यूरोप का नया युग: मध्यकाल से पुनर्जागरण तक
यूरोप का मध्यकालीन समय
- फ्यूडलिज़म की व्यवस्था:
- तीन वर्गों में विभाजित सोसाइटी - धार्मिक लीडर्स, नॉबल्स, आम लोग।
- धार्मिक लीडर्स और नॉबल्स को विशेषाधिकार।
- आम लोगों पर जिम्मेदारियों का दबाव।
- मध्यकाल को 'डार्क पीरियड' के रूप में जाना जाता है।
- धर्म का प्रभाव:
- लोगों की सोच और प्रश्न पूछने की क्षमता पर धर्म का नियंत्रण।
- चर्च के नियम और धार्मिक लीडरों की सत्ता।
सांस्कृतिक परिवर्तन: मध्यकाल से आधुनिक युग
- 14वीं से 17वीं शताब्दी तक बदलाव:
- नये शहरों का विकास और मध्यवर्ग का उत्थान।
- व्यापार और शहरी जीवन की ओर झुकाव।
- आर्ट्स, लर्निंग और यूनिवर्सिटीज का विकास।
पुनर्जागरण (Renaissance)
- पुनर्जागरण का मतलब:
- सांस्कृतिक और बौद्धिक पुनरुत्थान।
- मानवतावादी सोच का विकास।
- धर्म के प्रति नया दृष्टिकोण, विश्वास के रूप में धर्म।
- प्रमुख योगदान:
- आर्ट्स और विज्ञान में बदलाव।
- लियोनार्दो दा विंची और विलियम शेक्सपियर जैसी बड़ी हस्तियाँ।
इटालियन शहरों का पुनरुत्थान
- रोमन साम्राज्य के बाद का समय:
- कई शहरों का पतन और फिर से उन्नति।
- व्यापार और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में इटालियन शहरों का उदय।
- शिक्षा का नया दृष्टिकोण:
- यूनिवर्सिटीज की स्थापना और ह्यूमनिज़म की पढ़ाई।
- लॉ, हिस्ट्री आदि विषयों पर जोर।
यूमिनिज़म और मानवतावादी दृष्टिकोण
- ह्यूमनिज़म:
- समाज और विज्ञान के लिए एक नया दृष्टिकोण।
- मानव केंद्रित दृष्टिकोण का विकास।
- शिक्षा और साहित्य में परिवर्तन:
- यूनानी और अरेबिक स्कॉलर्स के काम का अध्ययन।
- प्लेटो, अरस्तु के कार्यों का पुनरावलोकन।
कला और वास्तुकला का पुनर्जागरण
- आर्टिस्ट और आर्किटेक्ट्स का योगदान:
- रोम के शिल्प और कला का पुनरुत्थान।
- एंड्रियस विसालियस द्वारा मानव शरीर का अध्ययन और उसका प्रभाव।
- लियोनार्दो दा विंची का योगदान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण।
- वास्तुकला में परिवर्तन:
- पुराने रोमन वास्तुकला का पुनर्जीवन।
- रोम का सांस्कृतिक केंद्र के रू प में पुनरुत्थान।
ये नोट्स यूरोप के मध्यकाल से लेकर पुनर्जागरण तक के प्रमुख सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक परिवर्तनों का सार प्रस्तुत करते हैं।