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लैटिस एनर्जी की गहराई में

अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय को अजय क अगर आपसे compare करने को कहता है कि lattice energy को compare करो तो उस question को कैसे solve करें तो शुरू करते हैं बहिया lattice energy से मेरा नाम है अलग पांडे आप देख रहे हैं physics वाला channel और topic चल रहा है chemical bonding तो बाई साब lattice energy होती क्या है तो फिर से मैं आपको बता दूँ जब कोई ionic compound बनता है जैसे मान लो NaCl बना और वो बनता है किस से Na plus और Cl minus से एने प्लस हमें मिला गैसियस फॉर्म में, सील माइनस मिला गैसियस फॉर्म में, दोनों मिलके बने एने सील सॉलिड फॉर्म में. जब ये दोनों आपस में कमबाइन करते हैं तो इस स्टेबिल हो जाते हैं. तो कोई भी सिस्टेम बच्चों जब स्टेबिल हो जाता है, तो उसकी एनरजी कम हो जाती है. मतलब यहां से यहां आते वक्त सिस्टम ने अपनी एनरजी लूस की होगी जब एनरजी कम होती है तब ही सिस्टम स्टेबिल होता है मिनिमम एनरजी में ही कोई भी सिस्टम स्टेबिल होता है मतलब यहां से यहां में कुछ एनरजी रिलीज हुई होगी और जो एनरजी बच्चों इस प्रोसेस में रिलीज होती है उसी एनरजी को हम लाटिस एनरजी या एली बोलते हैं लाटिस एनरजी, the amount of energy released When one mole of an ionic compound is formed, जब ionic compound का एक mole बने, from gaseous cation and gaseous anion. Gaseous cation and anion मिलके, जब एक mole ionic compound बनाते हैं, तो system stable होता है, और energy release होती है, जो energy release होती है, उसको हम lattice energy बोलते हैं. Lattice बन रहा है, मतलब 3D solid बन रहा है इसको उल्टे तरह से भी देख सकते हो कि अगर हम एक मॉल NACL को तोड़े तो कितनी energy required होगी भाई जितनी energy release हुई है वापस उतनी ही energy दोगे तो ये तूट कर system वापस जाएगा forward reaction में जितनी energy निकली है backward reaction में उतनी ही energy देनी पड़ेगी तो ऐसे भी define कर सकते हो कि lattice energy is the amount of energy required to break one mole of ionic compound into its gaseous cation and gaseous anion gaseous ion से relate करना ज़रूरी है एक mole ionic compound जब अपने gaseous ion से बने उस time जो energy release हो उसको बोलते है lattice energy clear हो गया अब lattice energy सर निकालें कैसे कैसे इसकी value मिलेगे क्या formula है इसका तो बच्चो यह बात यह है कि lattice energy ध्यान से सुने प्यारे बच्चो lattice energy determine करने का कोई भी direct method नहीं है there is no direct method to determine lattice energy मतलब कोई indirect method यूज करना पड़ेगा कोई सीधा साधा मेथेड नहीं है ठीक है समझ में आ रहा है बढ़िया लग रहा है बोर्ड दिखाई पढ़ रहा है मैं सही लग रहा हूं आप खुश हैं बढ़िया है मस्ती से पढ़ाई कर रहे है आज चापते स्कूल खुल गया होंगे, गर्मी की छुट्टियां खतम हो गई, हालत खराब, स्कूल, कोचिंग, वीडियो, पढ़ाई, दोस्त, यार, दुनिया, तो प्रेशर कम लेने का है, और काम जादा करने का है, प्रेशर कम लो, काम जादा करो, टेंशन लेना है, पेशन्स रखो, बहुत बड़ा सिलेबस है, पेशेंट्स नहीं रखोगे तो पेशेंट बन जाओगे, ठीक है, पेशेंट बन जाओगे, बोलने मज़ा आता है पेशेंट, ठीक है, तो कोई डिरेक्ट मेथड नहीं है लैटिस एनरजी का, इंडिरेक्ट