कि नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग मुझे उम्मीद है कि लोग डालो फायदा पूरा उठा रहे होंगे और बिना हताश व निराश हुए अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे होंगे यह लंबी लड़ाई में ऐसा लग रहा था शुरू में कि शायद तस्वीर लेकिन आप देख रहे हैं कि अमेरिका दूसरा है विकसित देशों की तरह हम भी दूसरे हैं हमारी सरकार ने शानदार काम कर रही है इसके बावजूद यह सच है कि लड़ाई लंबी लड़ाई है इस लड़ाई में नियुक्त और वह सब करें पर खूब स्कूल में कि मिस्र अच्छा दोनों से की एक और वीडियो बनाओ समझ नहीं आ रहा क्या बनोगे बनाओ अचानक कल मुझे लिखना है कि आज यानि कि आज की ज्योति 24-अप्रैल की पर 24-अप्रैल के पीछे सुनता हूं तो मुझे उस हमारे इतिहास कि युति है तो फिर लगा क्यों नहीं स्थिति को घटनाओं को ध्यान रखें वीडियो बनाते हैं कि 24 अप्रैल 1973 और 24-अप्रैल 1993 नियुक्त कि रावण की तरफ हिंदू तिथियों को को समझ लेते हैं तो संवैधानिक व्यवस्था को समझने में मदद से सब्सक्राइब सब्सक्राइब करें भगवान सचिन तेंदुलकर उनका है है और कुछ लोगों के लिए बहुत ही भांग घटना है ठीक बात है उन्होंने भारत में क्रिकेट का इतिहास विस्तार से बड़ा नाम कमाया भारत के लिए अपने लिए वह काबिलेतारीफ सब्सक्रिप्शन रुदन घटना घटी है कि पुरूष घटना का नाम है कि केशवानंद भारती नाम के एक बहुत प्रसिद्ध वह आदमी का जजमेंट आया और उस जज ने भारत के संविधान को हमेशा के लिए बदल दिया है हैं कि भारत का संविधान एक बहुत ही मान डॉक्युमेंट है कुछ लोगों के लिए सबसे मानपुर से गीता और कुरान होती है कि युद्ध और रहते हैं को सब्सक्राइब कर लें कि वह संविधान जिसके तहत हमारे सारे कारण बनते हैं वह समय जब हमारे सारे लोग काम करते हैं सुप्रीम कोर्ट ग्राम गुड़ हाई कोर्ट काम करते हैं संसद काम करती है राज्य विधानमंडल काम करते हैं वह मंत्री प्रधानमंत्री सर्विस के तहत काम करते हैं और उसी के तहत हम सबको अधिकार मिलते हैं कि हम एक आधुनिक इस प्रकार स्वाधीनता मुल्क जिंदगी जीने का सपना देख सकते हैं को सबसे मानपुर तक संविधान है वह संविधान बहुत खतरे में है और उस संविधान के बहुत खत्म हुए सब्स्क्राइब को सब्सक्राइब करें कि 24 अगस्त 1973 एक और दिन है इस दिन हमारे संविधान में 73वां संविधान संशोधन था जिसके माध्यम से पंचायती राज इंस्टीट्यूशंस टो पंचायती राज संस्थाओं को यह पंचायती राज के प्रावधान को पहली बार नोटिस किया कि पंचायत समिति में नियुक्त प्रयास करें कि पंचायतों की व्यवस्था करें गठन राज्य सूची में है कि केंद्र और राज्य सरकार सामान्य से बातचीत की अपनी शक्तियां कम क्यों करेंगे इसे पंचायत को लेकर जो प्रयास हुए थोड़ी बहुत गंभीर प्रयास नहीं है श्री राजीव गांधी अपने अंतिम दौर में चाहते थे कि संविधान संशोधन करके पंचायती राज को संविधान का हिस्सा बनाने व करने की कोशिश करने के बाद भी नहीं करता सब्सक्राइब टो कि उनकी मृत्यु के बाद 1971 में जब पीवी नरसिंहाराव भारत के प्रधानमंत्री बने उस समय फिर प्रयास हुआ और 1992 कैंट में दोनों सदनों ने पंचायती राज को पारित किया कि पृथक राज्यों के विधान मंडलों को रेफर किया उस पर अपनी असहमति जताई है है और उसके बाद जो 20 अप्रैल 1993 को भारत के राष्ट्रपति ने किया और सब्सक्राइब के को भारत सरकार ने ऑफिशल गैजेट नोटिफिकेशन सब्सक्राइब टो है यही कारण है कि 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस भी मनाया जाता है आज भी मनाया जा रहा है आज हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने पंचायत को संबोधित किया है इसीलिए की है क्योंकि आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है कि मैं तेरी मुख से पूछेगी 24-अप्रैल करें सबसे ज्यादा के साथ किस चीज के लिए तो मैं का यह सबसे ज्यादा खास है केशवानंद भारती केस की जजमेंट के लिए और केशवानंद भारती केस में पेश कर दिया कि देश में संविधान चलेगा संविधान के सामने किसी और इस सप्ताह नहीं चलेगी है कि क्या झगड़ा है क्या कहानी है आज मैं आपको एक रस बहुत चटनी मुद्दे पर कहानी के तरीके से कई बार समझाने का प्रयास करूंगा लेकिन यह बहुत आसान नहीं है के परिवार ने पहले मैंने एक बार कश्मीर के मुद्दे पर आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35a पर एक वीडियो बनाया से आधे घंटे का वीडियो दिखाओ लिए कठिन था का पोर्शन संविधान के बहुत सारी प्रावधानों खड़े एक्ट के प्रावधान बहुत सारी हिस्टॉरिकल डेवलपमेंट फिजिकल था मेघनाद मछली वीडियो में लोगों को ना पता हाजमा दुरुस्त नियुक्त किया है मैं तुमसे भरोसा जमा की मुश्किल चीजों को गहरी चीजों को सीखने की जानने की इच्छा हर किसी की होती है बशर्ते अगर वह थोड़ा सा हमारे संविधान में कई कहानियां हैं को कम से कम 2025 कहानियां ऐसी हैं जो संविधान को समझने के लिए संविधान के विकास को समझने के लिए बहुत जरूरी हैं यदि आप अपने देश को ठीक से पहचान न सके तो संविधान को जानना होगा और संविधान को जानने का मतलब कुछ और डिटर्जेंट लेना नहीं होता है संविधान के गाने का मतलब होता है कैसे-कैसे संविधान आगे बढ़ा डेवलपमेंट छुक छुक छुक सब्सक्राइब इन सब्जियों को समझते हुए हैं है कि जो टॉपिक है अगर मैप के आईएएस पीसीएस के पाठ्यक्रम की बात करूं तो उनके पाठ्यक्रम में एक टॉपिक है एक विडियो रिकॉर्ड मीट ऑप्शन लैंड रिफॉर्म इतिहास में टॉपिक है स्वाधीनता के बाद भारत को सबस्क्राइब होता है कि एक टॉपिक है सोशल जब तक सामाजिक न्याय और सामाजिक न्याय की दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण मामला माना जाता है कि इसका लिंक राजव्यवस्था से तो है क्वालिटी कॉन्सीट्यूशन से तो है ही इसका थोड़ा सा लिंक आईआर से भी है इंटरनेशनल रिलेशंस लेंगे इन कार्स थोड़ा सा बनता रहता है बीच में अब इन सारे टॉपिक को मिलाकर जवाब पढेंगे तो आपके निबंध में इंटरव्यू में जिसमें हर जगह बने और आज की वीडियो में कि इसके बाद का हिस्सा सुनते हुए सबसे पहले वीडियो को पॉज कीजिए कागज पर हाथ में रखिए और जब कोई भी ऐसी नोट्स बनाएं और सब्सक्राइब नहीं किया तो इस तरफ उनकी सरकार उनके विरुद्ध काम है तो फिर सुप्रीम कोर्ट है सुप्रीम कोर्ट के जज एक तरफ से जैसे इसके दो पार्ट हैं और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने एक बच्ची लगानी है जो लगातार था कि सुप्रीम कोर्ट को सुधीर विपक्ष ने सरकार के विरोध में खड़े हो कि इस पूरे प्रकरण में चीज़ें कैसे घटी कैसे बड़ी यह समझ में में रिसीवर कोशिश करता हूं थोड़ा ढंग से समझा अब स्किन तैयार रखिए को समझने का प्रयास कीजिए मैं आपको विश्वास नियुक्त बहुत से गांवों को सब्सक्राइब है कि हमारे संविधान है संविधान के बहुत सारे भाग हैं उनमें से एक है भाग 3 भाग 4 कि भक्ति इनका संबंध है फंडामेंटल राइट्स के साथ जाने के मूल अधिकार है कि मुलहठी कर वशीकरण है जो राज्य ने नागरिकों को यह अधिकार है कि सब्सक्राइब का मतलब है वह बहुत आधारभूत जिनको सरकार की नियुक्ति चाहिए अ का प्रभाव चार जो है उसका नाम है डिप्टी एसपी यानि डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स आफ स्टेट पॉलिसी राज्य के नीति निदेशक तत्व है झाल अरे मराठी लोकगीत हम बात करो तुम भाग-3 में आर्टिकल 12 से लेकर 35 का हिस्सा है कि वह भ्रष्टाचार है उसमें आर्टिकल 3661 3651 तक रहेगा इसलिए हमारे संविधान की प्रमुख की बात कर रहा हूं है और आज के डिस्क्रिप्शन में एक भ्रमर और आएगा उस भाग का नंबर है भाग 30 उद्देश्य केवल एक आर्टिकल है वह अ है और भाग-20 का संबंध क्षेत्र है उसको बोलते हैं संविधान संशोधन करने की संसद की शक्ति मिनट कौन सी है कि कुछ और भी अच्छे रहेंगे बीच-बीच में प्रमुख रूप से आज हम इन थानों के इंटर-लिंकिंग उस सब्जेक्ट को समझेंगे और क्या है कि यह संविधान बन रहा था संविधान सभा में तरह-तरह की विचारधारा के लोग थे उनमें कुछ सहमत थे कि कि कुछ समाजवादी थे जो मानते थे कि धन का वितरण समाज में समानता से होना चाहिए कि कुछ सुधारवादी थे लिबरल सेलेब्रल का मतलब होता है जो पूंजीवाद के समर्थक हो जो मानता हो कि आर्थिक विषमताओं में दिक्कत नहीं है यदि किसी व्यक्ति से ज्यादा पैसा कमाना है तो जैसे अ के क्रियान्वयन से जुदा गांधी के रास्ते पर चल रहे अभियुक्त को सबस्क्राइब नियुत अग्रावत मंद समीर व उनके सब्सक्राइब टो अब इन सारी विचारधाराओं में झगड़े से सबको लगता था कि हमारा संविधान ऐसा हो वैसा हो संविधान समय असहमति नियुक्त वोटिंग वोटिंग वोटिंग के लिए सब्सक्राइब टो मैं इसे संविधान सभा ने शुरू में एक सहमति बनाई जो आमतौर पर हर मुद्दे पर रही वह सहमत यह थी कि जब विरोध हम विरोध का समर्थन करके ऐसा रास्ता निकालेंगे सब्सक्राइब करने से क्या हुआ जी पर हमारे संविधान सभा ने लगभग हर मामले को इस तरह से मैंने तय कर लिया कि बिना अनुमति के बिना वोटिंग प्रक्रिया में शामिल थे तो फिर क्या हुआ इससे यह हुआ कि बहुत सारे अंतर्विरोध संविधान के भीतर समा गए हैं आप कैसे बैठते हैं एक लेते हैं के मूल अधिकारों के बारे में ध्यान रखना है कि मूल अधिकारों में एक आर्टिकल थर्टीन और एक आर्टिकल 32वें यह दोनों सुनिश्चित करते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के मूल अधिकार खतरे में समानता स्वतंत्रता और स्वाधीनता का शोषण के विरुद्ध हमारे पास अधिकारी नियुक्त चैनल सब्सक्राइब को मिल सकते हैं अपने व्यवसाय का अधिकार है अभिव्यक्ति का अधिकार है आप अपनी बात को कह सकते हैं बिना किसी का अनावश्यक मारने की कह सकते हैं कि इस सारे मूर्तिकार हैं हैं और हमारा संविधान सुनिश्चित करता है आर्टिकल थर्टीन से और उस उस आर्टिकल thirty-two से कि यदि किसी व्यक्ति का कोई अधिकार खंडित होता है मूल अधिकार तो चीज है सुप्रीम कोर्ट हो जाए हाई कोर्ट भी जा सकता है कि यह तस्वीर वोट भी आ सकता है कि वह सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि हुजूर जैसे जहांगीर के जमाने में घंटी बज उठी वैसे ही लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी डुबो मेरे मूर्तियां खतरे में सुप्रीम कोर्ट चीज है उसके रिट पिटिशन को ने उसकी याचिका को सुनने और फिर उद्देश्य सुनिश्चित करें कि किसी भी व्यक्ति के खतरे में है अजय को कि इसके विपरीत जीपीएस वीडियो इसका संबंधित प्रत्येक राज्य को कैसा होना चाहिए अ है कि राज्य को किस तरह का होना चाहिए उसे कैसा बिहेव करना चाहिए यह जिम्मेदारी बनती है मैं आपको पता है कि आजादी की लड़ाई में किसान भी शामिल थे जनजाति में शामिल दलित समाज में शामिल नियुक्त शामिल थे कि गांव में भारत के ज्यादा आबादी रहती है गांव की आबादी भी खा सकते हैं कि आजादी का सपना सबका एक जैसा नहीं सब्सक्राइब लग रहे किसानों के लिए गाड़ी का मतलब स्क्रीन की नियुक्ति का पूरा को क्योंकि को लगा दो कि उनके जरिए मतलब था कि जनजातियों के लिए मतलब था कि जो दायकु लोग हैं शहर के लोग हैं जो शोषण करते हैं उन्हें शोषण करने वालों से मिलने चाहिए महिलाओं के लिए नियुक्त में भारत के लोग मतलब महिलाओं को नीति निर्माण में नियुक्त थे कि जमीन समझने भूमिका निभाई थी अपनी अपनी संभावित है कि अब इन सब एक हैं उनको भी तो सम्मान मिलना चाहिए फोन किधर के प्रिंसिपल्स में कुछ ऐसी बातें लिखी हुई थी कि राज्य को क्या करना चाहिए जैसे राज्य को कोशिश करनी चाहिए कि आय की असमानता को दूर करें यानि कि बराबर में आर्थिक बराबरी जहां तक संभव हो सके क्या हुआ क्या हमारे संविधान में कुछ बेसिक कांट्रडिक्शंस जैसे इन्विटेशन टो कि एग्जांपल की बात करें तो एक फंडामेंटल राइट्स है जिसको वह संपत्ति का अधिकार अब तो नहीं रहता है उसको मोरारजी देसाई की सरकार बनी सब्सक्राइब नियुक्त महत्व कम होता है है और संपत्ति के अधिग्रहण तथा संपत्ति अधिकार एक ऑप्शन अधिक है मैं इंदौर टिकट मिला है कि यह कहना था कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को नागरिक को संपत्ति के अर्जन धारण और त्यौहारों को सब्सक्राइब है अब इसे रख सकते हैं और उसे देश में सकते हैं गिफ्ट ट्वीट कर सकते हैं कुछ भी कर सकते हैं राइट साइड है लुट यदि किसी व्यक्ति की संपत्ति को छिनना आसान नहीं होगा इसके लिए उसे प्रोसेस था और उसको सब्सक्राइब होगी उसके बाद ही राज्य संपत्ति के रूप में नियुक्त मैं अभी तरफ संपत्ति का अधिकार फंडामेंटल राइट्स आफ दूसरी तरफ डीपीएस में t-20 बहुत महत्वपूर्ण है कि Idea से Zee कहते हैं है कि राज्य को प्रयास करना है कि विभिन्न वर्गों में अमीरों और गरीबों के बीच में जितनी जगह बराबर हो सके और उसके लिए यह नीति बनानी चाहिए मैं आपको खेलेगी कि अगर एक तरफ संपत्ति का अधिकार मूल अधिकार है इसका मतलब है कि ज़मींदारों के बाद संपत्ति का अधिकार है मैंने जितने अमीर लोग बड़े-बड़े हैं उनके पास जितनी संपत्ति है वह का मूल अधिकार है तो जब तक आप उनके संपत्ति से कुछ लेनी पकाएंगे अब गरीबों को बांटे गए कैसे हो कि उड़ीसा मतलब हुआ कि इस BJP को लागू करने में जो चीज आड़े आने वाली थी वह एक अधिकारी ने दी कि हमारे संविधान में एक आर्टिकल है कुंए में थे फोर्टीन से आठवीं तक के सारे आर्टिकल्स बोलते हैं समानता का अधिकार कुंवर डिफिकल्ट श्योर उसके विभिन्न हिस्सों में और अश्लील बातचीत सब्सक्राइब टो कि अब वह इक्वलिटी बिफोर लॉ इन प्रोडक्शन आफ क्लांस यह दो व्यक्ति हैं जो कभी और हम विस्तार से समझेंगे का मतलब होता है लेकर ली कि अगर इसका यह मतलब है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा के मामले में या अन्य मामलों में समानता हासिल होगी तो वहीं दूसरी तरफ 2446 जो कि डीपीएस में है वह कहते है कि राज्य प्रयास करेगा कि जो ऐसी हैं स्पीड है या अन्य कमजोर वर्गों है समाज के उनके शैक्षिक और आर्थिक हितों की वृद्धि हो सके सुरक्षा हो सके उन्हें शोषण से बचाया जा सके तो इस वक्त पूछेगी मान लीजिए किसी समाज में कि कुछ जातियों के लोग जिनकी ब्रीदर अश्लील में उनकी भागीदारी 80% 90% है यहां पर कुछ ऐसे समूह में कुछ ऐसी जाती हैं समुदाय हैं जिनकी जनसंख्या 70% प्रति पांच प्रतिशत महिलाएं हैं तो अब बारी में 4148 70% है और शिक्षा की दुनिया में उनकी भागीदारी उच्च शिक्षा में एक परसेंट यह जाती है कि जब तक इनको विशेष सुविधाएं नहीं देंगे तब तक बराबरी कैसी लगी है इसलिए आर्टिकल 226 और आर्टिकल श्याम के बीच में कॉन्ट्रेक्शन दिखता है ए प्रीकंडीशन शुरू में खुशियों को नजर नहीं है लेकिन तुरंत नजरों में शुरू हुआ जैसे संविधान लागू हुआ एक और इंट्रस्टिंग सके Champcash शहरों के हमारा देश आर्टिकल 25 से लेकर 28 तक मुख्य रूप से आर्थिक है और हमें अधिकार देता है वह मिश्रण कि हर व्यक्ति तरफ सब्सक्राइब अवश्य करें अपने धर्म विरुद्ध नियुक्त सब्सक्राइब कर सकता है अच्छा ठीक है धर्म का प्रचार धर्म का पालन धर्म की संस्थाओं को मानना यही कारण चाहिए है लेकिन आपको यह भी पता है कि हर माह के भीतर कुछ ऐसी चीजें हैं जो उसी धर्म के नागरिकों को की नगरी है इस पुराण के लिए कि दूसरे एप्लीकेशन लो है 1937 38 का जिसको मुस्लिम पर्सनल लव आम तौर पर कहते हैं हैं उसमें यह प्रावधान था कि एक मुस्लिम पुरुष एक समय में चार विवाह कर सकता था ये सब सवाल यह है कि मुस्लिम पुरुष को पर चार मीडिया की आजादी छूट है धार्मिक धार्मिक व्यवस्था को नियुक्त हैं है तो इसका मतलब यह हुआ कि इस वजह से उस घर की महिलाओं के साथ अन्याय होगा और महिलाओं के साथ जोड़ने का युक्तियुक्तकरण मुस्लिम महिलाओं को हिंदू महिलाओं को समान अधिकार मिलेंगे इसका मतलब यह है है और इसलिए डिफिकल्ट सात चार जो कहना था कि राज्य प्रयास करेगा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की स्थापना यह बिल्कुल बहुत महत्वपूर्ण है झाल तो मैं कहना चाहूं आपको यह है कि संविधान की शुरुआत में मूल अधिकार सब्सक्रिप्शन ओं लुट जैसी संविधान लागू हुआ यह कंट्राडिक्शन सामने शुरू हुए इसके बिना कुछ ऐसे सामने आने लगे हैं कि आधुनिक शब्द सुना होगा इसको बोलते भूमि सुधार प्लेटफॉर्म कि भारत एक कृषि प्रधान देश था उस समय भारत के नीति निर्माताओं ने एक कदम उठाया कि हम अपने गांव में थे लैंड रिफॉर्म्स क्या होती है बहुत बड़ी होती है मैं इसमें चकबंदी भी होती है इसमें लैंड रिकॉर्ड स कंप्यूटराइजेशन में शामिल होता है मतलब चलता है कि किस जमींदारी प्रथा का उन्मूलन करेंगे गांव जमींदार हैं उनको किसान किसान को और सब्सक्राइब करें चैनल सब्सक्राइब करें चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और पूंजीपति युक्त के लिए बहुत पसंद नहीं करता है व्यवसाय है जो समझदार किया है अंधेर नहीं है मैं तुझसे मिलने आई खत्म करेंगे यह प्लान हुआ था कि उसके बाद दूसरा यह निशान लैंड सीलिंग सीलिंग का मतलब होता है कि कोई व्यक्ति को परिवार अधिकतम नियुक्त सकता है इसका प्रावधान करेंगे इधर नियुक्त है भी पंसारी कर देंगे कि जब एक व्यक्ति अधिकतम 25 सेकंड कमिंग लग सकता है तो उसके बाद उसकी जरूरत होगी राज्य में स्थित है इस प्लेटफॉर्म का बेसिक मतलब यह सब समय हल्के से कई मतलब होता है अजय को कि अब यदि आपको अपने देश में डिप्टी एसपी समेत 60 और सीड्स यानी के वितरण की समानता स्थापित करना था जो कि हमारे संविधान का उद्देश्य हमारे संविधान की प्रस्तावना नियुक्त समानता सुनिश्चित करें कि कि नेहरू जी ने और अंबेडकर जी ने संविधान सभा में कहा बेटा नेहरू जी ने कहा था कि आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र बहुत लंबा नहीं चलेगा आ कि अमेरिकी ने भी कहा था कि सामाजिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र बहुत दूर नहीं आ है इसलिए जरूरी था कि स्वाधीनता आंदोलन के सपनों को साकार करने के लिए समाज के सभी वर्गों को मुख्यधारा में तीन महिलाएं और वहा नियुक्त सभी राज्य सरकारों ने अपने-अपने तरीके से नियुक्त सब्सक्राइब सब्सक्राइब को सबस्क्राइब तब स्कूल सब्सक्राइब टो मैं एक और चीज है क्योंकि उस समय साफ साफ दिख रहा था कि पढ़ाई लिखाई की दुनिया में जो समाज के पहले से संपन्न वर्ग हैं ब्राह्मण वर्ग क्षत्रिय वर्ग उनके पास आम तौर पर स्थिति अच्छी थी है लेकिन जब दलित वर्ग व जनजाति अन्य पिछड़े वर्ग की महिलाएं उन्हें शिक्षा में यह वंचित रखा गया है यह तो सब लोगों को लगता है कि हम यह भी करें सरकारों को लगता था क्योंकि शिक्षा हालैंड की समवर्ती सूची का विषय राज्यों की भूमिका रहती है हैं तो कई राज्य सरकारों ने यह भी चीज है कि शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए ऐसी व्यवस्था करनी शुरू की उसको फिर मिशंस कहते कहते हैं कि एक मात्र सीट समाज के वंचित वर्गों के लिए आरक्षित होंगी तो इसको मैं कह सकता हूं कि नेशनल यह ऑप्शनल है कि कुछ राज्य सरकारों ने वसुंधरा सरकार ने उस समय कुछ ऐसा प्रावधान बनाएं शुरुआत की है कि जैसे ही यह हुआ इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस चले गए मसलन अधूरा मद्रास राज्य में जिसको चमक कम दौरान कमला कमला कमला यही था कि आपने जैसे ही आरक्षण किसी वंचित वर्ग को सबस्क्राइब मतलब जो सामान्य लोग जिनकी स्थिति पहले से बेहतर है कि उसके साथ समानता हो गई और जैसी एजूकेशन रिजर्वेशन दिया आपने आर्टिकल 356 का मुसलमान रख लिया जो कि डिप्टी एसपी है लेकिन जो आर्टिकल फॉर द कहता है जो 1815 कहता है आपने उसको खर्च कर दिया यहां पर ध्यान रखना है फंडामेंटल राइट न्यायालय ने प्रवर्तन नियुक्त प्रशासक नियुक्त नहीं सकते हैं कि अ जब सुप्रीम कोर्ट गए चमक कम दर्जन भर मामले में संपन्न हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देखो हमें तो संविधान के हिसाब से जाना है संविधान उन अधिकारों की सुरक्षा करना सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त सब्सक्राइब न्यायालय द्वारा नियुक्त करेंगे हुआ था तो हम तो जल्दी ऐसे कंट्राडिक्शन आएगा हम तो मूल अधिकार को प्रमोट करेंगे डिप्टी एसपी को समाप्त नहीं करेंगे कि पुरूष मतलब हुआ कि संप्रग के मामले में मद्रास राज्य तमिलनाडु है उस राज्य के फैसले को पलट गई अब हम इसको पलट दिया और कहा कि आर्थिक अश्लील ऐसी कुछ लूप शुरू किए जैसे कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सब्सक्राइब करने के लिए आपने मेरा चैनल सब्सक्राइब कर लें का प्रयोग की संपत्ति के अधिकार भूल अधिक यौन प्रवृति इंच और इसकी मदद करता है यह सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा कि मजबूर है क्योंकि संविधान में जो लिखा है फैसला उस हिसाब से करेंगे और संविधान में लिखित भाषा से लगाएंगे मूल अधिकार की रक्षा करने हैं जब-जब मूल अधिकार की रक्षा होगी कि अ जो गरीब लोग हैं कि दलित थे टाइप के लोग थे अन्य महिलाएं हैं कि उन सबके दबाव सरकारों पर था कि भैया स्वाधीनता आंदोलन में खूब झूठे झूठे वायदे हमारे साथ है कि आजादी की लड़ाई में लड़ो अजय सिर्फ हमारी नहीं होगी तुम्हारी भी होगी सब की होगी कहां हमारी चम्मच हल्दी जैसे अमेरिका के स्वाधीनता संग्राम में जुड़ रहे थे तो उस समय वहां सब्सक्राइब हम चिंता मत करो अजय को कि अमेरिका किरदारों को आजाद होने के लिए अब साल का संघर्ष करना पड़ा और फिर अब्राहम लिंकन ने 86 फाइनली ओं 29th उत्तर प्रदेश आजाद हुए तू ही दास महिलाएं ही महिलाओं के लिए को सब्सक्राइब कर लें उनको बराबर है हैं इसलिए आज आधी थकी नहीं होती है कि आजादी के आंदोलन में स्थल हिस्सा लेते हैं अपने अपने सपनों के साथ पर आजादी मिलती है कुछ को उसकी कीमत पर यह दबाव पड़ रहा था उस समय राज्य ऊपर मुख्यमंत्रियों को कि मुख्यमंत्री क्या करें बेचारे संविधान तो बना नहीं सकते हैं और संविधान में लिखा है सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को तो तो क्या करें तो राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सब्सक्राइब जरुर पधारें कांग्रेस केंद्र में 1951 कि युवा कांग्रेस पार्टी की लुटिया है यह सब कुछ कांग्रेस के हाथ में था और पूरी की पूरी कांग्रेस उत्तम नेहरू जी के हाथ में थी चलिए 1950 के दिसंबर में पटेल साहब की मृत्यु हो गई थी पटेल अकेले कद्दावर नेता थे जो नेहरू को टक्कर दे सके उस समय नियुक्त कि नेहरू जी का वेंट ऑफ माइंड समाजवादी वह मानते थे कि समाज के वंचित वर्गों है उनको तो ज्यादा अधिकार मिलने चाहिए राज्य की भूमिका उनके पक्ष में होनी चाहिए और इसलिए नेहरूजी को मुख्यमंत्री की बात समझ में आ रही थी जो शिक्षा में आरक्षण की बात कर रहे थे लैंड कर रहे थे सब्सक्राइब टो में जकड़ा हुआ था झगड़ा सर्कल मूल अधिकार रोक रहे थे तो नेहरु जी ने सब्सक्राइब लिए 1951 सब्सक्राइब कर दो का पहला संशोधन हमारा संविधान बहुत फ्लैक्सिबल भी नहीं है बहुत ही ढूंढ कि इंग्लैंड का संविधान लिखित हो अलिखित हुए ट्वीट से लुटते लिखित संविधान को सबस्क्राइब करना न भूलें और कि इंग्लैंड का संविधान बे स्पेशल है वहां कोई भी सामान्य पिंपल्स को कैसे विचार संस्कृत हो जाता है अमेरिकी संविधान संशोधन करने की नाकों चने चबाने पड़ते हैं नहीं हो पाता है कि भारत के सभी बीच है ना बहुत मुश्किल ना बहुत आसान और जब नेहरू जैसा व्यक्ति गांधी जैसा व्यक्ति भाषण नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री हो जिसके सब्सक्राइब और राज्य के विधान-मंडल पध उस व्यक्ति के लिए संविधान में संशोधन करना है मैं नीरज के लिए आसान संविधान संशोधन करना सुनहरे दिन पहले संविधान संशोधन से जो महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात करता हूं कि उन्हें आर्टिकल थर्टी वन जो संपत्ति का अधिग्रहण था उसमें दो नए क्लोज ढूंढ और 35वें संविधान में 35वें ओवर 231 सब्सक्राइब करें ऐसा करने से है यानी प्रोसेसेस नहीं होगा कि लेजिस्लेटिव रिसर्च ओं है और दूसरा क्या बोलता है कि लोग कहते हैं जब भी किसी व्यक्ति की जमीन यह प्रतिनियुक्त कंडीशन पहला संपत्ति छीन सकते हैं केवल अपने परपस के लिए सब्सक्राइब नियुक्त कि रेलगाड़ी का रास्ता बनाना है तो क्योंकि यह कि मुख्यमंत्री नियुक्त कि दूसरा है कि जिस एक्ट के तहत आप किसी की जमीन छीनी है संप्रति उसी में बताएंगे कि उसको कंपनसेशन कंपनसेशन क्षतिपूर्ति लिखा है मैं इसी के विशिष्ट अतिथि निर्णय किया है कि इकत्तीस में दो कॉर्ड्स और जोड़ी इकट्ठे लिए नियुक्त तौर पर नियुक्त इकत्तीस से मिलने नहीं चाहिए जो रिसीवर नियुक्त किया तो subscribe पे हैं उनको यह भी लगा कि बार-बार झगड़े होंगे तो एक ही बार में स्थाई समाधान कर देते हैं हमारे मूल संविधान में आठ अनुसूचित जाति शेड्यूल कास्ट अब तो वह डाल सकते हो गई पहले सब्सक्राइब टो कि यह हमारे संविधान के सबसे ज़्यादा विवादास्पद सूची है ए पॉर्न शिड्यूल के बारे में क्या है नहीं छिलका संबंधित मूल रूप से लैंड रिफॉर्म्स के साथ पधारें पधारें है कि जो भी कानून किसी राज्य सरकार ने पास किया जाने के राज्य विधानमंडल ने पास किया और संसद ने पारित किया कोई भी कानून हो कि यदि कोई कानून आने शेड्यूल में चला गया है है तो ऐसे कानून के मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट कभी भी ज्यूडिशल रिव्यू नहीं कर सकेंगे जी हां यह दो थे ज्यूडिशल रिव्यू का मतलब होता है कि सुप्रीम को चेक कर सकता है कि जो कानून बनाया है संसद नहीं है राज्य विधानमंडल ने वह कारण ठीक है या नहीं यह सुप्रीम कोर्ट को लग जाएगी कानून बनाने की प्रक्रिया में या कानून में कोई खराबी है तो सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति संसद में संविधान संशोधन करके जेल में डाल दिया उस कानून के बारे में भारत की कोई भी अदालत विचार नहीं करेगी