Transcript for:
मुद्रास्फीति की परिभाषा और कारण

थे इन्फ्लेशन इन फैसलों को हिंदी में कहते हैं मुद्रास्फीति या फिर आप इसको महंगाई कह सकते हैं आपने ध्यान दिया होगा कि अभी जतिन अभी अमूल मिल्क जो है प्राइस बड़ा है अनमोल में जोन मिलता 1 लीटर वह छुट्टियां का था अब जो इसमें ₹2 बढ़ा दिया है 15वीं का कर दिया गया कि आप यह ने अली आप देखेंगे तो फोटो फाइव परसेंट का इनक्रीज हुआ है प्राइस में ऐसी आप अपने मॉम डैड से पूछ या फिर आपने भी देखा होगा तो पहले कहा था कि एक रुपए में चार्ट ऑफ़ जाते थे पोस्ट ऑफिस जाते थे लेकिन आज के टाइम पर एक रुपए में एक कैंडी होती है मॉम डैड से पूछें तो उनके बचपन में पांच पैसे द स्पेस में बहुत साइट ऑफिस मिल जाती थी आज जो ₹1 में एक टॉफिया रही है यह चीज खा के रहती है प्राइस इंक्रीज इन प्राइस यानि कि प्राइस में बढ़ता चला गया प्राचार्य के पर्चेजिंग और क्या होगी घर पर चलेगी वैल्यू फॉर मनी घटती चली गई और प्राइस क्या है प्रोडक्ट के बढ़ते चले गए थे इसी को क्या कहते हैं इन्फ्लेशन कहते हैं इन्फ्लेशन विच रेफर्स टो थे एक्सटेंट एंड रैपिड इंक्रीज इन थे जनरल प्राइस लेबल है न कि जब गुस्सा व्हिस्की प्राइस इसमें इनक्रीज होता है इंक्रीमेंट होता है तो उसी उनका क्या थे इन्फ्लेशन कहते हैं और इंफार्मेशन की वजह से परचेसिंग पाए अयो घट जाती है जो टॉफी 510 पैसे में पहले में खरीद सकते थे आज के टाइम पर हम वह एक रुपए में खरीद रहे हैं तो इसको क्या करें पर्चेजिंग पावर घटकर यानि की वैल्यू फॉर मनी कट गई पहले 510 पैसे की वैल्यू थी आज ₹10 की वैल्यू नहीं रह जाती है एक रुपए की वैल्यू बराबर होगी पहले के पांच दफ्तर से और आपके ₹1 बराबर हो गया स्थानीय लोगों ने होगी घट गई तो अकॉर्डिंग टू ब्राउज़र इन्फ्लेशन इज द स्टेट इन विच थे वैल्यू आफ मनी स्पॉइलिंग प्राइस आफ क्रॉनिक इंफैक्शन रिक्वेस्टेड होता जहां पर वैल्यू फॉर मनी कहां गिर रही होती है प्राइस है वह बढ़ रही होती है यानि कि 510 पैसे की वैल्यू जो थी पहले अब वह एक रुपए के बराबर हो गई है और आज के टाइम पर आप देखें तो ₹1 कुछ नहीं आप कम से कम ₹5 आपका कम से कम ही 25 वह एक अच्छा सा प्रोडक्ट पर चेंज कर सकते हैं तो यह है कि यह वैल्यू फॉर मनी घाटी जाते क्यों क्योंकि प्राइस बढ़ते जा रहे हैं और परचेसिंग पावर कम हो जाती है यह सब क्यों हो रहा है यानि कि प्राइस बढ़ते कि वे किसके डैडी दही फैक्टर हैं एक तो डिमांड जब ज्यादा हो जाती है या फिर सप्लाई कम हो जाती है तो कुछ फैक्टर से जिसकी वजह से मार्केट में ज्यादा जाती है कि सर्विसेस के जिसके जैसे 65 बढ़ते हैं जैसे कि इंक्रीजिंग पब्लिक एक्सपेंडिचर एंड गवर्नमेंट ज्यादा एक्सपेंडिचर करने लगी है जिसकी वजह से क्या हो गया कि लोगों के