[संगीत] हेलो एवरीवन वेलकम बैक टू परचम मैंने आपके लिए एक सीरीज स्टार्ट की थी जिसमें मैं आपको सारे बैटल एशियंट मिडिवल एंड मॉडर्न हिस्ट्री में जो इंपॉर्टेंट बैटल्स हुए हैं या कोई इंपॉर्टेंट ट्रिटी या संधि साइन हुई है उस परे हम डिस्कस कर रहे थे फर्स्ट पार्ट कवर हो चुका है जहां पर हमने बैटल ऑफ 10 किंग से कहानी शुरू की थी और पानीपत के बैटल तक की कहानी करी थी फर्स्ट बैटल ऑफ पानीपत हमने देखा था और फर्स्ट बैटल ऑफ पानीपत ने इंडिया के इतिहास को बदल दिया क्योंकि इब्राहिम लोदी को डिफीट किया था बाबर ने और भारत में मुगल सल्तनत की शुरुआत की दिल्ली सल्तनत का खत्म करके तो दिल्ली सल्तनत खत्म हो चुकी थी 1526 में एंड मुगल सल्तनत की शुरुआत हो चुकी है मतलब बाबर की एंट्री हो गई है बाबर के बाद की कहानी कब तक की ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तक की कहानी को आज हम डिस्कस करेंगे यह क्लास नंबर टू है फिर हम क्लास नंबर थ्री पे रिमेनिंग बैटल्स को कवर कर लेंगे क्लियर है अगर पहला वीडियो आपने नहीं देखा है तो प्लेलिस्ट में जाइएगा वहां पर आपको पहला वीडियो मिल जाएगा जिससे आपको सारी बैटल्स जो एसिएंट हिस्ट्री की हैं और मिडिवल इंडिया की है वो आपको सीखने को मिलेंगी अगर आज के क्लास की पीडीएफ आपको लेनी है तो हमारे परचम के एप्लीकेशन पे आपको पीडीएफ मिल जाएगा वहां से पीडीएफ ले सकते हैं वीडियो पसंद आता है हेल्पफुल लगता है तो अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करना नहीं भूलेंगे ठीक है तो स्टार्ट करते हैं आज हम कुछ और इंटरेस्टिंग बैटल से कौन-कौन सी बैटल लड़ी गई है मिडिवल इंडिया में मतलब मध्यकालीन भारत में ओके तो यह क्लास नंबर टू है अभी तक की जो कहानी हो चुकी है वह है कि पानीपत की लड़ाई हो गई है बैटल ऑफ पानीपत 1526 में हुआ है बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच में मतलब दिल्ली सल्तनत के साथ युद्ध हो रहा है और दिल्ली सल्तनत का जो लास्ट लास्ट सुल्तान या किंग है वो इब्राहिम लोदी है इब्राहिम लोदी को डिफीट करते हैं बाबर दिल्ली सल्तनत को खत्म करके शुरुआत होती है मुगल सल्तनत [संगीत] की [संगीत] अब यहां पे अगर हम बाबर का टाइम पीरियड देखते हैं ना बहुत कम है 1526 पे वो गद्दी पर बैठते हैं 1530 में उनकी डेथ हो जाती है मतलब 1526 से 1530 की जो कहानी है वोह बाबर की है बहुत कम कम समय तक वो बादशाह बन के रहे हैं राजा बनके रहे हैं लेकिन इन चार सालों में ही उन्होंने चार बैटल्स लड़ी हैं चार लड़ाइयां लड़ी हैं उन चारों बैटल्स को आप ट्रिक के जरिए याद कर सकते हैं आप लोग ने एक बहुत ही अच्छी मूवी देखी होगी आमिर खान की पीके और पीके आपने लास्ट में एक सीन देखा होगा कि प पीके वापस जो है वो अपने वर्ल्ड में चला जाता है अपनी दुनिया में चला जाता है तो पीके चला गया ठीक है पीके चला गया ये आपकी ट्रिक है इससे आप याद रख सकते हैं बाबर की चारों की चारों बैटल्स को फर्स्ट बैटल 1526 में लड़ी थी बैटल ऑफ पानीपत था बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच में बाबर जीतता है इब्राहिम लोदी की हार होती है सेकंड है 15 27 का 1527 का बैटल ऑफ खन वा खन की जो लड़ाई होती है वह आप देखेंगे राणा सागा ऑफ मेवार और बाबर के बीच में होती है तो राणा सागा ऑफ मे बार की डिफीट होती है राणा सागा की हार होती है बाबर की विक्ट्री होती है नेक्स्ट है बैटल ऑफ चंदेरी 1528 में होती है मेदनी राय के साथ मेदनी राय और बाबर की लड़ाई हो रही है मेदनी राय की डिफीट यहां पर भी होती है एंड लास्ट बैटल होती है 1529 में बैटल ऑफ घग्गर ठीक है यह जो बैटल है बेसिकली अफगान की एक अलाइड के साथ बाबर की लड़ाई यहां पर होती है तो ये चारों बैटल सीक्वेंस में कई बार अलग-अलग एग्जाम में पूछी गई है बहुत इंपॉर्टेंट है ये चार्ट आपको चारों बैटल्स सीक्वेंस में याद होनी चाहिए क्योंकि इनका सीक्वेंस कई बार एग्जाम में पूछा है अगर आप लास्ट फाइव ईयर के पी वाई क्यूज देखेंगे तो आपको ये बैटल्स देखने को जरूर मिलेंगी तो पी से हो जाएगा पानीपत के से खन वा फिर चला से मतलब सी से हो जाएगा चंदेरी और जी से हो गया घग्गर तो पानीपत खन वा चंदेरी एंड घग्गर ये चार बैटल पानीपत अ सॉरी ये चार बैटल बाबर लड़ ता है और 1530 में 1530 में बाबर की डेथ हो जाती है इसके अलावा कुछ लोग और भी नई-नई ट्रिक्स से इन बैटल्स को याद रखते हैं फॉर एग्जांपल एक ट्रिक ये है कि 26 में पानी पिया 27 में खाना खाया 28 में चल दिया 29 में घर गया और 30 में मर गया तो इस तरीके से भी याद रखते हैं 26 मतलब 1526 में पानीपत की लड़ाई की 27 में खाना खाया मतलब खन भा का युद्ध लड़ा 28 में चला गया मतलब 28 में चंदेरी का युद्ध मेदनी राय से लड़ा 29 में घर गया मतलब घग्गर की लड़ाई है और 30 में मर गया मतलब 1530 में बाबर की मृत्यु है तो इस तरीके से भी ट्रिक से लोग याद रखते हैं जैसा भी आपको कन्वेनिएंट लगता है बस आपको यह चारों की चारों बैटल्स याद होनी चाहिए क्लियर है तो बाबर ने पहली लड़ाई हो चुकी है पानीपत की सेकंड हो रही है खन वा देखेंगे आप 177th ऑफ मार्च 1527 1527 में बैटल ऑफ खन होता है खन वा आगरा के नजदीक एक विलेज है जहां पर यह बैटल लड़ी जा रही है यह बैटल हो रही है बाबर जो कि मुगल सल्तनत का बादशाह बन चुका है बाबर और राजपूत रूलर राना सांगा तो राना सांगा और बाबर के बीच में लड़ाई होती है इस बैटल में आप देखेंगे कि राना सांगा की हार होती है और बाबर की विक्ट्री होती है तो दिल्ली आगरा का जो पूरा रीजन है वो पूरा रीजन अब बाबर के कंट्रोल में आ चुका है और उसके बाद बाबर जो है वो ग्वालियर का किला धोलपुर किरा आगरा फोर्ट इन सब पे भी अटैक करना मतलब जो ईस्ट ऑफ आगरा का एरिया है वहां पर अटैक करना शुरू करता है बाबर जब खन वा का बैटल जीत जाता है राना सांगा को त कर देता है हरा देता है तो उसके बाद गाजी का टाइटल भी एज्यूम करता है ठीक है बैटल