कि हर स्टूडेंट्स वेलकम टू लैंग्वेज में रूपाली वर्मा आप सभी बहुत अच्छे से होंगे अच्छे-अच्छे अभी पढ़ाई कर रहे होंगे तो आज इसी लड़ाई को और आसान बनाने के लिए आपको एक नया वीडियो लेकर आया आज का जो नया वीडियो में हमारा व है कंप्लीट जाती है साथ ही कंप्लीट चैप्टर क्वेश्चन क्यों चाहिए क्योंकि हमारे टेस्टर इस्लाम होते रहते हैं तो हमें रिवीजन तो चाहिए होता है ना तो यह उसी समस्या के हल के लिए आपके लिए लेकर आई हूं कि आप फटाफट रिवीजन कर लूं तो आज जो मैं आपके रीडर लाई हूं वह है आपकी क्लास टेंथ हिंदी कोर्स बी के व्याकरण का टॉपिक है समास तो अबीर समास क्या होते हैं इनके कितने भेद होते हैं ढेरों के बेडा होते हैं इनको हम कैसे विग्रह करेंगे और कैसे समझेंगे सभी कुछ फटाफट आपको मैं समझा देती हूं अब यह अच्छा एक बात और यह कुछ ज्वेलर्स को करने से पहले इसका डिटेल एक्सप्लेनेशन जो हमने पहले कराया है उसे जरूर देखिएगा क्योंकि हमने एक्सप्रेशन के साथ उसमें आपको कुछ एक्सर्साइज ग्रामीण वही चीज तो जैसे हम अभी कर रहे हैं लेकिन आज हम फटाफट आपको चीज को समझेंगे हर चीज बाहर निकली से मैंने आपको डिटेल एक्सटेंशन में समझाइए तो सबसे पहले डिटेल एक्सप्रेशन यह तो हमारा रिवीजन है तो चाहिए करते हैं बट इसको है तो क्या होता है समास समास शब्द का शाब्दिक अर्थ है संग्रह समिति सम्मिलन संख्या मिश्रण यानी किसी चीज को इकट्ठा करना उसका मिलन करना मिश्रण करना यह कहलाताहै समास व्याख्या ग्रहण दृष्टि से दो या दो से अधिक पदों के मेल से जो नया शब्द बनता है उसे समस्त पद कहते हैं तथा शब्दों के मेल से बने नए शब्द बनने की प्रक्रिया को समास कहते हैं कहने का तात्पर्य है दो शब्द ले लीजिए उन को आपस में मिला लीजिए या तीन ले लीजिए उन को आपस में दो या दो से अधिक शब्द उनको हम अगर आपस में मिला देते हैं उस मिलाने की प्रक्रिया के बाद जो नया शब्द बनता है वह कहलाता है समस्त पद और इस पूरी प्रक्रिया व हम क्या कहते हैं समाज बोलते हैं एक तरीके से समस्त पद समास-विग्रह चीज होती है धुंध है ठीक है जैसे गंगाजल रामावतार पत्रोत्तर तो यहां पर आप देख रहे हो गंगा का जल गंगाजल से आपके पास तु गंगा का जल तो अब इतना लंबा था गंगा का जल पुलिस को सौंप कर दिया गंगा का जड़ यानी कि हमने दो शब्दों को मिलाकर एक शब्द बना दिया फिर उसी की तरह रामाअवतार तो राम का अवतार राम अवतार मतलब राम का अवतार इतना बड़ा श्रद्धा उसको छोटा किया राम अवतार हो गया फिर है पत्रोत्तर पत्र का उत्तर यानी कि एक पत्र मिला था उसका उत्तर देना तो क्या हुआ पत्र का उत्तर देना पत्रोत्तर हुआ तो इसको हमने रिबन शब्द को स्पष्ट कर दिया कि यानि कि दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक जो नया शब्द हमने शॉट करके बनाया वह क्या कहलाता है हमारा समस्त पदार्थ समास कहलाता है कि वास्तव में कम से कम शब्दों से अधिक अर्थ प्रकट करना ही समाज का मुख्य प्रयोजन अब समाज की आवश्यकता क्यों पड़ी यानी कि हम कम शब्दों का इस्तेमाल करें और उससे