मेथड है, क्या है, इंडिरेक्ट मेथड, सीधा सीधा इस एनरज बॉन हेबर साइकल का जैसे एग्जाम में आ गया कि किसले इस्तेमाल करते हैं? चार ओप्शन हैं तो आप बोलना लैटिस एनरजी की वैल्यू निकालने के लिए हम बॉन हेबर साइकल का यूज़ करते हैं. जैसे किताब में ब इस्तेमाल था लैटिस एनर्जी को डिटरमाइन करना वैसे तो बहुत सी कैलिबेशन करोगे जब बॉन हेबर की निमेरकल करोगे तो कुछ भी निकाल लोगे पर बेसिकली बॉन हेबर किसले बना है लैटिस एनर्जी को निकालने के तो आईए समझते हैं बॉन हेबर साइकल तो बच्चों, Born-Haver Cycle में क्या होगा न, बहुत ही सारे Energy के Term आ जाएंगे, बहुत ही सारे Energy के Term आ जाएंगे, और उन Energy के Term को अगर आप थोड़ा बहुत नहीं जानते हो, तो Periodic Table के Videos देखो, जहाँ पे Ionization Energy का Video है, Electron Affinity का Individual Video है, सबके अपने अपने Videos हैं, जैसे पिछले Videos में तो बॉन हेबर साइकल में बहुत से एनरजी का टम आने वाले हैं, मैं आपसे सबसे पहले आपको इंटिडूस करता हूँ, एक एनरजी का टम है, heat of formation, इसको कई लोग enthalpy of formation बोलते हैं, enthalpy भी heat है, दिनोट करते हैं delta H, heat का symbol, और यहां लगा दिया F, F मतलब formation, heat of formation, यह क्या होता है बच्चों, यह क्या होता है, यह है amount of heat released, stable state देखो lattice energy से difference है heat of formation ये बोल रहा है amount of heat released when one mole of compound is formed from इट्स एलिमेंट्स इन प्यूर और स्टेबल स्टेट लैटेस एनर्जी में किस से बन रहा था? गैसियस आयन से ये किस से बोल रहे हैं? एलिमेंट से, जो उसका एलिमेंटल स्टेट है नैचुरल स्टेट है, जिस तरह से वो मिलता है प्यूर स्टेट में वहां से कमपाउंड बनाते वक्त जो एनर्जी रिलीज होगी उसको आप heat of formation कहोगे NACL का ही एग्जाम्पिल लें NACL Solid अब किस से बनाना है? एलिमेंट से in pure and stable state सोडियम हमको कैसे मिलता है? सॉलिड फॉर्म में सोडियम का मिटल मिलता है सॉलिड फॉर्म में एनलेलिया प्लस क्लोरीन हमको कैसे मिलता है? गैसियस स्टेट में तो हमने CL2 गैस ले ली और इनको इस रियाक्शन में लिख दिया इस रियाक्शन की जो हीट है उसको आप बोलोगे हीट और फॉर्मेशन आयन से, गैसियस आयन से, यहाँ pure and stable state, sodium का pure stable state, solid state होता है, chlorine हमको कैसे मिलता है, गैसियस में, इसको balance कर रहा है, यहाँ पे half लिख दिया, इस particular reaction में, जो heat energy, जो energy release होगी, उसको आप heat of formation बोलोगे, lattice energy नहीं बोलोगे, difference समझ में आ गया, lattice energy और इसमें, related हैं, ठीक हैं? इनका आपस में क्या रिष्टा है? आखिर क्या रिष्टा है तुम्हारा गंगा के साथ? है न? चल ये देखते हैं, तो मैं फिर से एक बार यह equation लिखता हूँ, मैं NaCl form करूँगा, from its pure and stable state, तो sodium मिलेगा solid state में, chlorine मिलेगा मुझे gases state में, यहां लिख लूँगा half, और ये, इस reaction की जो heat है उसको हम बोलेंगे delta HF heat of formation release होती है यहाँ आईए अब step by step NaCl बनाने की कोशिश करते हैं तो पहले Na से Na plus तक जाना होगा और Na से Na plus में जाना आसान नहीं है ionization energy कब defined हुआ था amount of energy required to remove electron