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भारतीय पॉलिटी का ऐतिहासिक विकास

एक बहुत ही अच्छी सीरीज वापस शुरू करने जा रहे हैं जिसमें हम इंडियन पॉलिटी पढ़ेंगे मैं आपसे चाह रहा हूं आपकी पॉलिटी जल्दी खत्म हो जाएगी बस आपके साथ आपकी नोटबुक हो आपके साथ आपके पेन कॉपी हो जिसमें आप बस लिखते चलो मैं जो बोल रहा हूं हम इस बार एक पहली बार एक एक्ट लेके आएंगे इस कंपनी को रेगुलेट करने के लिए कोई पार्लियामेंट की जरूरत नहीं है यही पांच लोग मिलके जो चाहे वो कर दें इस देश में जो अभी कंपटीशन की बात हो रही थी सिविल सर्विसेस की इसमें ओपन कंपटीशन अब कर दिया गया 8 1926 में पहली बार एक यूपीएससी जैसा कुछ हुआ जो देश में अच्छे ऑफिसर्स को सर्च करेगा हेलो एवरीवन नमस्कार स्वागत है पीडब्ल्यू ओनली आईएस में एक बहुत ही अच्छी सीरीज वापस शुरू करने जा रहे हैं जिसमें हम इंडियन पॉलिटी पढ़ेंगे अब आपके सामने आपकी स्टैंडर्ड बुक्स तो है ही प्यारी-प्यारी लक्ष्मीकांत है हमारी उड़ान थी हमारी यूपीएससी वाला की अपनी स्टैटिक बुक थी तो इन सब से समरा इज करके अब हम आपके लिए जो बैच लेके आ रहे हैं जिसका नाम सुमित सर ने आपको बताया था कि संभव सीरीज अब यूपीएससी संभव होगा बस हम आपसे जो प्रॉमिस चाते हैं मैं आपसे जो प्रॉमिस चाहता हूं वो मैंने तब भी बताया था लॉन्च वाले दिन और आज फिर से बताऊंगा मुझे क्या चाहिए कि आपके पास आज एक नोटबुक हो और नहीं तो हो सकता है आप एक बुक से पढ़ रहे हो साथ में बैठ के कोई बात नहीं ठीक है बुक पे पेंसिल चलाना अपनी किताब में जो अपनी बुक अपनी नोटबुक में पेंसिल लिखना अब लिखना क्या है हमें करना क्या है जो जो हम आगे आज पढ़ेंगे आज हम पढ़ेंगे पहला चैप्टर ऑफकोर्स हमें पता है हिस्टोरिकल बैकग्राउंड से ही शुरू होती है कहानी अब ऐसा नहीं है कि इसके बाद सेम आप कहोगे सर ये तो हमने समग्र बैच में पूरा ही किया था हिस्टोरिकल बैकग्राउंड फिर मेकिंग फिर कांसेप्ट फिर हमारा यूनियन फिर सब चीजें नहीं हम इसमें रिवैंप कर रहे हैं ऐसे पढ़ेंगे जैसे हम आज की तारीख में पॉलिटिकल बैच में पढ़ते हैं कैसे पढ़ते हैं हम पहले पढ़ते हैं कि एक बार हिस्ट्री क्या थी चलो ठीक है हिस्ट्री हो गई क्लियर फिर उसके बाद हिस्ट्री के बाद हम चलेंगे कि साहब संविधान में फीचर क्या है ठीक है उसके बाद हम संविधान के बाकी सारे सारे चैप्टर पार्ट निकालने से पहले हम समझेंगे इंपॉर्टेंट क्या है जैसे प्रेसिडेंट गवर्नर वाइस प्रेसिडेंट ठीक है अब हम पढ़ेंगे प्राइम मिनिस्टर सीएम एक साथ हम पढ़ेंगे पार्लियामेंट स्टेट लेजिसलेच्योर हम क्या कर रहे हैं हम पहले पढ़ रहे हैं हु कि कौन था ठीक है कौन होता है वो कहां वो कहां बैठता है वेयर ठीक है वो करते क्या है वई क्या हो रहा है ऐसे हम पढ़ेंगे इस बार मैं आपसे चाह रहा हूं आपकी पॉलिटी जल्दी खत्म हो जाएगी बस आपके साथ आपकी नोटबुक हो आपके साथ आपके पेन कॉपी हो जिसमें आप बस लिखते चलो मैं जो बोल रहा हूं इन नोट्स के भरोसे मत बैठना बाद में कमेंट्स में या या अब देखो सुंदर दिख रहे हैं कोई बात नहीं पर मुझे आपके हाथ से लिखे हुए चाहिए क्योंकि वो आपको याद रह जाएंगे इस समय आप क्या करना जहां-जहां मैं बोलूं वैसे के वैसे ही आप अपने आगे चलते चलाना और अपनी ये तो बस अपनी कॉपी अपने लिखते चलना सब ठीक है ठीक है ये बन गए नोट्स बन जाएंगे अगर अभी नहीं बने तो 3 साल लग जाएंगे नोट्स बनने में इसलिए जरूरी है कि आप आज ही तैयार हो जाओ कि मुझे आज से नोट्स बना के रेडी रखने है ठीक है अब चलते हैं शुरू करते हैं कहानी हां ये t ग्रा चैनल आप चाहो तो ये क्यूआर को ये अपना कोड स्कैन करके या ये जो आपको दिख रहा है यह यूजर आईडी आप इसको सर्च करके से लेके 18581 2 3 4 5 अ छ और सात ये सात एक्ट ठीक है टोटल ऐसे चलेगा अब कहानी शुरू करते हैं जल्दी फटाफट ये है पॉलिटी का आपका मैप जिससे आपको दिख रहा है कि कितने सारे क्वेश्चन आए हैं 2022 में फिर आए हमारे पास 15 क्वेश्चन 20 ये 2023 है 2023 और 2024 में हमने देखा कि हमारे पास आदित्य सर के कराए हुए इतने क्वेश्चन आए जिसमें से 16 क्वेश्चन हमने करेक्ट किए एक क्वेश्चन ऐसा नहीं था जो कोई जो कोई मिस कर सके अगर किसी ने पूरे 93 चैप्टर देख रखे होते तो ही उसका काम हो गया होता चलो ठीक है आगे चले हम क्या करने क्या जा रहे हैं क्या है आज चलो जब हिस्टोरिकल बैकग्राउंड शुरू हुआ तो हमने चैप्टर को इसलिए पढ़ना शुरू किया क्योंकि हमने देखा हमारा आज का जो संविधान है जो आज की पॉलिटी है जो आज की हमारा पूरा सिस्टम है एडमिनिस्ट्रेशन गवर्नेंस सारी चीजें ये सब का सब हमने कहीं से तो देखा है हमने कहीं होता हुआ देखा है कहां देखा था हमने देखा था मॉडर्न हिस्ट्री की शुरुआत में मॉडर्न हिस्ट्री क्या है मॉडर्न हिस्ट्री वो है जब से हमारे यहां यूरोपियन आए हैं एडवेंटो यूरोपियन आपका एनसीआरटी का चैप्टर हमें वो नहीं जानना हम हिस्ट्री में नहीं जाएंगे हम ये जाएंगे कि कैसे ये लोग आए इन्होंने हमारे यहां एक पॉलिटी का एक गवर्नेंस का स्ट्रक्चर लाके खड़ा किया धीमे-धीमे खड़ा हुआ है समय लगा है इसमें लगभग लगभग इसमें आप मान के चलो कि 300 साल तो लग गए बनते बनते चलो ठीक है जी ओके जब ये आए शुरू में आए ब्रिटिश केम एज ट्रेडर्स ऑफ कोर्स अब ये सारी की सारी चीजें आपको लिखनी है जो जो मैंने यहां लिख रखी है बस य यही इंपॉर्टेंट है कि ये आए नदी से नौका से तैरते हुए अपने जहाज समुंदर से और ये आके हमारे राजे महाराजाओं से मिले जो यहां पे मुगल राजा थे उस समय अकबर जहांगीर इन लोगों से मिले और उस समय आके इन्होंने बोला कि साहब हम आए हैं गोरे लोग हम आए हैं अंग हम आए हैं इंग्लैंड से हम अफ्रीका से आपके लिए सोना चांदी लूट लाट के लाए हैं ये ले लो आप इसके बदले हम क्या करें हम यहां पे इंडिया में रह के आपके इस मुगल राज में रह के हम यहां व्यापार करेंगे एज अ ट्रेडर ये लोग एज अ मर्चेंट एज अ व्यापारी वर्ग ये यहां पे आए इन्होंने कहा चलो ठीक है अब ये क्या अपने आप आए नहीं ये जब आए थे तो इनको इंग्लैंड की क्वीन ने इंग्लैंड की जो इंग्लैंड की उस समय महारानी थी क्वीन एलिजाबेथ इंग्लैंड क्वीन उन्होंने एक रॉयल चार्टर दिया था रॉयल फरमान रॉयल एक परमिशन चार्टर अब ये जब चार्टर दिया गया इनको तो रानी ने सुबह उठ के अपने मन से नहीं दिया था वहां पे उस समय पार्लियामेंट पूरा सिस्टम बना हुआ है वेस्टमिंस्टर हाउस बैट रहा है वहां मेंबर ऑफ पार्लियामेंट होते हैं वहां सरकार होती है प्राइम मिनिस्टर होते हैं तो उन लोगों ने रानी को बोला कि मैडम क्वीन आप हमारी हर मैजेस्ट हो योर मेजेस्टी हो तो आप हमारे तो आप हमारे इस एक्शन प दस्तखत कर दो ताकि आपके नाम से कहलाया जाएगा अब प्राइम मिनिस्टर और गवर्नमेंट वहां की गवर्नमेंट ने सोचा कि चलो एक काम करते हैं एक कंपनी बनाते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी बनेगी ये ये कंपनी जाके खूब दूर देशों में जाएगी क्योंकि हमारे यहां फसल बसल ज्यादा है नहीं हमारे यहां हम एक नेवी हम एक कंट्री रहे हैं हमारे हमें जहाज समुंदर बनाना आता है तो हम लेके जहाज लेके जाएंगे चाहे अमेरिका जाए चाहे इंडिया जाएं चाहे कहीं जाए हम जाएंगे तो क्वीन ने रॉयल तो वहां की क्वीन ने एक रॉयल चार्टर दे दिया रॉयल चार्टर किसको दिया एक कंपनी को जिसका नाम था ईस्ट इंडिया कंपनी मान लो आज की तारीख में अगर भारत टाटा को एक रॉयल चार्टर दे दे रॉयल तो क्या कहेंगे अब बोलेंगे चलो एग्जीक्यूटिव चार्टर देंगे कि राष्ट्रपति के नाम से कि जाइए आप अफ्रीका में जाइए आप अंटार्कटिका में अंटार्कटिका में जाके क्या करो व्यापार करो अब अंटार्टिका में है कौन पेंग्विन है चलो ठीक है पेंग्विन तो नहीं करेंगे पर अगर मान लो वहां कोई लोग रह रहे होते वहां कोई ऐसी प्रजाति होती वहां कोई ऐसे जनजाति होती जो जो कि बाहरी लोगों से कटे पेटे रहे हमेशा दूर रहे हैं तो इंडिया ने मान लो परमिशन दी टाटा को कि जाओ आप जाके वहां प परमिशन हमारी परमिशन से जाके वहां व्यापार करो हम तो उस व्यापार से टैक्स बनाओ टैक्स हमको कलेक्ट करके दो किसको दो सरकार को दो क्वीन को दो ठीक है जी ओके ये टैक्स जो होगा इसकी जिम्मेदारी आपकी है बाकी अब व्यापार करो लूटो पाटो जो करना है करो सब कर लो चलो ठीक है ये आ गए ईमानदारी से यहां पे आगे इन्होंने पहले राजा महाराजा खूब विनती विमर्श साम दाम दंड भेद सब लगाया इन्होंने कहा महाराज हम आए हैं हम वहां से आए हैं आप जहां पना हो यहां के शहनशाह आलम हो आप मालिक एक काम करो हमें परमिशन दे दो बस बदले में ये रह सोना चांदी ये कहां से लाए हम ये लाए अफ्रीका से चलो कोई बात नहीं ले आए जब ये आए यहां पे उसी समय इन्होंने कुछ कुछ सालों तक तो कुछ कुछ दशकों तक तो बड़े ईमानदारी से काम किया कोई लड़ाई झगड़ा नहीं एक बार औरंगजेब से लड़ाई कर ली थी पिटे थे बहुत बुरी तरह चलो ठीक है औरंगजेब ने कहा था आवाज नहीं आ मुंह से आवाज नहीं आनी चाहिए सब के सब गए यहां से चलो बाहर तो औरंगजेब ने उस समय इनको शांत करा दिया था कि आवाज नहीं आनी चाहिए एक बार भी विद्रोह नहीं सुन लू और एक बार भी ये नहीं सुन लू कि आप हमारे यहां आके कोई टेरिटरी कब जाने आए हो व्यापारी हो तुम व्यापारी हो ग तुम हमारे यहां आर्मी लेके आ रहे हो कौन हो तुम तो इनको फिर चुप करा दिया गया लेकिन समय हुआ औरंगजेब चला गया औरंगजेब जाने के बाद जो लेटर मुगल्स आए मोहम्मद शाह रंगीला आए कभी सैयद बदस ने कई सारे राजा महाराजा बिठाए छछ महीने के एक एक साल के तो क्या हुआ कि जो मुगल डिक्लाइन हुआ मुगल डिक्लाइन होने की वजह से हमें एक समय याद है जिस समय शाह आलम राजा थे अब शाह आलम क्या चीज है साहब शाह आलम एक मुगल सल्तनत के बादशाह थे शाह आलम सेकंड आई थिंक ठीक है यही थे हिस्ट्री में आपको ज्यादा बता सकते हैं आसिम सर और अभिषेक सर तो श आलम के लिए एक कहावत चलती थी शाह आलम के लिए कहावत ये चलती थी एक समय मुगल राज था जो नीचे चेहरा चोला से लेकर डेकन से लेकर अफगानिस्तान तक है बांग्लादेश तक है म्यांमार तक है इधर तक है उधर बहुत बड़ा एंपायर साउथ ईस्ट एशिया का मुगल से दुनिया डरती थी कि मुगल की सेना की इस समय वो है बहादुरी है मुगल की सेना इस समय बहुत स्ट्रांग है अब वहां पर क्या हो रहा है कि अब ये शाह आलम जैसे राजा बैठे हैं जिनके लिए कहावत चलती है कि सल्तनत शाह आलम अज दिल्ली तज पालम मतलब एक मुगल राजा जिसकी हैसियत रहा करती थी जिसके पुराने पूर्वज इतने भयंकर राजा हुआ करते थे अब इनकी शाह आलम की जो अगर दिल्ली की सल्तनत रह गई अगर मान लो ये इंडिया का मैप बना रहा हूं मैं मान लेते हैं दिल्ली यहां पर इस समय तो दिल्ली के अंदर ही पालम एयरपोर्ट आता है अब वहीं उसी दिल्ली के अराउंड अराउंड सोचो दिल्ली में लाल किले के आसपास ही का एरिया रह गया मुगल सल्तनत बस इसलिए इनकी कहावत चलती थी कि लो साहब ये तो इतने से ही रह गए हैं काहे के मुगल सल्तनत कौन से मुगल का क्या है मुगल कुछ नहीं है अब मुगल तो ये होने लग गया है मतलब क्या है कि जो सेंट्रलाइज जो पावर है हमारे देश की वो टूट चु वो बिखर चुकी है जब वो बिखरी इसका मतलब है कि हमारे यहां पर कोई नई पावर खड़ी होगी पावर वैक्यूम होता है तुरंत कोई नई पावर आ जाती है ऊपर लेने यही पावर थी उस समय प जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने सोचा कि अब हमारा हमारी बारी है ई हमरा वक्त है तो इन्होंने क्या किया इन्होंने उस समय पर एक बहुत डिसाइसिव बैटल लड़ी 1764 नाम नाम बताओ 1764 में इन्होंने एक बैटल लड़ी और उस बैटल में इन्होंने तीन सेनाओं को हरा दिया मुगल सत अवत के नवाब बंगाल के नवाब तीन राजाओं की सेनाओं को मतलब ती उस समय मुगल तो सेंट्रल पावर है ना तो एक हमारे देश की सेंट्रल आर्मी को सेंट्रल आर्मी को एक स्टेट की आर्मी को अवध की उस समय अवध एक प्रोविंस मान लो स्टेट मान लो कुछ भी कह लो प्रांत है कुछ भी है बंगाल अपने आप में एक प्रांत है एक वो भी एक प्रोविंस है स्टेट है तो इन तीनों सेनाओं की आर तो इन तीनों इन तीनों सेनाओं को एक प्राइवेट कंपनी ने हरा दिया प्राइवेट कंपनी की बात हो रही है यहां पे अभी भी मैं कोई सरकार की बात नहीं कर रहा हूं कोई ये ब्रिटिश की आर्मी नहीं है कोई जो वहां की ये एक प्राइवेट कंपनी की आर्मी है जिसने हराया है इस बैटल में और इसके बाद से इन्होंने क्या किया अब तुम हार गए तीनों राजा चुपचाप बैठ जाओ चलो अब हम क्या ले रहे हैं तुमसे ले रहे हैं दीवानी बंगाल की बिहार की उड़ीसा की क्यों बंगाल बिहार उड़ीसा क्योंकि ये उस समय एक बहुत ही इंपॉर्टेंट रीजन हुआ करता था इधर का रीजन मान लेते हैं रफ रफी बना रहा हूं मैं मैप यहां इस रीजन में गंगा का डेल्टा है ब्रह्मपुत्र का डेल्टा है यहां बिहार की मिट्टी है यहां उड़ीसा की मिट्टी है उपजाऊ मिट्टी फसल खूब हो रही है साल में तीन बार फसल हो रही है कोई फर्क नहीं पड़ रहा है खूब पैसे वाले लोग हैं या जमींदार हैं साहूकार हैं जो भी है तो इन्होंने इस एरिया की दीवानी ले ली दीवानी क्या होता है दीवानी होता है दीवान में बैठने वाला दीवान बैठने वाला क्या दीवान पे थोड़ी बैठेगा वो काम करेगा कुछ वो काम क्या कर रहा है वो टैक्स कलेक्ट कर रहा है अब जो टैक्स पहले एक किसान अपने राजा को दिया करता था राजा ने कहा भाई हम तो हार गए हम तो पीटे गए दो चार लात पड़ी हमको हम चुप हो गए तो अब वो राजा को टैक्स नहीं दे रहा है अब वो किसान टैक्स दे रहा है अपनी फसल का अपने किराए का अपनी जगह का अपने हाउस का जो भी अपनी चीजों का वो टैक्स दे रहा है एक प्राइवेट कंपनी को 1765 में यह हो गया इसका मतलब है अब हमारे यहां से देश में एक इंडियन पॉलिटी की एक बहुत पुरानी नीव डलने शुरू हो गई वो क्या नीव है वो नीव यह है कि हमारे यहां पे दीवानी मिलते ही जिसके हाथ में पैसा कलेक्ट करने की पावर आ गई अब वो आदमी हीरो बन गया पैसा मैं कलेक्ट कर रहा हूं ना मैं बताऊंगा चलो सब के सब बैठ जाओ जो पहले उस सम मुगल राजा लोग जब उस समय अगर 1 ब 11वां हिस्सा लेते थे है ना किसान से अब इ अब ये आए इन्होंने कहा द पूरा 10/1 ये कहां र जाएगा ये भी चाहिए हमको तो ये सारा का सारा पैसा लूट रहे हैं ये हो गए अमीर और अमीर होते जा रहे हैं सेनाएं रखते जा रहे हैं इन्होंने बाहर के और जो अपने प्रोविंस थे सेंट्रल इंडिया हो चाहे चाहेना बम्बे हो चाहे कोई झांसी हो चाहे सतारा हो हर जगह इन्होंने अपने-अपने काम अपने साम दम दनवे शुरू कर दिए क्या शुरू किए इन्होंने इन्होंने शुरू किए वो सारे डॉक्ट्रिन ऑफ लैब्स इन्होंने शुरू किया सब्सिडियरी अलायंस इन्होंने शुरू किया कि तुम्हारा अगर तुम्हारा बेटा नहीं है तुम्हारा उत्तराधिकारी नहीं है तो तुम्हारा मेल बायोलॉजिकल एयर एयर एयर माने होता है उत्तराधिकारी यह वाला एयर एच ई आई आर अगर यह सब नहीं है तो तुम्हारा ये राजपाट नहीं है भाई नहीं नहीं तुम्हारा नहीं माना जाएगा ये फिर सरकार ये फिर इंडियन ये ले लेगी ईस्ट इंडिया कंपनी ले लेगी अच्छा साहब ठीक है उस समय लड़ाई भी हो जाती है खूब सारा काम हो जाता है चलो ठीक है इससे ही शुरू हुआ है हमारे यहां पे हमारे यहां संविधान का एक रूप एक खाका बनना शुरू हुआ ब्रिटिश रूल के अंदर जिसको हमने दो हिस्सों में बांटा हुआ है जब तक कंपनी राज करती थी जब तक फिर उसके बाद से क्राउन राज करना शुरू हुआ ठीक है जी यही हुआ है तो पहले इस समय कंपनी रूल था जब देखो आप इस समय राजा के दरबार में यहां एक अंग्रेज साहब बैठे हुए हैं बैठे तो क्या खड़े हुए हैं इतनी इतनी अभी हिम्मत नहीं है कि बैठ जाए यहां पे चलो फिर 1818 में एक गदर होती है लड़ाई होती है उसके बाद से कंपनी को बोल दिया गया थैंक यू वेरी मच आपने जितना किया बहुत बढ़िया किया अब जाओ यहां से हम संभाल लेंगे कौन संभाल लेगा खुद डायरेक्ट इंग्लैंड खुद डायरेक्ट इंग्लैंड का देश अब संभालेगा हमको चलो ऐसे करके कहानी हमारी शुरू होगी पहले ही पहले चलेंगे हम 1773 से आप सर क्यों शुरू कर रहे हो उससे पहले से ये लोग तो काम कर रहे हैं यस उससे पहले से ये लोग काम कर रहे थे कंपनी यहां पे आके ट्रेडिंग कर रही थी व्यापार कर रही थी छोटे-मोटे राजाओं को अपने हिसाब से रिश्वत देके या दूसरे को मरवा के या कुछ भी करवा के अपने-अपने हिसाब से पॉलिटिक्स या खेल रही थी अच्छा इसकी वजह से क्या हो रहा था कंपनी का एक इमेज बन गई थी किनके मन में इंडियंस के मन में अब यही चीज इंग्लैंड के लोग देखते थे इंग्लैंड के लोगों ने देखा कि 1600 से लेके अभी तक ये लोग 1773 कितने साल हो गए ऑलमोस्ट 173 साल हो चुके हैं और इंडिया में या उस समय के जो उस समय के भारत में अगर कोई अंग्रेज को जानता है तो कैसे जान रहा है एक कंपनी के बदौलत अब ये अंग्रेजों को लग रहा था इंग्लैंड में बैठे हुए लोगों को कि यार ये तो हमारी इमेज का सवाल है कि एक कंपनी इतनी बेलगाम हो गई है एक कंपनी इतनी ज्यादा जिसे कहते हैं रौद्र रूप ले चुकी है इंडिया में जो भी चाह रही है वो कर दे रही है हमको टैक्स दे रही है ठीक है अच्छी बात है पर लेकिन कुछ भी कर रही है यार तो इंग्लैंड की नाक का सवाल है ये नहीं होना चाहिए तो इन्होंने क रहा कि हम इस बार एक पहली बार एक एक्ट लेके आएंगे इस