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History and Development of Computers

नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है और आरारबी एंटी पीसी का यहाँ पे जो क्लासे चल रही है उसमें अब जो स्टार्ट होने वाला पार्ट है वो कंप्यूटर का पार्ट है उसमें कंप्यूटर से रिलेटिड जो भी आपके क्वेश्चन्स आते हैं पांच या छे क्वेश्चन्स जो आपके आते हैं उनके बारे में हम डिस्कस करेंगे और ये जो कंप्यूटर का जो पार्ट है ये आपके RRB का NTPC में और आपका जो और भी अदर एक्जाम होते हैं Railways के अदर एक्जाम होते हैं जितने भी एक्जाम होते हैं Bank PO का एक्जाम होता है इसके अलावा सूचना साहेक परिक्षा होती है इसके अलावा Junior Accountant जो होता है वो और जितने भी एक्जाम आपके होते हैं इवन RAS का जो पेपर होता है या जितने भी गवर्मेंट के Competition एक्जाम होते हैं सब में कहीं ना कहीं कंप्यूटर के questions पूछे जाते हैं और कंप्यूटर का आपके बल एकजाम से मीनिंग नहीं है कंप्यूटर जो है वह रियल लाइफ में भी हमारे बहुत ज्यादा काम आता है और आजकल आप देख रहे हैं कि ऑनलाइन का एक योग है और ऑनलाइन के जमाने में सारी चीजें ऑनलाइन है तो बेसिक नॉलेज हर किसी को होना चाहिए इसलिए आज जो स्टार्ट करने वाले हैं हम कंप्यूटर पार्ट स्टार्ट करेंगे और देखिए अभी तक जो आपका यह जो चाहिए क्लासेट चल रही थी आपकी आरबी एंटी पीसी की मैच की ओर रिजनिंग की तो मैं अ दन्यवाद देना चाहूंगा महिंद खंडेलवाल सर को कि उन्होंने बहुत ही अच्छी मेहनत से और बहुत ज्यादा अच्छी आज एडिकेशन आप तक पहुंचाई है कोरोना काल में फ्रीली आपको ऑनलाइन एडिकेशन आपको आपके पास में पहुंचाई है और बहुत ज्यादा बेनिफिशल होगी आपके लिए काफी मेहनत उन्होंने की है और उनकी टीम ने तो मैं सबसे पहले उनको हैं और निश्यत ही आप आपको जिन लोगों ने कंप्यूटर पढ़ रखा है जिन्होंने नहीं पढ़ा है उनको कुछ ना कुछ नया सीखने को जरूर मिलेगा और इस कंप्यूटर वाले पार्ट के बाद में आपका जो लेवल है कंफिडेंस का कि कंप्यूटर जो लोग यह कहते हैं यह हमारे कभी-कभी क्या होता है कहीं-कहीं गलतियां भी होती है तो वह सारा मेटर आपको आज यहां पर और मैं M.Tech Computer Science से काफी साल से Computer Teaching में जुड़ा हुआ हूँ तो स्टार्ट करते हैं सबसे पहले हम क्या करते हैं Computer के बारे में हम सबसे First Session जो है हमारा उसमें हम Computer Introduction के बारे में हम बात करते हैं कि Computer की History क्या है Computer की Generation क्या है Computer कहां से आया कब आया काफी सारे Student जिनोंने B.Tech कर लिया MCA कर लिया उनको ये पता नहीं होता है कि इंडिया में Computer कब आया कब से स्टार्टिंग हुई सुपर कंपीटर कब आया भारत ने अपना पहला कंपीटर कब बनाया कंपीटर साक्षर्ट दवस कम बनाया जाता है आईटी एक्ट कब आया तो ऐसे काफी सारे क्वेश्चंस कंपनीशन के एग्जाम में आते हैं देखिए कंपीटर जो है वह आज के जमाने में बहुत ही आवश्यक है और मैं कोशिश करूंगा कि बिल्कुल जीरो लेवल से बिल्कुल लोग लेवल बिल्कुल जीरो लेबल से आपको समझाऊंगा जहां से बेसिक जिसे कहते हैं धरातल से बात करूंगा ठीक है ना और टेक्निकल पार्ट जो होता है वह इंग्लिस में चलता है तो इंग्लिस हिंदी दोनों को मिक्स करके हम चलेंगे चलिए स्टार्ट करते हैं तो सबसे पहले हम बात करते हैं इंटरडक्शन ऑफ कंप्यूटर होता क्या है देखिए करना स्टार्ट हुआ कौन-कौन से कंप्यूटर की पीड़ियां आई कंप्यूटर भारत में कब आया अ कि इंडिया में कंप्यूटर कब आया कहां पर लगाया वर्ड में कंप्यूटर की स्टार्टिंग कब से हुई ठीक है ना यह सारी चीजें हम पढ़ने वाले हैं तो सबसे पहले हम स्टार्ट करते हैं कि कंप्यूटर होता क्या है तो देखिए कंप्यूटर जो है वह एक सिस्टम होता है कंप्यूटर क्या है एक सिस्टम है सिस्टम का मीन्स होता है कि बहुत सारे छोटे-छोटे पार्ट्स को मिला करके एक हम ऐसे चीज बनाएं जिससे हमारे उद्देश्य की प्राप्ति हो उसे हम बोलते हैं सिस्टम कहते हैं जैसे हम लोग बाइक चलाते हैं अ है तो बाइक में क्या होता है वील होता है फ्रंट वील होता है रियल होता है चैसेस होता है उसका सीट होती है और इसका एंजन होता है सारे पार्ट्स को जोड़ जाड़कर हम क्या करते हैं बाइक बना देते हैं अब हमारा टारगेट है हमारा उद्देश की प्राप्ति हो रही है कि हम इधर से उधर कहीं भी आप पास में आ जा सकते हैं तो ऐसे ही इसे हम क्या बोलते हैं monitor बोलते हैं जिससे कोई भी output हमें user इस पर देख सके इसके अलावा फिर हमारे पास में keyboard और एक mouse होता है जो कुछ भी हम चाहते हैं वो input करा सकते हैं किसमें इस machine में तो input कराने के लिए हमारे पास में keyboard और mouse होता है अब जो कुछ भी हमने input कराया उसको process करना है तो उसके लिए हमारे पास में क्या होता है CPU होता है तो तीन तरह की device जो है हम इनको सबको जोड़ करके इस पूरे system को हम क्या बोलते