पास पैसा ज्यादा यह पैसा ज्यादा आ गया तो डिमांड ज्यादा बढ़ जाएगी या फिर जब एक्सपेंडिचर ज्यादा करेगी कमेंट तो फिर क्या होगा डिमांड ज्यादा बढ़ेगी इंक्रीज इन प्राइवेट सेक्रेटरी चैनल कि प्राइवेट का जो बिजनेस है बिजनेस अब इतना प्रॉफिट करने करने लगे हैं कि उनके पास पैसा ज्यादा यह पैसा ज्यादा आ गया को भी डिमांड ज्यादा करने लगेंगे तो काहे बढ़ेंगी इंक्रीज इन एक्सपोर्ट यानी कि हमारे यहां पर जो है एक जो हमारे यहां पर प्रोडक्शन हो रहा है गुस्सा साइज का वह गुस्सा आप जो एक्सपोर्ट करें दूसरे देशों में भेज रहे हो तो हमारे यहां पर है यह हमारे यहां पर तो लोग डिमांड करेंगे ना तो डिमांड करेंगे और चीजें सपोर्ट कर दी जा रही है तो क्या वह इसकी डिमांड बटर पेपर है कि आने की सपोर्ट करिए कि हमारे यहां पर सो लोग हैं और तबीयत सोचा था क्लियर तो सॉरी यशोदा सॉन्ग को मिल जाता था एक-एक करके लेकिन अब क्या हो गया सौंफ लोग हैं जो यह पुरस्कार थे सोमेश्वर 50 उठाकर एक्सपोर्ट कर दिए मैंने के बाहर किसी घंटे में हमारी कितना बजा 50 और 50 को लेने वाले सॉल्व है तो अब क्या होगा प्राइस बढ़ जाएगी को सपोर्ट करने से वजह से भी क्या होता है डिमांड बढ़ जाती है रिडक्शन इन टैक्स रिटर्न है क्या हो गया कि टैक्स हटा दिया था एक कथा आती है जब गवर्नमेंट ना तो क्या होता है कि लोगों के पास पैसा ज्यादा जाने का जब लोगों के पास ज्यादा पैसा बच लगेगा तो लोग डिमांड करेंगे ज्यादा खर्च करेंगे उनका बढ़ जाएगा रीपेमेंट ऑफ पब्लिक डिपॉजिट मतलब क्या हो गया कि गवर्नमेंट है वह पब्लिक का पैसा जो है वापस करने लगती है इंट्रस्ट के फॉर्म में या फिर किसी दूसरे फॉर्म में तो इससे क्या होता है से लोगों के पास पैसा ज्यादा नहीं था जब पैसा ज्यादा आएगा तो क्या होगा डिमांड बढ़ेगी रैपिड ग्रोथ आफ पापुलेशन बाय पापुलेशन भी बढ़ेगी तो डिमांड भी क्या होगा बढ़ेगा और तो प्राइस भी बढ़ेगी कलेक्ट यह ऐसे फैक्टर्स डिमांड बड़ा तो जब डिमांड है तो प्राइस इससे होती है बढ़ने लगती हैं वहीं पर दूसरा फैक्टर देखे तो फैक्ट अकॉर्डिंग डिक्रीज सप्लाई नहीं की सप्लाई में डिक्रिस जाता है तो उसके लिए पैसे खा जाती है बढ़ जाती है डिमांड ज्यादा होने लगेगा सप्लाई का में मार्केट में तो महसूस करेंगे बढ़ जाएंगे शॉर्टेज आफ सप्लाई आफ फैक्टर्स एंड की जो फैक्टर्स आफ प्रोडक्शन होते हैं लाइन लेबर कैपिटल यह सब जो है जब इनका जो है वह सॉफ्ट होने लगता है रमेश हल्का सॉफ्ट होने लगता है तो फिर क्या होता है प्रोडक्शन कंपनी के प्रॉडक्शन का मौका तो सप्लाई होगी मार्केट में कम हो जाएगी जिसकी वजह से क्या होगा दीमक प्राइस बढ़ेंगी होल्डिंग वाइब्रेटर चेंजेस होते हैं यह क्या कहते हैं इकट्ठा करके रख लेते हैं इकट्ठा करके रख