सब्सक्राइब करें कि एक तरह सुप्रीम कोर्ट को समझा के लिए सुप्रीम कोर्ट जी ठीक से रहना हैं और यह दो पीस के पक्ष में सामाजिक आर्थिक समानता के पक्ष में नीतियां बनाना जरूरी है दुष्ट इन्हीं सपनों को आजाद हुआ है इसके बीच में मत रावण की ताबीर वात को कम करो कि इसका संबंध तो लैंड रिफॉर्म्स रिक्शा का मामला बचा हुआ था तो रहेगी और संशोधन कर दिया है थिस आर्टिकल इफेक्टिव था जिसमें शिक्षा का मसला आता है समानता का मतलब होता है फेल हुए दो तीन कॉस्ट इफेक्टिव वीरवार को है यानी ड्रा किया शक्ति में एक दौर जोड़ी छुट्टी बोलते हैं संविधान संशोधन से संपर्क कर मामले को लेकर नियुक्त यहां पर 1514 लिए कि यदि राज्य ऐसी या STD अर्स जर विकसित अनधे है कि यदि उनके पक्ष में शिक्षा में कोई विशेष व्यवस्था करता है उसे भी अनुच्छेद 15 या 14 इंच की सुरक्षा मिलेगी यानी कोई व्यक्ति इस लुटने की समानता समानता के अधिकार से वंचित वर्ग को शिक्षा में वृद्धि युद्ध कर सकते हैं यह संविधान में मूल अधिकारों को इस से पहले क्या था वह अधिकारी के लिए चले गए कि Bigg Boss ने लिखा है अब सुप्रीम कोर्ट ने किया सॉलिड संसद ने किया इकरार लिख दिया कि कि इसका मतलब अब स्क्रीन को सब्सक्राइब करें क्योंकि युवा को सब्सक्राइब करने से कि पहले संविधान संशोधन के बाद ऐसा लगने लगा कि अब मामला एकदम साफ हो गया है अब इस पर कोई दिक्कत नहीं है कि जुड़ा हुआ है कि जो जमींदार लोग है उनको परेशानी यह थी कि जो नए शिड्यूल पहले अमेंडमेंट या नो ड्यूटी पर ही सवाल खड़ा कर देते हैं है और यह करने के लिए उन्हें यह एक बहुत प्रसिद्ध सब्सक्राइब टो कि शंकरी प्रसाद बनाम यूनियन ऑफ इंडिया भारत यह मामला है कि एक ही सिचुएशन चेंज हो रही है तो पहले उनका कहना था कि मूल अधिकार का उल्लंघन हुआ है आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाते थे क्योंकि टिप तक ऐसा कोई भी लड़की सुप्रीम कोर्ट करता है अगर ढूंढ गोल्डन हो तो वह क्या बोलते थे कि मेरा संपत्ति के अधिकार आर्टिकल 1931 में है उसका उल्लंघन हुआ है यह शिक्षा की बात हुई तो मेरा समानता का अधिकार आर्टिकल फोटो में है फ्री में उसका उल्लंघन हुआ है नेहरू जी ने क्या किया आदि डन कर सकते हैं ताकि प्रतिनियुक्त किया है जो अलार्म संविधान में ही ऐसा लिखा हुआ तो उसके बाद कोई सुप्रीम कोर्ट जाते क्या बोलेगा शंकर प्रसाद मामले में नया ऐंगल लव है और वह नहीं आएंगे लिए था कि संविधान के दो आर्टिकल उसके बीच में झगड़ा हो गया उनको 3468 अगर आपने देख लिया तो आप सब्सक्राइब हुआ यह सारे मामले में अभियुक्त और सब्सक्राइब करें अब स्कूल की नियुक्त को सबस्क्राइब सब्सक्राइब जरूर करें और सब्सक्राइब करें कि सलमान खान है मजेदार कहानी है बहरा 3030 ढ के पिंपल्स फटी मटमैली खैर मैंने आपसे कहा था कि आर्टिकल 12 से लेकर 35 तक का जो हिस्सा है वह अधिकारों को है संविधान के भाग-3 का हिस्सा है थिस आर्टिकल बारे में बताइए कि राज्य का मतलब क्या होता है तेरा में विशेषता बताई गई है तो पार्टी कब दे रहे मिट्टी ने Bigg Boss मूल संविधान में थी जिसमें यह देखो नंबर दो और तीन ध्यान रखने की जरूरत है मतलब नियुक्त संविदा नियुक्तियों में में थर्टीन दो देख संविधान लिखने वालों की इच्छा थी कि मूल अधिकारों का उल्लंघन राज्य में कर सकें तो थर्टी टू मेक लिखिए है और वह लिखा है कि राज्य राज्य का मतलब केंद्र सरकार भी है संसद विघ्न समय राज्य का मतलब होता है संसद से लेकर जो ग्राम पंचायत है छोटा स्तर है जिले के अंतर्गत स्थानीय शासन तक सभी लोगों को सरकारी अधिकारियों को राज्य में कि कोई ऐसा कानून नहीं बना जो कि फंडामेंटल राइट्स ओं लुट बनाएगा और इससे ऐसा लगता है कि फंडामेंटल राइट्स में संशोधन या बदलाव उनके खिलाफ कुछ किया ही नहीं जा सकता हैं और साथ में यह भी कहते हैं कि यदि कोई ऐसा कानून बनाया जो लाइक करेगा खर्च करेगा तो वह उस सीमा तक प्लीज सब्सक्राइब करें सीमा तक अवैध उपयोग ना हो लुट जिस सीमा तक वह मूल अधिकारों को चोटिल कर एक आया कि एवं क्लियर है मान लीजिए संसद ने एक कानून बनाया उसका हुए 10 पॉइंट है उन अधिक पॉइंट 6 इंच किसी बूढ़े के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट करेगा उस कानून उन पॉइंट्स को सब्सक्राइब करें उतना ही करें जितना खर्च करने से पूरा करने से करें और सब्सक्राइब टो कि उन्हें पूरी सुरक्षा थी के मूल अधिकार को चोट पहुंचाने वाला कोई भी कानून नहीं चल पाएगा देखिए है और थर्ड जो थी में एक ऐसी बात है यह पेस्ट बन गया 263 स्पीड है कि कानून का मतलब ढूढ कोई भी कानून कोई भी लोगों को परेशान करेगा उस सीमा तक सबस्क्राइब नहीं किया है है तो इसमें शब्द लिखे लॉग इन कुल्लू इस कानून में शामिल हैं कई लोग इस पर खेलते हैं शामिल हैं मेरे प्यारे कुछ और भी हो सकती है लेकिन शामिल है कि शामिल है क्वाइट शामिल है पेट का मतलब अधिनियम संसद या राज्य विधान मंडल विधान सभा विधान परिषद जब किसी बिल को पास कर देते हैं राष्ट्रपति राज्यपाल साइन कर देते हैं कि किसी विशेष परिस्थिति में ऐसा हो सकता है कि एक्ट बनाने की कंडीशन हो उस समय ले जाते हैं अब जज और डिफ्रेंस जिसके हमारे संविधान में 1213 दो आर्टिकल्स एंड जिसके तहत अगर केंद्र सरकार लाएगी तो मन अधीर वन यह केंद्र सरकार ज़ोर लेकर यहां तक की नोटिफिकेशन लेकर आती है कि इन सब को शामिल किया हुआ लॉक परिभाषा में आर्टिकल 370 हैं इतना ही नहीं यहां तक लिखा हुआ है कि यदि कोई कस्टम घाघरे लॉ ऑफिसर राज्य किसी चीज को मानता है वह इस तरह से और उसमें भी कुछ ऐसा नहीं होना चाहिए अ कि अभिषेक बहुत रोचक लिमिट यहां पर बहुत ही रोचक बैठे हैं मैं इसमें कहीं भी यह नहीं लिखा हुआ कि इस्लामिक कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट भी शामिल है कि जो आर्टिकल 368 है अपनी पीठ है कि संविधान का भाग है उसमें 368 में लिखा हुआ है कि संविधान में संशोधन करने की शक्ति और आऊंगी के मूल संविधान में इसके दो भाग 368 368 दो 368 में बताया था कि संसद को यह सकती है और कुछ मामलों में राज्य विधानमंडलों की शक्ति होती है सपोर्ट इन ग्रुप में है कि वह संविधान का संशोधन कर सके और दो बता रखा है कि प्रक्रिया इसकी क्या होगी प्रोसीजर क्या होगा आपको विधि समझ लेना है कि अगर संविधान में संशोधन करना हो हमारे देश में कुछ संविधान संशोधन तो ऐसे हैं जो ऐसी हो जाते हैं जैसे किस राज्य का नाम बदलना हो सीमा बदल दी है जम्मू-कश्मीर का भी हाल ही में हुआ पहले जो आंध्र प्रदेश का हुआ था तो उसके लिए संविधान संशोधन नहीं करना पड़ता जब तक कोई खास वजह ना हमारे पास नहीं है है क्योंकि संविधान में लिखा हुआ है मैं तड़प संविधान का आर्टिकल स्टार पढेंगे तो समझ पाएंगे कि राज्यों का नाम और भौगोलिक सीमाएं बदलने के लिए संविधान संशोधन नहीं करना पड़ता किंतु संविधान में संशोधन हो जाता है उससे ऐसी पहली बार करें हैं है उसको छोड़ देंगे संविधान संशोधन का मतलब दो प्रक्रियाओं से तय कि यह सामान्य कानून जो एक होता है इसको पारित करने के लिए क्या सही दोनों सदन में सामान्य बहुमत चाहिए सामान्य बहुमत का मतलब एडिक्शन एंड वोटिंग 50% होना चाहिए तो जैसे मान जी की लोकसभा में बिल लेकर आए और लोकसभा में कुल 543 नंबर्स हैं मान लीजिए कि उस दिन 450 बैठे हुए हैं में वोटिंग 450 मगर कर्ज सीमा ने वोट डाला है तो 225 आधा होता है अगर दोस्तों छबि लोकसभा में तो पास हो गया है कि राज्य सभा इन मालवीय जी वहां पर उदयन कम लोग बैठे हुए मान लेते हैं कि कि वे ड्राइव महसूस जैन डेढ़ सौ लोग बैठे हैं डेढ़ समय 76 पक्ष में रखा जाए तो पास हो गया कि किस साधारण जो कानून होता है से बनता है है इतना ही नहीं राज्य सभा पास ना करें और लोकसभा आ जाएगी करवाना है तो फिर क्वांटिटी हो जाती है कि लोकसभा में राज्य सभा डबल छह नंबर चाहिए बात करने चाहिए में साधारण बहुमत की ओर कि इस साधारण अधिनियम है सामान्य संविधान संशोधन के मामले में दो बार ब्रश में जॉइंट सेटिंग ऑन ऑफिस जाने के लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा से बिल को पास करवाना ही पड़ता है उसके बिना सवाल ही पैदा नहीं होता कि संविधान संशोधन हो जाए दूसरी बात एक सामान्य व्यक्ति के मामले में समुद्र तटीय ओड़िशा सकते हैं लेकिन संविधान संशोधन के मामले में ऑडियंस नहीं आ सकता है किसी वक्त कि अगर संविधान संशोधन करना है और सामान्य बातों ने तो कितनी पावर चाहिए दोनों सदनों का विशेष भट्ट का मतलब होता है कि टोटल से उसकी उसका तो होना ही चाहिए कि अपने प्रेजेंट एंड वोटिंग का दो-तिहाई बहुमत होने चाहिए हैं मसलन तरह लोकसभा के 545 नंबर हैं है तो 545 कबहु न तो चाहिए जो बैठे उनका नहीं 54376 चाहिए है और यदि मान लीजिए 545 पूरे के पूरे उसे वोट करने आ गए हैं उनका दो तिहाई बहुमत चाहिए है और दो तिहाई बहुमत का मतलब होता है कि 331 नंबर चाहिए तब जाकर 500 452 323 341 लोग चाहिए लोकसभा और राज्यसभा में उनका लगभग सब्सक्राइब आ कि यह संविधान संशोधन अ हैं और जिन संविधान संशोधनों से फर्क पड़ता है एडिसन प्रदेश में राष्ट्रपति का चुनाव डिमांड दीजिए जैसे पंचायती राज का मामला था जैसे सेंटर स्टेट रिलेशंस होने की बात है जैसे सेवंथ जो हमारी अनुसूची अष्टम शेडूल चेंज करना हो कि यह सुप्रीम कोर्ट की पावर भैंस करना हाई कोर्ट की पावर चेंज करना हो इन सब के लिए इसके साथ कम से कम आधे राज्यों के विधान मंडलों के बीच सहमति चाहिए तब जगह संविधान संशोधनों और संविधान के अनुच्छेद 368 है कि 368 फिर दूसरा हिसाब से बता रखिए है अब देखिए पेट खाया है कि नेहरू जी 1951 में पहला संविधान संशोधन किया है है और पहले संविधान संशोधन से ज़मींदारों के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस वर्ष अब तक उनके बहुत सारे अधिकार छीन लिए अधिकृत है ए बुलेट ट्रेन लगा ट्यून कैसे सुप्रीम कोर्ट को समझें तो बहुत सारे वकीलों ने खून दिमाग लगाया और तब एक ग्लास है में वन लिखा आर्टिकल 3438 है है और यह सबसे पहले किसने शंकरी प्रसाद के लिए सब्सक्राइब कीजिए एक वर्ग यह किसी 1951 का पहला कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट है फर्स्ट प्रेसिडेंट अपने आप अवैध नियुक्ति को अवैध घोषित करवा देंगे उन्मूलन सब्सक्राइब क्योंकि इससे के लिए उससे अ संयुक्त शंकरी प्रसाद के वकील 1951 में सुप्रीम कोर्ट में गए हुए हैं वह क्या कहते हैं कि फर्स्ट कौन सी सिचुएशन मेंटल एज अ कि अवैध इसलिए है कि आर्टिकल थर्टीन यह कहते है कि कोई भी कानून यदि मूल अधिकारों को सीमित करता है तो वहां उस सीमा तक अवैध का यह अटक जाता है थिस आर्टिकल 368 के तहत किया गया फर्स्ट कांस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट 28 है और इसका मतलब हुआ आर्टिकल 13 एक तत्व है कि यदि आर्टिकल 13 के तहत हम फर्स्ट कौन से ट्यूशन अमेंडमेंट को तय मान लेते हैं लोग मान लेते हैं हैं तो इस Logo हम खर्च कर सकते हैं क्योंकि यह मूल अधिकारों को सीमित करता है और अनुच्छेद 13 दो में साफ-साफ लिखा हुआ है कि जो भी कानून हैं के मूल अधिकारों को सीमित करेगा नुकसान पहुंचाएगा वह उस मात्रा में खर्च हो जाएगा हां मैं जानता हूं कि हां क्या पर दिमाग का दही हो चुका यह अत्यंत खराब हो जाता है मेघनाद चार साल पहले पढ़ाई करता था कि जब स्कूल के बच्चों को कि तमाम के पुतले के 2 मिनट के लिए आप देख लीजिए पानी पीजिए चेहरे पर पानी मान लीजिए और जब हफ्तों से फेस पर आकर समझने का प्रयास करते हैं और अब तो क्योंकि मैं वीडियो बना रहा हूं मेरे साथ में कोई है नहीं आप सब्सक्राइब बटन दबाइए थोड़ा घूम चाहिए सिर पर पानी में लिए दिमाग ठंडा हो उस पर अश्लील ढंग से समझ लेंगे तो आपको प्रेगनेंसी से कि उन्हें समझेंगे तो डेढ है उसके बिना चले गए सुबह ऐसा क्या समझ लें तो आप समझ सकते हैं कि शिविर में टेक्स्ट करो एक मिनट में पहले याद दिला रहा है थिस आर्टिकल थर्टीन क्लास टू में लिखा हुआ है कि यदि राज्य सरकार संसद और राज्य विधान मंडल कोई भी कोई भी ऐसा कानून जो मूल अधिकारों को सीमित करता है वह स्मार्ट तक अवैध इमारतों को नुकसान पहुंचा है अपने पति ने बताया हुआ है कि कानून का मतलब क्या क्या होगा उसमें एक भी होगा जयश्री होगा आदेश भी होंगे नियुक्त होंगे कि यह बताते हुए कि संविधान संशोधन कानून में शामिल हैं मैं अभी सहयोग है बाई मिस्टेक हुआ बैठा हुआ हमें नहीं पता किसी को नहीं पता इसी बीच झगड़ा है थिस आर्टिकल 368 के तहत संविधान का संशोधन करके नेहरू जी ने पहला संविधान संशोधन करवाया और 3 67 के तहत संशोधन करवाने का मतलब बहुत बड़े उक्त दोनों सदनों में अलग पास करवाकर संविधान को चेंज किया है कि शंकरी प्रसाद जी का अरगुमेंट क्या है उनका डोरमेंट यह है है कि अनुच्छेद 13 दो के तहत कोई भी कानून मूल अधिकार को