from gaseous atom तो पहले इसको गैसे स्टेट में ले जाओ, तो पहले हमें एने से बनाना होगा एने गैसिस, एने गैसिस, अब इसमें से एलेक्ट्रॉन निकाल के बनेगा एने प्लस, क्या समझ में आ रही है बात मेरी, गैसे स्टेट में, सीधा एने से आप एलेक्ट्रॉन नहीं निकालते गैसियस में कन्वर्ट करने के लिए सॉलिड से गैस बनाने वाली एनर्जी, सॉलिड से गैस बनाने वाली एनर्जी, सबलीमेशन एनर्जी, तो सबसे पहले आप इसको एक एनर्जी दोगे कौन सी, सबलीमेशन एनर्जी, इसको हीट करोगे, सॉलिड से गैसियस फॉर्म में कौन सी energy होती है? IE मतलब ionization energy ये भी आपको देनी पड़ेगी ionization energy दोगे तब एक electron निकलेगा मतलब ये भी add हो जाएगी इसी तरह से और chlorine पर आते हैं अब आपको Cl-ion चाहिए तो अपने half Cl2 को अच्छा ये तो already किस form में है? gaseous form में है पर आपको Cl2 नहीं चाहिए आपको Cl चाहिए gaseous form में तो आपको इसको तोड़ना पड़ेगा, CL2 को तोड़ना पड़ेगा CLCL में, बॉंड तोड़ना पड़ेगा, कौन सा बॉंड, CLCL के बीच का, इसको हम बोलते हैं, बॉंड डिसोसियेशन एनर्जी, बाई, Ducation Energy डिफाइंड होती है एक मोल के लिए, यहाँ एक मोल तो है नहीं, हाफ मोल, तो इसका हाफ दे दिया, इससे CL Gases फॉर्म में मिल गया, यह आपको देनी पड़ेगी, तो यह भी प्लस में होगी, फिर CL Gases को आपने एक एलेक्ट्रॉन दे कर बनाया CL-, यह कौन सी ए एलेक्ट्रॉन एक्ट्रॉनिटी क्या था? amount of energy released when an electron is added तो यहाँ पे energy release हुई मतलब ये वाली energy negative होगी बाकी सारी तो positive अब देखो na plus gas state में cl minus gas state में अब ये दोनों combine करके बना लेंगे na cl और gaseous state में जब ये combine करके na cl बनाएंगे उस time जो energy release होगी last step में जो energy release होगी वही होगी lattice energy अब डिफरेंट समझ में आ रहा होगा heat of formation और lattice energy का heat of formation pure state यानि एने solid state में, chlorine gas state में, stable form यानि CL2 form में उस reaction की जो heat है वो heat of formation और lattice energy, gaseous ions जब combine करके एक mole compound बनाएं तो जो energy निकले वो lattice energy फिर मैंने step by step बताया कैसे कैसे आप पहुचोगे यहां तक पहले एने को आपने सब्लिमेशन किया, एनर्जी दी, गैसियस बना, फिर और एनर्जी दी, एलेक्ट्रॉन निकला आया, आयनिजेशन एनर्जी, क्लोरीम को तोड़ा पहले तो डिसिशेशन एनर्जी, हाफ मॉलेक्यूले तो आपने हाफ एनर्जी दी, फिर क्लोरीम गैसिय लास्ट स्टेप में एने और सील कम्बाइन किये, कम्बाइन करके एने सील बनाए, तो एनेरजी और बाहर निकली, यानि लाटिस एनरजी भी कैसी होगी, नेगेटिव, रिलीज होगी, जो एनरजी रिलीज हो रही है उनको माइनस लिया, जो एब्जॉब हो रही है उसको प् अब हमारे पास एक law होता है, HESS law, जिसके बारे में यहाँ bone-heaver में कोई आपसे बात भी नहीं करता, thermodynamics का law है, या thermochemistry का law समझ लो, heat का law है, कि एक reaction यदि एक step में हो, या multiple step में हो, अगर multiple step में हो रहा है, तो सभी step की heat को अगर जोडेंगे, तो उतनी ही heat आएगी जितनी single step से आ रही है. मतलब आप चाहे सीधा सीधा चलो, चाहे तेड़े मेड़े रास्ते चलो, टोटल हीट हर तरफ से बराबर होगी, सीधे सीधे में हीट मिली डिल्टा हफ, यानि डिल्टा हफ जो की है, that