लें तो जब देखेंगे कि पैसे भरने वाली है तब जो है इसको बाहर निकाल के बेटे थे हाई प्रीस्ट पर तो इसकी वजह से होता है सप्लाई कम हो जाती है जब लाइक मिनट पर सेंट मार्टिन बैठ जाते हैं जैसा कि प्याज का केस देखते हैं दुनिया से जो है क्या होता है कि इस प्याज के दाम बढ़ जाते हैं क्योंकि होल्डिंग करके रखा जाता है जब देखने की प्राइस बड़ी मार्केट में तब वह निकालते हैं जैसे कि उनको ज्यादा प्रॉफिट मिल जाता है इसी तरीके से होल्डिंग बैक कष्ट कंज्यूमर्स कंजूमिंग और भी बहुत बार ऐसा देखा गया है कि वह अपने की कथा करके अपने पास रख लेता है इस फीचर में इस सोच में पड़ गए कि कहीं आगे चलकर फिर पैसे न जाए अभी देखिए पेट्रोल के हैं तो पेट्रोल का अगर आप न्यूज़ पर लेकर कल या परसों उसके पैसे भरने वाले को क्या कहते हैं आप जाते गाड़ी लेकर उसको टाइम फुकरा लेते हैं ठीक है यह तरीके का होल्डिंग हैडिंग बाइक कंज्यूमर सैनिक जब आपको जोत नहीं फिर आपके साथ ले रहा है इस वजह से भी होता है कि सप्लाई चैन ना कहीं कम होने लगती है कि तो यह जो है कुछ रीजन है जिसकी वजह से प्राइस पड़ते हैं इन्फ्लेशन आता है तो इसके लिए जो है बहुत सारे मिनरल्स होते हैं जैसे मोनेस्ट्री में इसे जो कि आवेदक कंट्रोल करती है क्रेडिट कंट्रोल देती है बैंक्वेट्स मैच करती है और सिक्योरिटी जैसे ओपन मार्केट में लांच कर देती है डिमोनिटाइजेशन भी गवर्नमेंट जॉब करती है इसी में नए करेंसी को शुरू कर देती है इंफोर्मेशन से डील करने के लिए इसी तरह कल मुझे सोते हैं फिजिकल में इनकी जो कमेंट में इस लेती जा सके रिएक्शन एलियनों से एक्सपेंडिचर गवर्नमेंट जॉब अपने एडवेंचर को कम कर देती है टैक्स को बढ़ा देती है लेकिन जैसे कि 22 आपके पास ज्यादा पैसा ज्यादा डिमांड को भेजा गया पैसा रहेगा नहीं तो आप डिमांड करेंगे तो टैक्स बढ़ा देगी तो आपके पैसे गारमेंट के पास चले गए तो वहां पर क्या होगा कि आप जो है डिमांड कम करो कि डिमांड कम पर भेजो कैसे जी जो है कंट्रोल है कि इनके जेम्स डेविड से उसको बढ़ाने के लिए जो अ फ्रेंड एट यानि कि आपको आधे घंटे स्पेस में उड़ा देंगी तो जहां पर आप इनवेस्टमेंट को आपको इंटरेस्ट ज्यादा मिलेगा तो इससे भी क्या होगा इससे जो है आपका मार्केट आपके पास पैसा कम रहेगा तो डिमांड आप कम करोगे कुछ टेक्निक होते हैं जिसके लिए जो है इन्फेक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है अब बात कर ले टाइप आफ इन्फ्लेशन के तो टाइप आफ इन्फ्लेशन में सबसे पह आपके अंदर विशेष रेट ऑफ राइज इन प्राइसेज इन कि यह किस रेट से प्राइस बढ़ रही है उसके पीछे से ज्वाइन इन्फ्लेशन को लगाकर डिवाइड कर सकते हैं तो सबसे पहले आता है क्लिपिंग इन्फॉर्मेशन ही क्रिस्पी मतलब जो तक रहेंगे ना क्रिस्पी