ऑफ खन वा हो गया फिर बैटल ऑफ खन वा के बाद अगर हम देखेंगे नेक्स्ट बात करेंगे बैटल ऑफ चंदेरी जो कि 1528 में हो रही है और चंदेरी जो है वह मध्य प्रदेश में आपको देखने को मिलेगा और वहां पर भी एक राजपूत रूलर है जिनका नाम है मेदिनी राय तो मेदनी राय और बाबर के बीच में लड़ाई हो रही है जिसमें विक्ट्री हो रही है बाबर की नेक्स्ट है बैटल ऑफ घग्गर जो कि 1529 में हो रही है है घग्गर रिवर के किनारे कहां पर छपरा बिहार में ठीक है महमूद लोदी जो कि अफगान रूलर है तो अफ़गानों के बीच में एक अलाइड फोर्स बनती है जिसको लीड कर रहे होते हैं महमूद लोदी यह महमूद लोदी वही है जो इब्राहिम लोदी के भाई है ठीक है सॉरी इब्राहिम लोदी का बेटा है तो इब्राहिम लोदी नहीं अफगान रूलर है मोहद महमूद लोदी उनके साथ मुगल एंपरर बावर की लड़ाई होती है जिसमें बावर की जीत यहां पर हो जाती है तो यह बैटल्स है जो कि लड़ी गई है बाबर के द्वारा अगर आप बाबर की पूरी कहानी या पूरे मुगल सल्तनत को पढ़ना चाहते हैं पूरी हिस्ट्री को पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारा एसएससी जनरल अवेयरनेस टारगेट 2024 का जो बैच है उसको ले सकते हैं इसमें आपको सारे टॉपिक डिटेल में विद पीवा क्यूज पढ़ाए जाएंगे जनवरी से डाउट सेशंस भी स्टार्ट हो जाएंगे आप कंप्लीट कोर्स भी ले सकते हैं अदर वाइज इंडिविजुअल पैकेज को भी आप ले सकते हैं कोर्स को भी परचेस किया जा सकता है परचेस कहां से करना है या कोर्स को कैसे देखना है इंडेक्स कैसे से देखें तो आप देखेंगे कि डिस्क्रिप्शन में आपको एक लिंक दिखेगी जहां से आप कोर्स तक पहुंच जाएंगे अदर वाइज आप प्ले स्टोर प जाइएगा परचम के एप्लीकेशन को डाउनलोड करना और फिर वहां पर आपको एसएससी जनरल अवेयरनेस टारगेट 2024 कोर्स मिलेगा आप इस कोर्स में जाकर इसके पूरे इंडेक्स को फैकल्टीज को डेमो लेक्चर को देख सकते हैं उसके बाद आप इस कोर्स को खरीद भी सकते हैं क्लियर है आइए अब हम कुछ और बैटल को डिस्कस करते हैं तब तक आप हमारे इस वीडियो को शेयर जरूर कर देंगे अपने फ्रेंड्स के साथ नेक्स्ट बात करते हैं बैटल ऑफ चौसा बाबर का बेटा होता है हुमायूं और हुमायूं फिर 1530 में जब बाबर की डेथ हो जाती तो गद्दी पर बैठता है ठीक है बिठा देते हैं हुमायूं को हम गद्दी पे हुमायूं का जीवन आप देखेंगे ना एकदम संघर्षों से बड़ा भरा रहा है हमेशा लड़ाई करता रहा और लड़ाइयां में जनरली वह हारता रहा लास्ट में एक काद बैटल उसने जीती है बस ठीक है और फिर वह सीढ़ियों से गिर गया और सीढ़ियों से गिर के मर गया खैर हम बात करेंगे बैटल ऑफ चौसा के बारे में तो बैटल ऑफ चौसा लड़ी जाती है हुमायूं और शेरशाह सूरी के बीच में शेरशाह सूरी कौन है तो शेरशाह सूरी को फरीद खान के नाम से जाना जाता है और इसने सूरी डायनेस्टी सूरी जो वंश है उसकी शुरुआत भारत में की थी ठीक है अगर इसका हम शेरशाह सूरी का अगर मकबरा या टॉर्म देखते हैं तो सासाराम बिहार में हमको देखने को मिलेगी तो यहां पर शेरशाह सूर्य और हुमायूं के बीच में दो इंपॉर्टेंट बैटल होती हैं एक होती है बैटल ऑफ चौसा और एक होती है बैटल ऑफ कन्नौज और दोनों बैटल में शेरशाह सूरी डिफीट करता है किसे हुमायूं को और इस तरीके से कुछ समय के लिए मुगल सल्तनत खत्म होती है और सूरी वंश शुरू होता है जब शेरशाह सूर्य की डेथ हो जाती है तो वापस से पावर में आता है हुमायूं मतलब मुगल सल्तनत वापस से पावर में देखने को मिलेगी क्लियर है चलिए हम बात करेंगे 1539 में होता है बैटल ऑफ चौसा और 1540 1540 में होता है बैटल ऑफ कन्नौज तो ये दोनों बैटल एग्जाम में पूछी जाती है चौसा का बैटल बहुत इंपॉर्टेंट है और फिर कन्नौज का बैटल क्लियर है देख लेते हैं 1539 में चौसा बिहार में एक बैटल लड़ी जा रही है जिसे बैटल ऑफ चौसा कहा जा रहा है इसमें शेरशाह सूरी और हुमायूं की बैटल हो रही है जिसमें विक्ट्री किसकी हो रही है शेरशाह सूरी की हो रही है फिर बैटल ऑफ कन्नौज होता है 1540 में कन्नौज उत्तर प्रदेश में इसमें भी ये बैटल शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच में होती है और शेरशाह सूरी की विक्ट्री होती है तो दोनों बैटल में हार किसकी हुई है हुमायूं की हुई है उसके बाद वापस से एक और बैटल होती है जिसको हम बैटल ऑफ बिलग्राम के नाम से जानते हैं यह भी 1540 1540 में होती है शेर सूरी और हुमायूं के बीच में और हुमायूं अगेन हारता है और इतना मतलब मजबूर हो जाता है कि उसे भारत छोड़ के अपनी टेरिटरी वगैरह को छोड़ के जाना पड़ता है ठीक है इसके बाद यहां से शुरू हो जाती है सूरी डायनेस्टी मतलब सूर वंश की शुरुआत यहां पर हो चुकी है शेरशाह सूरी के द्वारा जब तक ये जिंदा है तब तक हुमायूं नहीं आएगा और जब इनकी डेथ हो जाएगी तो हुमायूं वापस से इंडिया पर आ जाएगा ठीक है तो हम बात करते हैं किस तरीके से वापस एंट्री होती है हुमायूं की तो हुमायूं दो बैटल वापस लड़ेगा एक है बैटल ऑफ माछीवाड़ा है बैटल ऑफ सरहिंद पहले होती है बैटल ऑफ माचीवाल ऑफ माचीवाल एंपरर के जो वात्सा है मतलब आप देखेंगे मुगल सल्तनत और सूर्य एंपायर के बीच में ये बैटल 1555 1555 में हो रही है बैटल ऑफ माछीवाड़ा हुमायूं और अपना सूरी एंपायर के बीच में माछीवाड़ा डिस्ट्रिक्ट ऑफ इंडिया में पंजाब के पास आपको देखने को मिलेगी 1525 55 में लड़ होती है बैटल ऑफ माशिवा नेक्स्ट होता है बैटल ऑफ सरहिंद और बैटल ऑफ सरहिंद भी हुमायूं के बीच में और सूरी डायनेस्टी के किंग सिकंदर शाह सूरी के बीच में होती है सिकंदर शाह सूरी जो कि बेटा है शेर शाह सूरी का तो शेरशाह सूरी के बेटे सिकंदर शह सूरी और हुमायूं के बीच में जो बैटल हो रही है वो बैटल ऑफ सरहिंद है यह बैटल भी 1555 मतलब 1555 में हो रही है और इस बैटल में क्या होता है हुमायूं जीत जाता है और सिकंदर शाह सूरी हार जाता है मतलब सूर्य एंपायर खत्म हुआ और वापस से मुगल सल्तनत की शुरुआत हो गई वापस से हुमायूं जो है वो गद्दी पर