चोट पहुंचाता है तो खड़ी हो जाता है का पहला संविधान संशोधन विधेयक कानून है कि ध्यान रखें कौन से टिप्स एलिमेंट को है उसको कहते हैं है तो पहला संविधान संशोधन अधिनियम वित्त वर्ष में तो है कानून है तो है और मूल अधिकारों को सीमित कर रहा है यहां पर इसलिए मूल अधिकारों को सीमित करने के अपराध में पहले संविधान संशोधन को एक खर्च कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह संविधान संशोधन खारिज हो जाएगा तो दूर हट जाएगी और सब्सक्राइब खत्म होने का योग है यह सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप बताइए आपका क्या डोमिनेंट है कि कौन सी यह अमेंडमेंट भी एक तो होता है तो मेडिकल खर्चों में एप्लाई करना ही टंगरी फसा दिए कि आर्टिकल थर्टीन की परिधि में subscribe निश्चित रूप में सब्सक्राइब अनुच्छेद 13 में शामिल हैं उनका हिस्सा है इसलिए उस पर अच्छी तरह की लिमिट लागू होती यह पसंद है कि सरकार ने कहा दूसरी तरफ से यह सुप्रीम कोर्ट से कि सरकार ने का देखो जाता है संविधान संशोधन विधेयक कानून है वह कानून होते हुए भी इस कारण से जो रूल सब्सक्राइब नहीं सकता है इसका मतलब यह हुआ कि आर्टिकल 368 और 3030 में को 368 के तहत होने वाले सब्सक्राइब कर सकते हैं अलग-अलग 368 ही नहीं है को सरल भाषा में कहूं तो कि सरकार ने कहा का पहला संविधान संशोधन अनुच्छेद 368 के आधार पर किया गया है और आर्टिकल थर्टीन जो कहते है कि मूल अधिकारों का संरक्षण एवं बदलाव एवं उसकी शक्ति 368 को कंट्रोल कर सकते हैं झाल यह सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया था लिए है यह देखिए सुप्रीम कोर्ट दुनिया भर में क्या होता है बहुत अच्छी बातें अपनी जगह एक्सप्रेस यह है कि अल्टीमेटली पावर गेम जगह कि दुनिया के किसी भी देश में देख लीजिए अगर सरकार बहुत ताकतवर होती है तो आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार कमज़ोर को ताक़तवर हो जाता है है इतना ही नहीं नहीं प्रधानमंत्री कमजोर हो तो राष्ट्रपति ताकतवर हो जाता है घ्रर प्रधानमंत्री बहुत ताकतवर हो तो राष्ट्रपति कमजोर हो जाता है कि गठबंधन की सरकार हो तो राष्ट्रपति राज्यपाल तत्पर हो जाते हैं सिंगल पार्टी हो जिसकी पूरी में राष्ट्रपति ए यह दुनिया की रीत है किसी भी देश के इतिहास डेढ आपको ऐसे ही नजर आएगा आ कि भारत में भी ऐसा अ कि नेहरू जी बहुत ताकतवर प्रधानमंत्री हैं थे लोक सभा ओं के हाथ में राज्य सभा उनके हाथ में राष्ट्रपति उनकी अपनी पार्टी का व्यक्ति था हॉलैंड की बहुत समझ से राजेंद्र प्रसाद जी के साथ तबीयत ठीक है कि सभी राज्यों में सरकार कांग्रेस की थी जो उनकी अपने मोहरे से मुख्यमंत्री स्वयं देखेंगे कि उन्हें कौन मना करता है है और सुप्रीम कोर्ट में अच्छे से पता था कि भाई आजादी का सपना जिन लोगों ने देखा है उनको बराबर चाहिए और संविधान तक खेल के चक्कर में बराबरी का सपना टूट गया है घर पर पता लगा कि एक भारत छोड़ो आंदोलन व अंग्रेजों के लिए दूसरों के सुप्रीम कोर्ट के जज इसके लिए तो भारत छोड़ो अगर हमारे मुल्क हाथों में समझ रहे हो कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय प्रसाद मामले में बड़ा सिंपल थपलियाल और उसने कहा कि जो व्याख्या सरकार के जरिए वह ठीक है और यह समय तो उसने मान लिया कि दोनों अलग हो कि अगर संविधान में संशोधन करके मूल अधिकार को सीमित किया गया है कोई एडमिट है बिना संविधान को सबस्क्राइब कीजिए यदि कोई करता है तो यह सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि हम सरकार के सामाजिक सुधारों के पक्ष में गांव में कि जब तक नेहरू जी रहे तब तक स्थिति ऐसी नहीं है हैं मसलन 1953 में पश्चिम बंगाल में ओके सुबह इसको बोलते बनर्जी का मामला है कि उस मामले में क्या हुआ कि लैंड रिफॉर्म्स एक्ट को लेकर कुछ पेट दिखाओ कि इस समय सरकार हार गई थी कि जब सरकार हर गई तो सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को खारिज करने के लिए नेहरू जी ने क्या किया उन्होंने 1955 में फोर्स अमेंडमेंट संविधान का पश्चिम बंगाल का कानून था जिसके खिलाफ था उस करूंगा और इसका मतलब है कि वह जुड़े श्रमिकों से परे हो जाता था थोड़ा सा मतलब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश शीघ्र होगा पड़ जाएगा क्योंकि यह बहुत ही खत्म हो गई तो फिर काम चलता रहा चल तरह चलता रहा है लुट इन 64 Mein घटना घटी है आधे घंटे समय 3 से 4 में मई महीने में नियुक्त से पहले उन्होंने कमेंट का प्रोसेस शुरू कर दिया था अ थे लैंड रिफॉर्म्स के कुछ ऐसे थे कुछ राज्यों में जिससे कई बड़े भूमि पट्टों की जमीन सरकार चीनी मिलों को छीना जा सके यह ध्यान रखते हुए सब्स्क्राइब संसद में कुछ ऐसे प्रावधान कर दिए जिन प्रावधानों के आधार पर काम चल सकता है 12000 किया उसने राजस्थान पंजाब और कई और राज्यों के बहुत सारे लैंड रिफॉर्म्स लुट लिया है ने स्पष्ट कर दिया कि यदि इन कणों के मामले में राज्य सरकार ने संपत्ति छीन सकते हैं अनुसार कोई सुप्रीम कोर्ट भी शीघ्र ही कि इस 1717 के विरुद्ध 1965 में एक केस आया राजस्थान में इसको सज्जन सिंह का मामला एक सज्जन सिंह के मामलों फिर वही सवाल उठा है है कि 2031 1468 रिलेशन है और सुप्रीम कोर्ट ने फिर से यही हुआ था कि हम लुटब दोनों अलग और हम सब्सक्राइब करें गांव है कि उसके बाद अचानक एक ऐसा तूफान आया हमारे समुदाय के इतिहास पुरुष यौन 6a है 1957 में और एक मामला यार इसको रेगुलर खतम आपने सनम जरूर सुना होगा गोलकनाथ के मामले ने हमारे संवाददाता ने इतिहास को बदल दिया मामला भी शामिल है कि चोरों के विरुद्ध गोलकनाथ दो भाई थे एक नंबर है रखना है कि जालंधर जगह पंजाब में रावण के पास 500 रुपए पधारे व्यवस्था थी कि यदि परिवार में एक ही सब्सक्राइब कीजिए है लेकिन रैयतवाड़ी व्यवस्था कुछ मामला सर जो सीधे-सीधे अप्लाई नहीं हो पा रहा था कुर्सियां मैंने कह दिया था उसकी बैठ कर देगी और इस पंजाब लैंड रिफॉर्म वाले एक्ट को ही नहीं शेड्यूल में शामिल कर दिया था यानी गोरखनाथ सब्सक्राइब 602 है तो पंजाब सरकार उनकी जमीन छीन ली है अच्छा तो है नहीं और विलियम गोरखनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में केस किया है कि के स्वामी ग्रहों था तब द्रव शीघ्र नियुक्ति 3368 सब्सक्राइब होता है उससे होना चाहिए हमारा संपत्ति का अधिकार हमारा सुप्रीम कोर्ट का मूड चेंज हो गया है यह सुप्रीम कोर्ट में 11 जजों की बेंच इस मामले में बैठे जो अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि इस चैनल को सब्सक्राइब करें चैनल को सब्सक्राइब करने के मामले में उत्तर प्रदेश में नियुक्त सब्सक्राइब लेकिन सामने सबसे बड़ी चुनौती है यह सुप्रीम कोर्ट में भी आम तौर पर एक जरूर 10 दिन जर्सी बैंक होते हैं लेकिन जब मामला संविधान की व्याख्या हो कि यह आर्टिकल 143 के तहत सरकार को सलाह देने का मामला हो तो नियम है कि अगर आप हमारे संविधान का आर्टिकल 145 पढेंगे उसमें नियम है और नियम यह है 1.5 फ्री में कि ऐसे मामलों में कम से कम पांच सब्सक्राइब टो है और दूसरा नियम यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने पहले फैसला दिया हुआ है और फिर अगला मामला है इस मामले में पहले वाले फैसले पर पुनर्विचार होना उसे खर्च करना पड़ सकता है है तो नियम यह है कि पहले जितनी साइज की बंसी उससे बड़ी बेंच बैठेगी है और उसे बड़ी बहन चोर फैसला करेगी वहीं होगा और बैलेंस का फैसला बहुत होता है आर्टिकल 125 सब्सक्राइब टो तो इसका मतलब हुआ कि विषम संख्या को बढ़ाते हैं और पिंपल्स का मतलब स्कूल करेंगे इधर आ कि इस 11 जजिज की बेंच ने 65 के बहुमत से अब तक के सारे फैसले को पलटते हुए यह फैसला किया कि अनुच्छेद 368 वे अमेज़न से मुक्त नहीं है कि अनुच्छेद 368 को भी अनुच्छेद 18 चेहरे की हदों से मुक्त नहीं है कि अ कि कल खोल दिए सरल भाषा में कि संसद संविधान में संशोधन करके भी मूल अधिकारों को छीन सकती अब तक कि संसद या राज्य सामान्य अधिनियम से अधिक से अधिक से अधिक संविधान में संशोधन करके सीमित किया है कि गोरखनाथ मामले में व्यक्ति बदल गई और इस मामले में जो व्यक्ति सवार थे उनका नाम संजय दत्त कि राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशियों के नाम तय 365 फैसला हुआ था हल्का सा कर्व था थे कोरिअर होते ही अब तक के सारे मामले चेंज हूं मैं में एकत्र यह भी था कि पिछले 1950 से 67 वां साल में लैंड रिफॉर्म्स जितने काम हुए थे अगर यह सब स्कोर चेंज करना पड़ेगा तो इस वंश डॉक्टर डॉक्टर ने यह फैसला सब्सक्राइब सब्सक्राइब सब्सक्राइब टो कि अब हमारी संसद के सामने संकट यह था कि यदि वह मूल अधिकारों को सीमित कर ही नहीं सकती कुछ सामाजिक न्याय को सुनिश्चित कैसे करें आर्थिक न्याय को सुनिश्चित कैसे करें ज़मींदारी को कैसे समाप्त करें संपत्ति का विवरण समाधान कैसे करें स्कूल-कॉलेजों में महिलाओं को वंचितों को पढ़ने का मौका कैसे इसका मतलब नियुक्त हैं है 1957 में ऐसा क्यों हुआ इसका थोड़ा सा इतिहास उस समय का भी समझना जरूरी तक आप समझ सकें कि इतिहास कैसे बदल रहा था इतिहास करवट कैसे लेता है हैं जैसे कि आपको लगने लगेगी थकान ज्यादा हो गई है तो आप उसको बटन दबाएं देखने सब्सक्राइब नियुक्त सब्सक्राइब नियुक्त आयोग ने दो एक रोचक कहानी है 1968 में क्या हुआ है कि 1964 से 2 साल पहले और संपर्क 1962 में क्या हुआ था के लिए 1951 पहले चुनाव हुए नेहरू जी प्रधानमंत्री बने और उसके एकदम चुनाव राष्ट्रपति भवन में सब्सक्राइब करें यदि उन्हें सब्सक्राइब टो 256 57 के चुनावों में फिर भी प्रधानमंत्री बन गए धूमधाम से मनेगा 257 के चुनाव में बाबू राजेंद्र प्रसाद सिंह राष्ट्रपति बन गए उस समय सवाल सही राष्ट्रपति कोई कई बार बने तो राजेंद्र बाबू की शादी डर मिलने चाहिए तो बन रहे हैं है क्योंकि लगभग उसी समय अमेरिका में ऐसा हुआ था कि राष्ट्रपति लगा सकते हो कि राष्ट्रपति बना था सबस्क्राइब मृत्यु हो गई थी अ है और तब अमेरिकी संविधान में संशोधन हुआ कि कोई भी व्यक्ति वहां पर पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है उच्च राशि में चार नियुक्त हिंदू कोड बिल को तब यह अ है 1957 में जब एक्शन हो गया नीरज जी पीएम बन गए तो थ्रू थिस कि 1962 की शुरुआत में तीसरे लोकसभा चुनाव हुए नेहरू जी के नाम से पीएम अपने भाषण में राष्ट्रपति चुनाव से नियुक्त लिए नियुक्त किया है है और तब यह हुआ कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन को राष्ट्रपति बनाया गया इसमें एक पक्ष एक बहुत पढ़े-लिखे विद्वान दूसरा प्रश्न उत्तर और दक्षिण दक्षिण भारत के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री नियुक्त भारत अभियुक्तों ने जवाहरलाल नेहरू तीसरी बार राष्ट्रपति पद पर नियुक्त प्रशासक नियुक्त कि राष्ट्रपति अच्छा यह सब बात कि शुरुआत की बातें हैं फरवरी-मार्च यह सिलेक्शन हुआ है है और 62 के साल में ही अक्टूबर और नवंबर में चीन और भारत के बीच युद्ध हुआ है में तीन लुटेरों को बहुत विश्वास था जब 300 से क्रांति हुई तो दुनिया में सबसे पहले आगे बढ़कर भारत मुसलमान भारत ने संभाल लिया है मैं सिर्फ चीन के राजा पुष्य नक्षत्र जैसा मानते हैं चीन ने अक्साई चिन मामले में फाल्ट को सब्सक्राइब टो कि उस पर अपने हक को लेकर युद्ध लड़ा और इस युद्ध में भारत के प्राचीन भारत एक उभरता हुआ अब स्कूल में कि चीन अभी कम जरूरत थी हम चीन से हार गए थे कि पुरूष हरमीत अमरेश जॉब भी नेहरूजी भारत पर चीन के प्रति गहरा सम्मान भाईचारे का अर्थ हिंदी में वो कहते हैं कि नेहरू जी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए और 1957 में उनकी मौत हुई तो उसके पीछे कहीं ना कहीं ऐसा काम कर रहा था श्री राधे कृष्ण बहुत नाराज चुनरी नेहरू जी की सरकार को घुटनों पर छुपा दिए इस मुद्दे पर युद्ध के मामले में और जब तक नेहरू के रक्षामंत्री चैनल सब्सक्राइब लिए 1964 नियुक्त कि पनीर जी की मृत्यु हो कि देश में बैठे क्यों हो गया हैं तो एक परंपरा बनी कि जो senior-most लीडर है उसको प्रधानमंत्री बना लेंगे तो कुछ समय पर गुलजारी लाल नंदा जी दो स्पिनरों के लिए पीएम बने क्या यह बाहर प्रधानमंत्री बने थे तो फिर कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रहा था कि कौन किस को बनाओ प्रधानमंत्री और 2 मिनट भर से उनमे से एक का नाम था मोरारजी देसाई और सही बात करें तो अब तो बनता कि बहुत ही कि मोरारजी देसाई गैलरी यह थोड़ा सा को जानना हो गुजरात विकास के गुजरात भवन का जन्म हुआ सिविल सर्वेंट्स डिप्टी कलेक्टर रहे थे कि युवा सब्सक्राइब थोड़ा सब्सक्राइब 1969 में सब्सक्राइब टो कि जब यह जांच साबित हुई 1930 में तो उन्होंने इस्तीफा दिया अपनी डिप्टी कलेक्टरी सेट और गांधी जी के आंदोलन में शामिल