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टॉर्क का महत्व और परिभाषा
Sep 5, 2024
टॉर्क (Torque) पर व्याख्यान
परिचय
आज का विषय: टॉर्क, जिसेMoment of Force औरTurning Effect of Force भी कहा जाता है।
यह विषय रोटेशनल मोशन पर आधारित है।
रोटेशनल मोशन का पुनरावलोकन
पहले वीडियो में हमने रोटेशनल मोशन की परिभाषा दी थी।
रोटेशन के दौरान, हर एक बिंदु सर्कुलर मोशन में होता है।
प्रमुख अवधारणाएँ:
लीनियर गति में वेग (Velocity) और त्वरण (Acceleration):
लीनियर वेग = V
लीनियर त्वरण = A
रोटेशनल गति में वेग और त्वरण:
ऐंगुलर वेग = \(\omega\)
ऐंगुलर त्वरण = \(\alpha\)
टॉर्क की आवश्यकता
लीनियर मोशन में वेग बदलने के लिए बल (Force) की आवश्यकता होती थी।
इसी प्रकार, ऐंगुलर मोशन में वेग बदलने के लिए टॉर्क की आवश्यकता होती है।
टॉर्क वह गुणांक है जिससे घूमती हुई वस्तु की ऐंगुलर वेग में परिवर्तन होता है।
टॉर्क की परिभाषा
टॉर्क = F * r * sin(θ)
जहाँ F = बल, r = मोमेंट आर्म, θ = बल का कोण।
टॉर्क का दिशा:
यदि बल पिवट बिंदु से दूर लगाया जाए, तो टॉर्क अधिक होगा।
टॉर्क के कारक
बल की मात्रा
बल का स्थान (जहाँ बल लगाया गया है)
बल का कोण (किस कोण पर बल लगाया गया है)
बल का कोण
यदि बल का कोण 90 डिग्री है, तो टॉर्क अधिकतम होगा।
यदि बल पिवट बिंदु के समीप लगाया जाए, तो टॉर्क कम होगा।
टॉर्क की विशेषताएँ
टॉर्क एक वेक्टर मात्रा है।
यदि बल पिवट बिंदु से गुजरता है, तो टॉर्क शून्य होता है।
टॉर्क का उपयोग
टॉर्क का उपयोग नट को खोलने के लिए किया जाता है।
टॉर्क का प्रयोग मशीनों और उपकरणों में भी होता है।
महत्वपूर्ण सूत्र
टॉर्क (τ) = r × F
टॉर्क का दिशा निर्धारित करने के लिए राइट हैंड नियम का उपयोग करें।
निष्कर्ष
रोटेशनल मोशन में टॉर्क की भूमिका महत्वपूर्ण है।
टॉर्क के कारक और इसके प्रभावों को समझना आवश्यक है।
अगले व्याख्यान का अवलोकन
अगला विषय: मोमेंट ऑफ इनर्शिया (Moment of Inertia) और स्थैतिक संतुलन (Static Equilibrium) से संबंधित प्रश्न।
शुभकामनाएँ!
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