बैठ गया हालांकि 1555 में वो गद्दी पर बैठता है लेकिन 1556 में एक साल बाद ही 1556 में वह सीढ़ियों से गिर जाता है अपनी लाइब्रेरी की दीन पनाह लाइब्रेरी की सीढ़ियों से गिरता है और हुमायूं मर जाता है और हुमायूं के बाद उनका बेटा अकबर गद्दी पर बैठेगा तो हुमायूं और बाबर की हमने बैटल देखी कौन-कौन सी थी बाबर ने लगा लड़ा पानीपत का बैटल खन वा चंदेरी का बैटल और घग्गर का बैटल वहीं अगर हम बात करें हुमायूं की तो हुमायूं नेने कौन-कौन से बैटल्स लड़े तो बैटल ऑफ कन्नौज बैटल ऑफ चौसा बैटल ऑफ सरहिंद एंड बैटल ऑफ माछीवाड़ा था लेकिन हुमायूं दो बैटल को हार है दो बैटल को जीता है न इतनी चीजें चलिए अब आती है एंट्री अकबर की जब हुमायूं की डेथ होती है ना तो अकबर केवल 13 साल के होते मतलब बच्चे होते हैं और उनको संरक्षण देने का काम कर रहे होते हैं बैरम खां ठीक है तो सेकंड बैटल ऑफ पानीपत भले ही उस समय अकबर था 13 साल का था अगला बादशाह उसको ही बनना था लेकिन इस बैटल में वो पार्टिसिपेट नहीं करता क्योंकि वो 13 साल का है छोटा बच्चा है सिंपल सी बात है तो सेकंड बैटल ऑफ पानीपत अगर हम देखेंगे तो यह होती है सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य जिनको हम हेमू के नाम से जानते हैं और हम कह सकते हैं कि नॉर्थ इंडिया में दिल्ली के हिंदू किंग थे और अकबर की जो आर्मी है उनके बीच में 1556 1556 में ये बैटल लड़ी जाती है तो पहली बैटल पानीपत की 1526 मतलब 1526 में हुई है एंड सेकंड बैटल ऑफ पानीपत 1556 में हो रही है हेमू और अकबर की आर्मी के बीच में हेमू एंड अकबर की आर्मी के बीच में और अकबर की आर्मी के जो जनरल है वो है खान जमान वन एंड बैरम खान ठीक है तो यहां पर अकबर की आर्मी की विक्ट्री होती है और हेमू की हार होती है उसके बाद यहां पर राज्याभिषेक कर दिया जाता है गद्दी पर बिठा दिया जाता है अकबर को 1556 में तो 1556 में अकबर गद्दी पर बैठ जाता है और मुगल सल्तनत का बादशाह बन जाता है तो अभी तक हमने दो बैटल देख ली है टोटल तीन बैटल होती है पानीपत की ठीक है अभी एक और हम पढ़ेंगे 1761 में तो दो बैटल हो चुकी है पहली बैटल जो है वो बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच में हुई है सेकंड अकबर और हेमू के बीच में हुई है पहली बैटल 1526 में दूसरी 1556 में डन चलिए नेक्स्ट बात करते हैं बैटल ऑफ तालीकोटा जब यहां पर अगर आप देखेंगे जब नॉर्थ इंडिया में मुगल सल्तनत है मुगल सल्तनत फ्लोरिश हो रही है उसी समय साउथ इंडिया में देखेंगे तो विजयनगर एंपायर आपको देखने को मिलेगा तो अब थोड़ा सा हम साउथ इंडिया की तरफ भी जाते हैं तो साउथ इंडिया में आप देखेंगे यह जो पूरा एरिया है ये विजयनगर एंपायर का एरिया है ये क्या है आपका विजयनगर विजयनगर से बाउंड्री शेयर करता है कौन दक्कन के सुल्तान या दक्कन की जो सल्तनत है वो बाउंड्री शेयर कर रही है इस सल्तनत में आपको कई सारे यू नो मेजर किंगडम देखने को मिलते हैं जैसे जैसे कि अहमदनगर बीजापुर गोलकुंडा विदर ये अलग इंडिविजुअल किंगडम है जो यहां पर रूल कर रहे हैं और यह सब एक अलाइड एक मैथी कर लेते हैं एक संगठन बना लेते हैं या फिर एक अलाइड ग्रुप बना लेते हैं दक्कन सल्तनत में तो इनकी और इनकी मतलब विजयनगर एंपायर और यह जो सारे अलाइड ग्रुप है इनकी एक बैटल हो रही है ठीक है जिसे हम बैटल ऑफ तालीकोटा कहते हैं जो कि 1565 1565 में होती है क्वेश्चन कई बार एग्जाम में बता पूछा गया है कि विजयनगर सल्तनत का खात्मा या विजयनगर सल्तनत की एंडिंग किस बैटल के बाद होती है तो आंसर हो जाता है तालीकोटा का बैटल तो बैटल ऑफ तालीकोटा जो कि आपके दक्कन सल्तनत और विजयनगर किंगडम के बीच में हो रहा है 26 ऑफ जनवरी 1565 का यह समय है इस तालीकोटा के बैटल में विजयनगर एंपायर की हार होती है और उसके बाद विजयनगर एंपायर जो है वह फॉल हो जाता है डिक्लाइन हो जाता है क्लियर है अच्छा इस समय अगर हम बात करें बैटल ऑफ तालीकोटा के समय जो रूलर थे विजयनगर एंपायर के वो थे सदाशिव राया हालांकि ये पपेट की तरह काम कर रहे थे एक्चुअल जो पावर थी वो उनके मिनिस्टर राम राया के हाथों में थी ठीक है तो विजयनगर एंपायर है एक तरफ और दूसरी तरफ जो है वो एक आपको ग्रैंड आर्मी देखने को मिलेगी जिसमें आदिल शाह ऑफ बीजापुर निजाम शाह ऑफ अहमदनगर कुतुब शाह ऑफ गोलकुंडा एंड बरीद सहीस ऑफ विदर तो ये सारे जो लोग हैं ना इनकी किंगडम की आर्मी आपको देखने को मिलेगी और यहां पर होती है बैटल ऑफ तालीकोटा जिसमें साउथ इंडिया का एक मेजर किंगडम विजयनगर किंगडम वो डिक्लाइन हो जाता है खत्म हो जाता है एंड विजयनगर एंपायर के जो छोटे-छोटे अला थे जैसे कि अगर बात करें किंगडम ऑफ मैसूर नायकास ऑफ बैलूर ना नायकास ऑफ कलाडी इन सिमोगा ये सब अपने आप को इंडिपेंडेंट डिक्लेयर कर देते हैं फ्रॉम विजयनगर तो ये बैटल ऑफ तालीकोटा कई बार एग्जाम में बनता है कि विजयनगर एंपायर या साउथ इंडिया का सबसे बड़ा एंपायर विजयनगर एंपायर कैसे डिक्लाइन हुआ किस बैटल के कारण हुआ तो बैटल ऑफ तालीकोटा 1565 में हुई हुई थी ठीक है चलिए वापस पहुंचते हैं नॉर्थ इंडिया और अकबर की एक और बैटल हम देखेंगे व्हिच इज बैटल ऑफ हल्दी घाटी हल्दी घाटी का युद्ध बहुत ही फेमस युद्ध है ये बैटल ऑफ हल्दी घाटी 18th जून 1576 में हो रहा है 1576 में हल्दी घाटी का युद्ध हो रहा है किसके बीच में मुगल फोर्स है एक तरफ और मुगल फोर्स को लीड कर रहे हैं मानसिंह वन ठीक है मुगल मुगल फोर्स को लीड कौन कर रहा है मानसिंह वन दूसरी तरफ है दूसरी तरफ जो फोर्सेस हैं वो किसकी है मेवार की फोर्सेस हैं महाराणा प्रताप की फोर्सेस हैं तो महाराणा प्रताप और अकबर के बीच की जो बैटल होती है उसे ही हम बैटल ऑफ हल्दी घाटी कहते हैं क्लियर तो ये भी इंपॉर्टेंट है कि बैटल ऑफ हल्दी घाटी कब लड़ी गई तो आंसर हो जाएगा 1576 1576 में हुई किसके बीच में हुई तो मेवार और मुगल सल्तनत के बीच में मेवार में मतलब महाराणा