हो गए हैं 123 प्राणनाथ गांधीवादी थे लेकिन आज समक्ष एक उदाहरण है कि खूब जम के राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लिया जब देश आजाद हुआ तो मुंबई में राज्य के मुख्यमंत्री हुए उस समय का मतलब ध्यान रखना पूरा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे तो फिर नेहरू जी की सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री पी रहे थे है और यह माना जाता था कि नेहरू जी के वर्क नंबर 2 प्ले यह सबसे कद्दावर नेता मौजूद थे कि नेहरू जी की मौत के बाद शाहरुख खान के इच्छा थी कि मैं पीएम बन ओं मैं इंग्लिश में कांग्रेस के अध्यक्ष व्यक्तियों का नाम था कि कामराज के गांव तमिलनाडु के मुख्यमंत्री 1968 कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ए के कामराज के पीएम बनने की बात किए थे लेकिन कहते हैं कि इसको मना कर दिया उनको सब्सक्राइब वह सुरक्षित रास्ता है का काम रात को भारतीय राजनीति में किंग मेकर कहा जाता है हैं उनको यह समझ में आया कि अगर मोरारजी देसाई भारत के पीएम बने तो उन्हें कंट्रोल करना पार्टी के लिए संभव नहीं होगा क्योंकि बहुत नानी आदमी एक उदाहरण है मैं तुम्हें पार्टी के अंदर सहमति बनाई और सहमति बनाए रखो व्यक्ति का नाम लाल सब्सक्राइब सब्सक्राइब टो यहां पर कमरा साहब के अपनी सुरक्षा में थे अपने खतरे से अपनी डर्टी बहन थे और पार्टी में सहमति बनी और सर्वसम्मति से सब्सक्राइब को नियुक्त भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे कि उनका कार्यकाल कोई बहुत ही ऐसा नहीं था कि जो जादू भरा हो क्वांटम ठीक था कि युद्ध से कमर टूटी हुई थी 1965 में पाकिस्तान शरीरव्य कि युद्ध के समय भारत में खाद्यान्न का संकट हो गया प्रति व्यक्ति वह सप्ताह में एक दिन सोमवार की रात को भोजन करेंगे के लोगों की बात को माना सम्मान किया कि युद्ध बहुत सारी अन्य चीजों को ढूंढ लेता है यह समय कार्यकाल में सामने उन्हें कार्यक्रम एक औसत कार्यकाल बहुत खराब है है लेकिन जैसे ही indo-pak वर हुआ है तरफ और उन्होंने अपनी सूझ-बूझ से उस युद्ध में भारत को जितवा दिया तो पूरे नाम जुड़ा है कि 1965 के युद्ध के बाद समझोता भारत पाकिस्तान में हुआ था इस क्रम में अब जानते हैं जो कि विक्रेता यानि कि उस समय का ये सफर का पार्ट था वहां गए 11066 समझौता हुआ समझौते की रात के समय उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई कुछ लोग कहते हैं यदि किसी व्यक्ति हो सकता है कि कांग्रेस समिति के लोग मानते हैं कि हम केजीबी ने किया था हैं और किसी भी को समझ में आया था कि इतना पॉपुलर प्रधानमंत्री जो राष्ट्रीय हितों से समझौता करने को तैयार नहीं है वह मेरी बात मानेगा नहीं इसलिए केजीबी में ओबियत संघ की खुफिया तंत्र को मरवा दिया अब स्कूल स्थापित है को प्रदान करेगी रखे चलती है हम इस डिबेट मिलना पढ़ते हुए उन्हें गैर जरूरी 6666 नियुक्त थे के ग्यारह जनवरी की रात को लुभा जनवरी को पीएम बनने से उज्जैन तक ट् कि 24जनवरी 1966 है कि शेष मार्क 1977 1172 महीने तक प्रधानमंत्री भारत में रहेंगे इंदिरा गांधी 1984 में शीघ्र नियुक्ति ऊं कि ऐसे ही नहीं मिल गए कि जैसे इंदिरा गांधी पीएम बनने की रेस में नहीं तो शास्त्रीजी के शासन के दौरान सूचना मंत्री थी कम्युनिकेशन इंफॉर्मेशन सिस्टम ठीक है है और मोरारजी को अपने कंठ से नीचे लगा तो शास्त्री के मंत्रिमंडल में शामिल होने से ढूंढ यह सूचना मंत्री ए 188 जी की मृत्यु हुई शुक्रवार उठा फिर से कि अब कौन सीएम बनेगा है कि उस समय फिर कांग्रेस के अध्यक्ष थे टीम राज क्योंकि सब्सक्राइब और कुंठा में प्रधानमंत्री और मुखर्जी ने कसम खा ली कि नहीं क्योंकि मेरा हक बनता है कि इंदिरा गांधी इस डेढ़-दो साल के पीछे ढूंढ ढूंढ और कॉन्फिडेंस सुकून है लगा था तू शासन चला सकती है कि उन्होंने अंदर ही अंदर थाना हुआ था कि मैं पीएम बन मिल्क उनको लेकर जो कांग्रेस के में छपी थी जो बाकी मिलेंगे पॉजिशन अधिकतम चलता है कि यह सब उस समय की मूर्ति बहुत पसंद है हुआ था कि कामरा चाहते थे कि इंदिरा गांधी पीएम बने क्यों की नियुक्त करने की बात तो यह है कि इस गीत को तैयार नहीं है है तो कांग्रेस की जो अखिल भारतीय समिति कार्यसमिति उसमें इलेक्शन हुआ सेंटर में निरीक्षण हुआ है यह बहुत रोचक बात है उस इंटरनल रिफ्लेक्शन में इंदिरा गांधी सेट करें कि प्रथम यहीं हुआ था कि कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री बनेंगी इंदिरा गांधी जी मैं इसे इंदिरा गांधी और मोरारजी के बीच का संबंध शुरू से छत्तीस का आंकड़ा था कि मुझे लगता है कि मेरे कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिए जाने से नाराज हैं कि 1966 में इंदिरा गांधी पीएम बनी है कि राष्ट्रपति आपको पता ही 1962 में बन गए सर्वपल्ली राधाकृष्णन बुखार चढ़ रहे थे 5 साल शाम के पास स्थित संयंत्र के रहने वाले थे इस समय तक आते-आते कांग्रेस की हालत एकदम चकनाचूर हो चुके हैं श्री राम मनोहर लोहिया ने एक नारा दिया उस समय गैर-कांग्रेस बात और 67 के इलेक्शन के लिए भारतीय जनसंघ की तैयारियां तेज थी कि स्वतंत्र पार्टी काम कर रही थी और यह राम मनोहर लोहिया जी काम कर रहे थे तब लोग कोशिश कर रहे कांग्रेस को खड़ा है और जब कांग्रेस को हराने के लिए आंदोलन हुआ 1967 इलेक्शन हुआ है तो 1968 के इलेक्शन में कांग्रेस ने भी दहाड़ से मोरारजी अलग इंदिराजी अलग पर साफ दिख रहे थे किंतु अलग और को लगने लगा कि अब वह बात नहीं है थे फाइनल क्या हुआ था जो पार्टी बहुत बुलंद बहुमत से जीता करती थी तो 1968 के निरीक्षण में केवल 283 सीटें जीत पाई दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ हैं में पड़े डंबल मामला था साथ में राज्यों के इलेक्शन हुए थे राजग सरकार हाथ से निकल गई इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल के मंत्री अपनी सीट नहीं बचा सके थे यहां पर इस प्रकार सरकार बेहद कमजोर टीमों में सबसे पहले आर्थिक स्तर का रिजल्ट कमजोर होगी तो सुप्रीम कोर्ट ताकतवर हो जाएगा 1968 में सरकार का कमजोर होना और गोलकनाथ केस में सुप्रीम कोर्ट का सरकार की मंशा की वृद्धि फैसला दे देना इस बात का प्रमाण है कि सरकार का कमजोर होना और सुप्रीम कोर्ट ताकतवर होना एक ही तराजू के दो पहलू होते हैं इन लोगों को ठीक कर सकते हैं अब जो फैसला हुआ है है लेकिन 1968 में फिर भी सरकार बचने केंद्र में बहुमत मिल गया और इस बहुमत के बाद क्या हुआ कि पीएम बने इंदिरा गांधी डिप पीएम प्रधानमंत्री का पद मिला मोरारजी देसाई को और पैर तोमर जी बहुत पक्ष में ही से इस बात कि है लेकिन कि अब वृहद मंडल यूज कर दी डिप्टी पीएम से निपटने का यह ध्यान रखने की स्वाधीन भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री का पद पहली बार मिला था पटेल को नेहरू प्रधानमंत्री बने तो पटेल को प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बार प्रधानमंत्री का पद दिया गया मोरारजी देसाई को पीएम बनने से चूक गए को अब इंदिरा गांधी को लग रहा था कि कैसे मैं धीरे-धीरे पार्टी के भीतर अपनी ताकत बनाऊं कैसे विदेश में कांग्रेस की खोई हुई प्रतिष्ठा को आगे बढ़ो और तीसरा सुप्रीम कोर्ट है उसके हाथ से निकल रहा है सुप्रीम कोर्ट के फैसले जो अटपटे आ रहे हैं उन फैसलों को मैं कैसे पलटू सही भाषा में कहें तो इंदिरा गांधी के भीतर से महान नेता या और थोड़ी खराब भाषा में कहूं तो एक महान संरक्षक बनने की प्रक्रिया शुरू हो रही थी वह समझ गई कि कांग्रेस के संगठन को मोरारजी को सुप्रीम कोर्ट को इन सबको कंट्रोल करने का एक ही तरीका है कि मेरी फ्लाइट की बहन है की पॉपुलैरिटी कैसे बढ़ती है तो 1968 के चुनाव में पहली बार कई राज्यों में गैर कांग्रेस सरकारें जिनमें से एक सरकार पूरे बहुमत से जीते तमिलनाडु ने उसका नाम था डीएमके पार्टी सीमन का एक मुख्यमंत्री है और नंबर 2 मिनट तक एम करुणानिधि जो उस समय के युवा व्यक्ति के लाख युवा नेता अ कि इंदिरा गांधी ने एक पॉलिश बनाएगी कि उनको लग गया कि जब तक मैं गरीबों के पक्ष में काम नहीं करूंगी तब तक बात बनेगी नहीं और यह गोलकनाथ फैसले के बाद से गरीब हो परेशान है तमीज बहुत सस्ते राजा लोग हमेशा खुश गरीब लोग परेशान हैं कि इंदिरा गांधी को समझ में आया कि अगर लोकतंत्र में आगे बढ़ना है तो गरीबों को पक्ष लेना पड़ेगा और गरीबी हटाओ का नारा उनका 1977 में है उसकी दुल्हन बनने लगी और 10 सूत्री कार्यक्रम टर्निंग पाइंट प्रोगराम उन्हें अपना तनाव करना शुरू कर दिया है को सीधे-सीधे वामपंथियों और लेफ्ट या और इलेक्ट्रॉनिक सामाजिक समानता के वादे की ओर चलने लगी है इसमें इनको 1997 बैंकों का नेक्स्ट रिलाइजेशन बैंकों का राष्ट्रीयकरण बैंक्विट सरकारी बैंक हो जाएंगे प्राइवेट बने रहेंगे क्लास बैंकिंग वहां पर होने चाहिए आम आदमी को जनरल इंश्योरेंस कंपनी स्थित उनका भी होना चाहिए अ है जो गांव में लैंड सीलिंग के बाद फ्रेंड फ्रॉम फीवर शहरों में भी पानी चाहिए अर्बन लैंड सीलिंग यह बात करनी शुरू कर दी उन्होंने है कि उस समय सारे राजाओं महाराजाओं को एक विशेष भत्ता मिलता था इसको बोलें पृथ्वी पर और इंदिरा गांधी ने कहा कि भारत के गरीब होने की नियुक्त सारा पैसा खर्च करना पड़ता है पुराने राजाओं महाराजाओं के संचालन में उनको को देने पड़ते हैं है तो पृथ्वी पर प्रेमी पर इन क्षणों करेंगे यह दुर्घटना स्थल कि इससे ज्यादा नाराज हो गए और भून दें फिर इंदिरा गांधी के खिलाफ माहौल बनने लगा है क्यों नहीं इन 6 हफ्ते स्टफिंग इतनी बिगड़ गई कि कांग्रेस पार्टी के दो पहाड़ों से कि एक वजह यह कि कि इंदिरा गांधी के वित्त मंत्री से मोरारजी देसाई और मोरारजी देसाई थोड़ा सा पूंजीवादी मानसिकता के हाथ में से मुक्त बाजार के समर्थक थे उधर उद्यम के समर्थक थे गुजरात गुजरात की मिट्टी भी ऐसी है कि वहां से तो मुक्त बाजार का समर्थन करने वाले लोग ज्यादा आते हैं तो इंदिरा गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण की घोषणाएं अपने वित्त मंत्री से बात किए बिना ही कर दी थी है और इस समय तक मोरारजी देसाई के पक्ष में आ चुके थे कांग्रेस संगठन के नेता के कामराज भी और समय अध्यक्ष उसे निरीक्षण में मेजरिंग आप आपने श्रद्धालुओं में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे वह अ आज तो पार्टी को यह बहुत अखरेगी प्रधानमंत्री ने बिना वित्त मंत्री से बात की बैंकों के राष्ट्रीयकरण की घोषणा कैसे कर दी उनसे सवाल पूछा गया है कि इंदिरा गांधी समझ गई कि अब मामला चलने वाला है नहीं और उसी समय 1969 में एक ऐसा कमाल हुआ राष्ट्रपति पद की बात चल रही थी यह आप देख रहें हैं इस सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 में राष्ट्रपति बने थे कि के कामराज चाहते थे कि क्षेत्र में फिर से राष्ट्रपति बने शशिरंजन प्रसाद द्वारा बनाए थे यह बने क्योंकि दक्षिण भारत के एक कैमरा से दक्षिण भारत के थे पर इंदिराजी के संबंध सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ अच्छे नहीं थे क्योंकि वह चौथे नेहरू जी को बहुत रोका इंदिरा गांधी के वोटों का हो रहे हैं कि बोर्ड ने कि नहीं ठीक रहेगा है कि एक पढ़े-लिखे व्यक्ति कोई जाते हैं कि पॉजिटिव अर्ध दक्षिण भारत के व्यक्ति लाइफ बैलेंस बनाने के लिए इस बार ऐसा करते एक नोट को लेकर आते हैं है और 1617 में राष्ट्रपति पद पर कांग्रेस की ओर से लड़वाया गया इलेक्ट्रॉनिक डॉक्टर जाकिर हुसैन को जो शिक्षाविद् थे लॉर्ड कृष्ण जी की तरह कि इन पर सहमति बन गई राष्ट्रपति बने थे के राष्ट्रपति रह गई इंदिरा गांधी के अनुकूल उनका काम चला कोई झगड़ा नहीं हुआ दोनों के बीच में और दुर्भाग्य था कि लुटेरों के मृत्यु 1969 में हो गए हैं पूज्यश्री ने मृत युद्ध क्षेत्र में अभी तक क्या चल रहा था सर्वपल्ली राधाकृष्णन पहले उप-राष्ट्रपति बने बाद में राष्ट्रपति हो गए जब वह राष्ट्रपति बने तो उप-राष्ट्रपति उस समय जाकिर हुसैन हमने बाजू राष्ट्रपति हो गए थे तो जाकिर हुसैन राष्ट्रपति बने तो उस समय आप राष्ट्रपति वीवी गिरी बनी है है और जैसे सिक्सटीन उनकी मृत्यु हुई तो स्वभाविक रूप से संविधान में जैसे लिखा है कि उपराष्ट्रपति उस समय क्या व्यक्ति राष्ट्रपति वीवी गिरी राष्ट्रपति बन गए जबकि अगले ही क्षण तब तक के लिए अमेरिका में भारत में भारत में केवल उस समय से चुनाव न हो जाए तब तक के लिए होता है ये सब सवाल से एक नया राष्ट्रपति कौन बनेगा कांग्रेस पार्टी में खूब विचार-विमर्श हुआ है इस पर विचार विमर्श के बाद तय हुआ था कि राष्ट्रपति पद पर नीलम संजीवा रेड्डी चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस की तरफ से इस के नीचे लिंगप्पा साहब ने घोषणा की है कि नीलम संजीवा रेड्डी की इंदिरा गांधी से नहीं बनती थीं कि वह कांग्रेस के