एग्री कोचिंग चंडीगढ़: फील्ड क्रॉप्स पर लेक्चर
परिचय
- आज का विषय: एग्रोनॉमी के फील्ड क्रॉप्स
- फोकस: ऑयल सीड क्रॉप्स
- मुख्य फसलें: कास्टर, नाइजर, और अतिरिक्त फैक्ट्स
मुख्य ऑयल सीड क्रॉप्स
वीट और अन्य फसलें
- पहले पढ़ी फसलें: वीट, राइस, मेज, सुर्गम, सुगर केन, पाल्मलेट, सुगर बीट
- वर्तमान में चर्चा: ग्राउंड नट, मस्टर्ड, सोयाबीन, सीसम
कास्टर (Ricinus communis)
- हिंदी नाम: अरंडी
- उपयोग: पेंट, पॉलिशिंग, फ्यूल, हेयर केयर
- महत्वपूर्ण बिंदु:
- फैमिली: Euphorbiaceae
- क्रोमोजोम संख्या: 20
- उत्पत्ति: इथियोपिया, ईस्ट अफ्रीका
- सीड में 48-56% तेल
- ट्राईग्लि सराइट्स की उपस्थिति
- रेसिनोलिक एसिड: 90%
- उत्पादन में अग्रणी: भारत (गुजरात का 56% हिस्सा)
नाइजर
- बॉटैनिकल नाम: Guizotia abyssinica
- फैमिली: Asteraceae
- उत्पत्ति: भारत
- उपयोग: खाना पकाने का तेल, कंफेक्शनरी
- ऑयल कंटेंट: 35-40%
महत्व और उपयोग
- कास्टर: इडिबल ऑयल नहीं, इंडस्ट्रियल उपयोग में
- नाइजर: इडिबल ऑयल के रूप में यूज़
फसल प्रबंधन
कास्टर
- तापमान: 20-26°C
- पीएच: 5.5-6.5
- प्लांट पॉपुलेशन: 45-60 हजार प्रति हेक्टेयर
- सीड रेट: 10-15 किलोग् राम प्रति हेक्टेयर
नाइजर
- तापमान: 18-23°C
- पीएच: 5.5-7.5
- रेनफॉल: 1000-1300mm
- सीड रेट: 5-8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
फसल रोग और कीट
- कास्टर में कम कीटनाशक की ज़रूरत
- नाइजर में शेटरिंग की समस्या
फसल वैरायटी
- कास्टर: Aruna, Gautch
- नाइजर: IGP 76
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- भारत में प्रमुख ऑयल सीड्स: ग्राउंड नट, मस्टर्ड
- प्रोटीन स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण: दालें, जैसे मूंग, उड़द
समापन
- आज की कक् षा में कवर की गई सारी जानकारी ने विभिन्न ऑयल सीड क्रॉप्स के बारे में अच्छी अंतर्दृष्टि प्रदान की।
अगली कक्षा में पल्सेस के बारे में विस्तृत चर्चा होगी।