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भारतीय आर्थिक विकास की यात्रा

Sep 6, 2024

भारतीय आर्थिक विकास की शुरुआत

विषय परिचय

  • आज से भारतीय आर्थिक विकास (Indian Economic Development) की चर्चा शुरू।
  • कहानी के फॉर्मेट में टॉपिक कवर किए जाएंगे।
  • समय रेखा: 1757 से पहले, 1947, 1951-56।

1757 से पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था

  • कृषि आधारित अर्थव्यवस्था (Agrarian Economy):

    • 85% जनसंख्या कृषि क्षेत्र पर निर्भर।
    • खेती का मुख्य उद्देश्य आत्म-उपयोग।
    • प्रोडक्शन में पार्टर सिस्टम का प्रयोग।
  • व्यापार और हस्तकला:

    • हस्तनिर्मित वस्तुओं का निर्यात।
    • भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।
  • आर्थिकी का विकास:

    • आत्मनिर्भरता, कम आवश्यकताएँ।
    • कृषि और हस्तकला व्यवसाय से आय।

उपनिवेशीय शासन (Colonial Rule)

  • 1757 में प्लासी की लड़ाई से शुरू।

  • 190 वर्षों तक ब्रिटिश राज और उसके प्रभाव।

    • उद्देश्य: भारत को कच्चे माल का निर्यातक और तैयार माल का आयातक बनाना।
    • कृषि क्षेत्र का नुकसान।
  • जमीनदारी प्रणाली:

    • किसान से मालिकाना हक छीनकर जमीनदार को सौंपा गया।
    • कृषक को तय लगान देना आवश्यक।
  • व्यापार में परिवर्तन:

    • वाणिज्यिक खेती की ओर बदलाव:
      • खाद्य फसलें छोड़कर नकदी फसलें (जैसे जूट, कपास, नील) उगाने की प्रेरणा।
    • परिणाम: खाद्य सुरक्षा में कमी, ब्रिटिश शासन पर निर्भरता।
  • उत्पादन की कमी:

    • निम्न स्तर की उत्पादकता।
    • जल उपयोग की कमी और तकनीकी अव्यवस्था।

कृषि क्षेत्र की स्थिति स्वतंत्रता के समय

  • 1947 में कृषि क्षेत्र की स्थिति:

    • 72.7% जनसंख्या कृषि पर निर्भर।
    • उच्च अनिश्चितता और परिवर्तनशीलता।
  • स्टैग्नेंट अर्थव्यवस्था:

    • स्थिरता और कम विकास दर।
    • जीडीपी वृद्धि दर 2% और प्रति व्यक्ति आय 0.5%।

पाठ्य पुस्तक का प्रस्ताव

  • Indian Economic Development की किताब में सभी जानकारी उपलब्ध।
  • यह विषय NCERT पुस्तक में भी पाया जा सकता है।

निष्कर्ष

  • भारतीय आर्थिक विकास की यात्रा को समझना आवश्यक है।
  • उपनिवेशीय शासन के प्रभाव को जानना ज़रूरी है।