हैं computer system कहते हैं अकेला monitor computer नहीं होता है अकेला CPU computer नहीं होता है अकेला keyboard mouse computer नहीं होता है इस पूरे system को हम क्या बोलते हैं computer system बोलते हैं ठीक है computer system का means क्या है कीबोर्ड माउस मॉनिटर सीपियू सबको मिलाकर हम बोलते हैं कंप्यूटर सिस्टम अब हमारे उद्देश्य की प्राप्ती हो रही है कीबोर्ड माउस से हम इनपूट कर रहे हैं सीपियू उसको प्रोसेस कर रहा है और मॉनिटर उसको क्या कर रहा है आपके रिजल्ट को द कि ठीक है सूचना हो गई तो इसकी डेफिनेशन की हम बात करते हैं कंप्यूटर एक एलेक्ट्रोनिक यंत्र है इट ए एलेक्ट्रोनिक डिवाइस यह एक क्या है एलेक्ट्रोनिक यंत्र है जो उपयोग करता से मींस किससे हमसे यूजर से डेटा एवं निर्देशों को इनपुट की रूप में प्राप्त करता है उस पर एक प्रोसेस करता है और आउटपुट प्रदान करता है आपने मालिजे क्या किया आपने लिखा 2 प्लस 2 है अब आपको रिजल्ट मिला कितना फोर तो टू और टू जो है यह क्या है यूजर ने इनपुट किया तो यह क्या हो गया हमारा यह डेटा है डेटा का मीन्स होता है रॉ फैक्ट्स फिगर्स जो होते हैं कच्चा माल जिसे हम कहते हैं आंकड़े जो होते हैं वह क्या कहलाता है डेटा कहलाता है तो टू और टू क्या हो गया यह डेटा हो गया अब सीपी उन्हें क्या किया इसको जोड़ना है एडिशन करना है इसका तो प्लस किया तो यह क्या हो गई प्रोसेस हो गई और इसके बाद वो क्या हो गया अपना 4 इट मीन्स ये क्या हो गई सूचना हो गई इनफॉर्मेशन हो गई कि 2 और 2 को अगर हमने प्लस किया एड किया तो हमारा कितना आता है 4 आता है तो ये एक ऐसी एलेक्टोनिक मसीन है जो उप्योग करता से डेटा लेती है और लेने के बाद ठीके ना तो बिलकुल इजी है कुछ नहीं इसमें ज़्यादा ये समझना है कि हम लोग input करते हैं उसको computer CPU process करता है और monitor पर उसको दिखा देता है तो ये एक electronic device है जो user से input के रूप में data लेता है उस पर process करता है और उसको output के रूप में हमें दिखाता है computer सब्द जो है वो अंग्रेजी भासा के compute सब्द से लिया गया है कि computer सब्द जो है वो किस सब्द से लिया गया है तो ये हमें ध्यान रखना होता है हमारे पास में सारा मेटर गूगल पर पड़ा हुआ है मार्केट में बहुत सारी बुक्स पड़ी हुए हम लोग क्यों वीडियो देखते हैं क्यों कोचिंग जाते हैं वह इसलिए जाते हैं कि हमें एक्सपर्ट टीचर मिले और वह हमें यह बता दे कि इसमें से कितना पढ़ना है और क्या पढ़ना है और किस लेबल तक पढ़ना है तो आपको वह ध्यान देना है कि एक्जाम में क्या-क्या पूछा जा सकता है तो यहां पर हम बात करते हैं कि कंप्यूटर सब्द की उत्पति अंग्रीजी भाषा के कंप्यूट सब्द से हुई एक्जाम में क्वेश्चन आ सकता है कि कंप्यूटर भाषा की उत्पति अंग्रीजी उत्पति कंप्यूटर सब्द की उत्पति निम्न में से किस भाषा के सब्द से हुई अंग्रेजी भाषा ग्रीग भाषा राजिस्थानी भाषा डूनानी भाषा तो आपको क्या करना है अंग्रेजी भाषा से दूसरा क्वेश्चन इसमें हो सकता है कि कंप्यूटर सब्द जो है वह किस सब्द से मिलकर के बना है कंप्यूट सब्द से कैलकुलेट सब्द से ठीक है ना कि कंप्यूटर जो है वह अंग्रेजी भाषा के अ कंप्यूट सब्दे से इसकी उत्पत्ति हुई है अब देखिए कंप्यूटर जो है वह सबसे पहले कंप्यूटर जो बना वह सबसे पहले क्या हुआ था गणन यंत्र बने थे सबसे पहले हम यह सोचते हैं यह पढ़ाई एग्जाम की मतलब से भी जरूरी है और वैसे भी हमें आना चाहिए कि कंप्यूटर बना कैसे तो कभी-कभी हमारे मन में सवाल आता है कि आधुनिक कंप्यूटर जो आजकल चल रहा है उसकी उत्पत्ति हुई कैसे बना वह तो आज से 2500 वर्ष पहले पच पचीज सो बर्स पहले क्या था कि चाइना में एक गणन यंत्र का अविशकार किया गया और उस गणन यंत्र का नाम था अबेकस सबसे पहले उस टाइम पर जब कोई कंपीटर नहीं होता था कोई कैलकुलेटिंग डिवाइस नहीं थी कुछ भी नहीं था बिलकुल जीरो मान एक इस तरह से एक फ्रेम होता था लकडी का और उस पे लकडी के फ्रेम में इस तरह से ऐसे तार होते थे और उन पे कुछ क्या होता था बीट्स लगे होते थे जैसे छले टाइप में जो होते हैं वो लगे रहते अब इनको गिन करके वो क्या करते थे कैलकुलेटिंग करते थे यह जो एक फ्रेम होता था लकडी का अब एक उस टाइम पर था तो उसमें क्या होता था एक लकडी का फ्रेम होता था और उस पर ऐसे कुछ तार होते थे और उन पर क्या होते थे कुछ बीट्स होते थे छले टा आपने देखा होगा कि अबेकस में आए और बच्चों को कंप्यूटर से भी तेज बनाएं तो वहां पर क्या होता है इस यंत्र को बच्चों को दे दिया जाता है और उनसे कैलकुलेशन करना सिखाया जाता है कुछ टाइम बाद जब बच्चों के दिमाग पर ये यंत्र छ� तेजी से calculation करने में use किया जाता है, इसका उपयोग किया जाता है, दूसरा क्या है, नेतरीहीन लोग जो होते हैं, उनको गणणा सिखानी है, तो देखिए नेतरीहीन लोग देख तो सकते नहीं है, तो वो क्या करते हैं, इस device को उनको दे दिया जाता है, तो वो touch करके