must be equal to इस रास्ते की हीट, इस रास्ते में sublimation energy दी, चलो खीक है, ले लिया, plus ionization energy दी, चलो इसको भी ले लिया, plus bond dissociation energy दी, उसको भी ले लिया, अब electron affinity release हुई, minus electron affinity. अब lattice energy release हुई, minus lattice energy. ये equation हमारे पास बन के सामने आएगी. चाहे ये reaction एक step में हो, चाहे multiple step में हो, heat का sum दोनों तरफ से क्या आएगा, same आएगा. अब आपके पास ये equation हो गई. एक्जाम में क्या करेगा आपको heat of formation दे देगा, sublimation energy दे देगा, ionization energy दे देगा, dissociation energy दे देगा, electron affinity दे देगा और आपसे पूछेगा lattice energy निकाल लोगे, तो आप lattice energy निकाल लोगे, ठीक है, बहुत ज़ादा घुमाएगा तो आपसे ये करेगा कि heat of formation आपको per gram दे देगा, तो एक ग्राम की इतनी लैटिस एनर्जी तो मोलर मास की कितनी लैटिस अरे हीट आफ फॉरमिशन निकाल लो हो सकता हो इसको आपको कीलो जूल पर मोल में दे हो सकता हो इसको आपको एलेक्ट्रॉन वोल्ड पर आटम में दे गायब लैटिस एनर्जी करता है बाकी टम दे लेता है आपको ये समझना है कि एक step की heat और सारे step की heat का sum क्या आना है? सेम आना है चलिए मैं आपको इस पर एक अच्छे level का सवाल कर देता हूँ जिसमें जिसमें दो बार electron निकालने पड़े और दो बार electron देने पड़े let us take the example of formation of MgO MgO magnesium oxide तो यहां मैं लिख लिए हूँगा MgO सॉलिड अब ये किसे किसे बनेगा मैगनेशियम से मैगनेशियम प्यूर स्टेट में कैसे मिलता है सॉलिड और किसे बनेगा ओक्सिजन से ओटू प्यूर एंड स्टेबिल स्टेट गैसियस यहाँ लिख लेता हूँ हाफ MgO इस स्टेप में जो हीट रिलीज होगी इसको हम बोलेंगे डेल्टा हफ आईए अब स्टेब बाई स्टेब किया जाए Mg मैगनेशियम गैसियस कौन सी energy लगेगी sublimation energy plus फिर इसमें से एक electron निकाला क्या बन गया mg plus gas state में कौन सी energy ionization energy पर यार mg हो तो तब बनता है जब mg के उपर plus 2 charge हो ओके उपर 2 minus charge हो मतलब इसमें से अभी एक electron और निकाल ला है तो इसमें से एक एलेक्ट्रॉन और निकालेंगे, तब बनेगा MG2+, ग्यासियस, यानि ये आयनाइजेशन एनर्जी फस्ट वाली, ये आयनाइजेशन एनर्जी सेकंड वाली, इसलिए मैं कह रहा था आयनाइजेशन एनर्जी का वीडियो देख लो, सक्सेसिव आयनाइजेश हाँ अगर आपसे बोलता है first ionization energy इतनी है second इतनी है तो भी ठीक है जोड़ लेना अगर सीधा बोल देता है ना इस energy इतनी है तो समझ जाना दोनों का sum दे रहा है यह भी होगी plus यह भी plus क्योंकि देनी पड़ती है यहां तक आ गए आएए dissociation energy divide by 2 क्योंकि हाफ मोल है फिर इसमें एक electron देंगे तो ओ माइनस बनेगा यह कौन सी energy electron affinity यह क्या होती है रिलीज होती है तो एक ऐसी होगी minus amount of energy released फिर एक electron और देना पड़ेगा O2 minus gas state में यहां से दो electron निकलेंगे यहां दो मिलेंगे फिर कौन सी energy electron affinity यह कौन सी दूसरी वाली यह पहली वाली successive electron affinity अब दिमाग लगाओ कि यह दोनो negative होंगी या दूसरी एलेक्ट्रॉन एफिनिटी प्लस होगी, याद करके बोलना, मैंने आपको बताया था, कि पहला एलेक्ट्रॉन तो आटम एकसेप्ट कर लेता है खुशी-खुशी, और