देखो कहते हैं ना की जीवन में जितनी भी मुश्किलें ए जैन है ना अगर आप एक मां होकर के एकदम कहते हैं की एकदम कम करके कंपोज हो करके अगर हम साड़ी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने निकाल जाते हो तो देखोगे यार की आपकी साड़ी दिक्कतें साड़ी परेशानियां सॉल्व हो जाति हैं है ना चलिए और लाइफ में जब कभी भी कॉन्फिडेंस लो लगे लाइफ में जब ऐसा लगे की यार कुछ जीवन बच्चा नहीं है है ना यह बहुत आप लोग फूल कर रहे हो या ऐसा फूल करना स्टार्ट कर दो की भाई यार बॉडी मोटिवेशन हो रहा है तब एक बार एक बार एक बार इस बात को जरूर से सोच लेना की तुमने स्टार्ट क्यों किया था ठीक है अगर तुमने लाइफ में स्टार्ट किया है तुम्हारा कोई एम है तुम्हारा कोई गोल है तो यार परेशानियां आएंगे हर टाइम एक जैसा नहीं होता हर टाइम बिल्कुल आप का सकते हैं ना अच्छा नहीं होता हर टाइम बहुत बढ़िया नहीं होता लेकिन उन परेशानियां को जब पर करके जब आप एक-एक पड़ाव को पर करके आगे बढ़ते हो तब आप देखोगे की आपकी जो मंजिल है वो भी आसन हो जाति है और आपका जो गोल है बेटा वो भी आपको दिखने लगता है है ना तो आज के क्लास की स्टार्टिंग करेंगे अब मेरे को आपको मेरी आवाज सुने दे रही होगी शायद आपको मेरे अब मैं दिखाई नहीं दे रहा हूं मैं आपको दिखाई भी दे जाऊंगा मैंने सोचा की आज की क्लास की स्टार्ट की जाए एक बड़े जबरदस्त देशभक्ति के नाम से यानी कैसा देश भक्ति जिसने एक बड़ी यंग उमर में एक बड़ी यंग आगे के अंदर देश के लिए अपनी जान गाव दिया मैं बात कर रहा हूं शाहिद भगत सिंह जी की ठीक है और शाहिद भगत सिंह जी के बड़े में एक बड़ी खूबसूरत सी आ कुछ लाइन याद आई है कुछ पंक्तियां याद आई हैं की जोश क्या गरज मुझे पूर्व कसूर से मेरे वतन मेरे लिए जन्नत से कम नहीं तो क्या हाल-चाल दोस्तों कैसे हैं आप सब उम्मीद है बढ़िया होंगे मस्त होंगे जबरदस्त होंगे और बहुत अच्छा कर रहे होंगे जीवन के अंदर स्वागत है आप सबका वापस से आपके प्यार इस चैनल और आपके प्यार प्लेटफॉर्म फिजिक्स वल्लाह के ऊपर मैं हूं आपका दोस्त आपका गाइड आपका मैटर आपका फ्रेंड आप कुछ भी खेलो और हमारे प्यारे-प्यारे बच्चों के साथ का बिजनेस पार्टनर बिजनेस पार्टनर की भाई क्योंकि आपको पता है की मेरा और आपका जो है हमारा मिला करके एक बड़ा तगड़ा बिजनेस चला है एकदम बढ़िया वाला जिसमें हम लोग बनाते हैं गर्म ग्राम समोसे और बहुत कड़क कड़क चाय ठीक है अब देखिए आवाज बच्चों मेरी हो सकता है आपको थोड़ी सी खराब दिखे रही हो इसका रीजन ये है की आप बच्चों के साथ पिछले कुछ दोनों से हम लोग लगे हुए हैं आपके सारे फैकेल्टी लगे हुए हैं इनफैक्ट मेरी आवाज नहीं आपको बहुत सारे अपने लविंग फैकेल्टी की जो आवाज है वो थोड़ी सी बैठी हुई दिखे रही होगी लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की एनर्जी लेवल कम हो गया भाई एनर्जी लेवल जोसे का लेवल वो अभी भी वही है भले आवाज थोड़ी सी कम हो गई हो आवाज थोड़ी सी बैठ गई हो लेकिन फिर भी आप दोस्तों के साथ आप लोगों के साथ जो बातचीत करने का जज्बा है आपको पढ़ना का जज्बा है आपको चीजों को सीखने का जज्बा है उसमें कमी नहीं आई और ना ही आएगी उसका रीजन बताएं क्या है उसका रीजन है तुम सब का प्यार तुम सबका ट्रस्ट और तुम सबका साथ जो हमेशा हर कंडीशन में हर सिचुएशन में मिलता राहत है आपके सारे लविंग फैकेल्टी को ठीक है तो बड़ा प्रूफ फूल होता है यार तुम लोग के साथ बहुत अच्छा फूल होता है बिकॉज़ दिस इस वन थिंक जो हमारे प्यार प्यार प्रीवियस जो है अपने सारे फैकेल्टी को देते हैं वो है आपका सपोर्ट आपका उन एंडिंग मोटिवेशन और आपका बहुत खूबसूरत सा प्यार जो कमेंट क्षेत्र में भी देखा है जो चार्ट्स में भी दिखता है जो लाइव सेशंस में भी देखा है और सबसे बड़ी बात ये है इनफैक्ट जो रिकॉर्ड सेशंस में भी दिखता है ठीक है तो बच्चों जी पढ़ाओ पर हमने निकले थे उसे पढ़ाओ में काफी हद तक हमने चीज पर कर ली एक लास्ट हर्डल हमारा बच्चा है डेट इस नेशनलिज्म इन इंडिया हालांकि उसे होटल को भी हम कंप्लीट कर लेते हैं लेकिन कोई दिक्कत नहीं बच्चे उसे हर्डल को हम आज कंप्लीट कर लेंगे है ना और मुझे बिल्कुल पता है देखो एक चीज हमेशा है की प हमेशा यार बच्चों के लिए है बच्चों से ही है और ये सबसे इंपॉर्टेंट बात है और वे डेफिनेटली वांट हम लोग हमेशा ट्राई करते हैं यार की कम समय में आपको बहुत कुछ देते हैं यार बहुत कुछ तो इट्स ऑलवेज लाइक हमेशा ऐसा राहत है की यार बच्चों के लिए क्या बेहतर कर सकते हैं क्या अच्छा कर सकते हैं क्या बढ़िया कर सकते हैं है ना अगर आप देखोगे बच्चे जैसे अभी आपके उड़ान मैचेस आए उड़ान मैचेस के बाद आपके लाइक 1.22 आता गया फिर हमको लगा यार की कुछ बच्चे हमारे अभी भी है पढ़ाई करना स्टार्ट कर रहे हैं जिनको जो अभी जागे तो उन बच्चों के लिए फिर भाई फास्ट्रेक वॉचेस भी ए गए चलिए तो अगर आप देखोगे तो कुछ ना कुछ कुछ ना कुछ हमारे बच्चों के लिए आता ही राहत है इधर रीजन इसकी एक बेसिक सा अंडरस्टैंडिंग है जो हर एक को समझ में आई है यहां पे की नंबर वन की भाई सबसे इंपॉर्टेंट बात है गैर कुछ बच्चे हमारे बहुत बड़ा को होते हैं कुछ बच्चे स्टार्टिंग से पढ़ रहे होते हैं और कुछ बच्चे एकदम लास्ट मोमेंट पे जाते हैं अंत समय पे जागते हैं तो भैया हर एक बच्चा स्पेशल है हर एक बच्चा इंपॉर्टेंट है है ना और दिस इस व्हाट आईटी मैक्स अबाउट चल तो फिलहाल मैं आपसे बात करने जा रहा हूं एक ऐसे चैप्टर की जहां पे हम लोग बात करेंगे अपने देश भारत के हम लोग बात करेंगे उसे स्वतंत्रता संग्राम की जिसके चलते मैं आपसे एकदम खोल करके बात कर का रहा हूं ठीक है और ये जो राइट तू फ्रीडम ऑफ स्पीच और एक्सप्रेशन आज जिसका इस्तेमाल आप सब करते हो आज अगर सोशल मीडिया के ऊपर कोई इंस्टाग्राम पोस्ट आप जब डालते हो या कोई ट्विटर के ऊपर आपको ट्वीट करते हो तो ये साड़ी चीज आप तब कर पाते हो जब आपके पास ये अधिकार है सोच के देखो की आज अगर हम ब्रिटिशर्स के चंगल में होते आज भी अगर हम ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आते हैं तो क्या आपके पास बोलने की फ्रीडम होती क्या आपके पास अपनी आवाज उठाने की फ्री टाइम होते और उसका आंसर है शायद नहीं इसका एक रीजन है यार इसका एक रीजन बहुत सिंपल है जब मैं इस चैप्टर की बात करता हूं ये चैप्टर में दिल के भी बहुत करीब है नो डाउट ट्रांसलेशन यूरोप भी काफी अच्छा चैप्टर है वो भी दिल के बहुत करीब है जिसको हम लोग ने किया था अपनी क्लासेस के अंदर पढ़ाओ के अंदर हमने किया और चैप्टर को बहुत साड़ी बातें सखी है तो हमको हमने जब कहानी स्टार्ट की वहां पे फ्रांस की राइट जब हमने वहां पर फ्रांस की कहानी स्टार्ट की तो फ्रांस की कहानी में एक बात बहुत स्पेशल थी फ्रांस ने दुनिया को एक बड़े में तो जरूर समझाया वह था राष्ट्रवाद जब आप एक राष्ट्र की बात करते जब आप एक नेशन की बात करते हैं आप राष्ट्रवाद की बात कर रहे हैं मैंने आपको कल भी वही बताया था लास्ट टाइम भी वही बताया था की राष्ट्रवाद कोई इंसान नहीं है नेशनलिज्म को इंसान नहीं है कोई ऑब्जेक्ट नहीं कोई आर्टिकल नहीं है राष्ट्रवाद एक फीलिंग है राष्ट्रवाद एक भावना है जब आप एक राष्ट्र का निर्माण करते हो एक राष्ट्र किसी पेड़ पौधे जीव जंतु या फिर सिर्फ किसी घर से नहीं बंता एक राष्ट्र के निर्माण में लोगों का योगदान है जब आप बात कहते हैं ना कहते हैं बहुत एक मैं अगर बात करूं जो हमारे माननीय स्वर्गीय श्री अटल बिहार वाजपेई जी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री जी उनके एक बात बड़ी खूबसूरत है बड़ी प्यारी उनकी स्पीच सुनिएगा बहुत प्यारी बात याद आई है की सरकारें आई रहेगी सरकारी जाते रहेगी बट ये देश चला रहना चाहिए तो ये जो देश चला रहना चाहिए अपने आप में एक फीलिंग डीके जाता है एक राष्ट्रवाद की फीलिंग डीके जाता है नेशनलिज्म की फिल्म देख के जाता है तो नेशनलिज्म क्या है नेशनलिज्म एक फीलिंग है राष्ट्रवाद क्या है राष्ट्रवाद एक फीलिंग है एक राष्ट्र का निर्माण किस होता है लोगों से लोगों के बलिदान से लोगों के सैक्रिफिस से जब लोग और उनके नेता आपस में एक आम इतिहास शेर करते हैं आपस में एक आम हिस्ट्री है उनका एक आम ओरिजिन है आप देखोगे उनमें कई साड़ी सिमिलरिटी है उन्होंने साथ में स्ट्रगलर में आंदोलन में उन्होंने साथ में यहां पे युद्ध लाडा है किसके खिलाफ ऑपरेशंस के खिलाफ ऑपरेशन कौन होता है जो आपको प्रताड़ित करता है जो आपको परेशान करता है उनके खिलाफ युद्ध लड़कर के फिर राष्ट्र का निर्माण किया है वो कहलाता है एक राष्ट्र और इस फीलिंग को का लता है राष्ट्रवाद यानी नेशनलिज्म ठीक है प्यार बच्चों चलिए आपको ऑलरेडी पढ़ा चुके हैं तो मैंने सोचा जो बच्चा हुआ पार्ट था ना इंडिया हमारे बच्चों के साथ जो है दोबारा से करेंगे स्टार्टिंग से करेंगे बहुत सारे बच्चों के मां में एक डाउट होगा की सर जहां से आपने छोड़ था क्या वहां पढ़ाओगे इसका जवाब नहीं है तो जहां से मैंने छोड़ था मैं वहां से नहीं पढ़ा रहा हूं बट मैं उसके स्टार्टिंग से आपको पढ़ाऊंगा चलिए एक बात करते हैं नॉर्मल से देखो बहुत सिंपल सी बात है मैं थोड़ी सी कहानी आपको बताऊंगा आप खाओगे की सर क्या-क्या कहानी बता रहे हो लेकिन अगर यह कहानी आपने सुन ली बेटा यह पढ़ाओ ये कहानी आपने सुन लिया तो आप देखोगे की आपके लिए चीज बहुत आसन हो जाएंगे आपको बहुत मजा भी आएगा इस वीडियो में मैं ट्राई करूंगा इस वीडियो को एकदम शॉर्ट रखना का है ना कम समय के अंदर ज्यादा बात करने का जिससे हमारे बच्चे कम समय में ज्यादा जल्दी पढ़ाई कर पे मुझे पता है यार की बहुत लंबा हो जाएगा तो बच्चों को भी पढ़ने में बहुत दिक्कत होगी तो चलिए एक कहानी की तरह करेंगे किस की तरह करेंगे समझ जाएगा की मैं और आप बात कर रहे हैं तो बात करते टाइम अगर आपको भूख लगे तो खाने के लिए कुछ रख भी लीजिएगा तो जैसे मैं और आप बात कर रहे हैं बिल्कुल दोस्तों की तरह बिल्कुल दोस्तों की तरह चैप्टर को करेंगे ठीक है बच्चे रेट नहीं लगाने कॉन्सेप्ट समझना है कॉन्सेप्ट समझ के कहानी समझनी है और कहानी समझ करके इस पूरे चैप्टर को पढ़ना है तो आई दोस्तों अब बात करते हैं मैं बात कर रहा हूं आपसे उसे जमाने की देखो अगर मैं आपसे बात करूं भारत यानी इंडिया ठीक है हम भारतवर्ष उसे करते हैं वर्ल्ड को लेट टॉक अबाउट भारत भारत की बात करते हैं आपको पता होगा 15वीं शताब्दी तक भारत और चीन को वर्ल्ड के सबसे अमीर देश में काउंट किया जाता था सबसे अमीर इलाकों में काउंट किया जाता था और एक अगर मैं आपसे बात करूं मैं शायद वास्कोडिगामा को यहां थोड़ा बीच में लाना चाहूंगा वास्कोडिगामा ने भारत में कम रखा 1498 के अंदर कालीकट पे हालांकि भटकती भटकती भारत पहुंचे और जब यह कालीकट पर पहुंचे कालीकट पड़ता है भारत के साधन इलाके में यानी भारत के दक्षिणी हिस में एक कम करता हूं परमाणु हथियार बैंड कर देता हूं आपको पता है परमाणु हथियार क्या है रूम फ्रेशनर ठीक है चलिए लेट लेट लेट मी क्लोज डेट परमाणु है यार एक मिनट दीजिएगा मुझे नहीं तो बेटा यहां जिंदगी बर्बाद हो जाएगी ठीक है चलिए अभी परमाणु हथियार को सक्सेसफुली मैंने डीएक्टिवेट कर दिया है और अभी जो है मैं बिल्कुल इस पोजीशन में हूं की आपसे बात कर पाऊं ठीक है तो भाई मैं आपसे क्या बात कर रहा था ठीक है तो हम लोग बात कर रहे हैं यहां पे वास्कोडिगामा की तो वास्कोडिगामा जब भारत एक्सप्लोर करते हैं जब भारत में के तट पे उतरते हैं है ना भारत में आते हैं दक्षिणी राज्य में कालीकट में आते हैं और कालीकट के जो राजा थे वो जमाने में बड़े आओ भगत के साथ जो है ना बड़ी स्वागत के साथ वास्कोडिगामा का स्वागत करते हैं अच्छा भारत की परंपरा रही है अतिथि देवों भाव की यानी अतिथि हमारे लिए भगवान समाज है और हमारे जो राजा हैं वो बिल्कुल इस तरीके से ट्वीट करते हैं लेकिन वास्कोडिगामा इसका रिटर्न कुछ अलग तरीके से थे तो डिगामा साहब जब वापस आते हैं पुर्तगाली थे वापस जाते हैं तो बताते हैं भारत नाम का एक बड़ा राज्य है एक बड़ा देश है बड़ा पैसा है वहां पे बहुत पैसा है वहां ठीक है अब ये बात किसको पता चल जाति है यूरोपीय देश को अच्छा यूरोपीय देश अगर आप देखोगे बड़ी स्टार्टिंग से जो है व्यापार वगैरा कर रहे हैं लेकिन इनके अंदर का जो लालच है वो कभी खत्म ही नहीं होता ये लालची बहुत लालची है इनको हमेशा एक बात का चल मची रहती है की किस तरीके से अपने से कमजोर को दबाकर के उसपे कब्ज करके उसकी साड़ी चीजों का हत्या लो आज रिजल्ट आप क्या देखते हो आगे एन रिजल्ट आप यही देखते हो यार की ये अट्र होते हैं भारत की तरफ तो पहले पुर्तगाली आते हैं पुर्तगाली आने के बाद जो है धीरे-धीरे कुछ और आने स्टार्ट होते हैं डक ए जाते हैं फ्रेंच ए जाते हैं और आखिरी में एंट्री होती है यहां पे ब्रिटिशर्स की अगर आप ब्रिटेन की बात करेंगे तो ब्रिटेन ने 17वीं 18वीं शताब्दी के अंदर ब्रिटेन के अंदर यानी 1700 से लेकर 1750 और 1750 के बाद अगर आप बात करेंगे 1750 इसके बाद अगर आप बात करेंगे तो ब्रिटेन में इंडस्ट्रियलिज्म जो है बहुत तागड़ी तरीके से चल रहा था इंडस्ट्रियलिज्म मतलब बड़ी-बड़ी फैक्ट्री को बन जाना बड़ी-बड़ी फैक्ट्री के साथ अगर आप देखोगे तो बड़े-बड़े इंडस्ट्रीज का बन्ना जिससे ब्रिटेन को अच्छा खास पैसा ए रहा था मतलब व्यापार जो है ठीक-ठाक चल रहा था ब्रिटेन के पास पैसे थे और सबसे इंपॉर्टेंट बात ये है की यार ये ब्रिटेन का जो पावर था है ना मिलिट्री पावर वो भी काफी एडवांस था काफी स्ट्रांग का अब क्या होता है की यहां पे ब्रिटेन से कंपनी भेजी जाति है जिसको कहते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी ध्यान से सुना इतिहास को बहुत मजा आएगा आपको चैप्टर में की एक कंपनी भेजी जाति है ईस्ट इंडिया कंपनी और ये कंपनी जो है भारत आई है व्यापारी बनकर के अब देखिए व्यापार करने के लिए आपको जरूरी है एक व्यापारी के नजरिया से अगर आप सोचेंगे तो व्यापारी क्या चाहता है की कम से कम पैसा लगाकर के ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कमाया जाए यही एक व्यापारी चाहता है नॉर्मल सी बात है अगर आप मैं और एक बिजनेस करेंगे तो मेरा जैसे मेरा दी के समोसा भंडार तो हम लोग क्या चाहते हैं की कम से कम दम में समोसे बनाकर के जो है क्या किया जाए भाई फटाफट से बीच दिया जाए ज्यादा प्रॉफिट काम लिया जाए तो एक व्यापारी का नजरिया यही है लेकिन अगर मेरे पास बहुत सारे कंपीटीटर्स होंगे मेरे को कंपटीशन देने के लिए बहुत सारे लोग बैठे होंगे तो डेफिनेट सी बात है मेरा व्यापार करना बहुत मुश्किल हो जाएगा और इस बात को जो ईस्ट इंडिया कंपनी है वो बहुत अच्छी तरीके से समझ रही है तो अभी ईस्ट इंडिया कंपनी के लोग बहुत आते रहे बहुत दोगले टाइप के लोग हैं ठीक है ये किसी के सेज नहीं है बहुत बड़ा फैक्ट है किसी के सेज नहीं है ठीक है अभी ये क्या करते हैं आपसे मैं आगे बात करता हूं ना चलिए थोड़ा और पेज विच कर लेते हैं तो हम लोग क्या करने वाले हैं नेशनलिज्म इन इंडिया करेंगे चलिए तो मैं एक कम करता हूं आपसे दो तीन एक बड़ा बढ़िया सा पेज लेट हूं ब्लैक कलर का और उसे पर आपसे थोड़ी बातचीत करते हैं ठीक है चलिए तो हम क्या देख रहे हैं यहां पे की ये जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी है बहुत डोगली है अब इसके सामने एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाति है की यार किस तरीके से अपने कंपीटीटर्स को एलिमिनेट किया जाए किस तरीके से अपने कंपीटीटर्स को भगाया जाए हटाए जाए अब इसके लिए हसरत तरीके का हाथ करने अपने को तैयार है अच्छा इसमें एक बात का फायदा उठाना स्टार्ट किया है इसको ये समझ में आया की जो भारत के अलग-अलग किंग्डम्स है भारत के अंदर जो अलग-अलग राज्य हैं यहां पे बहुत सारे राजा हैं और इन राजाओं के आपस में यूनिटी ने आपस में एक जूता नहीं है इसी का फायदा ईस्ट इंडिया कंपनी उठाती है ये एक राजा को दूसरे राजा का एक भड़का रही है इनको ये बात पता है की ये जो दो राजा हैं ये आपस में दुश्मनी रखते हैं अगर मैं एक राजा को सपोर्ट कर डन और किसी ना किस तरीके से इसको जीता डन दूसरे वाले का गैस तो ये तो मेरे साइड हो जाएगा और इसकी मदद से मैं क्या करूंगी की भैया सिंपल सी बात है ईस्ट इंडिया कंपनी क्या करेगी जो अपने अधिकार इसको चाहिए वो लेने स्टार्ट कर देंगे अब अगर आप देखोगे तो ईस्ट इंडिया कंपनी जो है धीरे-धीरे करके अपने पाओ पसारते जा रही है तीर्थ करके अपनी मार्केट को भारत के मार्केट को कंट्रोल करती जा रही है आगे एन रिजल्ट आपको ईस्ट इंडिया कंपनी यानी ब्रिटिशर्स के बीच में और बाकी पावर्स के बीच में काफी सारे युद्ध देखने को मिलते हैं जैसे फ्रांस के साथ युद्ध आपको देखने को मिलता है पुर्तगाल के साथ कुछ-कुछ छुट-पुट आपको देखने को मिलती है चीज ठीक है तो अगर आप देखो जो बाकी कंपीटीटर्स यानी बाकी यूरोपियन पावर्स भारत के अंदर डेरा जमा के बैठे हैं तो उनके साथ ब्रिटिशर्स का रेगुलर कनफ्लिक्ट चल रहा है बस ब्रिटिशर्स एक बात मैं जीत जाते हैं वो है यहां के लोकल रुलर्स को अपने दाल में फंसे में ठीक है तो ये क्या करते हैं लोकल रुलर्स को अपने दाल में फास्ट हैं और फस फस करके अपनी पावर को बढ़ते जाते हैं जब बंगाल के अंदर जो नवाब थे जैसे सिराज जो दौलत सुझाव डोला जब इन सब की पावर डिक्लिन हनी स्टार्ट होती है तो ग्रैजुअली आप देखोगे वहां से शुरुआत होती है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पावर्स के बढ़ाने की यानी 1757 ब्लेटले ऑफ प्लासी को इतना इंपॉर्टेंट क्यों माना जाता है अगर मैं इस डेट की बात करूं 1757 को तो इस बैटल ऑफ प्लासी को इतना इंपॉर्टेंट क्यों माना जाता है प्लासी के युद्ध ने कहते हैं की ब्रिटिश अंपायर की एक तरीके से फाउंडेशन नीव रख दी थी भारत के अंदर और उसके बाद जब बक्सर का युद्ध लाडा जाता है 64 के अंदर 1764 में तब आप देखोगे ब्रिटिश अंपायर और स्ट्रांग हो जाता है कई बार कहा जाता है जब भारतीय इतिहास आप पढ़ने हो जब इंडियन मॉडर्न हिस्ट्री आप पढ़ने हो बच्चे तब कई बार ऐसा कहा जाता है की जो 1757 यानी 1757 से लेकर के 1857 का जो टाइम फज है इसे हम कहते हैं कंपनी फेस क्या बोलते हैं बेटा इसको हम लोग कंपनी फेस यानी वो टाइम है जब ब्रिटिश सरकार यहां डायरेक्टली इंटरेस्ट नहीं ले रही थी बट जितना भी सब मैनेजमेंट है वो कौन कर रही थी आप ईस्ट इंडिया कंपनी आप सोचो की ईस्ट इंडिया कंपनी जो है 21 इंडिया कंपनी जो है क्या करते हैं कंपनी आई है और भारत में धीरे-धीरे करके ब्रिटिश का राज्य बनाना स्टार्ट कर देती है देखिए महात्मा गांधी का एक किताब है हिंद स्वराज आपने देखा होगा नेशनल इंडिया में चैप्टर अपने ये किताब के बड़े में लिखा हुआ है तो गांधी जी ने एक बात देखिए गांधी जी को लोग बहुत कुछ कहते हैं मैं यह नहीं कहता हूं बहुत कुछ कहते हैं मैं यह भी नहीं कहता हूं भैया 100% ऐसा है की भैया नहीं भाई सब कुछ बढ़िया है देखो हर एक इंसान के अंदर अच्छी बातें होती हैं गलत बातें होती हैं तो एक इंसान परफेक्ट नहीं हो सकता ये बहुत बड़ी बात है ना मैं परफेक्ट हूं ना आप परफेक्ट हो सकता है मैं किसी के लिए हीरो और किसी के लिए विलन हूं वैसे ही हर एक की जिंदगी में आप भी किसी के लिए हीरो और किसी के लिए विलन ये बात बहुत नॉर्मल है तो अगर आप देखोगे हिंद स्वराज में गांधी लिखने हैं की ब्रिटिशर्स भारत में इसलिए आए और इसलिए अपना राज्य बना पे क्योंकि हमने कॉरपोरेट किया और ये बात सही है अगर हम कॉरपोरेट करना बैंड कर देते तो शायद ब्रिटिश साम्राज्य खत्म हो जाता और स्वराज हमें मिल जाता था गांधी जी ने कहा है तो अगर आप देखोगे 1757 से लेकर के 1857 का जो पूरा टाइम फैज है इसको हम कहते हैं कंपनी फेस क्या बोलते हैं इसको हम लोग कंपनी फेस और 18 से 1857 से लेकर के 1857 से लेकर के जो 1947 का टाइम पीरियड है इसको कहा जाता है क्राउन फेस क्या कहा जाता है बेटा इसको क्राउन फेस डेट ठीक है कंपनी फेस ऑफ ग्राउंड फेस क्राउन फेस इसलिए कहते हैं बिकॉज़ यहां पे जो आपकी ब्रिटिश अंपायर थी यानी जो की महारानी थी डायरेक्टली उनके जो ऑफिसर्स थे उनके अंदर अभी भारत को रूल किया जा रहा था देखिए कहा जाता है की भारत जो है ब्रिटिशर्स का रहना था रहना के था की जितनी लूटपाट भारत से इन्होंने मचाई है उतनी लूटपाट शायद ही कहानी और से बचाइए अब अगर आप इंडिया में देखेंगे भले ही लोग भारतीय के लोग भारतीय के प्रदेश अलग-अलग वैराइटीज ऑफ पीपल आपको मिलेंगे इंडिया के अंदर अलग-अलग कलर्स को फॉलो करने वाले मिलेंगे इंडिया के अंदर लेकिन एक बात जो इन सब में आम थी वो ये था की ब्रिटिशर्स द्वारा सताए गए लोग थे ब्रिटिशर्स जब यहां कब्ज जमाना स्टार्ट किया तो भारतीयों को टॉर्चर करना स्टार्ट किया बिकॉज़ जब तक आप डर का माहौल नहीं बनोगे सामने वाला आपकी बात क्यों मानेगा और ये डर का माहौल बनाना बहुत जरूरी था भारत की कौन भी बी कैप्चर करना भारत के कलर पे कब्ज बार जमाना इन सब के लिए डर का माहौल बनाना बहुत जरूरी था तो अगर आप देखोगे अगर मैं मां लो एक एग्जांपल आपको देता हूं ये कमरे के अंदर पांच लोग हैं एक कैमरा है और एक कमरे के अंदर पांच लोग हैं और ये पांच लोग एक दूसरे को नहीं जानते अब क्या है एक आदमी ने इनको पांच लोगों को पकड़ के रखा है और वो आदमी इन पांचो को रोज स्टॉल शेर करता है रोज मारता है रोज मार टी रोज इनको गलियां देता है तो भले ही आपस में एक दूसरे को ना जानते हो लेकिन इनके बीच में एक बंद बन्ना स्टार्ट होगा क्यों क्योंकि ये सारे तौलसर किया जा रहे हैं उसे एक आदमी द्वारा और एक दिन ऐसा आएगा जब ये पांचो साथ मिलकर के खड़े हो जाएंगे उसे एक आदमी के अगेंस्ट तो अगर आप देखोगे भारत में लोग अलग-अलग तरीके से सताए जा रहे थे लोग अलग-अलग तरीके से प्रताड़ित किया जा रहे थे टॉर्चर किया जा रहे थे और ये एक आम रीजन बंता है ब्रिटिशर्स का अगेंस्ट खड़े होने का 1857 की जब लड़ाई लड़ी गई हाल ही लोगों के जो मोटे थे वो अलग-अलग थे लोगों के मोटे उसमें लड़ने के लिए अलग-अलग थे कोई किसी वजह से लाड रहा था कोई किसी वजह से लाड रहा था पर उन सब का दुश्मन आम था डेट इस ब्रिटिशर्स जब कोई कंट्री किसी दूसरे कंट्री के ऊपर