कंपनी को रेगुलेट करने के लिए इस कंपनी को पकड़ नहीं रहे हैं इस कंपनी को बगा नहीं रहे हैं इस कंपनी को बांध नहीं रहे हैं नहीं इस कंपनी के कुछ कुछ जो उद्देश्य हैं यह भूले नहीं उन्हें इस कंपनी के जो कुछ पर्पस के लिए जो भेजा गया था वो पर्पस इनके दिमाग में रहे और इनके कामकाज को किसी भी तरह हम मॉनिटर कर सके पढ़ सक कर क्या रहे हैं हर बार कुछ भी करे आते हैं बार-बार सुनते हैं हम कोई लड़ाई हो गई एंग्लो मैसूर वॉर हो गई ये सब हो गया हमें कब पता चलेगा हम तो बहुत लेट हो जाता है जब तक ये बताते हैं तब तक तो इन्होंने कहा एक काम करते हैं कंपनी के कुछ कुछ कंट्रोल्स कुछ कुछ अफेयर इनके कंट्रोल करते हैं क्या-क्या हम कंपनी के जितने भी कामकाज होंगे हम उनको दो हिस्स में बांटेंगे क्या देखो पहला क्या है पॉलिटिकल दूसरा क्या है एडमिनिस्ट्रेटिव एक तो तुमने राजपाट फैला दिया वहां पे एक तुमने वहां पे जाके राजा वाजा बिठाने शुरू कर दिए अपने आप से तुमने जाके लड़ाइयां शुरू कर ली तुमने जाके वहां जंग फेड़ा जाके फ्रेंच को भगाया तुमने जा डच से लड़ाई करी सब कुछ किया तुमने गुड वेरी गुड अब हम बात करेंगे कि नहीं नहीं नहीं देश में जो इस समय य इंडिया में इस समय एक ऐसा जो समय बना हुआ है स्ट्रक्चर कि बॉम्बे के एरिया कुछ हैं मद्रास के एरिया कुछ हैं और बंगाल बिहार उड़ीसा के एरिया जिसमें आसाम भी आ रहा है उस समय का तो ये सब है ये तीन ऐसे प्रांत हैं जिसमें कि इस ईस्ट इंडिया कंपनी का गोल वाला बहुत है वर्चस्व पूरा है हमारा है हमने बनाया है हमने यह पूरा जीता है तो इस एरिया को हमने बोला यह ये हमारा बम्बे प्रोविंस हो गया ये हमारा बंगलय ये हमारा मद्रास प्रोविंस हो गया और ये हो गया हमारा बंगाल प्रोविंस तीनों में अपने-अपने कंपनी के ऑफिसर लोग बैठ रहे हैं काम कर रहे हैं काम काज हो रहा है अपनी फैक्ट्रियां बनी हुई है फैक्ट्री माने गोदाम होते थे उनके चलो ठीक है बम्बे इन्होंने जीता था पोर्तुगीज से जो बॉम्बे सिटी जो आज की है उस समय पे पोर्टस का कंट्रोल था उसपे तो क्या हुआ कि इन्होंने कि इन्होंने पोर्टस से कहा कि देखो तुम्हारी तुम्हारी प्रिंसेस की शादी करा देते हैं तुम हमको दहेज में बमबे दे दो ऐसा करा लो कैथरीन बरगंज इनकी थी एक पोर्टस की प्रिंसेस थी वो कैथरीन तो कैथरीन जो जो थी उनकी जो उन पुर्तगालियों की रानी तो मतलब राजकुमारी तो उनसे शादी करवाई अपने यहां पे और अपना बम्बे ले लिया बम्बे ले लिया बम्बे लेने के बाद इन्होंने पूरा पूरा फिर बम्बे के आसपास का रीजन जो समय बम्बे स्टेट बना उसको इन्होंने हथियार लिया चलो ठीक है ऐसा हो रहा है मतलब कंपनी ने काफी कुछ यहां पे उत्पाद तो खूब करना शुरू कर दिया है अब रेगुलेटिंग एक्ट में बोलना शुरू किया गया चेंज करो चीजें अच्छी करो फिर से करते हैं हम कैसे करेंगे हम बंगाल के गवर्नर को तीनों उस समय प्रोविंस में गवर्नर बैठे हुए हैं अपने-अपने ठीक है अब यहां पे गवर्नर ऑफ बम्बे हैं गवर्नर ऑफ मद्रास है गवर्नर ऑफ बंगाल हैं तो गवर्नर ऑफ बंगाल ये तीनों क्या है ये तीनों उस समय के इस एरिया के राजा ही मान लो ये राजा ही हैं ये उस समय के सीएम भी हैं ये उस समय के पीएम भी हैं उस अपनी-अपनी जगहों के चलो ठीक है मतलब इनके हाथ में सब कुछ पावर है अब इस समय पे इन्होंने कहा ये जो तीनों जो जो जो यहां तीनों जो गवर्नर बैठे हुए हैं इसमें जो बंगाल वाले हैं क्योंकि बंगाल सबसे ज्यादा पैसा आ रहा है बंगाल सबसे पहले जीता था इन लोगों ने 1765 में तब इसका मतलब है कि बंगाल वाले को इंपॉर्टेंस ज्यादा है बंगाल वाले का हम नाम चेंज करते हैं नाम चेंज करके हम बोलेंगे ये आसे है गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल जैसे इंस्पेक्टर जनरल जैसे डायरेक्टर जनरल ये ये इंग्लैंड के टर्म्स हैं अब यही टर्म्स आप देखोगे आज भी चल रहे हैं ऐसे ही गवर्नर जनरल लेफ्टिनेंट गवर्नर इंस्पेक्टर जनरल असिस्टेंट जनरल ये सारे जो नाम भाई अपने डायरेक्टर जनरल जो भी होते हैं तो गवर्नर ऑफ बंगाल का नाम हो गया गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल और पहले कौन बने थे पहले साहब ये बने थे हमारे वरन हेस्टिंग्स ये नाम मुझे आपसे याद चाहिए जो जो इंपोर्टेंट नाम है यूपीएससी वही पूछेगी जिस समय प कोई बड़े-बड़े एक्ट आए उस समय के भाई वाइस रॉय कौन थे गवर्नर जनरल कौन थे बस इतने इतने नाम सारे नाम याद करने की जरूरत नहीं है अब जो बाकी दोनों एरिया में बम्बे और मद्रास में जो जो अपने प्रेसिडेंसी हों में जो जो गवर्नर थे उनको बोल दिया गया यू आर जूनियर आप जूनियर हो किन से इन भाई साहब से ये भाई साहब कौन है ये है गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल नका नाम है लॉर्ड वरन हेस्टिंग्स ये आसमान से आए हैं लॉर्ड है ये बड़े आदमी है चलो ठीक है इन्होंने बोला तुम यार सुप्रीम कोर्ट तुम वहां न्याय वय कैसे चल रहा है कैसे तुम वहां प ईमानदारी से काम करवाते हो कोई है वहां पे सिस्टम नहीं है तो इन्होंने कहा ये ले जाओ इंग्लैंड से सीख के जाओ सुप्रीम कोर्ट एट कलकाता एक बना लो कोल्काटा क्यों भाई कोल्काटा बंगाल का एरिया है बंगाल का इंपोर्टेंट एरिया है कोल्काटा बड़ा शहर है तो यहां पे पहला सुप्रीम कोर्ट बना लो 1774 में जो बन गया उसमें एक चीफ जस्टिस बैठते थे उसमें तीन बाकी जजेस बैठते थे वो रही उसकी फोटो पुरानी फोटो उस समय की घोड़ा तांगे सब चल रहे हैं उसमें आगे चलो ठीक है ये फोटो बन गई ये प्रेसिडेंसी ऑफ बंगाल में हमारे यहां पहली बार एक सुप्रीम कोर्ट जैसी कोई चीज आई है अब यह सब एक्ट जो बना है यह एक्ट बना है कहां ब्रिटेन के पार्लियामेंट में ब्रिटेन ने लंडन से हमारे लिए एक एक्ट बनवाया है ब्रिटेन ने अब हो क्या रहा है आप देखो मान लो यहां बना लेते हैं कहीं पे हां ये जगह खाली है देखो यह उस समय इंडिया है हमने ऐसे बना लिया एक ग्रफ इंडिया इंग्लैंड यहां कहीं दूर है इंग्लैंड में राजे महाराजे बैठ रहे हैं क्वीन विक्टोरिया क्वीन एलिजाबेथ किंग चार्ल्स क्वीन एलिजाबेथ सेकंड जॉर्ज ये सब बैठे हुए हैं इनके सामने कौन कौन है बिल्डिंग वेस्टमिंस्टर हाउस बकिंघम पैलेस में राजा बैठा है वेस्टमिंस्टर हाउस में पार्लियामेंट बैठी है उनकी वहां की तो इन लोगों ने वहां से जो अपनी कंपनी भेजी थी यह कंपनी को इन्होंने बोला कि इस कंपनी के लिए हम बना रहे हैं एक्ट ये एक्ट यहां बन रहा है ये एक्ट यहां बन रहा है इस कंपनी को गवर्न कर रहा है ये कंपनी इनडायरेक्टली इंडिया को गवर्न कर रही है ऐसे है मतलब कुल मिला के अभी तक बोलना शुरू नहीं किया गया कि साहब सब कुछ ब्रिटेन के अधीन है सब कुछ नहीं है पर हमने बात शुरू कर दी है कि इस एक्ट के जो फीचर्स थे उसमें पहला सुप्रीम कोर्ट आ गया दूसरा बड़े-बड़े गवर्नर जनरल का नाम जो है नाम बड़ा हो गया बड़े आदमी बन गए ये उस समय अब उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी या जो ब्रिटिश टेरिटरीज थी इंडिया में उन सबके मुखिया हैं उन सबके सबसे बड़े अफसर हैं यही हैं अब इनके ऊपर कोई नहीं है चलो इसके इस इस एक्ट में पहली बार बोलना शुरू किया गया कि जो गवर्नर जनरल है ये आदमी बड़ा आदमी है ये गवर्नर जनरल जो बंगाल का है इसके पास एग्जीक्यूटिव पावर है क्या पावर है एग्जीक्यूटिव मतलब कोई भी कार्य प्रणाली कोई कोई बनवाने की कोई दस्तखत करने की देश की कोई भी लड़ाई छेड़ना कोई कोई देश के य कोई इंटरनेशनल रिलेशन कोई बनाना कोई और आसपास के देशों से आसपास के राजाओं से कोई संबंध बनाना तो यह काम इस गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल के हाथ में है गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल साहब बड़े आदमी है बहुत बहुत ही ज्यादा बड़े प्राइम मिनिस्टर है उस समय ये कुछ भी कह लो तो ये अकेले काम नहीं कर पाएंगे इनको मिलेंगे चार लोग चार मेंबर्स टू असिस्ट क्या गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल इनको हेल्प करेंगे ये यह चार लोग अब यह जो चार लोग हैं तो 1 प् 4 यह उस समय पर हमारे देश की सरकार है यह देश की प ट भी यही है उस समय हमारे देश की पार्लियामेंट हमारे देश की जो हमारी सरकार है जिसमें प्राइम मिनिस्टर बैठे हैं और उनका मंत्रिमंडल बैठा है कोई पार्लियामेंट जरूरत नहीं है यही पांच लोग मिलके जो चाहे वो कर दें इस देश का बस यह मान लो आप अभी न प्लस 4 का आगे डब्बा अपना याद रखना य ये अपना काम आएगा चलो ठीक है यह जो एक कोर्ट ऑफ डायरेक्टर बनाया गया ये क्या है साहब कोर्ट ऑफ डायरेक्टर जो है यह यहां जो यहां जो आपने देखा हमारे जो इंग्लैंड में जो लोग बैठे हैं वेस्टमिंस्टर हाउस में यहां पे इन लोगों को ल लगा कि हमको बताने वाला कौन है कौन बता रहा है गवर्नर जनरल ऑफ बंगोल बारबार बताएगा क्या नहीं हमें चाहिए इंग्लैंड में ही बैठने वाला एक बॉडी जिसका नाम होगा कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स जैसे आप कंपनी के बारे में सुनते हो बोर्ड ऑफ गवर्नर में बैठते हैं ये ये बोर्ड ऑफ गवर्नर में है उसके reliance1 तो ऐसा कोर्ट ऑफ डायरेक्टर बनेगा कोर्ट ऑफ डायरेक्टर बड़ी इंपोर्टेंट चीज बनेगी ये इंपोर्टेंट चीज इतनी है क्योंकि ये कोर्ट ऑफ डायरेक्टर सब कुछ डिसाइड कर रहा है कि कंपनी ने क्या-क्या इंडिया में उत्पाद किया है उसकी सारी रिपोर्टें बने उसकी सारी रिपोर्टें जो बनेगी जो गवर्नर जो जो जो जीजी बंगाल जो जो देंगे वो रिपोर्ट को कोर्ड ऑफ डायरेक्टर लेके उसको देगा कहां वेस्टमिंस्टर हाउस में सरकार के हाथ में और सरकार उसको पेश करेगी अपने पार्लियामेंट में चलो साहब हो जाएगा काम कंपनी के जितने अफसर थे उनको बोलना शुरू कर दिया गया तुमने अब तक जो जो तुमने रिश्वत खाई है तुमने जो जो पैसा कमाया है जो इलीगली वो सब अब बंद अब तुम खाली कंपनी की सैलरी पे काम करोगे तुम कंपनी के सर्वेंट हो कंपनी के अफसर हो कंपनी के ही सिविल सर्विसेस में तुम लोग भर्ती होते हो यहां पे आके इंडिया में आके व्यापार करते हो सारे अपने राजपाट कर रहे जो कर रहे हो अब तुम कोई भी प्राइवेट ट्रेड में इंवॉल्व नहीं होगे प्राइवेट ट्रेड क्या होता है मतलब जो वहां के लोकल हमारे इंडिया के उस समय के लोगों ने जो भी राजा जो भी इनसे बोला अंग्रेजों से कि साहब ये हमारा पैसा ले लो हमारी एक फाइल हमारी फाइल फंस रही है उसपे दस्तखत करवा दो वो जो राजा है वो परेशान कर रहे हैं हमको थोड़ा हमें प्रोटेक्शन चाहिए ये चाहिए जो चाहिए तो ऐसे में कंपनी के अफसर घूस लेते थे रिश्वत लेते थे पैसे खाते थे ये इंग्लैंड के लोगों को को दिखता था और बहुत बुरा लगता था उन्हें कि यार ये ये गलत बात है एक कंपनी के तुम एंप्लॉई हो इतनी सी इतनी बिती सी कंपनी है ये आज ये जब रिटायर होके आते हैं इंडिया से वापस तो ये झोला भर भर के सामान लेके आते हैं फर्नीचर टीक वुड ये फिर ये फेग सारे सब फर्नीचर महंगे महंगे आलीशान चीजें ये कहां से आ रही है कंपनी की सैलरी भी तो आ नहीं सकता इतना तो ये कौन लोग हैं जो रिश्वत खा रहे हैं देख रहे सिस्टम हमारा कैसा बन रहा है सिस्टम हमारा बनना शुरू हो गया है कि एक सरकारी अफसर जैसा बन गया है सरकारी दफ्तर है जिसमें ऑफिसर लोग बैठे हैं अंग्रेज लोग बैठे हैं वो पैसा खा रहे हैं तो ये हमारा एक सिस्टम हमने हम आज भी देख रहे हैं ये चीज अब ये जो चार काउंसलर जो ये मिल गए हैं इनको इनको साहब को न पलस 4 ये चार और गवर्नर जनरल जब ये ऐसे कुनबा बैठेगा इनका एक दफ्तर में तो हम उसको बोलते हैं गवर्नर जनरल इन काउंसिल मतलब क्या है ये ब्रिटेन से आया है ब्रिटेन में एक चीज चलती है जो राजा होता है जब वो कभी अगर पार्लियामेंट में जाता है किंग इन पार्लियामेंट कहते हैं उसे ठीक है जी मतलब क्या है जब वहां के राजा या क्वीन हो सकती है वो तो जब राजा वहां जाते हैं पार्लियामेंट में जाके कोई अभिभाषण देते हैं कोई भाषण देते हैं कोई चीज का वोट ऑफ थैंक्स होता है उनके यहां पे तो उनको कहते हैं ये समय आज राजा पार्लियामेंट में आया है और राजा जब अपने अपने घर में बकिंघम पैलेस में बैठ के अपने दफ्तर में बैठ के काम कर रहे होते हैं अपने किसी सेक्रेटरी के साथ या प्राइम मिनिस्टर के साथ तो उनको बोलते हैं हम किंग इन काउंसिल मतलब किंग आज काउंसिल में बैठे हैं किंग आज अपने साथ अपने आसपास के लोगों के साथ बैठ के सलाह मशविरा कर रहे हैं प्यार मोहब्बत से बातें कर रहे हैं आगे देश की बातें कर रहे हैं तो ये वहां से आया है किंग इन काउंसिल अब हमारे इंडिया में जब गवर्नर जनरल साहब बैठे वन प्लस 4 के साथ उनको बोल दिया गया तुम हो तुम हो जीजी इन काउंसिल ठीक है अब जीजी पार्लियामेंट तो है ही नहीं इंडिया में को पार्लियामेंट नहीं है हमारे यहां तो हमने हम देख रहे हैं कि एक सूत्री धागे से देश को पिरोया जा रहा है पहले गवर्नर जनरल ऑफ तो पहले गवर्नर मद्रास और बंबई को छोटा कर दिया गया तुम चुप रहो वो बड़े आदमी है बंगाल वाले और बाकी सबको एक धागे पिरोना शुरू हो गया है ठीक है जितने भी अब पहले जो एक्ट में जो जो गलतियां आई जो जो प्रॉब्लम हो गई इस एक्ट में थोड़ा एकदम से हड़बड़ी बना दिया गया एक्ट बन गया जो भी ला सब लाइन वाइन लगानी थी लगा दी इस समय प्रॉब्लम आ गई तो कुछ ही साल बाद लगभग 8 साल बाद एक नया एक्ट लाना पड़ा ये कहां आया ये भी आया ब्रिटेन के पार्लियामेंट में ब्रिटेन के पार्लियामेंट में ही पेश हुआ दोबारा से हमने कहा कि नहीं नहीं इसको हम सेटलमेंट एक्ट एक लेके आ रहे हैं अमेंडिंग एक्ट है जो 73 में जो गलतियां हो गई थी 73 में जो हम एक्ट बनाने के दौरान हमने हेस्ट हेस्टी निस में जल्दबाजी में जो हमने जो भी लिख दिया उसकी उसको आज हम सही कर रहे हैं क्या सही कर रहे हैं हम सही यह कर रहे हैं कि देखो साहब जो गवर्नर जनरल हैं बंगाल के और उनका पूरा काउंसिल 1 प्लस 4 ये 1 प 4 इसके अलावा पूरा का पूरा प्लस कंपनी पूरी की पूरी यह सारी की सारी कंपनी इनको कुछ भी काम करने के लिए अगर कोई भी काम कर रहे हैं अपने कंपनी का अपने दफ्तर में बैठ के ऑफिशियल कैपेसिटी में बैठ के तो इनके ऊपर कोई भी सुप्रीम कोर्ट जो बनी है अभी-अभी कलकाता में उसमें कोई केस नहीं चले मतलब सुप्रीम कोर्ट का जूरिस जिक्स नहीं है इनके इनके ऊपर और कंपनी के अफसरों के ऊपर सर्वेंट के ऊपर क्योंकि क्या हो रहा है कंपनी कुछ भी कर रही है लोगों को मिल गया इंडिया के लोगों को अरे सुप्रीम कोर्ट मतलब न्याय मतलब न्यायमूर्ति मतलब ये तो न्यायाधीश है चलो उनके पास तो जा जा के अपने कंपनी के आरोपों को ही अपने वहां दिखाने लगते देखो साहब ये सुप्रीम कोर्ट है आप देखो साहब ये आपकी कंपनी ऐसे काम कर रही है ऐसे होता है क्या काम अब ये प्रॉब्लम हो रही थी जो गवर्नर जनरल वो कह रहे थे अरे हम तो गवर्नर जनरल क्यों बनाए हो जब बार-बार सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा था ठीक है जी ओके सुप्रीम कोर्ट से एक और चीज छीन ली गई इनको तो छीना ही गया साथ में कि तुम इनसे कोई लेना देना नहीं है तुम्हारा सुप्रीम कोर्ट का साथ में सुप्रीम कोर्ट का इनसे भी लेना देना नहीं है किनसे रेवेन्यू मैटर्स जो जो टैक्स आ रहा है जो जो पैसे की बात आ रही है गवर्नर जनरल ने अगर 60 पर टैक्स लगा दिया है 90 पर टैक्स लगा दिया है तो इसके ऊपर सुप्रीम कोर्ट में कोई केस नहीं जाएगा इसके ऊपर कोई कोई कोई भी रेवेन्यू मैटर कुछ नहीं सुनने वाला सुप्रीम कोर्ट क्योंकि वहां मना कर दिया गया कहां लंडन में बैठ के जहां पे ये एक्ट बना है चलो ठीक है सुप्रीम कोर्ट करे क्या सुप्रीम कोर्ट को बोल दिया गया कि जो कोलकाता के निवासी हैं जो कोलकाता के उधर के मूल निवासी इनहैबिटेंट्स हैं आप बस खाली उन्हीं की बातें सुनो बस इतना ही काम है आपका पर बातें क्या है बातें ये हैं कि यहां पे जो कोर्ट है कोर्ट सुनेगी क्या कौन से फैसले दे कौन से न्याय पे दे तुमने ये छीन लिया तुमने ये छीन लिया तो कोर्ट क्या करेगी जो यहां कोलकाता के मूल निवासी हैं उनके पर्सनल लॉज को एडमिनिस्टर करवाएगी हैं ये क्या होता है पर्सनल लॉ माने कोई भी शादी ब्याह हो रहा है कोई भी हमारे मैरिज हो रही है कोई भी डिवोर्स हो रहा है कोई इन्हेरिटेंस की बात है कोई हमारा जिसे कहते हैं कोई संपत्ति किसकी अगर कोई पिताजी किसी के चले गए तो वो संपत्ति बेटों को मिलेगी बेटी को मिलेगी पर्सनल लॉ हिंदू का मिलेगा मुस्लिम का मिलेगा तुम बस खाली सुप्रीम कोर्ट यही सब देखो बस अब यहां पे गवर्नर जनरल साहब बोल रहे थे उस समय के जो हमारे जो जो होते पहले वाले कि गवर्नर साहब मैं ही बनाऊंगा गवर्नर जनरल इन काउंसिल मैं ही बनाऊंगा सुप्रीम कोर्ट के या नीचे के लोअर कोर्ट्स के प्रोविंशियल कोर्ट्स के काउंसिल्स के क्या-क्या काम होंगे क्या-क्या रेगुलेशन रेगुलेशंस फॉर उस समय के अपनी छोटी-मोटी कोर्ट भी थी अपने कलकाता के अंदर या बाहर बंगाल में और भी जगहों पर छोटी-छोटी अपने अपने बना दिए न अपने ऐसे न्यायालय बन गए सब कुछ बन गए ये वाली जो अब जो छोटी कोर्ट्स हैं कभी-कभी हो सकता है इन छोटी कोर्ट्स में कोई फैसला मिले वो न्याय सम्मत नहीं मिले अच्छा नहीं मिला होगा तो तो अब फिर निवासी बोलेंगे हम क जाएंगे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे नहीं मना कर दिया गया यहां पे अगर किसी लोअर कोर्ट से प्रोविंशियल कोर्ट से अगर कोई फैसला आ रहा है तो फैसला सुप्रीम कोर्ट ना जाके वो जाएगा जीजी इन काउंसिल के पास उस न प्लस 4 के पास उस न प्लस 4 के पास जो देश का उस समय सरकार है जो समय देश की पार्लियामेंट भी यही है बस यही चार लोग बस यही पांच लोग अब यहां पे जितना भी लोअर कोर्ट से कोई फैसला आ रहा है ये लोअर कोर्ट का ये लोअर कोर्ट के कौन-कौन बना रहा है कहानी किससे यह बना रहा है खुद जीजी इन काउंसिल इस समय जुडिशरी पूरी की पूरी हुई है ये जुडिशरी इंडिया में इंडिपेंडेंट है अपनी पूरी तौर से स्वतंत्र है अपने हर तरीके से इनका अपना काम है अलग-अलग है चलो ठीक है प्रॉब्लम प्रॉब्लम आ रही है प्रॉब्लम बहुत हो रही है ही साल बाद फिर से आया क्या एक तीसरा एक्ट जिसे हम कहते हैं पिट्स इंडिया एक्ट पिट्स क्यों क्योंकि उस समय ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर थे विलियम पिट अब ये विलियम पिट जो थे अरे एकदम यंग ब्लड एकदम नए एकदम जैसे कहते हैं अरे हीरो आदमी 23 साल की उम्र में प्राइम मिनिस्टर बन गए बड़े एकदम बाप के बेटे हैं और इनके इनके फादर भी पीएम रहे थे तो इनमें एकदम गरम गरम जोश नया खून एकदम इन्हें था कि मैं सब कुछ रिपीट सारा चेंज कर दूंगा ऊपर से नीचे तक रिफॉर्म कर दूंगा इंग्लैंड को एकदम राजा एकदम वहां का स्थान दूंगा वर्ल्ड में जो है सो है चलो ठीक है पिट्स इंडिया एक्ट पिट्स इंडिया एक्ट आया 1784 इस समय ही बोलना शुरू हो चुका था क्योंकि अब इनको प्राइम मिनिस्टर को उस समय तक खबर तो आ रही थी जो इनके प्राइम मिनिस्टर के अपने सेक्रेटरी लोग बता रहे थे कि साहब कंपनी जो है बहुत बेलगाम हो गई है बहुत मार रही है बहुत ज्यादा लगाम टैक्स सब ले रही है खूब कर रही है देखना तीन गुना लगान ले रही है हमसे ये ये वहां इंडिया में ये सब हो रहा है तो प्राइम मिनिस्टर बोले उस समय विलियम पिट कि काम करते हैं कंपनी की जो टेरिटरी है कंपनी के जितने ये जो एरिया है बंगाल बिहार मद्रास नॉर्थ ईस्ट नॉर्थ वेस्ट जितना भी ये पूरे समय इंडिया में इस समय तक कंपनी ना बढ़ रही थी देश भर में अलग-अलग जगहों पे अलग-अलग जगह पे दोस्ती यारी कर रही थी किसी से किसी से पूरा उनका एरिया छीन रही थी कोई राजा को हटा के दूसरी कोई रानी बिठा रही थी कोई राजा का बेटा मार के कोई नया राजा का बेटा वहां बिठा रही थी जो भी हो रहा था तो कंपनी एकदम उस समय रपें थी कि सब कुछ जो है इवेडर लो इवेज अपना पूरा दबा लो और पूरा का पूरा टेक ओवर कर लो टेरिटरी ठीक है कंपनी की टेरिटरी कहलाए ी वो इस समय विलियम पिट ने कह दिया नहीं नहीं नहीं नहीं इस एक्ट में सबसे ऊपर लिखो सबसे पहली बात कि कंपनी की टेरिटरी कुछ नहीं है कंपनी की टेरिटरी नहीं है ये ब्रिटिश पोजीशंस है इन इंडिया मतलब क्या है कि हमने अगर टाटा को भेजा है अंटार्कटिका में या अफ्रीका में कहीं भी जहां पे इस समय के हमने उनको व्यापार करने के लिए परमिशन दी थी अगर ये बड़े-बड़े देश को अपने निपटा दे वहां पे टाटा और बड़े-बड़े एकदम जो है साहूकार उनको सबसे दो उनके दोस्त की दोस्ती करके उनकी पूरी जमीनें खेत पूरा प्रोविंस प्रांत पूरा सब कुछ हड़प ले तो ऐसे में हम टाटा की प्रॉपर्टी मानेंगे उसे या वो देश की प्रॉपर्टी मानेंगे जिसने परमिशन दी थी जाने की मैं कहा देश की परमिशन है तो ब्रिटिश पोजीशन है ये ये जो इंडिया में जितनी टेरिटरी कंपनी कब्जा हुई है ये कंपनी की टेरिटरी नहीं बोलेंगे ब्रिटिश पोजीशन बोलेंगे ब्रिटेन ब्रिटेन का मतलब पहली बार बोलना शुरू हुआ कि अ अंग्रेजों की संपत्ति है किसी प्राइवेट मर्चेंट कंपनी की संपत्ति नहीं है दूसरी चीज ब्रिटेन की जो सरकार थी इनको बोल दिया गया ब्रिटेन की सरकार विलियम पिट खुद ही कहा मैं प्राइम मिनिस्टर हूं मेरी सरकार है मेरी सरकार के पास पूरा पूरा कंट्रोल है कंपनी के सारे अफेयर्स को सारे एडमिनिस्ट्रेशन को सर चीज को रेगुलेट करने का और इन्होंने कहा मैं कंपनी की हरकतें देख रहा हूं कंपनी की हरकतें दो तरीके से हो रही है क्या-क्या एक कमर्शियल एक पॉलिटिकल मतलब कंपनी व्यापार तो कर ही रही है क्योंकि ये ऐसी आई थी यहां पे इंडिया में हमने इसीलिए भेजा था साथ में यह वहां पॉलिटिकल योगदान बहुत दे रही है लड़ाई वॉर जंग दोस्ती सब कर रही है साम नाम सब लग रहा ही है यहां पे तो ऐसे में जो कंपनी का कोट ऑफ डायरेक्टर है यह तो बना ही हुआ है करेक्ट ठीक ठीक है इनके साथ ही हम एक बॉडी और बनाएंगे वो होगी बोर्ड ऑफ कंट्रोल बोर्ड ऑफ कंट्रोल यह नई बॉडी है अब जो बोर्ड ऑफ कंट्रोल है वो कंपनी का पॉलिटिकल काम देखेगी मतलब कंपनी के वो सारे काम जो वो यहां पर कर रहे हैं क्या-क्या यही सारे काम राजा बिठाना अब किसी इंडियन राजा के कोर्ट में दरबार में अपना एक अपना सिपाही अपना एक ऑफिसर वहां रख के रहना कि यह राजा देखते रहना क्या ये राजा क्या साइन कर रहा है ये राजा क्या लिखने जा रहा है ये राजा कौन सी अपनी एक नई वो देने जा रहा है फरमान नहीं कंपनी के बिना सुने बिना बिना पता किए कुछ नहीं होगा तो ये सब कंपनी कर रही थी पॉलिटिकल काम देश भर में क्या नई नई चीजें हो रही है और कंपनी के कमर्शियल काम है वो तो कोट ऑफ डायरेक्टर बैठे ही है वो कर ही रहे हैं तो यहां पे ये कमेटी ऑफ थ्री डायरेक्टर्स है यहां पे इस कोर्ट ऑफ डायरेक्टर में कितने होंगे 1215 लोग होंगे ही होंगे ठीक है इन 1215 में से तीन लोग हैं स्पेशल ये कमिटी ऑफ थ्री डायरेक्टर्स इन डायरेक्ट टच विद ब्रिटेन गवर्नमेंट इंपोर्टेंट पॉलिटिकल मैटर्स मतलब जो ये वेस्ट मिनिस्टर हाउस देख रहे हो अब यहां पे वेस्ट मिनिस्टर हाउस में एक कमेटी बैठी हुई है एक ये एमपीज का अपना दल बैठा है जैसे हम आज भी इंडिया में हम कहते हैं जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी हम स्टैंडिंग कमेटी कहते हैं डिपार्टमेंटल इंक्वायरी कमेटी तो ऐसी कमेटी के सामने कुछ लोग आके पेश हो रहे हैं ये पेश होके बता रहे हैं कि साहब हमारी कंपनी साहब ये काम किया ये काम किया ये काम किया है अगले समय पे ये काम करेंगे ऐसी चीजें बता रहे हैं चलो ठीक है तो यानी कमेटी ऑफ थ्री डायरेक्टर्स इस कोर्ट ऑफ डायरेक्टर में से ये जो अब दोनों ये बॉडी लंडन में बैठी है ये दोनों के दोनों दफ्तर लंडन में ही है इंडिया में कौन है अभी भी सबसे ऊपर गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल बस वही ऊपर है चलो अब गवर्नर जन ऑफ़ बंगाल सबसे पहले अपनी रिपोर्ट भेजते हैं इनको कोट ऑफ डायरेक्टर को लंडन अपना फैक्स करके सिविल नेचर के हो चाहे मिलिट्री नेचर के हो चाहे रेवेन्यू चाहे अपने कुछ भी अफेयर के हो चाहे कुछ भी जो ब्रिटेन की पोजीशंस है इंडिया में उन सब में जितना अभी सिविल कामकाज हो रहा है कोई नल नदी तालाब बन रहे हैं कि नहीं बन रहे हैं कोई कोई जो जमीन का मैटर है उसको उसको निपटाया सुलझाया क्या किया कोई राजा है उसको हटाया कि नहीं हटाया कोई दूसरे प्रांत से कोई दूसरे मराठा से कोई दूसरे किसी और आदमी से राजपूताना से वॉर कर ली कि नहीं मिलिट्री अफेयर कुछ भी हो सकते हैं मिलिट्री कितनी स्टैंडिंग आर्मी कितनी है कंपनी की अभी भी इसके अलावा जो रेवेन्यू मैटर है कितना टैक्स कहां कहां से ले रहे हो भाई सूखा पड़ रहा है वहां पे क्यों टैक्स ले रहे हो उनसे तो ये सारी रिपोर्टें मंगवा था कौन था बोर्ड ऑफ कंट्रोल ये नई बॉडी ये सब किसने डिसाइड किया विलियम पिट की सरकार ने विलियम पिट एक यंग एक यंग प्राइम मिनिस्टर इतने यंग थे ज्यादा लंबे चल ही नहीं पाए चलो ठीक है एक्ट ऑफ 1786 फिर आ गया तुरंत एक और एक्ट आया ये भी लंडन में ही आया ये भी विलियम पिट के कहने पे आया था तो विलियम पिट को एक बहुत अच्छे लगते थे ये व्यक्ति ये साहब जिनका नाम था लॉर्ड कॉन वल्स तो लॉर्ड कॉन वॉलिस को कई समय से हम कह रहे थे कि तुम अमेरिका से हार के आए हो अब ये उस समय का एरिया है 1780 का समय जब अमेरिका आजाद हो रहा है या हो चुका है और ये वहां के न्यू एमस्टरडम जो वहां का एक यूएस का जो 13 कॉलोनी है जो जो ब्रिटेन ने अपनाई थी जो ब्रिटेन ने कब्जा आई थी पहले सबसे शुरू में अमेरिका में उन जगहों पे इन्होंने नाम रखे थे न्यू एमस्टरडम न्यू लंडन न्यू वेस्टमिंस्टर न्यू ये न्यू वो मैनचेस्टर कुछ भी करके ठीक है वो सारे अमेरिका से ये जंग हार के वापस इंग्लैंड आ गए थे अब ये जंग जब हार के आ गए थे मिलिट्री आदमी थे आर्मी के जनरल आदमी थे इन्हें खाली आर्मी समझ में आती थी इ और को समझ में ही नहीं आता था तो विलियम बेड कह रहे थे यार इंडिया में ना तुम जाओ जरा कोन वोलस ने कहा मैं नहीं जा रहा कि क्यों नहीं जा रहे कि मेरा मन ही नहीं है कि अरे नहीं जाओ जाओ बहुत काम है वहां पे बहुत इंपोर्टेंट चीजें चल रही है वहां पे इंडिया हमारा नया नेक्स्ट हमारा टारगेट वही है अमेरिका तो छूट गया आज से अमेरिका तो भग गया अब अमेरिका आजाद हो गया हमें अब इंडिया को छोड़ना नहीं है तो इन्होंने कहा मैं जाऊंगा ठीक है मैं तब जाऊंगा गवर्नर जनरल मुझे तब बना के भेजना मेरी दो शर्तें हैं क्या शर्तें हैं पहली तो इनकी शर्तें थी कि मेरी पास पावर होनी चाहिए ये एक वीटो की जो न प्लस 4 में जो किस्सा कहानी चल र रही है अब इसमें क्या हो रहा है मैं गवर्नर जनरल हूं ठीक है अगर मुझे इनमें से तीन का साथ नहीं मिला ये टोटल पांच लोग हैं ना तो मुझे इनमें से कम से कम दो चाहिए इस फोर में से जो मेरे साथ बैठ के मेरी तरफ फैसला ले नहीं तो क्या होगा नहीं तो अगर ये चार एक साथ हो गए मैं रह जाऊंगा अकेले मुझे चाहिए वीटो पावर पावर टू ओवरराइड क्या द डिसीजन ऑफ काउंसिल इन स्पेशल केस वीटो पावर चाहिए मैं मिलिट्री का आदमी हूं मुझे पता है कैसे चलती है मिलिट्री कैसे चलती है मिलिट्री चलती है कमांड से मिलिट्री चलती है कंट्रोल से मिलिट्री चलती है जब हायरा की और फॉलो होते हैं ऊपर से नीचे तक तो इन्होंने कहा मुझे स्पेशल केस में मुझे चाहिए टो पावर ये हो गई आज भी हमारे पास टो पावर ठीक है ये हम टो पावर हमने वहीं से आज भी देखना शुरू किया प्रेसिडेंट के पास है गवर्नर साहब के पास भी थोड़ी बहुत है चलो ठीक है इनको इन्होंने कहा क्योंकि मैं मिलिट्री का ही आदमी हूं मुझे मिलिट्री सबसे पहले समझ में आती है तुम्हारे अभी तक व प्लस 4 में मिलिट्री कौन देखता है इन्होने कहा मिलिट्री तो इसमें कोई नहीं देखता मिलिट्री का जनरल का जनरल इसमें बाहर बैठा रहता है इसमें काउंसिल में नहीं खलाता इन्होंने कहा नहीं मैं मिलिट्री का पर्सन हूं मुझे मिलिट्री खाली समझ में आती है तो मिलिट्री इंडिया में होनी चाहिए बेहतरीन जो इसकी कंपनी की तो मुझे बना दो कमांडर इन चीफ आर्मी का आर्म्ड फोर्सेस का आर्म्ड फोर्सेस जो भी इंडिया में सुप्रीम कमांडर ऑफ द ब्रिटिश इंडियन आर्मी यह जो है इस समय सरकार की आर्मी नहीं है ये अभी भी कंपनी की ही आर्मी है अभी भी ये एक प्राइवेट कंपनी की ब्रिटेन इंडिया आर्मी एक आर्मी है जिसके ये साहब जो हैं उसके सर्वस्व उसके जनरल हैं उसके जनरल हैं इन्हें इन्हें सब इन्हें इन्हें ही सब चाहिए मिलिट्री मिलिट्री चलो जाओ तुम लेके जाओ करो काम काम किए थोड़े बहुत किए कंपनी को थोड़ा बहुत हमने कहा कि अब तुम देखो तने समय से रह रहे हो यहां पे तुमने बहुत ज्यादा उत्पाद मचा दिया है 1793 आ गया है अभी क्या हो रहा है इस समय क्योंकि कंपनी 1600 आज 1793 इतना समय हो रहा है ऑलमोस्ट 200 साल हो चुके हैं अभी तक देश में कंपनी इंडिया में कौन सी कंपनी है एक ही कंपनी है ईस्ट इंडिया कंपनी अब बात हो रही है वहां के जो इंग्लैंड में और भी लोग हैं वो कह रहे थे साहब हमारी भी कंपनी है हमारी कंपनी का नाम है एबीसी कंपनी या एक्स वाई जड कंपनी या हमारे यहां हमारी लंडन इंडिया कंपनी लंडन ये वाली कंपनी तो अब क्या हो रहा है जो ब्रिटेन के लोग थे कई सारे धन्ना सेठ बड़े-बड़े साहूकार वो कह थे हम पे ही पैसा है हमें भी पैसा बना के कंपनी लगाने दो वहां पे कहां लगाने दो इंडिया में तो अब ये चीज कंपनी के जो कोर्ट ऑफ डायरेक्टर थे वो वहां अड़े हुए थे कोर्ट ऑफ डायरेक्टर हो बोर्ड ऑफ कंट्रोल हो जो लंडन में बैठ रहे हैं उन्हें सब पता चल रहा है कि हमारी कंपनी के सामने टक्कर आने वाली है मान लो कल को टाटा के साथ लाय को भी भेज दिया जाए वहां पे अफ्रीका में अंटार्टिका में तो अब क्या हो रहा है कि क्योंकि अगर अफ्रीका अंटार्टिका में अग टाटा के साथ लास भी आएगी तो कंपटीशन हो जाएगा कंप पशन अब यही चीज कंपनी के लिए बोलना शुरू किया गया कि देखो साहब कंपनी ए तुम सुनो तुम्हारे पास ट्रेड मोनोपोली है मतलब मोनोपोली माने तुम ही तुम हो खाली मोनोपोली हो रही है तुम्हारी अकेले की अब जो कंपनी की मोनोपोली है विद इंडिया ट्रेड जो भी ट्रेड मोनोपोली वो 20 साल और दे रहे हैं भैया 20 साल के बाद हमें लाना पड़ेंगे और भी कंपटीशन बहुत सारे लोग खड़े हो रहे हैं 20 साल तुम्हें इतनी तुम्हारी मान रहे हैं कि ठीक है तुम्हारा सम्मान है तुमने इतना बड़ा बना के दे दिया पर भाई मान लो हमारे यहां और भी ज्यादा लोग हैं जो अब हम पे उंगली उठा रहे हैं किस उंगली उठा सरकार पे उंगली उठा रहे कि साहब सरकार ने खाली ई इंडि कंपनी इनकी फेवरेट है हमारी कंपनी फेवरेट नहीं है हम हम नहीं टैक्स देते हम नहीं काम करते हैं हम भी तो लूट के लाए थे इतना तो हमें भी जाने दो अब इंडिया को लूटना है चलो ये बात हो रही है जो कमांडर इन चीफ है जो पहले कन्वोस ने छीन ली थी कहा था मैं ही बनूंगा कमांडर मैं ही गवर्नर जनरल हूं मैं कमांडर इन चीफ हूं तो इन्होंने कहा था अब इस एक्ट में वापस चेंज करके ये चार्टर आ चुका है पहला अभी तक इसके पहले तक ध्यान रखना ये सारे के सारे इसके पहले तक तो एक्ट ऑफ 1786 रेगुलेटिंग एक्ट अमेंडमेंट अमेंडिंग एक्ट सेटलमेंट एक्ट ये सारे थे यहां से आना शुरू हो गया पहली बार चार्टर चार्टर का मतलब ही होता है परमिशन परमिशन ठीक है अब यह परमिशन जो दी गई है यह परमिशन दे ये परमिशन के मतलब है कि मेरी वजह से मेरे कहने से मैंने बोला है इसलिए तुम आज कर रहे हो तो मैं बोल रहा हूं तुम्हारे पास 20 साल का समय है मतलब 20 ही साल का समय है फिर मैं और लोगों को लेके आऊंगा फिर मैं और लोग यहां पर कंपटीशन करेंगे तुमसे इस कंपनी से चलो ठीक है इस चार्टर एक्ट में बोलना शुरू करया कि भाई कौन तुम कमांडर इन चीफ नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं तुम कमांडर इन चीफ जो है तुम गवर्नर जनरल के काउंसिल का मेंबर नहीं हो नहीं नहीं नहीं नहीं वो कन्वोस जिद्दी आदमी था इसलिए वो ले गया कोई बात नहीं ठीक है पर बाकियों के लिए नहीं है ये जो भी गवर्नर जनरल काउंसिल में यानी 1 प्लस 4 में ऐसा कोई मेंबर नहीं होगा जो मिलिट्री का कमांडर इन चीफ हो नहीं नहीं वो बाहर बैठेगा इसके अनलेस अपॉइंटेड सो अनलेस सरकार ब्रिटेन की सरकार वहां से बना के ना भेजे बस बस तभी अब बाकी और कोई गवर्नर जनरल जो है वो कमांडर इन चीफ नहीं है चलो लेकिन जो जो लेकिन जो कन्वोस की जो पहली शर्त थी ओवरराइडिंग वीटो पावर वो बढ़िया है वो हमने आगे के के लिए भी दे दी ओवरराइडिंग पावर्स आर एक्सटेंडेड टू ऑल फ्यूचर गवर्नर जनरल्स एंड गवर्नर्स ऑफ प्रेसिडेंसी उस समय तक अपने वहां पे भी तो बंगाल इसमें बॉम्बे मद्रास में हर तरफ या पंजाब नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर अपना ईस्ट अपना बंगाल बिहार तो हर जगह प अपने-अपने गवर्नर इन्होंने बिठा रखे थे गवर्नर कौन है जो गवर्न कर रहा है उस एरिया को तो इनके पास भी अपना-अपना 1 प्लट 1 प्लव 1 पथ कुछ ना कुछ होगा छोटा-मोटा अपना काउंसिल तो इन्होंने कहा जितने भी गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल चाहे ये अपने हो चाहे कोई और और अपने एरिया के हो इन सारे गवर्नर के पास ये पावर दे दो हां वीटो वाली ये बढ़िया चीज है ये गुड चीज वेरी गुड वेरी गुड कॉन वॉलिस इज ग्रेट तो आधी बात सही है आदी बात गलत है चलो ठीक है जी जो बोर्ड ऑफ कंट्रोल है वहां जो पॉलिटिकल काम देख रहा है सारे के सारे जिसके तीन काम मेन हैं वो जो देख रहा है बताना कौन से काम है वो तीन वो तीनों के काम देखने की वजह से जो उनका मेहनताना है जो उनका खर्चा पानी है जो उनका सैलरी है स्टाफ है फर्नीचर है ऑफिस है दफ्तर है काम काज पेपर पन्ने पेन इंक सारी चीजें ये सब का सब पेड आउट बाय इंडियन रेवेन्यू न्यूज मतलब जो जो यहां से तैर के जो हमारा पैसा इंडिया से इंग्लैंड जा रहा है इस पैसे में से ही अब बोर्ड ऑफ कंट्रोल का भी हिस्सा है बोर्ड ऑफ कंट्रोल का जो खर्चा पानी जितना भी हो रहा है सैलरी वैलरी ये अब इट्स स्टाफ टू बी पेड आउट फॉर ऑफ इंडियन रेवेन्यू क्यों क्योंकि ये इस कंपनी का काम कर रहा है और सरकार के लिए कर रहा है सरकार नहीं पैसा दे रही है नहीं कंपनी उगाए कंपनी पैसा बनाए कंपनी पैसे से अपने पैसे से अपना ही अपने ऊपर एक बोर्ड ऑफ कंट्रोल बना जो बिठा के रखे जो हमें रिपोर्ट दे बस हम ऐसे बात करेंगे सरकार इस समय एकदम ऐसी हो गई है कि हमारी मर्जी से हो रहा है हम परमिशन दे रहे हैं बस अब 20 साल फिर हो गए 93 से 1813 आ गया अगला चार्टर आ गया अब वहां पे कंपनी की