अधिक अर्थ निकले तो इसलिए समास का जरूरत हमको पड़ी है अब को कभी-कभी होता है कि भाई हम आपका पता आपके पत्र का उत्तर देने में बहुत विलंब हो गया था कि आपके पत्र उत्तर में थोड़ा विलंब हो गया तो हमें शॉट शब्द को तो यहां पर इसी प्रयोजन के लिए है और यह कैसे होता है जैसे अब देखिए इतना बड़ा शब्द है शुभ है जो आगमन अब कितना बड़ा शब्द शुभ है जो आग तो इसको भी MS Word करेंगे तो क्या होगा शुभागमन क्या हो जाएगा शुभ आगमन पिंक शेड चक्र है पानी में जिसके अर्थात् जिसने हाथों में चक्र धारण किया हुआ है या चक्र पकड़ा हुआ है पानी मतलब होता है तो क्या बोलेंगे चक्रपाणि अर्थात् विष्णु कि चक्र तो एक ही निर्धारण किया और विष्णु जी ने तो हम क्या बोलेंगे चक्रपाणि अर्थात् विष्णु तो आपको समस्त पद समास-विग्रह में आ गया अब इसका आगे क्या दिया है समस्त समाज के में दो पद होते हैं अ पहले इसको समझेंगे तो कैसा अपरिग्रह करने से पहले भाई तोड़ेंगे कैसे क्या करेंगे तो समझ में दो पद्धति पूर्व पद और उत्तर प्रदेश क्या होता है पूर्व पद और उत्तर पहले पद को पूर्व कहते हैं बात से पक उत्तर बोलते हैं कभी पूर्व पद कभी उत्तरपद और कभी दोनों पद प्रधान होते मतलब हमें दो पद पढेंगे उसमें इंपोर्टेंस किस पद की मोती प्रधानता मध्य इंपॉर्टेंस किसकी होती है जैसे अभी हमने पर आधा क्या पढ़ाता चक्रपाणि तो यहां पर आप देख रहे हैं दोनों ही पदों के इंपॉर्टेंस नहीं है में किसी तीसरे की इंपॉर्टेंट हो रही है जो नया शब्द बन रहा है इसी तरह हमने एक और अब आपको भी शब्द पड़ा हमने पत्रोत्तर तो यहां पर इंपॉर्टेंस पे उत्तर की इंपोर्टेंट है तो यहां पर उत्तरपद प्रधान है फिर शुभ करमन तो आगमन का इंपॉर्टेंट से तो यहां पर भी उत्तर प्रदेश है इंपोर्टेंट है यानि कि उस की प्रधानता हो रही है तो यहां पर पूर्व पर यानि पहला पद उत्तर प्रदेश ने बात का पति यह दोनों हद कभी पूर्व प्रधान होता है यानि कि पहला वाले पद गिफ्ट इस होती है कभी दूसरे पद की पौष्टिक होती है कभी दोनों ही पद की पौष्टिक होती है कभी दोनों ही पथ इंपॉर्टेंस नहीं होती तो यह यह कौन से बने किस चीज इंपोर्टेंट हो गया अभी मैं वह आपको बताऊंगी भी कभी दोनों ही पद प्रधान हो जाते हैं और उनका एक विशिष्ट अर्थ महत्वपूर्ण जाता मगर दोनों ही प्रधान हो जाएंगे और जो नया पद बनेगा वह कहीं जाकर नई इंपोर्टेड रखिएगा अब आते हैं समास विग्रह तो आपने समाज देख लिया अब हम देखेंगे समास विग्रह क्या होता है समस्त पदों को अलग करने की विधि को समास कहते हैं अब हमने जैसे गंगाजल देखा अब गंगा जल को गर्म तोड़ दें अलग कर दें तो क्या होगा गंगा का जल तो हमने समस्त पद को क्या कर दिया अलग-अलग एक पद को हमने दो पलों में बांट दिया तो वह क्या कहलाता है हमारा समास-विग्रह कहलाता है जैसे यहां पर देखिए गंगाजल गंगा का जल पदभ्रष्ट तो क्या होगा पथ से भ्रष्ट तो यहां पर पथभ्रष्टता तो हमने बीच में कारक लगाएं और दूसरे दोनों जगह कारण लगे में तो यहां पर जब हम उनकी व्यक्ति अलग-अलग करते