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कक्षा 10 के समास पर जानकारी

Feb 8, 2025

समास - व्याकरण (कक्षा 10)

परिचय

  • समास का शाब्दिक अर्थ: संग्रह, सम्मिलन, संख्या, मिश्रण।
  • दो या अधिक शब्दों के मेल से नया शब्द बनाना समास कहलाता है।

समास की विशेषताएँ

  • कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट करने की प्रक्रिया।
  • नए शब्द को समस्त पद कहते हैं।

समास के भेद

  1. तत्पुरुष समास

    • विभक्तियाँ:
      • कर्म कारक: 'को' (उदा. अतिथि को अर्पण)
      • करण कारक: 'से', 'के द्वारा' (उदा. गुणों से युक्त)
      • संप्रदान कारक: 'के लिए' (उदा. रसोई के लिए घर)
      • अपादान कारक: 'से' (उदा. घोड़े से हीन)
      • संबंध कारक: 'का', 'की', 'के' (उदा. भारत का रत्न)
      • निपात कारक: नकारात्मक पद (उदा. अज्ञात)
  2. कर्मधारय समास

    • पहला पद विशेषण, दूसरा पद विशेष्य।
    • उदाहरण: नीलकंठ (नीला है जो कंठ)
  3. द्विगु समास

    • पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है।
    • उदाहरण: त्रिफला (तीन फलों का समूह)
  4. बहुव्रीहि समास

    • दोनों पद प्रधान नहीं होते, किसी तीसरे की ओर संकेत करते हैं।
    • उदाहरण: त्रिलोचन (तीन आँखें अर्थात् शिव)
  5. द्वंद्व समास

    • दोनों पद प्रधान होते हैं, समुच्चयबोधक अव्यय 'और', 'तथा' का लोप होता है।
    • उदाहरण: गंगा यमुना (गंगा और यमुना)
  6. अव्ययीभाव समास

    • पूर्व पद प्रधान होता है और वह अव्यय होता है।
    • उदाहरण: यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार)

समास विग्रह

  • समस्त पदों को अलग करने की विधि।
  • उदाहरण: गंगाजल का विग्रह - गंगा का जल।

समास की आवश्यकता

  • कम शब्दों में अधिक अर्थ व्यक्त करना।
  • भाषायी संक्षिप्तीकरण।

रिवीजन के लिए सुझाव

  • सभी समास प्रकारों के उदाहरणों को समझें।
  • समास का विग्रह करना सीखें।

नोट्स की उपयोगिता

  • कक्षा 10वीं के हिंदी व्याकरण को समझने हेतु।
  • परीक्षा की तैयारी और रिवीजन के लिए उपयुक्त।

अतिरिक्त संसाधन

  • चैनल पर उपलब्ध अन्य विषयों के रिवीजन वीडियो।

अंत में

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यह नोट्स कक्षा 10 के हिंदी व्याकरण के समास विषय पर आधारित हैं और छात्रों के लिए एक संक्षिप्त और प्रभावी अध्ययन सामग्री प्रस्तुत करते हैं।