समास - व्याकरण (कक्षा 10)
परिचय
- समास का शाब्दिक अर्थ: संग्रह, सम्मिलन, संख्य ा, मिश्रण।
- दो या अधिक शब्दों के मेल से नया शब्द बनाना समास कहलाता है।
समास की विशेषताएँ
- कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट करने की प्रक्रिया।
- नए शब्द को समस्त पद कहते हैं।
समास के भेद
-
तत्पुरुष समास
- विभक्तियाँ:
- कर्म कारक: 'को' (उदा. अतिथि को अर्पण)
- करण कारक: 'से', 'के द्वारा' (उदा. गुणों से युक्त)
- संप्रदान कारक: 'के लिए' (उदा. रसोई के लिए घर)
- अपादान कारक: 'से' (उदा. घोड़े से हीन)
- संबंध कारक: 'का', 'की', 'के' (उदा. भारत का रत्न)
- निपात कारक: नकारात्मक पद (उदा. अज्ञात)
-
कर्मधारय समास
- पहला पद विशेषण, दूसरा पद विशेष्य।
- उदाहरण: नीलकंठ (नीला है जो कंठ)
-
द्विगु समास
- पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है।
- उदाहरण: त्रिफला (तीन फलों का समूह)
-
बहुव्रीहि समास
- दोनों पद प्रधान नहीं होते, किसी तीसरे की ओर संकेत करते हैं।
- उदाहरण: त्रिलोचन (तीन आँखें अर्थात् शिव)
-
द्वंद्व समास
- दोनों पद प्रधान होते हैं, समुच्चयबोधक अव्यय 'और', 'तथा' का लोप होता है।
- उदाहरण: गंगा यमुना (गंगा और यमुना)
-
अव्ययीभाव समास
- पूर्व पद प्रधान होता है और वह अव्यय होता है।
- उदाहरण: यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार)
समास विग्रह
- समस्त पदों को अलग करने की विधि।
- उदाहरण: गंगाजल का विग्रह - गंगा का जल।
समास की आवश्यकता
- कम शब्दों में अधिक अर्थ व्यक्त करना।
- भाषायी संक्षिप्तीकरण।
रिवीजन के लिए सुझाव
- सभी समास प्रकारों के उदाहरणों को समझें।
- समास का विग्रह करना सीखें।
नोट्स की उपयोगिता
- कक्षा 10वीं के हिंदी व्याकरण को समझने हेतु।
- परीक्षा की तैयारी और रिवीजन के लिए उपयुक्त।
अतिरिक्त संसाधन
- चैनल पर उपलब्ध अन्य विषयों के रिवीजन वीडियो।
अंत में
- चैनल को लाइक, सब्सक्राइब और शेयर करें।
- 100% फ्री एजुकेशन उपलब्ध।
यह नोट्स कक्षा 10 के हिंदी व्याकरण के समास विषय पर आधारित हैं और छात्रों के लिए एक संक्षिप्त और प्रभावी अध्ययन सामग्री प्रस्तुत करते हैं।