हैं तो कुछ नए शब्दों को हम उसमें जोड़ते हैं तो वहां पर क्या हो उपाय समास विग्रह होता है अब समास के भेद को हम देखते हैं समाज के जो बेर होते हैं वह कितने घ्र तो पहला जो है तत्पुरुष समास कर्मधारय समास समास समास समास और यह जो हमारा पहला तत्पुरुष समास के कितने भेद होते हैं अब कैसे होते हैं सबसे पहले हम तक पूरे समाज को समझेंगे फिर तत्पुरुष समास में उत्तरपद प्रधान होता है तथा पूर्व उत्तर प्रदेश का मतलब क्या होता है वाला वाला वह ज्यादा इंपोर्टेंट सकता है पहला वाला है उसकी वाला याद रखिए में समस्त पदों का लिंग और वचन अंतिम पद के अनुसार ही होता है यानि कि इसमें के अंतिम पलों में जो लिंग वचन लगा होगा वहीं समस्त पद में लगेगा तत्पुरुष में बहुत अच्छा दोनों पद संख्या का पहला पद संख्या और दूसरा विशेषण होता है यानि कि दूसरा धमाका रहता है विश्लेषण रहता है इस समाज में समस्त पद करते समय कारक विभक्तियां एक अधिक शब्दों का लोप होता है इसलिए इसलिए लुप्त यानि गायब हुई वृद्धि के कारण के अनुसार इस समाज में निम्नलिखित भेद होते हैं अब क्या है जब हम इन जो हमारे समस्त पद है जैसे हमने बताया कि जो व्यक्ति जैसे हमने भी आपको बताया था पथभ्रष्ट तो पथ से भ्रष्ट है अब इसमें जो हम बीच में विभक्त लगा रहे हैं यह क्या है कारक है कर्ता ने कर्म को करण शिकार हम सभी ने पड़े ना तो उसी के अनुसार इसके वेद भी होते हैं तो अब इसमें जो आपको ध्यान रखने वाला तत्पुरुष समास में उन्हें बात व है कि यह उत्तरपद प्रधान होता है पूर्ववत गौड़ होता है और कि इसमें कारक का इस्तेमाल होता है कैसे होगा उसी के अनुसार इसके भी होंगे ध्यान रखिएगा पहला है कर्म तक पुरुष तो क्रम जो तरह कारक होता है उसकी पहचान क्या होती है कर्ता ने कर्म को तो को कि इसकी पहचान जहां पर भी विग्रह करने पर को लग रहा है वहां हमेशा कर्म कारक होगा क्या व्याकरण तत्पुरुष के अंतर्गत समस्त पद में कर कारक के विभक्ति को काल लो हो जाता है ठीक है को यानि जैसे भी आए आर्थित यार पढ़ अतिथि को अर्पण आप यहां देख रहे को लगाएगा तो इससे आप पहचान देखिए जब आपको समास विग्रह करना हो यानी कि समाज को अलग करना हो या समस्त पद बनाना हो दोनों ही कंडीशन में ध्यान रखिए अगर को आ रहा है या को हटा रहे हैं तो वह हमारा हमेशा क्या रहेगा कर्म तत्पुरुष समास रहेगा दूसरा है परलोक गमन परलोक को गमन तो यह यहां पर आप देख रहे हैं को भी वक्त लगने के कारण यह कर्म तत्पुरुष समास है पहला दूसरा है करण तक पुरुष करणपुर उसका जो व्यक्ति होती है वह है से यहां पर से हम पहचानेंगे कि यहां पर करण तत्पुरुष तरफ उसके अंतर्गत समस्त पद करण कारक के विभक्ति से के द्वारा का लोप होता है एवं पूर्व पद का उत्तर प्रदेश से संबंध स्थापित किया जाता है इसमें दो व्यक्ति से और के द्वारा लगती हैं और जब हम इनको आपस में जोड़ेंगे तो यह दोनों बीच में से गायब हो जाती हैं है जहां पर दिया है गुण युक्त गुणों से युक्त जन्मांध जन्म से अंधा यानी कि यहां पर आप देख रहे थे और के