प्रताप है और मुगल तरफ कौन है अकबर है अकबर की जो सेना को लीड कर रहा है वो राजा मानसिंह है इसमें मुगल की विक्ट्री होती है महाराणा प्रताप को सपोर्ट कौन सी ट्राइब करती है तो महाराणा प्रताप को इस बैटल में सपोर्ट करती है भील ट्राइब तो यह भी क्वेश्चन बना हुआ है भील ट्राइब ठीक है नेक्स्ट बात करते हैं अब यहां पे अकबर हो गया अकबर के बाद अगर हम बात करें अगला जो पावरफुल रूलर है या लास्ट पावरफुल जो रूलर है मुगल एंपायर का वो है औरंगजेब तो औरंगजेब की अब कहानी को थोड़ा सा समझते हैं बैटल्स के जरिए होता क्या है जब शहा जहां बहुत बीमार हो जाते हैं उनकी तबीयत एकदम खराब हो जाती है तो अपने सल्तनत को वो संभाल नहीं पाते तो उनके जो बेटे होते हैं चार बेटे उनके बीच में ना बैटल ऑफ सक्सेशन कि अगला राजा कौन बनेगा तो बैटल ऑफ सक्सेशन की शुरुआत हो जाती है कि अगला राजा गद्दी पर कौन बैठेगा तो बैटल ऑफ सक्सेशन की जब हम बात करते हैं तो बहुत इंपॉर्टेंट एक बैटल है व्हिच इज अ बैटल ऑफ धर्मत जिसको हम बैटल ऑफ धर्मत पुर्व के नाम से भी जानते हैं ये बेसिकली उज्जैन मध्य प्रदेश में आपको देखने को मिलेगा ठीक है चलिए नर्मदा रिवर के किनारे आसपास का ये एरिया है बेसिकली जहां पर ये बैटल लड़ी जाती है मध्य प्रदेश में तो यहां पे शाहजहां जब तबीयत उनकी खराब हो जाती है उसके बाद जो मुगल प्रिंसेस होते हैं उनके बीच में बैटल ऑफ सक्सेशन शुरुआत होती है जिसे हम बैटल ऑफ धर्मत के नाम से भी जानते हैं बैटल ऑफ धर्मत अगर हम बात करें तो अब यहां पे औरंगजेब चाहता है कि वह गद्दी पर बैठे तो औरंगजेब को मतलब औरंगजेब की पावर बढ़ रही थी वह लगातार अपने भाइयों से फाइट भी कर रहा था तो शाहजहां क्या करते हैं अपनी जो क्योंकि शाहजहां या जो भी पुराने मुगल बादशाह रहे हैं उनको राजपूतों ने हमेशा सपोर्ट किया है जोधा भाई के टाइम से अकबर के समय से तो यहां पर भी जो राजपूत अलाइड है या राजपूत आर्मी है वह शाहजहां को सपोर्ट करती है और शाहजहां अपनी आर्मी को भेजता है किसके लिए औरंगजेब की जो पावर है उसको सुप्रेस करने के लिए औरंगजेब को रोकने के लिए कि वो दिल्ली तक ना पहुंचे और गद्दी पर ना बैठे क्योंकि शह जहां चाहते हैं कि दिल्ली में दारा सको ही बैठे ठीक है और औरंगजेब तो ठान के बैठा है कि मैं ही गद्दी पर बैठूंगा इस तरीके से बातें हो रही हैं तो जसवंत सिंह जसवंत सिंह जो कि यूनाइट करते हैं अपनी राजपूत अलाइड फोर्सेस को और आपकी शाहजहां की जो इंपीरियल फोर्स है उनको एक साथ इकट्ठा करते हैं और औरंगजेब के खिलाफ यहां पर फाइट होती है तो यहां पर देखेंगे एक तरफ है औरंगजेब दूसरे तरफ है महाराजा जसवंत सिंह इनके बीच में जो बैटल हो रही है इसे ही हम बैटल ऑफ धर्मत पुर के नाम से जानते हैं 15th ऑफ अप्रैल 1658 में यह बैटल लड़ी जाती है ठीक है नेक्स्ट आता है बैटल ऑफ साबूगर यह बैटल भी कई बार एग्जाम में पूछी गई है बैटल ऑफ ुर गढ़ जो है वह दारा सिको और औरंगजेब के बीच में होती है नियर आगरा 1658 में जिसमें एक तरफ औरंगजेब होते हैं एक तरफ दारा सिको होते हैं बैटल फील्ड में और औरंगजेब दारा सिको को हरा देते हैं आगरा पहुंच जाते हैं शाहजहां को बंदी बना लेते हैं और खुद गद्दी पर बैठ जाते हैं क्लियर है तो बैटल ऑफ सामू गर याद रखना है दारा सिको जो कि औरंगजेब के भाई हैं और शाहजहां के बेटे हैं उनके बीच में ये बैटल हो रही है ठीक है चलिए अब औरंगजेब के बारे में थोड़ी सी और कहानी हम देखते हैं तो दक्कन का एरिया था क्योंकि औरंगजेब ने हमेशा साउथ की तरफ अपने कैंपस को अधिकतर रन किया है उनका मेन एजेंडा जो साउथ की टेरिटरी थ था उसको एनेक्स करना था लेकिन साउथ में अगर हम दक्कन का एरिया देखेंगे तो दक्कन में जो पावरफुल अगर हम सेना बाद करें या पावरफुल रूला रूल्स की बात करें तो वो मराठा थे ठीक है तो यहां पे औरंगजेब को डर था कि एक दकन के एरिया में मराठा एंपायर में आप देखेंगे या यहां पे अगर छत्रपति शिवाजी महाराज से वो काफी डरते थे कि छत्रपति शिवाजी जी महाराज अगर गद्दी पर बैठ गए उनका उनको अगर राज्याभिषेक करा दिया गया तो हमारे लिए बहुत समस्याएं पैदा हो जाएंगी तो यहां पर एक और कैंपेन एक और ट्रीटी के बारे में हमें जानकारी मिलती है व्हिच इज ट्रीटी ऑफ पुरंदर ट्रीटी ऑफ पुरंदर से पहले हम कुछ बैटल्स देखेंगे जो महाराणा प्रताप ने लड़ी है और उसके बाद ट्रीटी ऑफ पुरंदर को साइन किया है ठीक है यह बैटल एग्जाम में बन सकती है बहुत ज्यादा प्रोबेबिलिटी है इसका रीजन भी थोड़ी देर में मैं आपको बताती हूं क्यों ये क्वेश्चन इतना इंपॉर्टेंट है बैटल ऑफ प्रतापगढ़ तो बैटल ऑफ प्रतापगढ़ 1659 में लड़ा जाता है ठीक है प्रतापगढ़ जो टाउन है वह सतारा डिस्ट्रिक्ट ऑफ महाराष्ट्र में आपको देखने को मिलेगा एक तरफ मराठा किंग छत्रपति शिवाजी महाराज हैं और दूसरी तरफ है आदिल शाही जनरल अफजल खान तो अफजल खान और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच में जो बैटल होती है उसे हम बैटल ऑफ प्रतापगढ़ के नाम से जानते हैं इसमें अफजल खान की हत्या कर देते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज मतलब बैटल ऑफ प्रतापगढ़ किसने जीती है छत्रपति शिवाजी महाराज ने ने जीती और हत्या करने के लिए उनको मारने के लिए वो इस टाइगर क्लॉ का इस्तेमाल करते हैं जो कि लंदन के म्यूजियम में है और उे वापस इंडिया लाया जा रहा है तो ये करंट अफेयर्स का मुद्दा है और करंट अफेयर्स और स्टैटिक तो रिलेटेड होते हैं तो इसलिए ये बैटल आपको एग्जाम में पूछी जा सकती है क्लियर है उसके बाद शिवाजी महाराज जो है व सहि स्ता खान की जो फोर्सेस हैं उनको डिफीट करते हैं इसके बाद बीजापुर की आर्मी को डिफीट करने का काम 1659 में करते हैं सूरत जो कि इंपॉर्टेंट सिटी थी वेल्ज सिटी थी थी मुगल पीरियड में तो मुगल पीरियड के समय सूरत पर अटैक करने का काम भी छत्रपति शिवाजी महाराज करते हैं तो इसलिए यहां पर साइन की जाती है