जो पदाधिकारी समय के कामराज लेन डे ई एम इंस्टिलिंग का यह सब ग्रुप में हाउ टो इंदिरा गांधी को लग गया कि कई व्यक्ति राष्ट्रपति बने तो यह मेरा जीना मुश्किल सवाल पूछे और उनको यह भी समझ में आ गया कि मोरारजी देसाई ने कामराज रेडिफ कि यह सब मिल-जुलकर कोशिश कर रहे हैं कि मेरे हाथ बंधे रहे हैं कि इसे मुक्त होना जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी का नियम था कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष विजय का नाम खड़ा किया बल्कि साथ में व्हिप जारी कर दी विश्व का मतलब होता है एक आदेश कि जितने भी सांसद विधायक पार्टी के हैं वह इस चुनाव में भाग लेंगे और इसी व्यक्ति को वोट डाले गए थे श्री रविंद्र गांधी क्या करती हैं उनके समर्थन करता है कि उन्होंने चुपके से ए वी वी गिरि को यह समझाया कि आप भी चुनाव लड़ेंगे राष्ट्रपति का भी कांग्रेस की ही तो बहुत समय कार्यवाहक राष्ट्रपति थे कि पूर्णता की मैडम यह कैसे होगा और यहां पर क्यों तनाव लेते हैं निरीक्षण कि यह सब कहते हैं कि ऐसा हुआ प्रमाणित स्वस्थ विरुद्ध घोषणा कर दी कि मैं राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के पद पर चुनाव आयोग ने उस समय अ कि एक घोषणा होते इंदिरा गांधी ने तय एक्ट बनाया है तुरंत कानून बनाया उस कानून में पहली बार लिखा गया था कि जब राष्ट्रपति नहीं होंगे तो उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति बनेंगे उप राष्ट्रपति नहीं होंगे तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस राष्ट्रपति बने कार्यवाहक और वह भी नहीं होंगे तो सीनियर मोस्ट जस्ट राष्ट्रपति बने तो वेरिफिकेशन उस समय हमारे सब्सक्राइब नियुक्त और फिर अगस्त महीने में चुनाव पूर्व राष्ट्रपति डा कि बीवी गिरी इंदिरा गांधी के उम्मीदवार हैं अंदर ही अंदर सबको पता था पर ऊपर से न गांधी कांग्रेस के नेता कि प्रधानमंत्री और कांग्रेस के घोषित नेता कौन से उम्मीदवार कौन से नीलम संजीव रेड्डी है और अंत में इंदिरा गांधी को लगा कि बात कैसे बनेगी वह खुलकर मैदान में आ गईं और कहा सबसे कांग्रेस के लोगों से यह देखिए राष्ट्रपति देश का प्रतीक होता है प्रतिनिधि होता है उसके चुनाव में केवल पार्टी पर ध्यान देना ठीक नहीं है अपने अंतरात्मा की आवाज़ सुनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार वोट डाली और अंतरात्मा यह लोग समझ गए अंतरात्मा का मतलब है कि युवा सब्सक्राइब टो यहां पर कहते हैं कि इंदिरा गांधी की अंतरात्मा की आवाज की अपील ने असर दिखाया और राष्ट्रपति का चुनाव वीवी गिरि जी गए है और अच्छा रिकॉर्ड है हमारे देश के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव में आज तक केवल एक बार ऐसा हुआ कि संग्राम की कटिंग करनी पड़ी इस चुनाव में पड़े हैं मेरे पास पेट एक बार ऐसा हुआ कि सत्तारूढ़ दल ने जिस व्यक्ति को राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनाया वहीं चुनाव हार गया को इसी में हुआ और सबसे रोचक बात है कि नीलम संजीव रेड्डी के नाम पर दो रिकॉर्ड से पहला सत्तारूढ़ पार्टी का उम्मीदवार होने के बावजूद राष्ट्रपति का चुनाव हारे और बाद में देश के अगले राष्ट्रपति जो सर्वसम्मति से राष्ट्रपति बने 1977 में पूरे नीलम संजीव रेड्डी और 1984 में इंदिरा गांधी फिर से पीएम राष्ट्रपति राष्ट्रपति ए कि जैसे यह घटना घटी जो कांग्रेस का संगठन बौखला गया और नवंबर महीने में बारह नवंबर 1969 को कांग्रेस के अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया है है और इसको बोलते कि कांग्रेस के दो फाड़ हो गए इंदिरा गांधी तैयार बैठी हुई पता था कि चिट्ठी आने वाली इंदिरा गांधी ने गांवों में इसको बोलते हैं और इंडियन कांग्रेस इसको है कि कुड़ी कहते लोग मजाक में निकाल देते हैं मतलब ऑर्गेनाइजेशन IMC का मतलब हो गया जो प्राचीन कांग्रेस की पुरानी कांग्रेस थी कुछ लोग पोस्टेड भी कहते हैं कांग्रेस की दुनिया में सिंडिकेट कहने का मतलब होता है इन लोगों का गुस्सा हो कि इंदिरा गांधी की जो कांग्रेस बनी इसको बोलते हैं एन सी ई आर का मतलब है रिक्विजिशन लेकिन कुछ लोग बोलते हैं रूलिंग कांग्रेस कुछ सुते न ही कांग्रेस है कि खुसरो की सुविधा इंडिकेट कांग्रेस एसिड होंगे इस नेता ने कहा इंदिरा इज इंडिया इंडिया इज इंदिरा कांग्रेस आई हो गई थी मतलब होता है अच्छा अब समझ सके पीएम कैसे रहेंगे हैं कि कांग्रेस पार्टी के अंदर फिर से चुनाव हुआ और कांग्रेस पार्टी में बहुमत चला गया इंदिरा गांधी के पक्ष में थे है और इसलिए एक नई पार्टी बनते ही उस पर टिक नाम पर हल्दी पीएम बनी रहेगी लेकिन मैंने जितने सांसद लोकसभा के सांसद IMC सोमेश्वर तो हट गया समर्थन से है कि इससे 1969 में पहली बार ऐसा हुआ कि कांग्रेस की सरकार इंदिरा गांधी की सरकार अल्पमत में आ गई थी है यानी उसके पास इतनी सीटें तो ठीक ही किसी भी पार्टी से ज्यादा थी लेकिन उसके बावजूद लोकसभा में बहुमत नहीं है है इसलिए उनको बहुमत मिले कुछ पार्टी से बात करनी पड़ी और कुछ समय उसके केवल दो महीने पहले 1969 में नवंबर के लिए क्या हुआ था कि डीएमके पार्टी पहली बर सरकार बना रही थी अ कि बिना किसी के समर्थक इस सीरम अन्नादुरई की मृत्यु 1969 में युद्ध लड़ाई और उस समय टाइम करुणानिधि नाम का एक नेता अ है जो अब जानते हैं कि उसके वक्त तमिलनाडु के सबसे अमीर व्यक्ति हुआ है को मुख्यमंत्री बनाया था उस समय तो उस नेता ने इंदिरा गांधी को सपोर्ट दी है है और उस सपोर्ट से इंदिरा गांधी की सरकार लोकसभा में चलती रही और अलग-अलग मुद्दों पर सीपीएम ने अपनी रिपोर्ट देगी सामान्य कहां से मिली है कि इंदिरा गांधी समझ चुके 1969 में अब सरकार मत चला तो लूंगी किसी तरह से लेकिन इस वेबसाइट पर चलने वाले सरकार से बहुत कुछ होने वाला है नहीं और यह तो वह चाहती थी कि है कि देश में कुछ नाम कमाऊं कुछ बड़ा करूं वैसा नहीं होने वाला था इसलिए इंद्र गांधी ने तय किया कि मुझे कुछ बड़े कदम उठाने ही होंगे और में एक पक्ष के बीच सुप्रीम कोर्ट को कंट्रोल करने की इच्छा थी जो अभी करने की आदत नहीं है है तू 1969 उन्होंने एक कदम उठाया इसको बोलते हैं बैंकों का राष्ट्रीयकरण आम जनता को यह मैसेज देने के लिए कि मैं आम आदमी के पक्ष में कुछ भी कर सकती हैं कि संसद का सबसे दो-तीन दिन बाद शुरू होने वाला था केवल दो दिन पहले का देखने का दावा इसकी जरूरत ही नहीं पर निकाल दिया जाए तो है और देश के 14 बड़े बैंक जिनके पास 50 करोड़ से ज्यादा के डिजर्व्स थे कि उन सबको एक झटके में उनका राष्ट्रीयकरण कर ले काया है और इस एक्ट में एक बात लिखी हुई थी आपको दिखाऊंगा कि भारत में अतिशय में लिखा कि संपत्ति का अधिग्रहण करें अगर दूसरा चाहिए ठीक है मैं इसमें लिखा कि कंपनसेशन इन क्षतिपूर्ति के दो प्रावधान है पहला या तो सरकार और उनके बीच सहमति बन जाए एग्रीमेंट हो जाएगी कि यह सरकार कहेगी वही तुम्हारा बैंक है हमें हमारे बैंक के लिए तो इतने पैसे तो ले लो सहमति बन गई साइन कर दिया बस ख़राब हो गई या तो एग्रीमेंट हो गया सहमत हो जाए और दूसरी बात नहीं थी अगर सहमति न सिर्फ ट्राइब्यूनल बैठे का यह जो ट्राइब्यूनल तय करेगा अमाउंट और जो ट्राइब्यूनल अनुसार करेगा 10 साल के बाद अमेरिका या व्यावहारिक मतलब स्कूल सब्सक्राइब टो झाल तो एक व्यक्ति आरसीएफ ऊपर है मैं आशिक ऊपर एक बहुत अमीर व्यक्ति हैं थे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा इन दोनों बैंकों में उनकी हिस्सेदारी हुआ करती थी अच्छी खासी हिस्सेदारी थी यह सीधे पहुंचे सुप्रीम कोर्ट ने के गाने चाहिए क्या ड्रामा है भाई जी कि अधिवेशन स्थल जैसे संसद का सत्र शुरू हुआ था बिल पास करवा लिया एक्टिव बन गया इनका ग्राइंडर को यथायोग्य यह देखा जाए तो उसका जवाब तो यह था कि एक पास हो गया है कोई बात नहीं है मैं बैंगलोर जाऊं थोड़ी कंपनसेशन देने की जो प्रावधान है वह गलत प्रावधान है और दूसरा यह समानता का अधिकार क्योंकि बाकी बैंक कुछ ऐसा नहीं कि हमारे साथ ऐसा क्यों किया था कि 11 जजों की बेंच में 10 एक के बहुमत से बैंक नेशनलाइजेशन का जो बिल पास हुआ था उस को खारिज कर दिया गया और इंदिरा गांधी के लिए दूसरा बड़ा झटका है हुआ था मैं अभी झटका लग गया इस पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि जब भी किसी की संपत्ति छीन अभियुक्त कंपनसेशन देना पड़ेगा जस्टिफिएबल इक्विटेबल बराबर सब्सक्राइब करें तो कि अगर हर रविवार हर बड़े लैंड की जमीन खरीद लें उससे और खरीद के गरीबों को बांटे इतना पैसा है कि सरकार के पास और सुप्रीम कोर्ट देगी कंपनसेशन का मतलब हम तो यह मानकर चलें कि इक्विटेबल होना चाहिए बराबर होना चाहिए नहीं तो संविधान का उल्लंघन है है और रोचक बात है कि 10 एक में जो एक व्यक्ति असहमति था उसका नाम था जब स्कैन रे मैं बाद में बताऊंगा इनका महत्व क्या है हैं इनका मानना है कि सरकार ने ठीक किया है कि 10 का मानना है कि सरकार इस तरह से बैंक राष्ट्रीयकरण के मामले में इंदिरा गांधी को बड़ा झटका लगा और कि सुप्रीम कोर्ट उनके पीछे से नानी पालकीवाला है कि इस केस से लेकर पृथ्वी पर के मामले में केशवानंद भारती में मिनिमम इसमें उन सबके सिर में एक ही वकील नानी पल्खीवाला ने सरकार को नाको चने चबवा दिए और भारत के सबसे महान और श्रेष्ठ माने गए हैं बहुत-बहुत अ कि इसके वजूद का गांधी ने एक कदम उठाया और वह कदम थक प्रिवी-पर्स के मामले में ए हैं प्लस अपने खूब संदेश सुनाओ गए इसका मतलब आप समझ लीजिए क्या है मैं आपको पता है कि जब भारत आजाद हुआ तो बहुत सारी है आफ थे प्रिंसली स्टेट से 555 के आसपास उन सबके साथ समझौते करने पड़े थे कि वह भारत का हिस्सा बने हैं है तो रियासतों से संशोधित दो बार हुए एक हुए 1947 में तो यह था कि भारत में आ जाइए इन सब्सक्राइब करें और मुद्रा अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रमुख है के लिए 1949 में जब संविधान लागू हुआ था तब इन सबसे फेवरेट समझोता हुआ कि आप सब कुछ भूलकर पूरी तरह से भारत मर्द ही हो जाइए इस समझौते हुए हैं है और इन समझौतों के बदले तय हुआ था कि उनको एक तो कुछ पैसा मिलता रहेगा हर महीने उनके खर्चे पूरे करने के लिए तो वहीं पर पृथ्वी पर स्थित है के साथ ऐसा कुछ उपाधियां मिलेंगे कुछ सम्मान मिलेगा का या कुछ राज्यों में तो यहां तक था कि उनको तोपों की सलामी दी अतिथि राज्य प्रमुख संविधान के लिए गया था चाहिए थे के मुख्य था पैसा टीवी पर सिस्टम बहुत बड़ी मात्रा में हर महीने पैसा भेजना पड़ता था ताकि वह अपना शाम शुगर से रह सकें उनको दिक्कत ना आएं हैं तो इसे निश्चित करने के लिए हमारे संविधान में एक आर्टिकल सा दोस्तों 911 362 और एक 366 झालीस ग कि 291 में लिखा वह विपक्ष मिलेंगे और साफ-साफ लिखा होता है एक तो इन पर टैक्स नहीं लगेगा टेक्स्ट फ्री होंगे दूसरा कंसोलिडेटेड फंड आफ इंडिया पर चार्ज एक्सपेंडिचर होगा इसका मतलब क्या होता है कि बजट बनाने के समय इस खर्चे पर वोटिंग नहीं होगी लोकसभा यह करते हैं जो बिना वोटिंग के अनिवार्य माने जाते हैं इसे राष्ट्रपति का वेतन तय जय जो चीफ जस्टिस आफ सुप्रीम कोर्ट या भाई जल्दी आऊंगा वेतन होता है यह जी का वेतन हो यह सब खर्चा ऐसा घृत खर्चे पर सांसद लोग वोट डालने लगे तो संसद पर दबाव बहुत ज्यादा पर पर इसलिए कहा गया है कि सब्सक्राइब यानि कि बिना वोटिंग होने वाला खर्च गारंटी है तो सब्सक्राइब कंसोलिडेटेड फंड आफ इंडिया सब्सक्राइब में कुछ और अधिकारों तथा 366 के समय पार्षद वीणा रूलर स्क्रीन को माना जाएगा यह कौन सी पर्स के लिए अ को अब इंदिरा गांधी ने ठान लिया कि हमें तो इनको भी खत्म करना है राजा लोगों के खिलाफ बयान देकर उस समय पर ईंधन क्योंकि अ कि अब क्योंकि संविधान में लिखा हुआ था इसलिए इसको हटाने के लिए संविधान संशोधन करने की जरूरत थी कॉन्सीट्यूशन अमेंडमेंट जिसके लिए उसे विशेष ब्राह्मण और जो सरकार किसी तरह से डीएम के शेष राशि लेकर चल रही हो संविधान संशोधन कैसे करवाएं है हुआ है यहां पर मजे की बात है कि इस मुद्दे पर बहुत सारी पार्टियां साथ में आ गई जैसे जितनी लेफ्ट पार्टीज यह सब हाथ में सीपीएम सीपीआई सब्सक्राइब के साथ ही कि लोकसभा में ठीक से बहुमत मिल गया बिल पास हो गया कि राज्य सभा व कि भारत के इतिहास का पहला संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में पास नहीं हो पाया वह विप्लव था में 150 लोग चाहिए अफेयर 75 विरोधी से लेकिन पक्ष में वोट पड़े वह से 10 48 ए कोट कम होने की वजह से इंदिरा गांधी राज्य सभा में प्रिवी-पर्स उन्मूलन का कौन सी यह अमेंडमेंट बिल पास नहीं करवा पाई है ए राजा लोग खुश हो गए दिवाली मनाने लगे हैं कि इंग्लैंड से बरदाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने क्या किया जैसी घरेलु एक आदेश निकाला राष्ट्रपति