एनर्जी को रिलीज करता है, इसलिए नेगेटिव होता है, चलो ठीक है, दूसरा एलेक्ट् अब तुम्हें एनर्जी लगानी पड़ेगी दूसरा एलेक्ट्रॉन डालने के लिए मतलब सेकेंड एलेक्ट्रॉन एफिनिटी कैसी होगी हमारी प्लस स्टेट में ये एनर्जी देनी पड़ेगी तब ये दूसरा एलेक्ट्रॉन एकसेप्ट करेगा दूसरा वो लेना नहीं चाहता था तो energy देनी पड़ेगी अब यहाँ से gaseous state में mg2 plus o2 minus gaseous cation gaseous anion combine करके बनाएंगे mg o जो energy बाहर निकलेगी that will be lattice energy minus लिखा क्योंकि यह भी release होगी अब आप यहाँ equation लिख सकते हो delta hf एक step में और सारे step में देखें तो हम sublimation energy plus ionization energy 1 plus ionization energy 2 प्लस डिसोसियेशन एनर्जी बाई 2 माइनस फर्स्ट एलेक्ट्रॉन एफिनिटी प्लस सेकेंड एलेक्ट्रॉन एफिनिटी माइनस लाटिस एनर्जी ये बन गई हमारी एक्वेजिन बढ़िया मस्त अब इसमें से कुछ टर्म गायब होंगे एक्ट्रॉन एफिनिटी तो अलग-अलग देता है, जानबुच के, कि आप कब प्लस लोगे, कब माइनस. इसमें से एक टर्म गायब होगा, बाकी दे देगा. इसको बच्चों हम लोग कहते हैं, बॉन हेबर साइकल. इसके बाद बच्चों हम बात करते हैं, फैक्टर्स, और विच लाटेस एनर्जी डिपेंड्स कि किन कारणों पर लाटेस एनर्जी डिपेंड करती है समझने के लिए थोड़ी लाटेस एनर्जी की बेसिक फिर से समझनी पड़ेगी एन ए प्लस गैसिस सीएल माइनस गैसिस कमबाइंड टू फॉर्म एनेसीएल और इस प्रोसेस में जो एनर्जी निकली उसको हम बोलते हैं लाटेस एनर्जी जब गैसिस के टाइम एनर्जी ये आपस में attract होते हैं और इस attraction की वज़े से नहीं stability मिलती है और उस attraction की वज़े से energy release होती है जितना ज़्यादा attraction होगा उतनी ज़्यादा energy release होगी अच्छा, इनके बीच में जो attraction की force होती है, electrostatic force, उसका formula होता है के Q1, Q2 बटे R square, K constant है, Q1 इसके ऊपर charge, Q2 इसके ऊपर charge, R इन दोनों के बीच का distance, यहाँ पे Na plus और Cl minus की बीच का जो distance है, that is R. ये force ही इन दोनों को चिपका रही है जितना ये चिपकेंगे उतनी lattice energy निकलेगी मतलब जितनी जादा ये force होगी उतनी जादा lattice energy होगी तो पहला conclusion तो हमें ये मिला कि हमें ये देखनी है कि अगर ions की बीच में force जादा है तो lattice energy जादा होगी अब ये force किन-किन factor पे depend कर रही constant को छोड़ दो एक तो charge पे depend कर रही cation के charge पे भी और anion के charge पे भी और एक R मतलब इनके बीच के distance में depend कर रही है यानि दो factor हमें देखने है कि जो हमारी lattice energy है वो charges के साथ बढ़ेगी क्योंकि force भी बढ़ेगी यानि lattice energy is directly proportional to charge on cation and charge on anion positive negative cation पे charge जादा तो भी lattice energy जादा anion पे charge जादा तो भी lattice energy जादा क्योंकि attraction जादा होगा दूसरा फैक्टर है distance, अब distance को कैसे समझें, distance को आप ऐसे समझो, size of ions से, बाई size of ions जितना बड़ा होगा, ions का size जितना बड़ा हो जाएगा, उनके बीच का distance उतना जादा होने लगेगा, size of ions जितना बड़ा, बीच का distance उतना जादा, जितने बड़े बड़े ions होंगे, उनके फोर्स उतनी कम हो जाएगी दिख रहा है फोर्स जितनी कम हो गई