कब्जा जमा लेती है उसे अपना हिस्सा बना लेती है तो आप का सकते हैं की उसने कॉल ए नाइस कर दिया कॉलोनी कर दिया कॉलोनी बना लिया अपना और जब इसी कॉलर इज्जतियों प्रोसेस के अगेंस्ट आपको ये आंदोलन चलते हो कोई मूवमेंट चलते हो तो उसको आप का सकते हैं एंटी कॉलोनियल मूवमेंट क्या बोलते हैं इसको हम लोग एंटी कॉलोनियल मूवमेंट तो ऐसे बहुत सारे आंटी कॉलोनियल मूवमेंट चलने स्टार्ट होते हैं भारत में बहुत सारे एसेंटे कॉलोनियल मूवमेंट और इन सारे मोमेंट्स को एक बात मैं बंद के रखा हुआ है की ये सारे वो लोग हैं जिनको ब्रिटिशर्स में प्रताड़ित किया है सत्या है और ये अब ब्रिटिशर्स के अगेंस्ट आवाज उठा रहे हैं लेकिन एक बात की भारत के अंदर कमी थी अगर आप देखोगे वॉइस स्ट्रांग लीडरशिप आपको पता है आपको क्या करना है आपको सब कुछ पता है आप करने के लिए मिटाने के लिए तैयार हो लेकिन आपको कैसे करना है ये बताने के लिए एक लीडर के आवश्यकता है और वहां एंट्री होती है महात्मा गांधी की 1915 में भारत के अंदर ठीक है चलिए आई बात करते हैं शायद बहुत साड़ी बातें हो गई आपसे हमारे मॉनिटर साहब डग्लस भैया को बुला लेते हैं है डग्लस क्या हाल-चाल तो डग्लस ए गया आपके साथ बातें करेगा बहुत साड़ी कांजी दोस्तों मैं हूं डग्लस कॉपी निकाल लो आज अब ब्रो तुझे कहानी सुनता हूं तो कहानी तो सुना ही रहे हम लोग चले आगे बात करते हैं पहले तुम फादर तो लोगों को अपनी यूनिटी डिस्कवर ओनली स्टार्ट हुई इन डी स्ट्रगल विद इन डी स्ट्रगल विद कॉलोनी समझो अभी हमने बात किया जो पीड़ित होने का जो सेंस है है ना कॉलोनी के अंदर क्या आपको प्रताड़ित किया जा रहा है टोल सर किया जा रहा है इतने लोगों के अंदर एक बंद एस्टेब्लिश कर दिया कभी भी सिर्फ एक बात की तो वो थी स्ट्रांग लीडरशिप की और जब कांग्रेस एक मेजर पार्टी बन के भारत में भारती है तो कांग्रेस को अगर आप देखोगे तो उसने यही ट्राई किया था की इस तरीके से अलग-अलग लोगों के एक्सपीरियंस को एक साथ एकजुट करके जो है लोगों के सामने प्रेजेंट किया जाए और सरकार के गैस फाइट की जाए चलिए आगे बढ़ते हैं ओके तो अगर आप देखोगे बात है वर्ल्ड वार 1 की यानी प्रथम विश्व युद्ध हम बात करें प्रथम विश्व युद्ध लाडा गया था 1914 से 1918 के बीच में ठीक है अगर आप देखोगे तो ब्रिटिशर्स अगर हम बात करें ब्रिटेन की तो उसको विश्व युद्ध इसलिए कहा जाता है बिकॉज़ सिर्फ यूरोप में नहीं लाडा गया जितने यूरोपियन पावर्स के कॉलोनी बने हुए हैं जहां पे इन्होंने कब्ज किया हुआ है एशिया के अंदर अफ्रीका के अंदर वहां पे भी युद्ध का असर देखा जा सकता है वहां पर भी आपको देखोगे उन कॉलोनी में भी आपको युद्ध लड़ता हुआ देखा जा सकता है तभी आप उसको कहते हैं विश्व युद्ध यानी वर्ल्ड वार तब इसको कहा जाता है वर्ल्ड वार क्या कहा जाता है ऐसे वर्ल्ड वार राइट देखिए एक बात बहुत क्लियर है अगर आपको पता हो एक बात बहुत क्लियर है आपने ये देखा होगा की अगर भारत की बात करें तो भारत के सपोर्ट के बिना एशिया इलाके में ब्रिटिशर्स का जितना नाम उनके बराबर था तो अगर ब्रिटिश को जितना है तो भारत का सपोर्ट बहुत ज्यादा जरूरी है आपको क्या लगता है जब फर्स्ट वर्ल्ड वार में ब्रिटिशर्स ने इंडिया के साथ धोखा किया ब्रिटिशर्स में कांग्रेस को बोला की आप तैयार करो भारतीयों को आप बोलो हमारे तरफ से लड़े ठीक है और हम जो है आपको बदले में डोमिनियन स्टेटस दे देंगे डोमिनियन का मतलब होता है की मां लीजिए जो आपके घर के अंदर के सारे कामकाज हैं वो आप देखोगे लेकिन जो बाहर का कम है वो मैं देखूंगा इसको सिंपल तरीके से समझते हैं यानी जो हमारे कंट्री के इंटरनल मैटर्स हैं उसको संभालने की जिम्मेदारी अभी आपके इंडियन के पास ए जाएगी लेकिन जो बड़े-बड़े मैटर्स हैं जैसे डिफेंस हो गया बैंकिंग हो गया फॉरेन अफेयर्स हो गया ये जितने भी बड़े मटर हैं इनकी पावर अभी ब्रिटिशर्स के हाथ में ही रहने वाली है तो इसको हम कहते हैं डोमिनियन स्टेटस यानी आदि अधूरी पावर आपको देना है ठीक है डेन सॉकेट है चलिए आगे बात करते हैं नो अब अगर मैं आपसे बात करूं बच्चे वेरी सिंपल तो जो वार थी जो फर्स्ट वर्ल्ड वार थी उसमें भारत में एक नए तरीके का सिचुएशन यहां पे क्रिएट कर दिया ठीक है चलिए ठीक है अब देखो क्या हो रहा है यहां पे थोड़ी इकोनामिक समझना है यहां पे ठीक है यहां पे हर तरीके का जिओ पॉलिटिक्स है यहां पे ध्यान से देखिए समझना यहां पे नंबर वन अभी क्या है ब्रिटेन 1914 से गवर्नमेंट वॉल्ट है तो ब्रिटेन के पास जो पैसा है वो खत्म होता है तो ब्रिटेन ने क्या किया हुआ है बहुत सर पैसा उधर लिया हुआ है अलग-अलग जगह से अब जब आप उधर लेकर बैठने हो तो आपका कर्ज बढ़ता जा रहा है बिकॉज़ ब्रिटेन जब वार में इंवॉल्वड है तो ब्रिटेन के इंडस्ट्रीज थप पड़े हुए हैं ब्रिटेन में इंडस्ट्रीज बिल्कुल बैंड पड़े हैं कम धंधा सब बैंड पड़ा हुआ है ब्रिटेन यहां सिर्फ और सिर्फ युद्ध लाड रहा है आपका पैसा खर्च होता जा रहा है बट पैसा आने का सोर्स नहीं है आप क्या करोगे आप कहानी ना कहानी जुगाड़ लगाओ की पैसा कहां से कमाया जाए अब इसके लिए सबसे बड़ी और सबसे बढ़िया ऑप्शन था इंडिया इसने दिमाग लगाया इसने कहा एक कम करते हैं भारत के अंदर टैक्स बड़ा देते हैं कुछ नए टैक्स से इंट्रोड्यूस कर देते हैं तो इससे जो भी पैसा आएगा उससे एटलिस्ट हमारे नुकसान की कुछ तो भरणी होगी तो अभी क्या होता है की हमारे ब्रिटेन का जो डिफरेंस एक्सपेंडिचर है वो बहुत ज्यादा बाढ़ जाता आज रिजल्ट अगर आप देखोगे जो डिफेंस एक्सपेंडिचर है यह किस से फाइनेंस था वार्ड लोन से यानी ऐसे लोन ऐसे उधारी जो उसने युद्ध लड़ने के लिए ली हुई थी अब समस्या ये है की इतना ज्यादा कर्ज बाढ़ गया की ब्रिटेन करें तो क्या करें तो ब्रिटेन ने क्या किया यहां पे टैक्स को इंक्रीज करना स्टार्ट कर दिया इसके अलावा अगर आप देखोगे जब आप कोई समाज कोई इंपोर्ट एक्सपोर्ट करते हो तो उसे पे भी टैक्स लगता है कस्टम इसको आप का सकते हो तो यहां पे इसने क्या किया की कस्टम ड्यूटी को बड़ा दिया और जो कस्टम ड्यूटी बड़ा दी गई तो चीज ओबवियस सी बात है महंगी होगी है ना नॉर्मल सी बात है और महंगी होगी ठीक है दूसरी बात अगर आप देखोगे तो यहां पे भारत में जो सैलरी क्लास है जो पैसा काम रहा है जब कर रहा है उसके इनकम पे इन्होंने टैक्स लगा दिया यानी की आप जितना भी पैसा काम रहे हैं उसे पर अभी टैक्स लगेगा इनकम टैक्स जो हम लोग आज भी फॉलो करते हैं आज भी हम लोग इनकम टैक्स देते हैं ठीक है तो ब्रिटिश जमाने का रूल है अगर आप देखोगे बच्चों यहां पे तो ये जो है ब्रिटिशर्स ने यहां पे कुछ ऐसे डिसीजंस लिए अब इससे क्या हुआ की भारतीयों के ऊपर तो प्रेशर ए गया बिकॉज़ आपने जरूर से ज्यादा टैक्स बड़ा दी तो भैया हम भारतीय क्या करेंगे हमारी जब तो डेली हो रही है बिकॉज़ जरूर से ज्यादा ब्रिटिश सरकार क्या कर रही है हमसे घसीटरी अब क्या देखते हो की जब कभी भी मार्केट अच्छा उसे जमाने में एक चीज और है अगर आप देखोगे की ब्रिटिशर्स इतने नालायक है की भारत में ज्यादा से ज्यादा चीज इंपोर्ट करते हैं क्यों क्योंकि उनको पैसा कामना है और इंपोर्ट की हुई चीज मैक्सिमम मिनी के देश से ए रही होती है तो भारत से जो एक्सपोर्ट की वैल्यू है वो बहुत कम है यानी भारत से जो समाज बेचा जा रहा है वो कम है और जो भारत में समाज खरीदा जा रहा है वो बहुत ज्यादा है और अगर खरीदे हुए समाज पे टैक्स बहुत ज्यादा होंगे है ना ड्यूटी इस बहुत ज्यादा होंगे तो डेफिनेट सी बात है समाज महंगा बिकेगा मार्केट में है ना और अगर आपका प्रोडक्शन नहीं होगा अगर आप सही तरीके से प्रोड्यूस नहीं कर पाओगे तो भी मार्केट में शॉर्टेज क्रिएट होगी और समाज के दम बाढ़ जाएंगे ऐसे रिजल्ट आप क्या देखते हो की भारत के अंदर जब ये वार चल रही है वर्ल्ड वार तो समाज का जो दम है वो डबल हो जाता है यानी मां लीजिए अगर आज कोई चीज ₹10 की बाईक रही है तो ₹20 की होगी यार उसे जमाने के हिसाब से ₹20 ₹50 बहुत ज्यादा होते हैं मतलब बहुत ज्यादा होते हैं आज जो तुम ₹10000 कंपेयर करते हो ना उसे जमाने के हिसाब से अगर दादा दादी हो अपने तो आप उनसे पूछिएगा दादा जी बताइएगा क्या आपके जमाने के 50 ₹100 कितने हैं लोगों को तनख्वाह मिलती थी यार लोगों को तनख्वाह मिलती थी उसे जमाने में ₹1000 बहुत बढ़िया तनख्वाह है ₹2000 वह माशाल्लाह क्या बात है बहुत बढ़िया तरीका अगर आप देखोगे भैया 5000 रुपए तो क्या बात है भैया अमीर आदमी हो तुम अंबानी हो गए अपने जमाने के ठीक है तो अगर आप देखोगे यहां पे क्या है समाज का दम बढ़ता जा रहा है अब आम जनता बहुत परेशान है आम जनता बहुत ज्यादा परेशान है चलिए आगे बात करते हैं देखो इसके अलावा अगर आप देखोगे जब आप युद्ध लड़ने जाते हो ठीक है इसके अलावा अगर आप देखोगे बच्चे जब आप युद्ध लड़ने जाते हो जब आप बैटल लड़ने जाते हो तो क्या होता है यहां पे नंबर वन जब आप बोतल और जाते हो जो आपके सोल हैं डेफिनेट सी बात है वो काफी इंपैक्ट होंगे काफी इंपैक्ट होंगे ठीक है जब आप डीवीडी लेने जा रहे हो वर्ल्ड वार लाड रहे हो तो वहां पे क्या हो रहा है वहां पे लड़ाई हो रही है ठीक है और लड़ाई में क्या होगा बच्चे सोल्जर आपके मारेंगे सोल्जर की डेथ होगी तो सोल्जर को रिप्लेस करने वाला भी तो कोई होना चाहिए तो अभी यहां पे क्या किया जा रहा है खासकर पंजाब के आसपास के जो गांव हैं वहां से ब्रिटिश सरकार क्या कर रही है जबरदस्ती जो हदे कट्ठे लोग फिजिकल मतलब स्ट्रांग लोग हैं उनको उठा के आर्मी में दाल लिए तो जब आपको जबरदस्ती कहानी पे भारती कर दिया जाए तो उसको हम कहते हैं फोर्स रिक्रूटमेंट क्या बोलते हैं उसको हम लोग फोर्स रिक्रूटमेंट तो अभी यहां पे ब्रिटिश सरकार क्या कर रही है फोर्स रिक्रूटमेंट कर रही है ठीक है कहां से गांव से अब देखिए इसके चलते क्या हो रहा है जो गांव वाले हैं बेटा वो बहुत ज्यादा गुस्से में गांव वाले क्या कर रहे हैं अभी बहुत ज्यादा गुस्से में तो इससे तो एक तो ये करण हो गया पहले करण हमने क्या देखा की जबरदस्ती के टैक्स बना दिए दूसरा करण क्या देखा की भैया समाज जो है बहुत ज्यादा महंगा हो गया तीसरा क्या देखा की अभी जबरदस्ती गांव से जो है उठा करके यहां पे फौजी में भारती किया जा रहा है तो गांव वाले बहुत गुस्से में है ना बहुत ज्यादा गुस्से में आगे बात करते हैं फादर नो 1918 से 1919 और 20 और 21 की बात करेंगे तो भारत में कई सारे इलाकों में फासले खराब हो जाते हैं यानी एग्रीकल्चर बर्बाद है ना अब दिउ तू क्लाइमेटिक रीजंस भी आप का सकते हो की बहुत सारे ऐसे क्लाइमेटिक इश्यूज ऐसे बारिश बहुत हो रही थी कहानी सुख पद रहा था तो फासले खराब हो जाति है अगर फसल खराब हो जाएगी तो मार्केट में क्या हो जाएगा बेटा खाने का शॉर्ट आगे जब अनाज ए ही नहीं रहा है मार्केट के अंदर तो बेचोगे क्या तो यहां पे क्या हो रहा है यहां पे खाने का शॉर्टेज हो रहा है डेफिना सी बात है दान है चलिए तो आज से रिजल्ट क्या होता है की फूड शॉर्ट आगे हो जाति है नो अब फूल शॉर्टेज हुई थी इसके बाद क्या होता है बच्चे की भाई आप हमारी फेल जाति है इनफ्लुएंजा वायरस फेल जाता है जिसके चलते बहुत सारे लोग बीमा हो जाते हैं तो जब एक सेंसर कंडक्ट किया गया सेंसेक्स मतलब जनगणना करवाई गई 1921 में तो ये पता चला की 12 से 13 मिलियन लोग जो थे इसी वजह से मा गए यार उनकी बीमा इतना ज्यादा पद गए बिकॉज़ उनके पास खाने के लिए नहीं था या फिर उनको किसी ना किसी प्रकार की बीमारी हो गई थी ठीक है तो अभी आप का सकते हो की या तो भुखमरी से मा गए क्योंकि इनके पास खाने के लिए नहीं था या फिर इनको बीमारी हो गई डी एपिडेमिक मा गए थे ठीक है तो ये कुछ आम आम बातें हैं बच्चे जो अपने को जन को मिलती हैं तो अब देखो की ऐसे सिचुएशन में भारत के हालात बहुत ज्यादा खराब है और यहां पे भारत के अंदर जो गुस्सा है ब्रिटिश सरकार को लेकर के बहुत नेक्स्ट लेवल का है बहुत ज्यादा है लेकिन इस गुस्से को चैनेलाइज करके इस गुस्से को सही तरीके से यूटिलाइज करने वाला कोई बताने वाला नहीं कांग्रेस आंदोलन कर रही है हमारे बहुत सारे नेता हैं जो आंदोलन कर रहे हैं लेकिन इन आंदोलन को एक डायरेक्शन देने वाला इंसान नहीं था और उसकी एंट्री होती है 1915 में यानी 9 जनवरी 1915 को जब गांधी जी आते हैं साउथ अफ्रीका से वापस ठीक है नो इसको हम आज प्रवासी भारतीय दिवस के फॉर्म में सेलिब्रेट करते हैं अगर आपको याद हो तो गांधी जी ने साउथ अफ्रीका में सत्याग्रह जो उनका फेवरेट विपिन माना जाता है सत्याग्रह मतलब सत्याग्रह एक ऐसी फिलॉस्फोरी है जिसमें गांधी कहते हैं की अगर आपका कैसे सच्चा है अगर आपके मां सच्चा है अगर आप गलत नहीं हो तो आपको हथियार उठाने की जरूर ही नहीं है आप आंदोलन करिए आप प्रोटेस्ट करिए आप सामने वाले से रिक्वेस्ट करिए की आपकी बात को सुन है ना अगर आपका सच्चा है तो एक ना एक दिन उसको आपकी बात माननी पड़ेगी अब वो बात अलग है की आप बात सुनते सुनते हैं अगर खुद ही मा गए तो सामने वाले ने गली मार दी लाठी मार दी मा गए तुम ठीक है तो तुम्हारा सत्याग्रह शायद कोई और कंटिन्यू करेगा देखिए सत्य करेगा फिलासफी उसे टाइम पे मतलब ये डिबेट टेबल है अपने आप में ठीक है बहुत सारे लोग हैं जो उसे वेलोसिटी को सपोर्ट करते हैं बहुत सारे लोग नहीं सपोर्ट करते हैं अगर आप देखोगे तो गांधीजी का सिंपल था यार की तब तक रिक्वेस्ट करो तब तक बात करो तब तक बातचीत करो अहिंसा फॉलो करो नॉन वायलेंस करो ठीक है और तब जाकर के आपको रिजल्ट मिलेगा हालांकि रिजल्ट में हो सकता है डर लगे लेकिन रिजल्ट आपको मिल जाएगा ठीक है अब देखिए नॉन वायलेंस कहानी ना कहानी ठीक भी है रीजन क्या है यार की बहुत सारे लोग मा रहे हैं और मरना जो है ना किसी जिसके घर में कभी मृत्यु होती है मौत होती है कभी उसके घर के दिलवालों से पूछ के देखो यार की उसको कितना बड़ा लगता है खाने में सुनने में बड़ा आसन होता है की वो इंसान मा गया वो इंसान शाहिद हो गया पर जो शाहिद के घर वाले हैं कभी उनसे जाके पूछे यार उनके आंखों में कितने आंसू है उनका कोई अपना गया कोई अपना प्यार है तो वायलेंस इस नोट दी आंसर ये बिल्कुल बात सही है की हिंसा किसी चीज का जवाब नहीं है हिंसा में नुकसान अपना भी होता है और सामने वाले का भी होता है चलिए आगे बात करते हैं अगर आप देखोगे तो गांधी जी ने साउथ अफ्रीका में जो रेसिस्ट सरकार थी रेसिस्ट मतलब वहां पे कलर आपके रंग जो स्क्रीन का कलर है उसके बेसिस पे आपके साथ भेदभाव किया जाता था गांधीजी के साथ भी किया गया था जिसके बाद गांधी जी अगर आप देखोगे तो बड़े क्लाजली वहां के सरकार के अगेंस्ट सत्याग्रह के थ्रू लेट हैं तो सत्याग्रह का वही मेथड यानी सत्य के लिए आग्रह है ठीक है चलिए आगे बात करते हैं नो तो गांधीजी का सत्याग्रह का फिलासफी क्या है गांधी जी कहते हैं की अगर आपका जो कैसे है आपका जो करण है वो सच्चा है अगर आपका कमेंट करण ठीक है तो आपको फिजिकल फोर्स कटिहार उठाने की जरूर नहीं है ठीक है रीजन क्या है क्योंकि सत्याग्रह ये कहता है की जो आपके साथ गलत कर रहा है जो प्रेशर है जो आपको तालचेर कर रहा है जो आपको प्रताड़ित कर रहा है ठीक है उसको रिक्वेस्ट करो ठीक है उसको क्या रिक्वेस्ट करो बहुत सिंपल सी बात है उसके अंदर आत्मा कपिल और उसके अंदर आत्मा को रिक्वेस्ट करो की उसको बताओ की जो तुम कर रहे हो बहुत ज्यादा गलत है ये कहते हैं की सत्याग्रह कोई कमजोर आदमी नहीं कर सकता ये बात देखो सही कैसे बनाता हूं अगर आप सामने खड़े हो सामने खड़े होकर के आंदोलन कर रहे हो सामने से लाठी चला रही है पुलिस आपको मार रही है आपको फिजिकल तरीके से टॉर्चर कर रही है और फिर भी आप अहिंसा के साथ वहां खड़े हुए हो वहां आंदोलन कर रहे हो तो इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए यार बहुत हिम्मत चाहिए शरीर में बहुत जान चाहिए और उससे ज्यादा आपको मेंटली स्ट्रांग होने की जरूर है तो जो कहता है की सत्ता ग्रह इस डी वेपन ऑफ डी वीक ये गलत है सत्याग्रह 65 तरीके का रेजिस्टेंस है यह भी गलत है पैसे मतलब जब आप एकदम लाइव फ्लैश से हो जाते हो है ना जब आप रेसिस्ट करने का मतलब किसी चीज को अपोज करना तो बड़े लाइफ़लेस तरीके से पोज कर रहे हो नहीं सत्याग्रह एक एक्टिव रेजिस्टेंस है एक सत्याग्रही जो है किसी और को नुकसान नहीं पहुंचना एक सत्याग्रही फिजिकल फोर्स को उसे करने में भरोसा नहीं रखना एक सत्याग्रह का सिंपल सा कहना है की मैं तब तक आंदोलन करूंगा जब तक सामने वाला इस बात को मां नहीं लेट की वो गलत कर रहा है तो सत्याग्रह सॉल्व इसमें क्वेश्चन आता है सत्याग्रह पे इंपॉर्टेंट है आगे बात करते हैं ना चलिए क्वेश्चन करते हैं यहां पे देखो क्वेश्चन आप भी गया की सत्याग्रह पैसिव रेजिस्टेंस सत्याग्रह पूरे साल फोर्स यहां पे असर्शन रीजन दिया है दर्शन रीजन करने का सबसे सही तरीका होता है की आप पहले दोनों स्टेटमेंट को पढ़िए क्या ये दोनों स्टेटमेंट सही है अगर दोनों सही है तो ऑप्शन सी और ऑप्शन दी को हटा दीजिए अगर नहीं सही है तो फिर आपको यहां पे चेक आउट करना पड़ेगा ठीक है देखो बहुत सिंपल है अगर दोनों सही है तो सी और दी है गया फिर आपको क्या करना है असर्शन के आगे क्वेश्चन लगाना है वही अगर वही या बिकॉज़ का आंसर आपको रीजन में मिल जाता है तो आपका ऑप्शन नंबर ए सही हो जाता है डेट आर करेक्टली एक्सप्लेन ए और अगर नहीं मिलता है तो आपको ऑप्शन नंबर बी सही हो जाता है थोड़ा सा विजन करने का सबसे सिंपल तरीका है चलिए हम पहले स्टेटमेंट चेक करते हैं की सत्याग्रह पैसेंजर रेजिस्टेंस पहले ही स्टेटमेंट गलत है तो और सत्याग्रह से पूरे सॉल्व फोर्स दूसरा स्टेटमेंट सही है तो दर्शन यहां पे गलत है और आपका रीजन सही है ठीक है तो करेक्ट आंसर क्या है करेक्ट आंसर है आपका यहां पे ऑप्शन नंबर दी चलिए आगे बात करते हैं नो विच ऑफ डी प्लेस डेट गांधी उसे सत्याग्रह तू फाइट इंजस्टिस सक्सेसफुली इन में से गांधी ने कहां पे इस्तेमाल किया जा सकता है की रेखा चलिए बच्चे बताइए कमेंट क्षेत्र के अंदर जल्दी से देखिए बहुत सिंपल है गांधी कहां से आए थे गांधी आए थे साउथ अफ्रीका से जहां पे इन्होंने सत्याग्रह का लड़ाई लाडा था किसके अगेंस्ट वहां की सरकार के केंद्र ठीक है आगे बात करते हैं नो एक ये देखिए कंबटेंसी बेस क्वेश्चन है मैं कल आपको लास्ट टाइम भी करवा रहा था देखिए डिस्कस कर लेट हूं आपके साथ एक हिस्ट्री की क्लास में आशीष जो है यहां सत्याग्रह के बड़े में पढ़ रही थी उसने कुछ प्वाइंट्स नोट किया विच ऑफ डी फॉलोइंग बिल बेस्ट मैच डी आईडियोलॉजी ऑफ सत्याग्रह ठीक है इस तरीके के क्वेश्चंस आपको एग्जाम के अंदर एक्सपेक्ट कर सकते हो आप ठीक है सत्याग्रह क्या है पूरे सॉल्वड फोर्स है कैपिटल रेजिस्टेंस है बिल्कुल ठीक बात है ठीक है आईटी इस एन सब्जेक्ट और वेपन ऑफ डी वीक देखिए बिल्कुल गलत बात है एक वीक आदमी सत्याग्रह नहीं कर सकता तीसरा के स्रोत इस डी सब्सटेंस ऑफ डी सोल यानी सत्य जो है इस पूरे सत्याग्रह की अंतर आत्मा है ये बात भी सही है दिस इस अलसो से क्या होना चाहिए करेक्ट आंसर्स आपसे करेक्ट आंसर आपका ऑप्शन नंबर दी डेट इसे बोथ एन सी चलिए तो कुछ सवाल करने के बाद कहानी को आगे बढ़ते हैं देखिए एक और क्वेश्चन आपके सामने आता है वेरी इंपॉर्टेंट क्वेश्चन है पी ए के है क्वेश्चन आपसे किस तरह किसी के फॉर्म में पूछेगा इधर फर्स्ट वर्ल्ड वार क्रीटेड एन न्यू इकोनामिक और पॉलीटिकल सिचुएशन इन इंडिया तो आपको यहां सारे प्राइस टॉप प्वाइंट्स लिखने हैं किस तरीके से टैक्स बड़ा दिए गए किस तरीके से जो यहां पे एन जो आपका प्राइस है खाने पीने का वो बाढ़ गया फोर्स रिक्रूटमेंट वाला आपको यहां पे पॉइंट देना है किस तरीके से जबरदस्ती आर्मी में भारती किया जा रहा था और उसके बाद आपको यहां पे पॉइंट दे सकते हो आप प्ले कैपिटल में का सॉरी इन्फ्रेंस अप में कहां पॉइंट दे सकते हो किस तरीके से यहां पे बीमारी फेल गई और लोगों के हालात खराब हो गए तो ये सारे के सारे प्वाइंट्स आप यहां पे लिख सकते हैं कंप्लीट आंसर बच्चों आपको जिवन है नोट्स आपको कहां मिलेंगे नोट्स आपको मिल जाएंगे वीडियो के डिस्क्रिप्शन में पढ़ाओ बैच का लिंक दिया हुआ है बिल्कुल फ्री ऑफ कॉस्ट है तो आप जाएगा और नोट्स को डाउनलोड कर लीजिएगा ठीक है प्यार बच्चों ओके अब गांधी जी के कुछ इनिशियल सत्याग्रहों की बात की जाति है लेट टॉक अबाउट सम इनिशियल सत्याग्रह गांधी अब देखिए गांधी जब आए तो भारत की समस्या को समझना के लिए पहले तो उन्होंने पूरे इंडिया के अंदर ट्रैवल किया यानी पहले भारत के अंदर क्या-क्या पहले भारत के अंदर ट्रैवल किया तो अगर हम बात करें गांधी की ठीक है तो गांधी जब सत्याग्रह करने आए तो उन्होंने पहले पूरे भारत के अंदर अच्छे से बढ़िया तरीके से ट्रैवलिंग की उन्होंने देखा लोगों की समस्या क्या है लोगों की प्रॉब्लम्स क्या है अब अगर मैं बात करूं ये वाक्य मुझे याद आता है अगर आप भी पढ़ोगे मतलब बहुत पहले पढ़ा था कभी की शायद ये बात है 1916 के आसपास की जब गांधी लखनऊ के अंदर थे लखनऊ में सेशन हो रहा था कांग्रेस की मीटिंग चल रही थी तो वहां पे अगर आप देखोगे तो 1916 में लखनऊ फैक्ट अभी साइन किया गया था एक एग्रीमेंट साइन किया गया था ठीक है फिलहाल लखनऊ प्लेटफॉर्म किसी दिन और डिस्कस करेंगे फिलहाल अभी बात करते हैं तो वहां पे क्या है अगर आप देखेंगे चंपारण जो है बिहार के अंदर एक जिला है चंपारण आज भी बड़ा फेमस है अब चंपारण में देखिए दिक्कत क्या है एक फ्लॉप होता है आपका इंडिगो तो इंडिगो एक ऐसा पेड़ होता है जिससे नील कलर का रंग निकलता है उसे रंग से कपड़े वगैरा रंगीन जाते हैं उसे दी बंटी है अगर आप देखेंगे यहां पे तो यह जो यूरोपियंस है इनको यह बात तो पता थी की इंडिगो का जो दम है इंटरनेशनल मार्केट के अंदर वह बहुत बढ़िया लाइक इंडिगो जो है अच्छे खेस डेमन बिकता है और इंडिगो का जो डिमांड है वह भी बहुत ज्यादा है लेकिन समस्या यह है की इंडिगो उगने को कोई तैयार नहीं है अब एक बार बंगाल में इन्होंने इंडिगो गाने का ट्राई किया था लेकिन वहां के किसने ने आंदोलन करके इनको भाग दिया अब वहां से निकाल कर के ये वहां कहां आते हैं चंपारण बिहार के अंदर और यहां के भोले-भाले किसने को बेवकूफ बनाते हैं अगर आप चंपारण की बात करेंगे तो चंपारण में जो जमीन को मेजर करने का लोकल यूनिट है लोकल यूनिट यानी आप देखेंगे हरे के इलाके एक अपना कोई लोकल वर्जन जरूर होता है ठीक है तो यहां का जो लोकल यूनिट है उसको हम कहते हैं कथा क्या बोलते हैं इसको कत्था यानी कट ठीक है तो अब ये क्या कहते हैं ये कहते हैं बाल लुक्रेटिव ऑफर देते हैं किसने को कहते हैं कम करते हैं हम आपको एडवांस पेमेंट देंगे आपको बस एक सिंपल सा कम करना है अपनी जमीन के तीन हिस पे हमको इंडिगो गो और हमको बीच दो ठीक है अब जो विचार है भोला वाला किसान है उसको लगता है बहुत अच्छी बात है यार बढ़िया स्कीम है हमको एडवांस पेमेंट मिल रही है तो हम अपने बाकी खेत के लिए उसे कर लेंगे और अपने खेत के कुछ ही हिस पे तुम को इंडिगो गाना है तो उसमें क्या ही चला जाएगा अब इस किसान को इस बात की जानकारी नहीं है की इंडिगो का जो क्रॉप होता है उसको एक तो बहुत सर पानी चाहिए बहुत सर मिनरल चाहिए तो अगर आप इंडिगो के साथ किसी और चीज की खेती कर रहे हो तो यह क्या करेगा बाकी सारे प्लांट्स का भी मिनरल खींच लगा यानी आपकी जमीन को कल मिला करके कुछ दिन बाद बर्बाद कर देगा समझ लो अब ये किसान को नहीं पता अब क्या होता है धीरे-धीरे की जब किसान इस पूरे दाल में फैंस जाता है तो एक बड़ी बड़ी समस्या निकाल के आई है सामने ठीक है तो यहां पे प्रॉब्लम क्या है ऑपरेशन इंडिगो प्लांटेशन सिस्टम जिसे आप तीन का इतिहास सिस्टम भी कहते हैं तीन गतियां असली कहते हैं बिकॉज़ यहां पे इंडिगो गया जा रहा है 3 / 28 पार्ट ऑफ डी लैंड पे और फिक्स्ड डेमन पे यूरोपियंस को बेचा जा रहा है ठीक है जिन यूरोपियन को कॉन्ट्रैक्ट दिया हुआ है ठीक है और कट क्या है कट यहां पे लोकल यूनिट है लैंड मेजरमेंट की तो अभी क्या होता है की बेचारे हमारे जो किसान है वो बड़े परेशान हैं बड़े परेशान क्यों है बिकॉज़ इंडिगो से क्या हो रहा है की उनकी जमीन खराब हो रही है दूसरी बात जो पैसा यूरोपियंस इनको दे रहे हैं वो बहुत कम है तो आज एन रिजल्ट क्या होता है आप देखेंगे यहां पे आगे एन रिजल्ट क्या होता है बच्चे क्या देखोगे यहां पे नंबर वन की अभी इंटरनेशनल मार्केट में ना थोड़े से बदलाव आते हैं क्या बदलाव आते हैं नंबर वन की जर्मनी जो है आर्टिफिशियल दी बना लेट है जर्मनी क्या करता है आर्टिफिशियल दी बना लेट है आर्टिफिशियल लिंक मतलब आप नीला कलर बना लेट है जो लगभग लगभग इंडिगो जैसा ही कम कर रहा है लेकिन इंडिगो से आधे दम पे इंडिगो बहुत महंगा है और ये जर्मनी द्वारा बनाई गई जो आर्टिफिशियल दी है ये बहुत ज्यादा सस्ती है तो अजर रिजल्ट यहां पे क्या हो रहा है की इंडिगो जो है बच्चे यहां पे इंडिगो कोई धीरे-धीरे करके रिप्लेस करने लगता है अब जो यूरोपियंस जो इंडिगो के दम पे इंटरनेशनल मार्केट में फुलते थे इनके हालात खराब हो जाति है देखो जर्मन जो आर्टिफिशियल दी थी जर्मन दी मतलब जिससे कलर नील कलर ठीक है नीला कलर जैसे कपड़े वगैरा आप रंगते हो तो जर्मन ने क्या किया था उसको आर्टिफिशियल तरीके से बना लिया था तो इंडिगो के आगे आधे दम पे ऑलमोस्ट से कम करके दे रही है तो यहां यूरोपियन प्लांटर्स का क्या हो जाता है नुकसान हो जाता है अब यूरोपियन प्लांटर्स का जब सेल्स गिर जाता है तो ये सोचते हैं की इनका नुकसान की भरणी कॉल करेगा तो वापस ए जाते हैं लोट के कहां पे भारत के भोले-भाले किसने के पास अब ये कहते हैं की हमको जो है ना अभी बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है और हम आपको एक तो पहले बात 65 ठीक-ठाक नहीं दे पाएंगे दूसरी बात जो आपकी जो रेंट वगैरा है जो कारा वगैरा है कई सारे प्लांटर्स अगर आप देखोगे तो कई सारे प्लांट्स ऐसे थे जिनके खुद के जमीन थी और इन्होंने क्या किया हुआ था कारा पे किसने को दे राखी थी तो ये क्या करते हैं की उसका कारा बना देते हैं कहते हैं हम आपको कारा बड़ा रहे हैं और जबरदस्ती का जो कर्ज है वो किसने पे थोप देते हैं अब किसान यहां पे बहुत परेशान हैं ठीक है तो इस परेशानी को सॉल्व करने के लिए वहां के जो लोकल लॉयर्स हैं जैसे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जो आगे चल के भारत के पहले राष्ट्रपति बनते हैं दो राजेंद्र प्रसाद जैविक कृपलानी ऐसे करके बहुत सारे नाम ही लॉयर्स हैं वो ऑलरेडी कोर्ट में इसके अगेंस्ट कैसे फाइट कर रहे हैं ठीक है ऑलरेडी कैसे फाइट कर रहे हैं लेकिन कुछ खास हेल्प मिल नहीं रही है तब पता चला है की यार भारत के अंदर गांधीजी भी आए हुए हैं ना और ये सजेस्ट करते हैं की कम करिए आप जाकर गांधी जी से मिली है तो एक किसान है राजकुमार शुक्ला जो चंपारण से आते हैं और गांधी से मिलते हैं गांधी को अपनी समस्या बताते हैं थोड़े बहुत टाइम के बाद जो है गांधी एग्री करते हैं चंपारण में आने के लिए तो जब चंपारण पहुंचने हैं तो पहले तो इनको नोटिस सर्व किया जाता है की आप तुरंत चंपारण छोड़कर चले जाइए ब्रिटिश सरकार को भड़क ग जाति है की भैया गांधी ए गए अब गांधी ए गए हैं तो यार इनकी तहलका तो मचाएंगे तो ये क्या करते हैं इस गांधी को नोटिस भेजते हैं की आप एक कम करो सुबह पहले गाड़ी से निकाल जो है ना तो तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे है ना सुबह पहले गाड़ी से यहां से निकाल जाओगे और नहीं निकाल जाओगे तो बहुत पछताओगे ठीक है तो गांधी को अल्टीमेटम तथा गांधी जी दी ड्राइव के आदमी गांधी कहते हैं भैया मैं तो जिद्दी हूं यार मैं तो नहीं जा रहा जो करना है कर लो भाई तुम्हें ठीक है तो गांधी वहीं पे रुक जाते हैं अब क्या आता है इनको अरेस्ट करके ले जाति है पुलिस अब इनको अरेस्ट करके जब पुलिस लेक जाति है भैया तो बाहर जो है मजमा ग जाता है पूरा बाहर बहुत सारे लोग आके कठे हो जाते हैं पुलिस स्टेशन के बाहर और पुलिस वालों को पसीने छठ जाते हैं वो कहते हैं गांधी को आप रिक्वेस्ट करो लोगों को भी हल्ला ना करें बिकॉज़ लोग तो पागल थी लोग गुस्से में थे लोग थूक देते हैं पुलिस स्टेशन है ना कोई दिक्कत नहीं थी उनको ठीक है तो गांधी कंट्रोल करते हैं फिर कोर्ट में जाते हैं फिर एक इंडिगो कमीशन बनाया जाता है फिर फाइनली ये डिसाइड किया जाता है की भैया जो यूरोपियंस थे इन्हीं की गलती है और अभी क्या किया जाता है कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया जाता है यानी इस इंडिगो का जो तीन कटिहार सिस्टम है इसको यहां पे बिल्कुल खत्म कर दिया जाता है ठीक है डेन बच्चे तो ये गांधी की एक पहले बड़ी जीत मनी जाति है भारत के अंदर गांधी की पहले स्ट्रांग वन मनी जाति है इंडिया के अंदर देखिए बड़ा अच्छा व क्यों आता है यहां पे कंबटेंसी बेस की वेल स्टडी अबाउट डी इंडियन नेशनल मूवमेंट रजत जो था नॉर्थ एक ही कम एक्रॉस एन नॉर्दर्न पार्ट ऑफ इंडिया जहां पे फार्मर्स जो थे बहुत ज्यादा परेशान थे इंडिगो प्लांटेशन सिस्टम को ऐसे आपको प्लेस ए आईडेंटिफाई करनी है तो कौन सी प्लेस हो शक्ति है बच्चे वो बहुत सिंपल है डेट इस चंपारण जहां पे गांधी जी ने क्या किया था अभी सत्याग्रह चलिए अब गांधी क्या है सत्याग्रह करते हैं जब चंपारण में देखिए कई बार डेट्स गलत लिखी होती हैं आप देखोगे तो कई बार 1916 लिखा हुआ है चंपारण का जो की सही नहीं है 1917 ऐसा करेक्ट डेट खेड़ा ऑफ 1990 और गुजरात वाला भी खेड़ा ऑफ गुजरात 1918 और सॉरी देखो ध्यान से सुनिएगा 1917 चंपारण ठीक है 1918 खेड़ा और आपका 1918 में आप जाओगे तो आपको मिल जाएगा दूसरा वाला डेट इस अहमदाबाद कॉटन मिल स्ट्राइक ठीक है तो 17 और 18 के बीच में तीनों के तीनों सत्याग्रह मूवमेंट्स हुआ है सॉर्टेड भाई बड़े भाई लोग तो डेट में कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए देखिए 1918 में क्या होता है खेड़ा करके एक जिला है गुजरात के अंदर वहां पे इतनी ज्यादा बारिश होती है की बारिश के चलते क्या होता है आपके जितने भी फसल है वो बर्बाद हो जाति खराब हो जाति है ठीक है इसके अलावा यहां पे चूहा से होने वाली बीमारी बड़ी जबरदस्त बीमारी खतरनाक वाली जिसको हम कहते हैं प्ले वो बीमारी फैली होती है तो ऐसे में क्या होता है की उनकी फसल है बहुत ज्यादा खराब हो जाति है तो यहां के जो किसान है वो यहां पे अभी कारा नहीं दे का रहे रेंट नहीं दे का रहे जो ब्रिटिश सरकार को देना है वो बेचारे दे ही नहीं का रहे और वो ये रिक्वेस्ट कर रहे हैं ब्रिटिश सरकार से की एटलिस्ट कुछ टाइम के लिए इनका रेंट जो है माफ कर दिया जाए तो ब्रिटिश सरकार मां नहीं रही है तो यहां पे भैया बुलाया जाता है गांधी को आप आई सत्याग्रह करिए तो गांधी आते हैं और खेड़ा प्रेजेंट्स के फीवर में सत्याग्रह करते हैं ठीक है रिजल्ट क्या होता है इसका रिजल्ट इसका ये होता है की ब्रिटिश सरकार फिलहाल जो है मां जाति है घुटने टेक देती है और ये कहती है की जो फार्मर्स a4 कर सकते हैं सिर्फ उन्हें से कारा वसूल जाएगा बाकी सब का किराया यहां पे माफ कर दिया जाएगा तो गांधी की दूसरी बड़ी जीत आप का सकते हैं फिर अगर हम बात करें बात सत्याग्रह अहमदाबाद कॉटन मिल स्ट्राइक तो कॉटन मिल स्ट्राइक देखिए इसको मतलब क्या है इसको समझिएगा यहां पे अगर आप बात करेंगे अहमदाबाद की तो अहमदाबाद को जाना जाता है अपने कॉटन मिल यानी कॉटन के कपड़े बनाने के लिए ठीक है तो कॉटन का जो सेक्टर है यहां पे बहुत तगड़ा है बहुत जबरदस्त है ठीक है अब अगर आप यहां पे देखोगे तो क्या होता है की जब प्ले की बीमारी फैलती है पूरे गुजरात में फैली हुई है प्लेग मतलब चूहा चूहा होने वाली बीमारी जिसमें आदमी की मौत भी हो जाति थी उसे टाइम पे बहुत गंदा प्ले था ठीक है तो जब प्ले की बीमारी फैली हुई है तो अभी आप वर्कर यहां पे फैक्ट्री में कम करने नहीं ए रहा है इससे क्या हो रहा है फैक्ट्री मलिक हो रहा है भारी नुकसान तो फैक्ट्री वाले क्या करते हैं दिमाग लगाते हैं की अगर हम वर्कर्स को ज्यादा पैसा देना स्टार्ट कर दें तो वर्कर्स आने स्टार्ट हो जाएंगे तो ये क्या करते हैं आपको एक एडिशनल पेमेंट अनाउंस करते हैं जैसे आप कहते हो ब्लैक बोनस की अगर आप कम करने आओगे तो आप कोई बोनस पैसा दिया जाएगा जब प्ले की हमारी खत्म होती है तो ये क्या करते हैं पैसे वापस ले लेते हैं अब ये सारे केसेस में होता क्या है की जो गुजरात की हालात है इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है यहां पे साड़ी चीज महंगी है चीज आसानी से अवेलेबल नहीं है तो अजहर रिजल्ट जो हमारा बेचारा कर्मचारी है जो वर्कर है उसको जो करंट दिहाड़ी दी जा रही है वो उसके लिए सफिशिएंट नहीं है तो अभी वो धरने पे बैठ जाता है प्रदर्शन कहता है कहता है की हमारी दिहाड़ी को बढ़ाओ हमारे वेजेस को बढ़ाओ ठीक है और कितना वेजेस का डिमांड कर रहा है 50% इंक्रीज का हालांकि जो हमारे मिल ऑनर्स है वो का रहे हैं किसान सिर्फ हम 20% बढ़ाएंगे तो यहां पे इन्हें डेडलॉक क्रैक हो गया मिलो ना का रहे हैं 20% बढ़ाएंगे वर्कर का रहा है 50% बढ़ाओ तो ऐसे केसेस में ये जो है हड़ताल खत्म ही नहीं हो रही है और मिल होना उसका नुकसान होता जा रहा है अब ऐसे में क्या होता है की एक मिलो नर्स इनका नाम था अनसूया ठीक है इनका मिलो ना रहे इनका नाम क्या है बच्चे इनका नाम है अनसूया बहन साराभाई तो अनसूया बहन सर भाई क्या करती है यहां पे गांधी जी को इनवाइट करती हैं की आप आई और हमारे बीच में एक मेडिएशन का कम करिए हमारे बीच में प्रॉब्लम को सॉल्व करेंगे अब जब गांधी आते हैं तो गांधी आकर के मिल वर्कर्स की प्रॉब्लम्स को सुनते हैं उनकी प्रॉब्लम्स को समझते हैं अजर रिजल्ट आप क्या देखोगे क्या होता है आज एन रिजल्ट क्या होता है गांधी जो है यहां पे भूख हड़ताल पे बैठ जाते हैं गांधी यहां पे भूख हड़ताल करते हैं कहते हैं जब तक प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होगी तब तक मैं खाना पीना नहीं खाऊंगा रिजल्ट आप देखोगे की यहां पे एक आम पॉइंट पे सब लोग अराइव होते हैं प्रॉब्लम को सॉल्व किया जाता है और जितने भी आपके वर्कर्स थे जितने भी कर्मचारी थी उनकी वेजेस को उनकी दिहाड़ी को 35% से बड़ा दिया जाता है तो वर्कर्स के डिमांड की 50% मिलो नर्स का रहे थे हम 20% बढ़ाएंगे गांधीजी के आने बाद से कितनी बाढ़ गई है 35% तो यानी सबकी यहां पे बढ़ाई हो गई ठीक है सॉर्टेड है दत आगे बात करते हैं अब देखो क्या होता है की यार जो हमारी ब्रिटिश के यहां गेस्ट एक्टिविटीज है भारतीयों की जितनी भी हमारी जितने भी हम आंदोलन कर रहे हैं जितने भी हम प्रदर्शन कर रहे हैं ये दिन पे दिन बढ़ते जा रहे हैं और इससे क्या है ब्रिटिश साम्राज्य को बहुत बड़ा दुख है बहुत बड़ा खतरा है की अगर इंडिया इनके हाथ से चला गया अगर 1857 जैसी दोबारा कोई क्रांति हो गई तो शायद इस बार इसे कंट्रोल नहीं कर पाएंगे और इस वजह से बहुत जरूरी है की ऐसी साड़ी एक्टिविटीज पे पाबंदी लगे जाए तो इसी विचारधारा के साथ इसी थॉट प्रोसेस के साथ 1917 में जो भारत के गवर्नर जनरल थे लॉर्ड कनॉट वो क्या करते हैं कमेटी का निर्माण करते हैं जिसको आप कहते हैं सेडिशन कमेटी अब इस सेडिशन कमेटी का एक ही एक्टिव था की भारत के जितने भी राष्ट्रवादी यानी नेशनलिस्ट लीडर्स हैं इनके एक्टिविटीज पर नजर बनाना और अगर कोई भी ऐसा इंसान है जो ब्रिटिश सरकार के अगेंस्ट आता है उसको पनिश करने के लिए कानून बनाना अब ये सेडिशन कमेटी के जो लीडर थे जो अध्यक्ष थे इनका नाम था जस्टिस सीडी रोलेट तो कई बार इस सेडिशन कमेटी को हम रोलेट कमेटी के नाम से भी जानते हैं अब रूटेड कमेटी क्या करती है रोलेट कमेटी को सजेशन देती है जिसको रावत एक्ट के रूप में जो है लॉन्च किया जाता है ठीक है तो मार्च 1919 में रोलेट एक्ट को पास किया जाता है इंपीरियल लेजिसलेटिव काउंसिल के अंदर ये काउंसिल क्या है बच्चे जैसे भारत का सांसद भवन है लोकसभा है राज्यसभा है वैसे उसे जमाने में हमारे पास इंपीरियल लेजिसलेटिव काउंसिल थी जहां पे कानून बनाया जाते थे तो यहां पे कानून पास किया जाता है हालांकि यहां पे इंडियन मेंबर्स भी है वो उसको अपोज भी करते हैं लेकिन उनकी बात को सुना ही नहीं जाता ओबवियस सी बात है ब्रिटिशर्स इंडियन की क्यों सुनेंगे कोई लॉजिक नहीं बंता अभी क्या होता है की जब ये रोलेट एक्ट आता है जब ये कानून आता है तो ये इतना ज्यादा पावरफुल बना देता है सरकार को और पुलिस को की जो भी इंसान ब्रिटिश सरकार के अगेंस्ट आंदोलन करता है दिखे गया पुलिस उसको सीधा बिना किसी वारंट के उठा के जय में दाल शक्ति है वह भी दो साल तक और आपके पास कोई अधिकार नहीं होगा की आप अपनी बात को किसी कोर्ट में जा के रख पे आप अपने लिए कोई लॉयर हाय कर पे या अपना कैसे जो है वो आप कोर्ट में लाड पाएं आपके लिए ऐसा कोई प्रोविजन नहीं है जिसको कहते हैं विदाउट ट्रायल ट्रायल का मतलब होता है जब आप कोर्ट में पेस किया जाते हैं आपका कैसे चला है आपकी सनी होती है ये सारे का प्रोविजन है हटा दिया है रोल अटैक ने रावला टैक्स ने सिंपल कहा की अगर आपको उठा के पूरे अरेस्ट कर लिया है बिना किसी वारंट के अरेस्ट किया जाएगा और 2 साल तक आपको यहां पे जेल हो शक्ति है ठीक है डेनिस बच्चों चलिए अब यहां पे क्या होता है इस एक्ट को इस वजह से हम लोग कई बार कल एक्ट ब्लैक एक्ट कहते हैं या फिर इसको कहते हैं नो अपील नो वकील और नो डी बिल नो पल मतलब आप किसी कोर्ट में फूल नहीं कर सकते आप अपना वकील बिहार नहीं कर सकते अपने बचाने को और अपनी बात को भी आप सामने नहीं रख सकते तो ना जलील पेस कर सकते हो ना वकील पेस कर सकते हो और ना ही अपील कर सकते हो तो ये कल एक्ट है अब इस कल एक्ट के आने के चलते क्या हुआ की हमारे जितने भी देश के लीडर से उनमें आक्रोश फेल गया उन्होंने गुस्सा फेल गया तो गांधी जी ने कहा यार ये बहुत गलत बात है मैं इसके अगेंस्ट सत्याग्रह करूंगा तो गांधी जी ने कहा एक कम करते हैं 6 अप्रैल को जो है पूरे देश में हड़ताल और ऑर्गेनाइज करेंगे सब कुछ बैंड करवा देंगे और सत्ता ग्रह करेंगे प्रॉपर तरीके से ठीक है अब एक अद्रविजन यहां पे भी आता है की राहुल लेट सत्याग्रह इंक्रीस डी पावर ऑफ डी पुलिस देखिए बिल्कुल ट्रू बात है सही बात है और डी ब्रिटिश वांटेड तू कंट्रोल डी नेशनल एक्टिविटीज ये भी बिल्कुल सही बात है ठीक है चलिए तो अगर आप देखोगे की दोनों ही ऑप्शंस यहां पर सही है ठीक है इसका आंसर आप मुझे फिलहाल कहां पे देंगे चार्ट्स के अंदर तो इस क्वेश्चन का आंसर मुझे डॉग चार्ट्स के अंदर क्या होना चाहिए मैंने आपको स्टेटमेंट बता दिए हैं अब आपको बताना है की अजहर्षण रीजन चाहिए की मतलब ऑप्शन नंबर ए सही है की ऑप्शन नंबर बी सही है तो इसका आंसर आप देंगे मुझे कमेंट क्षेत्र के अंदर ठीक है चलिए आगे बात करते हैं ना अब गांधी क्या था गांधी जाते थे की एक सिविल डिसऑबेडिएंस लॉन्च किया जाए रोलेट एक्ट के अगेंस्ट से रोलेट सत्याग्रह का नाम देते हैं यह कहते हैं की 6 अप्रैल को मैं इसको स्टार्ट करूंगा पूरे भारत में धरने प्रदर्शन के साथ लेकिन होता क्या है की अलग-अलग जगह है जो है रैली ऑर्गेनाइजर की जा रही है दुकान बैंड कर दी गई है इस राहुल ने कैट के अगेंस्ट में वर्कर्स जो है हड़ताल पे चले गए रेलवे स्टेशन रेलवे कर्मचारी जितने भी थे आपके सारे हड़ताल पे चले गए अजर रिजल्ट आप क्या देखते हो इसकी वजह से ब्रिटिश सरकार एकदम पगला गई ब्रिटिश सरकार को लगा यार की अगर सब लोग हड़ताल पे चले जाएंगे तो हमारा तो कम धंधा थप हो जाएगा तो लोगों को वापस लाने के लिए इनको डरावना बहुत जरूरी है ब्रिटिश सरकार का एक ही हथकंडा एक ही वेपन है की अगर लोग इन का कैसे सपोर्ट करते हैं ये डंडा उठाते हैं और डंडा चलाना स्टार्ट कर देते हैं सिंपल सी बात है अगर कोई इनकी आवाज अगेंस्ट आवाज उठाता है कहता है ये डंडा उठाया और ये दम दम दम दम दम दम मारना शुरू कर दो ठीक है तो भैया लोग डर जाएंगे लोग वापस ए जाएंगे ब्रिटिश सरकार भाई हरकत करती है तो ब्रिटिशर्स को सबसे बड़ा इस बात का डर था की जो इनकी कम्युनिकेशन की लाइफ है टेलीग्राफ सर्विसेज हो गए रेलवे स्टेशंस हो गए ये सब बैंड ना हो जाए रेलवे स्टेशन जल देंगे अगर जनता अगर रेलवे कर्मचारी हड़ताल पे चला जाएगा तो भैया ये ओक जाओगे कैसे जो कम्युनिकेशन ट्रांसपोर्टेशन है सब तो तुम्हारा बैंड हो जाएगा है ना तो ब्रिटिश सरकार डर गई तो ब्रिटिश सरकार ने क्या डिसाइड किया की हम जो है लोगों के ऊपर फोर्स उसे करेंगे यानी मार टी करेंगे इनके साथ ठीक है अगर आप देखोगे तो अमृतसर का रहा हूं जो फेमस लीडर्स हैं अमृतसर में हालात जो है अगर आप देखेंगे पंजाब के अंदर डेफिनेटली आउट ऑफ कंट्रोल तो पंजाब के हालात ज्यादा खराब थी पंजाब में लोगों के अंदर बहुत गुस्सा था बहुत स्टार्टिंग से गुस्सा था तो पंजाब में हालात जो है बहुत ज्यादा खराब है डॉ और ऑर्डर बहुत ज्यादा खराब है तो ऐसे रिजल्ट पंजाब की जो मेरी लीडर्स हैं ना उनको यहां पेरिस के लिए ए जाता है गांधी को दिल्ली इंटर करने से माना कर दिया जाता है ठीक है फिर अगर आप देखोगे जब पुलिस जो है जब पुलिस क्या किया जब पीसफुल जनता पे फायर किया और जब पुरी फूल जनता पे गोलियां चलाई तो यहां पे बहुत सारे जो है देंगे भड़क गए पूरे भारत के अंदर लोगों ने जितनी भी गवर्नमेंट बिल्डिंग थी उसे पता करना स्टार्ट कर दिया चाहे पोस्ट ऑफिस हो चाहे वो रेलवे स्टेशन हो सबको तबाह करना स्टार्ट कर दिया तो अब का सकते हो पूरे भारत के अंदर ना देंगे फसाद हो रहे हैं पुरी तरीके से तो ये क्वेश्चन भी अच्छा है की आफ्टर सर्वाइवल गांधी ऑर्गेनाइजर सत्याग्रह तो आपको इसमें आपको तीन हो सकता है की स्क्रीन करने हैं चंपारण खेड़ा और अहमदाबाद चलिए आगे बात करते हैं ना ओके तो आगे बात करेंगे इसके बाद विच ऑफ डी फॉलोइंग इसे ट्रू अबाउट रूटेड तो आप मेरे को बताएंगे बहुत सिंपल है ऑप्शन नंबर सी तो गलत है और बाकी ऑप्शन नंबर ए और बी बिल्कुल सही है तो दी यहां पे सही जवाब होना चाहिए चलिए आगे बात करते हैं फादर ओके अब क्या होता है बच्चों की 10 1919 की बात है की अराउंड 10 अप्रैल जो है पंजाब और उसके आसपास के इलाकों में मार्शल डॉ लगा दिया जाता है मैंने आपको बताया की पंजाब की हालात जो है बहुत ज्यादा खराब है बिकॉज़ पंजाब में डॉ ऑर्डर बहुत बिगड़ा हुआ है पंजाब के लोग बहुत गुस्से में बहुत ज्यादा दंगा हो रहा है तो इन सबको कंट्रोल करने के लिए ब्रिटिश सरकार क्या करती है मार्शल डॉ यहां पे लगा देती है ना गांधी को दिल्ली में इंटर करने से माना कर दिया जाता है अब देखिए मार्शल डॉ के हिसाब से क्या प्रावधान था मार्शल लोग कहता है की यहां पे कर से ज्यादा लोग कठे नहीं हो सकते उसे टाइम पे जो पंजाब को रूल कर रहे थे पंजाब को गवन कर रहे थे वो थे लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल क्या करते हैं पूरे पंजाब के इलाके में यहां पे मार्शल डॉ लगा देते हैं ठीक है कौन माइकल और है जो यहां के लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं अब क्या होता है मार्शल डॉ के हिसाब से कर से ज्यादा लोग यहां पे जमा नहीं हो सकते ठीक है और वो डायर क्या करते हैं की अभी लायन ऑर्डर मेंटेन करने की जो कमांड है वो एक लीडर को एक मतलब अपने ऑफिसर को देते हैं जिसका नाम था ब्रिगेड या जनरल रीजनल्ड एडवर्ड हरि टायर तो उसको कई बार हम बुखार ऑफ अमृतसर कहते हैं बटर ऑफ अमृतसर मतलब जिसको कौन होता है जो मीत कटता है इसने क्या किया था लोगों को गोलियां से हत्या करवाई थी ये वही जनरल डायर है ठीक है वही जनरल डायरेक्ट जिसने लोगों की गोलियां से हत्या करवाई थी अभी जनरल टायर सनकी किम का आदमी इसको क्लियर और कट है जब इसको कमान दी जाति है की आप जाइए पंजाब में डॉ और ऑर्डर को मेंटेन करिए तो ये करता है 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बालक जलियांवाला बैग नाम का जो इलाका है जलियांवाला बैग कहां पड़ता है आपको देखना हो तो आप कभी गोल्डन टेंपल घूमने जाएगा गोल्डन टेंपल या फिर हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा तो गोल्डन टेंपल की जब आप प्रेमिसेस में इंटर करेंगे तो बे हाथ पे आपको जलियांवाला बैग दिखे जाएगा बड़ा सुंदर बैग है बड़ा सुंदर बगीचा है उसको भी काफी रे डेवलप कर दिया गया है लेकिन पहले खाली एरिया हुआ करता था बड़ी-बड़ी ऊंची उन दिवाली थी और लोग वहां पे आप देखेंगे