द्वारा जहां पर लगता है वहां पर होता है करण तत्पुरुष समास के मेकर्स चाहते हैं संप्रदान तत्पुरुष तो यहां पर संप्रदान तस पुरुष के जो पहचान होती है विभक्ति होती है वह होती है के लिए संविधान तत्पुरुष के अंतर्गत समस्त पद में संप्रदान कारक के विभक्ति के लिए लो हो जाता है तो व्यक्ति के लिए उसका वह मिट जाता है और मिटने के बाद जो अ अ बनता है वह हमारा क्या हो जाता है संप्रदान तत्पुरुष समास जैसे रसोई घर के विग्रह क्या होगा रसोई के लिए घर युद्ध क्षेत्र के लिए क्षेत्र अभियुक्त द्वारा इसलिए यहां पर क्या होगा संप्रदान तत्पुरुष समास है नेक्स्ट आ रहा है अ प्रदान तत्पुरुष समास इसके भी पहचान से होती है तो अब उस करण की भी से होती है प्रदान की जिससे होती है तो उसको कैसे पहचानेंगे जहां पर से शब्द किसी चीज को अलग होने का बोध कर रहा रहा हो वहां पर आप आधार होता है जैसे अभी हमने पढ़ा घोड़े व्यक्त किया था गुण से युक्त यहां पर कोई हमें अलग होने की बात नहीं होना चाहिए अगर हम घोड़े घोड़े से हील यानि कि क्या होगा गुणहीन किसी के पास * नहीं यानि गुड़ अलग हो गए उससे तो यहां पर क्या होगा आपका अदनान तत्पुरुष समास होगा जैसे यह अंतर पुरुष के अंतर्गत समस्त पद के अपादान कारक के विभक्ति का लूप होता है एवं पूर्व पद का उत्तर प्रदेश से संबंध स्थापित किया जाता है तो समझ में आ गया शेखर क्वेश्चन से करण कारक में भी लगता है पदार्थ में भी लगता है या सिर्फ फर्क इतना होता कि आप अंगदान कारक में जो से लगता है वह किसी चीज से अलग कि हम बोलेंगे पेड़ से पत्ते अलग हो रहे हैं तो यहां पर से पत्ते अलग हो रहे गिर रहा हूं सिर्फ गिर रहे हैं तो यहां पर क्या होगा से लगना धन कारक से रोग मुक्त रोग से मुक्ति की उस व्यक्ति रोग अलग हो गया दूसरा ऋण मुक्त यानी कि जो व्यक्ति लिया था वह से मुक्त हो गया उससे खत्म हो गया तो यहां पर यह आप देख रहें हैं कोई अलग इसलिए यहां पर आधार तत्पुरुष समास है के मेकर्स चाहते हैं संबंध तत्पुरुष समास संबंध जैसे अवतारो किसी जिसका संबंध बढ़ाना इसकी जो विभक्तियां होती है कि यह तीन इसकी पहचान होती है तो संबंध अंतर्गत समस्त पद की कार समेत संबंध कारक कि व्यक्ति में का लोप हो जाता है कि जो है वह खत्म हो जाता है तब संबंध कारक बन जाता है भारत रत्न भारत में कार आज्ञानुसार आज्ञा के अनुसार घुड़दौड़ घोड़ों की दौड़ तो आप यहां देख रहे हैं का की के लग रहे तो यह किसकी पहचान है यह संबंध कारक की पहचान संबंध कारक के विभक्ति तो यहां पर क्या होगा संबंध तत्पुरुष समास है कि अब नंबर सिक्स आते हैं न शिव आपका तत्पुरुष समास यानी की जहां पर हम ना पर इस्तेमाल करते हैं वहां पर ने तत्व समाप्त होता है जैसे जिस समस्त पद में पहला पद नकारात्मक होता है उसे नष्ट कर तत्पुरुष समास कहते हैं जैसे और स्थिति और फिर मतलब ना स्थित अज्ञान ना ज्ञात मतलब स्किन तो यहां पर नकारात्मक आपने शब्द का इस्तेमाल करें वहां पर आप क्या होगा न तत्पुरुष समास होगा अब आते हैं हम अपने सेकंड आपके