इंडियन पॉलिटी की शुरुआत
पॉलिटी कोर्स की शुरुआत
- पीडब्ल्यू ओनली आईएस द्वारा इंडियन पॉलिटी का कोर्स शुरू
- नोटबुक और पेन जरूरी
- इतिहास से संविधान की शुरुआत तक की चर्चा
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- यूरोपियनों का आगमन और भारत में राजनीतिक संरचना का विकास
- ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन और गवर्नेंस का खाका
- रॉयल चार्टर और इंग्लैंड की क्वीन द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना
रेगुलेटिंग एक्ट 1773
- कंपनी के नियंत्रण और कार्यों के दो हिस्से: पॉलिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव
- बंगाल के गवर्नर को गवर्नर जनरल का पद
- कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना
पिट्स इंडिया एक्ट 1784
- ब्रिटिश पोजीशंस और कंपनी का नियंत्रण
- बोर्ड ऑफ कंट्रोल की स्थापना
चार्टर एक्ट 1813
- कंपनी की व्यापारिक मोनोपोली का अंत
- वेस्टर्न एजुकेशन और क्रिश्चियन मिशनरीज का परिचालन
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858
- कंपनी का अंत; सीधा क्राउन का नियंत्रण
- सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया का पद
इंडियन काउंसिल्स एक्ट 1861
- कानून निर्माण प्रक्रिया में भारतीयों की सहभागिता
- वाइस रॉय की विस्तारित काउंसिल
मॉर्ले-मिंटो सुधार 1909
- कम्युनल रिप्रेजेंटेशन की अव धारणा
- नॉन-ऑफिशियल मेंबर्स का प्रतिनिधित्व
मोंटेग्यू-चेम्सफर्ड सुधार 1919
- द्विसदनीय विधानमंडल की स्थापना
- सेंट्रल और प्रोविंशियल सब्जेक्ट्स का विभाजन
साइमन कमीशन और गोलमेज सम्मेलन
- साइमन कमीशन की अस्वीकार्यता
- भारतीयों द्वारा विरोध
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935
- संघीय प्रणाली की स्थापना (फेडरेशन)
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
- ब्रिटिश रूल का अंत
- भारत और पाकिस्तान का निर्माण
- गवर्नर जनरल के पद का गठन
मुख्य बिंदु
- भारतीय पॉलिटी की नींव का विकास और ब्रिटिश शासन का प्रभाव
- भारतीय संविधान सभा का गठन
- भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति और भारतीय संविधान की तैयारी
नोट्स का महत्व
- लिखे गए नोट्स से अध्ययन को प्रोत्साहन
- इतिहास के प्रति विचारशील दृष्टिकोण
आगामी चर्चा
- भारतीय संविधान के तत्व और संरचना
- भारतीय शासन प्रणाली की विशेषताएं
इन नोट्स के माध्यम से भारतीय पॉलिटी की जटिलताओं को समझने में सहायता मिलेगी और इतिहास के उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो संविधान के निर्म ाण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।