तो बैसाखी का जो फेस्टिवल है उसको सेलिब्रेट करने आए थे उसको मेंटेन उसको मनाने आए थे बहुत सारे लोग जो थे अपने नेताओं के अरेस्ट किया अगेंस्ट वहां पे प्रदर्शन कर रहे थे अब ऐसे में ये जनरल डायर जाता है और वहां पे एक ही एंट्री और एक ही एग्जिट पॉइंट है यानी आप एक ही तरफ से घुस सकते हैं और एक ही तरफ से निकाल सकते हैं उसको जाके ब्लॉक कर देता है और वहां पे गली चलाना स्टार्ट कर देता है आज भी गली के निशान है यार मैंने रियलिटी में देखा है उसको और देखने के बाद ना मेरे को ऐसा लगा हिस्ट्री में फ्लैशबैक मैं चला गया आई लिटरली फैट की भाई मेरे सामने आंखों के सामने सब चीज हो रही है आप कभी जाएगा चलिए हमारा बैग जाएगा तो जरूर देखिएगा गली के निशान आज भी बड़े बड़े बुलेट्स के निशान है दीवारों के ऊपर वहां पे देख करके दिल दहल जाता है यार ठीक है अगर आप देखोगे तो यह क्या करता है लोगों पे गोलियां चलवा देता है आगे एन रिजल्ट बहुत सारे लोग जो हैं बिठा यहां पे मा जाते हैं राइट चलिए नो आगे बात करते हैं बच्चे अब क्या होता है इसकी हरकत पे ब्रिटिश सरकार क्या लेती है ब्रिटिश सरकार एक्शन लेती है क्या करती है ब्रिटिश सरकार एक कमेटी बनती है कमेटी अप्वॉइंट करती है जिसको आप हंटर कमीशन है हंटर कमेटी कहते हैं हंटर कमेटी इसलिए नाम पड़ा है बिकॉज़ इसका जो लीडर था उसका नाम था खानदान ठीक है अब ये हंटर कमीशन जो है यहां पे जनरल डायर के इस हरकत को क्रिटिसाइज कहती है लेकिन इसके अगेंस्ट कोई एक्शन नहीं लेती इसके अगेंस्ट कोई भी आप एक्शन नहीं लिया जाता और ये जनरल डायर इंडिया से भाग जाता है ठीक है इसको भाग दिया जाता है आप ऐसा का सकते हो अब हमारी जो राष्ट्रीय नेता हैं वो क्या करते हैं इसकी कड़ी निंदा करते हैं विजुअल की गधी नंदा की जाएगी अच्छा अब क्या होता है जैसे जलियांवाला बैग की कहानी जो न्यूज़ है ये सब जगह फैली स्टार्ट होती है तो पूरे भारत में आप देखोगे देंगे स्टार्ट हो जाते हैं लोग पागल हो जाते हैं लोगों को गुस्सा है लोग क्या कर रहे हैं वायलेट तरीके से हिंसा ग्रुप अपना करके लड़ाई कर रहे हैं किसके साथ ब्रिटिशर्स के साथ ठीक है दान नो लोग क्या करते हैं बच्चे गवर्नमेंट बिल्डिंग रेलवे ऑफिसर्स यह साड़ी चीजों को अटैक करना भी स्टार्ट कर देते हैं ब्रिटिश सरकार फिर वही हरकत करती है यानी फोर्स के साथ रेस्पॉन्ड करना तो ब्रिटिश सरकार क्या करती है दुबारा लोगों के ऊपर अटैक करना स्टार्ट करती है आज एन रिजल्ट आप क्या देखोगे भाई तो यहां पे जितने भी सत्याग्रह हैं उनको क्या किया जाता है उनको बेइज्जत किया जाता है उनके जमीन में उनकी नाक रखवाई जाति है कहा जाता है की जितने भी ब्रिटिश ऑफिसर हैं इनको सलाम साथ बोलो तो अपने आप में बेज्जती है कहते हैं ना की इंसान के अंदर आत्मा को एकदम निकाल कर रख देना इंसान के लिए जो है ना फिजिकल टॉर्चर से बड़ा होता है मेंटल टॉर्चर उसके रिस्पेक्ट में आच मारना अगर आप देखोगे इस बेचारे सत्याग्रह जो आंदोलन कर रहे हैं जो देश के लिए लाड रहे हैं ये लोग क्या करते हैं पब्लिक के सामने सबके सामने उनकी नाक रगड़ते हैं उनकी इज्जत को धारदार कर देते हैं ठीक है और एक इज्जत जाना अपने आप में रिस्पेक्ट होना अपने आप में उससे बड़ी मौत नहीं हो शक्ति ठीक है अगर आप देखोगे हमारे सत्याग्रह परेशान हैं ऐसे में जो हमारे वर्ल्ड लीडर्स हैं जो हमारे बड़े-बड़े नेता हैं वो क्या करते हैं अब बड़े-बड़े नेता क्या करते हैं बड़े-बड़े नेता स यूजुअल कड़ी निंदा करते हैं जैसे पर एग्जांपल रवि नट टैगोर जो है अपना नाइटहुड वापस देते हैं नाइटहुड क्या था की उनके कंट्रीब्यूशन है लिटरेचर में जो उनका कंट्रीब्यूशन है उसके लिए ब्रिटिश सरकार ने उनको सम्मानित किया था तो टाइटल कहलाता है नाइटहुड ये उसको वापस कर देते हैं गांधीजी की कड़ी निंदा करते हैं क्रिटिसाइज करते हैं गांधी कंडन करते हैं ठीक है और गांधी जो है राहुल एट सत्याग्रह जो इनका चल रहा था उसको ये कॉल ऑफ कर देते हैं कहते हैं की भैया बहुत वायलेट हो गया है सब कुछ अब ये कम नहीं कर पाएगा ठीक है अब मेरा देखोगे गांधी को लगता था की अब यहां पे आई है खिलाफत की बात देखो खिलाफत क्या है यहां ध्यान से सुनिएगा बहुत सिंपल है अभी अगर आप देखेंगे वर्ल्ड वार वन जो है 1919 तक खत्म हो गई है और जो तुर्की के सुल्तान थे जिनका नाम था खलीफा तुर्की के जो सुल्तान को खलीफा कहा जाता था तो तुर्की का जो अंपायर है उसको आप कहते हैं ओटोमन तुर्की तो ओटोमन तुर्की अभी यहां युद्ध हर जाता है और जब युद्ध हर जाता है तो ब्रिटेन क्या करता है उसके ऊपर एक एग्रीमेंट थोप देता है उसे एग्रीमेंट के हिसाब से जो खलीफा है यानी वहां का सुल्तान है उसकी साड़ी पावर्स को छन लिया जाता है इन फैक्ट उन इलाकों में जहां पे मुस्लिम पापुलेशन ज्यादा है है ना उनके वहां से भी उसके हाथ से कंट्रोल ले लिया जाता है अब ये बात जो है पूरे देश भर के पूरे दुनिया भर के जो मुस्लिम है उनको बड़ी बुरी लगती है बिकॉज़ जो खलीफा था ऑटो मां तुर्की का सुल्तान ऐसा माना जाता है वो उनका इस्लामिक गुरु भी है है ना यानी जैसे हमारे धर्म गुरु होते हैं ना जैसे पर एग्जांपल अगर आप देखोगे आज कई सारे हमारे अगर आप देखेंगे धर्मगुरु बड़े फेमस हेना जो आ जैसे पर एग्जांपल आज अगर आप देखोगे तो लोग बड़े फैन हैं बागेश्वर बाबा के है ना कहते हैं भाई हमारे धर्म गुरु हमको काफी साड़ी बातें बता रहे हैं तो ऐसी उसे जमाने में अगर आप खाओगे तो जो सुल्तान थे तुर्की के है ना तो वैसे भी जो मुस्लिम हैं वो उनको अपना धर्म गुरु मानते हैं कहते हैं यार हमारे रिलिजियस लीडर हैं तो इनको बड़ा ऐसा बड़ा खराब लगता है उनको लगता है की हमारे धर्म गुरु को हमारे रिलिजियस लीडर को जो है इन्होंने कैसे बेकार कर दिया कैसे इन्होंने बड़ा का दिया अगर आज अगर आप देखोगे जब हिंदुइज्म में हम बात करते हैं तो हिंदुइज्म के अंदर बच्चे हमारे काफी सारे धर्म गुरु है मैंने काफी सारे ऐसे बड़े-बड़े पहुंचे पंडित लोग हैं जिनकी हम बड़ी रिस्पेक्ट करते हैं ना और अगर उनके ऊपर कोई आच आई है तो हमको बड़ा बड़ा लगता है हमें बड़ा खराब लगता है क्यों भाई क्योंकि हमारे धर्म गुरु है हम उनकी रिस्पेक्ट करते हैं हमारे रिलिजियस है वो बिलॉन्ग करते हैं तो हमको लगता है यार की उनके साथ गलत कैसे किया जा रहा है ये तो बहुत गलत बात है हम आवाज उठाएंगे हम आंदोलन करेंगे तो वैसे और मुस्लिम को लगता है की इनके धर्म गुरु के साथ गलत किया जा रहा है तो अभी आवाज उठाएं तो बंटी है तो खलीफा के सपोर्ट में क्या है की दुनिया भर में कई सारे खिलाफत मूवमेंट स्टार्ट हो जाते हैं एक इंडिया में भी शुरुआत होती है जिसकी शुरुआत होती है खिलाफत कमेटी के बने के साथ तो मार्च 1990 में बॉम्बे में खिलाफत कमेटी का गठन किया जाता है खिलाफत कमेटी बनाई जाति है और यहां पे दो बड़े यंग से लीडर्स आते हैं इसको लीड करने के लिए एक का नाम था मोहम्मद अली दूसरे का नाम था शौकत अली तो ये मोहम्मद अली मोहम्मद अली जिन्ना नहीं है मैंने पहले भी आपको बताया था अब गांधी को ऐसा लगता है की अगर ब्रिटिशर्स को यहां पे खदेड़ना है ब्रिटिशर्स के अगेंस्ट आपको लड़ाई करनी है तो यहां पे हिंदू और मुसलमान को एक साथ लाना पड़ेगा ब्रिटिशर्स इसीलिए सक्सेसफुल है क्योंकि ये डिवाइड और रूल करते हैं यानी दो कम्युनिटी को बांट करके अपना राज्य चलते हैं और जरूरी है की अगर हिंदू और मुसलमान साथ मिलकर के ब्रिटिश का कैसे खड़े होंगे तो रिजल्ट कहानी ना कहानी बेहतर आएगा ठीक है आज रिजल्ट गांधी जो है कांग्रेस को कन्वेंस करने का ट्राई करते हैं की ये कम किया जाए एक कम किया जाए यहां पे ठीक है तो टॉपिक हमने डिस्कस कर लिया बच्चों तो गांधी यहां पे क्या करते हैं गांधी यहां पे बहुत सिंपल सी बात है बच्चे कांग्रेस को कन्वेंस करने का ट्राई करते हैं ठीक है क्रिसमस में दो सेशंस के अंदर नंबर वन कोलकाता सेशन में जो की हुआ था सितंबर 1920 के अंदर तो एक तो कोलकाता सेशन के अंदर ट्राई करते हैं की भैया यहां पे किस तरीके से आप देखोगे तो कन्वेंस कर लिया जाए की कांग्रेस जो है यहां पे अभी मां जाए है ना और दूसरा अगर आप देखोगे तो गांधी क्या करते हैं की कन्वेंस करने का ट्राई करते हैं की हमें क्या करना है एक नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट स्टार्ट करना चाहिए खिलाफत के सपोर्ट में हालांकि कांग्रेस के साथ एक समस्या एक प्रॉब्लम है कांग्रेस क्या है अच्छा एक चीज और ये देखिए यही वो किताब है इन स्वराज इसके बड़े में आपसे बात कर रहा था गंदे स्वराज में गांधी जी ने कहा था की ब्रिटिशर्स भारत में इसीलिए रुक पे इसीलिए एस्टेब्लिश हो पे बिकॉज़ हमने उनको सपोर्ट किया अगर हम उन्हें सपोर्ट नहीं करते तो ब्रिटिश भारत में कभी ए ही नहीं पाते अगर हम सपोर्ट करना बैंड कर दें तो साम्राज्य कॉलेप्स कट जाएगा और भारत को स्वतंत्रता मिल जाएगी भारत स्वराज पढ़ेगा राइट सेल रूल पढ़ेगा चलिए आगे अगर बात की जाए तो यहां मैंने आपको बताया की कांग्रेस के साथ एक दिक्कत एक परेशानी है अगर आप देखोगे तो मैंने आपको बताया था की जैसे आज भारत में सांसद भवन है वैसे उसे जमाने में भी सांसद हुआ करती थी लेजिसलेटिव काउंसिल हुआ करती थी जिसके चुनाव होते थे और इस चुनाव को फाइट करने की जो परमिशन थी वो अलग-अलग पॉलीटिकल पार्टी को थी जो ब्रिटिशर्स के अलावा अलग-अलग पॉलीटिकल पार्टी यहां पे चुनाव में पार्टिसिपेट कर शक्ति थी अब कांग्रेस यहां पे ये चाहती है कांग्रेस के ज्यादा लीडर चाहिए चाहते हैं की हम चुनाव में पार्टिसिपेट करें चुनाव में सिम जीते और इस काउंसिल का हिस्सा बने ठीक है तो अभी क्या है की आप फाइनली जो है गांधी जी सक्सेसफुल हो जाते हैं कांग्रेस वालों को कन्वेंस करने में और डी दिसंबर सेशन ऑफ नागपुर तो नागपुर में जो कांग्रेस की मीटिंग हुई थी दिसंबर 1920 में उसमें फाइनली गांधीजी सक्सेसफुल हो जाते हैं यहां पे किस लिए कांग्रेस वालों को कन्वेंस करने के लिए की भैया कम किया जाए नॉन कोऑपरेशन को स्टार्ट किया जाए खिलाफत मूवमेंट को साथ में लेकर के तभी तभी तभी इसको नॉन कोऑपरेशन खिलाफत के नाम से भी जाना जाता है ठीक है तो गांधी यहां पे सक्सेसफुल हो जाते हैं और एस पर दी एनसीईआरटी यही लिखना बच्चे की जनवरी 1921 में यहां पे नॉन कोऑपरेशन को स्टार्ट किया जाता है अब गांधी कहते हैं की यार नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को लॉन्च करने के तीन फेस रखेंगे हम लोग तीन तरीके हैं नंबर वन सबसे पहले जितने भी टाइटल जिन लोगों को दिए गए हैं ब्रिटिश सरकार ने जिन-जिन को सम्मानित किया है जिनको अवार्ड दिया है वो सारे अवार्ड वापस करिए दूसरा है जितनी भी आपकी गवर्नमेंट सर्विसेज उनको रिकॉर्ड किया जाए उनको विरोध किया जाए और तीसरी नंबर पे अगर सरकार आपके अगेंस्ट फोर्स उसे करती है सरकार आपको फिजिकल टॉर्चर करती है तो आपको क्या करना है सिंपल सी भाषा में यहां पे सिंपल सिविल डिसऑबेडिएंस को लॉन्च कर देना है सिविल डिसऑबेडिएंस का मतलब होता है की आपको कानून तोड़ने स्टार्ट करने हैं डिसऑबे का मतलब होता है किसी चीज को ना मानना किसी बात को ना मानना तो आपको क्या करना है यहां पे कानून को तोड़ना स्टार्ट कर देना है ठीक है चलिए आगे बात करते हैं फादर नो अब अगर आप देखोगे पानी यानी पीते रहा करो तो जो नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट है उसके कई सारे अलग-अलग हिस हैं पानी पीना है भाई पानी पी लो यार मैं भी पी लेट हूं काफी डर से आपसे बात कर रहा हूं उम्मीद है मजा ए रहा होगा राष्ट्रवाद जिंदाबाद के भारत आज भी जब भारत में भारत भारत का प्लेयर जब आज विराट कोहली जब किंग कोली साहब जब मारते हैं चौका मारते हैं तो डर से क्या आवाज निकलते है ना देश एकदम अलग लेवल पे खुश होता है इनफैक्ट मुझे याद ए रहा है की आज जब तुम्हें क्लास देख रहे होंगे उसके थोड़ी डर बाद एशिया कप का फाइनल भी है तो जो डी बेस्ट हमारे टीम भारत को की हम लोग बढ़िया हैं एशिया कप जीते हैं भाई चलिए आई बात करते हैं थोड़ी सी और आगे बच्चों लेट मूव फादर तो अभी क्या है मैंने आपको क्या बताया की इस पूरे मूवमेंट के अलग-अलग हिस हैं सॉरी बच्चों हाथ दुबारा पान गिर गया इस पूरे मूवमेंट के अलग-अलग हिस हैं अलग-अलग पार्ट्स हैं तो अगर हम बात करें नंबर वन पहले जो है मूवमेंट स्टार्ट होता है आपका शेरों के अंदर फिर आप देखोगे की विद्रोह किया जा रहा था गांव के अंदर फिर आप देखोगे की हमारे प्लांटेशंस में भी जो स्वराज का मतलब है लोग बड़ी अलग तरीके से समझते हैं ठीक है तो नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट आप देखेंगे पूरे भारत के अंदर चल रहा है लेकिन हर एक भारत के हिस में चाहे वो गांव हो चाहे वो शहर हो चाहे वो प्लांटेशन हो बड़े-बड़े खेतों हर एक इंसान ने ना अपने तरीके से इस मूवमेंट को एनालाइज किया है अपने तरीके से मूवमेंट को चलाया है चलिए आई बात करते हैं शेरों की अगर आप शेरों की बात करेंगे तो मोमेंट इन टोंस जो था मिडिल क्लासेस ने स्टार्ट किया था मिडिल क्लासेस यानी वो क्लासेस जो थोड़ी पड़ी लिखी है जिनके पास थोड़ा पैसा है जैसे डॉक्टर हो गए टीचर्स हो गए आपके लॉयर्स हो गए जो बच्चे थे सब कुछ स्कूल छोड़ करके ए गए अब बच्चों क्या बच्चों को तो मौका चाहिए बढ़िया एग्जाम चल रहा है चलो आंदोलन करने चला है यार एग्जाम गया कोनी में डर जरूरी है एग्जाम तो चाहता ही रहेगा जा एग्जाम आता रहेगा जाता रहेगा उससे क्या आई फर्क पड़ता है भैया देश का आंदोलन जरूरी है चलो बेटा चलो बोर्ड एग्जाम कैंसिल बोर्ड एग्जाम कैंसिल है की नहीं बच्चों को तो मजे ए गए भैया ठीक है तो जितने बच्चे थे जितने टीचर्स से ये सब ने क्या किया स्कूल कॉलेज छोड़ छड़ के जो है आंदोलन में निकाल आए उतारा है बढ़िया इंकलाब जिंदाबाद सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा अगर आप देखोगे काउंसिल इलेक्शंस को ज्यादातर इलाकों में गो किया गया अब एक ऐसी पार्टी थी जिसको हम कहते हैं जस्टिस पार्टी जो की मद्रास से बिलॉन्ग करती थी अब दिक्कत क्या है की ये जो पार्टी है बेटा ये दलित की है तो दलित से यहां पे सिंपल सी बात का रहे हैं की कांग्रेस जो है वो ब्राह्मण को सपोर्ट करती है कांग्रेस अपार क्लास को सपोर्ट करती है दलित को सपोर्ट ही नहीं करती जब कांग्रेस हमें नहीं सपोर्ट करती तो हम कांग्रेस के किसी आंदोलन को क्यों सपोर्ट करें तो इन्होंने यहां पर बॉयकॉट करने से बिल्कुल माना कर दिया तो इनको लगता था की यह काउंसिल में जाएंगे तभी अपने लिए कोई कानून बावा सकते हैं अब आगे देखिए अब क्या होता है सवाल उठाता है यार एनसीएस में जो टोंस में नॉन कोऑपरेशन चल रहा था उसका इंपैक्ट कहां होता है जब आप साड़ी सर्विसेज को बॉयकॉट कर डॉग सर सबका विरोध करोगे तो डेफिनेट सी बात है यार आपकी कॉल भी बेस को हम पैक देखेगा अब यहां पे क्या किया जा रहा है जो अगर आप इंपैक्ट की बात करो तो सबसे ज्यादा इंपैक्ट इकोनामी पे आया है कैसे चलिए देखते हैं इंपैक्ट पोज ऑन इकोनामिक फ्रेंड आप जितने भी फॉरेन गुड्स हैं उनका क्या किया जा रहा है बॉयकॉट किया जा रहा है है ना जितने भी फॉरेन क्लॉथस हैं उनको लोग जल रहे हैं अब ऐसा रिजल्ट आप देखोगे जो पहले बाहर से विदेश से कपड़ा ए रहा था भारत के अंदर ब्रिटेन के जो फैक्ट्री है वो क्या करती थी वहां कपड़ा बनाकर के भारत में बीच देती थी सस्ते डेमन पे अभी क्या कर रहे हैं की हम लोग विदेशी कपड़े को बॉयकॉट करें आज एन रिजल्ट जो कपड़े का इंपॉर्टेंट जस्ट आधा हो जाता है यानी 102 करोड़ की वैल्यू का कपड़ा भारत में ए रहा था वो गिर कर के सिर्फ 57 करोड़ र जाता है इसको कहते हैं एकदम बैंड बजाना कमर तोड़ देना है इकोनामी की ब्रिटिश के जो ब्रिटिशर्स पैसा काम रहे हैं यहां से थे उनकी बैंड बजाना ठीक है अब देखो यहां पे अब क्या हो रहा है जितने भी भारत के व्यापारी हैं जो मर्चेंट और ट्रेडर्स और क्लियर कट का रहे हैं की हम विदेशी किसी भी समाज में व्यापार नहीं करेंगे तो विदेशी समाज को सबसे बड़ा झटका यहां पे लगता है जबकि लिखकर की दुकान है लिखकर के दुकान है मतलब जहां पे अल्कोहल बिकता है जिसको पीने के बाद ब्रिटिश तुमको अपने भाई लगेगी सर यू गोरा आदमी यू आर मी ब्रो ब्रो यू आर मी ब्रो ब्रो अपन तेरे साथ ब्रिटेन चले कबूतर महारानी को अपन जाके बोलेगा महारानी यू आर वेरी ब्यूटीफुल महारानी ओ महारानी कल कभी इंडिया आओ मैं तुमको इंडिया घूमेगी आइसक्रीम खिलाएगा भेलपुरी दिलाएगा क्या बोलती तुम चलती क्या ठीक है तो ऐसा कर ए हरकतें इंडियन जो है आप लोग कर सकते थे अगर ये लिखकर कॉप्स खली होती खली हो करते हैं ना और अगर पीने के बाद लोग आंदोलन कर रहे होते तो आंदोलन नेक्स्ट लेवल पर चला जाता है अगर आप यहां देखोगे बच्चों तो लेकर शॉप्स की जो एंट्री थी उसको रॉक दिया गया पिकेट का मतलब होता है किसी चीज की एंट्री को रॉक देना जब एंट्री रॉक डॉग तो समाज बिकेगा कहां से भैया भारी नुकसान है आप का सकते हो अब क्या है इन साड़ी चीजों के बाद भी इतनी सक्सेस के बाद भी जो है हमारा नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट यहां शेरों के अंदर काफी हद तक फेल हो जाता है उसका कुछ रीजन है नंबर वन आपने फॉरेन कपड़े को बॉयकॉट तो कर दिया लेकिन फॉरेन कपड़ा सस्ता है और आप बात करें गांधी जी का रहे हैं खड़ी है अब गरीब आदमी और खाली कहां से बनेगा भैया आप गरीब नहीं हो गांधी वज नोट पुर गांधी पहर नहीं थे गांधी एक बहुत अच्छे बैकग्राउंड सभी बिलॉन्ग करते थे गांधी का गांधी एयरपोर्ट कर सकते हैं लेकिन आम आदमी नहीं कर सकता खाली एक्सपेंसिव है उसके बाद कोई अल्टरनेटिव नहीं है वो कर के भी खाती नहीं पहन सकता अल्टीमेटली उससे ब्रिटिश वाला कपड़ा पहनना ही पड़ेगा फिर आपने क्या किया की आपने सबको बोला की भैया अपना कम धंधा छोड़ के ए जो चलो आदमी आप एक ही अपना कम धंधा छोड़ के अब मुझे ये बताओ जब तुम्हारे पास इंडियन इंस्टीट्यूशन ही नहीं है ना इंडियन ऑफिस है ना इंडियन स्कूल है तो आदमी क्या करेगा यार आंदोलन से घर नहीं चला पेट नहीं भरत आंदोलन से है ना आंदोलन करोगे अच्छी बात है आप करिए आप खूब आंदोलन करिए खूब क्रांति लाइए सब कुछ बढ़िया है लेकिन पेट पालने के लिए पैसा चाहिए पैसा तब तक नहीं आएगा जब तक जब नहीं है शिक्षा तब तक नहीं आएगी जब तक स्कूल नहीं है तो इंडियन इंस्टीट्यूशंस इतने स्लो थे आपने मोमेंट तो लॉन्च कर दिया लेकिन प्लानिंग जीरो थी प्लानिंग नहीं थी आपके पास अल्टरनेटिव भी नहीं आपने कहा ब्रिटिश इंस्टीट्यूशन छोड़ के ए जो लेकिन इंडियन इंस्टीट्यूशन कहां है वो इतने धीमे बन रहे हैं की बाकी सब बेकार है राइट तो इंडियन इंस्टीट्यूशन है ही नहीं राइट सो देवर आर वेरी स्लो तू कम अब तो ऐसा रिजल्ट लोगों ने क्या किया है वापस ए ब्रिटिश इंस्टीट्यूशन जॉइन करना स्टार्ट कर दिया कहानी खत्म तो आज एन रिजल्ट यहां पे नॉन कोऑपरेशन का बंता है अब आई दूसरी बात करते हैं अगर आप देखेंगे इस समय पे जो अवध का इलाका अवध का इलाका मतलब आज के जमाने का उत्तर प्रदेश के आसपास का एरिया ठीक है यानी आप मां लीजिए लखनऊ अयोध्या उसके आसपास का इलाका जो पूरा है अवध वाला इलाका इसको कई बार ओड भी बोलते हैं ओ यू दी हा भी बोलते हैं और आ ए डी एचपी बोलते हैं तो कंफ्यूज मत होना स्पेलिंग में तो यहां जो अवध का इलाका है यहां पे क्या है जो हमारे प्रेजेंट मतलब जो हमारे बेचारे किसान हैं ये काफी ज्यादा परेशान है बहुत परेशान है बिकॉज़ यहां पे जो तालुकदार हो जमीदार है इनका जीना खराब किया हुए हैं ठीक है ये क्या करते हैं तालुकदार तालुकदार जमींदार इतने नालायक है इन्होंने क्या किया हुआ है की कई बार किसने को जो जमीन है अपनी खुद की जमीन है वो कारा पे दे देंगे आप कारा पे ले के खेती-बाड़ी करिए अब जो किसान किराया नहीं चुका पता तो बेचारे क्या ये क्या करते हैं उसे किसान से बेगार मजदूरी करवाते हैं बगर का मतलब होता है जब आप मजदूरी कर रहे हो बिना किसी पैसे की मां लो की मुझे एक इंसान मजदूर हर कर लेट है ठीक है मुझे कहता है की भैया मेरे खेत पे कम करो अब मैं उसके खेत पे कम करता हूं पूरे दिन भर कम करता हूं लेकिन मुझे पैसे देने से माना कर देता है मतलब कम तो करवा रहा है लेकिन पैसे नहीं दे रहा है इसको कहते हैं बगर मजदूरी तो ये क्या करते हैं इस मजबूरी का किसान की मजबूरी का फायदा उठाकर उसे बेकार मजदूरी करवाते हैं और जब वो इंसान अपना कर्ज नहीं चुका पता जब किसान अपना कर्जा नहीं चुका पड़ता तो उसकी मार टी करते हैं उसको फिजिकल टॉर्चर करते हैं तो यहां पे ऐसे तालुकदारों जमींदारों के अगेंस्ट अवध के अंदर क्या चल रहा है मूवमेंट चल रहा है तो किसान अभी बहुत परेशान है बहुत पिजन स्ट्रगल अब इसको जो लीड कर रहा था उसका नाम था बाबा रामचंद्र बाबा रामचंद खुद किसी जमाने में एक इंडेंचर लेबर रहे थे अभी एक सन्यासी थे यानी इंटेंसिबल जो बाहर विदेश में जाकर कम करके आया हूं ठीक है ये लोग भी कांट्रेक्चुअल बेसिस पे कम करते थे तो अगर आप देखोगे तो मूवमेंट किसके अगेंस्ट तालुकदार जमींदारा के अगेंस्ट इनके डिमांड थी की जितने भी हाय के है जो हाय रेंट है उसको खत्म किया जो जो बाकी तरीके के टैक्स हैं उनको भी यहां पे खत्म किया जाए किसान यहां पे बहुत ट्रबल है अब देखो यहां पे क्या होता है फार्मर्स को क्या किया जाता है मैंने आपको क्या बताया जबरदस्ती बिना पैसे के कम करवाया जाता है यानी बेकार मजदूरी ठीक है तो आप क्या करते हैं जब किसान के पास देने के लिए पैसे नहीं होते जब अपना कर्ज नहीं चुका पता तो ये जमींदार क्या करते थे उसको अपनी जमीनों पे फ्री में कम करवाते थे कहते थे बेकार मजदूरी कर और अगर वह पोस्ट करता था उसको मारते थे पीटते थे टॉर्चर करते थे अब अगर आप देखोगे इनफैक्ट जिसने जमीन कारा पे लिए जो टैलेंट है किराएदार है जिसने जमीन कारा पे लिए उसको पैसे देने के बाद उसके बाद शार्टिंग नहीं है ये जमींदार कब उसको अपनी जमीन से निकाल देगा अब मां लीजिए मैं किसान हूं छोटा किसान हूं मैंने क्या किया की मैं जमींदार के पास गया है ना मैंने कहा और भाई जमीदार तुम पता नहीं जोगिंदर सर जमींदारी भी करते हैं कभी-कभी तो मैं क्या खाओगे सर के पास है ना मैंने कहा और जोगेंद्र