कितने छ तो नेत्र ही लोगों को गणना सिखाने के लिए और छोटे बच्चों को तेजी से कल्कुलेशन सिखाने के लिए आजकल इस यंतर का उपयोग किया जाता है अबेकस जो है इसका आविशकार किया गया था 1602 में ठीक है 1602 तो कहां पे किया गया था चीन में किया गया था अब ये question कैसे पूछा जाता है इसमें से निम्न में से सबसे पहला गणन यंतर था ठीक है निम्न में से सबसे पहला गणन यंतर कौन सा था तो सबसे पहला गणनियंत्र कौन सा था अबेकस का आविशकार निम्न में से कहां पर हुआ था चीन में जापान में भारत में पाकिस्तान में तो कहां पर हुआ था चीन में हुआ था ठीक है सोला सदो वाला जो सवाल है ये आपसे नहीं पूछा जाता है मैक्सिमम टाइम ये नहीं पूछा जाता कि कब हुआ था ये पूछा जाता है कि कहां पर हुआ था तो चीन में हुआ था और ये क्या है सबसे पहला गणनियंत्र था सर प्रथम जो गणनियंत्र था वो कौन सा थ अबेकस था वेरी इंपोर्टेंट क्योंकि यह सवाल पूछा जाता है कि निम्न में से सबसे पहला गणनियंत्र कौन सा था ठीक है तो सबसे पहला गणनियंत्र कौन सा था अबेकस था नेक्स्ट इसके बाद में इसका आविशकार किसने किया था टिम क्रेमर ने किया था तो टिम क्रेमर जो है उन्होंने इसका आविशकार किया अब इसके बाद में फिर पूछा जाता है कि अब एक जो है वह किस भाषा के सब्द से बना है तो अब एक जो है वह किस भाषा के सब्द से बना है ग्रीक भाषा के सब्द से बना है ठीक है यह ध्यान लखें अब एक जो ह abex का meaning क्या होता है? abex का meaning होता है calculating board तो इसमें से आपकी तीन question बनते हैं abex किस भासा के सब्द से लिया गया है? तो कौन सी भासा है? ग्रीक भासा किस word से लिया गया है? abex word से लिया गया है abex का meaning क्या होता है? abex का meaning होता है calculating board means गडण बोर्ड गडण जो बोर्ड होता है वो होता है तो एक line में से आपके तीन question यहां से बन जाते हैं कि अबेकस किस भाषा के सबसे लिया गया है ग्रीक भाषा से इसका कौन से वर्ड से लिया गया है अब एक्स वर्ड से लिया गया है और इसका मीनिंग क्या होता है कैलकुलेटिंग बोर्ड होता है अब अबेकस का जापानी नाम जो है वो क्या है सारो बन है ठीक है अबेकस को जापानी भाषा में हम बात करें तो जापानी नाम इसका क्या है सारो बन है अबेकस का उपयोग छोटे बच्चों को तेजी से गर्णा करना सिखाने में किया जाता है एबं नेत्र हीन लोगों को गणना सिखाने में किया जाता है अब देखिए इसमें भी एक क्वेश्चन बन सकता है कि नेत्र हीन लोगों को गणना सिखाने के लिए कौन से यंत्र का उप्योग किया जाता है तो उसमें आता है अबेकस आजकल तेजी से गणना करने के लिए ब देखिये first question है के सबसे पहला गणनियंत्र कौन सा था तो सबसे पहला गणनियंत्र था अपना abacus था ठीक है सबसे पहले calculating device जो थी वो कौन सी थी abacus थी दूसरा abacus का आविशकार कहां पे हुआ तो abacus का आविशकार हुआ था चाइना में चीन में आविशकार हुआ तीसरा question इसका important question है कि abex जो है वो किस भासा के सब्द से लिया गया है, किस से लिया गया है, Greek भासा से, fourth question है कि ये कौन से word से लिया गया है, abex सब्द से लिया गया है, fifth question है abex सब्द का meaning क्या होता है, तो इसका meaning होता है calculating device, calculating board, means क्या है, गणन बोर्ड होता है इसका meaning, इसके ब फिर इसमें से पूछा जाता है कि छोटे बच्चों को गड़ना करना सिखाने के लिए कौन से यंत्र का उपयोग किया जाता है तो कौन सा यंत्र है अबेकस नेत्री हिन लोगों को गड़ना सिखाने में कौन से यंत्र का उपयोग किया जाता है तो कौन सा है अबेकस है तो history generation ये क्या है ये हर exam में पूछी जाती है next इसके बाद में फिर क्या हुआ 1617 में Scotland के एक mathematician थे जिनका नाम था John Napier John Napier ने क्या किया एक गणन यंतर का आविशकार किया जिसे Napier Bones कहा गया क्या कहा गया इसको Napier Bones कहा गया 1617 में Scotland के एक mathematician थे जिनका नाम था John Napier जोन नेपियर ने एक गणन यंतर बनाया, उस गणन यंतर को किस नाम से जाना जाता था, नेपियर बोन्स, अब देखे नेपियर जो है, वो नाम इनके नाम पे आया है, क्योंकि इनका नाम था जोन नेपियर, इसलिए नाम रख दिया नेपियर, बोन्स क्यों रखा गया, क्य इसलिए इसका नाम क्या रख दिया नेपियर बोन्स नेपियर की बोन्स इस तरीके से इस यंत्र में क्या होता था रोड पर नंबर अंकित होते थे जैसे ये रोड है 1, 2, 3 इस तरीके से और ऐसे बना दिया ये रोड होती थी फिर 4, 5 और 6 इस तरीके से ठीके रोड इस प्रकार एक क्रम में व्यवस्थित होती थी जिससे कोई आसानी से जोडना घटाना गुणा भाग आदी कर सके तो मतलब कैलकुलेशन जो की जाती थी नेपियर की जो बोन्स होती थी, रोड होती थी, उन पे नमबर अंकित होते थे और उनके थूँ क्या किया जाता था, कैलकुलेशन की जाती थी, ठीक है, इसमें दश्यमलव संख्याओं का फ्रेक्शनल पार्ट जो होता