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Predecessor Questions and Studies of Semiconductors

अलो बच्चों उमीद है आप काफी अच्छे होंगे और पढ़ाई को आगे बढ़ा रहे होंगे आज हम लोग करेंगे सेमी कंडॉक्टर्स के लास्ट 10 येर्स के PYQs जैसा आपको मालूम है कि CBSE बोर्ड हर साल के 15-16 सेट बनाता है 10 सालों में 150 से लेकर 160 सेट बने होंगे लेकिन अधिकतर मेथडोलॉजी के मेथड्स के मैं कॉशिन्स में इंक्लूट कर दूँगा जिससे कि आप शुरू से लेकर अंत तक पूरा वीडियो गर देखेंगे तो तरह के सवालों को आप समझ जाएंगे कि इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं और examination में कर लेंगे तो शुरू से अंत तक पूरा वीडियो देखिएगा जैसे कि हर method के सवाल आपको समझ में आएं और एक चीज और बड़ी important है कि इस वीडियो को कहीं miss मत करिएगा क्योंकि सवाल अलग तरह variety के आपको मिलने वाले हैं और अगर अर्विन सर का ये explanation आपको शानदार लगे तो वीडियो को like और share कीजेगा और अर्विन देकडमी चैनल को subscribe जरूर कीजेगा कि सेमी कंडक्टर लास्ट टेन इयर्स पीवाई क्यूज और इसमें 2024 के भी क्वेश्चन इंक्लूडेड है यानि यह लेटेस्ट वीडियो है आपकी पढ़ाई के लिए कई बच्चे कहते हैं कि सर आप जो पढ़ा रहे हैं इसका पीड़ी पर स्टोर सेक्शन में जाइए यहां पर आपको दिखेगा कोर्स क्लास ट्विज फ्री पीड़ीएफ और और यहाँ पर इसका प्राइज मैंने लाखों में कर दिया है जिससे कि गलती से कोई बच्चा इसको ले ना ले और इसके अंदर PDF ओपन है यानि आप क्लिक करोगे तो यह PDF आपके मोबाइल में डाउनलोड हो जाएगी उसको अपनी पढ़ाई के लिए आराम से इस्तमाल कीज वहाँ पर उनको right guidance जो तबदीलियां होती हैं जो नई चीजें सी विश्सी बताता है या और भी चीजें पढ़ाई के लिए मैं आपको guide करता रहूंगा अर्विन दे कडमी टेलिग्राम चैनल का link description में दिया हुआ है click करके आप join कर सकते हैं और यह दुरुना 2.1 बच्चों के लिए कि स्कूल में अगर आपके physics के teacher आपको physics पढ़ा रहे हैं और आपको समझ में नहीं आ रहा है वो जो पढ़ा रहे हैं वो उससे आप link नहीं कर पा रहे हैं वो जो derivation करा रहे हैं वो समझ में नहीं आ रहा है numericalुमेरिकल बन नहीं रहे ह तो आप देर बिलकुल मत कीजिए, तुरंट अर्विंद एकडमी द्रोना 2.0 के साथ जुड़ जाएगे, मैं खुद शाम को लाइफ क्लासस लेता हूँ और आपकी हर दिक्कतों को दूर कर दूँगा, आपको डेरिवेशन समझ में आने लगेंगे, नुमेरकल आपसे निकलन इस सारे मैंने रिकॉर्ड करके वीडियो सलूशन आपको दे रहा हूं जिससे कि पूरी बात आपकी समझ में आए हर चैप्टर पर आपको वर्कशीट मिलेगी यानि करीबन 25 कोशिश जो इंपोर्टेंट होगे और फुली सॉल्ड होगे और कई सारे पी वाइक्यूस के वीड जॉइंट करने के लिए आपको क्या करना है, अर्विंद अकडमी आप को डाउनलोड कर लेना है, और इसके स्टोर सेक्शन में जाकर, द्रोना बैच में इनरोल होकर, मेरे साथ पढ़ाई को सुनू कर देना है, चलिए, जिस वज़े से इस वीडियो बन रहा है, चलिए करता ह इस सेमी कंडक्टर एक कंडक्टर यह मैं जितना इंपोर्टेंट कहूं उतना कम है हर साल यह दूसरे साल टपक जाएगा इसको डायग्राम बनाकर समझाया जाता है मैंने इस लाइट डाल रखी मैं डायग्राम फटा-फटा आपको दिखाता हूं तो यह इन्सुलेटर सेमी कंडक्टर के बीच का मैं हम लोग डिफरेंस देख लेते हैं एनर्जी बैंक डायग्राम के बेसिस पर यह मैटल से मैटल का मतलब हो गया कंडक्टर से आप कंडक्टर्स के केस में देखिए दो केस होते हैं, there are two cases यह यहाँ पर बना हुआ है देखिए ध्यान से valence band यह valence band का upper energy level है और यह conduction band का EC जो होता है, वो lowest energy level होता है इस तरफ दिखा रहे हैं electron energies तो इस lithium, sodium, potassium के लिए, यह metals के रूप में हैं, conductors हैं इसमें क्या होता है, कि यह जो conduction band होता है, यह partially filled होता है और valence band partially impotent होता है, इसका क्या मतलब है, already कुछ electron conduction band में मौजूद होते हैं, electron जब conduction band में मौजूद होंगे, तो वो capable होते हैं current को flow कराने के लिए, इसलिए metals में current अराम से flow हो जाती है, इसका दूसरा केस क्या होता है जो कि मैंगनीशियम जिंक के लिए एग्जांपिल के तौर पर कि यहां पर यह दोनों बैंड हैं वो ओवरलाप कर जाते हैं यहां पर दिखे लेक्टोन एनरजी में इवी यहां दिख रहा है आपको और इसी यहां दिख रहा है एक के उपर ओ� और कंडक्शन बैंक में एलेक्ट्रोन मौजूद होने का मतलब है कि एलेक्ट्रोन का फ्लो आसानी से कर पाएंगे जब भी आप एक्स्टरनल एक्टिफील्ड लगाएंगे तो इसका मतलब है कि मेटल्स में कंडक्शन बड़ी सुविधाजनक तरीके से होता है क्योंकि दोनो तीन एलक्टॉन वोट से ज़्यादा का होता है यह इससे क्या होगा इससे यह होगा कि यहाँ का एलक्टॉन आराम से यहाँ पहुँच नहीं पाएगा एक बीच में समल लीजे एक नदी है या एक नाला है चोड़ा सा और आप उसको आपको इतना फोर्स चाहिए जंपिंग फोर्स कंडक्शन बैन में मौजूदी नहीं हो पा रहा है इसलिए भाई वहाँ पर कोई करंड जल्दी फ्लोई नहीं करती इस लिटर्स में करंड नहीं होती अब तीसरी बात करते हैं इसके 20 के स्टेश किसी नाला तो है आपके और दूसरे किनारे जाने के लिए लेकिन वो थोड़ा छोटा नाला है तो वहाँ पर अगर आप कसके जंप करेंगे इनके बीच में EC और EV का गैप क्या होता है तीन एलेक्टॉन वोट से कम होता है यानि यहां के एलेक्टॉनों को एनर्जी अगर काम बरकी मिल जाए तो जंप करके कंडक्षन बैंड में पहुँच जाते हैं और जैसे ही कंडक्षन बैंड में पहुँच जाएंगे बिटा वो इस काबिल हो जाएंगे कि करंट को फ्लो करा सकें अगर एलेक्टॉन वैलेंस बैंड में है तो वो करंट को फ्लो नहीं करा सकता है वैलेंस बैंड में केवल होल फ्लो करा सकता है एलेक्ट्रोन को करेंट फ्लो कराने के लिए कंडक्शन