भैया एक कम करो आपकी जमीन जो है मेरे को दे दो ठीक है तो कहते हैं ठीक है भाई ले ले जमीन है ना लेकिन किराया देना पड़ेगा तो मैंने कहा कोई बात नहीं सर किराया दे दूंगा ये तो ठीक है भाई का रहा है दे देव तो मैंने क्या क्या कारा पे जमीन चलिए अब हमारे जोगिंदर सर ने क्या किया की भाई मैं कम कर रहा हूं मैंने अपना पूरा जमा पूंजी जितनी थी खेत में खेती करने में लगा दी है ना तो मैंने दो-तीन महीने वहां पे खेती की अब मैं इसे जमीन जो है कारा पे लिए 9 महीने के लिए मां लो मैंने क्या किया है 9 10 महीने के लिए जोगिंदर सर से ओगी सर से कारा पे जमीन ले ली ठीक है कितने महीने के लिए नो 10 महीने के लिए अब जोगिंदर सर क्या कर रहे हैं मेरे से है ना जोगेंद्र भैया क्या कर रहे हैं हमारे ये कहते हैं कम कर भाई तीन महीना हो गया मुझे किसी और को दे नहीं तो यहां जमीन से निकाल जा ठीक है तो मैंने तो उनको पूरा 9 महीने का कारा प्रॉमिस किया है की भैया मैं आपको कारा दे दूंगा 9 महीने का पूरा 10 महीने का मुझे जमीन दे दो इतना टाइम के लिए मैं उसपे खेती बड़ी करके थोड़ा पैसे काम लूं लेकिन अभी क्या किया जा रहा है पैसे देने के बाद भी मेरे को 3 महीने बाद बाहर कर दिया जा रहा है बहुत नाइंसाफी है ना तो मेरे पास अगर आप देखोगे तो अवध की भी सिचुएशन को जैसे ही है यानी जो हमारे किसान हैं भले जमींदार को 9-10 महीने का भी किराया देता है लेकिन जमींदार क्या कर रहा है कभी भी जब उसका मां ए रहा है किसान को अपनी जमीन से बाहर निकाल दे रहा है तो ऐसे में क्या हो रहा है बेचारे किसान का कारा का पैसा भी गया और जो उसने खेत में लगाया है वो भी पैसा चला गया मैं गया जो केंद्र भैया के पास जोगिंदर सर के पास मैंने कहा सर ये कम करो पैसा दे दो वापस तो कहता है कौन से पैसे मैं जमींदार हूं पैसे ना दे रहा हूं मैं तेरे मैंने कहा अच्छा है ना दे दो जा रहा है की नहीं बस नहीं दूंगा तेरे में जमींदार में चलो मैं चलो ठीक है भाई ना दो पैसे तो अगर आप देखोगे तो अवध की हालात भी कुछ ऐसी है ठीक है आवाज हमें भी हालात जो है बच्चे कुछ ऐसे ही है नो तो अभी यहां पर फार्मर्स की तीन डिमांड है तीन नंबर में क्वेश्चन आता है की पहले बार जितने भी टैक्स और रिवेन्यू है इसको कम किया जाए बेकार मजदूरी को बैंड किया जाए और ऐसे जितने भी आपके ओपरा से लैंड और प्रेशर मतलब जो दूसरों पे अत्याचार करते हैं इस प्रकार के जितने भी जमींदार तालुकदार हैं इनका जो है सामाजिक बहिष्कार किया जाए सामाजिक बहिष्कार मतलब जो सोशल फैसेलिटीज उनको मिलती है ना फ्री ऑफ कॉस्ट वो देनी बैंड कर दी जाए ठीक है अगर आप देखोगे ये लोग अपने कपड़े भी खुद से नहीं देते थे धोने के लिए धोबी को देते थे अपने बाल कटवाने होते थे तो बार-बार के पास जाते थे तो कई सारे इलाकों में ना ही धोबी बस और ना इसके ना ही मतलब बार-बार ठीक है और धोबी मतलब कपड़े धोने वाला तो इन्होंने कहा ना जमींदारों के बाल काटेंगे और ना ही इनके कपड़े धोएंगे तो ये क्या करेंगे मजबूर होंगे ना ये ऑब्वियस सी बात है आप तो सोचो तुम्हारे बाल बढ़ते जा रहे हैं बढ़ते जा रहे हैं बढ़ते जा रहे हैं कोई काटने को तैयार ही नहीं है इनफैक्ट आपको कॉविड में याद होगा जब सारे सालों बैंड थे सारे हेयर कटिंग वाले थे तो सबके बाल जो है लंबे-लंबे-लंबे लंबे लंबे हो गए थे मेरा खुद के बाल यार बहुत लंबे हो गए थे तो जब हम कटवाने पहुंचे थे ना यार भाई सालों में क्या लंबी लाइन लगी हुई थी यार नेक्स्ट लेवल के तो आप देखोगे बाल कटवाना है सर नेसेसिटी राइट बच्चों चलिए नो अब अगर आगे बात की जाए बच्चे तो यहां पे क्या होता है की अब ये जो अवध प्रेजेंट स्ट्रगल है इसको थोड़ा सा पॉलीटिकल सपोर्ट मिलता है जब जवाहरलाल नेहरू से जुड़ने हैं तो क्या होता है भैया यहां पे जून 1920 में जवाहरलाल नेहरू अवध के कई सारे गांव में जाते हैं और किसने की समस्या को समझते हैं और आज रिजल्ट 17 अक्टूबर 1920 को एक ऑर्गेनाइजेशन फॉर्म की जाति है जिसका नाम है आवत किसान सभा या फिर अवध किसान सभा तो आप किसी भी तरीके से आप लिख सकते हैं अवध का लीजिए या फिर ओके लीजिए तो अवध किसान सभा का फॉर्मेशन होता है मेजर लीडर्स की बात करें तो बाबा रामचंद्र जवाहरलाल नेहरू और भी लीडर्स यह कुछ आम नाम है चलिए हम लोग आगे बात करते हैं नो अगर आप देखोगे जब नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को स्टार्ट किया है तो कांग्रेस पहले चाहती थी की जो अवध में स्ट्रगल चल रहा है जो पीजेंट का विद्रोह चल रहा है इसको अपने साथ मिला लिया जाए लेकिन समस्या यह है की यह वायलेट हो गया है यहां पे लोग क्या कर रहे हैं ल पार्ट मचा रहे हैं जमींदारों के गोदाम को ल रहे हैं है ना जो लोग जमींदारों के घर हैं उनमें तोड़फोड़ मचा रहे हैं और गांधी जी आपको पता है वायलेंस के बिल्कुल अगेंस्ट है तो गांधी ने क्या कहा कांग्रेस की कैसे में की भैया एक कम करो हम चाहते तो हैं की अवध प्रेजेंट स्ट्रगल को अपने साथ मर्ज करना लेकिन यह पॉसिबल नहीं है बिकॉज़ ये स्ट्रगल बहुत ज्यादा वायलेट है गांधी जी के नाम पे जो है बिल बहुत फैट रहे हैं जो लोकल लीडर्स हैं उनको पता है की गांधी का नाम बहुत पॉपुलर है और लोग गांधी जी पे बहुत ट्रस्ट करते हैं तो ये क्या कर रहे हैं गांधी का नाम लेकर का रहे हैं की भैया एक कम करो लूडो जितना ल सकते हो जमींदारों को लूटो गांधीजी का रहे हैं हम तुम्हारे साथ हैं कोई दिक्कत नहीं कोई परेशानी नहीं तो गांधी का नाम लिया जा रहा था गांधी एक ब्रांड बन चुके थे ये कहते हैं गांधी जी का रहे हैं की टैक्स मत दो गांधीजी का रहे हैं की जितनी भी जमीन है जमींदारों से छन करके तुमको जो है बांट दी जाएगी और गांधी जी को देखने का रहे हैं मैंने कब कहा है सर गांधी का रही है भैया मैंने ऐसे कब कहा तू ये का रही की तुम्हारी जमीन है तुमको दे दी जाएगी जमींदारों की जमीन छन करके तुम में बांट देंगे गांधी जी का रहे हैं भैया मैंने ऐसा कब कहा झूठ बोलना है आदमी हैं ऐसे तो मैंने बिल्कुल नहीं कहा चलो तो अगर आप देखोगे तो गांधीजी को ब्रांड बना के यहां उसे किया जा रहा है आगे बात करते हैं ना अगर आप देखोगे अब एक और बड़ा जबरदस्त मूवमेंट आता है जिसको हम गोरिल्ला मूवमेंट कहते हैं आंध्र प्रदेश के अंदर अगर आप देखेंगे आंध्र प्रदेश के जो जनजाति है यानी आदिवासी लोग हैं उनके ऊपर ब्रिटिशर्स ने बहुत ज्यादा जुल्म किया थे अगर आप देखोगे ब्रिटिशर्स क्या छह रहे हैं की वहां पे उसे इलाके में रोड बनाई जाए उसके इलाके के जंगल को बर्बाद कर दिया जाए कैट दिया जाए वहां पे कंस्ट्रक्शन किया जाए तो यहां के लोग बड़े परेशान हैं इन सब चीजों से ठीक है ये मूवमेंट कहां एक्टिव था आंध्र प्रदेश के गोदाम हिल्स के इलाके में इस मूवमेंट को लीड किसने किया था आलूरी सीताराम राजू ने रीजन क्या था की जब फॉरेस्ट लॉस आए फॉरेस्ट लॉस आने के बाद से क्या हुआ जितने भी आपके ट्रबल जितने भी आदिवासी किसान थे जितने भी आदिवासी प्रेजेंट से इनको जंगलों में जान से माना कर दिया गया इनको क्लियर कहा गया की आप जंगल में नहीं जा सकते मंगलसूत्र ब्रिटिश सरकार के ठीक है इन फैक्ट अगर आप देखोगे जहां पे अपने गे भैंसे को चार चढ़ते थे जो ग्रेजिंग लैंड्स कहलानी है जहां गे वैसे घास खाने जाति है उन इलाकों को बैंड कर दिया गया इन फैक्ट इनके साथ बहुत अच्छा किया जा रहा है ठीक है इनफैक्ट अगर आप इनको अपनी गे भैंस को चार चराने लेक भी जाना है तो उसके रिबन को टैक्स पे करना पड़ा है पैसा पे करना पड़ा है ये बेचारे आदिवासी कहां से लेंगे इस वजह से जो है ये बहुत ज्यादा परेशान है किस ब्रिटिश सरकार से राइट अगर आप देखोगे तो यहां पे जितने भी हमारे आदिवासी किसान थे उनका जो रोजगार का साधन था वो चला जाता है जो इनके पुराने राइट्स थे पुराने जमाने से ही जो है जंगल के ऊपर अपनी राइट जमाते ए रहे हैं अपने अधिकार चलते ए रहे हैं तो ये सारे अधिकार अभी ब्रिटिश सरकार छन लेती है इसे ठीक है और अगर आप देखोगे की जब इनको जबरदस्ती बेगार मजदूरी करने के लिए फोर्स किया जाता है या अगर तुम पैसे नहीं दे सकते तो रोड बनाने में बेकार मजदूरी करो यानी बिना किसी पैसे लिए यहां पे मजदूरी करो तब यहां के लोग पागल हो जाते हैं यहां के लोग कहते हैं भाई बहुत हो गया बहुत हुआ अत्याचार एक दो तीन कर बैंड करो अत्याचार तो यहां पे क्या किया जा रहा है पहले बार फॉरेस्ट लॉस के आने की वजह से क्या हो रहा है नंबर वन फॉरेस्ट लॉस क्या आने की वजह से क्या हो रहा है नंबर वन पहले बात क्या हो रही है बच्चे की सबसे पहले तो इनके जितने भी अधिकार थे जंगलों के अंदर वो छन लिए गए इनको जंगल में जान से माना कर दिया गया अपने जानवर लेकर जंगल में नहीं जा सकते जंगल से कोई समाज नहीं ले सकते ठीक है तो इन सबसे कहे ऑलरेडी गुस्से हैं फिर इनको क्या फोर्स किया जा रहा है की जो रोड बनाई जा रही है उसमें जबरदस्ती की मजदूरी करो बिना कोई पैसे लिए आपको मजदूरी करनी पड़ेगी बेकार मजदूरी तो यहां लोग जो थे आज बबूलौक है लोग यहां एकदम ब्लास्ट हो गए अब लोगों ने कहा की अब भैया आंदोलन तो करना पड़ेगा तो देखिए ये एक जबरदस्त फिगर है आलू भी सीताराम राजू जो माना जाता है कहते थे की मेरे पास बहुत साड़ी पावर्स हैं लोग आज भी इनको अगर आप जाएंगे ट्राईबल लोग इनको भगवान का अवतार मानते हैं कहते हैं भगवान स्वयं अवतार लेकर के आए हैं हमको बचाने के लिए राइट ओलुव्री सूत्र राम राजू ने गोरिल्ला मूवमेंट को लीड किया था गोरिल्ला मूवमेंट का मतलब होता है गोरिल्ला मूवमेंट का मतलब होता है बच्चे जब आप दुश्मन पे चुप के वार करते हो ठीक है आप क्या कर रहे हो हायड हो रहे हो दुश्मन के ऊपर चुप करके बाहर करो डेट इस कॉल्ड गोरिल्ला अटैक ठीक है तो अपने बड़े में कई सारे बातें बताते कहते हैं की मैं करेक्ट एस्ट्रोलॉजिकल प्रोटेक्शन कर मैं सही भविष्यवाणी कर सकता हूं मैं लोगों को सही कर सकता हूं ठीक कर सकता हूं इन फैक्ट जो गली है ना बंदूक की गली उसका भी असर मेरे ऊपर नहीं होता फूल ऑन रजनीकांत वाइव्स आप का सकते हैं है ना तो लोग इनको इंकारनेशन ऑफ गॉड कहते थे कहते हैं भगवान स्वयं अवतार लेकर के धरती पे ए गए हैं हमारी रक्षा करने के लिए तलुरी इसी तरह हम राजू बहुत फेमस हुए हैं इनफैक्ट आप का सकते हैं गांधी के बहुत बड़े फैन तैयार बहुत बड़े फैन जबर फैन दे गांधी के ठीक है लोगों कहते थे की भैया अल्कोहल मत पियो है ना अल्कोहल मत पियो खड़ी पहनो अच्छी बातें करो हालांकि एक बात में गांधी से बिल्कुल अलग थे वो कहते थे की गांधी कहते हैं की अहिंसा फॉलो करो लेकिन अहिंसा से कम नहीं बने वाला आपको हिंसा करनी पड़ेगी अगर देश आजाद करना है ब्रिटिशर्स को भगाना है तो आपको वायलेंस करना पड़ेगा ये एक ऐसी एडोलॉजी है जो इनकी गांधी से बिल्कुल अलग है बाकी गांधी के जबर फैन थे ठीक है अगर आप देखोगे तो ट्राईबल्स ने क्या किया पुलिस स्टेशंस पे हमला करना स्टार्ट कर दिया इनफैक्ट जो पुलिस ऑफिसर से ब्रिटिश ऑफिसर से उनको करने का ट्राई कर दिया एक दो को डब्बा भी दिया तो हालांकि क्या हुआ जो आलूरी सीताराम राजू है इनको ब्रिटिश सरकार कैप कर लेती पकड़ लेती है उसके बाद इनको मार देती है तो इनकी डेथ होती है 1924 में और यहां पे खत्म हो जाता है आपका गोरिल्ला मूवमेंट यानी गोरिल्ला वारफरेरीं आंध्र प्रदेश ठीक है अब देखिए अब तीसरी बात करते हैं नंबर वन ये क्वेश्चन कई बार क्लासेस के अंदर आता है कई बार एग्जाम्स में आता है की प्लांटेशन वर्कर्स अंडरस्टूड डी मीनिंग ऑफ स्वराज और एन डिफरेंट वे जो प्लांटेशन में कम करने वाले वर्कर से बोर्ड्स में आया हुआ क्वेश्चन है ये तीन नंबर में आया था उन्होंने स्वराज का मतलब बिल्कुल अलग तरीके से समझा अब देखिए स्वराज का मतलब अलग तरीके से समझना का मतलब क्या होता है नंबर वन ठीक हो नंबर वन तो यहां पे क्या हुआ की आप देखेंगे जो प्लांटेशन वर्कर्स हैं उनके लिए स्वराज का मतलब था की उनको अभी प्लांटेशन छोड़कर जान की परमिशन होगी जी गांव को बिलॉन्ग करते हैं उसे गांव से वो वापस जा सकते हैं अब देखिए प्लांटेशन क्या होता है सबसे पहले इस बात को समझिए प्लांटेशन क्या है एक तरीके का कमर्शियल फार्मिंग हमने एग्रीकल्चर में पढ़ा था ये चीज है ना की जहां पे बड़े से इलाके में एक सिंगल क्रॉप लगाया जाता है और क्रॉप लगाने का में ऑब्जेक्टिव यही है की उसको मार्केट में बेचा जाएगा तो इसको हम कहते हैं प्लांटेशन एग्रीकल्चर सॉर्टेड है भाई लोग चलिए अगर हम देखेंगे तो आसन वगैरा के साइड पर ऐसे काफी सारे प्लांटेशंस थे जो की यूरोपियंस के कंट्रोल में थे ठीक है अब अगर आप यहां देखेंगे तो इन ये जो प्लांटेशन में कम करने लोग आते थे इनको क्या किया जाता था इनको वहीं बैंड कर दिया जाता था यानी प्लांटेशन छोड़कर अपने गांव वापस जा ही नहीं सकते इनका एंट्री और एग्जिट बिल्कुल बैंड है अगर जाना भी है तो उसके लिए स्पेशल परमिशन चाहिए जो मुश्किल से ही इन्हें मिलती थी ठीक है अब अगर आप देखेंगे बच्चों यहां पे तो प्लांटेशन वर्कर्स के लिए स्वराज का मतलब है की ये प्लांटेशन छोड़ के जा सकते हैं और अपने गांव जो है वापस जाकर र पाएंगे ठीक है चलिए तो वर्कर्स बिल बी अलाउड तू मेंटेन ए कल्चरल लिंक तो अगर आप देखेंगे जो इंग्लैंड हमीग्रेशन एक्ट आया था 1859 का उसके अकॉर्डिंग क्या हुआ था की प्लांटेशन वर्कर्स को बिना स्पेशल परमिशन के प्लांटेशन छोड़कर जान की बिल्कुल भी इजाजत नहीं थी यानी इनका एंटरिंग तो आगे ए तो गए लेकिन इनका एग्जिट बिल्कुल बैंड कर दिया गया है तो ये एक्ट कब आया था बच्चे 1859 के अंदर इसने क्या किया नंबर वन याद रखेंगे क्या क्या है इसने की जितने भी प्लांटेशन में कम करने वाले लोग हैं वो प्लांटेशन छोड़ करके नहीं जा सकते कहां बच्चा सकते हैं अपने गांव नहीं जा सकते अपने घर नहीं जा सकते जब तक एक स्पेशल परमिशन नहीं दी जाति और मजे की बात ये है की स्पेशल परमिशन कभी नहीं दी जाति थी तो जब ये स्वराज आया जब नॉन कोऑपरेशन आया तो इनको लगा की गांधी ये का रहे हैं की तुम अपने गांव चले जो तुम्हारे गांव के अंदर जो है तुमको जमीन दी जाएगी तुम वही रहना वहीं कामना वहीं खाना तो इनको स्वराज का मतलब यही समझ आया ठीक है तो ऐसा रिजल्ट क्या होता है ये सब लोग जो है प्लांटेशन छोड़-छोड़ के भाग जाते हैं सारे लॉस को तोड़ करके जो लोगों के रूल्स को ₹50 करके जो है ये क्या करते हैं भाग जाते हैं लेकिन अभी क्या होता है की बाहर हालात इतने ज्यादा बुरे होते हैं की जो नव होते हैं ना उसे स्टीमर जो होता है उसकी स्ट्राइक चल रही होती रेलवे की भी स्ट्राइक चल रही होती है तो ये कभी अपने गांव पहुंच ही नहीं पाते इनको बीच में जो है पुलिस पकड़ लेती है और मारपीट के जो है प्लांटेशन में वापस भेज देती है तो इनको ऐसा लगता था की गांधी जी का राज ए रहा है और गांधी जी का राज में हर एक इंसान को जो है अपनी खुद की जमीन मिलेगी हम अपने ही गांव में रहेंगे इस जमीन पे खेती-बाड़ी करेंगे और खुशी-खुशी अपने परिवार के साथ जीवन बिताएंगे तो स्वराज का मतलब इनके लिए ये नहीं था की भारत को आजाद करना है पर स्वराज का मतलब इनके लिए ये था लेकिन अगर आप देखोगे तो इन साड़ी कहानियां में एक बात आम है साड़ी कहानियां में एक बात ये आम है की जितने भी लोग हैं ये किसके अगेंस्ट फाइट कर रहे हैं की फाइट कर रहे हैं हमारे ब्रिटिशर्स के हैं ठीक है तो इनका जो मोटे वन का जो दुश्मन है वो आम है इनकी जो फीलिंग है वो बिल्कुल आम है और एक बात अगर आप देखोगे जब ये स्वतंत्र भारत जैसे स्लोगन चिल्लाते हैं जब ये सारे जहां से अच्छा जैसे स्लोगन चिल्लाते हैं तो जान अनजाने में ये एक राष्ट्र की बात कर रहे हैं ठीक है भले इनके जो कॉसेस हैं वो इंडिया विजुअल हैं बड़े इनकी समस्याएं इन इंडिविजुअल हैं लेकिन जान अनजाने में ये एक राष्ट्र की बात कर रहे हैं स्वतंत्र भारत की बात कर रहे हैं एक जो भारत की बात करें यूनाइटेड भारत की बात कर रहे हैं और यही राष्ट्रवाद की जो भावना है बेटा ये तब आई है लोगों के अंदर जब ये आंदोलन में पार्टिसिपेट हैं तो लोग भले ही गांधी जी को बहुत गलियां देते हैं आई एग्री लोग बहुत बड़ा भला कहते हैं गांधी ये गांधी वो गांधी ये लेकिन गांधी जी के बड़े में एक बात तो माननी पड़ेगी भाई ये कहानी ना कहानी जो लीडरशिप लाख कारी थी भारत में भारत के संग्राम के अंदर वो लीडरशिप तब बट होती है जब गांधी भारत के अंदर आते हैं और कई सारे स्ट्रगलर को एक साथ लेकर के आते हैं गांधी में नोट बी एन परफेक्ट परसों मैं ये नहीं कहता हूं परफेक्ट है तो ये नहीं कहता हूं उनका हर एक आंदोलन परफेक्ट नहीं उनका आंदोलन फेलियर है नो डाउट आंदोलन आधे अधूरे हैं लेकिन फिर भी जो राष्ट्रवाद की भावना लोगों के अंदर है वो इन आंदोलन के चलते धीरे-धीरे गाने स्टार्ट हुई है ठीक है तो ये एक बहुत बड़ा पॉजिटिव फैक्टर है चलिए अगर हम बात करें फिलहाल एक बड़ा दुखद इंसिडेंट होता है चोरी चौरा में चोरी छोरा एक जगह है गोरखपुर के अंदर गोरखपुर पड़ता है अप में तो अगर आप देखेंगे ये इंसिडेंट हुआ था 4 फरवरी 1922 को एनसीईआरटी में डेट नहीं दिया आप लिख लीजिएगा अब यहां पे क्या होता है की जो यहां लोग हैं यहां पे धरना प्रदर्शन कर रहे होते हैं अब पुलिस वाले क्या करते हैं की इन पे गोलियां चला देते हैं अब गली चलते हैं तो लोग के अंदर गुस्सा ए जाता है तो लोग क्या करते हैं रिटर्न में पुलिस स्टेशन जल देते हैं तो का रही है 22 पुलिस वालों के यहां पे मौत हुई थी और तीन सिविलियन यानी तीन नॉर्मल लोग जो थे यहां पे मारे थे तो चोरी चौरा इंसिडेंट के बाद गांधी को लगता है की अभी देश तैयार नहीं है एक हिंसा वाले मोमेंट के लिए तो गांधी जी क्या करते हैं की ऑपरेशन मूवमेंट को कॉल ऑफ कर देते हैं हालांकि नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को कॉल ऑफ करने का है जो पॉलीटिकल इंपैक्ट किया आया था की जब मुस्लिम थे उनको ऐसा लगा की हमारे साथ धोखा हुआ है गांधी ने हमारे साथ धोखा किया क्यों क्योंकि खिलाफत का जो मुद्दा है वो भी सॉल्व नहीं हुआ है और इसने गांधी ने क्या किया की नॉन कोऑपरेशन बैंड कर दिया तो इनको लगा की बिना हमारे मुद्दा सॉल्व किया आपने नॉन कोऑपरेशन बैंड कैसे कर दिया अब गांधी के मजबूरी यह थी की वायलेंस इतना ज्यादा बाढ़ गया था गांधी को लगा की लोगों की जो है डेथ बहुत ज्यादा हो रही है लोग बहुत सफर कर रहे हैं तो इससे बेहतर है की इस आंदोलन को बैंड कर दिया जाए ठीक है चलिए इंपैक्ट क्या है भाई इंपैक्ट ये आया की जो लोग थे उन्होंने अपने इश्यूज को कनेक्ट करना स्टार्ट कर दिया एक जो इंडिया मूवमेंट के साथ अनइन्पेक्ट अगर आप देखोगे जब वो स्वतंत्र भारत का स्लोगन चिल्लाते थे तो कहानी ना कहानी जो है वो पूरे देश की बात कर रहे हैं पूरे राष्ट्र की बात कर रहे हो यही मैंने आपसे कहा की भले ही उनके कॉसेस और इंडिविजुअल हो लेकिन उनका जो मुद्दा है जो उनका ए में जो उनकी लड़ाई है एक आम दुश्मन के अगेंस्ट है और धीरे-धीरे करके वो जो यूनिटी है वो जो अखंडता है बेटा वो बन्नी स्टार्ट हो रही है ठीक तो गांधी क्या करते हैं चोरी चौरा के बाद यहां पे गांधी जो है कॉल ऑफ कर देते हैं आपका नॉन कॉरपोरेशन मूवमेंट कॉरपोरेशन को बिल्कुल पुरी तरीके से कॉल ऑफ कर दिया था ठीक है चलिए आगे बात करते हैं लक्ष्मण फादर अब क्या होता है की बहुत सारे लोग ऐसे थे कांग्रेस पार्टी के अंदर जिनको ये लगता था की आंदोलन से कुछ खास इंपैक्ट पढ़ नहीं रहा है और इंपैक्ट तभी आएगा जब आप इन लेजिसलेटिव काउंसिल का हिस्सा बनोगे जब वहां प्रेरित सरकार कोई कानून पास करें तो उसे कानून को सामने से अपोज करोगे तभी आपको रिजल्ट देखने को मिलेगा है ना तो अब यहां पे क्या है बहुत सारे लोग जो है कांग्रेस के ये चाहते हैं की वापस से काउंसिल पॉलिटिक्स में रिटर्न करना ठीक है दे वांटेड तू रिटर्न बैक तू डी काउंसिल पॉलिटिक्स यह दोबारा से चुनाव लड़ना चाहते हैं काउंसिल का हिस्सा बन्ना चाहते हैं और ये कहते हैं की सबसे बेहतर तरीका है ब्रिटिश काउंसिल के अंदर रहकर के ब्रिटिशर्स को अपोज करना इससे बेहतर कोई भी तरीका नहीं है ठीक है चलिए तो अगर आप देखोगे यहां पे तो दे बिलीव था के अगर ये काउंसिल मेंटल कर जाएंगे तो ये ब्रिटिश लॉस को अपोज कर सकते हैं है ना बहस कर सकते हैं की आप उसमें चेंज करिए आप उसमें अब अगर आप देखा जाए बच्चे ये भी कहना चाहते थे बताना चाहते थे उसे काउंसिल के अंदर जाकर के आपकी जो काउंसिल हैं वो डेमोक्रेटिक नहीं है लोग तांत्रिक नहीं है आप पार्शियल्टी करते हैं और ये तभी पॉसिबल होगा जब आप चुनाव लड़ेंगे और इस काउंसिल में चुनाव जीतेंगे और चुनाव जीत करके उसे काउंसिल का हिस्सा बनेंगे तो अभी बहुत सारे लोग क्या कर रहे हैं कांग्रेस में इसके फीवर में ठीक है तो आंसर रिजल्ट क्या देखोगे अब 1923 में स्वराज पार्टी फॉर्म की जाति है कर दास और मोतीलाल नेहरू द्वारा ये बड़ा इंपॉर्टेंट क्वेश्चन है वन मार्क में क्वेश्चन आता है इस स्वराज पार्टी का फॉर्मेशन सिया दास और मोतीलाल नेहरू द्वारा अब यहां पे बहुत सारे यंग लीडर्स हैं जैसे सुभाष चंद्र बस जवाहरलाल नेहरू जो अभी किस बड़े में बात कर रहे हैं कंप्लीट इंडिपेंडेंस के बड़े में तो इनको लगता है की यार अभी बहुत हो गया आधा अधूरा आंदोलन अब अपने अभी अपने आप को कंप्लीट चाहिए चलिए ये क्वेश्चन आता है कई बार दो से तीन नंबर में है की भाई कौन से ऐसे फैक्टर्स थे जिसने इंडियन पॉलिटिक्स को शॉप किया टुवर्ड्स अलर्ट 1920 और बच्चे कई बार ये आंसर नहीं लिख पाते तो देखिए दो फैक्टर से नंबर वन इकोनामिक डिप्रेशन जिसने पूरे वर्ल्ड की ब्रांड बजा दी थी इंक्लूडिंग इंडिया और दूसरा है डायमंड कमीशन का गठन ठीक है चलिए आगे बात करते हैं फटाफट से दोनों की अभी क्या होता है देखिए वर्ल्ड के अंदर ना इकोनामिक डिप्रेशन की शुरुआत होती है राउंड अबाउट 1928 1929 में उस यानी उस के ऊपर डिपेंडेंट जितने भी कंट्रीज थे उनकी बैंड बजती है बुरी तरीके से और इसकी शुरुआत होती है जब एग्रीकल्चर के दम मार्केट के अंदर गिरने स्टार्ट होते हैं देखिए बहुत सिंपल सी बात है वर्ल्ड वार वर्ल्ड वार वन के दौरान क्या होता है की जितने भी ऐसे इलाके जहां से वर्ल्ड में ज्यादातर गेहूं आता है वो सारे कंट्रीज तो