है, फ्रेक्शनल जो नमबर होते हैं, उनका गुणा भ अब यहाँ पे आपको सन याद रखना है इसका कौन से सन में किया गया था 1617 में किया गया था किसने किया था यह किया था जॉन नेपियर ने ठीक है जॉन नेपियर ने 1617 में एक यंतर बनाया कैलकुलेशन के लिए जिसका नाम था नेपियर बॉन्स तो नेपियर बॉन्स कब आया 1617 में आया किसने डेबलब किया जॉन नेपियर ने किया नेक्स्ट इसके बाद में फिर है अपना पासकल का कैलकुलेटर आप देखिए पासकल का कैलकुलेटर क्या है? ब्लेज पासकल जो फ्रांस के एक गड़ितग्य थे ये क्या थे? फ्रांस के एक गड़ितग्य थे ब्लेज पासकल फ्रांस के गड़ितग्य थे ब्लेज पासकल 1642 में इन्होंने एक गड़ितग्य का आविशकार किया वो पहला सक्सेस्फुल मेकेनिकल कैलकुलेटर था पहला सफल मेकेनिकल कैलकुलेटर था जो ब्लेज पासकल ने बनाया कि पहले कैलकुलेटर बना मेकैनिकल कैलकुलेटर बना उसके बाद में फिर क्या था मेकैनिकल कंप्यूटर बना उसके बाद में लास्ट में जाकर एलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर पर हम आए तो सबसे पहले हमने क्या किया था गणनियंत्र बने कंप्यूटर बना तो इस चीज को हम पढ़ रहे हैं कि हिस्ट्री क्या है हमारी तो 1642 में फ्रांस के एक मैथमेटिशन यह जिनका नाम था ब्लेज पासकल ने क्या किया था एक गणनियंत्र बनाया जिसे अ पासकल का कैलकुलेटर कहा गया अब पासकल ने बनाया है तो पासकल का कैलकुलेटर ही कहा जाएगा अगर मैंने बनाया होता तो मेरा नाम आता तो किसने बनाया था ब्लेज पासकल ने इसलिए इसे क्या कहा गया पासकल का कैलकुलेटर दूसरा इसका नाम था पासकल लाइन तीसरा इसका नाम था अर्थमेटिक इंजिन और चौथा नाम था इसका एडिंग मशीन ठीक है ये क्या था एडिंग मशीन ठीक है न ये तो इस यंतर के चार नाम थे पासकल का कैलकुलेटर पास्क लाइन अर्थमेटिक इंजन भी इसको कहा जाता था एडिंग मसीन भी इसको कहा गया तो ये चार नाम इसके थे जो पासकल ने बनाया था अब सवाल आता है कि ब्लेज पासकल द्वारा गणन यंतर जो बनाया गया था वो कब बनाया गया था तो 1642 में बनाया गया था 1642 में ब्लेज पासकल द्वारा बनाए गए यंतर का क्या नाम था तो उसका नाम था पासकल का कैलकुलेटर पासकल के कैलकुलेटर को निम्न में से किस दूसरे नाम से जाना जाता है तो इन में से कोई आपको दे देगा एक तो आपको जैसे माले जे ये ओप्शन दे दिया ए है तो यह आपको ध्यान रखना है कि पासकल के कैलकुलेटर को पास्क लाइन भी कहते हैं अर्थमेटिक इंजन भी कहते हैं एडिंग मशीन भी कहते हैं ठीक है ना यह पासकल का यह गणनियंत्र पृथम सफल मेकेनिकल कैलकुलेटर था अब यह पूछा जाए कि फर्स्ट सक्सेसफुल मेकेनिकल कैलकुलेटर जो था वह किसने बनाया पहला सफल मेकेनिकल कैलकुलेटर किसने बनाया तो किसने बनाया ब्लेज पासकल ने बनाया ठीक है ब्लेज पासकल ने क्या बनाया पहला सक्सेसफुल कंप्यूटर पहला सक्सेसफुल अ अगर कैलकुलेटर पहली बाइक पहली कार तो क्या आएगा पहला सबसे सफल मेकेनिकल कैलकुलेटर बनाया ठीक है यह इसमें पहियों एवं गियरों के जटेल व्यवस्ताति जिसे नंबरों को दर्शाने हितु एक विंडो थी मतलब यह यंत्र में क्या था पहियों एवं गियरों से वह यंत्र काम करता था तो इस मेकानिज्म को आपसे नहीं पूछा जाएगा बट आपको समझ में आना चाहिए कि पहियों और गियर होते थे उससे यह मेकानिकल कैलकुलेटर ऑपरेट होता था अ पासकल की इस मशीन को adding machine कहा गया क्योंकि इसमें केवल जोड़ और घटाव का कारे ही किया जा सकता था addition और subtraction किये जाते थे इसलिए इसे adding machine कहा जाता था adding machine घड़ी और odometer के सिद्धानत पर कारे करती है आज भी car वा scooter के speedometer में यही यंत्र कारे करता है तो आपका car और speedometer में जहां analog system काम करता है analog और digital दो चीज़े होती हैं लेकिन analog का मतलब क्या होता है जैसे जिनकी गाड़ियों में meter आपने देखा होगा कि ये इस तरह से चलता है वो analog speedometer होता है और आजकल क्या होता है इस तरह से आते हैं speedometer इस तरह से आते हैं ठीक है ये तो जहांपे ये आता है 100 जैसे इस तरीके से ये लिखा आता है वो क्या है है तो जैसे मान लीजिए हम बात करते हैं घड़ी की हम बात करते हैं तो घड़ी में क्या होता है घड़ी में इस तरीके से होता है यह तो यह क्या है एनालॉग बात है अगर टाइम इस तरीके से दिखा रहा है साथ जैसे सेवन आफ टी तरीके तो यह क्या है डिजिटल वाच है और यह क्या है एनालॉग बात है तो यह डिफरेंस मैंने इसलिए बनाया है कि आपको यह समझ में आ जाए कि एनालॉग और डिजिटल में क्या डिफरेंस होता है तो एनालॉग जो होता है वह कंटिनियस डेटा पर काम करता है कंटिनियस ली चलता है और डिजिटल जो होता है वह किस पर काम करता है डिजिटल वर्क करता है तो इसमें क्या होता था आज भी कारवा स्कूटरों के स्पीडोमीटर में यही यंत्र काम करता है है तो पहला क्वेश्चन जो है वह यह है कि ब्लेज पासकल ने जो यंत्र बनाया वह कब आया है कब बनाया था तो 1642 में बनाया था यह ध्यान रखना है ठीक है दूसरा ब्लेज पासकल ने जो यंत्र बनाया था