ए है और आदेश निकलवाया 366 22 के आधार पर उसकी परिभाषा में जो रूलर से परिभाषा बदलकर उनको बाहर निकाल दिया था झालर अजीब सी बात है यहां पर इंदिराजी के अंदर से तानाशाह पैदा हो रहा था उसका एक ताकतवर नेता पैदा हो रहा है उन्हें लिए तैयार नहीं थी ना सुप्रीम कोर्ट को न संसद को मैं किसी और को इस पर उन्होंने सीधे-सीधे एक आदेश निकलवाया टी आर्टिकल 366 के खंडवा इसमें रुचि जो परिभाषा है वह परिभाषा से लागू नहीं होगी और यह करते सारे राजाओं को से बाहर निकाल लिया है कि चीनी सी बात है इसके खिलाफ फिर एक केस हुआ और जो व्यक्ति केस लेकर गया उसका नाम था माधवराव सिंधिया एवं कांग्रेस नेता नहीं थे बाद में कांग्रेस ने राजा की उपाधि अगर आप इसको पढेंगे इस कंप्यूटर के अ कि इस केस में इनका नाम लिखा हुआ है महाराजाधिराज माधवराव जीवाजी राव सिंधिया बहादुर बनाम भारत संघ में है और इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने पूरे बहुमत से इस बात को माना कि यह सरकार की गलती है सरकार की बदतमीजी है है और यह कहकर पूरी सम्मति से असहमति इस आदेश को खारिज कर दिया है कि यह इंदिरा गांधी के लिए तीसरा घाव था पहला गोरखनाथ दो सब्सक्राइब मामला है है उधर से कांग्रेस पार्टी टूट चुके थे मोरारजी कामराज वह सब प्रश्न खड़े रहे थे डीएमके का समर्थन स्तर पर समर्थन मिलता नहीं इसकी कीमत चुकानी पड़ती है कि इंदिरा गांधी को लग गया कि अब कुछ बड़ा करना होगा का यह छोटे-मोटे उपायों से बात नहीं बनेगी है 1978 में जो भी हुआ तो मैं ठान लिया इधर अमेरिका का दबाव लगा था भारत के ऊपर खाना उससे भी वह बहुत परेशान हो गई थी अ कि अनुष्ठान लिया राष्ट्रपति से सिफारिश की कि इलेक्शंस 1971 में विक्रमादित्य बेहतर प्रधानमंत्री होता है वह करवा सकता है का सेवन के बाद चुनाव 72 में होने थे इंदिरा गांधी ने 71 नहीं करवा दिए हैं कि गरीबी हटाओ का नारा दिया और जनता के बीच में जाकर अपनी बात रखी कि देखो भाई मैं तो चाहती हूं कि जमींदारों से जमीन छीनकर तुम्हें पर गोलकनाथ सुप्रीम कोर्ट में है कि मैं तो चाहती हूं कि राजाओं का पैसा बंद करवाए ताकि पैसा तो है मेरे और सुप्रीम कोर्ट बीच घृणा जी के मामले में हो कि मैं तो चाहती हूं कि सारे बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने और सारे के सारे बैंक आम आदमी के होने पर सुप्रीम कोर्ट बीच में आ जाता है अपनी ही पार्टी में मोरारजी बीच में आ जाते हैं सारे राजा मेरे पीछे पड़े हैं मैं तुम्हारी ही आम आदमी अगर तुम को लगता तुम्हारे हृदय में काम कर सकती हूं तो मुझे पूरे बहुमत से विजई बनाओ कि जनपद उनकी बात को ठीक से महसूस कर लिया और 352 सीमित हैं इंदिरा गांधी को मिले है और मजे की बात हुई सहमति बन के चुनावों में जो कांग्रेस के दूसरे पार्टी थी जिसको IMC वह कहते हैं उसको 16 सीटें मिली थीं यहां पर इंदिरा गांधी की कांग्रेस को 30 सीटें हैं है इतना ही नहीं है जो राजा लोग मेहनत टीवी प्रसिद्ध वाले कि उन्होंने इंदिरा के खिलाफ कलेक्शन बढ़ाओ माधव ने उनकी मां विजयराजे नहीं आ कि अधिकांश राजा हार गए जैसे पटौदी के गांव के पास जगह है मंसूर अली खां पटौदी जो सैफ अली खान दीपिका थी अ कि वह जी नमस्ते इलेक्ट्रॉनिक बड़गांव लोकसभा सीट से है में पांच परसेंट से कम वोट मिले क्योंकि जनता ने इंदिरा गांधी को स्वीकार किया राजाओं को नकार दिया है के पूरे ढांचे इंदिरा गांधी पीएम बनी और अब इंदिरा गांधी के हाथ में पावरफुल जबरदस्त चुके हैं ने अपने पिता देसी पावर पूरी लोकसभा के मुट्ठी में और इसी इलेक्शन के साथ बहुत सारे राज्यों में भी सरकार कांग्रेस की हैं और अब यूनिट चुप चुप के हिसाब दल बराबर करना शुरू किया था कि इनको चिंताओं से अमेरिका की थोड़ी सी इधर पाकिस्तान ने बांग्लादेश को परेशान कर रखा था जो पेशंट हिस्सा था है 1971 में ही इलेक्शन जीतने के कुछ महीने बाद यूएसएसआर के साथियों ने संभोग कर ले 25 साल की मैत्रीण मैं इसे व्यावहारिक मतलब यह है कि हम गुटनिरपेक्ष आंदोलन का नाम निकलता रहेगा है कि हम बेसिकली आप के पक्ष में झुके रहेंगे कि अमेरिका से मे संभाले ने चीन से हुए धमाके में आ ए सॉल्यूशन लेकर चिंता मत करो हम आपके साथ हैं है और यह सपोर्ट मिलते ही उसी साल दिसंबर में इंदिरा गांधी ने किया था कि पाकिस्तान से युद्ध लड़ा और बांग्लादेश को आजाद करवा दिया था फोन नंबर में कुल मिलाकर जिन्हें मामला और 16 दिसंबर घोषणा हुई बधाई हो वो कहते हैं कि उस समय अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि निद्रा देवी दुर्गा का अवतार है कुछ तो कह हुआ था लेकिन इंटरनेट पर देखेंगे तो आ सकता है है और जो लाल बहादुर शास्त्री को युद्ध के बाद छवि बन गई थी वैसे छविंद्र गांधी की हो गई है कि पाकिस्तान को दबाने से भारत पर कुछ भी हो जाता है उसके बाद अ कि बांग्लादेश एक नया देश बना दिया अमेरिका कुछ नहीं कर पाया कि सोवियत संघ के साथ उस समय ना अमेरिका कुछ कर पाया नथिंग कुछ कर पाया है ब्लूटूथ सेटिंग्स को बंद कर दीजिए उसमें और इसी समय उन्होंने कहा कि अब मैं ठीक करना शुरू करें 24 व 25 व 26 व 27 28 पुणे में ले रहा है कि यह सारे संविधान संशोधन करवा इंदिरा गांधी ने इस साल के अंदर है 124 वें संशोधन हमारे देश के इतिहास का वह संशोधन है जो संविधान की संशोधन करने की शक्ति में ही संशोधन कर देता है श्रीवास्तव हूं तो गोलकनाथ मामले को निपटाने के लिए 24 वां संशोधन किया संस्कृत में लिखता हूं गोलकनाथ दो कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण के मामले को निपटाने के लिए 25 वां संशोधन प्रिवी-पर्स के मामले को निपटाने के लिए 26 वां संशोधन किया कि संविधान ही पलट दिया है कि कैसे पलटा संक्षिप्त हम लेते हैं कि 24 वें संशोधन में उन्होंने आर्टिकल देखते रहिए और 368 में संशोधन कर दिया आपको झालरें तैयारी कर लीजिए कि गोरखनाथ केस में जजमेंट किया हुआ था कि आर्टिकल्स थर्टीन की शर्तें 368 फिर भी लागू होती हैं और इसलिए यदि संविधान संशोधन करके भी कार्यक्रम किए जाएंगे तो हम उस संविधान संशोधन कर सकते हैं कि यह सबसे गोरखनाथ कथा कि इंदिरा गांधी फैमिली फौजी तैयार रहती तो क्या किया थिस आर्टिकल 13 समय पहले तीन क्लोज से 64 व्यूज 368 पहले 263 सगुनवा दिया और दोनों ने की मदद से चेहरा में लिख दिया इसका कोई संबंध 368 नहीं है तो इसमें लिखा जिसका कोई संबंध थे रास नहीं है यानी 368 के तहत जब कोई संविधान संशोधन होगा उसे चैलेंज नहीं कर सकते आर्टिकल 35a में लिख दिया और इस प्रकार से गोरखनाथ फैसला है मैं अभी दुआ था खत्म नहीं हुआ था है कि 25 और 26 वां संशोधन होगे ना 125 वां संशोधन में आर्थिक ऊपर वाले फैसले लेने के बैंकों के राष्ट्रीयकरण के फैसलों को जरूर ट्राय करने के लिए क्या किया है थिस आर्टिकल 31अपराध व संपत्ति के अधिकार के बारे में 31वें नेहरू जी ने पहला संविधान संशोधन करके उसमें यह और भी लाया था इन्होंने इसमें चीनी डाल दिया छोटी सी पुस्तक लिखी है है कि यदि कोई विधि बनती है डीजीपी एसपीएस के पक्ष में डिप्टी एसपी में दो का नाम लिखवा दिया 39 भी और कि मैंने पहले कहा था कि यह दो ऐसे अनुच्छेद हैं जो हमारे समाज में आर्थिक समानता के बारे में इन टेंपल रन कि यदि कोई कानून बनाया जाता है 39 बी और सी के पक्ष में तो उसे आर्टिकल 4130 1931 के बेस पर चैलेंज नहीं किया जा सकेगा फोटो का मतलब समानता का अधिकार 19th मतलब 921 संपत्ति अधिकार और सब्सक्राइब करें यदि बीएसपी के पक्ष को बराबर लाने के लिए संपत्ति तो सब्सक्राइब कर सकते इसको हैं और साथ में कंपनसेशन शब्द जो परेशान कर रहा था उसे हटवा कर उसके बदले सब लिख दिया अमाउंट रकम कि यह रकम होगी जो सरकार द्वारा निश्चित की जाएगी कंपनसेशन नहीं है बराबर की रकम नहीं किसी की जमीन से लेंगे तो पूरी जमीन की कीमत को खरीदने सरकार को सब्सक्राइब करें यह अ कि यह होते ही बैंकों का राष्ट्रीयकरण का रास्ता भी खुल गया है है और फिर सारे राज्यों को एक साथ निपटा दिया 26 वें संशोधन सिंह कि जो आर्टिकल ट्यून यह तरह के इनपुट टैक्स फ्री पैसा मिलेगा कंसोलिडेटेड फंड आफ इंडिया पर चार्ज एक्सपेंडिचर के रूप में भी प्रसिद्ध मिलेंगे कि जो आर्टिकल 368 रहता था कि को यह अधिकार मिलेंगे उन दोनों आर्टिकल्स को इस संविधान से हटा दिया है कि खत्म मिलता है है और 366 में जो 22वां क्लोजर जो कहता था कि रुलर्स की परिभाषा क्या है उसको लेने दिया उसको चेंज कर दिया कि रूलर इसका मतलब जिनको कुछ मिलता है वहीं रूलर का मतलब * कुछ मिलता था वह मतलब हुआ कि अ को एक झटके में मेरे सारे के सारे राजा सड़क पर वे अ कि उसके बाद आपने देखा होगा कि बहुत सारे पुराने महल आजकल हैरिटेज होटल्स बने हुए हैं इसलिए बने हुए आखिर ऐसा कहां से निकाला करो से पहले सरकार से ज्यादा खर्चा नहीं आता है तो इसी महल में थे शीघ्र उपलब्ध होटल बना हुआ है घृणा हो कि 24 25 26 तीन संशोधकों ने सुप्रीम कोर्ट को दबाव में ला दिया है इन सबको ही दबाव में ला दिया था है और इन सारे के सारे मामलों में में कि इंदिरा गांधी का स्पष्ट मत था कि अब है हैं सारी शक्ति संसद त्याग हमेशा यह सुप्रीम कोर्ट के पास नहीं होने चाहिए ही और उसी समय हो गया उन्नति संघ क्या था कि नए शिड्यूल में कुछ और केरला लेंथ है कि केरल कैट आयरलैंड कॉन्ट्रैक्ट हुआ था इस अमेंडमेंट से पश्चिम बंगाल का चला गया था 06 पंजाबी राजस्थानी चलेगा है वह करें नए शिड्यूल में कम से कम दोस्तों अच्छी नब्ज़ है है तो 1000 हुआ था उससे डाल दिया कि र लैंड रिफॉर्म एक्ट को अब सुप्रीम कोर्ट दबाव में था और सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी को यह कह सकते हैं जिससे हम इन पर सब्सक्राइब टो कि मैंने आपसे पहले ही कहा कि सरकार बहुत ताकतवर होती है उस समय सुप्रीम कोर्ट विनम्र हो जाता है और अब अब सरकार कमजोर हो तो उस समय सुप्रीम कोर्ट की ताकत और मैच होती हैं इससे आपको समझ में आया 90 जो केरल के बारे में आ मेरे चैनल में शंकराचार्य हैं और उस समय उस शंकराचार्य पद और जो व्यक्ति से उनका नाम था स्वामी केशवानंद भारती व कि शंकराचार्य के प्रति बहुत ऊंचे हिंदू धर्म के बाद मुझे बंद करते हैं कि उनका मट्ठा वाह मटके संपत्तियां सील है बट कि तमाम संपत्तियां थी और उस मृत्यु हुई मटकी समृद्धि नहीं मटकी प्रॉपर्टी से बहुत सारे गुर्जरों में चल रहे थे जिससे कई को मिलते हैं कि केरल लैंड रिफॉर्म बिल के तहत मटकी संपत्ति के मैनेजमेंट के अधिकार को छीन लिया गया है है और जब उनसे मटके संपत्ति के अधिकार को छीनने लगा तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में केस किया और केस किया बेसिकली 2917 के खिलाफ है जो केवल वाले इस बिल को नए शिड्यूल में डाल सकता है कि इंचेस को मजबूत करने के लिए गोरखनाथ के इसका धार्मिक लिया और लगे हाथ 24 और 25 पेमेंट को संविधान संशोधन की शक्ति को कम से उसको भी अ है और तब यह कहा कि हमें न्याय चाहिए कि गोरखनाथ मामले में फैसला कुछ दिन वह उस मामले में पहली बार फैसला हुआ था कि आर्टिकल थर्टीन आर्टिकल 368 को भी कंट्रोल करता है है और गोरखनाथ मामले में 11 जज से क्योंकि केशवानंद भारती मामले में ग्लास मामले पर पुनर्विचार होना था इसलिए इसमें 13 जजों की बेंच ने एक रोचक बात उस समय सुप्रीम कोर्ट में कुल जजेस कितने थे रहित है मैं 13 है कि तेरे जज उस बैंक का हिस्सा बने हैं बुधवार को सुनवाई हुई इसमें आप तो बेचकर फैसला यथावत सुनो पैसा फैसलें है और अंत में 76 के बहुमत से निर्णय हुआ अजय को कि यह दिल में कब हुआ था आज के दिन 24-अप्रैल 1974 को हुआ है है इसलिए आखरी महत्वपूर्ण है अ यह सुप्रीम कोर्ट के जज प्रशांत हमको लग रहा है कि यह बात अपने आप में सही भी है इस संविधान संशोधन की शक्ति संसद के पास है और यदि मूल अधिकारों की वजह से राज्य ठीक से काम नहीं कर पाए तो मूल अधिकारों को सीमित करने की शक्ति होनी चाहिए है तो गोलक के सामने मुझे शक्ति छीन ली गई वह भी ठीक नहीं है लेकिन उनको यह डर था कि जिस तरह से रामदेव संविधान संशोधन कर रही थी ऐसा ना हो कि वह संविधान को कमिश्नर ने कुछ ऐसे फैसले कर देगी ऐसे संशोधन करवा देगी संविधान का मक्खन हफ्तों जाए ऐसे में क्या करें अब कि मैं अमेरिका के कुछ सिद्धांतों को धारण किया यहां तक कि पाकिस्तान शिफ्ट करने के लिए समय आ को अच्छी तरह से सुबह से ही अ क्वेश्चन है भारत के रहने वाले थे इलाहाबाद से पड़े थे जब भारत आजाद हुआ था लाहौर में पसंद किया और सब्सक्राइब टो कि उन्हें भी एक फैसले में दिल्ली 6 में काम है कि संविधान के फंडामेंटल फीचर्स होते हैं कि अमेरिका में बेसिक स्पिरिट ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन बार्बर शब्द आता था था इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बहुत शानदार रास्ता