युद्ध लड़ते होते हैं है ना डेफिनेट सी बात है तो ऑब्वियस सी बात है वहां गेहूं का प्रोडक्शन एकदम खत्म हो जाता है तो अभी मार्केट में जो बड़ा सप्लायर है वो बन जाता है उस तो उस क्या करता है एकदम बढ़िया तरीके से यहां पे उस क्या करता है बच्चों अभी यहां पे एकदम बढ़िया तरीके से गेहूं सप्लाई कर रहा है मार्केट में है ना गेहूं सप्लाई करें इन फैक्ट अगर आपको याद हो तो वुड रो विल्सन एक बड़े जबरदस्त नेता हुए उस के उन्होंने क्या कहा था की ग्रा मोर वाइट वाइट बिल वन डी वार ठीक है तो उनका कहना है ये तो अभी क्या है उस एकदम ताबड़तोड़ तरीके से गेहूं का ए रहा है पूरा फार्मर्स जूते हुए हैं गेहूं लगाने में तो अभी क्या है की जब वर्ल्ड वार वन के बाद सिचुएशंस ठीक होते हैं तो मार्केट में इतना गेहूं हो गया इतना ज्यादा एग्रीकल्चर का समाज हो गया है की अभी खरीदने वाला कोई नहीं है यानी बेचे वाले बहुत ज्यादा हो गए हैं और खरीदने वाला कोई नहीं है तो जब जरूर से ज्यादा सप्लाई हो जाए किसी चीज की मार्केट के अंदर और डिमांड कम हो तो उसका रिजल्ट क्या आता है उसका रिजल्ट ये आता है बच्चे की समाज का दम गिर जाता है और आप देखोगे की लगातार जो है एग्रीकल्चर प्राइस गिरने स्टार्ट हो जाते हैं अब फार्मर को लगता है की इस प्राइस को बड़ा इस प्राइस को मेंटेन करने के लिए हमें और युगा देना चाहिए ये फार्मर की गलती है और फार्मर जब जहां पे और उगना है तो बच्चा डेफिनेट सी बात है जो ऑलरेडी ज्यादा स्टॉक मार्केट में अवेलेबल था वो और बाढ़ जाता है तो जरूर से ज्यादा यहां पे सप्लाई हो रही है एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स की जी हूं चावल इन सब चीजों की जिसकी जरूर भी नहीं है जरूर कम है सप्लाई ज्यादा है तो ऐसा रिजल्ट इनके दम जो है लगातार गिरते चले जा रहे हैं तो आप देख सकते हो की जो किसान थे खासकर ऐसे किसान जो अपना समाज एक्सपोर्ट करते थे यानी इंटरनेशनल मार्केट में बेचते थे उनकी हालात बहुत खराब है जैसे इंडिया के अंदर जाट और बाटेदार तभी अगर आप देखोगे की एग्रीकल्चर प्राइसेस 1926 से गिरने स्टार्ट होते हैं 1930 तक हालात खराब हो जाति है 1930 तक जो हमारा विलेज साइड है बिल्कुल बहुत बुरी हालात में ठीक है आगे एन रिजल्ट जब डिमांड इंटरनेशनल मार्केट में डिक्रीज होती है ठीक है तो क्या होता है बच्चे जितने भी एक्सपोर्ट्स है यानी भारत से पहले जो बाहर समाज बेचा जा रहा था वो एक्सपोर्ट्स अभी कम हो जाते हैं जब खरीदने वाला ही नहीं बच्चा है आपको मार्केट में तो आप बेचोगे किसको है ना बहुत सिंपल सी बात है बिकॉज़ मार्केट में इतना ज्यादा सप्लाई हो रखा है ये भी कोई खरीदने को तैयार ही नहीं डिमांड ही नहीं उतना मार्केट के अंदर तो डेफिनेट सी बात है जो आपका भारत है वो डिक्लिन हो जाएगा और जितनी भी ऐसी फार्मिंग कम्युनिटी है जो अभी इसी के ऊपर डिपेंड करती हैं उनकी हालात खराब हो जाएगी राइट बच्चों चलिए तो फार्मर्स के पास अभी पैसा ही नहीं बच्चा की सरकार कोई टैक्स दे पे राइट बच्चे आगे बात करते हैं तो अच्छा अब ये एक पहले फैक्टर है यानी ग्रेट इकोनामिक डिप्रेशन ठीक है अब दूसरे वेक्टर आता है साइमन कमीशन साइमन कमीशन को हम इंडियन स्टेट्यूटरी कमीशन भी कहते हैं यानी ऐसा कमीशन जिसके जो इसलिए आया है ताकि आपके एडमिनिस्ट्रेशन में कुछ बदलाव कर पे ठीक है अब अगर आप देखेंगे इसके लीडर थे सर जॉन साइमन ठीक है एडजस्टिस को हम साइमन कमीशन कहते हैं साथ मेंबर का कमीशन था जिसके अंदर कोई भी इंडियन मेंबर नहीं था ठीक है अगर आप देखोगे क्या था बच्चे साथ मेंबर का कमीशन था जिसके अंदर कोई भी यहां पे कोई भी इंडियन मेंबर नहीं था अगर आप देखोगे तो जब साइमन कमीशन को एक साल पहले यहां पे भेज दिया गया एक्चुअली होता क्या है की 1919 में डिसाइड किया गया था की 10 साल बाद इंडिया में हमें कमीशन भेजेंगे जिसका कम ये होगा की भारत में जो भी जी तरीके से सरकार चलाई जा रही है अगर उसमें कोई बदलाव करने हैं तो उसको सजेस्ट किया जाएगा अब क्या है की अगर आप देखोगे जी टाइम सेवन कमीशन का गठन किया गया जब फॉर्म किया गया तब कंजरवेटिव पार्टी जो है उसकी सरकार थी ब्रिटेन में अब कंजर्व पार्ट अब क्या है की ब्रिटेन के अंदर चुनाव होने वाले अब ब्रिटेन के अंदर चुनाव होने वाले तो भैया चुनाव जितने के लिए कोई ना कोई मुद्दा तो होना लेकिन आपके पास तो कंजरवेटिव पार्टी को ये डर था की अगर 1929 में कमीशन जाता है तो शायद बहुत लेट हो जाएगा और ये चुनाव हर जाएगी तो इसी को टोरी गवर्नमेंट कहा जाता है आपके जो एनसीईआरटी में टोटली लिखा हुआ है ना टोरी टोरी शब्द लिखे छोड़ दिया बच्चे कंफ्यूज यहां पे टोनी क्या होता है तो टोनी का मतलब है कंजरवेटिव सरकार तो जो कंजरवेटिव पार्टी पॉलीटिकल पार्टी है इसकी सरकार थी ब्रिटेन में इसको डर लगता है की अगर साइमन कमीशन लेट हो गया तो कहानी हम चुनाव हर ना जाए तो साइमन कमीशन को मुद्दा बना करके क्या करते हैं चुनाव लड़ते हैं ठीक है इस वजह से अगर आप देखोगे तो साइमन कमीशन को कायदे से 10 साल बाद यानी 1929 में आना चाहिए था लेकिन साइमन कमीशन एक साल पहले ही ए जाता है तो भैया चुनाव का डर बाबूराव चुनाव का डर ठीक है तो ये है आपकी जिओ पॉलिटिक्स है ध्यान दो बढ़िया हाल है मतलब वहां की पॉलिटिक्स आपकी चल रही है राजनीति इसको आप कहते हो ठीक है अगर आप देखोगे उसे समय जो ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर थे इनका नाम था स्टेनली बाल्डविन तो स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के उसे टाइम प्रधानमंत्री थे कंजरवेटिव पार्टी के जब इस कमीशन को अप्वॉइंट किया गया ठीक है अकॉर्डिंग तू गवर्नमेंट ऑफ इंडिया 1990 में आपको क्या बताया की कमीशन कब आना था 10 साल बाद ठीक है लेकिन एक साल बाद एक साल पहले इसलिए ए जाता है बिकॉज़ यहां पे चुनाव होने वाले थे ठीक है तो कमीशन का अपॉइंटमेंट किया गया 1927 में और जब भारत ये आया तो था ये साल 1928 ठीक है तो उसको आप पॉइंट क्या गया है 1927 के अंदर में और जब भारत आया तो इस साल तो 1928 तो अगर क्वेश्चन आता है की साइमन कमीशन इंडिया कब आया तो आप याद रखेंगे साइमन कमीशन इंडिया आया था 1920 आते में ठीक है तो बहुत सिंपल है इसके क्यों आया ताकि हमारे भारत के एडमिनिस्ट्रेशन में चेंज एडजस्ट कर सके अब दिक्कत क्या है की इसको दोनों ने बागोट किया इंडियन नेशनल कांग्रेस ने भी हम मुस्लिम लीग ने भी रीजन बहुत सिंपल है की इसके अंदर कोई भी इंडियन मेंबर नहीं है तो हम लोग ये का रहे थे की आप हमारे लिए कानून में बदलाव करने ए रहे हो हमारे लिए नए कानून बनाने ए रहे हो और एक इंडियन को भी आपने नहीं रखा ये तो बहुत गलत बात है ब्रिटिश से पूछा गया की आपने किसी इंडियन को क्यों नहीं रखा तो ब्रिटिश कहते हैं की हमें लगा ही नहीं की कोई इंडियन कैपेबल भी है इतना उसमें पोटेंशियल भी है की हमारे इस कमीशन के अंदर र सके इस वजह से हमने नहीं रखा किस को कहते हैं मुंह पे बचती मानना तो साइमन कमीशन को बॉयकॉट किया गया कॉलेज झंडा के साथ साइमन को बैक साइमन को बैक बट साइमन वापस नहीं गया अपनी रिपोर्ट बनाकर सबमिट करता है किसको प्रेरित सरकार को अब इसको कांग्रेस चैलेंज करती है तो ब्रिटिश सरकार कहती है ठीक है आपको नहीं लगता शायद मैंने अच्छे करो रिपोर्ट बनाई है तो आप अपनी रिपोर्ट बनाया तो इसके रिस्पेक्ट में इसके आप का सकते हो इसके जवाब में जो मोतीलाल नेहरू है वो अपने एक रिपोर्ट बनाते हैं उसको आप कहते हैं नेहरू रिपोर्ट ऑफ 1928 तो ऐसा कहा जाता है तो भारतीय संविधान की जो झलक है वो आपको नेहरू रिपोर्ट के अंदर देखने को मिलती है बहुत सारे इसे प्रोविजंस हैं जो आपको देखने को मिलेंगे जब भारतीय संविधान बनाया जा रहा था तो नेहरू रिपोर्ट के कुछ-कुछ प्वाइंट्स ठीक है आपको देखने को मिलेंगे गवर्नमेंट ऑफ इंडिया 1935 के कुछ कुछ प्वाइंट्स तो ऐसी बहुत साड़ी चीज हैं जिन्होंने भारतीय संविधान को इंस्पायर किया है ठीक है फिलहाल हम लोग आगे बढ़ते हैं अब क्या होता है बेटा यहां पे की 1929 के समय जो भारत के वायसराय थे इनका नाम था लॉर्ड रिबन अब अरविंद को बोला जाता है यार की तुम क्या कर रहे हो भैया भारत में डॉ और ऑर्डर खराब हो रहा है तो वहां एक बस की तो कुछ है ही नहीं तो अरविंद इतना पागल आदमी है अरविंद क्या करता है हमको एक बहुत घटिया ऑफर देता है इर्विन क्या कहता है इर्विन नेशनलिस्ट एक्टिविटीज को कंट्रोल करने के लिए एक बड़ा एक घटिया ऑफर देता है हम हमारे लीडर्स को ये कहता है की हम आपको डोमिनियन स्टेटस दे देंगे लेकिन कब देंगे ये हम नहीं बता सकते डोमिनियन स्टेटस इन उन स्पेसिफाइड फ्यूचर यानी मां लीजिए मैं आपसे ये का रहा हूं बेटा मैं आपको जो है बहुत सारे गिफ्ट्स दूंगा मैं आपको बीएमडब्ल्यू मर्सिडीज़ दूंगा लेकिन कब दूंगा मैं ये नहीं बता सकता तुम खाओगे पागल बना रहे हो क्या हैं बोलने में तो मैं भी बोल सकता हूं मैं तुमको हमारे दे दूंगा है ना बुगाटी दे दूंगा मैं कुछ भी बोल सकता हूं लैंबॉर्गिनी दे दूंगा लेकिन कब डॉग ये बताओ ना तो ऐसे ही हमारा लॉर्ड हमारा लॉर्ड अरविंद क्या कर रहा है लॉर्ड एडवेंचर ऐसे एकदम हवाबाजी कर रहा है का रहा है की हम आपको डोमिनियन स्टेटस दे देंगे लेकिन कब देंगे हमें नहीं पता ठीक है अब क्या होता है कांग्रेस को कहता है की आप एक कम करिए आप राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस को अटेंड करिए ठीक है और हम आपको डोमिनार स्टेटस देंगे कब देंगे मुझे नहीं पता लेकिन फिलहाल एक कम करिए आप राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस को अटेंड करिए अब कांग्रेस क्या करती है इस बात को नहीं मानती कांग्रेस कहती क्या घटिया बात कर रहे हो ठीक है तो कांग्रेस जो है पहले सेशन जो होता है राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का इसको कांग्रेस बॉयकॉट कर देती है पुरी तरीके से बरकत कर देती है कांग्रेस कहते हैं हम नहीं जाएंगे ठीक है अब क्या होता है क्या कहते हैं हमको अभी क्या चाहिए पूर्ण स्वराज चाहिए तो ऐसा रिजल्ट आप देखते हो 1919 यानी 1929 वेरी इंपॉर्टेंट वेरी वेरी इंपॉर्टेंट यह आपको बहुत इंपॉर्टेंट है भाई ठीक है तो 999 में क्या होता है की बच्चे जो मॉडरेट्स और रेडिकल्स है इनका जो थोड़ा रोल है कांग्रेस के अंदर वो खत्म हो जाता है ठीक है इनका जो थोड़ा रोल है कांग्रेस के अंदर खत्म हो जाता है और जो आपके यंग लीडर्स हैं जैसे जवाहर लाल नेहरू सुभाष चंद्र बस इनका जो दबदबा है ना कांग्रेस में थोड़ा बढ़ाना स्टार्ट हो जाता है अब ये क्या कहते हैं ये कहते हैं की हमको डोमिनियन स्टेटस नहीं चाहिए हमें पूर्ण आजादी चाहिए पूर्ण स्वतंत्रता चाहिए तो दिसंबर 1929 में लाहौर के अंदर एक सेशन ऑर्गेनाइजर किया जाता है कांग्रेस का है ना इसके जो प्रेसिडेंट थे उसे जमाने में जय नेहरू थे जवाहरलाल नेहरू तो यहां पे पूर्ण स्वराज की शपथ ली जाति है यहां कहते हैं की जब तक हम देश को पूर्ण तरीके से स्वतंत्र नहीं कर लेते कंप्लीट इंडिपेंडेंस नहीं है चेक कर लेते तब तक हम लोग यहां पे चुप रहने वाले नहीं और ये डिसाइड करते हैं की हम लोग 26 जनवरी 1930 को ऑब्जर्व करेंगे भारत का इंडिपेंडेंस दे हालांकि अगर आप देखोगे 26 जनवरी 1930 को भारत आजाद तो हुआ नहीं भारत आजाद हुआ 15 अगस्त को तो आज जब हम रिपब्लिक दे सेलिब्रेट करते हैं ना बेटा उसका डेट आप देखोगे 26 जनवरी है तो 26 जनवरी इसलिए अप्वॉइंट किया गया था ताकि ये जो पूर्ण स्वराज का शपथ लिया किया था इसके रिस्पेक्ट में कम उठाया था उसके रिस्पेक्ट कॉर्नर करने के लिए आप देखोगे गणतंत्र दिवस अपन सेलिब्रेट करते हैं 26 जनवरी को ठीक है सॉर्टेड है चलिए इंपॉर्टेंट है अच्छा है पूर्ण स्वराज रेजोल्यूशन आता है थोड़ा सा टॉपिक बच्चा है आपका सिविल डिसऑबेडिएंस उसके बाद सेंस ऑफ कलेक्टिव लांगेस्ट के बाद टॉपिक खत्म ठीक है चैप्टर दान चलिए आगे बात करते हैं फटाफट से अब अगर आप देखोगे तो यहां पे जो इंडियन पॉलिटिक्स है वो काफी नए-नए बदलाव ले रही है ब्रिटिश सरकार हर रोज नया कुछ नया नया लेकर के आई है ताकि लोगों को परेशान कर सकें अभी ब्रिटिश सरकार ने क्या किया है की यहां पे टैक्स लगा दिया किसके ऊपर नमक के ऊपर और नमक एक ऐसी चीज है जो कभी गरीब भी खाता है और अमीर भी खाता है अब गांधी को लगता है की अगर अलग-अलग एक बड़ा आंदोलन लॉन्च करना है तो अमीर और गरीब हर क्लास के लोगों को साथ में लाना पड़ेगा और हर क्लास के लोगों को साथ में लाने के लिए आम कैसे होना चाहिए तो नमक के अंदर इनको दिखता है की बड़ा पावरफुल सिंबल है ये सब लोगों को साथ ला सकता है क्यों क्योंकि नमक एक अमीर आदमी भी खाएगा एक बिजनेसमैन भी खाएगा एक गरीब भी खाएगा और नमक के टैक्स लगेगा तो बेटा चोट सबको लगेगी दो सबको होगा सबको होगा तो नमक को इन्होंने एक मुद्दा बनाकर के एक आंदोलन लॉन्च करने का सोचा जिसको आप कहते हैं डी साल्ट मार्च या फिर डी दांडी मार्च ठीक है चलिए आगे बात करते हैं क्या होता है इसमें देखते हैं नंबर वन अगर आप देखोगे 1882 में यानी 1882 में एक एक्ट आया था जिसने ब्रिटिशर्स को मोनोपोली दे दी थी की सिर्फ और सिर्फ ब्रिटिश कंपनी आई नमक बना शक्ति हैं और साथ ही साथ इस नमक के ऊपर है इन्होंने टैक्स भी लगा दिया ठीक है नमक पे टैक्स लगा दिया अब गांधी को लगा दिया यार साल्ट एक ऐसा सिंबल है जिसको हम प्रोटेस्ट के लिए आंदोलन के लिए उसे कर सकते हैं बिकॉज़ साल्ट अमीर भी खाता है और सॉर्ट गरीब भी खाता है तो 31 जनवरी 1930 को यह लॉर्ड अरविंद को एक लेटर भेजते हैं जिसमें इन्होंने कुछ अपनी डिमांड्स राखी और ये डिमांड्स किसी एक क्लास के नहीं थी बट सारे क्लासेस के डिमांड थी बिजनेस क्लास की गरीबों की नमक के रिगार्डिंग में जो नमक के डिमांड को जो है ना बड़ा ऊपर हाईलाइट करके रखा गया अगर और साथ ही साथ एक अल्टीमेटम दिया की अगर आपने डिमांड्स को 11 मार्च तक नहीं स्वीकार तो हम जो है सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट लॉन्च कर देंगे अब लोट रेवन ने सोचा की यार गांधी हवाबाजी कर रहे हैं ये कुछ करने धरने के है नहीं ठीक है ये के भरेंगे है नहीं और कर भी लेंगे तो क्या हो जाएगा हम पांच से लोगों को गोलियां मारेंगे लोग अपने आप शांत हो जाएंगे तो लॉर्ड रिवन ने गांधी की बात पे बिल्कुल भी ध्यान दिया नहीं इन नेगोशिएट करने से माना कर दिया तो गांधी भी जिद्दी है गांधी ने क्या किया 12 मार्च 1930 को अपने साबरमती आश्रम से दांडी तक के लिए पैदल मार्च स्टार्ट कर दिए पैदल मतलब परिया परिया चल के ठीक है तो दांडी क्या है गुजरात में कोस्टल टाउन है यानी समुद्र के किनारे बसई शहर है जहां पे इन्होंने सोचा की यहां पे जाके नमक बनाएंगे तो साबरमती आश्रम से अपने जो वॉलिंटियर्स हैं इनके जो साथी हैं 78 वॉलिंटियर्स के साथ ये निकले हैं ना और 240 मिल लंबा है वॉक था हर दिन ये 10 मिल चलते थे अलग-अलग गांव में रुकते थे लोगों से बातचीत करते थे तो जी गांव में गांधी रुक लोग इनके बड़े फैन थे लोग इनके पास ए जाते थे इनके बात सुनने के लिए तो जिस-जिस गांव से निकले वहां वहां के लोग इनके साथ चलते चले गए चलते चले गए चलते चले गए फिर अगर आप देखोगे तो 6 अप्रैल को दांडी पहुंचने हैं और वहां पे समुद्र के पानी से जो है नमक बना करके साल्ट डॉ को ब्रेक कर देते हैं और जैसे ये साल्ट डॉ को ब्रेक करते हैं बच्चे पूरे देश के अंदर आप देखोगे तो सिविल डिसऑबेडिएंस स्टार्ट हो जाति है ठीक है जिसको साल्ट मार्च के नाम से जानते हैं या फिर इसको दांडी मार्च के नाम से जानते हैं हर साल बोर्ड एग्जाम्स में क्वेश्चन आता है इसलिए क्वेश्चन बहुत इंपॉर्टेंट है बेटा बहुत ज्यादा जरूरी है अब ध्यान दीजिएगा सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट क्या है देखिए क्या होता है इस मूवमेंट के जो टैक्स हैं जो एक्टिविटीज और लगभग से है से कम चलेगा यहां पे भी फॉरेन क्लॉथ को बॉयकॉट करना लिकर शॉप का एंट्रेंस रॉक देना प्रेजेंट्स ने यहां पे बहुत ज्यादा जगह टैक्स देने से माना कर दिया पहले क्या होता था गांव में चौकीदार अप्वॉइंट किया जाता था गांव की देखरेख करने के लिए हालांकि देखरेख से ज्यादा करने से ज्यादा वो ब्रिटिश अंपायर का चमचा होता था ठीक है जो ये ध्यान रखना था की ब्रिटिशर्स का अगेंस्ट कोई एक्टिविटी तो नहीं हो रही अब मजे की बात तो ये की गांव वालों को बिल्कुल टैक्स पे करना है चौकीदार ही टैक्स अभी चौकीदार ही टैक्स लोगों ने देने से माना कर दिया जितने भी किसान थे उन्होंने अपना कर्ज देने से माना कर दिया ठीक है इनफैक्ट आप देखोगे तो विलेज के अंदर अलग-अलग ऑफिशल्स थे उन्होंने यहां पे रिजाइन मार दिया इनफैक्ट अगर लोगों अगर आप लोगों की बात करें तो गांधी और जितने भी पॉलीटिकल लीडर हैं उन्होंने लोगों से क्या कहा की अभी आपको कॉरपोरेट करने से माना नहीं करना है सिर्फ आपको जितने भी कानून है तोड़ने है अभी आपको सारे कानून तोड़ तो सिविल डिसोबेडिएंस और नॉन कोऑपरेशन का सबसे बड़ा फर्क यही है की नॉन कोऑपरेशंस मैं आप थोड़ी आना कहानी दिखाई हो कॉरपोरेट करने में बट सिविल डिसऑबेडिएंस में आप क्लियर और गेट कानून ही तोड़ देते हो अगर कोई कानून बनाया गया आप उसको मनोज नहीं आप उसको डिसोब कर डॉग आप तोड़ डॉग राइट अगर आप देखोगे तो लोग अलग-अलग पार्ट्स में जो हमारे देश के लोग थे उन्होंने साल्ट लोट तोड़ना स्टार्ट कर दिया खुद से नमक बनाना स्टार्ट कर दिया इनफैक्ट जो गवर्नमेंट के स्टॉल फैक्ट्री थी उसके सामने धरना प्रदर्शन करना स्टार्ट कर दिया तो आप का सकते हो सिविल डिसऑबेडिएंस की जो आज थी अभी पूरे पूरे इंडिया में फेल चुकी थी अब इसका रिजल्ट क्या आता है नंबर वन जो कॉलोनियल गवर्नमेंट है आगे आईटी इसे क्या करेगी अरेस्ट करना स्टार्ट करेंगे मार टी करना स्टार्ट करेगी तो उसने क्या किया कांग्रेस के लीडर्स को अरेस्ट करना स्टार्ट कर दिया जब कांग्रेस के लीडर है रेस्ट किया गए तो भैया लोगों की मैं जो है एकदम गुस्से की भावना ए गई लोगों ने धंधा करना स्टार्ट कर दिया अब देखोगे ना जब कोई फेवरेट नेता अरेस्ट किया जाता है तो लोग गंगा करने लगता हैं तो आगे आईटी इसे वही हुआ जब नेताओं को अरेस्ट किया गया तो लोगों दंगा करना स्टार्ट कर दिया पर एग्जांपल जब खान अब्दुल गफ्फार खान को अरेस्ट किया गया अप्रैल 1930 में इन्हें फ्रंटियर गांधी कहा जाता है कई ठीक है एक बड़े नेता थे बड़े पॉलीटिशियन थे जब इनको अरेस्ट किया गया तो लोगों ने पेशावर के अंदर पेशावर अभी पाकिस्तान में आता है वहां पे लोग जो थे पुलिस वालों से भीड़ गए तो पुलिस वाले गली चला रहे हैं लेकिन लोग बाज नहीं ए रहे हैं लोग भीड़ जा रहे हैं लोगों में गुस्सा था की आपने खाना अब्दुल गफ्फार खान को अरेस्ट कैसे किया ठीक है अब अगर आप देखोगे एक महीने बाद गांधी जी को खुद अरेस्ट कर लिया गया है गांधी जी भी जय पहुंच दिया गया है ठीक है जो इनफैक्ट इंडस्ट्रियल वर्कर्स थे शोलापुर के अंदर महाराष्ट्र में पड़ता है उन्होंने पुलिस स्टेशन म्युनिसिपल बिल्डिंग रेलवे स्टेशंस सब पे हमला करना चालू कर दिया तो आप देख सकते हो सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट जिसको गांधी चाहते थे की एक नॉन वायलेट तरीके से चले अभी वो क्या होता जा रहा है वायलेट होता जा रहा है अगर आप देखोगे तो यार ब्रिटिश सरकार ने भी कम अत्याचार नहीं किया जो पीसफुल सत्याग्रही थे उनको अटैक किया गया महिलाओं को बच्चों को मारा गया 1 लाख से ज्यादा लोगों को जय में दाल दिया गया अभी इमेजिन कर सकते हो ब्रिटिश सरकार ने फिजिकल मॉलेस्ट भी किया है यार महिलाओं को फिजिकल मॉलेस्ट क्या है फिजिकल तालचेर क्या है महिलाओं को बच्चों को लोगों को मारना स्टार्ट किया ऐसे जितने लोग जो ब्रिटिश के अगेंस्ट आवाज उठा रहे थे सिविल डिसऑबेडिएंस के अगर उन सब के साथ टॉर्चर किया गया सारे नेताओं को उठाकर जय में दाल दिया गया अब इतनी वायलेंस बाढ़ चुकी थी की गांधी के पास कोई ऑप्शन बच्चा नहीं था इतनी हिंसा देखने के बाद जो भारतीय लोगों के साथ किया जा रहा था गांधी के पास कोई ऑप्शन नहीं बच्चा था इस मूवमेंट को स्टॉप करने में ठीक है तो इस मोमेंट को स्टॉक करना इनके पास आखरी चाहता था आज ए रिजल्ट गांधी क्या करते हैं गांधी कहते हैं की मैं अभी सिविल डिसऑबेडिएंस को कॉल ऑफ कर देता हूं मूवमेंट को बैंड करना पड़ेगा और ये जो है वायसराय इर्विन के साथ एक एग्रीमेंट करते हैं जिसका नाम है गांधी इवेंट एक्ट तो गांधी और इर्विन के बीच में फैक्ट असाइन किया जाता है 5 मार्च 1931 को जिसके हिसाब से होता ही है की इर्विन इस बात पे एग्री कर जाता है की जितने भी नेताओं को इसने जय में दाल दिया है पॉलीटिकल जितने भी लोगों को जय में दाल दिया है उन सबको रिलीज किया जाएगा और इसके एवरेज में गांधी क्या करेंगे जो राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का सेकंड सेशन है उसको जाके अटेंड करेंगे ठीक है तो गांधी जो है पहुंच जाते हैं भैया सेकंड राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस अटेंड करने और जो है बाकी लोगों को छोड़ दिया जाता है डर अच्छा अब सवाल ये उठाता है यार की यहां पे जो लोग थे उन्होंने इस मूवमेंट को किस तरीके से देखा ठीक है तो हर एक ये क्वेश्चन बहुत इंपॉर्टेंट है डिटेल में आता है इन फैक्ट आप कई बार देखोगे तो आपको डिस्क्रिप्शन आंसर राइटिंग में क्वेश्चन आता है लॉन्ग आंसर्स में आता है की हो डिड पार्टिसिपेंट्स सीधा मूवमेंट अब ये प्वाइंट्स लिख करके ए जाओगे बच्चे आपको एजइटेस्ट नंबर मिल जाएंगे ठीक है चलिए अगर हम बात करें नंबर वन स्टार्ट करते हैं हमारे देश के जो अमीर किसान थे यानी जाट्स ऑफ उत्तर प्रदेश और पाटीदारों गुजरात मैंने आपको बताया की इनका धंधा कैसे चला था ये जितना भी समाज उगते थे वो इंटरनेशनल मार्केट में भेज देते थे जब गवर्नमेंट डिप्रेशन का समय आया तो इंटरनेशनल मार्केट में जो एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स का दम था और गिरना स्टार्ट हो गया आगे एन रिजल्ट इन की इनकम रिड्यूस हो गई अब इनकी समस्या ये है की ब्रिटिश सरकार इसे टैक्स उतना ही ले रही है इनकी इनकम तो कम हो गई बट टैक्स कम नहीं हुआ तो ये चाहते हैं की जो सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट है उसमें एक फायदा इनको हो जाए की जो ब्रिटिश सरकार है वो टैक्स लेना बैंड कर दे एटलिस्ट तब तक जब तक इनकी इनकम ठीक नहीं हो जाति और यही इनका मोटे था 7:20 को जॉइन करने का राइट तो देवर प्रोड्यूस कमर्शियल क्रॉप्स तू से बिकॉज़ ऑफ इकोनॉमिक्स डिप्रेशन और एग्रीकल्चर प्राइस गिरते हुए जो दांत थे नो अब इनका कैश इनकम खत्म होता जा रहा है तो ये बिल्कुल भी सरकार को टैक्स पे नहीं कर का रहे और यही चाहते हैं की भैया सरकार टैक्स अभी रिव्यूज रिड्यूस कर दे बट गवर्नमेंट ऐसा करने नहीं रहे बिकॉज़ ब्रिटिश सरकार लाल जी है तो इन्होंने क्या किया सिविल डिसऑबेडिएंस को जॉइन कर लिया बाय को कैंपेन में पार्टिसिपेट किया इनके लिए स्वराज बहुत सिंपल था इनके स्वराज का मतलब देश के आजादी नहीं थी एनक्लेव स्वराज का मतलब था की उनके टैक्स हैं उनको कम कर दिया जाए थॉट्स जो ठीक है अब अगर आप देखोगे तो उनको बड़ा डिसएप्वाइंटमेंट हुआ जब गांधी ने 1971 में सिविल डिफेंस को कॉल ऑफ कर दिया बिना कुछ कंप्लीट किया अब रीजन क्या आता है क्योंकि रिवेन्यू रेट्स अभी भी रिवाइज नहीं किया गया था रिवेन्यू को जो रेट्स थे टैक्स के रेट सब बिल्कुल वैसे ही वैसे थे तो इनका ब्रायंस मूवमेंट में पार्टिसिपेट करने का कुछ खास फायदा हुआ नहीं आज रिजल्ट आप देखोगे जब 1932 में गांधी सिविल डिसऑबेडिएंस का सेकंड फेस स्टार्ट करते हैं तो ये रिफ्यूज करने से ये पार्टिसिपेट करने से माना कर देते हैं तो बहुत सारे लोग पार्ट्स पे नहीं करते अब आप गरीब किसान की बात करेंगे तो ये बहुत सिंपल सी गरीब किसान के साथ भी वही हालात है गरीब किसान से भी जो ब्रिटिश सरकार है वो टैक्स वसूल लिए रिवेन्यू वसूली ठीक है अब विचार जो किसान है हमारा खासकर ऐसा किसान जो कारा पे लेक जमीन पे कम कर रहा है वो ये चाहता है जो ये चाहता है भैया के जो रेंट है इसको क्या किया जाए डिक्रीज कर दिया जाए अब इसके साथ भी से चीज है एक और भी डिप्रेशन के चलते हैं इनके पास कोई रेगुलर इनकम है नहीं अब जब कोई रेगुलर इनकम होगी ही नहीं तो बेचारे टैक्स कहां से भरेंगे कारा कहां से भरेंगे जमीन का तो ये चाहते हैं की जो लैंडलॉर्ड है वो जितना भी किराया बच्चा हुआ है सारे कारा को माफ करते हैं ठीक है तो यहां पे क्या कहा चाहते हैं बच्चे की जितना भी जो लैंडलॉर्ड है जो जमींदार है जितना भी किराया बच्चा हुआ है उसे कारा को माफ कर दे जब तक इनके किसने के पास इनकम ए रही थी कोई दिक्कत नहीं थी बढ़िया टैक्स दे रहे थे ठीक है लेकिन जब इनके पास इनका मनी बैंड हो गई तो डेफिनेट सी बात है किराया कहां से देंगे अब ये यही चाहते हैं की भैया जब सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट स्टार्ट होता है तो इनका एक ही मुद्दा है की जो जमींदार है वो किराया बच्चा हुआ माफ कर दे जिससे अपना जीवन सही तरीके से चल पाएगा चलो आप देखोगे तो जो हमारे गरीब किसान हैं इन्होंने बहुत सारे आंदोलन को जॉइन किया जो अलग-अलग सोशलिस्ट कम्युनिस्ट अलग-अलग रिलेशनशिप बिटवीन डी कांग्रेस और गरीब किसान है वो कभी भी अच्छी थी तो कांग्रेस इनको कभी भी अपने मोमेंट्स के अंदर इंवॉल्व नहीं कर पी ठीक है अब आगे बात करते हैं नो बिजनेस क्लास की बात करेंगे देखिए वर्ल्ड वार वन में जो भारत के बिजनेसमैन थे उन्होंने बहुत तगड़ा प्रॉफिट कमाया था बिकॉज़ ब्रिटेन के इंडस्ट्री था तो जितना भी कम था ब्रिटेन क्या करवा रहा था भारतीय बिजनेसमैन से करवा रहा था भारतीय फैक्ट्री से करवा रहा था तो इनके जो प्रॉफिट थे वो नेक्स्ट लेवल थे अब क्या हुआ की ये चाहते थे की अभी जो है इनका बिजनेस और गो करें और बिजनेस जो है इनका बढ़ाना स्टार्ट करें लेकिन दिक्कत क्या हुआ की जो कॉलोनियल पॉलिसीज थी वो ऐसी थी जिनके बिजनेस को गो करने से रोकने थे पर एग्जांपल कॉलोनियल कंपनी इतनी नालायक थी तो इन्होंने क्या किया था ब्रिटिशर्स ने क्या किया था की अपनी कुछ मैनेजिंग एजेंसी या ले आए थे अब मैनेजर की जनसंख्या क्या करती थी जो भारतीय बिजनेस मां थे इनका फिनिश्ड प्रोडक्ट मार्केट में नहीं देती थी फिनिश मतलब जो फाइनल प्रोडक्ट है ये स्किप से इसे कहती थी आप एक कम करो कच्छ माल सप्लाई करो जो फाइनल प्रोडक्ट है वो हम भेजेंगे तो इसमें यहां पे हमारे बिजनेसमैन का नुकसान है बिकॉज़ भैया वो भी पैसा कामना चाहते हैं राइट तो अभी जो कॉलोनियल पॉलिसी है वो इनके बिजनेस के बहुत अगेंस्ट तो रिजल्ट यह चाहते हैं की इन पॉलिसीज में रिलैक्सेशन दिया जाए जिसे ज्यादा बढ़िया पैसा कहां पे बिजनेस गो कर पे तो इनका प्रोडक्ट और दूसरी बात ये अगर देखोगे तो इनको बहुत तगड़ा कंपटीशन फेस करना पड़ता है अभी फॉरेन इनपुट से यानी ब्रिटेन से जो समाज इंपोर्ट हो के भारत में आता है वो इतना सस्ता है की उससे ये कॉम्पिटेटिव नहीं कर पाते ये चाहते हैं की उसके अगेंस्ट इनको प्रोटेक्शन दिया जाए एक फेयर फाइट करने का मौका दिया जाए और साथ ही साथ जो रूपी और स्टर्लिंग का फॉरेन एक्सचेंज रेशों है उसको भी काफी रिड्यूस किया जाए ठीक है बहुत सिंपल है उसका इस तरीके से मैंने प्लेट किया जाए की जो आपके इंपॉर्टेंस हैं वो आपके महंगे होते हैं अब देखो पर एग्जांपल अगर आप देखोगे भारत का जो रुपए है और डॉलर है उसका भी एक एक्सचेंज ही रेश्यो है आज के जमाने में अगर आप देखोगे तो $1 भारत में लगभग 80 भी 80 के आसपास चल रहा है ठीक है रेट चेंज होता राहत है मैं आपको लास्ट डेट जो मुझे आता हूं बता रहा हूं तो अगर आप कहानी बाहर से कोई समाज मांगते हो इंपोर्ट करते हो तो आपको बहुत महंगा पड़ेगा डेफिनेट सी बात है बट अगर यही डॉलर का रेट कम हो जाए अब मां लीजिए अगर मां लीजिए $1 जो है 20-30 रुपए के बराबर हो जाए तो अगर मैं बाहर से कोई समाज इंपोर्ट कर रहा हूं तो मुझे बहुत महंगा तो नहीं पड़ेगा तो अभी क्या हो रहा है की रूपी स्टर्लिंग रेशों ऐसा है यहां पे मतलब रुपए हैं ऑस्ट्रेलिया मतलब जो ब्रिटिश ई है उसका रेश्यो ऐसा है अभी यहां पे बच्चे की जो बाहर से समाज इंपोर्ट किया जा रहा है वो बहुत सस्ता है है ना और आज एन रिजल्ट क्या हो रहा है जो हमारे लोकल प्रोड्यूसर्स हम बहुत सफर कर रहे हैं तो ये चाहते हैं की इस रेशों में कुछ ऐसे बदलाव किया जैन जो जो इंपॉर्टेंट समाज है वो महंगा हो जाए अगर इंपॉर्टेंट समाज महंगा हो जाएगा तो डेफिनेट सी बात है लोकल आदमी क्या करेगा इनका समाज खरीदना स्टार्ट करेगा तो इनका बिजनेस करेगा ठीक है चलिए अब अगर आप बात करोगे तो अपने बिजनेस इंटरेस्ट ऑर्गेनाइजर करने के लिए मैनेज करने के लिए इन्होंने कुछ खुद के ऑर्गेनाइजेशन बनाए जैसे फिक्की यानी आपका इंडियन इंडस्ट्रियल एक तो आपका फाइसीसीआई यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्रीज 1927 में ये वन मार्कर में आता है बहुत इंपॉर्टेंट है ठीक है वन मार्क मैं लिख देता हूं वन मार्क्स ठीक है और दूसरा था आपका इंडियन इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कांग्रेस जिसको बनाया था इन्होंने 1920 में तो ये दो ऑर्गेनाइजेशंस बनाए गए थे जिससे हमारे बिजनेसमैन अपने प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए बात कर पे ठीक है तो दो इंपॉर्टेंट ऑर्गेनाइजेशंस याद रखिएगा नो आगे बात करते हैं देखो अब अगर आप देखोगे बिजनेस क्लास मैं जो बड़े इंडस्ट्रियल सेंसर उत्तम दास ठाकुर दास गड़ बिरला तो ये बड़े लीडर्स हैं ये में लीडर्स हैं जो सामने से लीड कर रहे हैं इस पूरे आंदोलन में ठीक है बिजनेस क्लास की तरफ से ये इंडस्ट्रियलिस्ट क्या कहते हैं भैया जी तरीके से भारतीय इकोनामी पे जो कॉलोनियल हैं जो ब्रिटिशर्स हैं उन्होंने कंट्रोल जमा कर रखा है ये उसके अगेंस्ट है ये उसके बिल्कुल पोस्ट है है ना इस वजह से आप देखोगे तो जितना भी फंडिंग चाहिए था जितना भी पैसा चाहिए था सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट को चलने के लिए वो सर का सर पैसा देने के लिए सपोर्ट करते हैं राइट पैसा क्यों चाहिए होता है बच्चा आपको पंपलेट पटवाने हैं आपको पोस्ट छपवाने हैं आपको कई साड़ी चीजों के लिए पैसा चाहिए होता है जब आप एक आंदोलन करते हो राइट नॉर्मल सी बात है तो ये लोग क्या है इन सारे नीड्स को हीरो सपोर्ट करते हैं सारे नहीं इसको लोग सपोर्ट करते हैं अब अगर आप देखोगे तो जहां भी इनको फाइनेंशियल हेल्प चाहिए होती थी कांग्रेस को वो साड़ी की साड़ी फाइनेंशियल हेल्प यही से ए रही है इनफैक्ट इन्होंने खुद जो है इंपोर्टेड गुड्स में डील करना बैंड कर दिया तो अगर आप देखोगे इनके लिए स्वराज क्या था की जो कॉलोनियल रिस्ट्रिक्शंस लगे हो यानी ब्रिटिश सरकार ने जो व्यापार पे रिस्ट्रिक्शंस लगाएं हुए हैं उन रिस्ट्रिक्शंस को रिमूव कर दिया जाए साथ ही साथ जो व्यापार है उसको बिना किसी रिस्ट्रिक्शन के गो करने का ट्राई किया जाए गो करने का लाउ किया जाए जिससे इनका बिजनेस बढ़ जिससे इनका व्यापार बड़े इनका प्रॉफिट बढ़ इनके आंतानी पड़े तो इनके लिए स्वराज का मतलब ये इनका स्वराज का मतलब ये नहीं है की भैया ब्रिटिशर्स भारत छोड़ के चले जो या भारत को आजाद करो तो ये भारत एक राष्ट्र बना दो नहीं इनके लिए स्वराज बहुत सिंपल है ये जो गलत पॉलिसीज हैं उनको हटाए जाए और जो है एक स्मूथ और सिंपल जो है बिजनेस को फॉलो किया जाए चलिए आगे बात करते हैं ना जब राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस फेल हो जाति है तो भैया ये भी अपना ऐंठूसियाज्म जो है एकदम को देते हैं बिकॉज़ ओबवियस सी बात है जब राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में इनकी प्रॉब्लम्स को सॉल्व भी नहीं किया गया तो कोई इंसान आपको क्यों सपोर्ट करेगा टर्मिनेट सी बात है तो एकदम खोल देते हैं अच्छा इनको काफी डर था की अगर ये मिलिटेंट एक्टिविटी अगर ये हिंसा ऐसे ही बढ़नी रही तो इनका बिजनेस बहुत इंपैक्ट होगा है ना बिजनेस काफी लंबे समय तक हम डॉक्टर दहेगा और साथ ही साथ अगर आप देखोगे कुछ यंग सोशलिस्ट मेंबर थे कुछ यंग कांग्रेस मेंबर्स थे जिनके अंदर समाजवाद की भावना काफी जागरूक थी समाजवादी का मतलब होता है जहां पे एक ऐसी फिलासफी जो इस बात में बिलीव करती है की समाज के जितने भी प्रॉब्लम्स हैं उसको सॉल्व करने की जिम्मेदारी वहां की सरकार की है और वहां पे जितने भी नीड्स चाहिए लोगों को वो सरकार को प्रोवाइड करने चाहिए यानी प्राइवेट कंपनी के और प्राइवेट बिजनेस के बिल्कुल अगेंस्ट है फिलासफी इसको आप समाजवाद यानी सोशलिज्म कहते हैं तो इनको डर था की अगर सोशलिज्म इंडिया में फेल गया तो इनकी व्यापार तो थप्पड़ पद जाएंगे इनका बिजनेस बैंड हो जाएगा इनकी दुकान बैंड हो जाएगी तो इस बात से काफी डर रहे थे और अगर हिंसा बहुत लंबे समय तक चलती रही तो भी जो इनका बिजनेस इंपैक्ट होगा तो ये इनके कुछ डर थे कुछ आप का सकते हैं बिजनेसमैन बहुत जेनुइन थे तो अगर आप देखोगे तो इन्होंने बहुत अच्छा तो अगर आप देखोगे तो जब सेकंड टाइम गांधी ने राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस को स्टार्ट किया तो बहुत बड़े नंबर में इन्होंने सपोर्ट नहीं किया अब आगे बात करते हैं बच्चों इंडस्ट्रियल वर्किंग क्लासेस ठीक है अगर आप देखेंगे जो इंडस्ट्रियल वर्किंग क्लासेस थी इन्होंने कोई बहुत ज्यादा सपोर्ट नहीं किया इस मूवमेंट को एक्सेप्ट इन डी नागपुर रीजन ठीक है रीजन क्या था रीजन ये था की कांग्रेस जो है अभी इंडस्ट्रियलिस्ट यानी व्यापारियों के ज्यादा क्लोज है और ये वर्कर्स व्यापारियों के अगेंस्ट बिकॉज़ व्यापारी क्या कर रहे हैं इनको ठीक-ठाक पैसे नहीं दे रहे और कांग्रेस कभी भी इन वर्कर्स को सपोर्ट नहीं करने वाली क्यों नहीं करने वाली बिकॉज़ कांग्रेस जो है अपने बिजनेसमैन दोस्तों को नाराज नहीं कर सकते बिकॉज़ अगर नाराज कर देगी तो सर मूवमेंट थप्पड़ पड़ेगा है ना तो ये सबसे बड़ा प्रॉब्लम है इस तरह से वर्कर्स ने जो है अगर आप देखोगे अगर मूवमेंट में पार्टिसिपेट भी किया है तो अपनी ही प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए किया है एडरवाइज कोई इंडस्ट्रियल मतलब कोई यूनाइटेड मोटिव के साथ नहीं किया ठीक है अगर आप यहां पे देखेंगे बच्चे पर एग्जांपल वर्कर से वो फॉरेन गुड्स को क कर रहे थे बिकॉज़ अगर आप देखोगे बच्चे जो इनके खुद के वर्किंग कंडीशंस हैं उनके हालात बहुत खराब है को जो पैसे मिल रहे हैं वो बहुत कम दिए जा रहे हैं तो अगर ये फॉरेन गुड्स को बॉयकॉट कर रहे हैं तो अपने कस को हाईलाइट करने के लिए कर रहे हैं ऐसा नहीं की कांग्रेस के साथ मिलकर कर रहे नहीं ये अपने कोर्स को हाईलाइट करने के लिए कर रहे हैं की इनका दम बहुत कम मिल लेने इनको पैसे बहुत कम मिल लेने ठीक है इनके वर्किंग कंडीशंस अच्छे नहीं है इन फैक्ट अगर आप देखो तो 1930 में जो रेलवे वर्कर्स थे उन्होंने स्ट्राइक किया था हड़ताल किया था और जो शिव जहां शिव पार्क होती है ना डॉग कहते हैं उसको तो जहां पे शिव शिव होती है पानी का जहाज जहां पार्क होता है उसको हम कहते हैं डॉग तो वहां पे कम करने वर्कर्स वाले वर्कर्स ने भी 1932 मैं यहां पे हड़ताल किया था ठीक है चलिए तो 1930 में 1930 में क्या होता है छोटा नागपुर प्लेटराऊ के जो 10 माइंस यहां से 10 निकाला जाता है वहां के बहुत सारे वर्कर्स हैं यहां पे गांधी टोपी पहन करके प्रदर्शन किया था ठीक है बहुत सारे बॉयकॉट कैंपेन पार्टिसिपेट किया था लेकिन अगर आप देखोगे जितने भी वर्कर्स या आंदोलन कर रहे हैं उनका मुद्दा जो है बहुत पर्सनल है यानी वो पर्सनल चीजों को लेकर के आंदोलन कर रहे हैं उनका मतदान मुद्दा बहुत क्लियर है ऐसा नहीं की भैया और गांधी का बहुत बड़े फैन है ऐसा नहीं वो कांग्रेस के बहुत बड़े फैन है बिकॉज़ कांग्रेस तुमको सपोर्ट ही नहीं कर रही वो अपने मुद्दों को हाईलाइट करने के लिए चलते हुए गवर्नमेंट में आप का सकते हो अपने रीजंस को हाईलाइट करने के लिए जॉइन कर लेते हैं ठीक है दान आगे बात करते हैं पार्टिसिपेशन ऑफ वूमेन देखिए महिलाओं के साथ सबसे गलत हो रहा है अगर आप देखेंगे तो महिलाएं हर जगह चाहे साल्ट मार्च हो चाहे चीजों को बॉयकॉट करने की बात हो अर्बन एरियाज के अंदर ये महिलाएं अच्छे खासी अमीर फैमिली से आई थी हाय क्लास फैमिली से और और एरियाज में महिलाएं आई थी जनवरी को परिवार से ठीक है ऐसे परिवार जो काफी अमीर हैं तो अगर आप देखोगे तो महिलाओं का जो पार्टिसिपेशन है वो हमेशा से रहा है लेकिन जब महिलाओं के महिलाओं के राइट्स की बात आई है तो भैया कोई भी यहां पे बात करने को तैयार नहीं होता ठीक है कोई बात करने को यहां तैयार नहीं होता अगर आप देखेंगे तो अर्बन एरियाज में जो महिलाएं प्रोटेस्ट कारी तो हाय कास्ट फैमिली से थी और जो और एरियाज में प्रोटेस्ट कारी थी जो जनरली अमीर किसान की परिवारों से थी तो इनको इस ये होप का ये आशा ताकि शायद इनको भी सामाजिक पॉलीटिकल राइट्स मिलेंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है इनफैक्ट अगर गांधी की बात करोगे गांधी गांधी के विचारधारा क्या है गांधी कहते हैं की इनको भी यही लगता है की अभी जो है सही समय नहीं है महिलाओं को सामाजिक अधिकार देने का महिलाएं जो है एक अच्छी मदर बन शक्ति हैं एक अच्छी वाइफ बन शक्ति हैं देखिए अपने आप में बड़ा कंट्रोवर्शियल स्टेटमेंट है एक नेशनल लीडर से जो एक देश को लीड कर रहा है वो अगर ये कहे की महिलाएं जो हैं मेरे हिसाब से बड़ा एक अच्छी मदर और एक अच्छी वाइफ ज्यादा बेहतर बनेगी कंपेयर तू सामाजिक और पॉलीटिकल राइट्स तो ये थोड़ा कंट्रोवर्शियल है और वूमेन के लिए भी दे मोटीवेटिंग है हालांकि भाई मैं अपने हिसाब से नहीं का रहा हूं आप एनसीईआरटी पढ़ेंगे तो एनसीईआरटी में लाइन मेंशन है ठीक है अब सवाल आता है ये बच्चे ये क्वेश्चन भी पांच नंबर का आता है तो जब कभी भी आपको पार्टिसिपेंट्स ऑफ डी मोमेंट आए तो आपको किसके बड़े में रखना है वर्कर्स के बड़े में लिखना है फार्मर्स के बड़े में लिखना है जाट चौपेशेदार के बड़े में लिखना है और वूमेन के बड़े में लिखना है अब बात करते हैं लिमिट्स ऑफ डी सिविल डिसऑबेडिएंस ठीक है लिमिट्स का मतलब होता है की बच्चे पहले तो हमने ये देखा की किस किस ने पार्टिसिपेट किया अब हमें ये देखना है की कौन-कौन से लोग थे जिन्होंने इस पूरे मूवमेंट के अंदर अपना पार्टिसिपेशन दिखाएं या ये मूवमेंट उनको अपने अंदर कैप चर कारी नहीं पाया तो नंबर वन पे आते हैं आपके दलित्स अगर आप दलित को देखोगे तो दलित को कई बार अनटचेबल्स कहा जाता था क्या कहा जाता था बच्चे दलित को कई बार अनटचेबल्स कहा जाता था ठीक है अगर आप देखोगे बच्चों तो दिल्ली इसको क्या कहा जाता था दलित को कई बार अनटचेबल्स कहा जाता था ठीक है फटाफट से लिख लीजिएगा नोट कर लीजिएगा नोट कर लीजिएगा फटाफट से बच्चों दान चलिए तो अगर हम बात करें फटाफट से तो हमने क्या देखा की दलित को यहां पे अनटचेबल्स कहा जाता था ठीक है अनटचेबल्स मतलब जिनको छुआ आना चाहिए ठीक है अब अगर आप देखोगे तो डेफिनेट सी बात है जब उनको अधिकार नहीं बल्ले जब इनको बिल्कुल भी कोई रिस्पेक्ट नहीं दी जारी समाज में तो ये क्यों स्वराज स्वराज के लिए हल्ला करेंगे नहीं करेंगे ठीक है तो महात्मा गांधी इनको हरिजन कहते थे यानी चिल्ड्रन ऑफ गॉड जिनके बिना भारत को स्वतंत्रता मिल भी गए तो ये आदि अधूरी होगी है ना आदि अधूरी स्वतंत्रता होगी जिसका कोई मतलब नहीं होगा इन्होंने सत्याग्रह भी ऑर्गेनाइज किया अनटचेबल्स यानी दलित के फीवर में तो यकीन को पब्लिक प्लेस में एंट्री मिल जाए इन फैक्ट गांधी ने खुद टॉयलेट साफ किया हैं खुद अपने टॉयलेट साफ किया है ना और भी टॉयलेट साफ किया जिससे ये जो आम जो कम है ना बच्चे इसको गलत तरीके से ना देखा जाए ये साड़ी चीज गांधी ने की है नो डाउट गांधी ने साड़ी चीज की लेकिन फिर भी जो दलित से वो पॉलीटिकल सॉल्यूशन चाहते हैं तो उनको लगता था जब तक पॉलीटिकल सॉल्यूशन नहीं मिला पावर्स नहीं मिली तब तक इनका उधर नहीं हो सकता ठीक है तो ये का रहे थे की भैया इनका सिंपल डिमांड था की एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में हम कोई प्रॉपर रिजर्वेशन दिया जाए और हमारे लिए इलेक्ट पॉइंट अलग बना था इलेक्ट्रोरेट का मतलब है जब चुनाव किया जाए तो एक दलित मेंबर को वहां पे चुनाव लड़ने की परमिशन दी जाए ठीक है और जो उसको वोट करने वाले लोग हो वो भी दलित हो तो ये इनकी डिमांड थी ये पॉलीटिकल सॉल्यूशन चाहते थे गांधीजी के हरिजन वाले कॉन्सेप्ट से बिल्कुल भी इंप्रेस नहीं थे अगर आप देखोगे डॉक्टर बी आर अंबेडकर ने डिलिट स्काई ग्रुप बनाया है जिसको आप डिप्रैस स्टेशन कहते हैं 1930 के अंदर सेकंड राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस हुआ तो डॉक्टर अंबेडकर और गांधी जी की काफी बहसबाजी हो गई थी वहां पे है ना दोनों क्लास कर गए एक दूसरे से इसी चीज को लेकर के इसी क्वेश्चन को लेकर के गांधी कहते हैं अगर सेपरेट इलेक्टरेट बना डॉग तो देश डिवाइड हो जाएगा देश का विभाजन हो जाएगा अंबेडकर का रहे हैं अगर नहीं बनोगे तो बेटा इनको राइट्स कैसे मिलेंगे पॉलीटिकल अधिकार कैसे मिलेंगे तो दलित के अधिकारों के लिए अंबेडकर लड़ने गांधी का रहे हैं की देश के विभाजन हो जाएगा तो दोनों की विचारधारा यहां मैथ्स नहीं कर रही है ठीक है इनफैक्ट अगर आप देखोगे तो गांधीजी इसी वजह से क्या करते हैं आमरण अंश रख लेते हैं आमरण अंश यानी गांधी उसे टाइम पर था की जय में होते हैं और ये अलविदा जय में फास्ट रख लेते हैं कहते हैं की भैया मैं कुछ नहीं खाऊंगा जब तक प्राण नहीं निकाल जाते शरीर से अब इसमें क्या होता है पॉलीटिकल प्रेशर क्रिएट हो जाता है तो लोग कहते हैं भैया अंबेडकर से बात करिए यार इस प्रॉब्लम को सॉल्व करिए तो अभी क्या होता है प्रॉब्लम सॉल्व होती है और गांधी और अंबेडकर के बीच में पूना पैक साइन किया जाता है सितंबर 1932 के अंदर इससे क्या होता है की डिप्रेस्ड क्लासेस इनको आप दलित्स कहते हैं या शेड्यूल कास्ट कहा गया है कॉन्स्टिट्यूशन के अंदर मैंने बाद में इनको तो बच्चे उनको रिजर्व सिम मिल जाति हैं सेंट्रल और प्रोविजन यानी स्टेट लेवल पे जो लेजिसलेटिव काउंसिल थी उसके अंदर ठीक है सॉर्टेड है चलिए आगे बात करते हैं यहां पे एक चेंज हुआ था गांधी एक बात पे मैन थे इसलिए देखिए सेपरेट इलेक्टरेट तो मिला लेकिन गांधी इस बात पे एग्री की है की जो खड़ा होने वाला जो चुनाव लड़ने वाला मेंबर होगा वो भले ही दलित हो लेकिन उसको वोट करने वाले सारे आम कैटिगरी के लोग हो गए यानी मां लीजिए की अगर कोई इंसान दलित मेंबर है कोई इंसान शेड्यूल कास्ट से बिलॉन्ग करता है आज भी आप देखोगे तो भारत में रिजर्व कांस्टीट्यूएंसीज होती हैं जहां से शेड्यूल कास्ट शेड्यूल ट्राइब का मेंबर ही चुनाव लाड सकता है लेकिन उसको वोट डालने वाले लोग सारे आम मेंबर्स होंगे यानी किसी भी कैटिगरी की हो सकते हैं तो इसी कंक्लुजन पे जो है गांधी ने इस बात को एक्सेप्ट किया था और आपका पूना पेस्ट साइन हुआ था और गांधी ने अपना फैक्ट अपना फास्ट है वो थोड़ा अब इसको देखा था की क्या है की मोहम्मद अली जिन्ना भी मुस्लिम मुस्लिम के लिए मांग रहे हैं मोहम्मद अली जिन्ना भी यही का रहे हैं की हमको भी मुसलमान के लिए सेपरेट इलेक्टरेट चाहिए ठीक है तो इस पे जो है कांग्रेस एग्री नहीं कर रही है ना वो गांधी भी का रहे हैं अगर ऐसा करता रहोगे तो यार पूरा देश ही डिवाइड हो जाएगा ठीक है अब अगर आप देखते हो यहां पे तो मोहम्मद अली जिन्ना कहते हैं आप इनके बीच में बातचीत चलती है तो जिन्ना कहते हैं चलो ठीक है मैं अपनी सेपरेट इलेक्टरेट की अगर डिमांड को गिव अप भी कर देता हूं तो मेरे को इस बात की सुरेटी दो की जिन इलाकों में मुस्लिम की पापुलेशन ज्यादा है उसके हिसाब से आप मेरे को फिक्स नंबर ऑफ सिम प्रोवाइड करोगे सेंट्रल और प्रोविजनल असेंबली इसके अंदर ठीक है तो एक यहां पे जिन्ना का रहे हैं कोई बात नहीं मैं सेपरेट इलेक्टरेट की डिमांड को गिव अप कर देता हूं आप एक कम करो की जो आपकी सेंट्रल प्रोविंशियल असेंबली है जैसे भारत का सांसद वहां पे मेरे को नंबर ऑफ सिम दे दो बड़े जो नंबर होगा सीटों का इस बेस पर डिसाइड होगा जहां पे मुस्लिम की जनसंख्या ज्यादा है यदि जो मुस्लिम डोमिनेटेड एरिया है उनके पापुलेशन के हिसाब से जो है