उसके क्या-क्या नाम है वह ध्यान रखने हैं पासकल का कैलकुलेटर पासकलाइन अर्थमेटिक इंजन एडिंग मशीन यह चारो नाम आपको ध्यान रखने है तो इसमें आपको यही चीजें याद रखनी हैं ठीक है next इसके बाद में फिर हम बात करते हैं इसके बाद में फिर हम बात करते हैं stepped raccoon तो अब देखिए 1617 में क्या आया था अपना 1617 में अपना आया था napier bones का आया था 1642 में क्या आया था blitz pascal का उसके बाद फिर क्या है 1671 में ठीक है जर्मन मैथमेटिशन थे गौट फ्राइड लेबनीज उन्होंने क्या किया कि पासकल के कैलकुलेटर को मॉडिफाई करके एक गणन यंतर का निर्मान किया है मॉडिफाई करने का मीन्स क्या होता है जैसे आपकी बाइक साथ है कार आती है तो उनका हर बार बर्जन लॉंच किया जाता है तो ऐसे ही यहाँ पर क्या होता था पुराने जो भी लोग यंतर बनाते थे कोई भी डिवाइस बनाते थे उनमें जो कमिया रह जाती हैं उनको पूरा करके एक नया यंतर बनाते हैं उसे कहते हैं मॉडिफाई करके नया यंतर बनाया तो यहाँ पर गॉट फ्राइड लेमिज stepped rack owner या फिर उसे कहा जाता था racking machine कहा जाता था तो ब्लेज पासकल का जो कैलकुलेटर था उसमें एड किया और इसको स्टेप्ट रेकुनर या रेक्निक मशीन नाम दिया गया डिजिटल मेकेनिकल कैलकुलेटर था सबसे पहला क्या था सफल मेकेनिकल कैलकुलेटर किसने बनाया था ब्लेज पासकल ने उसके बाद इन्होंने स्टेप्ट रेकुनर बनाया किसने लेबनीज ने और उसका नाम क्या क��ा गया उसको कहा गया डिजिटल मेकेनिकल कैलकुलेटर ठीक है ये यंतर अंकों के जोड़वा बाकी के अलावा गुणा भाग भी कर सकता था अब देखिए Pascal का जो calculator था वो cable क्या था adding machine था add कर सकता था subtract कर सकता था यहाँ पे इन्होंने क्या और add कर दिया उसमें कि multiply और divide भी division भी कर सके ठीक है तो थोड़ा आगे जैसे बढ़ेंगे तो ध्यान रखना है कि 1671 में जर्मनी के थे गड़े तक क्या नाम था Godfried Leibniz उन्होंने कौन सा यंतर दिया था stepped racooner दिया था ठीक है नेक्स्ट इसके बाद में फिर क्या आया, 1801 में, इसके बाद में फिर क्या आया अपना, 1801 में, 1801 में क्या था, फ्रांस के एक बुनकर थे, जोसफ जैकॉर्ड, फ्रांस के एक बुनकर थे, जिनका नाम था क्या था, जोसफ जैकॉर्ड, ये थे, तो इन्होंने क्या किया, ब कपड़ा बुनता रहता है तो उसने लूम बनाया कब बनाया 1801 में बनाया लूम कपड़ों में डिजाइन या पैटर्न स्वत्य ही दे देते था और कपड़े के पैटर्न को कार्ड़ बोर्ड के छित्रयूक्त पंच कार्डों से नियंत्रित करता था मीट्स इसमें क्या होता पंच कार्ड क्या होता है कि एक जैसे आजकल आपका एटीएम कार्ड होता है तो ऐसे एक कार्ड होता है उसमें क्या होता है छेद होते होल होते हैं तो उससे यह क्या करते थे जब कपड़े को पैटर्न देते थे डिजाइन देते थे तो उस कार्ड का यूज करते थे अ है तो तब से यह समझ में आने लगा कि भाई अगर हमें कोई काम करना है तो उसमें पंच कार्ड का यूज भी कर सकते हैं तो यह इनके दिमाग में तब से आईडिया आने लगा कि पंच कार्ड डाल के उस पर निर्देश लिख करके और कंप्यूटर में हम डाल सकते हैं तो यह काम तब से स्टार्ट होने लगा तो कपड़े को पैटर्न देना था डिजाइन दिया उसको इस तरह से यह ऐसे दीती है जिसमें पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था इसे इस एक ऑटोमेटिड लूम कहा गया तो इनकी जो डिवाइस थी वह क्या थी ऑटोमेटिड लूम कहते थे इसको यह पहला ऐसा गणनियंत्र था जिसमें निर्देशों को कार्ड पर लिखा जाता था कंप्यूटर की प्रथम पीडी में पंच कार्ड का यूज किया होता था कि पहली बार इस इनकी समझ में आया अ कि किसी कार्ड पर हम निर्देशों को लिख करके और मसीन में डाल सकते हैं तो वो जो आईडिया था वो तब से आया था तो इनका जो गणनियंतर था वो क्या था इनका गणनियंतर था ओटोमेटिड लूम जो 1801 में आया अब जैकोड के द्वारा दो विचार धाराएं प्रस्तुत की गई मतलब तब जाके इने आईडिया आया कि पहली बार की सूचना को पंच कार्ड पर कोडेट किया जा सकता है चिप को कंप्यूटर पढ़ लेता है तो वह आइडिया इनके दिमाग में आया कि पंच कार्ड पर किसी कार्ड पर भी इंस्ट्रक्शन को डालकर मसीन में एंडर किया जा सकता है दूसरा क्या था कि पंच कार्ड पर संग्रहित सूचना निर्देशों का समूह जिसे पंच कार्ड को जब भी काम में लिया जाएगा निर्देशों का समूह प्रोग्राम के रूप में कार्य करेगा इट इन्स आप बहुत सारी इंस्ट्रक्शन को निर्देशों को एक कार्ड पर डाल सकते हो तो इसका जो निचोड़ है वह यह है कि तो कपड़ा बनाने टाइम पर कपड़ा बुनकर मतलब बुनने के टाइम पर इनकी दिमाग में एक आईडिया आया कि कपड़े को डिजाइन देने के लिए कार्ड का उपयोग भी किया जा सकता है तो फिर इन्हें पता लगा कि एक कार्ड को अगर हम मसीन में इंस्ट किस ने बनाया फ्रांस का एक जुलाहा था जिसका नाम था जोसब जैकोर्ड तो सवाल क्या पूछा जा सकता है कि जोसब जैकोर्ड द्वारा बनाये गए गणनियंतर का नाम क्या था तो वो था ओटोमेटेड लूम कब आया कब डबलब किया गया अठार ठीक है ना