समास के भेद पर अभी तक हमारे पास आ रहा है आपका जो है दूसरा कर्मधारय समास कर्मधारय समास क्या होता है कर्णधार समास में पहला पद विश्लेषण तथा दूसरा होता है पूर्व तथा उत्तर प्रदेश में संबंधी हो सकता है जहां यह पहला पदक है विशेषण पहला पदक है विश्लेषण और दूसरा विशेष है नीलकंठ मतलब गला और कैसा है नीला तो गला हमारा क्या है संज्ञा है और इसकी विशेषता क्या बताना है कि महिलाएं यहां पर कर्मधारय समास में ध्यान रखिए पहला पद अप का विश्लेषण और दूसरा पद विश हुक्का तो यहां पर कर्मधारय समास होता है इसका विग्रह कैसे करते विग्रह करने के बाद इसका विक्रय करने का तरीका अभी तो हमने साथ ही के का हक केवल है तो अब नीलकंठ के बोलेंगे नीलकंठ ऐसा नहीं बोलते हैं यहां पर हम कैसे बोलेंगे नीला है जो कंठ कर्मधारय समास का विग्रह हमेशा ऐसे ही करते हैं नीला है जो कंठ इस तरीके से हम करेंगे जैसे पीला हम पितांबर तो पीला है जो वस्त्र इसका अधिग्रहण करने के तरीका अलग होता है और हमेशा इसी तरह कर्म धारण समाज को जवाब पहचान लोगे तो उसका विग्रह हमेशा ऐसे ही करना जैसे यहां बोलने परमानंद ए परम है जो आनंद तो आइए यहां पर आनंद के भाववाचक संज्ञा है उसकी विशेषता के आधार है वह परम है तो यहां पर अहलावत विश्लेषण और दूसरा पदक है विशेषग्य विग्रह पर ध्यान दीजिए ध्यान से देखिए नीला है जो कंठ परम है जो आनंद इसका विग्रह इसी तरीके से किया जाएगा कोई गलती मत करिएगा के मेकर्स चाहते हैं नंबर थ्री डू समाधि समाधि शब्द यानि कि समस्त वध का पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं यानी कि जो हमने दो पल बताए थे ना तो पहला पद में जहां पर संख्या हो जैसे हम बोले नौ आवाज पांच इस तरीके से अगर कोई चीज आती है तो वहां पर क्या हो जाएगा आपका दीपू समाप्त हो जाएगा जैसे यहां पर दिया है त्रिफला पुत्री मतलब क्या होता है तीन तो क्या होगा अत इन फलों का समूह अच्छा बिग बास का जब हम विग्रह करेंगे तो तीन फलों का समूह तीन फलों का समाहार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए विग्रह करेंगे हम यह बोलेंगे तीन फल ऐसे नहीं लगा विक्रम के ध्यान रखना विग्रह करने के भी तरीके हैं कि आपने विग्रह कर दिया त्रिफला त्रिफला मतलब तीन फल नहीं इसको आप कैसे करोगे तीन फलों का समूह ने सेंध रत्न उन्नाव का ज्ञान न मतलब नो हो गया पहला पद संख्यावाचक यह ग्रह कैसे करें ध्यान दीजिए नवरत्नों का समाहार नवरत्न इसको हम कैसे करेंगे नवरत्नों समा हाथ जहां लगि चोरा तो क्या बोल रहा हूं यहां पर आकर चार रहें मिल रही है तो क्या चार राहु का समाहार जहां पर आकर मिल रही तो यह ग्रह करते समय ध्यान रखिएगा ने सारे नंबर चार बहुव्रीहि समास समास जिस समस्त पद में कोई भी प्रधान नहीं होता दोनों मिलकर किसी की ओर संकेत करते हैं उसे बहुव्रीहि समास होता है कि अब यहां पर क्या होता है दोनों ही पदों में को इंपॉर्टेंस नहीं रखती यह दोनों ही मिलकर हमें किसी तीसरे पर्सन की तरफ इशारा कर तीसरे पद की तरफ से और वहीं पर