ट्रीटी ऑफ पुरंदर कब होती है 1665 में ट्रीटी ऑफ पुरंदर को साइन किया जाता है शिवाजी महाराज और राजा जयसिंह वन के बीच में और राजा जयसिंह वन जो है वो किसके रिप्रेजेंटेटिव हैं औरंगजेब के रिप्रेजेंटेटिव हैं मतलब आप कह सकते हैं एक तरीके से आपके छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब के बीच में एक ट्रीटी साइन हो रही है व्हिच इज ट्रीटी ऑफ पुरंदर कब हो रही 1665 में हो रही है और ट्रिटी ऑफ पुरंदर में यह डिसाइड होता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा जाकर औरंगजेब से मिलेंगे औरंगजेब से मिलेंगे और औरंगजेब के पास जब छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा पहुंचते हैं तो उनको धोखाधड़ी करके आगरा आगरा का जो फोर्ट होता है वहां पर कैप्चर कर लिया जाता है कैद कर लिया जाता है छत्रपति शिवाजी महाराज को यह कहानी आप जानना चाहते तो अगेन व बोलूंगी डिटेल वीडियो आपको हमारे कोर्स में मिलेगा कोर्स से आप इसे देख सकते हैं चलिए अब वापस से हम पहुंचते हैं अपने नॉर्थ इंडिया में ही अगेन बैटल ऑफ करनाल के बीच ठीक है अब यहां पर आप लोगों ने मोहम्मद शाह का नाम सुना होगा मोहम्मद शाह एकदम बढ़िया टाइप का राजा था कभी-कभी लड़कियों के अटायर में उनके कपड़े पहन के दरबार में आया करता था ठीक है वो उसकी मर्जी थी तो मोहम्मद शाह के समय दिल्ली पर हमला होता है नादिर शाह का यह वही नादिर शाह है जो कोहीनूर हीरे को अपने साथ ले गया था वही कोहिनूर हीरा जो कि पीकॉक थ्रोन में था और पीकॉक थ्रोन में कोहीनूर हीरा लगा हुआ था पीकॉक थ्रोन जिसको हम मयूर सिंहासन कहते हैं शाहजहां ने बनवाया था मैं उसी के बारे में बात कर रही हूं ये घटना है 1739 की तो 1739 में एक बैटल होता है जिसको हम कहते हैं बैटल ऑफ करनाल ये मोहम्मद शाह और नादिर शाह के बीच में लड़ा जाता है ओबवियस सी बात है नादिर शाह की यहां पे विक्ट्री होती है और नादिर शाह काफी ज्यादा जो ट्रेजरी होती है मुगल एंपायर की जिसमें कोहिनूर हीरा भी होता है वो लूटकर अपने साथ ले जाता है तो ये बैठ इंपोर्टेंट हो जाती है हमारे लिए ठीक है चलिए अब मुगलों की बात तो चल रही थी आपको भी पता है जब अकबर राजा हुआ करता था तो अकबर के समय ईस्ट इंडिया कंपनी का फॉर्मेशन हो चुका था लेकिन जहांगीर के समय ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आई थी क्योंकि जहांगीर अ मतलब अकबर की डेथ के बाद जब जहांगीर गद्दी पर बैठता है उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आती है ठीक है तो ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आ चुकी है और उसके पहले ही 1498 में पोर्तुगीज के लोग जैसे कि वस्को डिगामा के बारे में हम बात करते हैं तो पोर्तुगीज जो है वो भारत में ऑलरेडी हैं ट्रेडिंग करने के लिए दोनों आए हैं ठीक है अब यहां पे पोर्तुगीज पहले से हैं और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी आ गई है दोनों ट्रेड करना चाह रहे हैं तो दोनों के बीच में कॉन्फ्लेट तो होंगे दोनों के बीच में लड़ाइयां तो होंगी तो एक और इंपॉर्टेंट लड़ाई आपको देखने को मिलेगी जिसमें पोर्तुगीज की पावर एकदम खत्म कर दी गई थी बाय द ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी इसे हम बैटल ऑफ स्वाली के नाम से जानते हैं एक नेबल बेटल थी यह जो कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी एंड पोर्च पगज जो ईस्ट इंडिया कंपनी थी पोर्तुगीज जो कंपनी है उनके बीच में लड़ाई हो रही है 1612 में ठीक है ना सूरत सिटी के बाद स्वाली विलेज में य बैटल हो रही है 1612 में 1612 में पोर्तुगीज एंड ब्रिटिशर्स के बीच में ब्रिटिशर्स की विक्ट्री होती है पोर्तुगीज की हार होती है और पोर्तुगीज जो पावर है व सिमट कर रह जाती है और अगेन पावरफुल कौन हो जाते हैं ब्रिटिशर्स हो जाते हैं ठीक है चलिए नेक्स्ट बात करते हैं जैसे कि मैंने कहा कि पहले पोर्तुगीज आए फिर ब आए डच डेनिस और फिर लास्ट पे फ्रांसीसी भी भारत आते हैं तो एक और यूरोपियन कंपनी भारत में आती है जो कि होती है फ्रांस ईस्ट इंडिया कंपनी ये लोग भी भारत आ गए और भारत में आक ट्रेड करने लगे व्यापार करने लगे सब लोग अपनी टेरिटरी में व्यापार कर रहे थे कोई दिक्कत नहीं थी समस्या नहीं थे लेकिन ब्रिटिशर्स और फ्रांसीसी का एक और एजेंडा था कि ये लोग भारत में अगर बात करें तो रूल करना चाहते थे अपना पॉलिटिकल इन्फ्लुएंस भी चाहते थे तो इन लोगों ने राजाओं के मैटर में यू नो इंटरफेरेंस करना शुरू कर दिया इसके अलावा यूरोप में अगर आप देखेंगे तो यूरोप में ऑलरेडी ब्रिटेन फोर्ट्स और फ्रांसीसी फोर्स आपस में बैटल कर रही थी जिसको हम बैटल ऑफ सक्सेशन भी बोल सकते हैं या ऑस्ट ऑस्ट्रिया का वॉर कह सकते हैं तो ऑलरेडी वहां पर यूरोप में ब्रिटिशर्स और फ्रांसीसी लड़ रहे थे तो वो लोग जब भी वहां यूरोप में लड़ते थे ना तो ये लोग इंडिया में लड़ना शुरू कर देते थे मतलब यूरोप में कहीं लड़ाई हो रही है अगर ब्रिटिशर्स और फ्रांसीसी के बीच में तो इंडिया में भी ब्रिटिशर्स और फ्रांसीसी आपस में लड़ना शुरू कर देते थे तो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी एंड फ्रांसीसी कंपनी के बीच में जो बैटल्स हो रही हैं उन्हें हम कार्नेटिक वॉर के नाम से जानते हैं क्योंकि जो कार्नेटिक या कर्नाटका का वाला जो एरिया है वहां पर ये बैटल्स हो रही हैं इसलिए इन्हें इस नाम से जाना जाता है क्यों क्योंकि आप समझ ही चुके हैं दोनों ही अपने पावर को सेट अप करना चाहती थी पॉलिटिकल पावर को सेटअप करना चाहती थी इंडिया में ये इसका मेन रीजन है तो तीन बैटल्स होती हैं जिनमें से दो बैटल्स के रीजन जो है वो यूरोप है केवल और केवल एक ही बैटल है जिसका रीजन इंडिया में आपको मिलेगा जिसकी वजह से यह बैटल हो रही है क्लियर है तो इतनी चीजें हमें क्लियर हो गई कार्नेटिक वॉर बेसिकली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी एंड फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच में हुई है 1746 से 1763 के बीच का यह पीरियड माना जाता है ठीक है फर्स्ट वॉर सेकंड एंड थर्ड वॉर टोटल तीन बैटल्स हुई है ठीक है फर्स्ट कर्नाटक वॉर का जो कंक्लूजन है तो वो है ट्रीटी ऑफ एक्स ला चापल यह क्वेश्चन पूछा जाता है कि पहला कर्नाटका वॉर का कंक्लूजन क्या है या कौन सी ट्रीटी साइन की गई थी तो आंसर हो जाएगा ट्रीटी ऑफ एक्सला चापल सेकंड कर्नाटका वॉर का जो कंक्लूजन है वो है ट्रीटी ऑफ पुडी चरी या पॉन्डिचेरी एंड थर्ड कर्नाटका वॉर का जो कंक्लूजन है वो है ट्रीटी ऑफ पेरिस जैसा कि मैंने कहा ये तीन बैटल्स है जिनमें से दो बैटल्स के रीजन जो है वो यूरोप में यूरोप में जब ब्रिटिशर्स और फ्रांसीसी लड़ रहे हैं तो वो इंडिया में भी लड़ना शुरू कर रहे हैं तो फर्स्ट बैटल और थर्ड बैटल का जो रीजन है वो कहां है यूरोप में है इसलिए आप यहां जो ट्रीटी साइन हो र हैं वो भी यूरोप में होंगे इसलिए ट्रीटी ऑफ एक्सला चापल और ट्रीटी ऑफ पैरिस यूरोप में साइन हुई है केवल और केवल सेकंड जो बैटल है उसका रीजन आपको इंडिया देखने को मिलेगा इसलिए ट्रीटी इंडिया में ही साइन हो रही है जिसको हमने ट्रिटी ऑफ पोट चरी कहा है बात समझ में आई अब इनके बैटल्स के हम रीजंस को भी थोड़ा समझते हैं फर्स्ट बैटल आप देखेंगे 1744 से 1748 के बीच में लड़ी गई है ठीक है फर्स्ट बैटल का रीजन क्या था ऑस्ट्रियन वॉर ऑफ सक्सेशन कि ऑस्ट्रिया पे किसका अधिकार होगा वहां पे यूरोप में ब्रिटिशर्स फोर्स और फ्रांसिसी फोर्स आपस में लड़ाई कर रही हैं तो उसका रिजल्ट ये हुआ कि फ फ्रांस और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में भी लड़ाई करना शुरू कर दी 1746 में ठीक है इसके लिए क्या किया उस समय जो फ्रांसीसी गवर्नर थे वो थे डुप्ले फ्रांसीसी गवर्नर कौन है डुप्ले हैं और डुप्ले ने क्या किया जो पॉन्डिचेरी के गवर्नर थे फ्रेंच गवर्नर अ उस समय डुप्ले थे ठीक है डुप्ले पॉन्डिचेरी के फ्रेंच गवर्नर थे और उन्होंने संदेश भेजा उन्होंने संदेश भेजा किसे मोरिशियस के गवर्न नर को कि अपनी नेवल फोर्सेस लेकर आओ और नेवल फोर्सेस लेकर आप मद्रास को कैप्चर कर लो और मद्रास अगर हम बात करें तो उस तरीके से एक तरीके से ब्रिटिश अ इन्फ्लुएंस में था ठीक है तो मद्रास को कैप्चर करने का काम डुप्ले ने किया डुप्ले जो कि फ्रांसिसी गवर्नर है पुदुचेरी या पॉन्डिचेरी में 1746 में इससे जो नवाब थे कार्नेटिक के नवाब उनका नाम है अनवर उद्दीन उनको यह बात पसंद नहीं आए कि किस तरीके से पॉन्डिचेरी या फिर जो फ्रांसिसी गवर्नर है उन्होंने अटैक करके हमारे मद्रास को सीज कर लिया कैचर कर लिया तो नवाब जो थे वोह नाराज हो गए और इन्होंने अपनी फोर्सेस को भेजा डुप्ले से लड़ने के लिए तो डुप्ले से लड़ने के लिए इन्होंने अपनी फोर्सेस को भेजा यह जो लड़ाई हो रही है अब फ्रांस अ की जो आर्मी है या फ्रांस ईस्ट इंडिया कंपनी की जो आर्मी है और दूसरी तरफ जो है अनवर उद्दीन की सेना है जिसको सपोर्ट मिल रहा है ब्रिटिशर्स का तो यह बैटल लड़ी जा रही है कहां पे सेंट थॉम में तो इसे बैटल ऑफ सेंट थमे भी कहा जाता है बैंक ऑफ द रिवर आर्डिया रिवर आर्डिया के किनारे ये बैटल लड़ी जा रही है जिसमें अनवर उद्दीन की जो आर्मी है वो डिफीट होती है और फ्रांस की जो आर्मी है वो सक्सीडेंस हो जाता है तो वो लोग वहां पे लड़ना बंद करते हैं ना तो ये लोग यहां पे लड़ना बंद कर देते हैं ठीक है चलो लड़ाई बंद हो गई है अब रिजल्ट क्या था तो फर्स्ट कर्नाटका वॉर में जो रिजल्ट निकला वो है ट्रीटी ऑफ एक्सला चापल ठीक है इसमें क्या फैसला लिया गया तो जैसा कि मैंने कहा कि जो डुप्ले था फ्रांसिसी गवर्नर था उसने मद्रास की टेरिटरी को कैप्चर कर लिया तो बोला गया कि आप मद्रास वापस ब्रिटिशर्स को लौटा दो मद्रास आप वापस ब्रिटिशर्स को लौटा दो बदले में जो लुईस बर्ग है नॉर्थ अमेरिका का हम आपको दे देते हैं तो लुईज बर्ग नॉर्थ अमेरिका का फ्रांसीसी के पास चला गया और मद्रास वापस से ब्रिटिशर्स के पास चला गया यह ट्रीटी साइन हुई थी 1748 में जो कि रिजल्ट है फर्स्ट कार्नेटिक वॉर का जिसे हम ट्रिटी ऑफ एक्स ला चापल के नाम से जानते हैं बात समझ में आ गई ठीक है तो फर्स्ट कर्नाटका वर का रीजन देश के बाहर है यूरोप में है तो ट्रिटी भी जो साइन हो रही है वह यूरोप में साइन हो रही है चलिए अब बात कर लेते हैं हम यहां पर सेकंड बैटल के बारे में ठीक है बैटल ऑफ अडर भी बोला जाता है बैटल ऑफ सें थोम भी बोला जाता है इसे ठीक है और यहां पर जो ट्रीटी साइन हो रही है वो एक्सला चापल की हो रही है मद्रास ब्रिटिशर्स को दे दिया फ्रांसीसी को लुईस बर्ग दे दिया मैटर खत्म डन नेक्स्ट है सेकंड कर्नाटक वर जो कि 17 48 से 1754 के बीच में लड़ी गई है जैसा कि आपको पता है कि औरंगजेब जो था वो लास्ट पावरफुल रूलर था मुगल सतत का और औरंगजेब की डेथ के बाद जो इनके आपके सामंत थे या इनके जो गवर्नर थे वो इंडिपेंडेंट होना शुरू हो गए मतलब इंडिपेंडेंट किंगडम अब आपको ज्यादा देखने को मिलेंगे कोई सेंट्रलाइज पावर अब भारत पर रह नहीं गई है ठीक है तो इस समय आपको दो एरिया देखेंगे एक है हैदराबाद और दूसरा है आपका कार्नेटिक रीजन तो हैदराबाद के निजाम हुआ करते थे थे और कर्नाटक में नवाब हुआ करते थे तो इस एरिया में आपको नवाब मिलेंगे यहां पर आपको मिलेंगे निजाम ठीक है तो हैदराबाद में निजाम अगला निजाम कौन होगा और कर्नाटका में अगला नवाब कौन होगा तो यहां पर अगेन एक बैटल शुरू हो रही है बैटल ऑफ सक्सेशन ही है कि अगला नवाब या अगला निजाम कौन बनेगा तो इसमें फ्रांसीसी और ब्रिटिशर्स का कोई लेना देना नहीं था ये तो इन दोनों की आपस का घर का मामला था हैदराबाद में अगला निजाम कौन है तो भाई आपस में लड़ो डिसाइड करो वैसे ही कर्नाटका के एरिया में अगला नवाब कौन होगा आपस की लड़ाई थी लेकिन इसमें जबरदस्ती ब्रिटिशर्स