यह आपको ध्यान रखना है जो सब जैकॉर्ड ऑटोमेटिड लूम और क्या है 1801 में ठीक है यह है नेक्स्ट इसकी बाद में फिर अपना है डिफरेंस कि इसके बाद जो आता है वह क्या है डिफरेंस इंजन जो था वह किसने बनाया था चार्ल्स बेबेज ने यह बनाया था ठीक है डिफरेंस इंजन के लिए किसने बनाया था चार्ल्स बेबेज ने बनाया था अब चार्ल्स बेबेज जो तो उन थे चार्ल्स बेबेज जो थे वह जिन्होंने क्या है एनलेटिकल इंजन भी बनाया था मतलब कि क्या कहा जाता है ने कंप्यूटर का जनक यह अब देखिए इनकी कहानी क्या है कि इन्हें अमेरिकन सरकार से इनको फंड मिलता था जो भी साइंटिस्ट होते हैं जो भी डेवलपर होते हैं अगर कोई प्रोजेक्ट पर काम करते हैं तो सरकार को फंडिंग करती है कि आप यह पैसा हम सरकार दे रही है आप कोई नए चीज इनवेंट कीजिए आविशकार कीजिए जो हमारे तो अब गया सरकार इनको पैसा देती थी कि आप आविशकार कीजिए कोई कंप्यूटर बना रहे हो कोई गणनियंतर बना रहे हो तो उसमें हम पैसा दे रहे हैं तो 1822 में उन्होंने क्या बनाया डिफरेंस इंजन बनाया एक डिफरेंस इंजन किसने बनाया चार्ल्स बेवेज ने इस मशीन में गियर्स और साफ्ट लगे हुए थे और भाप से चलती थी ठीक है किससे चलती थी भाप से लेकिन यह जो इनका आविशकार था वह सफल नहीं हुआ मतलब यह जो चाह रहे थे बनाना वह नहीं बना पाए तो यह क्या हुआ इनका यह वाला जो डिफरेंस इंजन था कि यह क्या है सक्सेसफुल नहीं हुआ ठीक है यह क्या था सक्सेसफुल नहीं हुआ था ठीक है यह सक्सेसफुल नहीं हुआ अब यह सरकार ने फंडिंग करना इनको बंद कर दिया कि यह तो पता नहीं कौन-कौन से इंजन बनाते रहते हैं और इनका यंत्र बना रही तो इनसे पैसे लेना पैसे देना इनको बंद करो तो जब यह फिर इन्होंने क्या हिम्मत नहीं है तो 1822 में जब इनका यह वाला यंत्र नहीं बना सक्सेसफुल नहीं रहा तो इन्होंने दोबारा से फिर एक यंत्र बनाने का प्रयास किया और जिसका नाम था एनालेटिकल इंजन जब एनालेटिकल इंजन बिल्कुल बनने पर था सरकार ने अपने इंजन इनका यह भी बनेगा या नहीं बनेगा तो बट लेकिन 1834 में इनको सफलता मिल गई तो इन्होंने ऐसा एक यंत्र बनाया जिसका नाम था analytical engine जो आज के आधुनिक computer का base माना जाता है तो आधुनिक computer जो आज हम जिस computer पे काम कर रहे हैं उसका base जो था वो कौन सा था analytical engine आधुनिक computer के सभी मूल भूत जितने भी काम थे वो सब किस में थे analytical engine में थे तो इनके इसी काम के लिए इन्हें क्या कहा जाता है computer का जनक माना जाता है कि आज का जो computer है वो analytical engine पे ही based है मतलब मूल भूत सिद्धानत जितने भी हैं आज के कंप्यूटर के वो सब किस में मौजूद थे इस एनलेटिकल इंजन में मौजूद थे इसलिए इनके इसी काम के लिए चार्ल्स बैबेज को फादर ओफ कंप्यूटर कहा जाता है ठीक है क्या कहा जाता है फादर ओफ कंप् क्यों कहा जाता है क्योंकि इन्होंने ऐसी एक मशीन बनाई ऐसा एक इंजन बनाया एनेलेटिकल इंजन जिसमें आधुनिक कंपीटर के मूल भूत सिद्धांत मौजूद थे तो आज का जो कंपीटर है उसके सारे मूल भूत बेसिक जो सिस्टम था वो सब कंसेप्ट थे वो क ये यंत्र ऐसा था जिसमें result जो भी आया आपको उसको store किया जा सकता था ठीक है ये यंत्र ऐसा था जिसमें किसी भी result को store किया जा सकता था तो ये बहुत बड़ी एक सफलता थी इसलिए इनको क्या कहा जाता है father of computer कहा जाता है ठीक है बेबेज के इसी आविशकार के कारण उन्हें computer का जनक कहा जाता है ठीक है ये तो इसमें ये ध्यान रखना है it is the important ये क्या है very important कभी क्या होता है देखिए हम exam की तैयारी करते हैं जब बहुत ज़्यादा time नहीं होता है तो हम क्या most चीज़ों को पढ़ते हैं तो इसलिए मैं आपको ये भी बताऊंगा कि कहा कैसा पढ़ना है और आपके mind को clear करके भी मैं चल रहा हूँ और very important कौन सा part है तो ये तो important बहुत ज़्यादा important है कि computer का जनक किसे कहा जाता है तो computer का जनक किसे कहा जाता है Charles Babbage को कहा जाता है Charles Babbage ने क्या बनाया analytical engine बनाया अब दोनों इंजन मैंने आपको क्यों बताए हैं क्योंकि बहुत सारी स्टुडेंट कंफ्यूज हो जाते हैं कहीं बुक्स में लिखा रहता है कि चार्ल्स बेबेज ने तो क्या डिफरेंस इंजन बनाया है कोई कहता है नहीं चार्ल्स बेबेज ने तो एनलिटिकल इंजन ब तो कंफ्यूज होने की आवश्यकता नहीं है काफी सारे स्टूडेंट कहते नहीं एनालेटिकल इंजन बनाया था वह कहते नहीं डिफरेंस इंजन बनाया था तो बनाए दोनों थे एक सक्सेसफुल नहीं हुआ दूसरा वाला सक्सेसफुल हुआ था तो 1822 में बनाया था डिफरेंस इंजन जो सक्सेसफुल नहीं हुआ फिर उसके बाद में 1834 में बनाया था एनालेटिकल इंजन ठीक है यह तो यह ध्यान रखना है कि कंप्यूटर का जनक कहा जाता है चार्ल्स वेबेज को और एनालेटिकल इंजन बनाया था आधुनिक कंप्यूटर के अब यह सवाल ऐसा भी आ सकता है कि निम्न मैसेक किस गणनियंतर में आधुनिक कंपीटर के