच का एनएच है एसो टू एनएच वेलेंसी मेंटेन करनी पड़ती है इसलिए फिर हाइड्रोजन को रिप्लेस करना पड़ता है तो एसो टू एनएच का एनएच है उसके बाद यह जो आपका सी ओ है यहां पर भी क्या है देखो सी ओ देख रहा चीज होगी है वह देखो क्या हुआ यहां पर जो आपका एनएच टू था एनएच एच इस तरह से लिख दूं तो अब यहां से है और एक क्लोरीन यहां से गया तो यहां पर एस्ट्री निकल गया एक हाइडोजन यह गया एक सिल्ट यह गया तो अब बचा क्या वह देखो साथ में देखते जाओ एसोटू का एसोटू यह एसोटू उसके बाद यहां पर क्या बच गया अब सिर्फ एसट्री निकल गया ठीक है उसके बाद यह जो सी ओओ सी टू एच पाइप है यह भी आप यहां पर एड कर दो सी ओओ सी टू एच पाइप तो आप देख सकते हैं यह मैंने लिखा हुआ है एसोटू एनएच सी ओओ सी टू एच पाइप है तो रिएक्शन बहुत इजी होती है जस्ट एक स्टेप पहले से देखते जाओ करते जाओ रेटने वाली तो कोई जरूरत नहीं है ठीक है आगे रिएक्शन आपने करा दी सीएस थ्री सीएस टू का होल थ्राइस तो इसके बाद फाइनल आपका तो यह आपकी टॉल बीटामाइट की स्ट्रक्चर बन गई है बेंजिन के उपर CS3 और पेरा पोजिशन पर है SO2, NH3, NH2, CS2 का होल्थ राइस और CS3 तो यह हो गई आपकी टॉल बीटामाइट की सिंथेजिस हमने स्टार्ट करी थी टॉलिन से चलिए आगे चलते हैं और भी बहुत कुछ हमें देखना है सेकंड या आपका मेटफॉर्मिन देखो मेटफॉर्मिन कैसे काम करता है वो सुनो और समझो हमारा जो लीवर होता है लीवर में हमारे पास एंजाइम होता है एमपीके इसको एक्टिवेट कर देता है मेटफॉर्मिन यह सिंपली एमपीके को एक्टिवेट करता है मतलब एडिनोसिन मोनो फॉसफेट काइनेस को एक्टिवेट करता है जिसकी वजह से ग्लूको नियो जनेसिस रुक जाता है देखो नाम से पता लग रहा है ग्लूको मतलब ग्लूकोस, नियो मतलब नया और जनेसिस मतलब बनना मतलब नया ग्लूकोस के बनने को रोग देता है और हमें यही तो चाहिए क्योंकि हमें तो ब्लड में ग्लूकोस के लेवल को कम करना है तो यह जो आपका AMP के एंजाय में य तो इस तरह से मैट फॉर में काम करता है हमारे लिवर में जो एंजाइम होता है एमपी को एक्टिवेट कराकर एडिनोसिन मोनोफॉस्फोइड का इन्यूस को एक्टिवेट कराकर यह जो है ग्लुकोनियोजनेसिस को एनिविट कर देता है यहां पर एक बात बताओ यहाँ पर सेल है और सेल में ग्लुकोस जा नहीं रहा पर अगर मेटफॉर्मिन आया तो मेटफॉर्मिन ने क्या करा ग्लुकोस के अप्टेक को बढ़वा दिया मतलब सेल के अंदर ग्लुकोस को जाने दे रहा है और जैसे सेल के अंदर क्योंकि liver की cell कौन सी cell होती है, hepatic cell, उसके बाद slows the intestinal absorption of sugar, अगर glucose का absorption कम हो जाएगा, तो absorption कम होने की वज़े से blood में glucose का level कम हो जाएगा, ठीक है, तो इसलिए metformin क्या करता है, metformin जो है slow कर देता है intestinal absorption of sugar को, क्योंकि अगर absorption जादा होगा, तो absorption जादा होने की वज़े से blood में