मतलब क्या होता है रेंगना तो जब भी किसी प्रॉडक्ट की प्राइस साल भर में एक परसेंट या दो परसेंट बढ़ रही है तो उसको कहते हैं क्रीपिंग इन्फ्लेशन वाइन प्राइस राइज इन थ्री परसेंट पर यानि कि एक क्वेश्चन तो परसेंट बढ़ रहा है तो हम क्या कहते हैं क्लिपिंग इन्फ्लेशन है तो और यह इंफेक्शन जो है अच्छा माना जाता है इकोनॉमी के लिए अच्छा माना जाता है इससे यह माना जाता है यह क्योंकि उन्हें इग्नोर भी करेंगे इसके साथ लेकिन वहीं पर दूसरा है वाकिंग इन्फ्लेशन वाकिंग इंफेक्शन मतलब कि जब प्राइस राइज होता है थ्री टू फोर परसेंट पर हेयर है ने की तीन से चार परसेंट पर यह जो है प्राइस राइज हो रहा है जिसको कहते हैं वर्क इंफेक्शन कि अब चलने लगा है पहले तो महंगा होता है अब क्या है चलने लगा है तो यानी कि ज्यादा तेज से प्राइस ज्यादा रेफ्रिजरेटर प्राइस बढ़ रही है नेक्स्ट रनिंग इनफॉरमेशन इन उसमें क्या अभी तक को लेकर आता फिर चलने लगा आप दौड़ रहा है दौड़ने की और 30 से प्राइस यह बढ़ रहे हैं वैन प्राइस राइज बाय मोर थन 50 पर सेंट इन यानि कि 575 जो है पर सा पर यह जो है वह बढ़ते चले जाते हैं यह दौर अब जो इंफेक्शन काफी तेज चल रहा है वहीं पर आता है नेक्स्ट गैलोपिंग इन्फ्लेशन गैलोपिंग का मतलब होता है सरपट यानि कि अचानक से को तेज दौड़ गया कुत्ते तो यानि कि जब जो है इंफोर्मेशन टेन परसेंट या फिर डबल फिगर में जब हम भरने लगता है प्राइस तो इसको कहते हैं गैलोपिंग इन्फ्लेशन और वहां पर आता है पर इंप्रेस हाइपरइन्फ्लेशन कि सुपर एनर्जी यानी कि कितनी तेज पड़ेगा क्या को पता नहीं चलेगा डबल हो जाएगा वहीं प्राइस राइट हैंड पर सेंट इन यानि कि 47 रुपए का मिलता अब सैंतालीस का दुगना हो गया तो आप उसको मैं आपको मिल ₹10 के चीज भी से मिलने लगे थे हाइपरइन्फ्लेशन कहलाता है तो रेट ऑफ राइज इन प्राइस के बेसिस पर जो है इंफोर्मेशन को इन तरीकों से डिवाइड कर सकते हैं कोई नहीं रेंग रहा है दो परसेंट बढ़ रहा है वह कटिंग ज्यादा तेज वृद्धि थोड़ा सा मतलब तीन चार का सात चार परसेंट के हिसाब से जो प्राइस बढ़ रहे हैं रनिंग में पांच सौ पर्सेंट हिसाब से पासवर्ड हैं गैलोपिंग में दस परसेंट डबल डिजिट में जो इंफेक्शन हो रहा है और है पहली प्लेट में डबल हो गया है एक तो तुम कहते हैं हायर इनफ्लेशन हैं इसी तरीके से आता है डिमांड फुल इनफॉरमेशन एंड कॉस्ट पोर्शन प्लेस इन थिस डिमांड फूल डिमांड की डोरमेंट तीसरे डिमांड बढ़ रही है तो प्राइस बढ़ रहा है वहीं एग्रीगेट डिमांड इन इकोनामी स्ट्रांग्ली आउट विद ए ग्रेट सप्लाई प्राइस को आप यहां पर कहने का मतलब यह है कि जब डिमांड बढ़ेगी तो क्या होगा प्राइस भी ऑटोमेटिक बढ़ेगी तो डिमांड पुलिस स्टेशन डिमांड बढ़ने की वजह से प्राइस बढ़ रही है तो