बैंड में होना जरूरी है तो ये तीनों आपके सामने एक साथ फोटो मैंने रख दी हैं मैं हट भी जाता हूँ उसके स्क्रिंग शॉर्ट ले लिये मैटल्स या कंडक्टर्स साथ में इंसुलेटर्स और साथ में समी कंडक्टर्स के बीच में क्या फर्क होता है ये फर्क होता है करते हैं 2014 का यह रहा एक नंबर का कुछ रहा एक नंबर का क्वेश्चन बिटा इसमें पूछा है एन टाइप समीकंडक्डक्टर सिलिकॉन इज ऑप्टेंड बाइड डोपिंग इंट्रेंसिक एसाई विद अब देखिए एन टाइप किसके साथ मिलेगा एन टाइप तो उसके साथ मिलेगा जो एक एलेक्ट्रोन एक्स्ट्रा दे सके यानि जो इसके पास बाहर पांच एलेक्ट्रोन हो ऑटर और बिट में तो वह कौन सा होगा यहां पर फॉसफोरस क्योंकि वह एंड स्कोर एक एलेक्ट्रोन एक्स्ट्रा देना है तभी वो N टाइप बनेगा तो यहाँ पर यह जो अंसर है यह आप बिल्कुल समझ पाए होंगे अंसर हो जाना चाहिए C यानि फॉस्फरस N टाइप लेना है तो फॉस्फरस से आप इसको डोप करा दीजे और यह बन जाएगा आपका सेमी कंडक्टर है एक्स्ट्रिंसिक सेमी कंडक्टर है N टाइप यह पांच बाकी चार-चार से कोवलेंट बॉंडिंग कर ली चार एलेक्टोन से एक एलेक्टोन यहां पर एक्स्ट्रा या शुद्ध देशी इंदास में बोलें तो फादिल मतलब एक्स्ट्रा इसमें आ रहा है या उर्दू या इंदिम बोलें तो फादिल तो कि समीकंडक्डक्टर में चाहे वह एंट टाइप चाहे पी टाइप हो वह न्यूट्रल होता है समीकंडक्टर तो न्यूट्रल क्यों होता है न्यूट्रल इसलिए होता है कि यहां पर देखिए एलेक्ट्रोनिक एक्स्ट्रा है ना इसके पास भी तो प्लस वन एक्स्ट्रा है सबके पास चार है तो उसके वालों प्लस पांच है हमने सिलिकॉन न्यूट्रल को फॉसफोलोस न्यूट्रल के साथ मिक्स किया है दो न्यूट्रल चीज मिल रही है तो चार घटेगा बढ़ेगा काई को है ना तो कोई भी extrinsic semiconductor अगर है, चाहे वो n type है जैसा कि ये, या p type है, वो electrically neutral होता है, ये बात भी ध्यान रखेगा, बहुत important है, और आप देख भी रहे हैं, ये अगर extra electron आपको दिख रहा है, तो plus 4 की जगा, इसके पास plus 5 है, एक plus extra है, तो electrically ये neutral है, तो इस बात को आप अच्छे तो बच्चो करते हैं 2024 का एक नमबर का सवाल देखिए ये थोड़ा interesting है ये कभी तीन नमबर में भी दे देते हैं लेकिन अब इनकी मरजी है एक नमबर में दे दिया है इसको खैर ए प्योर सिलिकॉन क्रिस्टल having this one atoms per meter cube यानी density हो गई इसकी atom density volumetric density is doved with 1 ppm concentration of antimony तो देखिए antimony जो concentration है 1 ppm का मतलब होता है part per million, ppm parts per million ठीक है, एक million दिस लाग के बराबर होता है तो if the concentration of holes in the doped crystal is found to be this one, hole का concentration दिया हुआ है, the concentration in meter cube of intrinsic charge carriers in silicon is तो देखिए आप ये अपनी equation पढ़ी होगी, n