sugar ठीक है मैट फॉर मेन ऑल सो डिक्रेज एपिटाइट मैट फॉर मेन जो है भूख लगने को कम कर देता है अब ध्यान से सुनो जैसे मान लीजिए मैं यहां पर खड़ा हूं और अगर मुझे भूखी नहीं लगेगी मुझे कुछ खाने का मनी नहीं करेगा तो तो इस तरह से मेटफॉर्मिन काम करता है अब मेटफॉर्मिन का काम यहां पर भी आपको दे रखा है कि इंटेस्टेंट में क्या करेगा लीवर में क्या करेगा स्केलिटल मसल में क्या करेगा तो इस तरह से फ्लो चार्ट बना के आप समझा देना यह आगे चलते हैं नेक्स् तो हाइपो ग्लाइसीमिया हो जाता है तो सारी एंटी डायबिटिक एजेंट और एंटी डायबिटिक ड्रग के एडवर्सिफेक्ट में यह लिख सकते हो आप कि यह हाइपो ग्लाइसीमिया कर सकते हैं उसके बाद नेक्स्ट है आपके पास थाया अजोलिडीन डाय ओन्स तो तो दियान रखना यह जो थायो एजॉलिडिन डायोंस होते हैं यह बाइंड होते हैं एज़ एगोनिस्ट और बाइंड हो रहे हैं तो किसी रिसेप्टर से बाइंड होंगे तो रिसेप्टर का नाम है पी ए आर गामा क्या बलोगे पी ए आर गामा जिसका नाम होता है है तो यह जो आपका पीपी एडिटा होता है यह जो रिसेप्टर होता है इसके साथ जाकर बाहर हो जाता है आपका थायो अजिलिडिन डायोंस एगोनिस्ट और एगोनिस्ट होगा तो रिसेप्टर को एक्टिवेट करेगा और आगे जाकर एक्शन होगा तो एक्शन कैसे आता है वह देखो दिस एजेंट आर एंसुलिन सेंसिटाइजर देखो एंसुलिन सेंसिटाइजर एजेंट अभी तक हमने देखा था कि इंसुलिन का सेक्रेशन हो रहा है पहले तो फिर हमने देखा था कि ग्लुकोनियोजनेसिस को रोक दो नया ग्लुकेस को बनने के से रोक दो अब यहाँ पर हमने क्या देखा है कि ये इंसुलिन सेंसेडाइजर्स होते हैं ठीक है अब देखो यहा� हैपिटोसाइड में और इसके लिटल मसल में मतलब इंसुलिन ज्यादा रिसेप्टार से जुड़ेगा और जितना इंसुलिन रिसेप्टार से जुड़ेगा उतना ग्लुकोस के ट्���ांसपोर्टर सेल के सर्फेस पे आएंगे और ग्लुकोस को जो है बलेड में से कम कर देंग क्यों रोका जा रहा है क्योंकि ग्लुकोस अगर रिलीज होगा तो ब्लड में तो पहले से ग्लुकोस है तो हम चाहते ही नहीं है कि ग्लुकोस रिलीज हो तो यहाँ पे लिखा है कि लीवर में से ग्लुकोस के आउटपूट को साथी साथ मसल में ग्लुकोस का सेल जादा ग्लुकोस को यूज लेगी तो एडिबोस टिशू में मसल में तो ग्लुकोस का अप्टेक बढ़वाना है और लीवर में ग्लुकोस के आउटपूट को कम करना है यह सारा काम होता है थाया अजोलेडिन डायोन्स का ठीक है यहाँ पर इसके फार्मा को कैनेटिक दे रखी है कि यह जो ड्रग होती है थाया जब आप इसे लेते हो तो हो सकता है कि औरल कंटरसेप्टी जो पिल होती है बर्थ कंट्रोल पिल वो अपना काम सही से उसके बाद चलते हैं आपकी पास Megalitinides तो देखो जो सबसे पहले हमने Sulphonil Urea देखा था उसे की तरह same mechanism of action है हमारे Megalitinides का बस फर्क इतना सा है Onset and duration of action are much shorter यहाँ पर जो Onset action है Duration of action है वो बहुत कम है उसके बाद Less