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फ़ायन्स के नियम और रासायनिक बंधन
Jul 31, 2024
फ़ायन्स के नियम
परिचय
केमिस्ट्री में फ़ाय न्स के नियम महत्वपूर्ण हैं।
ये बताते हैं कि रासायनिक बंधन में आयनिक और कोवेलेंट कैरेक्टर कहाँ अधिक है।
ये नियम पोलिश वैज्ञानिक कासिमिर फ़ायन्स द्वारा प्रस्तुत किए गए थे।
आदर्श कोवेलेंट और आयनिक बंधन के बीच अंतर
आदर्श कोवेलेंट बंधन:
इलेक्ट्रॉन जोड़े को समान रूप से साझा किया जाता है।
आदर्श आयनिक बंधन:
इलेक्ट्रॉन पूरी तरह से स्थानांतरित होता है।
फ़ायन्स के नियमों का महत्व
इन नियमों को समझने के लिए हमें आदर्श बंधनों का अंतर समझना होगा।
आदर्श कोवेलेंट बंधन में इलेक्ट्रॉन समान रूप से वितरित होता है जबकि आयनिक बंधन में पूरी तरह से स्थानांतरण होता है।
उदाहरण के माध्यम से समझना
पहला उदाहरण: एल्यूमिनियम आयोडाइड (AlI3)
एल्यूमिनियम आयोडाइड में एल्यूमिनियम तीन इलेक्ट्रॉनों को तीन आयोडीन अणुओं को स्थानांतरित करता है।
आयोडीन का आकार बड़ा होने के कारण, इलेक्ट्रॉन थोड़ा खींचा जा सकता है।
दूसरा उदाहरण: एल्यूमिनियम फ्लोराइड (AlF3)
यहाँ एल्यूमिनियम का आकार फ्लोरीन से बड़ा है।
फ्लोरिन छोटा होने के कारण, यहाँ इलेक्ट्रॉन को अधिक खींचा जाएगा।
पोलराइजेशन
पोलराइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें एक कैटायन अपने चारों ओर के एना यन के इलेक्ट्रॉन क्लाउड को अपनी ओर खींचता है।
यदि कैटायन छोटा और चार्ज अधिक हो, तो यह अधिक पोलराइज करेगा।
स्थितियाँ जहाँ आयनिक बंधन में कोवेलेंट कैरेक्टर अधिक होगा
छोटा कैटायन
:
यदि कैटायन का आकार छोटा हो और चार्ज अधिक हो।
बड़ा एनायन
:
यदि एनायन का आकार बड़ा हो और चार्ज अधिक हो।
डी-ब्लॉक तत्व
:
डी-ब्लॉक के तत्वों में कोवेलेंट कैरेक्टर अधिक होता है।
ये स्थिरता के कारण अधिक पोलराइज करते हैं।
निष्कर्ष
फ़ायन्स के नियम रासायनिक बंधनों की समझ में मदद करते हैं।
अगले वीडियो में हम VSEPR सिद्धांत पर चर्चा करेंगे।
वीडियो का लिंक स्क्रीन में दिया जाएगा।
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