बातें होने लगई हैं 18वीं सदी 1800 वाला सेंचुरी शुरू हो चुकी है 19 सेंचुरी शुरू हो गई है अब ब्रिटेन में इंडस्ट्री रेवोल्यूशन हो रहा है इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन माने वहां तो एकदम पूरी क्रांति आ गई बड़ी-बड़ी मशीनें हैवी मशीन है वहां कॉटन का डाई का इंडिगो का सामान सब बन रहा है हैकी वकी बन रहे हैं रुमाल होमाल तो अब वहां की कंपनी के लोग कह रहे हैं और भी लोग जो कंपनियों में थे दूसरी कंपनियों में ईआईसी में नहीं लंडन में कि कब तक र ईस्ट इंडिया कंपनी की मानते रहोगे सर हम भी तो हैं हमारे पास टेक्नोलॉजी अच्छी है हमारे पास अच्छा अच्छा मटेरियल है हमारे अच्छे अफसर हैं यंग अफसर है उधर आपने जो है कंपनी को एकदम फेवरेट बना रखा है ईआईसी को ये नहीं चलने वाला ये ज्यादा लंबा नहीं चलेगा हम बात बता रहे हैं आपको तो कंपनी के लिए फिर चार्टर एक्ट आया 1813 में इस समय बोला गया कंपनी है सुनो तुम तुमने इतना बड़ा बना के दिया है वेरी गुड ठीक है थैंक यू वेरी मच हम तुम्हारी ट्रेड मोनोपोली अब छीन रहे हैं तुमसे जितना भी जो तुम आज आज व्यापार कर ने आए हो इंडिया में जो तुम व्यापार करने के लिए आए थे ना शुरू में तो तुम क्या करते थे कॉटन में इंडिगो में डाई में चावल में गेहूं में धान में हर चीज में तुम अपना इनसे ट्रेड कर रहे हो इंडिया से कर लो ठीक है पर अब 1813 हो चुका है अब बाकी कंपनियों को आने दो बाकी कंपनियां भी कह रही है हम कब लूट हम भी लूटेंगे लेकिन इंग्लैंड में चाय की बहुत ज्यादा अच्छी वहां फेवरेट चाय है वहां फेवरेट वहां प बहुत अच्छी ड्रिंक मानी जाती है इंग्लैंड के लोगों को चाय बहुत पसंद है एकदम बिल्कुल बड़े-बड़े शाही जैसे कप बना के चाय उसमें डुबो डुबो के ना चाय पीते हैं चलो ठीक है अब क्या हो रहा है कंपनी को कह दिया चाहे क्योंकि हमारी हमारी ब्रिटेन की इतनी फेवरेट है चाहे तो तुम ही करना खाली काम चाय के लिए खाली कंपनी ही ईस्ट इंडिया कंपनी ही अभी अभी भी ट्रेड करेगी उसमें कोई और दूसरा दूसरी कोई कंपनी उसमें ट्रेड नहीं करेगी तीसरी चीज जो चाइना है चाइना के साथ उधर उधर इंग्लैंड ने सोचा अब तो इंडिया तो पता नहीं कब तक चले ना चले पता नहीं भैया आगे और बनाओ काम और ईस्ट में जाओ देखो क्या है तो जाके चाइना से अभी व्यापार करना शुरू करो चाइना से ओपीएम वॉर लड़ो चाइना से एकदम वहां पे जो है एकदम पूरी पॉपुलेशन को एकदम ध्वस्त कर दो ये कर दो वो कर दो तो ट्रेड विद चाइना अभी भी मोनोपोली इसने कंपनी को कुछ दे दी कि अभी तुम वहां संभाल लो तुमने इंडिया बना के दे दिया ना इंडिया बना के अब यहां पे व्यापार और भी लोग कर लेंगे कर लेंगे तुम बड़े आदमी हो तुम आगे जाके तुम आगे समझो तुम नए-नए और हमारे और विस्तार करो हमारा चलो ठीक है अी फिर इस एक्ट में फिर से याद दिलाया कंपनी सुनो ब्रिटिश क्राउन टू हैव सोवन ओवर जो भी कंपनी की टेरिटरी है इंडिया में कंपनी के जितने भी टेरिटरी हैं वो सबके ऊपर ब्रिटेन क्राउन की आधिपत्य है ब्रिटेन क्राउन की सोरेंटी है सुप्रीमेसी है चलो ठीक है इधर यहां बात कर दी गई कि हम तुमसे कंपनी है तुमसे 200 साल हो गए तुम लोग यहां पर 1600 के आए हुए थे तुम वहां कैसे काम कर रहे हो तुम्हारे कोई समझता है तुम्हारी बात इंग्लिश तुम्हारी समझ में आती है उन लोगों को इंडिया के लोगों को कि हां हां आ जाती है नहीं तो मारते हैं अपने मान जाते हैं कि नहीं नहीं ऐसे मत करो मारो मत तुम क्या करो वेस्टर्न एजुकेशन फैलाओ ठीक है वेस्टर्न एजुकेशन मतलब तुम वहां पर इंडिया में ₹ लाख खर्च कर कर कम से कम और क्या करो यहां पे अपने ₹ लाख तो आगे बताएंगे ये लोग अभी इन्होंने कहा कि इंग्लिश है ना तुम यहां पे मैथ्स तुम यहां पे हिस्ट्री तुम यहां पे अपने सोशल साइंसेस एसएसटी तुम यहां पे अपने जितने ज्योग्राफी अपने सारी फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ्स पढ़ाना शुरू करो वेस्टर्न एजुकेशन का यहां प यहां पे अपना फैलाव करो इसके अलावा तुम यहां क्या करो यहां पे क्रिश्चियन मिशनरीज जो क्रिश्चियनिटी को फैलाते हैं और ज्यादा विस्तार कराते हैं उन लोगों को भेजो नंस को भेजो फादर्स को भेजो मदर्स को भेजो जो होती हैं सिस्टर्स को भेजो जो जाके इंडिया में क्या करेंगे क्रिश्चियनिटी फैलाए कि यीशु मसीह की शरण में आ जाओ सब लोग ये सही है यही धर्म सही है ये सब ये करेंगे ये लोग अपना करने दो इन्हें दूसरी चीज जो लोकल सरकारें हैं जो वहां की अब ये इनकी स्मार्ट प्ले था इन्होंने क्या किया इन्होंने कहा जो इतना सा पूरा हमारे आपके एक बंगाल बहार ये है अपना बम्बे है मद्रास है अपना ऊपर पंजाब है नॉर्थ वेस्ट एन डब्ल्यूएफपी है ये सारे अपने प्रांत हुआ करते थे कंपनी के इन प्रांतों में अभी भी छोटे-मोटे अपने राजा हैं ये जो छोटे-मोटे राजा हैं इन राजाओं के पास भी पावर दे दो बंगाल में अपना अपना बंबई में एक प्रोविंस आ रहा सतारा चलो ठीक है आ गया इस सतारा का अपना राजा है मान लेते हैं भोपाल का राजा है अपना मान लेते हैं तो ये लोग क्या करें अपने-अपने छोटे-मोटे राजा जो लोग हैं ये लोग भी ये लोग भी अपने-अपने हिसाब से टैक्स लगाने दो इन्हें टैक्स लगाने दो इन्हें राजा को टैक्स कमाने दो कमाने दो इससे दो चीजें हो जाएंगी दो चीजें एक साथ हो जाएंगी क्या होगा जो लोकल सरकार है मतलब लोकल राजा कह लो लोकल प्रोविंस का राजा कह लो ये भी अपना टैक्स लगा सकता है और जो व्यक्ति टैक्स नहीं भर पाएगा कोई गरीब किसान कोई गरीब अपना व्यापारी कोई छोटा मोटा कोई दुकानदार अगर वो टैक्स नहीं भरे तो इनको पनिशमेंट देने की सजा भी दे दो इनकी पनिशमेंट देने की परमिशन भी दे दो ये ब्रिटेन की चार्टर एक्ट में ये लिखा हुआ है कंपनी के लिए कि कंपनी को हम आज डायरेक्शन दे रहे हैं ब्रिटेन के लोग ब्रिटेन की सरकार कि तुम एक काम करना लोकल जितने भी राजे महाराजे हैं जो दब कुचले बैठे हुए हैं चुपचाप उनको भी कह दो तुम अपना राजपाट चलाना अपना किला वेला मेंटेन रखना है हां चलो तुम भी टैक्स लगा लो मतलब अगर एक गरीब किसान अगर किसी तरह ₹1 कमा रहा है 00 में से डायरेक्ट डायरेक्ट वो 60 या 0 0 तक तो अपना दे ही रहा है कंपनी को क्या करें नहीं तो काम नहीं करने देगी ठीक है इतना दे दिया अब इसके बाद भी ₹ ये लोकल राजा भी ले ले अब इससे देखो गरीब किसान का हाल क्या होगा गरीब किसान पहला देखेगा कि मेरे सामने कौन है एक अंग्रेज है एक राजा है ठीक है अंग्रेज तो मेरा ले ही जाता है पूरा का पूरा अब यहां पे जो राजा है ये भी मुझसे ले जा रहा है मेरा अपना राजा था ये तो ये तो मैं इससे रोज अपने इस से दोआ सलाम होती थी ये निकल के जाते थे हम इनको महाराज महाराज प्रभु कहते थे अब ये भी ले रहा हमसे पैसे तो ऐसे में क्या होगा एक इंडियन ऐसे बनेंगे नए इंडियन आएंगे जो पहली बात तो वेस्टर्न एजुकेशन में ट्रेंड होंगे जिन्हें वेस्टर्न एजुकेशन समझ में आती है इंग्लिश केमिस्ट्री फिजिक्स मैथ्स बायो ये सब आती है समझ में दूसरी चीज वो अपने ही राजा से गिनना जाएंगे कि नहीं नहीं हमारा अपना ही हमारे सा का नहीं है तो ऐसे में क्या हो रहा है व हमारी तरफ भी आकर्षित हो क्यों क्योंकि वो क्रिश्चियनिटी देख रहे हैं तो हम एक लॉयल क्लास बनाना शुरू कर रहे हैं लॉयल क्लास ऑफ इंडियंस मतलब एक तीर दो निशाने है ना किलिंग टू बर्ड्स विद वन स्टोन एक एक एक निशाने से दो शिकार कर लिए कैसे किए इन्होंने इन्होंने कहा तुम बस यह काम करा दो तुम बस छोटे राजा को अपना टैक्स लगाने दो वो अपना राजा टैक्स लगाएगा और राजा अगर अगर राजा को ₹ नहीं मिले तो राजा उसको सजा देगा किसको उस गरीब किसान को गरीब किसान को या दुकानदार को जो भी अपना व्यापारी जो भी है तो अब राजा को अगर उसको पनिशमेंट दे देगा हमारा जो वो किसान हमारा जो किसान है हमारा जो दुकानदार है व हमारी तरफ आकर्षित हो जाएगा बोलेगा कि हां वेसन एजुकेशन तुम से खाते हो सही है तुम ही पढवा हो तुम ही तुम ही कम से कम लिखा पढ़ी तो करवा रहे हो हमारी तुम ही हमको ये दे रहे हो क्रिश्चियनिटी भी दे रहे हो तो हम ब्रिटेन के प्रति हम लॉयल हो गए हम ब्रिटेन के प्रति हम अच्छे हो गए ये अपना राजा ही हमारा सगा नहीं रहा देखा ये काम हुआ ये बहुत ही ज्यादा जिसे कहते हैं पेचीदा मामला था अब अगला चार्टर एक्ट ऑफ 1833 यहां पे हमने सब तरीके से कह दिया कि अब जो गवर्नर जनरल है वो अब बड़े आदमी ज्यादा ही हो गए गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल जो है उनका नाम वापस चेंज करो उनका नाम अब बड़ा हो जाएगा अब वह जीजीआई कहलाएंगे गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया अब वह पूरे इंडिया के पूरे देश के गवर्नर जनरल हैं लॉर्ड विलियम बेंटिक लॉर्ड साहब यह साहब हमारे बन गए पहले गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया ऑफ ब्रिटिश इंडिया ठीक है फॉर द फर्स्ट टाइम एक गवर्नमेंट ऑफ इंडिया वास जल ऑफ इंडिया पहली बार हमारे यहां बात शुरू हो गई कि ये है अब साहब बड़े आदमी अब ई है हमारे सरकार यह प्राइम मिनिस्टर है यही प्रेसिडेंट है यही सब कुछ है सर्वे सर्वा पूरे कम इस पूरे देश के उस समय के यही मान लो इन ये जो बम्बे मद्रास है नीचे वाले अपने अभी तक क्या हो रहा है ये अपना बंगाल बॉम्बे मद्रास ये वाले जो गवर्नर जनरल यहां बैठा करते हैं पहली बात तो ऑलरेडी जूनियर है इनसे ठीक है बम्बे मद्रास ऑलरेडी जूनियर छोटे हो तुम चलो अभी नहीं इतने बड़े आदमी बने हो ये बड़े आदमी है इनको बोल दिया गया तुम कानून बनाने का टेंशन मत लो नहीं नहीं तुम्हें जरूरत नहीं है ये बना देंगे ये ये दोनों के दोनों अब इनके पास कोई भी लेजिस्लेटिव पावर नहीं रही कोई भी इनके पास कानून बनाने की पावर विधिक पावर इनके पास अब नहीं है तुम जो स्टेट हैं उनको जरूरत नहीं है सेंटर उस समय का दिल्ली उस समय का ये है कोलका ये दिल्ली उस समय की यही बना देगा पूरे देश के लिए कानून वो कौन है दिल्ली में ये साह बैठे हैं वो गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया तो पहली बार बात हो गई कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया आज बनी है ये जीजीआई जो है है यही जीजीआई साहब अब ये जीजीआई साहब के पास पूरी पूरी सिविल मिलिट्री सब पावर है मतलब सिविल क्या है प्राइम मिनिस्टर वाली पावर भी है इनके पास और राष्ट्रपति वाली पावर भी है इनके पास सुप्रीम कमांडर भी यही है अब इस समय सिविल मैटर भी यही देख रहे है यही समझ रहे हैं बड़े आदमी बन गए ये उस समय देश के प्राइम मिनिस्टर हैं कोई इलेक्शन सिलेक्शन कुछ नहीं हुआ इनका अपॉइंट्स यही काम करो जो कर रहे हो तुमने जितना जो तुम ने सब ये ट्रेड मर्चेंट जो अपना व्यापार अपना सब किया था हो गया छोड़ दो तुमसे ना हो पा रहा तुम बस अब खाली एक्सपेंशन करो तुम बस विस्तार वाद करो इंपीरियल जम करो तुम बस टेरिटरी बनाओ लूटो देख लेंगे बाद में तो कंपनी को हमने पोरली अब एक एडमिनिस्ट्रेटिव बॉडी बना दिया है और उनसे सारा का सारा कमर्शियल एक्टिविटी उनसे छीन ली कि हो गया अब मत करो इतना ज्यादा दिमाग मत लगाओ तुमसे ना हो पा रहा तुम जो लॉ बना रहे हो अभी तक लॉज मेड बिफोर आर कॉल्ड एज रेगुलेशंस अब इसके बाद से जो भी तुम कानून बनाओगे लॉज मेड अंडर दिस एक्ट आर कॉल्ड एक्ट्स इस एक्ट के इस चार्टर एक्ट ऑफ 1833 जो लंडन में बना है वहां पे इस एक्ट को बना के भेज दिया गया लंडन इनके पास जीजीआई साहब के पास अब जीजीआई साहब के पास ये आया क्या आया चार्टर एक्ट ऑफ 1833 ठीक है ये इन्होंने पढ़ा इन्होंने कहा हां ठीक है इसमें ये काम करना है इसमें ये काम करना है अब इस 1833 के चार्टर एक्ट की वजह से जो जीजीआई साहब जो जो कानून बनाएंगे अगले अगले आगे इनको हम बोलेंगे एक्ट लो सही बात है ओके ठीक है जी एंटायस िव पावर ऑफ ओवर इंडिया वाज गिवन टू जीजीआई जीजीआई साहब चाहे तो सती प्रथा बैन करा द जीजे साहब चाहे तो कोई और अपना विडो रीमैरिज एक्ट पास करा दें कुछ भी करा दे य ही इनके पास अब एंटायस पावर है 1833 इस समय त हमारा देश समझ ही रहा है चल क्या रहा है यहां पे इतना तो 200 साल से ज्यादा हो गया लम दो सवा साल हो चुके हैं यहां पे हमने पहली बार ये सुना कम से कम जो हमारे इंडियन लोग सोच रहे थे कि साहब चल क्या रहा है कौन अफसर कौन बनता है सिविल सर्विस कैसे आते हैं इसमें लोग यहां पे बात हुई कि ओपन कंपटीशन इन सिविल सर्विसेस ये वाली बात कि जो इंडियंस हैं थोड़े बहुत तो पढ़े लिखे होंगे तुमने अभी तो बनाया था क्या बनाया था तुमने तुमने क्या बनाया था वेस्टन एजुकेशन दिया था 20 साल पहले अब 20 साल में अगर कोई वेस्टन एजुकेशन सीख रहा है अपना इंग्लिश मैथ्स एसएसटी हिस्ट्री ज्योग्राफी ह्यूमैनिटी समझ रहा है तो मतलब क्या है वो समझ रहा है सिस्टम कि अच्छा ये पॉलिटी है इनकी इसमें कौन है गवर्नर जनरल साहब सब सबसे ऊपर हैं उनके नीचे अफसर वन अफसर टू सर थ्री अफसर फोर उनके साथ में वो कौन है बंबई मद्रास के अपने-अपने क्या मैं सिस्टम में आ सकता हूं हां आ सकता हूं कैसे आ सकता हूं कोई एग्जाम निकालना पड़ेगा वो एग्जाम क्या है वो एग्जाम है उस समय का मान लो यूपीएससी जैसा एग्जाम है वो सिविल सर्विसेस का अब ये क्या हो रहा था कंपनी की कंपनी में जो ऑफिसर कंपनी सर्विस जो होती थी ये बड़ी ही एकदम जैसे कहते हैं अरे विलायती सर्विस कहते थे मतलब कई अफ्रीका के वेस्ट इंडीज के ट्रेंड आ टोबैको क्यूबा हर जगह के जहां पे जहां पे भी ब्रिटेन का आद अधिपत्य रहा था जहां पे भी ब्रिटेन के बड़े-बड़े अपने कॉलोनी थी तो वहां से लोग चाहते थे कि हम इंडिया जाके सर्विस करें क्यों क्योंकि इंडिया में जो कंपनी की सर्विस थी वो बहुत ही आलीशान थी आप देखो आज भी जो अ जो कोलका में जो प्रेसिडेंसी है प्रेसिडेंसी ऑफ फोर्ट विलियम्स तो वो कितनी बड़ी है मतलब देख रहा है वो देश का उस समय का सरकार का घर है देश के गवर्न जनल ऑफ इंडिया का दिख रहा है कि हां सरकारी अफसर ऐसा होता है सरकारी सिस्टम इतना बड़ा होता है इतना भयंकर होता है तो अब लोगों चाहिए था कि हम इस सर्विस में जाएं हम इंडियंस हैं भले ही हम चलो तुम हमें सेकंड क्लास मानते हो तुम हमें काला गोरा हमें हमें ऐसे करते हो हम ऐसे नहीं रहना चाहते हम पढ़े लिख गए हैं 20 साल तुमने पढ़ाया हमको वेस्टन एजुकेशन में सिखाया है हम आना चाहते हैं अब ये पहली बार ओपन कंपटीशन हो रहा था अभी तक ये सर्विसेस जो थी कंपनी की सर्विस ये रिजर्व्ड थी फॉर गोरे लोग फॉर अंग्रेज यहां पे इसको लेकिन कोर्ट ऑफ डायरेक्टर ने कह दिया नहीं बिल्कुल नहीं ये कंपनी की सर्विस है ये दिस इज फॉर व्हाट दिस इज फॉर वाइट पीपल दिस इज फॉर वाइट यूरोपिय यह है हमारे अपने जो लोग हैं जो हमारे अपने गोरे हमारे अंग्रेज हैं हम उनके लिए सर्विस बना के रखी है इतनी अच्छी इसमें ये कौन आएंगे ओपन कंपटीशन से लोग अब इंडियंस आएंगे इसमें हमारे यहां नहीं नहीं आने देंगे हम हम अपोज करते हैं इसको अब चार्टर एक्ट ऐसा आया चार्टर एक्ट में बोला तो था कि ओपन कंपटीशन होगा लेकिन को डक्टर ने कहा हम नहीं होने देंगे नहीं सर इसको नहीं मानेंगे हम जो भी हो जाए हमारी सर्विस है हम गोरे लोगों की सर्विस है हमने आपस में अपने बाल बच्चों के लिए बनाई है ये हम आपका कोई कोई अगर बड़ा स्कॉटलैंड का बड़ा अफसर है उसको आना है तो आ जाए हम लेकिन कोई इंडिया का कोई बंगाल का पड़ा हुआ आदमी नहीं उसमें बैठाए ऐसे कैसे आने देंगे तो चलो नहीं आ पाया वो चलो जब नहीं आ पाया तो हमने आगे उसका बात शुरू करी 20 साल और दे देते हैं चलो कर देते हैं ये आखिरी चार्टर एक्ट आया वो समझ चुके हैं कि इंडिया में अब देनी पड़ेगी नहीं तो ये हम पीटे जाएंगे कितने हैं हमें पूरे इंडिया में अंग्रेज सम में कितने रहे होंगे 10000 15000 इससे ज्यादा कहां होंगे ये 10 15 हज पूरी संभाल रहे हैं पूरे देश की उस समय की 10 12 करोड़ की आर्मी ये अपनी पीजन संज्ञा तो ऐसा तो ऐसा तो नहीं होना चाहिए और ज्यादा लोग होने चाहिए तो इन्होंने कहा जो हमारी सर्विस में कुछ कवनेंट्स होती है कुछ अनको वेनें सर्विस होती है कवनेंट्स मतलब ये जो लॉ बनाता है जैसे असिस्टेंट कमिशनर जैसे कमिशनर ऑफ ब बल कमिशनर ऑफ भोपाल कमिशनर ऑफ कूच बिहार ये सारे के सारे जो पोस्ट बाय लॉ बने हैं कानूनी रूप से बने हैं ये वाले लोअर सर्विस माने क्रिएटेडटेड कोई और लोकल अपना क्लर्क कोई अपना छोटा-मोटा जिसको काम का आता है कोई टीचर कोई कोच पियन चपरासी ये वो जो लॉस नहीं बने जो बस जरूरत की वजह से बना दिए गए चलो ठीक है अब इस समय प हम इंडियंस के लिए वो इंट्रोड्यूस ओपन कंपटीशन इन सिविल सर्विसेस देयर फोर कोटेड सिविल सर्विसेस र थ्रोन ओपन टू इंडियंस ये इंडियंस को अब ओपन कर दी गई तुम पढ़े लिखे हो चलो आ जाओ याद कर मुझे जरा बताना फर्स्ट इंडियन फर्स्ट इंडियन टू क्रैक सिविल सर्विसेस आंसर ठीक है अब यह क्यों बना था क्योंकि मेकाले कमेटी मेकाले कमेटी उस समय इंडियन सिविल सर्विसेस को स्टडी कर रही थी कि इंडिया में सिविल सर्विस कैसे बने कौन अफसर बने क्या क्वालिफिकेशन होनी चाहिए क्या पता होना चाहिए कैसे करें तो उसके लिए हमने मले साहब को बुलाया ये उस समय इंग्लैंड में बड़े लॉयर आदमी बड़ा दिमाग इनका