लाटिस एनर्जी उतनी कम हो जाएगी तो फिर से लाटिस एनर्जी दो फैक्टर पर डिपेंड करेगी हमारी एक तो चार्ज जितना जादा लाटिस एनर्जी उतनी जादा दूसरा साइज जितनी बड़ी लाटिस एनर्जी उतनी कम जितनी बड़ी साइज होगी आयंस के बीच का distance ज़्यादा होगा तो इतना attract नहीं कर पाएंगे attract नहीं कर पाएंगे तो lattice energy कम हो जाएगी तो साइज जितनी बड़ी, लाटिस एनर्जी उतनी छोटी, चार्ज जितना बड़ा, लाटिस एनर्जी उतनी जादा, तो दो फैक्टर हैं, चार्ज और साइज, चार्ज और साइज, तो आपको इनके से और कोई फैक्टर देखना भी नहीं पड़ेगा, चार्ज और साइज, फिर से यहां लिख दे रहा हूँ, पजान्स रूल से इसको कंफ्यूज नहीं करिएगा, वहां अलग कहा नहीं है, लाटिस एनर्जी इस डिरेक्टली प्रोपोश्टिनल टू, चार् एन लैटिस एनर्जी इनवर्सली प्रोपोर्शनल टू साइस दो फैक्टर लेकर चल देंगे चली क्वेश्चन करते हैं क्वेश्चन नंबर वन एन एफ एमजी एफ एल एफ थी एन एमजी एफ थी हमसे कहा इन तीनों में सबसे ज्यादा लैटिस एनर्जी किसकी है तीनों एनिक कंपाउंड है मेटल नोन अच्छा आइन तो तीनों का सेम है एनाइन तो तीनों का सेम है एफ एफ एफ अब चार्ज फैक्टर देखें कि साइस फैक्टर देखें क्योंकि कैटाइन तीनों का डिफरेंस है तो अगर याद हो तो एने एमजी एल तीनों ही थर्ड बहुत धीमे-धीमे कम होती है ग्रुप में नीचे जाओगे तो बहुत तेज बढ़ेगी ग्रुप में जैसे नीचे तो शेल बढ़ती है, साइज बढ़ जाती है पीरियर में बहुत धीमे धीमे कम होती है वैसे भी ये नेबर हैं, अटॉमिक नंबर 11, 12, 13 तो बहुत धीमे धीमे साइज कम हो रही है मतलब साइज वाला फैक्टर तो यहां हमें कंसिडर ही नहीं करना है क्योंकि एक ही पीरियर के बगल बगल के अटॉम है तो यहां N के ऊपर कितना चार्ज है? प्लस MG के ऊपर 2 प्लस AL के ऊपर 3 प्लस चार्ज जितना जादा, LATICE energy उतनी जादा यह ओडर हो जाएगा क्योंकि इसका चार्ज जादा दूसरा एक्जांपिल देखो जैसे हम आपको एक्जांपिल दे दें Na2O MgO Al2O3 NIN3O का फिर से सेम साइज नहीं देखोगे क्योंकि एलिमेंट पास पास है चार्ज देखोगे Na पे प्लस 1 होता है Mg पे 2 प्लस हो रहा है Al पे 3 प्लस हो रहा है बात साफ है इसका चार्ज ज़्यादा है इसकी लैंटिस एनर्जी ज़्यादा होगी चलिए अगला एक्जांपल देखिए अगला एक्जांपल मैं आपको दे रहा हूँ आप खुछ से बताना Li2O Li3M लीथियम ओक्साइड लीथियम नाइट्राइड इस बार मेटल दोनों का सेम है केटायन दोनों का सेम है छोड़ दो दोनों ही नेबर है दोनों ही period 2 से आते हैं, just बगल बगल के atom हैं, तो size का difference फिर से नहीं देखना है, मतलब size को consider तो नहीं करना है, oxygen पे charge 2 minus, nitrogen पे charge 3 minus, charge जितना ज़ादा lattice energy उतनी ज़ादा खतम है, फिर से बोल ला हूँ, phasans rule से compare नहीं करना, वहाँ पे कहानी अलग है, यहाँ पे कहानी अलग है, अच्छा पहले एक सिंपल सा लेते हैं मालो एक सिंपल सा एक्जाम्पि ले ली हमने अरे रे रे रे रे NACL KCL अब आपको बताना है इसमें से किसकी लाटिस एनर्जी जाता है एनायन दोनों का सेम केटायन अलग है तो NAY और K इस पे चार्ज प्लस वन, इस पे चार्ज प्लस वन, तो चार्ज से नहीं देख सकते, अब साइस की बात है, पोटैशिम का साइस सोडियम से बड़ा होता है, ग्रूप में नीचे होता है, साइस जिसका बड़ा, लाटिस एनरजी उसकी कम, यानि इसकी लाटिस एनरजी कम, इ एनेबियार कंपेर करिए तीनों में केटाइन से एनाइन फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन चार्ज माइनस वन माइनस वन माइनस वन चार्ज