i का square is equal to n e into n h एक्स्टेंसिक चार्ज केरियर के लिए एक्वेशन आपको मालूम है यहाँ पर हमको देखिये दे रखा है होल्स का कंसंटेशन और कंसंटेशन आफ एंट्रेंसिक चार्ज यह एनाई पूछा है अगर हम एनी निकाल लें तो एनी इंटू एनच करेंगे तो एनाई हम निकाल सकते हैं यानि कि हमें दिशा मिल गई हमें करना क्या है तो हमें एनी निकालना है आईए शुरू करते हैं part per million का मतलब क्या होता है ये भी लिख देता हूँ 1 ppm का मतलब 1 ज़्यादा वो लंबा 1 कर दिया 1 part per million 1 part per million का मतलब हो गया 1 upon 10 की power 6 10 लाख जो होता है तो जो इतने atom थे उसका 10 लाखवा हिस्सा हमने इसमें add किया है तो हम लिख देते हैं जो हमने antimony इसमें add किया है वो एंटीमनी कितने एटम्स एड हुए हैं वो निकाल लेते हैं इसी के नीचे मैं लिख देता हूँ कि सो फॉर फाइव इंटू टेन की पावर टौंटी एट एटम्स आफ सिलीकॉन नंबर आफ डोप्ड एंटीमनी जो कि एसबी लिखते हो एसबी एटम्स और इसको मैं थोड़ा सा ऊपर कर लेता हूं यहीं पर निकाल देता हूं जैसे कनेक्टिविटी यहां पर पनी रहे तो यह कितना हो गया number of roots antimony atom 5 into 10 की power 28 into 1 upon 10 की power 6 इतने एटम्स यहनी 5 into 10 की power 22 atoms of Sb antimony आ गया अब एक antimony atom एक electron एक्स्ट्रा देता है तो कितना electron आपको मिल गया, मैं यहाँ पर आता हूँ वापस शुरुवात में, और इस बात को आगे लेके चलता हूँ, अब आपको पता है कि one Sb atom provide one extra electron, तो अब electron concentration की बात आ गई, तो number of electron concentration, वो कितना हो गया बिटा, वो उतनी हो गया 5 into 10 की power, 22 per meter cube, यह हमारी value कौन सी आ गई, any की value, अब यहाँ पर लिख देते हैं, any into nh बराबर ni का square. एनाई का square तो आप एनाई का square लिखिए और any की value डाल देते हैं जो कि 5 into 10 की power 22 है और nh दे रखा है 4.5 into 10 की power 9 ये दिया हुआ था उपर से आप देख पा रहे हैं होंगे अब इसको आप solve कर लिजी ये value आ गई कितना 22.5 into टेन की पावर यह 31, 22 और 9, 31, अब यहाँ पे एनाई कितना आ जाएगा, अच्छा इसको ऐसे 2.25 कर लीजिए, तो एनाई स्क्वेर हो गया, जैसे निकालने में आपको असानी हो, नाई स्क्वेयर इसको लिख देते हैं 2.25 इंटू 10 की पावर 30 स्क्वेयर रूट लेंगे तो 32 का 16 आराम से आ जाएगा तो एनाई की वेल्यू कितनी हो गई 1.5 इंटू 10 की पावर 16 पर मीटर क्यूब यह आपका अंसर आ गया यह क्यूब है यह अंसर हो गया यहाँ पर और य ये तीन नमर में भी दे देते हैं ये question को कि ये बड़ा important question है इसलिए तैयार रहिए vote जो देगा वो समालना होगा खैर इसको आप note कर लिजे समझना जरूरी है पढ़ना जरूरी है question कैसे आएंगे वो तो अपने हाथ में है नहीं note कर लिजे आप इसे अच्छे तरीके आए बच्चो करते हैं