ऊंचे आदमी थे इन्हें लॉ की समझ थी इन्हें सिस्टम की समझ थी तो इनसे उनसे बोला गया कमेटी बना लो अपनी ये कमेटी पूरी एक स्टडी करें क्या करें स्टडी करेगी कमेटी ऑन इंडियन सिविल सर्विस और हमें बता दे 184 तक एक साल के अंदर-अंदर कि क्या-क्या लेके आना है क्या-क्या इनको लाके देना इंडियंस को नहीं तो इंडियन एक दिन विद्रोह पे आ जाएंगे चीजें चीजें समझो आप इंडियन उस समय अंदर-अंदर उबल रहे हैं अब जीजी काउंसिल तो इनका लेजिसलेटिव एंड एग्जीक्यूटिव फंक्शंस को अलग-अलग बना दिया गया जो ये 1 प् 4 की आप कहानी देखते हो ये 1 प 4 उस समय मैंने जैसे पहले कहा था कि उस समय सरकार भी है पार्लियामेंट भी यही है अब पार्लियामेंट का काम क्या होता है पार्लियामेंट का काम होता है कानून बनाना मतलब लेजिस्लेटिव पावर मतलब खाली कानून पास करना और एग्जीक्यूटिव पावर क्या होती है सरकार की पावर होती है जो क्या करती है कानून बनवाने के पास उस कानून को पालन करवाती है ठीक है अब इनके दोनों 1 पस 4 का पूरा काम दोनों का काम यही कर रहा है तो 1 प् 4 के दोनों के काम को अलग-अलग कर दिया दिया गया हमने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं चलेगा तुम लोगों के पास जिम्मेदारी बहुत ज्यादा है तुम जीजी काउंसिल जो है की गवर्नर ऑफ इंडिया का इनके पास एब्सलूट पावर है कानून खुद ही बनाते हैं सुबह उठके शाम तक लागू करवा देते हैं नहीं ऐसा मत करो इनके पार्लियामेंट वाले काम अलग होते हैं जैसे हमारे यहां लंडन में हो रहे हैं इस समय तक ये कह रहे हैं लंदन में तो हमारे पार्लियामेंट है सरकार भी है हमारे यहां पे राजा भी है हमारे जुडिशरी भी है पर इंडिया में ऐसा हम कुछ नहीं दे रहे इंडिया में हम क्या दे रहे हैं 1 प् 4 दे रहे हैं खाली बस पांच लोग दे रहे हैं यही पांच लोग बस ये पांच लोग जो हैं इनको बोला गया तुम्हारे दोनों दोनों काम है अपने अलग-अलग काम है इनको अपने-अपने काम बांटो कैसे करोगे तुम बनाओगे एक छह न्यू मेंबर लेजिसलेटिव काउंसलर बनेंगे ये अब देखना दिमाग 1 + 4 ठीक है प्लस 6 ये हो गया सिक्स न्यू मेंबर्स आर एडेड एज लेजिसलेटिव काउंसलर्स ये कानून ये उस समय की हमारी पार्लियामेंट कह लो इसको ये है ये पार्लियामेंट है लो साहब बन गई पार्लियामेंट कितनी अच्छी पार्लियामेंट दिख रही है ये ये छ पा 11 लोग अब यहां पे लेजिसलेशन को एक एक सेपरेट फंक्शन माना गया ऑफ द गवर्नमेंट गवर्नमेंट क्या है उस समय गवर्नमेंट ये है गवर्नमेंट यह है पांच लोग और उस समय की गवर्नमेंट ज्यादा स्ट्रांग थी इन छह लोगों से गवर्नमेंट गवर्नमेंट है उसके पास मिलिट्री है उसके पास आर्मी है उसके पास पैसे की पावर है उसके पास हर पावर है ये छह क्या लोग है अे तुम्हें कुछ नहीं बता चुप र ऐसे चुप र मना देंगे ठीक है जी ओके ये जो छह लोग थे इसमें हमने बोला कि इसमें कुछ कुछ लोकल रिप्रेजेंटेशन ले लो इन द इंडियन सेंट्रल लेटिव काउंसिल ये देख रहे हो छह लोग अब ये छह लोग मैं तुम्हें अपने आप डब्बा बना के दिखा रहा हूं मतलब कि ये पांच तो एक साथ है ये पांच तो अंग्रेज रहेंगे ही रहेंगे इनमें कोई बाहर का नहीं आने वाला ये बड़े बहुत ही सिलेक्टेड होके ऑफिसर होके सेलेक्ट होके आएंगे ये लेकिन जो ये छह हैं ये छह को इन इंग्लैंड सोचता था जड़ बुद्धि लोग हैं अपने लड़ेंगे आपस में डिसाइड करते रहेंगे काम तो इन्हें कराना है ना काम तो ये करेंगे मेन काम तो यही इन्हीं के पास है चलो ठीक है तो ये जो इंडियन सेंट्रल टिव काउंसिल बना हुआ है ये वाला इसमें आप लोकल लोग रख लो लोकल माने क्या इंडिया के लोग रख लो फोर आउट ऑफ सिक्स जीजी लेजिसलेटिव काउंसिल जो बना है ये 1 प् 6 ये वाला अपना 1 प् 6 इनको उठा के इनको हमने कह दिया ये लेजिसलेटिव काउंसिल है ये पार्लियामेंट है के समय की पार्लियामेंट मान लो इसको काम ज्यादा नहीं है पर करने दो इन्हें चलो ठीक खुश रहेंगे अपने आप तो इसमें अपॉइंटेड बाय लोकल गवर्नमेंट्स ऑफ चार जगह से लोग आए कहां-कहां से आए मद्रास बॉम्बे बंगाल आग्रा इन चार जगहों से लोग आए हैं ये लोग कौन हैं वहां के कोई अपने लोकल गवर्नर ने जो बना के भेज दि हां तुम पढ़े लिखे हो क्या जाओ तुम चले जाओ ऊपर जाओ जाके उनकी बातें सुनना गवर्नर साहब जो जो बातें करें उनको सलाम नमस्ते करना उनको बड़े-बड़े हाजरी देना आ जाना वापस चलो ठीक है ऐसे हो रहा था काम बस काम खत्म हो गया इतना ही काम था बस इसके बाद इनका काम नहीं चल पाया बैठे आप शताब्दी में या वंदे भारत जिसमें भी चलो ठीक है मान लेते शताब्दी में बैठे आप अब शताब्दी में आप क्या देख रहे हो आप बैठे हो भोपाल से चलो भोपाल बैठे आप भोपाल से आगे बढ़े हम झांसी पहुंचे झांसी में आपने देखा कि आपके डब्बे में चढ़ाए कौन एक बहुत बड़ा द ग्रेट खली टाइप का कोई व्यक्ति चढ़ा बड़ा ऊंचा लंबा चौड़ा ठीक है उस व्यक्ति ने जितने भी लोग बैठे थे सवारी उसमें ट्रेन में भोपाल से जो चढ़ के आए थे सबको दिए दोदो चाटे सबको एक साथ कड़क कड़क कड़क कड़क सबको मारा उसने दो दो तीन चाटे सबके गालों में मारे अब भगा दिया सबको चलो निकलो पीछे सबके सब चले चलो अच्छा अब क्या हुआ उस खली ने पूरे डब्बे प कब्जा कर लिया खाली अकेला तो ग्रेट खाली वहां खड़ा हुआ है अब ये ट्रेन आगे जा रही है ट्रेन चली कहां ग्वालियर पहुंची ग्वालियर से आगे आगरा पहुंची और लोग पिटते जा रहे हैं लेकिन कोई कुछ बोल नहीं रहा आगरा में आगरा कैंटोनमेंट है मिलिट्री का एरिया है अब आगरा कैंटोनमेंट से एक सिपाही चढ़ा अंदर अब सिपाही ऊपर चढ़ा ट्रेन में उसने कहा सारे लोग कहां है यहां से भोपाल चली ट्रेन भोपाल से खाली आ रही है क्या तो उसने देखा कि पूरे में कोई डब्बे में सब खाली बैठे हैं एक बड़ा लंबा चौड़ा आदमी बैठा हुआ है और एकदम बैठ के एकदम टांग ऊपर करके अपना यहां पे हाथ पे हाथ रख के ऐसे खड़ा है और यहां तुमसे कह रहा ओए पीछे हट चल यहां से निकल जा यहां से बाहर और फौजी ने अपना देखा फौजी ने अपना कोर्ट उतारा उसने अपना सामान रखा नीचे और पकड़ के एकदम खाली के बाल पकड़ लिए उसने अब उसके पास ताकत नहीं है इतनी पर लेकिन उसको बस समझ में नहीं आया फौजी आदमी है फौजी आदमी को रूल चाहिए होता है फौजी आदमी को सिस्टम चाहिए होता है तो फौजी आदमी ने जाके खाली को पकड़ लिया एकदम से अ तू कौन है यहां से लोग परेशान कर रहा है लोगों को इतना करा बस और सारे लोग आ गए जो जो पिटे थे पहले वो सब कह रहे थे हां भाई साहब बहुत मराहा भाई साहब यहां मारा इस गाल प भी मारा है ऐसे भी मारा है देखो देखो कितनी जोर से मारा है तो अब क्या हुआ सब लोग चढ़ के आगे ऊपर आ गए खली के ऊपर और खली को पकड़ा दो दो सबने मारे उसको कि चुप हो जा चुप हो जा सबको मार रहा था तू पीछे जा ट्रेन से उतर ट्रेन से उतर ऐसा हो रहा था ये हुआ हमारी गदर ये उस समय की एक 1857 की हमारी जो रिवोल्ट थी पहली ये ऐसा हमको एक टीचर ने पढ़ाया था कि ऐसे पढ़ लो समझ में आ जाएगा अब एक फौजी आदमी मंगल पांडे जो देख रहा था कि यार क्या चल रहा है सिस्टम में कुछ है नहीं इसमें एनफील्ड कार्टेज आ रही है इसमें ये आ रही है इसमें हमें समुंदर पार करके जाना पड़ता है हमारा धर्म भ्रष्ट हो जाता है हम नहीं मान रहे इस कंपनी को इस कंपनी को सही करते हैं और फौजियों ने एकदम निकाल के ऐलान कर दिया और मेरठ से एकदम आग बुलंद हो गई और एकदम पूरा झांसी में अलग बवाल हो गया कानपुर में अलग बवाल हो गया सतारा में अलग बवाल हो गया तो बवाल होने शुरू हो गए सब लोग दुखी थे जमींदार बड़े-बड़े लैंडलॉर्ड बड़े-बड़े साहू बड़े-बड़े राजा जिनकी जमीनें चली गई जिनके राजपाट चले गए सब लोग आगे लड़ ग हां हमें भी मारा था कंपनी ने हमें ही मारा है कंपनी हमें बहुत मारती है तो सब लोग आगे चढ़ बैठे किस पे कंपनी पे अब कंपनी कह रही है मैंने क्या मैंने कभी कुछ किया मैं तो इतना सज्जन आदमी हूं कंपनी तो कंपनी से अच्छी कोई सज्जन है ही नहीं तो चलो कोई बात नहीं और मेरठ के फौजियों ने ले जाके दिल्ली में गए और बहादुर शाह जफर को बूढ़े बेचारे राजा 80 साल के बुजुर्ग आदमी ₹ पेंशन पाते थे सरकार से सरकार कौन कंपनी से तो इनसे बेचारे पेंशन पा रहे थे कि साहब हम राजा आदमी थे कभी के ऐसे मत करो हम मुगल हैं हम हम हमारा बड़ा पूरा साम्राज्य हुआ करता था मालिक हमें कुछ दे दो हमारा कुछ हुक्का पानी चलता रहे तो ऐसे में कंपनी कहती थी 22 ले चुप र चलो जाओ चलो पर राजा वाजा कुछ नहीं होता राजा नाम के हो तुम बस खाली चुप रहो बैठ रहो इसके बाद मेरठ में जाके फौजियों ने जाके बहादुर शाह जफर को उठाया दिल्ली जाके लाल केले बिठा दिया कि मालिक बैठो कहां बैठो क्या आज से देश में ऐलान हो गया हिंदुस्तान हमारा शहनशाह वापस आ गए शहनशाह हिंदुस्तान है बहादुर शाह जफर जफर आदमी बेचारे बूढ़े आदमी उन्होंने कहा मालिक मैं कहां जाऊ मैं क्यों मैं राजपाट मुझे करना ही नहीं है मुझे आता ही नहीं कुछ कहा नहीं नहीं तुम मत करो हम कर हम लेंगे तुम तुम्हारे नाम पे चलेगा और सिक्का बिक्का चालू कर दिया एकदम ऐलान हो गया एकदम पूरा मिलिट्री का एकदम एक शासन आ गया है एकदम फौजियों ने बना के अपनी नई सरकार सी पैरेलल बनानी शुरू कर दी और लोगों को लग रहा है कि सच में लाल किले में आ गए हमारे बादशाह वापस मुगल सल्तनत जिंदाबाद मुगल सल्तनत मुगल सल्तनत पूरी बात हो रही है एकदम ऐलान हो चुका है कि मालिक शहनशाह हिंदुस्तान आज से कोई अंग्रेज अंग्रेज कुछ नहीं कंपनी कंपनी कुछ नहीं होती आज से हम आपके हैं और आप हमारे राजा हो चलो बताओ आगे क्या करना है राजा को हमें नहीं पता क्या करना है तो राजा ने कहा नहीं पता तो एक काम करो माफी मांग लेते हैं बहादुरशाह जफर बड़े आदमी है देखो ऐसे मत करो वो सरक वो कंपनी है मब मारेगी कंपनी ने आखिरी में समय लिया एकएक करके जगह-जगह पर रिवोल्ट जितने हुए थे सारे रिवॉल्ट्स को उन्होंने ठंडा किया तो अब यही हुआ जब रिवोल्ट सारे शांत हो गए बादशा जफर को जफर को उठा के म्यानमार भेज दिया रंगून भेज दिया और जाके उनको बोला वहीं रहो चुपचाप आ आ मत जाना वहीं मरो जाके तो इनको वहां जाके डाल दिया और दुनिया को बता दिया इंडिया को बता दिया कि अब से देश में कोई मुगल सल्तनत जैसी कोई चीज नहीं हो सकती देश का राजा अब खत्म हो च चुका है क्योंकि जफर को हमने बेच दिया है वहां म्यांमार बर्मा और राज राजा के दोनों बेटों को हम चौराहे पर टांग रहे हैं देख लो कोई सबके राजा की पूरी हमने लाइनेज खत्म कर दी कोई राजा का आगे वंश नहीं बचेगा अब कोई सल्तनत नहीं कुछ नहीं कंपनी एकदम क्रूर होके कंपनी ने सबको दबा दिया बहुत बेइंतहा क्रूरता दिखाई कंपनी ने पूरे पूरे उन्होंने गांव जला डाले खत्म कर दिए कि यहां बैठा था वो आतंकवादी यहां बैठा था वो रिवोल्ट करने वाला पूरे जला दो सबको ऐसा करके कंपनी ने एकदम एकदम ब्रूटल अपने पैर के तले अपने पूरे इंडिया को उन्होंने एकदम और दबाया अब ये जब दबा इसके बाद से ये रिपोर्ट गई कहां गई लंडन लंडन में जब रिपोर्ट गई लंडन में क्वीन विक्टोरिया हर मेजेस्टी इन्होंने कहा ए प्राइम मिनिस्टर देखना जरा क्या रिपोर्टें आई है ये ये क्या हुआ है इंडिया में एकदम से इतना ज्यादा लोग उग्र हो गए हैं प्राइम मिनिस्टर कह रहे हैं लेकिन हमने तो बड़े अच्छे लोग भेजे थे हमने तो क्या ही कैसा कर दिया होगा ये लोग हमसे क्यों नाराज हैं इंडियंस हमने ऐसा काम कुछ बिगाड़ा है किसी का हम क्यों कभी कुछ कर चलेंगे हम हम तो बड़े अच्छे लोग हैं कि नहीं नहीं नहीं सही करो इसको वापस प्राइम मिनिस्टर को बोला प्राइम मिनिस्टर ने कहा ठीक है मैडम आप कह रही हो आपकी बात हम टाले गे नहीं चलो ठीक है जी हम बना रहे हैं गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 18581 एक्ट फॉर द गुड गवर्नमेंट ऑफ इंडिया हम सरकार अच्छी लाएं कहां पे इंडिया में तो हम एक नई सरकार हम एक नया पूरा एक्ट लेके आ रहे हैं हमने बोल दिया है कि कंपनी की सेवा समाप्त कंपनी से अगर लोगों को नफरत थी तो कंपनी को हटा दे रहे हैं लो कंपनी को हटा के कौन आ रहा है कुएं से निकलेंगे खाई में जाएंगे अब हम कंपनी को हटा के हम ला रहे हैं सीधा का सीधा इंग्लिश गवर्नमेंट इंग्लिश क्राउन इंग्लिश अब सीधा का सीधा डायरेक्ट क्राउन का कंट्रोल रहेगा पूरे देश के ऊपर डायरेक्ट सरकार का कंट्रोल रहेगा कॉलोनी एक कंपनी की नहीं है कंपनी टट नहीं है अब हमारा है अब ब्रिटेन के पार्लियामेंट में एक नया सरकार का एक कैबिनेट मेंबर बैठा करेगा उसका नाम क्या होगा सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया ये सेक्रेटरी माने सेक्रेटरी नहीं है ये मंत्री हैं कौन जैसे फॉरेन मिनिस्टर होता है जैसे होम मिनिस्टर होता है जैसे डिफेंस मिनिस्टर होता है ऐसे ही इंडिया मिनिस्टर जो कहां बैठेगा लंडन में बैठेगा अब ये एक मेंबर ऑफ ब्रिटिश कैबिनेट है एक मंत्री उन्हें पूरा डिपार्टमेंट मिल गया जैसे डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट ऑफ कोई आर्ट एंड कल्चर कोई कुछ भी चीज में और ऐसे इंडिया का अपना पूरा एक मंत्रालय है इस मंत्रालय के साथ इसमें होंगे 15 मेंबर इस मंत्री के साथ सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया बहुत बड़ा पोजीशन है बहुत बड़ी बात हो गई है अरे अच्छा अच्छा आपको आपको इंडिया का मंत्रालय मिला है वेरी गुड बहुत बड़ा काम करोगे बहुत बड़ा आपको संभालना है चीजें चलो ठीक है इसमें सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जो है उसके चेयरमैन है जब 15 लोग बैठे हुए हैं 15 मेंबर काउंसिल फॉर इंडिया टू असिस्ट हिम किनको मंत्री जी को मंत्री जी अकेले थोड़ी कर पाएंगे इंडिया में कितने सारे काम चल रहे हैं राजा महाराजा बौर जंग ये मिलिट्री अफेयर ये सारी चीजें तो देखनी है सब चीजें चलो मेंबर ऑफ ब्रिटिश कैबिनेट है इनके पास है कंप्लीट अथॉरिटी एंड कंट्रोल ओवर आईएएस इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेस मतलब आईएएस नहीं है ये पर इंडिया में जो जो आपको प्रशासन चलाना है जैसे चलाना है ये मंत्री से पूछी जाएगी ये मंत्री साहब है कंपनी की सेवा समाप्त कंपनी इज ओवर कंपनी का गेम खत्म हो गया जो गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया हम बोला करते थे हमने गवर्नर जनल भी नहीं चाहिए नहीं नाम चेंज करो बड़ा नाम लाओ और दूसरा नया नाम वाइस रॉय वाइस टू द रॉयल्टी सेकंड टू द क्राउन मतलब सेकंड टू द क्राउन मतलब डायरेक्ट क्राउंड का डायरेक्ट क्राउन का रिप्रेजेंटेटिव सेकंड क्राउन इन इंडिया ठीक है अब क्या बोलना शुरू हो गया पहला वाइस रॉय साहब कौन बनेंगे लॉर्ड कैनिंग यह बन गए ठीक है अब जो हमारा अ यह हमारी क्वीन विक्टोरिया हैं तो इनके नाम के टाइटल में भी लगा दिया गया है क्या एंप्रेस ऑफ इंडिया इसको कहीं लिख देते हैं एंप्रेस अगर आपको इनके टाइटल पता हो जो राजे जो हमारे राजे महाराजे होते थे इंग्लैंड के तो इनका टाइटल कैसे होता था इनका टाइटल बड़ा लंबा चौड़ा होता था टाइटल होता था क्वीन विक्टोरिया का बाय द ग्रेस ऑफ गॉड ऑफ बाय द ग्रेस ऑफ गॉड ऑफ द यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड एंड ऑफ हर अदर रेल्स एंड ओवरसीज टेरिटरीज क्वीन हेड ऑफ द कॉमनवेल्थ डिफेंडर ऑफ द फेथ प्रोटेक्टर ऑफ द रेलम एंड एंप्रेस ऑफ इंडिया ये है ये क्वीन मेजेस्टी का जब कोई नाम लेते जब कोई नाम लेता था तो उनका पूरा नाम फॉर्म होता था ना जैसे जैसे शहनशाह होशियार खबरदार आ रहे हैं कौन जहांपना जलालुद्दीन ये सब ऐसा वैसा नंबा चौड़ा नाम तो ऐसा इनके नाम के आगे टाइटल में लिखा रहता था एंप्रेस ऑफ इंडिया याया एंप्रेस है ये ये ये इंडिया की रानी महारानी है चलो ठीक है कंपनी ओवर कंपनी का गेम खत्म हो गया ट्रांसफर्ड ऑल पावर्स ऑफ ऑफ द गवर्नमेंट टू द ब्रिटिश क्राउन क्राउन को मिल गई सारी टेरिटरी मिल गई सारा सारा राजपाट सारा पावर सब कुछ मिल गया क्राउन के पास है इनके नाम के आगे लिख गया टाइटल अब इंडिया एक प्रॉपर गुलाम कंट्री है ठीक है जी 61 आ चुका है 3 साल पहले आया था हमारे जो रिवोल्ट जो हुआ है रिवोल्ट इसलिए हुआ है क्योंकि इंडियन खुश नहीं थे अब इंडियन खुश क्यों नहीं रहे होंगे हमने ऐसा क्या बुरा हमने ऐसा क्या बुरा कर दिया है तो हमने बोला कि रिवोल्ट के बाद हमने एक चीज ऑब्जर्व करी ब्रिटेन के अंदर कि यहां पे इंडियंस को इंक्लूड करना चाहिए था इन द लॉ मेकिंग प्रोसेस जो भी आपका न प्लस 4 प्लस स वाला जो मेंबर चल रहा है इसमें आपने जब इंडियंस को रखा नहीं कभी अपने साथ और इंडियन लोगों के ऊपर लॉ बनाते जा रहे हो तो इंडियन कोई कभी क्यों साथ देगा आपका नहीं देने वाले थे ये लोग यहां पे हमने बोला कि इनको एक रिप्रेजेंटेटिव इंस्टिट्यूशन दे देते हैं ये क्या होता है सर मतलब आपका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई संस्थान बना देते हैं इनका य अपने खुश रहेंगे आपस में ल लड़ते ते रहेंगे शांत रहेंगे चलो एसोसिएटेड इंडियंस विद लॉ मेकिंग प्रोसेस इंडियंस एज नॉन ऑफिशियल मेंबर्स टू द वाइस रॉय एक्सटेंडेड काउंसिल जो वाइस रॉय का अभी तक हमने देख रहा था 1 प् 4 प् 6 यह वाला मैटर इसमें यह जो लोग हैं ये नॉन ऑफिशियल टाइप लोग हैं कोई इनका ज्यादा मतलब नहीं है आए आए समय के लिए आए 2 साल के लिए आए