और फ्रांसीसी फोर्सेस शामिल हो गई इसलिए इसे नाम दिया जाता है सेकंड कर्नाटिक वॉर क्लियर है इतनी चीजें अब यहां पे जो लोग इवॉल्वड हैं उनको हम देखेंगे तो यहां पे जो कार्नेटिक एरिया है इसकी कैपिटल है आर कोट इसकी कैपिटल क्या है कैपिटल है आर कोट यहां पर मोहम्मद अ मोहम्मद अली और चंदा साहेब इवॉल्वड है जो कि नवाब बनना चाहते हैं कर्नाटक एरिया का फिर हैदराबाद के निजाम की बात करें तो मुजफ्फर जंग और नासिर जंग मुजफ्फर जंग और नासिर जंग ये य दो व्यक्ति है जो हैदराबाद के निजाम बनना चाहते हैं तो एक तरफ नवाबों की बात है और एक तरफ निजाम की बात है ठीक है कहानी ऐसी थी जो हैदराबाद का निजाम था आसफ शाह उसकी डेथ हो जाती 1748 में और जब 1748 में उनकी डेथ हो जाती है तो अब लड़ाई होती है मुजफ्फर जंग और नासिर जंग के बीच में मुजफ्फर जंग जो कि सन होता है किसका आसफ शाह का और सॉरी नासिर जंग जो कि सन है बेटा है आसफ शह का और वही मुजफ्फर जंग जो कि ग्रैंड सन है आसफ का तो मुजफ्फर जंग और नासिर जंग के बीच में लड़ाई होती है कि अब हैदराबाद का निजाम कौन बनेगा तो दो पार्टी हो गई एक मुजफ्फर जंग की और एक नासिर जंग की सेम टाइम पे सेम पीरियड पे जो नवाब ऑफ कर्नाटक होते हैं दोस्त सली इनकी भी डेथ हो जाती है और जब इनकी डेथ हो जाती तो अब प्रॉब्लम आ जाती है कि अगला नवाब कौन बनेगा अगला नवाब कौन बनेगा तो एक तरफ है अनवर उद्दीन और दूसरी तरफ है चंदा साहिब इनके बीच में लड़ाई हो रही है ठीक है एक तरफ है अनवर उद्दीन और दूसरी तरफ कौन है चंदा साहिब है डन तो आपको दोनों तरफ दो-दो फोर्सेस या दो-दो लोग दिख रहे हैं तो मुजफ्फर जंग और चंदा साहेब मतलब हैदराबाद के निजाम के लिए मुजफ्फर जंग और नवाब के लिए चंदा साहिब को सपोर्ट कर रही है फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी ठीक है वहीं अगर हम बात करें नासिर जंग और मोहम्मद अली या फिर आप कह सकते हैं अनवर उद्दीन क्योंकि अनवर उद्दीन की डेथ हो जाएगी अभी कुछ देर बाद हम डिस्कस करेंगे और अनवर उद्दीन की बाद रेस में आ जाते हैं मोहम्मद अली तो इनको सपोर्ट कर रही है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी मतलब इनके घर का मामला था चंदा साहेब और अनवर उद्दीन के घर का मामला था मुजफ्फर जंग और नासिर जंग के घर का मामला था लेकिन एक घर का मामला विदेशों में पहुंच गया एक को सपोर्ट कर रही है फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी और एक को सपोर्ट कर रही है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी इसलिए इसको नाम दिया गया है सेकंड कार्नेटिक वॉर क्लियर है इतनी चीजें डन चलिए अब यहां पर एक बैटल होता है व्हिच इज अ बैटल ऑफ आमू ठीक है तो ये इस बैटल को भी आप ध्यान रखना चाहे तो रख सकते हैं बैटल ऑफ आमू 1749 में यह बैटल होता है अनवर उद्दीन और चंदा साहिब के बीच में बैटल होता है अनवर उद्दीन की डेथ हो जाती है और चंदा साहिब की विक्ट्री होती है और फिर अनवर उद्दीन की जगह अब उनका बेटा मोहम्मद अली जो है वह कहेगा नहीं पापा को तो आपने मार दिया अब गद्दी पे मैं बैठूंगा इसलिए एक तरफ अब चंदा साहिब हो गए हैं और एक तरफ मोहम्मद अली चंदा साहिब को सपोर्ट कर रही है फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी और मोहम्मद अली को सपोर्ट कर रही है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ठीक है और जब अनवर उद्दीन को मार दिया जाता है तो चंदा साहेब खुद को नवाब ऑफ कर्नाटका डिक्लेयर कर देते तो चंदा साहेब ने नवाब अपने आप को डिक्लेयर कर दिया है क्लियर है सिमिलर अगर हम बात करते हैं हैदराबाद के निजाम के बारे में एक तरफ नासिर जंग है दूसरी तरफ मुजफ्फर जंग है तो फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी अगर आप देखेंगे अगेन इस मैप को जाओ फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी मुजफ्फर जंग को सपोर्ट कर रही है मुजफ्फर जंग को सपोर्ट कर रही है और जितवा देती है नासिर जंग को मार दिया जाता है तो हैदराबाद का निजाम कौन बन जाता है मुजफ्फर जंग बन जाता है तो दोनों तरफ एक तरीके से विक्ट्री कि किसकी हुई है फ्रांस ईस्ट इंडिया कंपनी की हुई है ना क्योंकि चंदा साहेब को जिता के कर्नाटक का नवाब बना दिया यहां पे मुजफ्फर जंग को जिता के नवाब निजाम बना दिया हैदराबाद का तो दोनों तरफ से फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की विक्ट्री होती है लेकिन उसी समय रॉबर्ट क्लाइव रॉबर्ट क्लाइव को बुलाया जाता है बाय द ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और रॉबर्ट क्लाइव आते हैं रॉबर्ट क्लाइव जब आते हैं तो जो कार्नेटिक एरिया की जो कैपिटल होती है आर कोट उस आर कोट में अटैक कर देते हैं और चंदा साहिब जो कि कना की नवाब बनके बैठी उनको बैठे हुए हैं चंदा साहिब उनको गद्दी से हटा देते हैं चंदा साहिब को गद्दी से हटा दिया और मोहम्मद अली को गद्दी पर बिठा दिया किसने रॉबर्ट क्लाइव ने मतलब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसलिए रॉबर्ट क्लाइव को एक टाइटल दिया गया हीरो ऑफ आर कोट क्लियर है हीरो ऑफ आर कोट बात समझ में आई तो आपने देखा कि निजाम कौन बन गया है मुजफ्फर जंक विद द हेल्प ऑफ फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी और कर्नाटक का नवाब कौन बन गया है आंसर हो जाएगा मोहम्मद अली विद द हेल्प ऑफ रॉबर्ट क्लाइव जिनको कहा है हीरो ऑफ आर कोट लेकिन अब यहां पे फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी जो बैठी हुई है फ्रांस में वो नाराज हो गए कि भाई तुम ये क्या कर रहे हो तुमको हमने व्यापार करने भेजा है तुम तो पॉलिटिकल एक्टिविटी में इवॉल्व हो गए लोगों के घर के मामले सुलझाने लगे तो डुप्ले को वापस भेज दि बुला लिया डुप्ले को वापस बुला लिया और डुप्ले की जगह अगला जो फ्रांसीसी गवर्नर आया वो है गोदी यू ठीक है अगला फ्रांसिसी गवर्नर