कार्य, ऊर्जा और शक्ति का अध्ययन

Dec 7, 2024

कार्य, ऊर्जा और शक्ति

परिचय

  • कक्षा 11 भौतिक विज्ञान का अध्याय
  • मुख्य लक्ष्य: कार्य, ऊर्जा, शक्ति को सरल भाषा में समझना

कार्य (Work)

  • कार्य का अर्थ: जब बल एक वस्तु पर लगाया जाता है और वह वस्तु विस्थापित होती है
  • फ़ॉर्मूला: ( W = F \cdot S \cdot \cos \theta )
    • ( F ): बल
    • ( S ): विस्थापन
    • ( \theta ): बल और विस्थापन के बीच का कोण
  • सिद्धांत: कार्य एक स्केलर राशि है

कार्य के प्रकार

  1. सकारात्मक कार्य: बल और विस्थापन समान दिशा में
  2. नकारात्मक कार्य: बल और विस्थापन विपरीत दिशा में
  3. शून्य कार्य: बल और विस्थापन 90 डिग्री पर

ऊर्जा (Energy)

  • परिभाषा: कार्य करने की क्षमता
  • प्रकार:
    1. संभाव्य ऊर्जा (Potential Energy): स्थिति या विन्यास के कारण
    2. गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy): गति के कारण
  • ऊर्जा भी स्केलर राशि है और इसकी इकाई जूल होती है

संभाव्य ऊर्जा के उदाहरण

  • गुरुत्वाकर्षण संभाव्य ऊर्जा
  • स्प्रिंग में ऊर्जा

कार्य-ऊर्जा प्रमेय

  • कार्य से वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
  • प्रमेय: ( W = \Delta KE )

शक्ति (Power)

  • परिभाषा: कार्य की दर
  • इकाई: वाट
  • फ़ॉर्मूला: ( P = \frac{W}{t} ) या ( P = F \cdot v )

टकराव (Collision)

प्रकार

  1. लचीला टकराव (Elastic Collision): ऊर्जा और संवेग दोनों संरक्षित
  2. अलचीला टकराव (Inelastic Collision): केवल संवेग संरक्षित
  3. पूर्णतः अलचीला टकराव: वस्तुएँ आपस में चिपक जाती हैं

टकराव का प्रमेय

  • सापेक्ष वेग के दृष्टिकोण और पृथक्करण की समानता: ( U1 - U2 = V2 - V1 )
  • यह सिद्ध करता है कि टकराव से पहले और बाद का संवेग संरक्षित होता है

निष्कर्ष

  • कार्य, ऊर्जा और शक्ति के मूलभूत सिद्धांत समझना जरूरी है
  • टकराव के विभिन्न प्रकार और उनके प्रभावों को समझना उपयोगी है