तीन साल के लिए आए इनका लंबा चौड़ा कोई कार्यकाल नहीं होगा जब तक चाहिए तब तक चाहिए नहीं तो हटा देंगे चलो ठीक है इसमें आए थे तीन इंडियंस जो वाइस रॉय का एक्सटेंडेड काउंसिल था इसमें कौन-कौन लोग वाइस रॉय के अपने फेवरेट लोग प्यारे लोग उनके अपने कौन इंडियंस थे वो पहली बात तो बनारस के राजा आए पटियाला के राजा आ गए महाराजा आ गए और सर दिनकर राव आ गए तीनों के नाम आप देखो एक तो है सर वो तो सर ही है तो मतलब वो ब्रिटेन के नाइट नाइटेड पर्सन है चलो ठीक है पटियाला उस समय पटियाला एक शहर नहीं था पटियाला का उस समय पूरा प्रांत था जो पेप्सू आप देखते थे ये पेप्सू पटियाला एंड ईस्टर्न पंजाब स्टेट्स यूनियन इसमें उस समय हिमाचल का एरिया भी था थोड़ा बहुत उसमें पूरा हरियाणा भी इसी में ही आता था पटियाला के अंडर आता था ऐसा वैसा ठीक है पटियाला में महाराजा बैठते थे चलो ठीक है जी ओके अब ये जो नयाल एसीडी काउंसिल बना है इसमें बंगाल के लिए बाद में बना एडब्ल्यूएफ के लिए बाद में बना इसके बाद पंजाब के लिए बना ये सारे इन्होंने बना दिए गए यार एक काम करते हैं खाली सेंट्रल से थोड़ी काम चलेगा अगर ये इंडिया है है ना अभी इस समय इंडिया ये रहा ये रहा ये रहा ये रहा एन डब्ल्यूएफपी यहां बना देते हैं चलो थोड़ा बहुत चलो ठीक है जी ओके अब क्या हो रहा है कि हमने कहा खाली बंगाल का खाली ये जो वाइस रॉय साहब यहां बैठे हैं बड़े आदमी हैं सेंटर के लिए बना रहे हैं ऐसे ही यहां भी बना डालो यहां बना डालो यहां बना डालो यहां बना डालो ऐसे समय-समय प अपना आते गए कौन-कौन आते गए बंगाल आया पहले बंगाल का अपना लोकल प्रोविंस के लिए आया अपना ए अपना अपना जो लेजिसलेटिव काउंसिल है वो लेटिव काउंसिल माने क्या हुआ कानून बनाने वाला शख्स कानून जो बना रहा है वो वो वाला अथॉरिटी वो वाली बॉडी छोटी पार्लियामेंट छोटी विधानसभा है ये विधानसभा है उस समय की बंगाल एन डब्ल्यूएफपी पंजाब और हमारा अपना बाद में आसाम आएगा बाद में और चीज आती आंगी लेकिन समय समय प धीमे-धीमे देते गए चलो ठीक है जो हमने पहले देखा था कि पूरा का पूरा इन्होंने डी इन्हो सेंट्रलाइज कर लिया था एक धागे से पिरो के बंगाल का ऊपर मद्रास का नीचे उसके नीचे अपना बंगल अपने ये वाला ये वाला ये वाला ऐसे इन्होंने कहा नहीं नहीं नहीं ये जो एक सूत्री धागे से जो हमने सेंट्रलाइज किया है नहीं डिसेंट्रलाइज करो छोटे-छोटे एरियाज को पावर देना शुरू करो बंगाल को दे दो अपना पंजाब को दे दो एडब्ल्यू एफपी को दे दो एडब्ल्यूपी क्या है नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस अफगानिस्तान के आसपास का एरिया चलो तो डिसेंट्रलाइजेशन हमने देखा शुरू हो गया है ये शुरू जब हुआ है इसका मतलब है कि मद्रास और बम्बे के पास अपने अपने ही कानून बनाने की ताकत वापस आ गई जो लेजिसलेटिव पावर्स वर रिस्टोर इनको दे दी गई अपनी कि लो साहब तुम बना लो अपना एंपावर्ड द वाइस रॉय टू इशू क्या ऑर्डिनेंस ऑर्ड क्या होते हैं अध्यादेश जो हम आज भी देखते हैं अध्या देश अ ये रहे ऐसे ही लगते हैं शायद हां ठीक है अपने मन से सुबह उठे पूरा एक कच्छा चिट्ठा लिखा पूरा उस परे अपना सारा डॉक्यूमेंट प अपना लिख दिया कि आज से क्या होगा आज से ये होगा ये होगा ये होगा जब भी इमरजेंसी का समय होगा जब भी कहीं से वॉर लड़नी होगी जब भी कोई इशू आ रहा होगा इंटरनल डिस्टरबेंस हो आर्म रिबेलियस हो कुछ भी हो जाए वॉर हो गई कुछ हो गई तो वाइस रॉय साहब जो सेकंड टू द क्राउन है पढ़े लिखे आदमी बड़े अफसर हैं एकदम प्राइम मिनिस्टर उस समय देश के राष्ट्रपति वही है तो उनके हाथ में पूरी पावर है एक अध्यादेश पारित करने की जो इमरजेंसी के समय होगा जिसकी वैलिडिटी लाइफ उसकी होगी छ महीने छ महीने बाद उसको हटा देंगे नया लाना होगा तो फिर ले आएंगे लेकिन छ महीने तक उसकी वैलिडिटी रहेगी रहेगी चलो ये पावर दे दी गई आगे गए हम हमने कहा अब 92 हो गया है अभी इस समय एंट्री होने वाली है बड़े-बड़े सूरमा हों की कौन-कौन बड़े-बड़े हमारे फ्रीडम फाइटर्स की 92 माने समझ रहे हो अभी गांधी जी आ जाएंगे अगले दशक में चलो ठीक है यहां पे जब इंडियंस अब शुरू हो चुके हैं कि अब बवाल करते हैं बेटा अब इनका समय ज्यादा लंबा हमें दिख नहीं रहा है इस समय तक जो वाइस रॉय साहब जो भी है इंडिया में अब वो सिस्टम देख रहे हैं समझ रहे हैं वो कह रहे हैं कि हर जगह पर रेवोल्यूशन हर जगह पर क्रांति हर जगह पर स्वतंत्रता का आंदोलन होम रूल मूवमेंट हमारा कुछ भी चल रहा है ये सब दे रहे हैं हम मांग रहे थे उनसे होम रूल मूवमेंट हम मांग रहे थे उनसे थोड़ा सा हमें अपना डोमिनियन स्टेटस दे दो हमें मांग रहे थे हम उनसे कि हमें अपना काम करने दो हमें स्वराज चाहिए ये दे रहे हैं क्या एडिशनल नॉन ऑफिशियल मेंबर्स सेंट्रल एंड प्रोविंशियल एट काउंसिल भाई हम कह रहे हैं हमको बना लेने दो बजट अपने हिसाब से इंडियंस हम अपने लिए अपना खर्चा चाह रहे हैं कैसे करना है क्या करवाना है कहां पर पैसा लगाना है कौन सी जगहों पर कौन से स्कूल अस्पताल क्या डॉक्टर कुछ भी चीजें तुम दे नहीं रहे हो यार हमें चाहिए अपने पावर अपने पैसा अपनी खुद ऐसे बनाने की और खुद अपना पैसा खर्च करने की ताकत वाइस दे नहीं रहा है वो यहां पे नॉन ऑफिशियल मेंबर्स को वापस से नॉमिनेशन करते जा रहे हैं सेंट्रल में बढ़ गया है नंबर सेंटल ले काउंसिल बाय वाइस रॉय एंड प्रोविल लेटिव काउंसिल बाय गवर्नर्स जो बंगाल के अलावा जो बाकी एरियाज थे बंबई मद्रास पंजाब एंड डब्ल्यूएफपी जितने भी इन सारे रीजंस में क्या है गवर्नर अभी भी बैठे हुए हैं जो इंडिया का मेन सेंट्रल आदमी है वो कौन है वो तो वाइस रॉय है ही है तो वाइस रॉय बनाएंगे कहां सेंट्रल ल काउंसिल में अपने कुछ नॉन ऑफिशियल इंडियंस को और जो लोकल गवर्नर्स हैं अपने-अपने अपने-अपने प्रांतों में उनमें कौन बनाएंगे प्रोविंशियल ए काउंसिल में अपने-अपने ऐसे कुछ अपने दोस्त यार लोग ठीक है बना देंगे तो हम नॉन ऑफिशियल मेंबर्स को एडिशन लोगों को भर्ती कर रहे हैं हम तुमसे इंडियन तुमसे क्याक परेशान हो गए यार तुमसे क्या मांग रहे क्या दे रहे हो क्या हो रहा है ये सिस्टम ऑफ बजट वाज इंट्रोड्यूस्ड इन ब्रिटिश इंडिया इन 1860 हमें ठीक है तुम लाके दे दिया हम इस बजट पे क्वेश्चन कर सकते हैं कि नहीं कर सकते भाई चल क्या रहा है एक्सटेंडेड द फंक्शन ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल टू डिस्कस बजट एंड एड्रेस क्वेश्चंस टू एग्जीक्यूटिव मतलब हम तुमसे क्वेश्चन पूछ रहे हैं इस बात के लिए परमिशन तुम कौन दे रहे हो हमको चार्टर एक्ट दे रहा है हमारा हमारा इंडियन काउंसिल एक्ट दे रहा है हमारा ये कोई तरीका है इंडियस ने कहा तुम्हारा दिमाग खराब हो गया क्या तुमसे हम क्या मांग रहे हैं क्या देते जा रहे हो कुछ भी दे रहे हो हम तुमसे मांग रहे एक डेरी मिल्क सिल्क और तुम कह रहे हो लो साहब ये मैंगो बाय टॉफी ले जाओ अबे ऐसे थोड़ी होगा कब तक चलाओगे ऐसे नहीं चल पाएगा इस एक्ट ने कम से कम कुछ नहीं तो लिमिटेड और इनडायरेक्ट तरीके से एक चीज दिखानी शुरू कर दी कि अच्छा ठीक है कुछ इलेक्शन कर लेते हैं इन फिलिंग अप सम ऑफ द पोजीशन इलेक्शन नाम नहीं बोला गया इलेक्शन वर्ड कभी नहीं बोला गया था पर वर्ड वर्ड क्या यूज किया गया है वर्ड यूज किया गया है नॉमिनेशन मेड ऑन द रिकमेंडेशन ऑफ कोई सर्टेन बॉडीज जैसे कोई जैसे कोई ट्रस्ट है कोई आस पास का कोई कोई लोकल अगर शहर का कोई जमींदारों का कोई कमेटी है कोई लोकल अगर कोई यूनिवर्सिटी है कोई अगर लोकल कोई ट्रेड बॉडी है मर्चेंट बॉडी है ये सब क्या है ये थोड़ी-थोड़ी अपने अपने जगहों की अपने लोकल एरिया की प्रेशर ग्रुप है जो थोड़ा बहुत अपना प्रेशर कह पाती है लिख पाती है पेटीशन प्रेयर कुछ भी लिख लिखा के दे देती है साहब हमें हमें ला दो हमारा आदमी बिठा दो वहां पे हमें हमारा कानून कोई डिस्कस कर ले तो हमारे लिए बजट आ रहा है बजट कम से कम क्वेश्चन तो पूछ पाएंगे को कैसे कहे तो थोड़े बहुत तरीके से इनडायरेक्टली हमने कुछ अपने जिलों की सर्टेन बॉडीज से हमने देखा कि इलेक्शन जैसा कुछ कुछ तो हो रहा है अभी इलेक्शन नहीं है इलेक्शन मतलब चुन के कोई नहीं आ रहा है पर छोटी-छोटी सर्टेन बॉडीज से लोग चुनचुन के जा रहे हैं चाहे यूनिवर्सिटीज हो चाहे कोई ट्रेड बॉडी हो चाहे कोई म्युनिसिपालिटी यां हो छोटी बहुत अपनी बनी हो बम्बे की बनी हो बंगाल की बनी हो मद्रास की बनी हो तो इन एरियाज में क्या हो रहा है कि अपने कहीं से एक आ दो चार लोग चुनचुन के जा रहे हैं अपना कहीं थोड़ा बहुत बातें कर पा रहे हैं जि बोल पाते हैं वही बोल पाते होंगे थोड़ा बहुत बजट के डिस्कशन में चलो ठीक है बोल रहे हैं बोलने दो आगे हम मिंटो मरले रिफॉर्म्स 1909 एंट्री हो चुकी है हमारे बड़े आदमी की ठीक है जी ओके गांधी जी भी इस समय मैदान में आ चुके हैं अब 1905 होके चुका है 1905 1905 में कुछ हुआ था मैं लिख भी रहा हूं क्या हुआ था किसने किया था जरा य बताना जरा ठीक है क्या हुआ था और किसने किया था ये ठीक है अब यहां पे 195 हो चुका है देश का बहुत बड़ा बटवारा हुआ था एक जगह का फिर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर इंडिया और वाइस रॉय दो लोग मोर्ले मिंटो ठीक है यह साहब जो बैठे हैं बड़े अच्छे ड्रेस पहन के यह हमारे वाइस रॉय हैं ठीक है जी ओके ये सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर इंडिया जो मंत्री जी वहां बैठे हैं लंदन में ये हमारे बन गए तो अब ये बैठे हुए हैं हमारे मोर्ले साहब ये बैठे हैं इधर मिंटो साहब चलो ठीक है इन लोगों ने दोनों ने बैठ के विचार विमर्श करके एक नया एक्ट बनाया नया एक्ट क्या है इंडियन काउंसिल एक्ट ऑफ़ 1909 फिर से वही चीज हम तुमसे कह रहे थे होम रूल मूवमेंट हम तुमसे कह रहे थे आजादी हम तुमसे कह रहे थे स्वराज हम तुमसे कह रहे थे अपना यूनियन डोमिनियन हमें बनाने दो हमें अपना हम कॉलोनी गुलाम नहीं है तुम्हारे यार हम ऐसे नहीं रह सकते ये कह रहे हैं नहीं नहीं अच्छा एक काम करो 16 के 60 कर दो क्या क्या 60 कर दो इन्होंने कहा हां वो काउंसिल जो है ले काउंसिल तुम कह रहे थे ना कि भाई वो तब कह रहे थे 18920 तुम से फिर वही काम कर रहे हो यार ये सब नहीं नहीं हमें ये सब नहीं चाहिए तो हम इनसे बोल रहे थे कि भाई हम अपना डिस्कस करेंगे बजट हम अपना तय करेंगे अपना उत्तराधिकारी हम अपना प्राइम मिनिस्टर अपना वाइस रॉय अपने आप चुनेंगे तुम नहीं चुन के आ रहे हो बाहर से ये कह रहे हैं अरे ऐसे हम ही तो हैं हम नहीं तो सब हम ही तो बनाएंगे इन्होंने कहा हम हम नहीं मानने वाले इंडियंस नहीं मानेंगे अब तो अब 16 से 60 कर दिया गया क्या जो 1 प् 4 प् 6 की जो आप देख रहे थे जो सिक्स है अब वो जो पहले 1 प् 4 प् 6 हुआ करता था अब वो 60 हो गया है ठीक है बड़ा बड़ी ये पार्लियामेंट हो गई है लोग ज्यादा हो गए हैं पर तभी भी ऑफिशियल मेजॉरिटी इन सेंट्रल एडी काउंसिल तुम ले एक हाथ से दे रहे हो और दूसरा हाथ से छीन लेते हो ये क्या हो रहा है ऐसे कब तक खेले हम नहीं हो पा रहा हमसे नहीं खेलना ऐसे हम तुम क्या कर रहे हो तुमने तुमने जो देश की जो सरकार है जो पार्लियामेंट है वहां पे तुमने ऑफिशियल मेजॉरिटी अभी भी रखी हुई है मतलब हम नॉन ऑफिशियल हैं हम अगर 60 लोग चिल्लाते भी रहे तो अभी तुम मानोगे नहीं ना तो भी तो तुम अपने मन की कर लोगे क्योंकि तुम्हारे पास मेजॉरिटी है कौन स क्योंकि तुम ऑफिशियल हो बस यही बात है हम नॉन ऑफिशियल हो ग भी अब मेजॉरिटी में नहीं है हम आए बैठे हम हल्ला करके चले जा रहे हैं इससे क्या मतलब है तो ऑफिशियल मेजॉरिटी इन द सेंट्रल स्टी काउंसिल ठीक है और प्रोविंशियल में जो प्रांत है अपने अपने जो छोटी-छोटी विधानसभा बनी हुई है ब इसमें बम्बे में मद्रास में पंजाब में ए डब्ल्यूएफपी में ठीक है उन जगहों पे नॉन ऑफिशियल मेजॉरिटी हो रही है यहां पे आप देख रहे हो हम सेंटर में रह के रहने आके भी हम कुछ नहीं कर पा रहे हम बस खड़े हैं हम बस देख रहे हैं सबको एक दूसरे एक दूसरे को गालियां देते हुए एक दूसरे को लड़ाई झगड़े करते हुए वाइस रॉय साहब सबकी सुन के हां ये बेवकूफ है हां ये बेवकूफ है हां ये बेवकूफ है सब बेवकूफ चलो चलो चारों लोग अपने-अपने काम पे चलो चलो आ जाओ कानून बनाते हैं वापस ये लोग ऐसे काम कर रहे हैं हमने पहली बार यह देखा कि इन्होंने क्या किया देश को डिवाइड एंड रूल करना शुरू कर दिया क्योंकि डिवीजन वो सीख चुके थे उन्हें मालूम पड़ गया था व्ट्स द वे फॉरवर्ड इनको बांट दो लड़ते रहेंगे आपस में तो इन्होंने सेपरेट इलेक्टरेट की बात शुरू कर दी जो मुस्लिम है वह मुस्लिम को वोट देगा जो हिंदू है वह हिंदू को वोट देगा केम ओवर इंग्लिश लोग समझ चुके थे कि हिंदू और मुस्लिम कभी एक साथ रहने वाले नहीं है यह लोग कभी भी अगर साथ में इनके यह लोग नहीं साथ अगर साथ में नहीं रहते हैं तो ब्रिटेन के लिए फायदा है तो इन्होंने बोला कि हम मुस्लिम्स को मुस्लिम वोट देगा हिंदू को हिंदू वोट देगा सेपरेट इलेक्टरेट अलग अलग-अलग ठीक है इसी वजह से लॉर्ड मिंटो साहब जो आपको देख रहे हैं य हीरो बने बैठे हैं यहां पे वाइस रॉय साहब ये जो य हैं इनको हम बोलते हैं फादर ऑफ कम्यून इलेक्टरेट देश की इन्होंने उस समय सेही बकिया उधेड़ शुरू कर दी इन्होंने कहा करते इनका काम खत्म अभी इनको सही करते हैं तो इंडियंस द एक्जिक्यूट काउंसिल ऑफ द वाइस रॉय एंड गवर्नर्स चलो कुछ तो आए जो 1 प्लस 4 में है हो सकता है ये फोर की जगह आगे बढ़ते बढ़ते अपना 14 हो गया होगा चलो ठीक है इसमें कुछ इंडियंस आने शुरू हुए थे सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा एसपी सिन्हा हमारे पहले बने थे लॉ मेंबर इनको बनाया था लॉ मिनिस्टर मतलब लॉ मेंबर है लॉ मिनिस्टर कानून बनाने वाला काम अब ये देखेंगे मिनिस्टर ऑफ लॉ एंड जस्टिस चलो ये बने एसपी सेना साहब पहले हमारे कोई इंडियन जो पहुंच पाया वो यहां पहुंचा तो सही इसमें अंदर एग्जीक्यूटिव काउंसिल में ये वाले में स्ट्रांग वाले में ये तो सब बाहर तो पार्लियामेंट में चीखते ची हां कोई बात नहीं फर्क नहीं पड़ता चलो ठीक है मिलो मोंटे रिफॉर्म्स के बाद सॉरी मिंटो मले रिफॉर्म्स के बाद अब आ गए हमारे मोंटेग्यू चम्स फर्ड मोंटेग्यू चम्स फर्ड रिफॉर्म्स ये जो आपको दिख रहे हैं ये सेक्रेटरी ऑफ स्टेट हैं ये हमारे दिख रहे हैं ये हमारे उस समय वाइस रॉय हैं अब देखो इस समय तक आप समय देख रहे हो कैसे ड्रेसेस भी चेंज हो चुकी हैं पहले जो एकदम बड़ा-बड़ा शेरवानी जैसा पहन के उसपे पूरा मेडल गोल्ड सब लगा लगू के एकदम आते थे अब वो लोग सिविलाइज हो गए हैं क शानदार कपड़े पहन लो ये जाने क्या पहनते हो तुम लोग ऐसे लगते जैसे कुछ सर्कस के लोग आए हो नहीं अच्छे कपड़े पहनो देखो ऐसे कोर्ट पैट पहनो शराफत से रहो अच्छे से रहो कोई बात नहीं हो जाएगा चलो ठीक है इन्होंने अब जो उस समय सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे हमारे मोंटेग्यू साहब मोंटेग्यू साहब ने एक चीज बोली इन्होंने कहा मैं ब्रिटेन की पार्लियामेंट में आज खड़ा होके क्योंकि मैं गांधी को देख रहा हूं गांधी इंडिया में अब हल्ला दंगा शुरू कर चुके हैं पूरी तौर से अब क्या होगा हम धीरे-धीरे धीरे-धीरे हम इंडिया में एक रिस्पांसिबल गवर्नमेंट लाना चाहते हैं हमने एक 1921 1919 में हमने एक एक्ट बना लिया जिसका नाम है गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1919 हम उसको कहते हैं मोंटेग्यू चम्स फर्ड रिफॉर्म्स और यह इसलिए आया है बिकॉज हम एक रिस्पांसिबल गवर्नमेंट चाहते हैं कहां पे फॉर ग्रैजुअली इंट्रोडक्शन ऑफ रिस्पांसिबल गवर्नमेंट इन इंडिया केम इनटू फोर्स चलो आ गया बाद में आ गया यह जो सेंट्रल प्रोविंशियल सब्जेक्ट थे अब देखना हमारा संविधान कैसे सामने आपके दिख रहा है यूनियन लिस्ट है ना ये सब देखें यूनियन लिस्ट हमारी स्टेट लिस्ट हमारी कॉन्करेंट लिस्ट ये मैं आगे सब पढ़ाऊंगा जब संविधान पढ़ेंगे हम ठीक है ऐसे कुछ ऐसी हमारी लिस्ट होती है यूनिन लिस्ट में क्याक क्या-क्या टॉपिक होते हैं बड़े-बड़े टॉपिक होते हैं जो पूरा देश एक साथ जो पूरे देश की सेंटर संभालती है जैसे देश का टेलीकॉम नेटवर्क देश का रेलवे जैसे देश का डिफेंस देश का अ बाहर के देशों से रिश्ते संबंध सारी चीजें हम किसी प्रोविंस को नहीं देते हैं ये सब काम हम देते हैं ये सब काम देश की सेंटर को दिल्ली को ये काम करने के लिए कि दिल्ली ये काम करें संभाले अब तक देश की राजधानी भी दिल्ली शिफ्ट हो चुकी है चलो ठीक है रायसीना हिल्स पे हमारा पार्लियामेंट हमारा जो हमारा पार्लियामेंट का एरिया राजपति भवन है ये सब यहां पे आके वाइस रॉय साहब बैठते हैं यहां पे आगे अपना बैठना शुरू कर चुके हैं बड़े-बड़े लोग चलो ठीक है जी ओके सेंट्रल और प्रोविंशियल सब्जेक्ट्स को सेपरेट कर दिया गया है कि प्रोविंस वाले काम क्या-क्या होते हैं जो छोटे-मोटे प्रांतों के काम है जैसे नदी नाले बनाना कोई मार्केट कोई अपना अपना दुकान बाजार सजेगी कोई मेला लगेगा झूला लगेगा कुछ भी चीजें होंगी ये छोटी-मोटी चीजें हैं तो हमने बोला छोटी-मोटी चीजें प्रो के पास जो बड़ी-बड़ी चीजें हैं डिफेंस वगैरह एयर सारी