मूल भूत सिद्धान्त मौजूद थे तो कौन से गणनियंतर में मौजूद थे वो था analytical engine ठीक है ये next इसके बाद में फिर क्या है अपना आता है sensor stabilizing machine आज जो आप IBM company देखते हो वो क्या है IBM company जो है आज की जो IBM company है वो क्या है उस time पे ये sensor stabilizing machine जो है इसी से यहां से इसका origin हुआ है कि तो सेंसर स्टेबुलेटिंग मशीन जो बनी है वहीं से आईबीएम कंपनी आगे बड़ी है वह मैं आपको भी बताऊंगा देखिए सेंसर का मींस क्या होता है सेंसर का मींस होता है जनगढ़ना करना एक तरह से ठीक है तो अमेरिका में इस टाइम पर क्या था 1890 में उस टाइम पर 1890 में अमेरिका में कम समय में जनगढ़ना कार्य को संपन्न करना था तो मतलब सौट टाइम में जनगढ़ना करनी थी तो उस टाइम पर हर्मन होलेरित एक थे वैज्ञानिक यह थे हर्मन होलेरित इन्होंने कम समय में जनगर्णा करने के लिए एक मसीन बनाईं जिसमें पंच कार्डों को विद्धुत तारों द्वारा संचालित किया गया इसे सेंसस टेबुलेटिंग मसीन कहा गया इसका नाम जो दिया गया था वो क्या नाम था इसका नाम था सेंसस टेबुलेटिं में टाइम कम था जनगढणा करनी थी तो जनगढणा हो कैसे तो जल्दी से जनगढणा हो जाए काउंटिंग हो जाए उसके लिए हर्मन होले रित्ने 1890 में एक गणन यंत्र बनाया जिसका नाम था सेंसर स्टैबुलेटिंग मशीन ठीक है अब इस मशीन क्या होता था कि पंच कार्डों को विद्धुत तारों द्वारा मतलब एलेक्ट्रिक देकर और तब जाकर पंच कार्डों को चलाया जाता था उन पर निर्देशों को रखा जाता था तो इस मशीन की साहिता से जनगढणा का कार्य केवल तीन वर्सों में संपन हो गया अदरवाइस क्या है पांच साल दस साल लगते उसमें तो इस मशीन से क्या हो गया तीन साल में ही कंप्लीट हो गया हर्मन होलेरित को पंच कार्ड का जनक कहा जाता है तो देखिए ये इंपोर्टेंट है ये पूछा जाता है कि पंच कार्ड का तो उस जमाने में ना तो कोई कीबोर्ड माउस था ना कोई हार्ड डिस्क होती थी उस जमाने में क्या होता था ATM कार्ड की तरह एक पंच कार्ड होता था पंच कार्ड पर निर्देश लिखे हमने उसको मसीन में डाल दिया मसीन क्या करती थी उसको प्रोसेस करती थी उसके बा कि कंप्यूटर की पहली और दूसरी पीड़ी में इनपुट आउटपुट के लिए पंच कार्ड का यूज किया जाता था तीसरी पीड़ी से फिर कीबोर्ड माउस यह सारी चीजें आने लगी थी ठीक है पहली दो पीड़ी आंति कंप्यूटर की 1945 से लेकर 1954 तक पहली पीड़ी और 1955 से लेकर 1964 तक दूसरी पीड़ी जो थी तो 1964-65 तक आपका 1964 में माउस का तब माउस बनाया था उस टाइम के बाद से माउस कीबोर्ड आए थे उससे पहले जितना भी इनपोर्ट आउटपूट का काम होता था किससे किया जाता था पंच कार्ड से किया जाता था तो पंच कार्ड का जनक जो है वह किसको माना जाता है धर्मन होलेरित को माना जाता है तो यह लाइन अपने माइंड में आप फीड कर लीजिए कि पंच कार्ड का जनक किसे माना जाता है उसको किसे कहा जाता है हर्मन होलेरित को कहा जाता है अब 1896 में हर्मन होलेरित ने क्या किया कि पंच कार्ड बनाने की कंपनी बना ली और उस कंपनी का नाम रख दिया क्या रख दिया टैबुलेटिंग मशीन रख दिया ठीक है जब इन्हें लगा कि पंच कार्ड इतनी काम की चीज है तो इन्होंने पंच कार्ड बनाने की कंपनी खोल दी जिसका नाम था टैबुलेटिंग मशीन उसके बाद 1911 में है तो इन्होंने 1890 में तो यह पंच कार्ड बनाया उसके बाद 1896 में इन्होंने क्या किया कंप्यूटर एक कंपनी खोली टैबुलेटिंग मशीन जिसमें पंच कार्ड बनाए जाते थे उसके बाद 1911 में इन्होंने किसी के रिकॉर्डिंग कंपनी हो गया अब यही कंपनी 1924 में इस कंपनी का नाम पुन्हें परिवर्तित होकर अ इंटरनेशनल बिजनेस मशीन हो गया IBM कमपनी जो आज सुनते हैं आप लोग जो कमप्यूटर बनाने की कमप्यूटर से लिलेटिट जो है बहुत बड़ी कमपनी है बहुत बड़ा नाम है IBM कमपनी तो वो IBM कमपनी कहां से स्टार्ट हुई थी 1896 में इन्होंने जो आज कंप्यूटर निर्माण में विश्व की अग्रणी कंप्पिटर में से एक है यहाँ पे विद्यूत यांतरे कंप्पिटर प्रारम होने लगे क्योंकि होलेरित की मसीन यांतरिक थी और विद्यूत से संचालित होती थी तो आज जो आपकी IBM कंपनी है वो कहां से स्टार्ट हुई हरमन होलेरित से यहां से 1890 से ठीक है अब इसमें IBM का full form भी पूछ लिया जाता है बहुत easy question भी पूछे जाते हैं इतना ज्यादा level complex नहीं होता है बहुत आसान question भी आ जाते हैं तो international business machine IBM से आप क्या समझते हैं IBM का full form क्या है IBM stands for तो IBM का means क्या होता है international business machine IBM से आप क्या समझते हैं computer बनाने वाली एक अगरनी computer निर्म तो एक ऐसी कंपनी है जो कंप्यूटर निर्माण कार्य में अगर नहीं है मतलब इंपोर्टेंट है टॉप 5 टॉप 10 में उसमें आती है कौन सी है IBM कंपनी है ठीक है यह याद रखना है नेक्स्ट इसके बाद में अब देखिए हम क्या है बिल्कुल नज़दीक आ गए अपने पहला जो कंप्यूटर हमारा था उसके बिल्कुल नज़दीक