Hypoglycemia than Sulphonil Urea I repeat Less Hypoglycemia as compared to Sulphonil Urea बाकि तो सब कुछ सेम है कि potassium channel को बंद कर देगा जिसके वज़े से calcium अंदर बढ़ता जाएगा और insulin का reduce बढ़ जाएगा ये देखो जो सेम था आगे वही सेम है यहाँ पर भी ठीक है अब next चलते हैं आपका next है आपके पास alpha glucosidase inhibitor तो ये किस तरह से काम करता है वो देखो ध तो यहाँ पर यह मेरा फूट रखा हुआ है और जब मैं इसे खाऊंगा तो कार्वोआइडेड है ग्लुकोस बनेगा और ग्लुकोस इंटरस्टाइन में जाके एब्जोब होगा और वीकेंट से सूगर जो है इंटरस्टाइन में जाके एब्जोब होगी तो हम तो खाते हैं यह जो enzyme है alpha glucoseidase enzyme यह कहाँ पर present होता है हमारी intestine में I repeat alpha glucoseidase present on brush border of intestine which are responsible for the conversion of starch into glucose or large particle into small particle तो अब हम क्या करने वाले हैं हम जो glucoseidase inhibitor देने वाले न यह जो glucoseidase inhibitor है यह क्या करेगा यह जो glucoseidase enzyme है इसको रोक देगा जब यह enzyme रोक गया तो क्या आप starch जो है glucose में convert होगा नहीं होगा और ग्लुकोस बन ही नहीं रहा, तो ग्लुकोस एब्जॉब होने का तो सवाल ही नहीं उठता, तो इस तरह से हम स्टार्ज को कनवर्ट ही नहीं होनेंगे, जब हम कनवर्ट ही नहीं होनेंगे, डाइजिशन में देरी ला देंगे, और डाइजिशन में देरी लाने से क्या हो� कौन सा एंजाम देखे ग्लुकोसाइडेस इनिविटर देखे यह इस तरह की ड्रग होती है जो कि ग्लुकोसाइडेस एंजाम को इनिविट कर देती है और जब यह ग्लुकोसाइडेस एंजाम इनिविट हो जाएगा तो स्टार्ट जो है आपकी ग्लुकोस में कन्वर्ट नही तो ग्लोकागॉन को कम कर देते हैं, और बीटा सेल को बढ़िया स्टुमिलेट करते हैं, तो बीटा सेल इंसुलिन निकालता है, इंसुलिन निकालने से ग्लोकोस का अप्टेक होगा, और ब्लड में ग्लोकोस का लेवल कम होगा, तो इस तरह से आपका ग्लोकोसाइडेस इने� और anti-diabetic drugs के बारे में सब कुछ देख लिया है, उसके side effect, adverse effect भी देख लिया है, उसका pharmacokinetics तक हमने देख लिया है, सब कुछ, mechanism of action वगेरा वगेरा, सब कुछ हमने काफी detail में पढ़ा है, मैं repeat कर देता हूँ, यह topic आपको medicam में भी है, ecology में भी है, तो ध्यान से पढ़ना है कि एप्पल यूजर भी डेप्ट अप्लीजी एप्लीकेशन को डाउनलोड कर सकते हैं एप्ल यूजर को डाउनलोड करना है माय इंस्टिटूड एप्लीकेशन जिससे वह एप स्टोर से माय इंस्टिटूड एप्लीकेशन को डाउनलोड करेंगे उसके टेलीग्राम से जुड़ जाना इंस्टाग्राम से जुड़ जाना क्योंकि टेलीग्राम इंस्टाग्राम पर सारी रेगुलर अपडेट मीम पोल सब कुछ आते हैं तो दोनों आपके लिए काफी बेनिफिशल रहेंगे और इन सब के लिंक एप्लिकेशन के लिंक टेलीग्रा