यहां पे नंबर ऑफ सीटों को आप लोट करिए तो मैं अपनी सेपरेट इलेक्टरेट की डिमांड को गिव अप कर देता हूं ठीक है दें यहां पर जो है लोग माने को माना कर देते हैं तो एक जो पार्टी कॉन्फ्रेंस बलाई जाति है 1928 में जहां पे श्री जेकर हिंदू महासभा के बड़े स्ट्रांग लीडर थे वो जिन्ना के इस डिमांड को पोस्ट करते हैं आज जब वो जीना की इस डिमांड को अपोज करते हैं तो हिंदू मुस्लिम को साथ लाने का जितना भी है फर्द था वहां खत्म हो जाता है तो मुस्लिम लीग के जो दूरियां हैं अभी इंडियन नेशनल कांग्रेस से भी बढ़नी जाति है और आप देख सकते हो की जो पाकिस्तान पाकिस्तान का नारा है अभी मुस्लिम लीग धीरे-धीरे करके लाना स्टार्ट कर देती है ठीक है चलिए आगे बात करते हैं फटाफट से नो अब क्या है की गांधी जो है जब फर्स्ट राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आपकी जब सेकंड राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस फेल हो जाति है गांधी भारत वापस आते हैं तो वो सोचते हैं की दोबारा से अभी यहां पे क्या किया जाए सिविल डिसऑबेडिएंस को स्टार्ट किया जाए लेकिन अभी जो है जब गांधी वापस आते हैं तो उनको पता चला है की जो बड़े-बड़े पॉलीटिकल नेता हैं उनको अभी ब्रिटिशर्स ने उठा के जय में दाल दिया है कांग्रेस कोई लीगल डिक्लेअर कर दिया गया तो गांधी सोचते हैं कम करते हैं दोबारा से सिविल डिसऑबेडिएंस को लॉन्च करते हैं तो 1932 में गांधी दोबारा लॉन्च करते हैं मोमेंट लेकिन इस बार जो है बहुत सारे लोग इसमें पार्टिसिपेट नहीं करते रीजन ये जो फर्स्ट जोर पड़ा लेकिन आपने क्या किया की आधा अधूरा आप आंदोलन बैंड करके भाग गए अब एक एन रिजल्ट जो लोग यहां पे आप लगाएं बैठे थे उनकी प्रॉब्लम सॉल्व होगी उनको तो बड़ा झटका लगा तो उन्होंने कहा की यार दोबारा अगर 60 भी हो गया तो क्या गारंटी है की हमारी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी तो बहुत सारे लोगों ने जिन्हें फर्स्ट टाइम पार्टिसिपेट किया था उन्होंने दूसरी बार पार्टिसिपेट करने से माना कर दिया तो सेकंड टाइम आप का सकते हो सैटर्नलिज्म उतना पावरफुल रहा ही नहीं और इसके अलावा अगर आप देखोगे तो ब्रिटिश सरकार इतनी चालक है जब ये गांधी वापस आए तो इन्होंने वायसराय बादल दिया तो इन्होंने वायसराय बादल दिया अरविंद को बादल दिया अब इन्होंने कहा प्रेरित सरकार ने गांधी से की आपने जो एग्रीमेंट साइन किया था वो तो इर्विन के साथ था जब वो वायसराय थे अब वो जब वॉइस रॉयल ही नहीं रहा तो उसे एग्रीमेंट की वैल्यू कहां र गई तो ये खेल रहे हैं इसके साथ है ना अगर आप देखोगे तो गाड़ी के साथ खेलने हैं सर ठीक है अब अगर आप देखिए तो इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल अच्छा अब एक अब ए जाते हैं फटाफट से अपने क्लास के लास्ट टॉपिक यानी कल सर बिलॉन्गिंग तो ये क्वेश्चन भी कई बार पांच नंबर में आता है की देखिए कलर ने भी भारत के अंदर एक बड़ा रोल प्ले किया था लोगों को अलग-अलग समाज के लोगों को एकदम यूनिट करने के लिए ठीक है अलग-अलग समाज के लोगों को इनवाइट करने के लिए तो जब क्वेश्चन कभी भी आता है तो आप कर पांच चीजों के बड़े में लिखेंगे नंबर वन पॉपुलर इमेज दूसरा आपके फॉक्स तीसरा आइकंस और सिंबल्स चौथ आपका री इंटरप्रिटेशन ऑफ हिस्ट्री तो कलर ने एक बहुत बड़ा रोल प्ले किया है भारतीयों को एकजुट करने में भारतीयों को नाइट करने में चलिए आगे बात करते हैं नो पर एग्जांपल बात करते हैं पॉपुलर इमेज और सोंग्स की अगर आप देखोगे जो हमारे गाने जैसे वंदे मातरम जिसको बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ये चटर्जी ने जो है यहां पे कंपोस्ट किया गया था जो उनकी एक बड़ी जबरदस्त किताब है आनंदमठ उसका हिस्सा है है ना बाद में उसका हिस्सा बना तो वंदे मातरम जैसे जो गाने है वंदे मातरम सारे जहां से अच्छा ये लोगों को बच्चे इंस्पायर करते थे लोगों को राष्ट्र के प्रति जो है जागरूक करते थे लोगों के अंदर राष्ट्र प्रेम देश प्रेम की भावना जागते थे है ना फिर अगर हम बात करें बच्चे स्वदेशी मूवमेंट जब भारत में चलाया जा रहा था स्वदेशी और बॉयकॉट चला था पार्टीशन ऑफ बंगाल के बाद 1905 में लॉर्ड कर्जन ने जब बंगाल का विभाजन किया बंगाल का पार्टीशन किया तो उसके अपोजिशन में पूरे देश में 1906 से लेकर के लगभग 1909 10 के आसपास तक एक मूवमेंट चल रहा है इसको हम कहते हैं स्वदेस गवर्नमेंट ऑफ मूवमेंट उसमें फॉरेन गुड्स को बॉयकॉट किया गया था स्वदेशी चीजों को अपनाया जा रहा था तो उसको हम स्वदेशी ऑफ बॉयकॉट कहते हैं तो वहां पर अगर आप देखोगे तो अब आनंदनाथ टैगोर ने भारत माता की इमेज पेंट की थी और भारत माता की इमेज को आप देखेंगे तो ये भारत की माता जो है एकदम साधु जैसी दिखती है जैसे हमारे देश का कलर साध्वी जैसी दिखती है हाथ में एक रुद्राक्ष माला आपको दिखे जाएगी कपड़े एकदम भगवा रंग के वस्त्र पहने हुए तो कुछ ऐसी इमेज को जो है अब अनेन नैटको ने पेंट किया था ठीक है जो सबसे पहले मस्ती भारत माता की उसको क्रिएट करने वाले भी बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय थे ठीक है सबसे पहले इमेज भारत माता की अगर क्वेश्चन आता है वनवास में किसने ग्रीट की तो किसने ग्रीट की थी बच्चों बैग की हम चंद्र चट्टोपाध्याय ने अब अगर आप आगे देखिए उसके बाद अगर आप देखोगे तो भारत का जो फोकलर मतलब लोक कथाएं तो लोगों को लगा यार की भारत के लोक कथाओ में भारत का इतिहास छुपा है भारत का कलर छुपा है और लोगों को कनेक्ट करने के लिए एकजुट करने के लिए एक बहुत अच्छा साधन है ठीक है 19वीं शताब्दी में जितने भी आपके नेशनलिस्ट थे इन्होंने क्या किया अलग-अलग फोकटल्स को लोग कथाओ को रिकॉर्ड करना स्टार्ट कर दिया ठीक है गांव गांव ट्रैवल करना स्टार्ट कर दिया इनको लगता था ये जो स्टोरी है भारत का असली पिक्चर असली जो मतलब रंग है उसको दिखाई हैं जिसको ब्रिटिशर्स ने भी ढाबा दिया है राइट अगर आप देखोगे तो बहुत जरूरी है की भारत के संस्कृति में लोगों का विश्वास दोबारा से जगन लोगों का स्कल्पचर के अंदर ट्रस्ट और बिलीव जगन तभी जाकर के कुछ कम बनेगा ठीक है तो हम लोग क्या देखते हैं बच्चों यहां पे नंबर वन की बंगाल के अंदर रविंद्र नाथ टैगोर खुद कई गांव गांव जाते हैं और ऐसी कहानियां को कंट्रोल करते कहानियां को कलेक्ट करते हैं ठीक है और मद्रास के अंदर एक बड़े फेमस ओटर हुए हैं नताशा शास्त्री तो उन्होंने बड़ी जबरदस्त बड़ी लंबी चौड़ी किताब पब्लिश की थी जिसका नाम था डी फोकलर और सदन इंडिया ये क्वेश्चन आता है वन मार्क्स में की किसने पब्लिश किया है तो किसने पब्लिश किया है बच्चों नातेश शास्त्रीय यानी बड़ी लंबी चौड़ी किताब पब्लिश की थी इसका नाम था डी फोर्थ फ्लोर्स ऑफ साउदर्न इंडिया ठीक है आगे बात करते हैं लेट मूव फादर चलो अगर आप देखोगे तो वैसे बहुत सारे आइकंस और सिंबल्स से जिसका उसे किया गया था कई सारे मूवमेंट्स के अंदर लोगों के अंदर एक राष्ट्र प्रेमी एक राष्ट्रवाद की भावना जागने के लिए जैसे पर एग्जांपल अगर स्वदेशी मूवमेंट की बात करें बंगाल में तो आप एक तिरंगा झंडा उसे किया जा रहा था कौन-कौन से कलर्स थे इसमें रेड ग्रीन हो येलो ठीक है इसमें आठ लोटस थे आठ लोटस यानी जो आठ ब्रिटिश प्रोविंस आठ ब्रिटिश राज्यों को रिप्रेजेंट करते थे और साथ ही साथ बच्चे अगर आप देखोगे तो यहां पे चंद भी था चंद जो है जो हिंदू मुस्लिम यूनिटी को यहां पे प्रेजेंट करता है ठीक है इसके अलावा अगर आप देखो की गांधी ने 1921 में अपना एक स्वराज फ्लैग बनाया था रेड ग्रीन और व्हाइट कलर का बीच में इन्होंने चरखा लगाया हुआ था तो चरखा जो था यहां पे सेल्फ यानी 8 निर्भर बने के लिए आपको मोटिवेट करता था तो ऐसे बहुत सारे जब अगर आप देखोगे जब स्ट्रगलर लड़े गए जब आपके स्ट्रगलर लड़ेंगे जब आंदोलन किया गए और उन आंदोलन में जब हमारे क्रांतिकारी जो हमारे नेशनलिस्ट इन झंडू को लेकर के आगे बढ़ते थे तो एक राष्ट्रवाद की भावना लोगों में आई थी लोग अपने आप को रिलेट कर पाते थे इन मोमेंट्स के साथ इन स्ट्रगलर के साथ है ना प्यार बच्चों चलिए तो अब देखेंगे तो हमारे रिइंटरप्रिटेशन ऑफ हिस्ट्री लास्ट पॉइंट है बच्चों ठीक है रे इंटरनेट ऑफ हिस्ट्री मतलब अगर आप देखेंगे भारत का जो इतिहास है वो अपने आप में बहुत कहानी कहता है और हमारे ऊपर जब ब्रिटिशर्स ने कंट्रोल तो हमें इस बात को बिलीव करवा दिया की भैया हमारा इतिहास बेकार है जो की झूठ है हमारे इतिहास बहुत अच्छा है बहुत रिच है बहुत एडवांस्ड है तो यहां पे नेशनलिस्ट को लगा राष्ट्रवादी नेताओं को लगा की बहुत जरूरी है लोगों को भारत के इतिहास को दोबारा से पढ़ने की अगर भारत के इतिहास को पढ़ेंगे तो पता लगेगा की हम अपने जमाने में कितने आगे हुआ करते थे पुरी दुनिया में राइट तो इंडियन शॉट टॉक इन प्राइड इन देवर हिस्ट्री तो नेशनलिस्ट जो थे कई बार भारत के ग्लोरियस अचीवमेंट्स के बड़े में लिखने थे ये सब इसलिए किया जाता था ताकि लोग एनालाइज कर पाएं की यार हम इन ब्रिटिश से बहुत मजबूत हैं बहुत आगे हमारे इतने बहादुर इतने वीर ए जाऊंगा जिन्होंने सामने दुश्मन की बैंड बजती है हमारे इतिहास मोहताज नहीं है किसी का हमारे इतिहास वो इतिहास है जिसने दुनिया को बहुत कुछ दिया है और ये तब हो सकता है पॉसिबल जब लोग इसको पढ़ना चालू करेंगे तो लोगों ने लोकल भाषण में इनके बड़े में लिखना स्टार्ट किया ताकि लोगों के अंदर ये जो फीलिंग है राष्ट्रवाद की ये जिंदा है क्या बनी रहे है ना चलिए लास्ट कैसे स्टडी करते हैं कुछ इंडिया मूवमेंट की बड़ी अच्छी है अगर आप देखोगे जब क्रिप्स मिशन भारत में फेल हो गया कृष मिशन इसलिए भेजो गया था क्योंकि वर्ल्ड वार तू में ब्रिटेन को इंडिया का सपोर्ट चाहिए था बिकॉज़ बिना इंडिया के सपोर्ट के ब्रिटेन के धमकी नहीं थी की वर्ल्ड वार 2 जितने एशिया इलाकों में है ना एशिया इलाकों में जब तक ब्रिटेन का सपोर्ट भारत नहीं करता ब्रिटेन की धोती जो फटती है ना भाई वो कहानी सेल पाती फैक्टर्स तो ब्रिटेन को चाहिए था भारत का सपोर्ट भारत ने इस बार ये लॉलीपॉप आई नहीं भारत ने कहा भैया इस बार इस लॉलीपॉप में हम आने वाले ही नहीं तुम्हारी तो क्रिप्स मिशन इंडिया में फेल हो गया ठीक है अब क्या हुआ की वर्ल्ड वार 2 के टाइम पूरे भारत में आक्रोश फैला हुआ ब्रिटिशर्स के अगेंस्ट ठीक है तो अभी क्या होता है की गांधी जी जो है ये ट्राई ये कहते हैं की भैया बहुत हो गया आप अंग्रेजन को पूरे हमको देश से निकालना ही पड़ेगा ठीक है तो कांग्रेस जो है कांग्रेस के वर्किंग कमेटी में एक मीटिंग की जाति है वर्धा के अंदर 14 जुलाई 1942 को और वहां पे पास किया जाता है क्यूट इंडिया रेजोल्यूशन क्यूट इंडिया मतलब अंग्रेज और भारत छोड़ो अब इसका सिंपल ऑब्जेक्टिव था की इमीडिएट तोर पे जो है पावर जो है इंडियन के हाथ में ट्रांसफर की जाए 8 अगस्त 1942 बॉम्बे के अंदर अगर आप देखोगे जो इंडिया कांग्रेस कमेटी बनाई जाति है है ना और जो इंडिया कांग्रेस कमेटी क्या कहती है लोगों को यहां पे रिक्वेस्ट करती है की भैया हम क्या करने वाले हैं एक जो इंडिया स्ट्रगल करेंगे नॉन वायलेट स्ट्रगल करेंगे अहिंसक स्ट्रगल करेंगे तो यहां पर गांधी जी अपनी फेमस पीस देते हैं जिसमें अपना फेमस स्लोगन देते हैं डू और दी करो या फिर मारो ठीक है तो जो कॉल दी क्यूट इंडिया की बच्चे ऑलमोस्ट आप का सकते हो जो पुरी स्टेट मशीनरी थी ब्रिटिश सरकार थी उसको एकदम घुटनों पे ला दिया था बिकॉज़ पूरे देश के अंदर आप देखोगे अलग अलग लेवल पे आंदोलन हो रहे थे प्रोटेस्ट हो रहे थे मास्क लेवल पे आंदोलन चल रहे थे राइट बच्चों चलिए तो अगर आप देखोगे हड़ताल की जा रही है डेमोंसट्रेशन किया जा रहे हैं प्रोटेस्ट किया जा रहे हैं लोग स्लोगन से ला रहे हैं सारे जहां से अच्छा इंकलाब जिंदाबाद तो ये बहुत बड़ा मूवमेंट था आप का सकते हो बहुत बड़ा मूवमेंट था यहां पे बहुत सारे लीडर्स हैं जिन्होंने बड़े एक्टिवली पार्ट्स पे किया जैसे आपके जयप्रकाश नारायण अरुण आसफ अली राम मनोहर लोहिया ठीक है बहुत साड़ी विमेंस भी थी जिसे मैं टांग नहीं हाजरा हो गई आपकी कनक लता बार हुआ हो गए यहां शाम के अंदर ठीक है राम देवी हो गए उड़ीसा से चलिए इनफैक्ट अगर आप देखोगे तो ब्रिटिशर्स ने हालांकि ए रहा है भाई हरकत की जैसे वो करते हैं की फोर्स से रेस्पॉन्ड करना यानी लोगों को मार टी करना लोगों पे गोलियां चलाना ठीक है लेकिन यह मूवमेंट को सरप्राइज करना अपने आप में बहुत मुश्किल हो गया इस मूवमेंट के बाद एक चीज ब्रिटिशर्स को एक बात समझ में ए गई की आप ज्यादा डर तक भारतीयों को ढाबा के नहीं रख सकता अगर दबाओगे तो इन्हीं के ऊपर बैक फायर करेगा है ना और अगर आप देखोगे तो यही वो मोमेंट है जिसमें 15 साल का बच्चा जिसकी मौत हुई थी जब क्यूट इंडिया मूवमेंट को लीड कर रहा था और आप पढ़िएगा मैंने शॉर्ट्स डाला हुआ उसे पर बड़ा खूबसूरत है वो मैंने पी ब्लू के चैनल पे डाला था प इंग्लिश में की मतलब बड़ा खूबसूरत शॉट ये भी हम डाला था की 15 साल का बच्चा जब आप बोर्ड एग्जाम लिखने हो तब वो क्यूट इंडिया मूवमेंट लीड कर रहा था सरकार गली चला देती है और बच्चा मा जाता हूं अंदर स्पॉट तो कितनी दुखद बात है उसको बड़ा यंग शाहिद माना जाता है हमारे देश का ठीक है चलिए एक और बड़ा इंपॉर्टेंट सोर्स है यहां पे इससे क्वेश्चन काफी बार आता है तू डी अल्टर ऑफ दिस रिवॉल्यूशन वे बरोट आर यूथ एजेंडा ठीक है अगर आप देखोगे बहुत सारे नेशनल इसको ऐसा लगता था की हम लोग अहिंसा से स्ट्रगल नहीं जीत सकते तो 1928 में क्या होता है हरा यानी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक आर्मी की फॉर्मेशन होती है फिरोज शाह कोटा दिल्ली के अंदर ठीक है जिसको अभी आप शायद अरुण जेटली स्टेडियम के नाम से जानते हो जो मेजर लीडर्स थे यहां पे भगत सिंह थे जतिन दास थे अजय घोष थे तो कई बार अगर आप देखोगे तो जो ऐसे सारे स सारे बच्चे इस बात में बिलीव करती है की किसी ना किस तरीके से फोर्स का उसे करना पड़ेगा ब्रिटिशर्स के अगेंस्ट ठीक है और तभी आपको आजादी मिल पाएगी ठीक है तो अगर आप देखोगे की ब्रिटिश पावर के कई सारे ऑफिसर्स को कई सारे सिंबल्स को हर ने टारगेट किया था 1929 में भगत सिंह और जो बटुकेश्वर डेट थे वो लेजिसलेटिव असेंबली में बम फेक देते हैं आपने देखें भी होंगे कई बार भगत सिंह जी पे मूवी बनी हुई है तो बम फेंकते बम फेंकने का मतलब वहां पे किसी को मारना नहीं था वो ब्रिटिश सरकार के बैंड कानों में आवाज डालना चाहते थे की भारतीयों की आवाज सुनो भारतीयों की जो करना है का जो दर्द है उसका एनालाइज करो लेकिन इसके वजह से क्या होता है की इनको पकड़ लिया जाता है और मौत के सजा सुना दी जाति है ठीक है इन फैक्ट अगर देखोगे से एयर में एक ट्रेन में जिसमें लॉर्ड रिवेंट ट्रैवल कर रहा था जो भगत सिंह है ठीक है जो लॉर्ड रिवेंट ट्रैवल कर रहा था उसमें भी ये स्टार्ट किया जाता है उसे ट्रेन को उड़ने का ट्री किया जाता है भगत सिंह मंत्र 23 साल के थे बच्चे जब उन्होंने को फैंसी की सजा सुना दी गई थी कॉलोनियल गवर्नमेंट द्वारा जो शाहिद भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में जो है अपना जीवन त्याग देता था 23 साल की उम्र में आदमी यह सोचता है की मैं किस कॉलेज में एडमिशन हूं 23 साल की उम्र में आदमी यह सोचता है की मेरा कितना लाख रुपए का पैकेज लगेगा उसे 23 साल की उम्र में शाहिद भगत सिंह ने एक बार भी नहीं सोचा ना अपने परिवार के बड़े में ना अपने मम्मी के बड़े में ना अपने दोस्तों के बड़े में सिर्फ एक बड़े में सोचा की यार भारत को आजाद करना है तो शाहिद भगत सिंह जी को दिल से सलाम है यार इस एफर्ट के लिए और शाहिद भगत सिंह को हम कई दुख की बात है की कई बार हम बहुत कम पढ़ते हैं किताबें के अंदर तो कहानी ना कहानी किताबें में उनका जो कद है बहुत बड़ा होना चाहिए की 10 जून का सैक्रिफिस है जो उनका बलिदान है बेटा वो नेक्स्ट लेवल का उसको आप किसी से कंपेयर नहीं कर सकते शाहिद भगत सिंह शाहिद भगत सिंह है ठीक है चलिए आगे बात करते हैं फिलहाल नो अगर आप देखोगे ड्यूरिंग स्टेरले भगत सिंह ने स्टेट किया की भैया वह बिल्कुल भी बम या गली को ग्लोरिफाई नहीं कर रहे वह बैंड कानों में ब्रिटिश सरकार की गंद गंद कानो में जो है आवाज डालना चाहते हैं बस थॉट्स जो यू वांटेड तू डू राइट तो बहुत सिंपल सी बात है बच्चे अगर आप देखो तो इंकलाब जिंदाबाद का जो नारा था वो उसे टाइम पे एकदम जोर-शोर से लगता रहा और हज रिजल्ट आप देखोगी भारत को जब आजादी मिली उन्होंने 1947 में तो ये आजादी इतनी आसन नहीं थी यार आजादी को पानी में ना के जान कितने सेकंड लोगों का बलिदान है कितने हजारों लाखों लोगों ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया तब जाकर के हमको आज ये फ्रीडम मिली है तो ये फ्रीडम कमाई गई यार इस फ्रीडम को कमाने में बहुत समय लगा है है ना चलिए तो इसी के साथ आज मैं अपनी कहानी को खत्म करता हूं इस क्लास को खत्म करते हैं अच्छा एक चीज और है मैं आपको करवाना चाहूंगा फटाफट से मुझे बस 2 सेकेंड्स का टाइम दीजिएगा ठीक है तो फटाफट से आप लोग फटाफट से नोट कर लो शॉट को पढ़ लो 1 मिनट पानी पानी पी लो और माफ क करते हैं उसके बाद क्लास को वेंडर करते हैं ठीक है चलिए तो मैं आप क करके क्लास को मन अप करते हैं क्योंकि तो बच्चों पानी पी लिया आपने चलिए फटाफट से पानी पी ले सबने बच्चे चलिए एक क्लास क्वेश्चन कर लेते हैं फटाफट से हम लोग यहां पर मैप क कर लेते हैं ठीक है प्यार बच्चों चलिए तो मैं क कर लेते हैं मैप क का रहे इस क्वेश्चन दो नंबर का आता है ना तू मास का नंबर आता है जल्दी से मैं आपको करवा देता हूं यहां पे ठीक है तू मास का आता है बच्चे मैं आप भर के यहां पे तो बहुत ज्यादा लंबा नहीं आता है दो नंबर का मैप क आता है क्या-क्या पूछता है आपसे आपसे पूछता है नंबर वन इंडियन कांग्रेस इंडियन नेशनल कांग्रेस के इंपॉर्टेंट सेशन इंडियन नेशनल कांग्रेस का इंपॉर्टेंट सेशन कौन-कौन सा था देखिए सबसे पहले आपको नागपुर मार्क करना है नागपुर कहां है महाराष्ट्र में दिस इसे महाराष्ट्र तो महाराष्ट्र में आप यहां पर मार्क करेंगे नागपुर सेशन ठीक है यहां पे करेक्ट कर लीजिए दिसंबर 1920 का डर इसके बाद कलकत्ता सेशन आता है कोलकाता देखिए कैसे मार्क करेंगे बांग्लादेश है बांग्लादेश के जस्ट बगल में आइएगा नीचे वाले साइड पे ये आपको मिल जाएगा कोलकाता तो ये आपका कोलकाता सेशन हो गया ठीक है इसके बाद अगर बच्चे कई बार मद्रास सेशन आपसे पूछ लेट है मद्रास हालांकि नहीं पूछेगा तो मद्रास सेशन अगर आपसे पूछता है तो ये तमिलनाडु वाला क्षेत्र है इसके बिल्कुल ऊपर वाले क्षेत्र में आप मार्क करेंगे यहां पे मद्रास सेशन ऑफ 1927 इसके अलावा आपसे लाहौर नहीं पूछा की अगर लाहौर पूछता है तो लाहौर इस साइड आएगा ठीक है लाहौर आता है पाकिस्तान वाले साइड पे और यहां पे पूर्ण स्वराज का शपथ लिया गया था तो ये आपके मेजर सेशंस हैं जहां से क्वेश्चन आपका आता है सर नागपुर कई बार पूछा गया है तो नागपुर सेशन आप अच्छे से देखिएगा नागपुर कहां करना है महाराष्ट्र में एकदम राइट साइड जा के कोलकाता कैसे करना है बांग्लादेश के जस्ट बगल में नीचे के साइड पे ए करके और मद्रास पूछेगा तो नीचे तमिलनाडु में बिल्कुल ऊपर राइट कॉर्नर में आकर के मदरसाशन ठीक है बच्चों चलिए आगे बात करते हैं ना अब आपसे क्या पूछता है कई बार आपसे इंपॉर्टेंट सेंटर्स ऑफ नेशनल इंडियन नेशनल मूवमेंट पूछता है है ना पर एग्जांपल जलियांवाला बैग आपसे पूछेगा तो देखिए कैसे मार्क करेंगे नंबर वन जलियांवाला बैग कहां पड़ता है पंजाब में दिस इस पंजाब तो पंजाब में अमृतसर में आप मार्क करेंगे जलियांवाला बैग इंसिडेंट इंपॉर्टेंट है 13 कहां पड़ेगा गुजरात के अंदर तो प्रेजेंट स्ट्रगल हुआ था खेड़ा में ये आपका गुजरात वाला क्षेत्र है गुजरात में आप देखिए कैसे आईडेंटिफाई करेंगे इस वाले डॉट से एकदम स्ट्रेट लाइन खींचेगा तो ये आपको मिल जाएगा खेड़ा और इसी खेड़ा से अगर आप थोड़ा सा नीचे आएंगे तो यहां पे आपको मिल जाएगा अहमदाबाद ठीक है तो खेड़ा और अहमदाबाद ये दो स्ट्रगलर हो गए फिर दांडी मार्च अगर आपसे पूछेगा दांडी में गुजरात में कोस्टल टाउन है यानी समुद्र के पास होगा तो ये समुद्र का इलाका है समुद्र का इलाके में यहां पे जहां खत्म हो रहा है बाउंड्री यहां पे बिल्कुल यहां कौन है मैं ए जाएंगे तो आपको मिल जाएगा आपका दांडी दान शॉर्ट दे दे चलिए अब चंपारण की बात की जाए तो चंपारण मूवमेंट कई बार आता है देखिए ये आपका अप है और ये आपका बिहार तो अप में क्या ए जाएगा चोरी चौरा गोरखपुर अगर आप देखेंगे दोनों पाल से काफी क्लास है तो नेपाल है ये आपका नेपाल से थोड़ा सा नीचे आएंगे तो आपको ये मिल जाएगा आपका गोरखपुर का इलाका कभी गोरखपुर तो वहां से नेपाल जो है बहुत पास है तो यहां पे आपका चोरी चौरा है फिर इसी के बगल में ए जाएगी जस्ट उसके बगल में ए जाएगी आपका बिहार है बिहार में अगर आप देखेंगे तो चंपारण का इलाका है वो भी काफी पास आपको दिखाई देता है नेपाल बॉर्डर से तो ये चंपारण का इलाका है जहां से आपको मिल जाएगा चंपारण पिजन ठीक है दान है चलिए तो इसी के साथ विंड अप करते हैं दोस्तों हमारे आज के प्यारे-प्यारे सेशन को आज के प्यारे-प्यारे वीडियो को और उम्मीद है मेरे सारे प्यार बच्चों को बहुत मजा आया होगा बहुत साड़ी कहानी मैंने आपको बताई बहुत साड़ी कहानी ऐसे बताइए जो एनसीईआरटी के अंदर भी नहीं है ठीक है तो इस पूरे लेक्चर को इस पूरे वीडियो को बढ़िया से देखिएगा ट्राई किया है मैंने की कम से कम टाइम में आपको चैप्टर पढ़ा दिया जाए जिससे आपके सारे डाउट्स भी क्लियर हो जैन और आप बढ़िया से क्वेश्चन फ्री का एयरपोर्ट ठीक है चलिए तो वो नोट्स डाउनलोड कर लीजिएगा पढ़ाओ बैच का लिंक दिया हुआ होगा डिस्क्रिप्शन में वहां पे जाकर के फिजिक्स वल्लाह की आप पे फ्री ऑफ कॉस्ट बैच है वहां पे आपको मिल जाएंगे नोट्स मिनी मुलाकात होगी आपसे अगले क्लास के अंदर तब तक के लिए बच्चे पढ़ाओ को यही करते हैं समाप्त और मिलेंगे अपनी मंजिल तक साथ-साथ चलते रहेंगे बाय गैस एवरीवन लव यू जो बच्चों और हमेशा ऐसे जुड़े रहना मुलाकात करते हैं आपसे जय हिंद जय भारत और बढ़ते रहो आगे बाय