हेलो स्टूडेंट्स आज हम इस वीडियो में एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस थ्योरी को डिस्कस करेंगे तो बेसिकली थ्योरी जो होती है जूम करती है की जो मार्केट है ना वह बहुत एफिशिएंट है मतलब वो इतना कैपेबल है की जो कुछ भी मार्केट में इनफॉरमेशन हैं उसी को ध्यान में रखते हुए वो सारी प्राइसेस को रिफ्लेक्ट करता है मेंस यहां पे मार्केट कैपेबल है और वो जो कुछ भी प्राइस फिक्स कर रहा है वो बिल्कुल सही है ना तो वो अंडररेटेड है ना तो ओवररेटेड है वो बिल्कुल सही प्राइसेस होती हैं तो इस सिरी में ये कहा जाता है की जो भी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स हैं उसकी जितनी भी स्टॉक्स की जो भी प्राइस है वह प्राइस वही रिफ्लेक्ट हो रही है जो की सारी इनफॉरमेशन को कंसीडर करने के बाद होनी चाहिए मतलब सारे इनफॉरमेशन को कंसीडर करते हुए जो भी प्राइस स्टॉक की होनी चाहिए ना वही प्राइस स्टॉक की मार्केट में शो हो रही है क्योंकि मार्केट अपने आप उन प्राइस को उसी के अकॉर्डिंग शो करता है है ना तो ये स्टेटस व्हेन न्यू इनफॉरमेशन कॉम इन तू डी मार्केट इट इस लिमिटेड स्टॉक प्राइसेस अगर मार्केट में कोई नई इनफॉरमेशन आती है ना तो मार्केट उसी के हिसाब से अपनी प्राइसेस को चेंज कर लेता हूं मतलब स्टॉक की प्राइसेस वैसे ही मूव करेंगे जैसे ही मार्केट की इनफॉरमेशन आएगी और जैसे मार्केट की इनफॉरमेशन आई प्राइस भी चेंज हो जाएगा तो वो सारी इनफॉरमेशन को तुरंत गदर कर लेता है तुरंत कंसीडर करता है और प्राइस को उसे हिसाब से चेंज कर देता उसका मतलब ये होता है की प्रोडक्शन का कोई ऑप्शन यहां नहीं होता इसका मतलब ये की आप ये प्रोडक्ट नहीं कर सकते हैं की मैन लीजिए हम टेक्निकल फंडामेंटल एनालिसिस कर ले किसी पार्टिकुलर कंपनी के स्टॉप्स को और ये फिर सोचें की फ्यूचर में इस कंपनी के प्राइसेस बढ़ाने वाली हैं इस एनालिसिस के थ्रू चाहे आप फंडामेंटल टेक्निकल किसी भी थ्रू आप ये सोच रहे हैं की फ्यूचर्स की प्राइसेस बढ़ाने वाली हैं तो हम इस वक्त इसको और परचेज कर लें ये जो आपकी प्रोडक्शन है ना वो सही नहीं होगी वो पॉसिबल नहीं होगी क्योंकि जो भी एनालिसिस आप कर रहे हो पस्त रिकॉर्ड और उसके बेसिस पे आप फ्यूचर का प्रोडक्ट कर रहे हो तो आप ये समझिए की इस वक्त जो भी स्ट्रोक की प्राइस दिख रही है ना उन सारी परफॉर्मेंस के बेसिस पे ही दिख रही हैं तो उसकी हिसाब से उसको बेस बनाकर प्रोडक्शन का कोई ऑप्शन नहीं बनता है क्योंकि ये पुरी थ्योरी सिर्फ इस बात पे फोकस करती है की मार्केट खुद में इतना कैपेबल है की जितनी भी रेलीवेंट इनफॉरमेशन है उसे पार्टिकुलर स्टॉक से रिलेटेड वो सारी या उसे पार्टिकुलर स्टॉक की कंपनी के जितने भी परफॉर्मेंस है उन सब चीजों को एनालिसिस करते हुए ही मार्केट