इंपॉर्टेंट रखता है जैसे यहां पर दिया है चतुर मुख्य चार मुख है जिसके अर्थात् ब्रह्म तो क्या होगा का यहां पर तीसरा पद किसका निकला ब्रह्मा जी का विग्रह आप ऐसे ही करोगे चार है मुकेश के अर्थात ब्रह्मा फिर त्रिलोचन तीन आंखें हैं जिसकी तीन आंखें किस क्योंकि संसार में एक ही की तो तीन आंखें अर्थात शेप तो क्या होगा त्रिलोचन अर्थात विश्व विख्यात वीणापानी वीणा है पानी में इसके अविरा किसके होती है सरस्वती जी के हैं ना तो कि हम लिखेंगे सरस्वती जी तो इसको हमेशा ध्यान रखिएगा चार है मुख जिसके अर्थार्थ यहां पर हो जाएगा ब्रह्म यहां लोचन अर्थात विश्व में और फिर यहां पर हो जाएगा सरस्वती की हैं तो इस तरीके से करेंगे हमेशा चतुर्मुख चार है मुकेश के अर्थात ब्रह्मा आप कंफ्यूज करोगे तो यहां चतुर है त्रिलोक है कि हां तो पहला पद संख्यावाचक यह तो इसको पहचानने का सबसे अच्छा तरीका हम आपको बता दें कि यहां पर हम कैसे ऐसे व्यक्ति की बात करेंगे जो विश्व में सिर्फ एक याद रखना हमेशा बहुव्रीहि समास में हम ऐसी बात करते हैं जैसा दूसरा कोई है ही नहीं जैसे हम दशानन बात करेंगे तो दशानंद चुका है जिसके अब 10 में किसके बूते सिर्फ रावण के हैं ऐसे बोलेंगे हम बोलेंगे लंबोदर लंबा है उधर जिसका अभी किसके लिए इस्तेमाल करते अर्थात गणेश तो यह चीज गजानन वजह है गज के समान आनंद है जिसका तो अब यह कौन है गज के समान हाथी के समान जिसका मुख्य होता है वह कौन है गैस के समान मुख है जिसका अर्थात् गणेश तो यहां बहुव्रीहि समास में हम इस्तेमाल करते हैं यह विश्व में सिर्फ एक ही होते हैं इनके समान कोई दूसरा नहीं होता है यह ध्यान रखिएगा फोन नंबर फाइव हमारे हैं बंद समाधन समाज में क्या होता है जिस समाज में दोनों ही पद प्रधान हो और जिसमें पदों को मिलाने हेतु समझ बोधक शब्दों और जिन्हें पदों को मिलाने वाले समुच्चयबोधक शब्दों और तथा या अथवा एवं का लोप हो गया हो उसे द्विगु समास कहते हैं इसको पहचाने का जैसे भी यहां पर दोनों ही पद हमारे क्या रहेंगे याद रखिए का यह दोनों ही पद हमारे प्रधान रहते दोनों एक समान अधिकार रख रहे हैं और इन दोनों को बीच जो है ना समुच्चयबोधक अव्यय लगते हैं समुच्चयबोधक अव्यय यानी कि जो आपको समान अधिकार पत्र प्राप्त करते कई चीजों को हम साथ लेकर चलते हैं वह गैस इस्तेमाल से और तथा योर अथवा एवं जैसे शब्दों तो यहां पर क्या यह जैसे गंगा और यमुना गंगा और यमुना स्वर्ग नर्क स्वर्ग और नर्क तो यहां पर इसको और या अथवा जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना होता है या जरूर समझ बनाते हैं तो उनका लोक हो जाता है फोन नंबर छे अव्ययीभाव समास अव्ययीभाव समास समास में पूर्व पद प्रधान हो और वह भव्य हो तथा उसके योग से समस्त पद्धति अबे बन जाए उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं कैसा यानी कि जो पहला पर होगा वहीं इंपोर्टेंट होगा और वह भी भव्य होगा अबे कौन से शब्द होते हैं जो कभी बदलते नहीं ठीक है जैसे यथा है प्रति आप यह सब बोलते और स्थिरता