एयरप्लेन सारा सारे ऊपर एयरपोर्ट हुए बड़ी-बड़ी चीजें हुई बड़ी-बड़ी जगह हुई ये कौन देखेगा ये सेंटर देखेगा पर स्ट्रक्चर अभी भी सेंट्रलाइज्ड है स्ट्रक्चर अभी भी यूनिटरी है मतलब सेंटर ऊपर है सेंटर ऊपर है नीचे सारे स्टेट है ठीक है जी ओके कुछ सब्जेक्ट्स को हमने ट्रांसफर कर दिया गया जो आप ये सारे प्रांत देखते हो जो उस समय के ये सारे प्रांत थे अब बॉम्बे मद्रास सेंट्रल इंडिया हमारा पंजाब हमारा कोई और एन डब्ल्यूएफपी ये सारी चीजें अब इसमें अपने-अपने गवर्नर साहब हैं ठीक है तो ये जो गवर्नर साहब यहां चुपचाप बैठे हुए हैं अपने-अपने दे अपने-अपने प्रांतों के सीएम कह लो इनको ये समय के चीफ मिनिस्टर हैं यहां के तो अब गवर्नर साहब के पास प्लस उनका अपना कुछ काउंसिल होगा दो चार लोग उनके साथ भी होंगे अलग-अलग कुछ-कुछ यूनिटरी तो है नहीं सब कुछ सेम तो है नहीं सारे प्रांतों में सेम तरह के नंबर तो है नहीं तो अब गवर्नर साहब प्लस उनका अपना काउंसिल ठीक है ईए गवर्नर साहब के साथ अपनी अपनी विधानसभा भी है विधानसभा जिसको हम उस समय जिसको हम उस समय लेजिसलेटिव काउंसिल बोलते हैं लेजिस्लेटिव काउंसिल विधानसभा अब क्या हो रहा है इन्होंने इस एक्ट से बोलना शुरू किया क्योंकि अब एक रिस्पांसिबल गवर्नमेंट आ जाए इंडिया में हम एक काम करते हैं जो गवर्नर साहब के पास कुछ टॉपिक ऐसे वो रिजर्व रहेंगे वो गवर्नर साहब अपने पास रखेंगे इस प्रांत के लिए ट्रांसफर्ड गवर्नर प्लस एड ऑफ मिनिस्टर ठीक है कुछ रिस्पांसिबल कुछ कुछ रिजर्व होंगे जो गवर्नर प्लस एटिव काउंसिल होंगे यह क्या हुआ हमने बोला जो प्रांत है छोटे-छोटे प्रांत हैं यह वाले सेंट्रल पूरे दिल्ली की बात पूरे देश की बात नहीं हो रही है प्रोविंसेस की बात हो रही है यहां पे जो छोटे-छोटे प्रांत हैं इन प्रांतों में अपने-अपने गवर्नर साहब कुछ-कुछ टॉपिक अपने छोड़ दें किन लोगों के लिए इंडियंस के लिए देख लेते हैं क्या क्या ये कितना कर लेती है इंडियंस तो इन्होंने कहा कुछ ट्रांसफर टॉपिक्स है जिन टॉपिक्स पे मान लो सर ब्रिटेन को ज्यादा मतलब नहीं हो वो टॉपिक इन्होंने ट्रांसफर कर दिए के जैसे नदी नाले बनने हैं बना लो बना लो सर हटो यहां से अब बना लो तो गवर्नर साहब प्लस उनके एड ऑफ मिनिस्टर्स रिस्पांसिबल टू लेजिसलेटिव काउंसिल अपना जैसे आज का मंत्रिमंडल होता है क्या होता है मंत्रिमंडल जो काउंसिल ऑफ मिनिस्टर होगा विद प्राइम मिनिस्टर इज रिस्पांसिबल टू लोकसभा ठीक है ऐसे ही है उस समय का जो विधानसभा है इनके अपने यहां पे अपना गवर्नर जनरल प्लस काउंसिल प्लस उनकी अपनी विधानसभा तो कुछ टॉपिक ऐसे होंगे जो सरकार के लिए इंपॉर्टेंट नहीं है सरकार ने कहा ट्रांसफर कर दो दे दो इंडियंस को दे दो दे दो दे दो अपने आप बताएंगे तो एड ऑफ मिनिस्टर्स जो मिनिस्टर उनके अपने यहां उस एरिया में या मंत्रिमंडल अपना बैठा हुआ है उनके साथ कुछ-कुछ इंडियंस होंगे उसमें तो यह इंडियंस प्लस गवर्नर साहब यह बनाएंगे कानून उन विषयों पर जो ट्रांसफरड सब्जेक्ट है पर अभी भी अगर जो भी रिजर्व टॉपिक्स हैं जो भी रिजर्व सब्जेक्ट है जैसे क्याक जैसे आर्मी इस एरिया की ठीक है इस एरिया का टैक्स कलेक्शन इस एरिया का इंपॉर्टेंट पैसे का काम इस एरिया का इंपॉर्टेंट कोई अपना कोई बड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग बनना है यहां से कोई कोई सड़क निकलनी है वो अभी भी काम रिजर्व्ड है रिजर्व किसके साथ है गवर्नर प्लस उनका एग्जीक्यूटिव काउंसिल ब विदाउट बींग ल टू लेजिसलेटिव काउंसिल इस समय विधानसभा से कुछ नहीं पूछेंगे हम ये हम इस समय सरकार के पास ही सारा काम है विदाउट बीइंग रिस्पांसिबल टू विदाउट बीइंग रिस्पांसिबल टू लेजिसलेट काउंसिल जो छोटे मोटे काम है उनको कर उनको करवा लो विधानसभा में दे देंगे दे देंगे रिपोर्ट जो करवानी होगी करवा लेंगे देख लेंगे बात ठीक है लेकिन ये वाली चीज में कोई मतलब नहीं विधानसभा से कोई पूछना भी नहीं है हम नहीं जानते इंट्रोड्यूस्ड बाय कैमरलिज्म एंड डायरेक्ट इलेक्शंस मतलब दो हाउस हो गए अपर हाउस लोअर हाउस हो गया है यहां पे जो इंडिया लेजिसलेटिव काउंसिल था सेंट्रल लेटिव काउंसिल उसको हमने ऊपर हाउ उसको हमने ऊपर नीचे वाले दो हाउस में तोड़ दिया है पार्लियामेंट वाला जो हमारा काम है क्या काउंसिल ऑफ स्टेट्स दैट इज अपर हाउस लेजिसलेटिव असेंबली जो हमारा लोअर हाउस है बाद में बना ये राज ये अपना राज्यसभा ये बना अपना लोकसभा अब यहां पे मेजॉरिटी ऑफ मेंबर्स ऑफ हाउसेस आर चोजन बाय डायरेक्ट इलेक्शन कम से कम किसी तरीके से डायरेक्ट इलेक्शन हमारे आना शुरू हुआ कैसा ये डायरेक्ट इलेक्शन वो होगा जिसमें कुछ ही तरह के लोग वोट दे सकते हैं वोट देने वाले लोग भी कुछ ही होंगे जिस जो कम से कम 10 पर अपना टैक्स इतना देता है कि नहीं देता है जितना जो इतना एजुकेटेड है कि नहीं है ऑलमोस्ट लगभग देश की उस समय 10 पर आबादी ही वोट दे पाती थी अगर कोई इतना परसेंट टैक्स देता है कोई इतना पढ़ा लिखा है कि नहीं किसी पे इतनी जमीने है कि नहीं व व्यक्ति वो व्यक्ति वोट देगा जो खड़ा हो रहा है वो तो और भी इनमें से कोई रिच आदमी ही होगा तो वोह हो रहा है इस समय वही कहानी चल रही है ठीक है जी ओके अभी मंटेक जम्स फोर्ट रिफॉर्म्स में एक बात और हुई कि लंडन में एक एंबेसडर बनाओ ऑफिस ऑफ हाई कमिश्नर फॉर इंडिया इन लंडन लंदन में अभी तक अ जो जो सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ऑफ फॉर इंडिया हुआ करते थे वो मंत्री जो ब्रिटेन के पार्लियामेंट में बैठते हैं वही सारे इंडिया के फॉरेन रिलेशन भी वही देखते थे उस समय तोत कोई भी हमारे हमारे लिए कोई एंबेसडर होता ही नहीं था तो एंबेसडर वाला काम पहली बार बनाना शुरू हो गया कि हाई कमिशनर बन जाता है एक ऑफिस ऑफ हाई कमीशनर होगा जो कि बड़ा भारी ऊपर काम सभान लेगा ठीक है देश के बाहर के रिश्ते चलो थ्री आउट ऑफ सिक्स वाइस रॉय के एटिव काउंसिल टू बी इंडियंस पहली बार जो हमारा जो अब ये जो हमारा 1 प् 4 था इस इसको ऐसे कर लेते हैं 1 प् 4 था इसको पहले तो सिक्स कर दिया गया है ठीक है अब फोर हट गया है ये है अब ये है वो प्लस 60 ऐसा है ना अभी ये काम तो इस थ्री आउट ऑफ सिक्स वाइस रॉक एटिव काउंसिल टू बी इंडियंस इसको इंडियन रख लो इंडियन होंगे तो अपने आपके सरकार के काम में सरकार में आपके हेल्प करने वाले लोग हो जाएंगे चलो एक्सेप्ट द कमांडर इन चीफ अभी भी कमांडर इन चीफ जो है वो ब्रिटेन का ही रहेगा ब्रिटेन की आर्मी है ब्रिटेन की आर्मी ब्रिटेन के वजह से हमारे यहां पे जंग लड़ती है जंग अपना कर लेगी जो भी कर लेगी जो हमारे देश की उस समय की ब्रिटिश इंडिया आर्मी है है उसका जो सुप्रीम अपना जनरल होगा वो अभी भी वो अभी भी इंडिया का नहीं होगा वो बाहर का ही होगा चलो ठीक है अभी इन्होंने जो कम्युलस मेंटेशन था जो इन्होंने कहा ये हिंदू मुस्लिम वाला एरिया तो बढ़िया है इसको और बांटो सबको बांट दो तो इन्होंने कहा धीमे-धीमे सबको दे दो सिख क्रिश्चन एंग्लो इंडियन यूरोपियन पूरा देश आपस में बट रहा है फिसल रहा है एक दूसरे में लड़ाई झगड़ा सब कुछ हो रहा है स्लोली स्लोली स्टेट्यूटरी कमीशन एक आएगा बाद में एक 10 साल बाद बुला लेंगे इसको जो आएगा बाद में इस एक्ट को पढ़ने के लिए कि इस एक्ट ने कितना अच्छा काम किया इसको देख लेंगे हम 10 साल बाद ये एक्ट ये जब कमीशन आएगा उसको भी हम अभी आगे देखते हैं क्या हो रहा है एक चीज उन्होंने शुरू करी प्रोविंशियल सब्जेक्ट्स में जो प्रांत हैं हमारे बॉम्बे बंगाल पंजाब नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस इन सारे प्रोविंसेस में अपने इन्होंने डायर की बना दी डायर की रिजर्व सब्जेक्ट ट्रांसफर सब्जेक्ट ये सारे अपने दोनों तरह के डबल रूल हो रहा है चलो ठीक है जी ऑन रिकमेंडेशन ऑफ ली कमीशन एक ली कमीशन आया था 1923 में इन्होंने बोला था कि मटक चफर रिफॉर्म्स में एक चीज अच्छी एक चीज अच्छी रखना वो होनी चाहिए प्रोविजन फॉर एस्टेब्लिशमेंट ऑफ सेंट्रल पब्लिक सर्विस कमीशन यह रहा दिखा दिखा चमका तो 196 में पहली बार एक यूपीएससी जैसा कुछ होगा जो देश में अच्छे ऑफिसर्स को सर्च करेगा सिलेक्ट करेगा हायर करेगा भर्ती करेगा रिक्रूट करेगा जो भी करेगा अब जो प्रोविंशियल बजट है उसको पहली बार हमने बमबे हमने जो बम्बे बिहार बंगाल अपने जितने सारे ये प्रोविंसेस थे इनके अपने बजट भी पहले सेंटर से ही आते थे वहीं से गवर्नर जनल ऑफ इंडिया साहब वाइस रॉय साहब बना के भेज देते थे हां ठीक है बंगाल के लिए इतना बिहार के लिए इतना इसके लिए इतना हमने कहा नहीं नहीं अलग-अलग कर देते हैं जो प्रोविंसेस का बजट है उसको सेपरेट कर दो फ्रॉम द सेंट्रल बजट फॉर द फर्स्ट टाइम कर दिया इसको ठीक है जी लिमिटेड फ्रेंचाइजी ऑन द बेसिस ऑफ प्रॉपर्टी टैक्स या एजुकेशन वही फ्रेंचाइजी मतलब वही वोट देना कि कौन वोट दे पा रहा है पहली बार जो हम देख रहे थे कि हमारे इंडियंस उसमें जा रहे हैं इनके एग्जीक्यूटिव काउंसिल में जा रहे हैं लेजिसलेटिव काउंसिल में जा रहे हैं हमारे लोग अपर हाउस में लोअर हाउस में जा रहे हैं तो इसमें जो लोग चुन के जा रहे हैं वो लोग जो वोट पा रहे हैं वोट देने वाले लोग कौन है कुछ ही इंडियंस 10 पर आबादी 10 पर पॉपुलेशन बस ये हो रहा है लो साहब क्या है ये ये है ही क्या ये ये हुआ है गुड आगे चले हम अब इस जो हमने कमीशन के पीछे बात करी थी जो 10 साल बाद आएगा जो उसको स्टडी करेगा कि मोंटेक चांस फोर्ट रिफॉर्म्स कितना अच्छा काम किया है अब अंग्रेजों के हिसाब से एक तरीके से तो उन्होंने सही चीज करी कि भाई पहले एक्ट लाके दे दिया उस एक्ट को 10 साल को 10 साल देखा काम करा के कि कितना काम किया और उसको फिर बाद में साइमन कमीशन के द्वारा उसको पढ़वाओ थे सेवन मेंबर कमीशन था ये अब ये सेवन मेंबर कमीशन था इसमें ऑल मेंबर्स वर ब्रिटिश लो कोई इंडियन ही नहीं है तुमने हमारे लिए एक्ट बनाया कौन सा एक्ट बनाया मंटेक चफ रिफॉर्म्स ठीक है अब तुमने अगर ये एक्ट बना के हमको पकड़ा दिया ये वाला तुमने ये एक्ट बना के लंडन से पास करा के हमको दे दिया लो साहब लो ये तुम्हारे लिए एक्ट है ले जाओ अब इस एक्ट को हम देख रहे हैं और हम ऊपर देख रहे हैं हमने फिर देखा उसमें लिखा हुआ है कि एक 10 साल बाद एक कमीशन आएगा जो इस एक्ट की स्टडी करेगा ठीक है और जब ये कमीशन आया कमीशन बाहर से ही आया तुम्हारा ही भेजा हुआ कमीशन है एक्ट हमारे लिए था ना हमने बनवाया हमारे लिए य एक्ट आया है तो हम बताएंगे ना इसमें इस एक्ट में क्या अच्छा है क्या बुरा है इन्होने कहा मैं हम बता रहे ना हम गोरे लोग हैं हमें सब आता है इन्होंने कहा लो हम इंग्लिश है हमें सब आता है हमने सब सीख लिया है तो इन्होंने अपने अपने आप से ही कमीशन बना के भेज दिया लंदन से सर ये 1929 में चलो ठीक है 10 साल इनको इनको सबर नहीं हुआ 10 साल में आ गया कमीशन इनका और हां साइमन कमीशन ऑफ 1927 10 साल भी नहीं हुआ इनको सबर नहीं हो रहा था किला बना के देख लेते भेज देते देखो देखो इंडियंस को मजा लेते इंडियन से इस बार और तो और मजा लिया हमसे इन्होंने इन्होंने अभी ये बेज दिया 27 में एक एक कमीशन जो कि हमारा ये ये लाया गया इसमें सारे के सारे ब्रिटिश लोग तो हमारे देश की समय जितनी मुस्लिम लीग थी कांग्रेस थी कम्युनिस्ट पार्टी थी गांधी जी लाला जी अंबेडकर जी सबने इनका बॉयकॉट किया क्या हमने इनसे बात कर रहे हैं कौन है ये कमीशन साइमन कमीशन अबे हमारे लोग हम हम पूछना हमसे बात करते हैं ये लोग कोई नहीं बात कर रहा है इनसे इस कमीशन ने जब इनसे किसी ने बात नहीं करी ये लोग जाते थे अलग-अलग यूनिवर्सिटियोफकालीकट करने है तो लोग उठ के चले जाते थे हम नहीं बात करेंगे आपसे एकदम पी पीछे पीठ करके घूम ग ऐसे खड़े हो जाते थे कि हम नहीं बात कर रहे आपसे और कमीशन खड़ा हुआ कि अबे हम आए बात करने नहीं बात करने जाओ य से सब चुप कोई इनसे बात नहीं करेगा बॉयकॉट कंप्लीट बॉयकॉट तो कमीशन ने कहा ठीक है अपनी रिपोर्ट अब मैं खुद बना रहा हूं भाड़ में जाओ इन्होंने अपनी रिपोर्ट बना के भेज दी 1930 में अब देखना बेटा तुमने हमें बॉयकॉट किया है कैसे तुम्हारा बॉयकॉट होता है चलो इस रिकमेंडेशन में कई सारे कुछ कुछ कुछ कुछ पॉइंट्स थे जो सही थे कुछ कुछ थे बहुत ही गलत थे कुछ ही एक आद जो थे वो सही थे तो इनको कुछ-कुछ चेंज के साथ हमने j 1935 में इनकॉरपोरेट कर लिया आगे वो अभी देखेंगे 1935 देखेंगे तो रिकमेंडेशन क्या थी इन्होंने कहा रिकमेंडेशन ये है सबसे बढ़िया चीज ये वाली चीज आहा वाह वाह वाह वाह मजा ही आ गया इन्होंने कहा वाह बहुत ही बढ़िया कम्यून इलेक्टरेट इससे तो और बढ़ाओ बांट डालो पूरे इंडिया को आपस में एकदम छोटे-छोटे टुकड़ों में खत्म ही कर दो इंडिया को तो इन्होंने कहा हिंदू मुस्लिम सिख ये वो वमन लेबर सब चीजों को दे दो सबको रिजर्वेशन दे दो सबको कम्युनल इलेक्टरेट दे दो और जो डायर की है वो हटा दो डायर की क्या होती है डबल रूल डबल रूल मतलब टैक्स कोई लेगा राज कोई और करेगा गाली कोई और खाएगा ये वाला काम नहीं चलेगा एक जो टैक्स ले रहा है वही चीज जिम्मेदार है कि अब यहां पे लॉ एंड ऑर्डर बन रहा है कि नहीं बन रहा है अब एक फेडरेशन बनेगा ऑफ ब्रिटिश इंडिया फेडरेशन माने क्या होता है एक ऐसा संघ एक ऐसा फेडरेशन यूनिट जिसमें कई सारे उस देश में कई सारे छोटे-छोटे अंग हैं बिहार मद्रास बम्बे गुजरात सतारा एन डब्ल्यूएफपी भोपाल यूपी ये सारे के सारे अब ये जो रिकमेंडेशन थी इसन रिकमेंडेशंस को डिस्कस करने के लिए ब्रिटेन में बुलाए गए थे हमारे सारे लीडर्स कांग्रेस मुस्लिम लीग हमारे अंबेडकर जी सब लोग के राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस कर लेते हैं आ जाओ बैठ जाओ बात कर लेते हैं गोल मैच प बैठेंगे आपस में बात करेंगे कोई नहीं जा रहा है नहीं जा रहा नहीं जाएंगे नहीं जाएंगे नहीं जाएंगे चलो तीसरी में चले गए तीन बार ऑर्गेनाइज कराई ब्रिटेन में सरकार ने राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस कि आ जाओ भैया आ जाओ भैया आ जाओ भैया बात कर लेते हैं इस पे तो आखिरी में चलो जाते हैं चलो ठीक है होके आते हैं अब इन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के बाद फाइनली एक वाइट पेपर बनता है वाइट पेपर ऑन कांस्टीट्यूशनल रिफॉर्म्स वाज प्रिपेयर्ड ठीक है इन रिकमेंडेशंस को जो साइमन कमीशन ने दी है इस साइमन कमीशन की रिकमेंडेशन को स्टडी करने के लिए डिस्कस करने के लिए राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस हुई कॉन्फ्रेंस का फिर एक वाइट पेपर बनाया गया जो बाद में पेश हुआ पार्लियामेंट में पार्लियामेंट में जो ये वाइट पेपर पेश हुआ है इस वाइट पेपर में कई सारे लिखी हुई थी उनको हमने इनकॉरपोरेट किया इन द जिओ 1935 ठीक है अभी 1935 से पहले यही कम्युनल रिवार्ड्स ये बहुत इंपॉर्टेंट हो गया है इंपोर्टेंट इसलिए हो गया है क्योंकि 1932 में जो प्राइम मिनिस्टर थे रमज मैकडोनाल्ड इन्होंने बोला था हमम इंडिया टूट रहा है तोड़ो पूरा तोड़ दो इन्होंने बोला कि कंटिन्यूड इसको कंटिन्यू करो किस चीज को जो सेपरेट इलेक्टो रेट है मतलब सारे अलग मुस्लिम मुस्लिम को वोट देगा सिख इंडियन क्रिश्चन एंग्लो इंडियंस यूरोपिय हर किसी को को अपने-अपने लोगों को अपना-अपना वोट देने का अधिकार है कोई दूसरों को एक साथ तुम एकता मत दिखाना अपनी इंडियंस को एकता की जरूरत नहीं है नहीं ऐसे बना दो अब ऐसे में क्या हो रहा है इनको इन्होंने आगे करा कि हां एक चीज तो और रही गई वो क्या अंबेडकर जी का पूरा जो पूरा आंदोलन है वो क्या है फॉर दलित्स हैं अब फॉर उस समय शेड्यूल कास्ट जिनको हम आज बोलते हैं उस समय अंग्रेजों ने बोला डिप्रेस्ड क्लासेस हैं ये परेशान है ये लोग डिप्रेस्ड हैं ये लोग दुखी हैं तो इनका एक डिप्रेस्ड क्लासेस के लिए इन्होंने कहा अब तुम भी ये ले लो आ ये अपना सेपरेट इलेक्टरेट सेपरेट इलेक्टरेट होता क्या है मतलब एक क्षेत्र में जहां पे अगर एक हिंदू खड़ा है एक मुस्लिम खड़ा है एक पंजाबी खड़ा है एक सिख जो भी है तो इनमें सब में जो चुनाव करने जो चुनाव में खड़े हुए हैं अब क्या होगा कि हमारा यही एक जो हिंदू होगा वो हिंदू को वोट देगा जो मुस्लिम होगा मुस्लिम को वोट देगा तो ऐसे करके अब देश कभी भी अपना एक साथ एक अपना एक जिला अपने प्रतिनिधि को चुन नहीं पा रहा है ये हो रहा है गांधी जी ने कहा ये नहीं ये नहीं होने दूंगा मैं गांधी जी ने कहा मैं मर जाऊंगा भूखा मैं फास्ट एंड टू डेथ पर जा रहा हूं मैं अपने भूख हड़ताल पर जा रहा हूं मुझे यारवा जेल में मुझे मार डालना मुझे यही दफना देना पर मैं ये अपने सामने देखूंगा नहीं मैं नहीं होने दूंगा ये अंबेडकर जी ने कहा सर गांधी जी मुझे परेशान मत करो गांधी जी मेरा मेरा जो लोग है बहुत परेशान है मेरे लोग ऑलरेडी दलित बहुत ज्यादा मारे पीटे जाते हैं बहुत ज्यादा दबाए कुचले जाते हैं मुझे ठीक लग रहा है कर लेने दो धी जी ने कहा नहीं हिंदू हमारे एक रहेंगे नहीं चाहे आप जो ले लो मुझसे चाहे आप जैसा चाहो मुझसे ले लो तो फिर अंबेडकर जी और गांधी जी में एक पुना पैक्ट होता है पुना पैक्ट मेड बिटवीन कांग्रेस एंड डिप्रेसो ये हो गया इस वजह से