उसकी प्राइस को शो करता है इसीलिए किसी की के बेसिस पर उसकी प्राइस को चेंज करने का कोई ऑप्शन नहीं प्रॉफिट नहीं कर सकता है राइट अब इसमें ये चीज भी कही गई ये थ्योरी इस बात को भी ऑडियो करती है की मार्केट बहुत इफिसेंट है वो कोई भी ऑप्शन मतलब कोई स्पेस दे ही नहीं रहा है की कोई भी इससे प्रॉफिट अर्न कर सके इस चीज के रिगार्डिंग की कोई भी इनफॉरमेशन या कोई भी मैटर जो कंपनी से स्टॉक से रिलेटेड है वो सही से प्लीज नहीं है सही से नहीं है वो एक्यूरेट नहीं है उसे बेसिस पे हम एक्स्ट्रा प्राइस या एक्स्ट्रा प्रॉफिट कम प्रॉफिट एंड कर लें इन्वेस्ट करके उसका कोई ऑप्शन ये मार्केट या ये आपका थ्योरी नहीं देती क्योंकि ये थ्योरी कहती है की सब चीज ऑलरेडी एक्युरेटली प्लेज्ड है फेयरली प्लेज्ड है आपको कोई ऑप्शन नहीं है की आप इनकी प्रोडक्शन करके इनके प्राइसेस में चेंज कर लो इस बात को एक एग्जांपल से समझते हैं सपोज किसी कंपनी की जो प्राइस है मार्केट में वह ₹100 चल रहा है ठीक है किसी कंपनी का स्टॉक प्राइस ₹100 का चल रहा है तो आपने क्या किया बीइंग एन इन्वेस्टर आपने क्या किया उसे कंपनी की पास परफॉर्मेंस को एनालिसिस किया 5 साल के 7 साल की 8 साल की अब पैसे भी तो कुछ टाइम पीरियड्स की परफॉर्मेंस को एनालिसिस किए और एनालिसिस करके आपको ये लगा की मार्केट में जो इसके ₹100 इसके शर्ट की प्राइस चल रहे हैं ना वो बिल्कुल भी सही नहीं है वो अंडररेटेड है बल्कि इसकी प्राइस तो 150 होनी चाहिए 200 होनी चाहिए वो मानते हैं 21 होनी चाहिए तो आप क्या कर रहे हो आप ये सोचते हो की फ्यूचर में क्योंकि हमने पास में इतना सारा एनालिसिस कैसे परफॉर्मेंस को उसी परफॉर्मेंस शो करती है की कंपनी बहुत स्ट्रांग है और उसे हिसाब से इसकी प्राइस कम है तो फ्यूचर में पक्का है इस कंपनी की स्टॉप की प्राइस 100 से 200 हो जाती है इसी पर्पस से आपने क्या सोचा की फटाफट हम परचेज कर लें इस वक्त उसे कंपनी के स्ट्रोक को परचेज कर ले ये जो असुंप्शन आपने करीना वह गलत है क्यों गलत है ऐसा पॉसिबल नहीं है जो भी आपने एनालिसिस किया था और उसके बाद जो प्राइस मार्केट में भी दिख रही है आपको ये मानना चाहिए की उनकी पास परफॉर्मेंस के बेसिस पे ही आज मार्केट उसकी प्राइस कितनी है मतलब उसे सारी परफॉर्मेंस को कंसीडर करने के बाद उसकी प्राइस आज दिख रही है ₹100 क्योंकि मार्केट क्या होती है शामिल कर रही होती है मतलब अगर मार्केट में कोई इनफॉरमेशन आई पार्टिकुलर स्ट्रोक के रिगार्डिंग तो मार्केट में उसे स्टॉक की प्राइसेस भी उसी के अकॉर्डिंग चेंज हो जाती है राइट तो वो कहते हैं की वो एक्युरेटली उसे चीज को प्रेस कर देता है वो ऑलरेडी उन मैटर्स को इंवॉल्व कर चुका है तो इसलिए आपके प्रोडक्शन का कोई ऑप्शन नहीं बनता है और उसे प्रिडिक्शन के