का हो गया तो यहां पर पहला आपदा का क्या होगा अब यह होगा या उत्सव होगा और वही पद आपका प्रधान होगा तो यह हमारा क्या कहलाता है अब देव समाज देखिए यहां पर दिया है यथा विधि विधि के अनुसार तो यहां पर विक्रय करते समय जैसे प्रतिलिपि होगा लिपि तो हर लिपि प्रतिलिपि मतलब क्या होगा हर लिपि तो यहां प्रतिदिन हर दिन यह आपको ध्यान रखना होगा कि हम इसको एडिटिव न्यूज़ केयर आपके अनुसार करते जैसे यथाविधि आया तो विद्वता का मतलब क्या हो जाएगा अनुसार इस विधि के अनुसार फिर यथासंभव जितना संभव हो सके चित्र तुझे आपको ध्यान रखना पहला पद हमारा भव्य उत्सव होगा और साथ इज्जत हम बोलते और स्थित तो अस्थिर में हमारा क्या हो जाएगा अस्थिर जो है वह आपका कुंअर पहला पद उत्सर्ग है बेलगाम वे जो है वह हमारा कहर उपसर्ग है तो यहां पर पहला पर उतर गया भव्य होगा वहां पर अव्ययीभाव समास होगा है तो यह हमारे समाज जुटे थे हमने आपको सभी समझा दिए आप कुछ एक्सरसाइज करते हैं ताकि फटाफट आप चीजों को समझ में आ है तो पहला जो प्रश्न आ रहा है वह समाज का शाब्दिक अर्थ बताइए इसका शाब्दिक अर्थ क्या होता है समाज का शाब्दिक अर्थ है संग्रह सम्मिलन संक्षेप आदि तो यह का शाब्दिक अर्थ होता है इसको शब्द के अनुसार नंबर टू है समाज के कितने भेद होते हैं प्रत्येक का नाम लिखिए समाज के छः धोते हैं तत्पुरुष समास कर्मधारय समास डिगर समाज बंद समाज बहुव्रीहि समास अव्ययीभाव समास यह आपके छह नाम होते इनको आप अच्छे से रख लीजिए और समझ लीजिए है नेक्स्ट क्वेश्चन है निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह कीजिए और समाज के नाम भी लिखे कुछ समस्त पद दिए हैं आपको उनका विक्रय करना है और उनके नाम लिखने समस्त पद क्या है देवमूर्ति जबकि ग्रेट करेंगे तो यह देव की मूर्ति अब यहां पर की लगा है तो यह क्या हो जाएगा संबंध तत्पुरुष समास फिर आ रहे हैं हुए लिखित तू क्या होगा हाथ से लिखित या हस्त से लिखित इसका गिरफ्त से लगा है तो यहां पर हम यानि बोल सकते हैं यह आधार पर है नहीं क्योंकि यहां पर अलग नहीं हो रही है कोई चीज से लगा है तो इसलिए यहां पर क्या होगा करण कारक नैक चाहिए क्रीड़ा क्षेत्र तो क्रीड़ा के लिए क्षेत्र अब यहां पर व्यक्ति लगी है कि आपकी के लिए प्रिय किसकी भक्ति है संप्रदान तक पुरुष की तो यहां पर क्या आएगा संप्रदान तत्पुरुष समास फिर संपादक कुल-परंपरा कुल की परंपरा अब कि हमारे व्यक्ति हैं टॉर्च बंद कारक की तो यहां पर क्या हो जाएगा संबंधित तत्पुरुष समास देख सकते हैं यथाशक्ति प्रयास किया जाएगा शक्ति के अनुसार तो यहां पर पहला पद हमारा क्या रहा है अ व्यारा इसलिए होगा अव्ययीभाव समास नैक ट्रैक नंबर फॉर निम्नलिखित विग्रहम में समस्त पद बनाइए तथा समास का नाम लिखिए अभी हम समझ से विग्रह कर रहे थे अब विग्रह से समस्त पद बनाएंगे और फिर उसका नाम लिखेंगे तो यहां किया दिया है कार्य में रत तो क्या आ रहा है यहां पर कार्यरत अब मैं लगाने के जाने यहां पर क्या हो जाएगा अधिकरण तक पूर्ण हमास ने