इनकम टैक्स: निवासीय स्थिति का अध्ययन

Sep 15, 2024

इनकम टैक्स लेक्चर नोट्स

अध्याय 2: निवासीय स्थिति

  • निवासीय स्थिति को समझना आवश्यक है क्योंकि यह निर्धारित करता है कि किसी व्यक्ति पर किस देश का कर लागू होगा।
  • यह अंतर्गत आता है:
    • भारतीय नागरिक जो विदेश में कमाते हैं।
    • विदेशों में बसे भारतीय।
    • भारतीय कंपनियाँ और विदेशी कंपनियाँ।
  • डबल टैक्सेशन से बचने के लिए निवासीय स्थिति का निर्धारण किया जाता है।

निवासीय स्थिति का महत्व

  • आयकर की गणना करने से पहले, किसी व्यक्ति का निवासीय स्थिति पता करना आवश्यक है।
  • नागरिकता से निवासीय स्थिति का कोई लेना-देना नहीं है; निवासीय स्थिति हर साल बदल सकती है।
  • व्यक्ति की परिभाषा में शामिल हैं:
    • व्यक्ति (individual)
    • समूह (AOP)
    • कंपनियाँ
    • फर्में

निवासीय स्थिति के प्रकार

  1. निवासी (Resident)
    • सामान्य निवासी (Ordinary Resident)
    • असामान्य निवासी (Non-Ordinary Resident)
  2. गैर-निवासी (Non-Resident)

निवासीय स्थिति का निर्धारण

  • निवासीय स्थिति का निर्धारण करने के लिए कुछ शर्तें होती हैं।

बुनियादी शर्तें

  1. व्यक्ति को पिछले वर्ष में भारत में 182 दिन या उससे अधिक रहना चाहिए।
  2. अगर 182 दिन नहीं है, तो:
    • पिछले वर्ष में 60 दिन रहने चाहिए
    • पिछले 4 वर्षों में कुल 365 दिन रहने चाहिए।

अतिरिक्त शर्तें

  • यदि व्यक्ति पिछले 10 वर्षों में कम से कम 2 बार बुनियादी शर्तें पूरी करता है।
  • पिछले 7 वर्षों में 730 दिन भारत में रहना चाहिए।

विशेष अपवाद

  • भारतीय नागरिक जो नौकरी के लिए विदेश गए हैं।
  • भारतीय नागरिक जो भारत में सिर्फ यात्रा के लिए आते हैं।

एचओएफ (HUF)

  • इसमें बुनियादी शर्तें:
    • व्यापार का प्रबंधन भारत में होना चाहिए।

फर्म और अन्य

  • फर्म, एओपी, या बोडी ऑफ इंडिविजुअल में बुनियादी शर्तें आवश्यक हैं।

कंपनी

  • भारतीय कंपनी का प्रबंधन पूरी तरह से भारत में होना चाहिए।

आयकर के लिए निवासीय स्थिति का प्रभाव

  • निवासीय स्थिति का पता लगाना महत्वपूर्ण है ताकि यह तय किया जा सके कि किसी व्यक्ति की आय पर भारत में कर लगेगा या नहीं।

आय का स्रोत

  • कमाई बाहर, प्राप्ति भारत में:
    • वह व्यक्ति निवासी है या गैर-निवासी, उसकी आय भारत में कर योग्य होगी।
  • कमाई भारत में, प्राप्ति बाहर:
    • यदि कमाई भारत में हुई है तो वह कर योग्य है।

निष्कर्ष

  • निवासीय स्थिति का निर्धारण करते समय सभी शर्तें और अपवाद ध्यान में रखने चाहिए।
  • यह समझना आवश्यक है कि हर व्यक्ति की परिस्थिति अलग होती है।

आगे की कक्षाएं

  • विस्तृत प्रश्नों और हल के लिए लाइव कक्षाएं उपलब्ध हैं।
  • अगले लेक्चर में हम अध्याय 3 का संक्षेप में अध्ययन करेंगे।

समाप्त