बेसिस पे आप बाय करके सेल करके आप प्रॉफिट कामना चाहो तो उसकी कोई सिनेरियो नहीं बनती है अकॉर्डिंग तू दिस थ्योरी क्योंकि मार्केट बहुत पहले है तो बेसिकली इस थ्योरी ऑफ फेम नहीं दिया था और ये वह कहां की थी कहां के द वह शिकागो की प्रोफेसर द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्रोफेसर द और एवं वो नोबेल प्राइस विनर भी द तो 1970 में पवन एक पब्लिश किया था एफिशिएंट कैपिटल मार्केट रिव्यू ऑफ थ्योरी एंड अंपयारिकल वर्क इसी पब्लिशर में इसी पब्लिकेशन में उन्होंने फर्स्ट टाइम इस एक इस थ्योरी को आउटलाइन किया था इसका विज़न दिया था एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस के बारे में बात कारी थी राइट अब हम नेक्स्ट देखते हैं की एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस की क्या इंप्लीकेशन है तो इसके इंप्लीमेंट इंप्लीकेशन को समझने के लिए हम ये समझते की अगर बीइंग एन इन्वेस्टर सोची तो आपको ये ध्यान में रखना चाहिए की इन्वेस्टर्स ना कोई भी एनालिसिस करके चाहे वो फंडामेंटल एनालिसिस हो चाहे वो टेक्निकल एनालिसिस हो आप किसी भी एनालिसिस को करके आप ये सोचे की मार्केट में जो भी प्राइस चल रही है आप उसको बीट कर देंगे और आप अपनी एक नई प्राइस प्रिडिक्ट करके उसके बेसिस पे परचेज या सेल करेंगे तो वह गलत होगी एबल तू बीट डी मार्केट बिकॉज ऑल इनफॉरमेशन डेट कूद प्रिडिक्ट परफॉर्मेंस इस ऑलरेडी बिल्ट इन डी स्टॉक प्राइस जैसे हमने अभी इस एग्जांपल में लिया था ना की मार्केट में प्राइस चल रही है 100 और आपने 5 साल के परफॉर्मेंस को एनालिसिस किया और आप का रहे हैं की नहीं ये तो अंडरवर्ल्ड है सो की जगह 200 होना चाहिए था तो होगी आपने प्रिडिक्ट के लिए की फ्यूचर में 200 होगी तो गैस कर रहे हो आप प्रोडक्शन कर लिए की बढ़ेगी तो आपको ये समझना चाहिए की ये जो भी परफॉर्मेंस आप एनालिसिस आपने कर है ना उसका रिफ्लेक्शन वो ₹100 है मतलब वो जो ₹100 शेयर्स की प्राइस दिख रही है आपको उसमें ऑलरेडी उसे इनफॉरमेशन को इंक्लूड किया जा चुका है और तब वो ₹100 दिख रही है तो प्रोडक्शन करना है की ₹200 इसकी प्राइस हो जाएंगे वो रोंग है आप उसकी प्राइस को बीट नहीं कर सकते हैं तो ये एक ये मैच का एप्लीकेशन है की आप प्रिडिक्शन के बेसिस पे अपनी इन्वेस्टमेंट मत करिए क्योंकि ऑलरेडी जो भी प्राइसेस दिख रहे हैं वो बिल्कुल सारे इनफॉरमेशन को कंसीडर करने की बाद देखते हैं हम दूसरा इंप्लीकेशन इस तरीका क्या है की जो भी आपके स्टॉक्स के प्राइसेस जो आपके दिख रहे हैं और आप जो उनका पूरा हिस्टोरिकल रिकॉर्ड देखिए अपने शेयर प्राइसेस का उसके बेसिस पे आप अपनी कंपनी की परफॉर्मेंस को अच्छे से मेजर कर सकते हैं मेंस क्या हुआ की बीइंग इन फाइनेंशियल मैनेजर अगर हम ए मैसेज का एप्लीकेशन देखें