चाहते हैं चंद्र की कला की लगाएं हमेशा समस्त वन आया तो क्या हो गया चंद्रकला की लगा हुआ था तो यह क्या हो जाएगा संबंध तत्पुरुष समास मेक चाहते नीला है जो गगन अब इसको समझ बनाएंगे तो क्या हो जाएगा नीलगगन अब यहां पर देख रहे हो पहला पद हमारा विशेषण है दूसरा पर हमारा विश है तो यहां क्या होगा कर्मधारय समास क्या है यह अंधविश्वास उसके बाद जाति देश से निकाला अब इसे हम अलग कर रहे हैं तो यहां पर फिर किया जाएगा देश से निकाला बनाया तो क्या निकाला निकाल रहे अलग कर लें यहां दांत तुरंत बिना लगाम के यहां पर लगाम लगा तो पहला जो हमारा आ रहा है वह क्या है आपका भव्य उपसर्ग है तो अब ऊपर कौन से सन् में आता है अव्ययीभाव समास में आता है तो यहां पर किया जाएगा अव्ययीभाव तत्पुरुष समास यहां पर आधे तो आपको यहां पर यह पूरी तरीके से होते हैं हम कैसे बढ़ते हैं कैसे समझेंगे और सब्सक्राइब करें ध्यान रखिएगा वह बहुत ही इजी है बस थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत है कौन सा पद है क्या है आप फटाफट इन सारी चीजों को कर लेंगे तो यह जो वन शॉट रिवीजन हमारे यह सिर्फ हिंदी में ही नहीं है आपके सभी सब्जेक्ट के लिए 130 बना रहे हैं तो अब इन वन स्टॉप को हम देखिए कैसे उसके लिए आपको सिंपल क्रोम पर जाना है मगर बेन टाइप करेंगे आप आपके स्टूडेंट रह सकते हैं कोई दिक्कत है लेकिन आप जैसे है आएंगे प्रिंट पर तो आपके सामने एक पेज ओपन होगा जहां पर नीचे की साइड में सीबीएसई इंग्लिश में लिखा होगा जैसे आप इसे क्लिक करोगे आपके सामने यहां पर आ जाएगा और आप इस वंश डिविजन को जैसे क्लिक करेंगे आपके सामने वह सभी प्रयास आ जाएंगे जिसमें वन शोल्ड बे अवेलेबल आप देख रहे हो बेचेगी तो आपको यहां पर आपको क्लिक करना है जैसे आपके सामने क्लास पेंट की वन शोल्ड विन की पूरी प्लेलिस्ट आ जाएगी देखिए आप इसमें Please subscribe My मैच इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हिस्ट्री सिविक्स और इकोनॉमिक्स इंग्लिश इंग्लिश हिंदी संस्कृत संस्कृत चैप्टर यहां पर क्लिक करते ही आपके सामने होगा तो आप उस पर क्लिक करोगे तो आपके जो भी आपको क्लिक करना है जैसे क्लिक करें आपके सामने इस वीडियो में आपको करना क्या है आपको सिर्फ अपना वजन कम करना घृत जैसे हो जाता है क्योंकि कहीं पर भी फटे सकते कि हमारे चैनल बहुत कोशिश करता है कि आपकी पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नाम इसीलिए हमारे चैनल पर आपको हंड्रेड परसेंट फ्री एजुकेशन प्रोवाइड करें जाती है इसके लिए हम आपसे कोई भी पेमेंट नहीं लेते हैं ताकि यह जितना भी कंटेंट है यह टोटली अरेंज है यानि कि आप देखेंगे class-wise सब्जेक्ट वाइज बुक वॉइस चैप्टर वाइज टॉपिक वाइज हर एक चीज फुटवियर इंच 11 टॉपिक करने के बाद दूसरा आपको इधर-उधर खोज नहीं पड़ता तो इसीलिए हम यह चाहते हैं कि आप हमारे चैनल के साथ बने रहिए इसे लाइक सबस्क्राइब और शेयर जरूर कीजिए का यू थैंक यू फॉर 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