प्रलय और धार्मिक कथाएँ

Jun 29, 2024

प्रलय और धार्मिक कथाएँ

प्रलय का विवरण

  • संपूर्ण विनाश: धरती की ज्वाला बाहर आएगी, आसमान से तेजाब उगलेगा, सभी जीव नष्ट हो जाएंगे, धरती आग और भाप से भरा गोला बन जाएगी।
  • धार्मिक मान्यताएँ: विभिन्न धर्मों में प्रलय का उल्लेख। पाप की चरम सीमा पर प्रकृति सब कुछ नष्ट कर पुनः स्थापित होती है।
  • कलयुग का अंत: सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग के बाद कलयुग का समय जहाँ पाप और अधर्म अपने चरम पर है।

भारत के मंदिर और उनसे जुड़े राज

कल्की मंदिर, जयपुर

  • कृष्ण का श्लोक: जब-जब धर्म का नाश और अधर्म का विस्तार होता है, मैं स्वयं अवतार लेकर धरती को बचाता हूँ।
  • कल्की अवतार: देवदत्त नाम के घोड़े पर कल्कि का अवतरण, जो इस मंदिर में स्थित है।
  • घाव का निशान: देवदत्त की मूर्ति पर निशान खुद से भरने की प्रक्रिया।
  • कल्कि पुराण: कृष्ण के नौ अवतार और कल्कि का अंतिम अवतार पाप के चरम पर होगा।

केदारेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र

  • स्थापना: पहाड़ों को तोड़कर बनाए गए मंदिर में एक नेचुरली फॉर्म गुफा।
  • केदारेश्वर शिवलिंग: 5 फीट लंबा स्वयंभू शिवलिंग, पानी से घिरा हुआ और एक स्तंभ पर टिका हुआ।
  • चार युग: चार स्तंभ युगों का प्रतीक - सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग। अब एक स्तंभ बचा हुआ है।

मतंगेश्वर मंदिर, खजुराहो

  • आर्किटेक्चर: 85 मंदिरों में से 25 शेष, मतंगेश्वर महादेव मंदिर सबसे बड़ा।
  • शिवलिंग के सम्बन्ध में: हर साल शरद पूर्णिमा के दिन 1 इंच बढ़ता है।
  • महत्व: शिवलिंग के बढ़ने की मान्यता - स्वर्ग और पाताल लोक से जुड़ा। एक दिन यह पाताल लोक का द्वार खोलेगा।

नरसिंह मंदिर, जोशीमठ

  • भविष्यवाणी: आठवीं शताब्दी में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा। एक हाथ पतला हो रहा है।
  • प्रलय का प्रतीक: हाथ के गिरते ही भयंकर भूकंप और नारायण पर्वतों का मिलन।
  • भविष्य बद्री: नए बद्रीनाथ का प्रकट होना।

वैश्विक मान्यताएँ और विज्ञान

  • क्रिश्चियनिटी: आमगडन, डे ऑफ जजमेंट।
  • इस्लाम: कयामत का दिन।
  • अन्य धर्म: बुद्धिज्म, नॉर्स माइथोलॉजी, ग्रीक माइथोलॉजी सभी प्रलय की बात करते हैं।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: पृथ्वी की कोल्ड और वॉर्म पीरियड साइकिल, ग्लोबल वार्मिंग कोल्ड साइकिल का हिस्सा हो सकता है।

मसीहा का आगमन

  • मसीहा: घोड़े पर सवार, अग्नि समान तलवार लिए, सारी बुराई का अंत करेंगे और नई दुनिया का निर्माण करेंगे।
  • सतयुग: पाप और दुख से मुक्त एक स्वर्ग समान दुनिया।