निकाला बीच का रास्ता निकाला है कि पुरूष फैसले में उसने पहली बात कही कि 2014 श्योर अमेंडमेंट सही इसमें कोई समस्या हो सकती है है यानी यूं कहूं मैं ठीक गोलकनाथ फैसले को खारिज कर दिया जो सज्जन सिंह का फैसला था यह संजय प्रसाद का फैसला था इस फैसले का मतलब हुआ कि दोनों सर्कल संलग्न है जिसका मतलब हुआ था कि सामान्य कानून के तहत मूल अधिकार को सीमित नहीं किया जा सकता किंतु संविधान में संशोधन करके मूल अधिकारों को सीमित किया जा सकता है इसको मानिए है इतना ही नहीं साथ यह कि है कि संसद के पास संविधान के किसी भी हिस्से को बदलने की शक्ति है संशोधन की शक्ति संविधान में कहीं भी हो सकती है यहां तक प्रस्ताव नियुक्त किया है में कोई दिक्कत नहीं कर सकते हैं है लेकिन है में वृद्धि लेकर ने यही लिखे यह सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन कि संविधान के संशोधन की शक्ति संविधान को बनाने की शक्ति के बराबर नहीं है संविधान को बनाने की शक्ति संविधान सभा के बाद थी और यह संसद संविधान सभा नहीं कि संसद संविधान संशोधन तो कर सकती है किंतु संविधान को फिर से लिख नहीं सकती है पुनर्लेखन नहीं कर सकती है है और इसलिए एक बार पर ध्यान रखना है भारत के संविधान में एक ही जाति मूल ढांचा बेसिक स्ट्रक्चर ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन थे बेसिक स्ट्रक्चर ओं कि संसद कितने भी बहुमत थे संविधान के मूल ढांचे का संशोधन कर सकती है कि सरकार ने कीजिए कहां लिखा है वह लिखा नहीं यह समझने के बाद है को पस्त कर दिया है कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती आर्टिकल 368 की मदद से कि सुप्रीम कोर्ट ऐसे हर संशोधन का ज्यूडिशल रिव्यू कर सकता है थे ऑडिशन रिव्यू के बाद देख सकता है कि कहीं वह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन तो नहीं है मैं तो सरकार ने पूछा कि बुध हर्चे में क्या है यह सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी नहीं बताएंगे हमें आने पर बताएंगे जब-जब ठीक लगेगा तब गांव है कि आगे चलके सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष ऐसा बॉक्स में कहा कि धर्मनिरपेक्ष संविधान का मूल ढांचा किसी बहुत चाहिए उनको समझा सकते हैं मैं इस वक्त शेष यह कहना कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदरा गांधी को खारिज कर दिया ऐसा नहीं है क्योंकि उसने जॉब स्किन पर खत्म हो तो उसके संपत्ति को छीनने के लिए आसान हो गया तो ही सब्सक्राइब अब स्कूल से ही काम कर रही है यहां पर यह समझिए कि संविधान के मूल ढांचे से छेड़खानी मत करना है कि इंदिरा गांधी उस समय जिस मनुष्य टिमोथी जे कि एक अर्थ में यह सफलता इसी उनके लेकिन इसके बाद भी वह से बहुत खुश नहीं थी कि उसके बाद हमारे संविधान में कुछ ऐसी यह जो दुर्गंध है बुरी वाले हैं कि 24 अप्रैल 1973 का दिन है श्री केशवानंद भारती के फैसले का दिन पर दिन बहुत रोचक समय एक हफ्ते का फैसला था है और इसी दिन रात को इन परचेज अप्रैल को चीज जब स्क्रीन सर्व मित्र सीईए रिटायर होने वाले थे यह सुप्रीम कोर्ट में प्रेगनेंसी देती है कि जज अपनी आखिरी बॉल पर छक्का मारने का प्रयास करते हैं जो कि ठीक है मतलब सबका मन करता है कि मैं जाता है यहां से गेस्ट पारी खेलकर जाऊं तो कि क्रिकेट के लोग चार्जिंग रिटायर हुसैन शरीर व्याख्यात्मक रहिए सब्सक्राइब मेंटेलिटी स्कूल के बच्चों को कुछ इस तरीके से काम करना चाहिए कि जैसे भी हाल ही में कोई सा रिटायर हुए पाठ 1 महीने में ताबड़तोड़ फैसले किए अध्यक्षता ने बताया कि है और पार्टी आईएस सुप्रीम कोर्ट पर लागू हो गया नहीं वह भी कर दिया कि इतने सारे पैसे लेके शबरीमाला का फैसला सुप्रीम कोर्ट कर फिर से मिलेंगे एक महीना चाहिए कि उसके बड़े दीपक मिश्रा साहब से चीजी एग हुए आखिर एक महीने में चीज ऊपर फिर से लेकर चले गए यह सेक्शन 377 आईपीसी कोड डिक्रिमिनलाइज्ड किया सेक्शन फॉर एडल्ट्री को डिक्रिमिनलाइज्ड किया आईपीसी में है कि यह सारे फैसले किए गए झटके अमीर व हाउ टो जज के मन में रहता है कि हम रिटायर होने से पहले कुछ महत्वपूर्ण फैसले निपटाकर जाएं चिकली शाम के समय से कुछ घंटे पहले इस फैसलें दिया और साथ ही सब्सक्राइब करें एक व्यक्ति जो चीफ जस्टिस आफ इंडिया का पद होता है ना अ कि हमारे संविधान में आर्टिकल 120 फिर में लिखा है कि झाल अपॉइंटमेंट कैसे हुआ और यह चीनी अपॉइंटमेंट है की परंपरा है कि जो senior-most छोड़ो उसको चीफ जस्टिस बनाएंगे 1951 मैं सब्सक्राइब टो यह जो नंबर दो पैसे सीनियर व्हाट्सएप पतंजलि शैंपू का नाम था इस म्यूजिक को बहुत पसंद नहीं किन्नरों जी को लगता था कि कि एक ओर जसबीर कुमार मुखर्जी अ कि नेहरू जी ने प्रपोजल भेजा कि जस्टिस डिवीजन कुमार मुखर्जी आपको अचीव सक्सेस बनाते हैं यह सुप्रीम कोर्ट के जज समझिए कि अगर हमने इनको मौका दे दिया सरकार को हस्तक्षेप कर तो यह हमेशा नशा आते रहेंगे तो कि इस बात पर जस्टिफिकेशन कुमार मुखर्जी व सहित सभी दृष्टि प्रभाव जी अपने नोज के पास की लुगाई आप कहीं और से लेकर आज हम बात करेंगे तो फिर रुकना पड़ा और पतंजलि शास्त्री सब्सक्राइब थर्ड लहसुन और चौथे नंबर पर विजय कुमार मुखर्जी अपने आप उसको दो है तब से नियम बन गया परंपरा बन गई कि सीनियर मोस्ट जरूर होगा जैसे अ है और 1973 सकीब अल एक अपवाद है जस्टिस जफर इमाम पुअर्स ने उसकी वजह यह थी कि उनकी फिजिकल मेंटल हेल्थ इन थे उनको लंबी छुट्टियों और उन्हें उसे छोड़ कोई अपवाद नहीं है कि 24 अप्रैल को फैसला हुआ है कि जो साथ ठीक है फैसले में जो पक्ष में थे से तीसरी साहब के बाद एक से जब स्कर्ट गेम खेलें से जस्टिस ए कि इस सब्जेक्ट इससे जो पक्ष मे है कि इन जस्टिस हेगड़े नीचे वह भी पक्ष में है कि ऑडियो विरोध में उठे विरोध के जूस में एक APN रे जिन्होंने विरोध के छह व्यक्तियों का फैसला सुनाया था संविधान से जुड़े होंगे तो सब्सक्राइब नहीं आ हैं इनके बाद जज और इसमें बहुत प्रसिद्ध थे उनमें से एक हफ्ते जस्टिस गंभीर दुबला हो इस मिश्रण में जुलाब 11 से जस्टिस सुबह हुई छोड़ दो कि यह सब जज स्पेस में चैनल को और पक्षकारों में एक व्यक्ति और से हंसराज खन्ना जो भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैं अजय को कि 24 अप्रैल को फैसला आया है 125 अप्रैल चीज सब्सक्राइब करें दिन था में प्रभावी के था कि सीनियर मोस्ट सीरियस बनेंगे और उनके बच्चे उल्टी में नंबर 2 3 4 पर यह तीन जज थे थे यहां पर यह तीनों बेसिक स्ट्रक्चर फैसले के पक्ष में थे यहां इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ न सिर्फ लिया था है और इंदिरा गांधी जी ने क्या किया 25 अप्रैल को फैसला किया कि अगले चीज है कि यह घोषणा होते ही इन तीनों जजों से इस्तीफा दे दिया है है और एंड रेणु कदम नहीं उठाया जो भोजन को और मुखर्जी ने शक्ति बनने उठाया था वह चीज बन गए हैं ए पॉसिबल बन गए ढंग से बन रहे हैं है 1978 1977 सबस्क्राइब इंडियन रेल थे इसी बीच में इमरजेंसी लगी आप ट्राय लगा दो कि आपातकाल के 19 महीनों के बारे में सबसे बुरा सच यह है कि 19 महीनों में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का साथ दिया जनता का साथ नहीं दिया कि एक मामला ऐसा बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला हैवियस कॉरपस कि इस चैंपियनशिप व स्टेडियम जबलपुर का मामला बहुत महत्वपूर्ण मामला है जोनाथन के अधिकतर लोग हाई कोर्ट ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जनता के अधिकारों को खत्म कर दो कि पुरूष फैसले में इसको हैवियस कॉरपस कहते हैं इस फैसले में 41 से फैसला हुआ था जो एक व्यक्ति के खिलाफ खड़ा हुआ था सरकार के व हंसराज खरीदना है का रिचार्ज व्यक्ति पक्ष में सरकार के उनमें से यहीं से अजीत नाथ रे कि मिर्जा हमीदुल्लाह बेक वाउचर निचोड़ और 1 जून तक पीएम भगवती रोचक बात है है कि है सैम सीकरी के बाद ज्यादातर मुसलमान है 214 चीफ जस्टिस चैंबर ने 15 में अमीर व्यक्ति बने थे हैं इनमें से दोस्तों सीनियरिटी से ही बने लेकिन दो चीजों से सीनियर ऑफिसर ने वीरवार रात में जब डूब स्कैन हो के प्रधान सुरेश खन्ना ने केशवानंद भारती केस में भी और बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले में भी इंदिरा सरकार के खिलाफ फैसले दिए थे मैं इसी जिस दिन यह रिटायर हुए घोषणा हुई कि अब मिल रहा विद्यालय सब्सक्राइब और हंसराज ने उन्हें नियुक्त कि एक खराब परंपरा बनी कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वह बनेगा जो सरकार की हां में हां मिला है कि 1997 है कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद देखेंगे कि अभियुक्त की बेंच ने और फैसले में लिखा कि सीनियर मोस्ट जल्द ही उसके बाद स्थिति खराब हो गई थी अ कि संविधान के मूल ढांचे के डॉक्टर ने हमारे संविधान की रक्षा बहुत बड़े शहरों में की है वो नानी पालखीवाला इस मामले में भी भर्ती थे पूर्ण सरकार के छक्के छुड़ा दिए सरकार के पक्ष में शेयर व हिसाब से बहुत प्रसिद्ध शायर थे और इमरजेंसी के चीफ साहब ने खुद माना कि मैं गलत समझा जरूरी है यह सरकार तानाशाही पर उतर जाए तो कुछ भी कर सकती है कम से कम नहीं हुआ है कि 1975 में इमरजेंसी के दौरान जब अजितनाथ ले सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस से उन्हों ने कोशिश की कि केशवानंद भारती केस का रिव्यु करवाएं और उस फैसले को चेंज करें तो और 10 और 11 नंबर 1975 को 13 है जिसकी बेंच पर बैठी ऐसा लग रहा है कि युक्त अघ्र्य वकील नियुक्त छक्के छुड़ा और दोनों ने साबित कर दिया कि बिना अभियुक्तों पर नियुक्त होने लगा तरफ की चिंता होने लगी और क्योंकि अ है 1978 में 42 वां संविधान संशोधन हुआ जो एक तरह फिट नहीं कौन ट्यूशन पढ़ाता है तो उसमें सरकार ने से कोशिश की कि संविधान के मूल ढांचे को खत्म कर दे 368 मिलेंगे इसकी कोई लिमिट नहीं है सरकार कोई भी संशोधन कर सकती है उसे कोई ज्यूडिशल रिव्यू नहीं होगा आदित्य यह सब लिखा किंतु 1980 में मिनिमम इस मामले में इंदौर में विस्तार में बात करेंगे अब केवल दो वाक्य बोलकर सब करते हैं और 1984 में सुप्रीम कोर्ट ने नैहरवा मेल्स मामले में 368 में जो 42वां संशोधन में पार्ट 45 जोड़ा गया था उसे खारिज कर दिया और बड़ी अच्छी बात है डिनर मिलकर मामले में में कि किस संविधान का संशोधन करने के सीमित शक्ति सम्मेलन का बुलाया जाए माध्यमों ने संविधान के मूल ढांचे में ही नहीं कि संसद संविधान में संशोधन कर सकती है नहीं कर सकती एक आखिरी प्रश्न बचा हुआ था और यह कि संसद कोई कानून नहीं है का नोट 6 प्रो रिव्यू होता नहीं है आज तक नहीं हुआ था है और 1981 के वामन राव के मामले में एक और पसंद अनुसार गांव के मामले में अभियुक्त हैं कि उसने का देखिए ऐसा है यह सुप्रीम कोर्ट के पास ज्यूडिशल रिव्यू की पावर तो है ही और ज्यूडिशल रिव्यू भी संविधान के मूल ढांचे में शामिल हैं है लेकिन अ कि 24 अप्रैल 1973 दिन कृष्ण वर्ण भारती केस का फैसला आया जिसे संविधान के मूल ढांचे की बात आई तो है उससे पहले की चीजों पर तो हम अप्लाई करेंगे लेकिन उसके बाद यदि कोई चीज है सरल भाषा में कहें 24-अप्रैल 1973 से पहले यदि कोई 1969 में डाल दिया गया है तो हम उसका नहीं करेंगे गांव 1974 को संविधान के मूल ढांचे की धारणा थी और में शामिल है इसलिए उसके कोई भी ऐड कर सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट नियुक्त किया कि जरूरत पड़ने पर हम कर सकते हैं ठीक है कि यह महत्व है कृष्णन भारती मामले का यह महत्व 24-अप्रैल कर दो कि अगर कोई मुझसे पूछे ही भारत के संविधान ने इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पक्ष मामले कौन से हैं तो मैं कहूंगा कि बाकी 24 जो भी हो नंबर 1 पर केसवानंद भारती का ही मामला है यहां पर अपने संविधान के इतिहास को समझना बहुत जरूरी है इस मामले में हमारे संविधान को उलझा रहता है बचाए रखा है कोई भी सरकार कोई भी संसद किसी भी हालत में हमारे अधिकारों को छीन नहीं सकते क्योंकि संविधान का मूल ढांचा हमारी रक्षा करता है और इसलिए आप चयन के संबंध भारती मामले को याद करना मुझे बहुत जरूरी लगा इसलिए मैंने इस नंबर एक वीडियो बनाया मुझे उम्मीद है कि आपको यह वीडियो देखते कुछ समझ में थोड़ा दिमाग तेज दिमाग और गांवों को सब्सक्राइब करें अगर आपको अच्छा लगे तो कमेंट सब्सक्राइब अगर आप ही अच्छा लगा तो फिर मैं कुछ और है कि मारुति दुबई का केस बड़ा शोक हुआ बेटा केस हुआ नानावटी के एक बड़ा प्रसिद्ध है वाकई में बनी आपके ऊपर तो कुछ और कैसे कुछ पर आर्टिकल्स और कुछ सोशल इशूज को लेकर इस वीडियो में बताऊंगा कि लोग समय आपको कुछ इस तरीके से यह करते हुए बहुत धन्यवाद खुश रहिए लोग लंबी चलने वाली उसमें अपने को मजबूत बना सके और सब्सक्राइब [संगीत]