assertion reasoning का 2024 का सवाल लिखा हुआ assertion में in a semiconductor the electron in the conduction band have lesser energy देन दोस्त इन दी वेलेंस बैंड यह तो फॉल्स लिखा हुआ है सर्शन क्योंकि सर्शन इस फॉल्स क्योंकि जो एलेक्ट्रोन कंडक्शन बैंड में होते हैं उनकी एनर्जी ज्यादा होती है जो कि वेलेंस बैंड वेलेक्ट्रोन कर सकें अच्छा दूसरा डोनर एनर्जी लेवल इस जस्ट अब आप दिवा लेंस बैंड इन सेमीकंडक्टर यह भी गलत है डोनर में क्या होता है जैसा आप जानते थे कि energy level जो होती है donor में वो just below the conduction band होता है यह जो conduction band है इसके just below होता है donor वाला भी उन्होंने देखा था और ध्यान में रखिए donor energy level इसका gap भी जो होता है वो 0.01 से लेकर 0.05 electron volt तक रहता है तो यह जो donor energy level होता है just below the conduction band होता है तो यह भी गलत लिखा हुआ है रीजन भी इसका false है तो explanation की तो बाती ना आई इसलिए इसका जो answer है वो बिटा D हो जाएगा तो इसे आप अच्छे से note कर लिजे यहाँ पर तो बच्चों करते हैं 2024 का और यह रहा तीन नमर का question देखिए draw the circuit diagram for obtaining the VI characteristic of a PN junction diode explain briefly the silent features of VI characteristics forward vising and reverse vising है तो इसमें एक सर्किट डायग्राम पूछा जो आजकल खूब पूछते हैं और विआई क्रिक्टिस्टिक तो सालों से पूछने आइए इसका डायग्राम वगैरह मैंने बना दिया है पहले ही आपको बड़े सुंदर तरीके से दिखेगा तो यह तो यह एलेक्ट्रिकल सर्केट देखिए यह डायोड का सिंबल आपको पता ही होगा वोल्टेज विश्व करेक्टिस्टिक चाहिए वोटेज लगता है पैरलल में, करेंट लगती है, एमीटर लगता है सीरीज में, तो यह जो एमीटर होता है, यह मिली एमपियर का एमीटर होता है, रिवर्स बाइसिंग में माइक्रो एमपियर का होगा, ध्यान कियेगा, और यहाँ पर रिवर्स टेट, जिससे हम करेंट को व लगा देते हैं यह वोल्टमीटर पैरलल में और वाला इसमें वोल्टेज में जब आप बढ़ाते हैं तो थोड़ी देर तक आप देखते हैं कि देर इस नो फॉर्वर्ड करेंट वेरी स्मॉल करेंट लेकिन एक समय ऐसा आता है जैसे इस सिलिकॉन का एक् करेंट फ्लो होना स्टार्ट हो जाती है इस वोल्टेज को बोलते हैं प्रेक इन वोल्टेज यहां पर दिखिए लिखा जिसे बोलते हैं थ्रिशोड वोल्टेज कट इन वोल्टेज और नी वोल्टेज यह इसके नाम है कट इन वोल्टेज थ्रिशोड एक पहली कि यह ओम्स लॉ ओबी नहीं करता जैसा आपको दिखाई पड़ रहा है ओम्स लॉ भी नहीं करेगा दूसरी बात थ्री शोर्ड वोल्टेज या कट इन वोल्टेज या नीव वोल्टेज की कहानी जो है सिलिकॉन के केस में 0.7 वोल्ट के आसपास दिख रही है आपको और इसमें जो आपको करेंट मिलती है उसके लिए रिस्पॉंसिबिल होता है मैजॉरिटी चार्ज केरियर मैजॉरिटी चार्ज केरियर और रेजिस्टेंस जो जंक्षन पे होता है वो कम से कम