इस टाइपिंग इन्फेक्शन को क्या कहेंगे डिमांड फ्लाइट पर क्या है कॉस्ट पोस्ट हनी की कॉस्ट बढ़ रही है तो कॉस्ट ने धक्का दिया प्राइस को कि तुम भी पढ़ो तो कॉस्ट बड़ी कि बाइक किसी भी प्रॉडक्ट को बनाने की जो कॉस्ट होगी वह बढ़ेगी तो बट वह प्राइस भी जाओगी बढ़ेगी तो इन्फ्लेशन आएगा तो वह नोबेल प्राइस इंक्रीजस ड्यू टो इंक्रीजड कॉस्ट ऑफ बिजनस इनरोलमेंट यानी कि जो भी सामान है चीजें इसको बनाने के लिए जो चाहिए होता है रॉ मैटेरियल उसकी प्राइस बढ़ जा रही है वेजेस बड़े जा रहे हैं से ज्यादा देनी पड़ रही है तो कॉस्ट आफ प्रोडक्शन बढ़ गया जब कॉस्ट आफ प्रोडक्शन बढ़िया तो उसकी वजह से प्राइस भी बढ़ गया तो कॉस्ट उस कॉस्ट जो है पुष्कर फ्राई करने पर और डिमांड स्कूल डिमांड बढ़ रहे तो इसलिए जो है Raees को भी बनने पर मजबूर किया जा रहा है इसको डिमांड को इन प्रेजेंट कॉस्ट को इंफेक्शन कहते हैं इसी तरीके से एक आइटम आता है इस एक्सप्लेनेशन स्टैगफ्लेशन क्या होता है यह इंफोर्मेशन का यह टाइप है जहां पर क्या होता है कि यहां पर राइज इन प्राइस होता है परसिस्टेंस your है लेकिन यहां पर दो चीजें और होती है क्या एक अनइंप्लाइमेंट होने लगता है और यहां पर कोई भी कंज्यूमर नहीं रहता है कंडीशन समझिए होता है इन फैसलों में और है कि प्राइस तो बढ़ रही है लेकिन लोगो पास नौकरी विवाह पैसे भी सारे लोग जो है अपना कंज्यूमर बाइंग ओर सेलिंग कर रहे हैं सब्जियां कम हो रही है लेकिन इस क्वेश्चन है कैसा सिचुएशन आ जाता है यहां पर प्राइजेज भी बढ़ रही है और अनइंप्लाइमेंट भी बढ़ रहा है और कंज्यूमर है निभाई अनइंप्लॉयमेंट बढ़ेगा तो इसका पैसे होंगे निक्षेप ऐसे होंगे जो प्रोडक्ट पर्चेस का करेगा तो इस टाइप के शिशुओं का क्या मैं इस ट्रैक्शन कहते हैं राइज इन प्राइस अनइंप्लॉयमेंट एक्जिस्ट्स एंड नो कंज्यूमर की कंज्यूमर भी नहीं ऐश-ऐश करके बच्चों के स्वास्थ्य की जांच आफ अनइंप्लॉयमेंट रहेगा तो संस्कृत हां बन पाएगा परिचय नहीं कर पाएगा इसी तरीके से टमाटर डिप्रेशन इन फुकेट डुप्लेक्स इन डिफिकल्ट है इसको करनी अब नेगेटिव इन्फ्लेशन कह लीजिए यहां पर क्या होता है कि जनरल डिक्लाइन प्राइस आफ गुड्स एंड सर्विसेज संभवत की गोद से सर्विस की प्राइस घटती है बहुत बार आपने देखा होगा कि बहुत सारे प्रोडक्ट्स है जिनकी पहचानते हैं लेखक दिया जाते हैं यह तो यह क्या कह रहा था है डिप्रेशन कहलाता ड्यू टो रिड्यूस मनी सप्लाई और डिमांड डिफिकल्ट होता क्यों है कि मनी सप्लाई है मार्किट में कम हो गए थे मनी सप्लाई का मुगलों के पास पर पैसा कम हो गया तो डिमांड कम करके डिमांड कम करें तो गाइस किया जाएगा ऑटोमेटिक घटने लगेगी क्लियर तो यह चीज के आता है डिप्लेशन तो हो आपको Play होगा विशालतम इसकी वाचिंग