तो हम ये समझते हैं की इमेज कहता क्या है की भाई मार्केट बहुत कैपेबल है वो सब इनफॉरमेशन के हिसाब से रिएक्ट करता है आपकी शेयर प्राइस को मतलब जो भी इनफॉरमेशन वह रिफ्लेक्ट कर रही होंगी आपकी शेयर प्राइसेस में तो उसे हिसाब से अगर हम ध्यान दें तो अपने शेयर प्राइसेस के ट्रेंड को समझ के उसकी शेयर प्राइसेस के रिकॉर्ड को समझ के ये समझ सकते हैं की हमारी कंपनी की परफॉर्मेंस कैसी है उसको इवेलुएट किया जा सकता है तो कंपनी के परफॉर्मेंस को उसके स्टॉक प्राइसेस के हिसाब से इवेलुएट किया जा सकता है क्योंकि स्टॉक प्रक्रिया सारे इनफॉरमेशन को कंसीडर करते हुए सेट हुई है है ना थर्ड आपका जो इस थ्योरी का एप्लीकेशन बनता है वो बीइंग फ्रेश हम मैनेजर पॉइंट ऑफ व्यू से अगर हम बात करें तो ये कहते हैं की मार्केट जो होता है या तो अंडर रिएक्ट करता है या तो ओवररिएक्ट करता है किसी भी इनफॉरमेशन के रिगार्डिंग मतलब मार्केट में अगर कोई इनफॉरमेशन आती है तो वो इनफॉरमेशन को देखते हुए तो बिल्कुल भी रिस्पांस नहीं करेगा या बहुत कम रिस्पांस करेगा ये मार्केट बहुत ज्यादा रिस्पांस करते हैं बहुत तेजी से रिस्पांस कर देगा अब वो जो रिस्पांस कर रहा है मतलब ओवररिएक्ट करेगा अंडर रिएक्ट करें इनफॉरमेशन आई और उसे पर मार्केट में ओवर रिएक्ट कर दिया इसका मतलब हुआ की इसमें भी पॉसिबल की पार्टिकुलर इनफॉरमेशन की वजह से कंपनी की शेयर प्राइसेस बहुत ज्यादा ही ऊपर शक गए यह बहुत ज्यादा ही नीचे गिर गए हैं तो ओवर रिएक्शन हो गया अब ये डाउन कुछ भी हो सकता है पर ओवर रिएक्शन हो गया इसी तरह से अंडर रिएक्ट भी करते हैं मार्केट आपकी लेटेस्ट इनफॉरमेशन को सो डी शेयर प्राइसेस ऑफ कंपनी हेल्थ एंड फाइंड डी टाइप्स ऑफ इनफॉरमेशन डेट इफेक्ट दी मार्केट रिस्पांस तो इस हिसाब से फाइनेंशियल मैनेजर कंपनी की इनफॉरमेशन के बीच से मतलब कंपनी में किस इनफॉरमेशन का मार्केट में क्या रिस्पांस होता है ना ये बहुत अच्छे से समझ सकता है की कौन से इनफॉरमेशन के बेसिस पे हम मार्केट के रिएक्शंस को मार्केट के रिस्पांस को समझ सकते क्योंकि डायरेक्शन में मूव कर रही है वो कैसे उसे पर रिएक्ट करती है इस चीज को समझा जा सकता है तो इसमें भी एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस काफी हेल्पफुल है इस डायरेक्शन को समझने के लिए की कौन से इनफॉरमेशन शेयर प्राइसेस पे क्या इंपैक्ट डालती हैं किस तरह से शेयर मार्केट किस से ज्यादा स्टॉक मटर इस पर रिएक्ट करता है क्या अंडर रिएक्ट करता है या ओवररिएक्ट करता है अपवर्ड करता है डाउनलोड करता है कैसा रिएक्ट करता है उसे चीज को स्ट्रेंथ को समझा जा सकता है तो ये ये सारी चीज रही एफिशिएंट मार्केट हाइपोथेसिस के बारे में आई होप आपको ये थ्योरी समझ में आई होगी विश यू ऑल डी बेस्ट थैंक यू सो मच