होता है यह है फौवर्ड वाइसिंग की कहानी अच्छा रिवर्स वाइसिंग की देखिए आप क्या होता है विड़ा रिवर्स वाइसिंग में पी को हम माइनस से कनेक्ट कर रहे हैं यह वही सरकिट डायग्राम है यहाँ फर्क यह माइक्रो एंपियर नापने के लिए मीटर लगाया हुआ है इस माइनस को हमने कनेक्ट कर दिया है पी से और इस प्लस को हमने कनेक्ट कर दिया है एंड से तो यह रिवर्स वाइसिंग मे कि रिवर्स बाइस में वोल्टमीटर पैलल में माइक्रोएमीटर जो है वह लगा दिया है और इसमें करेंट फ्लू कराते हैं तो यह रिवर्स बाइस में क्या होगा यह देखिए माइक्रोएमपीएर में करेंट नाप रहे हो और वोटेज इधर नाप रहे जो करेंट है लगभग एक जैसी है बहुती कर माइक्रोएमपीएर में 0.5 की आसपाद चल रही है कोई फर्क नहीं आप उसके बाद और वोल्टेज बढ़ा देते हो तो बढ़ा के करेंट काफी बढ़ जाती, इसे बोलते हैं breakdown voltage, इस voltage पर ये देखे करेंट एकदम से breakdown हो जाता है, उसके जो पहले से interact charges थे उसके पास, electron वगेरा वो तूट के निकलने लगते हैं, ऐसी स्थिति बन जाती, breakdown हो जाता है, diode निकल लेगा, वो diode वाली property खतम रिवर्स सेचुरेशन करेंट यह हो गई यह जो चल रही है इट इस ड्यूटू माइनोरिटी चार्ज कैरियर यह किस की वज़े से होती है रिवर्स बायस्ट करेंट माइनोरिटी चार्ज कैरियर की वज़े से और इस प्रपर्टी को हम यूज़ करते हैं रेक्टिफिकेशन के लिए AC को DC में बदलना तो इसी प्रपर्टी को हम AC से DC में बदलने के लिए इस्तेमाल करते हैं खेर एनीवे आप यह सवाल पूरी तरह समझ गए होंगे तो मैं सवाल एक बार दिखा देता हूं जो यह सवाल था आप देखी रहे हैं मैं हट जाता हूं कोई स्ट्रिंग शॉट लेना चाहे तो ले सकता है और यहाँ पर आप इसको जो है इसको भी नोट वो गलती कर बैठेगा यह देखते हैं तो यह जो क्वेश्चन है क्या बोल रहा है यहां देखें द थ्रीशोर्ड वोल्टेज फॉर एपीएन जंक्शन डायोड यूज़ इन दिसर के टीज जो पॉइंट सेवन वॉल्ड यह जो पीएन जंक्शन है आप देख पा रहे हैं इसके जो क्वेश्चन है यह पोटेंशल बैरियर आप कह सकते हैं पॉइंट सेवन वॉल्ड का है द टाइप ऑफ बाइसिंग एंड करेंट इन दिसर केट आर अब इसमें पहले तो य कि बाइसिंग कैसी है फॉरवर्ड बाइसिंग है कि रिवर्स बाइसिंग है आप जानते हैं जब पी ए जंक्शन को पी टाइप वाले को प्लस से लगा दें एंड टाइप वाले को माइनस से लगा देंगे तो हम बोलते हैं फॉरवर्ड बाइसिंग है और इसका जो सिंबल होता है इसका मतलब पी ए ऐसे होता है तो इस पी वाले को आपने प्लस से लगाया है और एंड वाले को आपने माइनस से लगाया है तो यह कैसी बाइसिंग हो गई बेटा फॉरवर्ड बाइसिंग तो है तो ये कहानी किसकी forward vising की P वाला plus से लगा है N वाला minus से लगा है अब यहाँ पर ये जो इसका three-should potential है वो 0.7 volt है और आपने source लगा रखा है उससे कम 0.7 से कम 0.5 तो इस three-should या potential barrier को ये cross नहीं कर पाएगा इसका मतलब इसमें current