आ गए हम तो अब इसके बाद में यह जो टैबुलेटिंग मसीन जो हमारी बनी थी उसके बाद में फिर क कि 1930 में अब देखिए हम कहां से चले थे 2500 इस आवर्ड पूर्व चले थे उसके बाद 1617 उसके बाद में 1671 और 1642 सॉरी प्लेज पासकल उसके बाद 1642 ब्यालीज के बाद 71 लेबनीज का स्ट्रैप रकुनर उसके बाद 1600 कितना है यह नब्बे है सॉरी 1890 यह ठीक है कितना है 1890 यह उसके बाद में फिर कहां पर आगे हम 1930 पर यहां पर आगे इससे पहले था 1834 यह था कि ठीक है 1617 में आपका आया था कौन सा आया था जो नेपियर का नेपियर बॉन्स आया था 1642 में आपका ब्लेज पासकल 1671 में स्टेप्ट रेकोनर आया 1834 में आपका आया एनलेटिकल इंजन 1890 में सेंसर रेविलेटिंग मशीन आई और 1930 में फिर उसके बाद में आपका आया मार्क फर्स्ट यह आया तो मार्क फर्स्ट जो था वह क्या था प्रधम विद्धूतियांत्रिक कंपीटर था फर्स्ट एलेक्ट्री एलेक्ट्रोनिक फर्स्ट एलेक्ट्रिकल अ मेकेनिकल कंपीटर था तो प्रथम विद्धूत यांत्रिक कंपीटर कब आया था 1930 में जिसका नाम था मार्क फर्स्ट ठीक है मार्क फर्स्ट था प्रथम विद्धूत यांत्रिक कंपीटर था और यह वाला जो कंपीटर था एनिएक यह आया था 1945 में और यह था प्रथम यांत्रिक कंपीटर था सॉरी एनिएक जो है ना यह यांत्रिक नहीं है यह क्या है एनिएक पहला एलेक्ट्रोनिक कंपीटर है है तो पहला एलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर जो है देखिए बढ़ लिखा हुआ एलेक्ट्रोनिक है ना इन यूमेरिकल न्यूमेरिक इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर तो पहला एलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर कब आया था 1945 में और 1930 में आया था पहला विद्धूतियांत्रिक कंप्यूटर आया था तो यह आपको ध्यान रखना है तो 1930 में आया था यह किसने बनाया आया था अब यहां यह दोनों इंपोर्टेंट है यह पूछा जाता है अ कि निम्न में से प्रथम विद्धुत यांत्रिक कंपीटर कौन सा था तो वह था अपना कौन सा मार्क फर्स्ट ठीक है मार्क फर्स्ट कब आया मार्क फर्स्ट आया 1930 में ठीक है उसके बाद पूछा जाता है कि पहला एलेक्ट्रो उसको 1945 में जॉन विलियम मोचली वा जेपी एकर्ड द्वारा इसको बनाये गया अब ये जो है ये important है एनी एक जो है इसमें से सवाल पूछे जाते हैं, तो पहला ही सवाल यह होता है कि विश्व का प्रथम एलेक्टोनिक कंपीटर कौन सा था, तो विश्व का प्रथम एलेक्टोनिक कंपीटर था, एनियेक था, कौन सा था, एनियेक, दूसरा क्वेश्चन किसने बनाया, यह भी पूछ सकता है एन का मीन्स होता है न्यूमेरिक नॉट न्यूमेरिकल ठीक है क्या है न्यूमेरिक आई से क्या है इंटीग्रेटर इंटीग्रेट का मतलब होता है कि बहुत बड़ी चीज को छोटा कर दिया जाए काम वही करें बस साइड छोटा कर दिया उससे कहते हैं इंटीग्रेशन संकुचन कर देना एंड कंप्यूटर तो इसका फुल फॉर्म ध्यान रखना एनियर का इलेक्ट्रोनिक न्यूमेरिक इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर यह इसका फुल फॉर्म है यह पूछा जाता है एग्जाम्स में बहुत सारे एग्जाम में पूछा गया है कि एनियक का फुल फॉर्म क्या होता है दूसरा एनियक क्या है पहला एलेक्टोनिक कंप्यूटर है कब आया 1945 में आया किसने बनाया मूचली वह एकट ने बनाया तो यह पूरा आपको याद रखना है ठीक है इसके अलावा मार्क फर्स्ट जो था वह किसने आया ग्रेस होपर वह हवर्ड आईकन ने पहला क्या था पृथम विद्धूति आंतरिक कंप्यूटर था ठीक है तो यहां जाकर हमारे पूरे विश्व में पहला एलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर कब आया था 1945 यहां पर आया था अब देखिए 1617 अबेकस से लेकर और एनिएक तक यह जैसे-जैसे हमने देखा कि गणन यंत्र थे पहला वाला कोई जोड़ बाकी कर सकता था उसके बाद वह बना फिर एलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर बना तो यह पूरी जो यात्रा है इसको बोला जाता है हिस्ट्री ऑफ कंप्यूटर का इतिहास कि कंप्यूटर का इतिहास कब से स्टार्ट होता है वहां से अबेकस से और कहां पर आकर आता है एनिएक तक कि एक छोटे से गणन यंत्र से कैसे-कैसे विकास हुआ कंप्यूटर का कैसे-कैसे बड़ा पहले कैलकुलेटर बना उसके बाद हैं कि कंप्यूटर के इतिहास क्या रहा कौन सी मशीन का वाइक इसने क्या बनाया तो यह सारी चीजें आपको मैंने एक इस पे आपको यहाँ पे बिल्कुल accurate यहाँ पे आपको बता दी है ठीक है जो important चीजे होती है वो सब आपको मैंने यहाँ पे बता दी है ठीक है next इसके बाद मैं आपको यह जरूर ध्यान रखना है कौन कौन सी machine कब आई किस ने यहाँ तक हमारी history complete हो जाती है और हमें ऐसा भी नहीं करना कि तो हम क्या करेंगे step by step आगे बढ़ेंगे तो आज की क्लास में हम history पढ़ेगे, अगली क्लास में हम start करेंगे computer की generations, के any one के बाद में कौन-कौन सी generations हमारी है, generation कहां से start हुई, उसके बाद हम पढ़ेगे अगली क्लास में के भारत में, इंडिया में computer कब आया, ठीक है न, तो ये सारी चीज़े हम आगे की क्लास में discuss करे