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एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस थ्योरी
May 30, 2024
एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस थ्योरी
परिचय
थ्योरी का दावा: बाजार बहुत एफिशिएंट है और मार्केट में उपलब्ध सभी जानकारी को ध्यान में रखते हुए कीमतें तय होती हैं।
स्टॉक्स की कीमतें सभी प्रासंगिक जानकारी को प्रतिबिंबित करती हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
जानकारी और प्राइसिंग
जब भी नई जानकारी बाजार में आती है, तो स्टॉक्स की कीमतें तुरंत उसके अनुसार बदल जाती हैं।
तकनीकी या फंडामेंटल एनालिसिस करके भविष्य की कीमतों की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
मार्केट में कोई भी स्टॉक की वर्तमान कीमत उसके सारे प्रदर्शन के आधार पर होती है।
प्रेडिक्शन और इन्वेस्टमेंट
थ्योरी यह इंगित करती है कि आप बाजार की कीमतों को हरा नहीं सकते हैं।
कोई भी एनालिसिस करके भविष्य की प्राइस की प्रेडिक्शन संभव नहीं है।
सभी प्रासंगिक जानकारी पहले से ही स्टॉक की कीमतों में शामिल होती है।
उदाहरण
एक कंपनी की स्टॉक प्राइस ₹100 है।
पिछले 5-7 वर्षों के परफॉर्मेंस का विश्लेषण करते हुए, लगता है कि कीमत ₹100 से कम है।
लेकिन वास्तव में, ₹100 की वर्तमान कीमत ही सभी प्रासंगिक जानकारी को दर्शाती है।
इसलिए भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करना गलत होगा।
थ्योरी के रचयिता
यूजीन फामा, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्रोफेसर
नोबेल पुरस्कार विजेता
1970 में प्रकाशित: Efficient Capital Markets: A Review of Theory and Empirical Work
इंप्लीकेशन
निवेशक के लिए
एनालिसिस करके बाजार की कीमतों को हराना संभव नहीं है।
निवेश के निर्णय जानकारी और प्रासंगिकता को ध्यान में रखकर ही लें।
फाइनेंशियल मैनेजर के लिए
स्टॉक प्राइस के इतिहास को देखकर कंपनी की परफॉर्मेंस माप सकते हैं।
पुरानी जानकारी को ध्यान में रखकर कंपनी के स्टॉक्स का मूल्यांकन कर सकते हैं।
जानकारी के आधार पर बाजार की प्रतिक्रिया को समझ सकते हैं (ओवररिएक्ट या अंडररिएक्ट)।
निष्कर्ष
एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस बताती है कि बजार की सभी जानकारी पहले से ही कीमतों में समाहित होती है।
भविष्यवाणी और सूचना के आधार पर अधिक लाभ की संभावना नहीं होती है।
थ्योरी फाइनेंशियल डिसीजन मेकिंग में मदद करती है।
थैंक यू
उम्मीद है कि यह थ्योरी अब आप को समझ में आई होगी।
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