आपको देखने को मिलेगा इसका रिजल्ट क्या होता है इसका रिजल्ट ये होता है कि ट्रिटी ऑफ पॉन्डिचेरी साइन होती है 1754 में ट्रिटी ऑफ पॉन्डिचेरी साइन होती है 1754 में और इस ट्रिटी में कहा जाता है कि जो है वो फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी हो या ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी हो किसी भी प्रिंसली स्टेट में किसी भी राजा महाराजाओं के इंटरनल इंटरनल जो अफेयर्स होते हैं उसमें इंटरफेयर नहीं करना है इंटरनल मामला है उनका वो सुलझा लेंगे यह बात यहां पर आपको देखने को मिलेगी ठीक है नेक्स्ट आ है थर्ड बैटल थर्ड कर्नाटिक वॉर जो कि 1756 से 1763 के बीच में होता है 1756 से 1763 के बीच में यह बैटल लड़ा जाता है अगेन ये जो बैटल है वो यूरोप में उन लोगों ने सेवन ईयर वॉर शुरू हुआ है ना सेवन ईयर का वॉर यूरोप में शुरू हुआ तो इ लोग यहां पर भी लड़ने लगे अगेन ठीक है अब उससे फ्रांसीसी जो गवर्नर है वो है काउन डे लाली ठीक है फ्रांसीसी गवर्नर कौन है काउन डे लाली है जिन्होंने सेंट डेविट फोर्ट को कैप्चर कर लिया है क्लियर तनी चीजें नेक्स्ट बात करते हैं अगेन फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी मद्रास को अटैक करती है मद्रास को कैप्चर करने की कोशिश करती है और मद्रास अगेन जो टेरिटरी है वो किसकी है एक तरीके से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की है ठीक है तो जब मद्रास को अटैक करती है फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी तो ब्रिटिशर्स भी कैप्चर कर लेते हैं हैदराबाद को क्योंकि हैदराबाद का निजाम तो किसने बनाया है फ्रेंच लोगों ने बनाया है मतलब इनडायरेक्टली तरीके से जो हैदराबाद का एरिया है उसम फ्रांसीसी का कंट्रोल है तो फ्रांस की टेरिटरी फ्रांस कैप्चर करता है मद्रास को और ब्रिटिशर्स कैप्चर करते हैं हैदराबाद को यह बात यहां हो जाती है ठीक है अब यहां पर एक और बैटल होती है जो कि लीड करते हैं सर आयर कूट सर आयर कूट ब्रिटिश जनरल है सर आयर कूट कौन है सर आयर कूट यहां पर देखेंगे ब्रिटिश जनरल है और इन्होंने फ्रेंच फ्रांसीसी जो गवर्नर है उनको डिफीट किया है बैटल ऑफ बंडी वॉश में तो बैटल ऑफ बंडी वॉश जो है वो 1760 में होती है 1760 में यह बहुत इंपॉर्टेंट बैटल है क्वेश्चन एग्जाम में बनता है कि बताइए कि कौन सी ऐसी बैटल थी जिसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को बहुत पावरफुल कर दिया था और फ्रांसी कंपनी की जो पावर थी वह खत्म कर दी थी तो आंसर हो जाएगा बैटल ऑफ बंडी वश बैटल ऑफ बनडी वॉश जो है वो 1760 में हो रही थी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से तो फ्रांसीसी इस कंपनी की तरफ से जो गवर्नर था वह काउंट दिलाली और बुशी थे और यहां पे जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का गवर्नर है वह सर आयर कूट है इसके बाद क्या होता है 1761 में काउंट लाली जो है वह सरेंडर कर देते हैं और पॉन्डिचेरी भी जो है बचा हुआ एरिया वो भी ब्रिटिशर्स के पास चला जाता है अब रिजल्ट क्या होगा तो रिजल्ट ये होता है एक ट्रीटी साइन होती है व्हिच इज ट्रीटी ऑफ पेरिस 1763 में एक ट्रिटी साइन होती है जिसको हम ट्रिटी ऑफ पेरिस कहते हैं इस ट्रिटी के बाद जो पॉन्डिचेरी का एरिया ब्रिटिशर्स ने ले लिया है वापस फ्रांसीसी को दे देते हैं पांडिचेरी करेकल चंद्रगांधी आपको ट्रेडिंग करनी है आप फोर्टिफिकेशन नहीं करोगे किलाबंदी नहीं करोगे सेना नहीं रखोगे ठीक है तो फ्रांसीसी के पास तो कोई अब है ही नहीं ना कि क्या काउंटर करें तो फ्रांसीसी बोलते हैं ठीक है हम केवल ट्रेड करेंगे हम कोई सेना नहीं रखेंगे हम ना ही फोर्टिफिकेशन करेंगे तो इस तरीके से फ्रांसीसी जो है वो अपनी पावर को लॉस्ट कर देते हैं और ब्रिटिशर्स वापस से पावरफुल हो जाते हैं क्लियर है और यही वॉर है यही बैटल है जो आगे 100 सालों तक ब्रिटिशर्स को मदद करेगा कि अब भाई कोई नहीं है तो मैं टक्कर देने के लिए 100 सालों तक 200 सालों तक ब्रिटिशर्स अब भारत पे रूल करने वाले हैं क्योंकि इसके बाद ऐसी कोई मेजर लड़ाई होगी ही नहीं जिसमें ब्रिटिशर्स को इतना यू नो स्ट्रगल करना पड़े यहां से वह बहुत पावरफुल हो गए हैं तो इस तरीके से ये कार्नेटिक वॉर लड़ी गई एक बार हम रिवीजन कर लेते हैं तो फर्स्ट रीजन क्या था ऑस्ट्रिया वॉर ऑफ सक्सेशन था इसके अंतर्गत आपको बैटल ऑफ सेंट थॉम या फिर बैटल ऑफ अडर देखने को मिली और ट्रिटी साइन हुई एक्स ला चापल जिसमें मद्रास जो है वो ब्रिटिशर्स को दे दिया गया लुईस बर्ग फ्रांसिसी इस के हाथ आया सेकंड कर्नाटक बार जो था वो निजाम और नवाब जो कर्नाटक के नवाब थे और हैदराबाद के निजाम थे उनके सक्सेशन का बैटल था ठीक है इसमें आपको एक इंपॉर्टेंट बैटल देखने को मिलेगी बैटल ऑफ आमेर जिसमें अनवर उद्दीन की डेथ हो जाती है राइट और यहां पे जो डुप्ले था फ्रांसिस गवर्नर उसको वापस बुलाया जाता है और नया गवर्नर गोदी हू आपको देखने को मिल जाएगा ठीक है ट्रीटी ऑफ पॉन्डिचेरी साइन हो गई ओके थर्ड कर्नाटक वॉर जो है वो सेवन ईयर वॉर जो है यूरोप में शुरू हुआ था उसके परिणाम स्वरूप भारत में इन लोगों ने लड़ना शुरू किया इसमें आपको ट्रीटी ऑफ पेरिस साइन की गई थी और फ्रांसिसी जो गवर्नर थे वो बैटल ऑफ बंडी वॉश में हार गए थे और पावरफुल कौन हो गए थे ब्रिटिशर्स हो गए थे तो इस तरीके से ये पूरी बैटल्स लड़ी गई हैं तीनों बैटल को मैंने कंक्लूजन आपको ये समझ में आया होगा क्लियर है अब हम आगे बात करने वाले हैं बैटल ऑफ मैसूर मतलब एंग्लो मैसूर वॉर के बारे में एंग्लो सिख वॉर एंग्लो मराठा वॉर ये बातें अभी बची है तो नेक्स्ट वीडियो में हम इन सबको भी डिस्कस कर लेंगे उसके बाद हमारी ये जो सीरीज है ना इंपॉर्टेंट बैटल्स ये खत्म हो जाएगी तो दो वीडियो हो गए हैं थर्ड वीडियो बहुत जल्दी आपके लिए लेकर आएंगे तब तक अपना ध्यान रखेंगे टेक केयर एंड बाय-बाय