क्या हुआ कि हिंदू जॉइंट इलेक्टरेट एक साथ रही एक साथ रही मतलब चाहे कोई डिप्रेसो हो चाहे कोई जनरल क्लास्ट का खड़ा हो पर वोट सारे हिंदू हिंदू एक साथ ही देंगे ठीक है हिंदू जॉइंट इलेक्टरेट वाज रिटेंड एंड सीट्स आर रिजर्व फॉर डिप्रेसो हमने कहा चलो ठीक है अगर दलित्स इतने परेशान हैं चलो तो हम इनको रिजर्वेशन दे रहे हैं हम इनको सीट्स रिजर्व कर रहे हैं फॉर डिप्रेस्ड क्लासेस ठीक है अब अब खुश अब तो कोई दिक्कत नहीं है हां ठीक है चलो अब आ गया 1935 का अपना जीओ आई जिसमें साइमन कमीशन की रिपोर्ट्स के सारे कई सारे रिकमेंडेशन थे कुछ-कुछ चेंजेज के साथ चलो क्या-क्या किया यह जो जीओ आई था था ही बहुत बड़ा यह हमारे कांस्टिट्यूशन की एक तरीके से अ अ इंस्पिरेशन है इंस्पिरेशन है ठीक है मतलब इस इसमें इतने सारे एक्ट इतने सारे इसमें आर्टिकल हैं इतने सारे इसमें 321 सेक्शन है 10 शेड्यूल हैं इसमें बहुत बड़ा एक्ट था ये इसमें कंप्लीट चीजें लिखी हुई थी कि कैसे-कैसे होगा हमारे इन्होंने प्रोविंस हमारे प्रोविंसेस में अबॉलिश कर दी जो जो हमारे जो सेंटर में है ये बोल दिया कि चलो यहां तो अपर हाउस लो हाउस बना हुआ है ठीक है प्रोविंसेस देखो क्या चल रहे हैं बंगाल बिहार मद्रास उड़ीसा पंजाब एन डब्ल्यूएफपी यहां पे जो डायर की चल रही है डबल रूल चल रहा है हटा दो उसको नहीं जो सरकार टैक्स ले रही है वही जिम्मेदार है रूल करने के लिए ठीक है और प्रोविंशियल जो अपने प्रोविंसेस है उनको ऑटोनॉमी दो अपने आप करने दो जो मनो कर रहे चलो ठीक है जो बंगाल बम्बे मद्रास बिहार आसाम यूपी या इन इन जगहों में 11 में से छह एरियाज में हमने कहा दो हाउस दो बना के अपर हाउस लॉस बना के देते हैं ठीक है अच्छा लगेगा अब इस एक्ट ने पावर डिवाइड कर दी कैसे-कैसे एक बनी यूनियन लिस्ट एक बनी प्रोविंसेस लिस्ट एक बनी कॉन्करेंट लिस्ट इसमें क्या-क्या टॉपिक्स हैं जो सेंटर के पास रहेंगे जैसे क्या देश का डिफेंस देश की सी फोर्स नेवी फोर्स देश की एयरफोर्स तो किसी स्टेट को थोड़ देंगे बंगल को अलग एयरफोर्स दे दी नहीं ये नहीं होगी तो प्रोविंसेस के पास क्या क्या रहेगा अपना छोटा मोटा अल्कोहल पर टैक्स लेने का लैंड का लॉ एंड ऑर्डर का नीचे अपने जो एरिया अपने ग्राउंड पर चल रहा है और कॉन्करेंट क्या है कॉन्करेंट में कुछ कुछ 36 आइटम है जो दोनों देखेंगे क्या हैसे एग्रीकल्चर हो गया जैसे कुछ कॉमन आइटम जिस पर दोनों अपना टैक्स लगा सकते हैं दोनों कानून बना सकते हैं ठीक है यह बन गया फिर साथ में सरकारी नौकरियों में भर्ती कराने के लिए पहली बात तो फेडरल पीएससी यूपीएससी फिर प्रोविंशियल पीएससी यूपीपीसीएस यह आ गया एक जेपीएससी जॉइंट पीएससी दो स्टेट्स के लिए या दो प्रोविंसेस के लिए एक साथ एक एक ही बना दो वो दोनों के लिए भर्ती कर लेगा जैसे हरियाणा पंजाब ठीक है जैसे आंध्रा तेलंगाना तो इनमें जॉइंट पीएससी ऐसे बना लो ऑल इंडिया फेडरेशन होगा जिसमें क्या होंगे जिसमें सारे प्रोविंसेस होंगे और राजे रजवाड़ अपने-अपने जो अपना राजा अपना बचा खुचा उनका साम्राज्य बचा रह गया है इनको सबको बना के एक यह इंडिया बन जाएगा बस यह फेडरेशन रहेगा हमने जब संविधान लिया हमने कहा ओ फेडरेशन फेडरेशन नहीं होगा हमारे य हमारा क्या होगा यूनियन ठीक है जब संविधान आया हमने कहा फेडरेशन नहीं फेडरेशन क्रॉस यूनियन टिक हमने ऐसे किया कि नहीं नहीं नहीं हम सब एक हैं भाई बस हो गया बहुत सबका नाटक हो गया सबका हमने देख लिया अभी किसी तरह आजाद हो रहे हैं धीमे-धीमे करते हैं आजाद होने का प्रिंसली स्टेट्स जो है उस समय त फेडरेशन में आ ही नहीं रहे थे डिड नॉट जॉइन इट सो फेडरेशन नेवर बिकम एन एक्जिस्टेंस नेवर नेवर केम इनटू एक्जिस्टेंस वो कभी आया ही नहीं प्रिंसली स्टेट तो अपने राजे रजवाड़ी कह रहे थे हमारा तो महाराज हमारा राजपाट चले जाएगा किले से निकाल के हमको डाल देंगे किसी फ्लैट के अंदर हमको नहीं हमको नहीं हमारा रहने देंगे ये लोग तो फ ये प्रिंसली स्टेट तो जुड़े नहीं कभी ठीक है ई 1935 ने कई और भी चीजें दी इन्होंने बोला कि सेंटर में रहेगी डायर की डबल रूल ठीक है फेडरल सब्जेक्ट डिवाइडेड इनटू रिजर्व सब्जेक्ट एंड ट्रांसफर्ड सब्जेक्ट्स मतलब क्या डाय की क्या हो रहा है यहां पे मतलब ऐसा है कि सेंटर में पहली बार हमने रिजर्व ू ट्रांसफर देखे जो हम पीछे हमने देखा था गवर्नर साहब के साथ प्रोविंसेस में रिजर्व टू ट्रांसफर गवर्नर प्लस एड ऑफ मिनिस्टर ऐसे अब सेंटर में पहली बार हो रहा है वाइस रॉय प्लस काउंसिल ऑफ मिनिस्टर वाइस रॉय प्लस एग्जीक्यूटिव काउंसिल ऐसे वाला ठीक है लेकिन अभी भी अगर कुछ ऐसा टॉपिक आया तो उसकी पावर किसके पास जाएगी वाइस रॉय के पास जिस टॉपिक को कोई समझ नहीं पा रहा है जिस टॉपिक के ऊपर किसी ने कभी ध्यान नहीं दिया था जिस टॉपिक के मान लो रेस पावर कैसे अगर उस समय के हिसाब से मान लो 1935 में अगर अगर मान लो इंटरनेट कोई मोबाइल फोन कहीं जाके उसमें टाइम मशीन के द्वारा कोई टाइम मशीन से एक मोबाइल फोन फेंके आए वहां पे सेंटर में दिल्ली के घर इनके घर के ऊपर तो ये कहेंगे ये क्या चीज है कांच की जैसी प्लास्टिक की जैसी ऐसा कुछ अगर वाइसर 1935 में ये चीज सोच रहे हो अब क्या हो सकती है ये चीज तो बहुत ही ये चीज तो बहुत ही भयंकर हो जाएगी 1935 में वायरो कह रहा है मैं सुबह-सुबह मेरे पास तो एसी भी नहीं है मेरे पास तो कोई टेक्नोलॉजी नहीं है अब ये चल क्या रहा है इस पे को टच को टच कर रहा है कह रहा है ये बिल्ली बनी है इस पे ये क्या हो रहा है काला लाल हो रहा है तो इस समय ऐसी चीज के लिए रूल बनाने के लिए इनके पास कौन है इनके पास वाइसर के पास पावर है आज की तारीख में ये पावर किसके पास होती है पार्लियामेंट के पास होती है नहीं उस समय एक सिंगल पर्सन के पास थी वो कौन वाइस रॉय ठीक है यह हुआ अब एस्टेब्लिशमेंट ऑफ एक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश में अपना सेंट्रल बैंक हो जो देश की हमारी मॉनेटरी पॉलिसी समझे या फिस्कल पॉलिसी क्या बोलोगे इसको ठीक है तो पहली बार हमारा सेंट्रल बैंक हमारा आ गया जो देश की करेंसी सेट रखेगा सेंट्रल बैंक हो गया भैया चलो ये भी ले आए अब एक फेडरल कोर्ट हमारी 1937 ये बनी फेडरल कोर्ट दिल्ली में आ गई हमने कहा फेडरल कोर्ट भाई नाम हटाओ पहले वाला नाम अच्छा था कौन सा सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट नाम अच्छा है चलो वो रख लेंगे हमने काउंसिल ऑफ इंडिया जो था वहां पीछे बना था 18582 मेंे निकलना शुरू करो अपना रास्ता नापो आप ये काउंसिल ऑफ इंडिया जो बना रहे हो ये इसमें 1 प् 4 प् 60 प् 16 ये सब खाता चलो हो गया बाय बाय अब एक्सटेंडेड फ्रेंचाइजी वोट दे रही है थोड़ा बहुत और ज्यादा चलो आगे बढ़ गए जो पहले 10 पर पीछे थे वो 10 पर और बढ़ गए यहां कम्युलस मेंटेशन एक्सटेंडेड प्रॉब्लम बहुत ही ज्यादा बड़ी प्रॉब्लम बहुत ही भयंकर प्रॉब्लम ये प्रॉब्लम नहीं जा रही है ये प्रॉब्लम और ज्यादा एक्सटेंड हो गई है कैसे अब डिप्रेसो तो है ही है साथ में विमेन है साथ में लेबरर्स हैं सबको दे दो सबको देना शुरू करो जो जो समाज का वंचित वर्ग है जो जो परेशान वर्ग है उन सबको देना पकड़ना शुरू कर दो गांधी जी नेहरू जी पटेल जी सब लोग सोच रहे थे दिस इज गोइंग टू कस्टस हम अब फसगे इसमें चलो ठीक है किसी तरह देखेंगे इसको आजादी लेते हैं पहले फाइनली ब्रिटेन ने अपना एक और एक्ट पास किया वहां पर 47 में वो क्या एक्ट था आजादी देते हैं क्या आजादी रहेगी 20 फरवरी को 1947 को प्राइम मिनिस्टर एटली क्लेमेंट एटली एक लेबर वाले एक हमा लेफ्टिनेंट आ गई वाइसर की कंप्लेंट बहुत सारी आ गई लॉर्ड अरविन लॉर्ड वेवल सबकी आ गई कि यार इंडिया बहुत टफ हो रहा है यहां झेलना इंडिया हम कंट्रोल नहीं कर पाएंगे ज्यादा लंबा और अब फुल फोर्स में सारे लोग एक्टिव हो गए हैं अब ये सब एक साथ भी होते हैं नॉन कोऑपरेशन सिविल डिसऑबेडिएंस डू और डाई डायरेक्ट एक्शन डे सब कुछ हो रहा है यहां पे आग लगी पड़ी है पूरे देश भर में अब नहीं हो पाएगा मालिक अब निकलो यहां से तो एटली ने प्राइम मिनिस्टर ने अपने बिटेन में पार्लियामेंट में कह दिया था ऐलान कर दिया था कि मैं इंडिया छोड़ दूंगा बाय 30th जून 1948 यहां बोले 48 अबे ओ इधर आओ यहां बैठो चलो यहां पे ड जून 1947 को इंडिया में एक बोला गया एक डायलॉग मारा गया बात यह हुई कि जो भी संविधान सभा बनेगी इंडिया के अलग होने के इंडिया को आजाद होने के बाद और मुस्लिम लीग अपना कह रही है कि हमें अपना मुस्लिम एरिया चाहिए हमें अपना पाकिस्तान चाहिए हमें अपना ईस्ट वेस्ट पाकिस्तान जो भी इन्हें चाहिए ले दो ठीक है दोनों तरफ अपनी अपनी संविधान अपनी अपने बनाएंगे ये लोग जैसे ही इंडिया मान लेते हैं अलग होता है ठीक है अब ब्रिटेन यहां से पहले इंडिया पूरा इनका ब्रिटेन का है ठीक है ब्रिटेन चला गया अब ये लाइन खींच गई है ठीक है अब यहां पे एक पाकिस्तान है एक इंडिया है तो अब दोनों तरफ अपनी अपने संविधान बनेंगे जब भी बनेंगे जैसे ही बनेंगे तो जो भी पार्ट कांस्टिट्यूशन फ्रेम बाय कंसीट असेंबली कांट बी एबल ऑन पार्ट्स ऑफ कंट्री अनविल टू एक्सेप्ट इड मान लेते हैं कि यह वाला जो पार्ट है यह परेशान है यह पार्ट कहता है इस संविधान सभा का बनाए हुए संविधान को मैं यह वाला पार्ट मैं नहीं मानता हूं तो उस परे नहीं लगेगा यह ऐलान हुआ ड जून 1947 हमने कहा यह तो गुरु तुम एक चॉइस दे रहे हो हमें चॉइस चाहिए ही नहीं थी सेम डे उसी दिन माउंट बटन ने बोला कि मेरे पास एक प्लान है प्लान क्या है हम एक लाइन खींच देते हैं लाइन ऑफ क्या लाइन ऑफ पार्टीशन लो साब तुम्हें अलग चाहिए ले जाओ अलग ठीक है पार्टीशन हो गया अलग अब एक्सेप्टेड बाय कांग्रेस भी मुस्लिम लीग भी तो उन्हो ने कहा ठीक है इसको मानते हैं चलो फाइनली अलग तो हुए फाइनली आजाद तो हुए और इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट ऑ 1947 रेडी होकर सामने खड़ा हुआ है ब्रिटिश रूल खत्म हो गया है इंडिया का हो गया है ऑफ इंडिया एंड इंडिया एंड पाकिस्तान वर क्रिएटेडॉक्युमेंट्सफ्रैगमेंट हो रहा है यह जो मंत्री साहब वहां से करवाते थे लंडन से बंद करो उसको सबसे पहली बात हमें ऑफिसर चाहिए इंपॉर्टेंट बड़े ऑफिसर स्मार्ट ऑफिसर इंपॉर्टेंट इंडियन ऑफिसर्स ठीक है डिस कंटिन्यूड अपॉइंटमेंट ऑफ सिविल सर्विसेस एंड रिजर्वेशन बाय सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया मंत्री साहब की वहां से छुट्टी कोई जरूरत नहीं है इनकी गवर्नर जो होते हैं अपने प्रोविंसेस में एंड प्रोविंशियल गवर्नर टू एक्ट ऑन द एडवाइस ऑफ रिस्पेक्टिव काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स इन ऑल मैटर्स अब वाइस रॉय का खेला खत्म अब वाइस रॉय नहीं बोला जाएगा अब बोला क्या जाएगा फर्स्ट गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया वो कौन बने थे लॉर्ड माउंट बैटन उसके बाद कौन थे फर्स्ट इंडियन इंडियन कौन थे जो पहले बने थे फर्स्ट गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया इंडियन वो बताना जरा ठीक है तो जो सेंटर में जो गवर्नर जनरल हो वो और अपने प्रोविंसेस में गवर्नर जनरल हो अब वो अपने मन से नहीं करेंगे वो एक्ट करेंगे वो कोई भी काम करेंगे ऑन द एडवाइस ऑफ रिस्पेक्टिव काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स बस दूसरी कोई हर मैटर में दूसरे कोई बात नहीं सुनेंगे अपने मन से कुछ नहीं कर सकते वो अब संविधान सभा ऑफ 1946 ये बननी शुरू हो चुकी है पहले एक साल पहले से ही उन्होंने कहा अब हम एक्टिव हो चुके हैं हम अब बनाएंगे संविधान और हम ही समय देश की पार्लियामेंट हैं ये उस समय देश की पार्लियामेंट बन गई इंडियन इंडियन डोमिनियन की चलो ठीक है एलेज वाइस रॉय खत्म गवर्नर जनरल हम हमारे हर डोमिनियन के लिए अपना-अपना एक हो गया तो लॉर्ड माउंट बैटन जो थे वो उस समय दोनों देशों के लिए गवर्नर जनरल थे उस समय के पहले ठीक है अबॉलिश सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया इनकी जरूरत नहीं है अब ये मंत्री जो हैं ये हटाओ इन्हें ये जो किंग जॉर्ज के आखिरी टाइटल में जो लिखा रहता था एंपरर ऑफ इंडिया हटा दो इनाम ड्रॉप द टाइटल ऑफ एंपरर ऑफ इंडिया फ्रॉम द रॉयल टाइटल्स ऑफ द किंग ऑफ इंग्लैंड अब जो वो नाम था ना बाय द ग्रेस ऑफ गॉड ऑ कि ग्रेट बटे नदन आ ऑफ ट किंग हेड ऑफ द कमन डिफेंडर ऑफ द फेथ एंप्रेस ऑफ इंडिया नहीं है एंपर ऑफ इंडिया नहीं होगा ठीक है नो एक्ट ऑफ द ब्रिटिश पार्लियामेंट पास्ड आफ्टर 15 अगस्त 1947 इज एप्लीकेबल टू आइर इज एप्लीकेबल टू आइर ऑफ द ऑफ द न्यू डोमिनियंस अब तुम कुछ भी एक्ट बना लो ब्रिटेन का पार्लियामेंट हमारे ऊपर है हम रखें या ना रखें बस हमारे मर्जी से ठीक है लॉर्ड माउंट बैटन बिकम द फर्स्ट गवर्नर जनरल ऑफ न्यू डोमिनियन ऑफ इंडिया एंड हमारे नेहरू जी थे उनको सोनन करवाया गया उनको शप दिलवाई गई एज द फर्स्ट प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिपेंडेंट इंडिया फाइनली हमारे सामने एक हमारा संविधान सभा हमारी एक्टिव हो गई काम कर रही थी अपना दबा के और उन्होंने लिख लिख के पूरा पूरा संविधान अपना बनाया चलो ठीक है यह था जो हमारे को हमने आज पढ़ा है क्या पढ़ा हमने आज रेगुलेटिंग एक्ट पहला आया था जिसमें क्या हुआ था एक सूत्री धागे से पिरोना शुरू हुआ था सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन बना था और जीजी ऑफ बंगाल को बोलना शुरू किया जीजी ऑफ जो जो हमारे जी ऑफ बंगाल थे वो हमारे जीजी साहब हो गए ठीक है नाम नाम में एक जी एक्स्ट्रा आ गया अब जो जीजी और काउंसिल था उनको सुप्रीम कोर्ट से बाहर कर दिया गया सुप्रीम कोर्ट आपके ऊपर कुछ नहीं बोल सकती ठीक है ये क्या था हमारा अमेंडिंग एक्ट हो गया फिर विलियम पिट जो एक्ट लेके आए थे वो क्या था कि हमारा को हमारा कोर्ट ऑफ डायरेक्टर बन गया और बोर्ड ऑफ कंट्रोल बन गया क्यों बना क्योंकि हमारे कंपनी के दो अलग-अलग काम हो रहे थे कमर्शल भी पॉलिटिकल भी ठीक है फिर लॉर्ड कन्वोस आए थे हीरो बनने लॉर्ड कन्वोस ने कहा मैं जब जाऊंगा जब मैं बनूंगा कमांडर इन चीफ और मेरे पास क्या होगी ओवरराइड होगी पावर होगी टो पावर होगी मेरे पास ठीक है ये आ गए फिर ट्रेड मोनोपोली कंपनी की 20 साल और बढ़ा दी चलो ठीक है अच्छा काम कर रहे हो ये काम हुआ चार्टर एक्ट में पहला जो पहला चार्टर एक्ट है फिर अगला चार्टर एक्ट में बोला गया कंपनी की अब ट्रेड मोनोपोली जो है उसको हम थोड़ा सा भैया रखें कि ना रखें चाइना में टी में रखेंगे बस ठीक है अबॉलिश ट्रेड मोनोपोली और देश में क्रश्न मिशनरीज और वेस्टन एजुकेशन शुरू हो गई है ठीक है अब जो चार्ट एक्ट ऑफ 18833 आया जीजीबी को बोला गया जीजी आई हो अब आप बड़े आदमी हो लॉर्ड विलियम बेंटिक बन गए ये गुड ठीक है चार्टर 18530 होगा कहां पे लेजिसलेटिव काउंसिल में ठीक है ओपन कंपटीशन होगा फॉर सिविल सर्विसेस गुड इसके बाद कंपनी की सेवा समाप्त कौन आया द क्राउन रूल क्राउन रूल में हमने क्या पढ़ा अभी-अभी हमने पढ़ा पहला जीआई आया 188 कि क्यों आया ही है क्यों क्योंकि इन्हें लाना था एक गुड गवर्नमेंट फॉर इंडिया एक्ट फॉर द गुड गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट चलो ठीक है क्या बना जीजी का टाइटल हटा के वाइस रॉय कंपनी की सेवा समाप्त अब क्राउन ईआईसी वाज अबॉलिश्ड क्राउन अब सीधा-सीधा डायरेक्ट अपना क्राउन है अगला काम और बड़ा काउंसिल्स एक्ट इसमें वाइस रॉय के पास ऑर्डिनेंस बनाने की ताकत ठीक है डिसेंट्रलाइजेशन बढ़ा दिया गया है कि अब सबके पास अपनी-अपनी पावर है बंगाल बिहार मद्रास सबके पास ठीक है जो लेजिसलेटिव काउंसिल है उस में अगले एक्ट में हमारे 18925 है वो बजट डिस्कस कर सकता है बस डिस्कस कर सकता है और ज्यादा कुछ नहीं आगे बढ़े हम मोरल मंटो रिफॉर्म्स आए कम्युलस मेंटेशन इनमें से कौन है फादर ऑफ हमारा कम्युनल रिप्रेजेंटेशन कौन है अभी अभी पीछे देखा है हमने मोर्ले या मेंटो आंसर मंट ट्रांसफर रिफॉर्म्स आया ठीक है बाय कैमरलिज्म दोनों हाउस बन गए अपर हाउस लोअर हाउस बन गया हमारा डायरेक्ट इलेक्शन हुआ किसी तरह ट्रेड बॉडी वगैरह बना बना के अपना दे रहे हैं थोड़ा बहुत ठीक है अब साइमन कमीशन आता है साइमन कमीशन ने रिकमेंड किया कि डायर की हटा दो ठीक है तो नाउन टेबल कान्फ्रेंस हुई थी ठीक है ओके इन्होने कहा था कि इलेक्टोरेट्स को और बढ़ाओ कम्य इलेक्टोरेट्स को और फैलाओ ठीक है फिर अपने कमल अवार्ड्स मिले थे हमको कम्युनल अवार्ड क्या थे कि सारे जो जो दलित हैं डिप्रेसेस है सिक्स है एंग्लो इंडियस है यूरोप सबको अपने रिजर्वेशन दो ठीक है जी रिप्रेजेंटेशन टू एससी फाइनली गवर्मेंट ऑफ इंडिया 35 इसमें क्या क्या आया है आरबीआई बना हैय पीएससी बना है प्रोविंशियल पीएससी बना है फेडरल कोर्ट बना है और भी चीजें बनी है ठीक है फाइनली इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट बना जिसमें लॉर्ड माउ बटन हमारे पहले गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया बने ऑफ न्यू इंडिया फाइनली इसकी था इसके साथ हमारा हो गया चैप्टर ओवर मिलेंगे अगली क्लास में तब तक के लिए य कीप स्टडिंग स्टे सेफ गुड लक