इंडिया-पाकिस्तान के बीच चार महत्वपूर्ण युद्ध
1947 का युद्ध (फर्स्ट कश्मीर वार)
- पार्श्वभूमि: 1947 में ब्रिटिश इंडिया का विभाजन हुआ, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
- मुख्य कारण: मुस्लिम राष्ट्रीयता के उभार के कारण जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरी सिंह ने दोनों देशों को जॉइन करने से इंकार किया।
- रिबेलियन: 1947 में पूँछ क्षेत्र के मुसलमानों ने विद्रोह किया, जिसके बाद पाकिस्तानी ट्राइबल मिलिशिया ने कश्मीर में आक्रमण किया।
- युद्ध का परिणाम: भारत ने मदद की मांग की, जिसके बाद युद्ध शुरू हुआ। 31 दिसंबर 1948 को सीज़ फायर हुआ, और नियंत्रण रेखा (Line of Control) स्थापित हुई।
1965 का युद्ध (सेकंड कश्मीर वार)
- पार्श्वभूमि: 1947 के युद्ध के बाद तनाव और सीमांत विवाद बढ़े।
- मुख्य कारण: पाकिस्तान का भारत की कमजोर स्थिति का अंदाजा लगाना, विशेषकर 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद।
- युद्ध की शुरुआत: 5 अगस्त 1965 को पाकिस्तान ने ऑपरेशन गिब्राल्टर शुरू किया, लेकिन यह विफल रहा।
- युद्ध का परिणाम: 23 सितंबर 1965 को युद्ध समाप्त हुआ और ताशकंद समझौता हुआ। भारत ने विजय प्राप्त की।
1971 का युद्ध (बांग्लादेश लिबरेशन वार)
- पार्श्वभूमि: पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की मांग।
- मुख्य कारण: पाकिस्तानी सेना द्वारा बंगालियों का दमन और ऑपरेशन सर्चलाइट।
- युद्ध की शुरुआत: 3 दिसंबर 1971 को भारत ने आधिकारिक रूप से युद्ध में भाग लिया।
- युद्ध का परिणाम: 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश की स्थापना हुई।
1999 का युद्ध (कारगिल वार)
- पार्श्वभूमि: 1971 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ा।
- मुख्य कारण: कश्मीर में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियाँ और पाकिस्तानी सेना का LOC पर घुसपैठ।
- युद्ध की शुरुआत: भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत जवाबी कार्रवाई शुरू की।
- युद्ध का परिणाम: 26 जुलाई 1999 को भारत ने विजय प्राप्त की, और पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को वापस बुलाया।
समापन विचार
- तीन युद्धों का मुख्य मुद्दा कश्मीर रहा है, जिससे आज भी तनाव बना हुआ है।
- 2019 के पुलवामा हमले के बाद टकराव की स्थिति फिर से भड़की।
- भविष्य में शांति और समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग की आवश्यकता है।
नोट: ये नोट्स स्टडी IQ IAS के द्वारा दिए गए लेक्चर पर आधारित हैं।