भोपाल गैस त्रासदी (1984) - पर्यावरण संघर्ष

Jun 8, 2024

भोपाल गैस त्रासदी (1984) - एक पर्यावरण संघर्ष

परिचय

  • वीडियो का विषय: Issue in 20th Century World History - यूनिट 3 के अंदर भोपाल गैस त्रासदी
  • स्पीकर: सचिन
  • पीडीएफ टेलीग्राम चैनल पर उपलब्ध है
  • इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर कनेक्ट रहने की सलाह

पृष्ठभूमि

  • तिथि: 2-3 दिसंबर, 1984
  • स्थान: भोपाल, मध्य प्रदेश
  • प्रमुख घटना: यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड पेस्टीसाइड प्लांट से गैस लीक
  • गैस: मिक (Methyl Isocyanate)

घटना का विवरण

  • सामान्य जीवन में अचानक बदलाव
  • हज़ारों लोग मारे गए; 3000-16000 लोगों की मौत का अनुमान
  • जीवित बचे लोग लंबी अवधि तक स्वास्थ्य समस्याएं सहते रहे
  • बहुत अधिक पर्यावरणीय क्षति

कानूनी कार्यवाही

  • सरकारी प्रतिक्रिया: इंडियन गवर्नमेंट द्वारा कानूनी मामला दायर
  • कंपनी की प्रतिक्रिया: 1989 में 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने पर सहमति
  • आलोचना: कई लोगों ने कहा कि पैसे से जान की भरपाई नहीं हो सकती

मुख्य कारण

  1. सेफ्टी मैथर्ड की कमी: योजना और सुरक्षा उपायों का अभाव
  2. मालफंक्शन: कंपनी द्वारा मेंटेनेंस और ऑपरेटर की ट्रेनिंग में लापरवाही
  3. इमरजेंसी प्रिपेरेडनेस का अभाव: एम्पलाइज को जरूरी प्रशिक्षण नहीं दिया गया
  4. रेगुलेटरी फेलियर: इंडियन गवर्नमेंट और नियामक एजेंसियों की लापरवाही

प्रभाव

जीवन पर प्रभाव

  • 3500 लोगों की तात्कालिक मृत्यु; हज़ारों को लॉन्ग-टर्म हेल्थ समस्याएं
  • रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम, ब्लाइंडनेस, कैंसर और जन्मजात दोष

पर्यावरण पर प्रभाव

  • भूमि, जल और हवा का गंभीर प्रदूषण

आर्थिक प्रभाव

  • लाइवलीहुड का नुकसान: जीविका के साधनों का नष्ट होना
  • प्रॉपर्टी वैल्यू: संपत्ति की कीमतें कम हुईं

अन्य प्रभाव

  • न्याय की मांग: 32 साल बाद भी न्याय की मांग
  • आंदोलन और विरोध: इंडस्ट्रियल सेफ्टी हेतु जागरूकता
  • इंडस्ट्रीयल सेफ्टी कानूनी संरचनाएं: कड़े नियम और कर्मचारियों की बेहतर ट्रेनिंग की आवश्यकता

निष्कर्ष

  • इंडस्ट्रियल डिजास्टर और पर्यावरणीय सुरक्षा की आवश्यकता को प्रदर्शित करता है
  • सरकार और कॉरपोरेट्स दोनों को सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए
  • वर्कर्स को इमरजेंसी सिचुएशंस से निपटने की ट्रेनिंग ज़रूरी

अंतिम शब्द

  • वीडियो को पसंद आए तो कमेंट और शेयर करें
  • जय हिंद, जय भारत

प्रमुख संदेश: इंडस्ट्रियल सेफ्टी और पर्यावरणीय न्याय के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करना अनिवार्य है।