सेंग चार्ज का फैक्टर खतम साइज की बात करो फ्लोरीन क्रोलीन ब्रोमीन नीचे आते वक्त साइज बढ़ेगा ब्रोमीन का साइज स क्लियर है? चलिए, अब मैं आपको अपना लास्ट कॉशिन दे देता हूँ लास्ट कॉशिन अगर आपने वीडियो सही से देखा हो तो करें एनी एफ और एमजी सी एल टू चलो अब इसका answer खुद से बताओ, दोनों factor सोचके, चलो बाई video pause करो, pause करने का है, pause करने का है video, answer निकालने का है रे बच्चो आ, चलो, आओ पहले cation को देखें, na और mg, na और mg, difference charge का है, na plus, mg 2 plus, size का difference नहीं है, same period के neighbor है, charge factor से mg plus जीत रहा है, मतलब mg cl2 की lattice energy जाना होनी चाहिए करते हैं एक फ्लोरीन है एक क्लोरीन है फ्लोरीन क्लोरीन पे चार्ज माइनस मन माइनस मन चार्ज सेम साइज की बात करें तो क्लोरीन बड़ा है क्लोरीन का साइज ज़्यादा है साइज ज़्यादा है तो लैटिस एनर्जी कम होगी मतलब फ्लोरीन जीत गया मतलब इसका साइज चोटा है फ्लोरीन इस स्मॉलर इन साइज और अगर फ्लोरीन इस स्मॉलर इन साइज है तो इसकी लैटिस एनर्जी ज़्यादा होगी एनायन बोल रहा है कि इसकी लैटिस एनर्जी ज़्यादा है because of size factor क्योंकि फ्लोरीन छोटा है जब चार्ज और size factor आपस में fight करने लगें तो द्यान से सुनें कि चार्ज dominating factor होगा जब दोनों dominate करने की condition में आ जाएं लडने की condition में आ जाएं then charge will be dominating factor तब चार्ज को आप देखेंगे size को भोल जाएंगे क्यों चलो किताब में लिखा है पर क्यों बाया साइस का डिफरेंस तुमारा मान लो ये मान लो 80 पिकोमेटर तो ये तुमारा होगा 120 पिकोमेटर टीक एक सो तीस पिकोमीटर इससे ज्यादा बड़ा नहीं होगा चार्ज यहां पर प्लस वन यह प्लस टू डबल हो गया चार्ज का फैक्टर सीधा-सीधा डबल हो रहा है साइज का फैक्टर डबल नहीं होता जस्ट नीचे तो जब भी चार्ज और साइज फाइट नहीं है चार्ज फैक्टर डॉमिनेट करेगा कई लोग यहाँ पर एक है रहे है कि सर जो आपने फोर्स का फॉर्मला लिखा था वो था के क्यू वन क्यू टू बटे आर स्क्वेर और साइज का तो स्क्वेर हो रहा है ना ये फोर्स का फॉर्मला है एनेर्जी और फोर्स डिफरेंट चीज होती है फोर्स अलग टर्म है energy अलग टम है, अगर मैं lattice energy की बात करूँ, तो lattice energy is inversely proportional to R, not R square, ये force है जो R square से inversely proportional है, lattice energy inversely proportional to R, and directly proportional to charge, पर अगर charge और size लड़ रहे हो, तो charge dominate करता है, क्योंकि charge just double या triple हो रहा है, size इतना difference नहीं कर रहा है, तो ये Lattice Energy का सारा वीडियो था अभी Ionic Bond के अंदर दो Important Topic बचे हुए हैं एक है Phasans Rule और एक है Lewis Dot Structure का Detail Video कि कैसे Lewis Dot Structure बनाएं बड़े बड़े आयन्स का, Nitrate आयन्स का, Carbonate आयन्स का, Sulfate आयन्स का बड़े बड़े आयन्स का, छोटे मोटे Compound का, MgCl2 का वो सब तो आप बना लेते हों, NaCl का, MgO का Magnesium Oxide, NaCl उनका तो Lewis Dot Structure सबको पता है अब बढ़िया बढ़िया आयन्स का नाइट्राइट आयन्स, नाइट्राइट आयन्स, सलफेट आयन्स, सलफाई आयन्स ये डिस्कुस करना है तो ये दो वीडियो बचे हुए हमारे एक फजान्स रून और एक लूविस रॉज्ट्रक्चर आयनिक बॉंड के अंदर फिर कोवेलेंट बॉं