की value कितनी होगी 0 तो current will be 0 यह करेंट जीरो तब नहीं होती जब यह जो सोर्स पोटेंशियल है यह 0.7 से बड़ा होता तो कुछ करेंट फ्लो होती अगर उससे छोटा है तो कोई करेंट नहीं फ्लो होगी तो दो बड़ी अहम बाते निकली, यह forward biasing में लगा हुआ है, और इसके अंदर current कुछ भी नहीं है, यानि शून है, तो इसको देखते वे इसका answer हो जाएगा, वो answer A हो जाएगा बिटा, बाकि मैंने समझा तो पूरा आपको दिया ही है, कि forward biasing है, 0 ampere की current है, तो यह आपको clarity ह प्यार से करेंगे क्योंकि वह आता है इस तीनों में से कोई एक पार्ट आ जाएगा तीनों यह गया तो बात यह लग है तो आप इसको पॉस करके बेटा नोट कर लें तो चलिए इसको समझते हैं इसे पहला है विद दिहल पॉफिस सर्किट डायग्राम ब्रीफली इक्सप्ल शर्किट डाइग्राम बनाना है लिखा है ना सर्किट डाइग्राम बना देते हैं सर्किट डाइग्राम फूल वेव रेक्टिफायर के लिए तो मैं यहां बना देता हूं जगह थोड़ी दिख रही है तो देखिए सबसे पहले यार नया पन्ने ही ले लूँ थोड़ा ब� ले लेते हैं और फुल वेव रेक्टिफिकेशन दिखाना है रेक्टिफायर होते क्या है एसी वोल्टेज या करेंट को डी सी वोल्टेज या करेंट में चेंज करने वाले डिवाइसेस हैं फुल वेव रेक्टिफिकेशन फुल वेव में पहले होता है ट्रांसफार्मर बिटा यह यहां पर आप ऐसे ट्रांसफार्मर लगा दीजिए काफी है इसके बाद यह देखिए transformer का थोड़ा symbol ऐसे लगा देते हैं यह बन गया transformer यहां कोई AC source चाहें तो यह AC source यहां ऐसे लगा सकते हैं यह क्या है transformer इसको थोड़ा सा और बड़ा कर लेते हैं क्योंकि central tapping भी चाहिए ऐसे यहां पर और यहां से एक हम diode fit करेंगे इसमें देखिए ए एक है दो पॉइंट को और एक डायोड यहां पुट करेंगे दो डायोड इस्तेमाल की जाते हैं फुल वेव रेक्टिफिकेशन में इसको कह देते हैं डी टू अब इन दोनों को हम आगे बढ़ाकर सेंटर में ऐसे कनेक्ट कर देंगे आप इसमें और एक टर्मिनल निकालेंगे यहां से विचेश आप एक्स कह सकते हैं यहां लोड लगा दीजिए यह लोड में पंखां का चलाना हो और यह देखिए यहां पर इसको मैं वहीं कह देता हूं अ और यहां पर एक सेंटर ट्रैपिंग होती है सेंटर में ऐसे हम इसको फिट कर देते हैं ऐसे जंप करा दो और यहां पर अर्थिंग और यह कनेक्शन यहां से स्टैब्लिश कर दिया गया इस तरीके से तो यहां पर आरल मतलब लोड दे सकते हैं इसे आउटपुट और यह सेंटर टैप होता है तो मैं कलर बदल लेता हूं जिसे अलग से आप देख पाएं इसे सेंटर टैप यह बीच में लगा रहता है इसके और यह क्या है इस ट्रांसफार्मर ट्रांस फॉर मर मेरे खाल से बात होगी यह अर्थिंग है इस दी फुल वेव सरकिट डायग्राम आफ फुल वेव रेक्टिफिकेशन सरकिट डायग्राम फॉर फुल वेव रक्टिफिकेशन तो फुल वेव रक्टिफिकेशन में ध्यान रखियेगा खैर इसका वेव फॉर्म भी बना देते हैं जब पढ़ा ही रहे हैं हमेशा दो डायोट का इस्तमाल आप करेंगे ये D1, D2 और जब भी ये पूछा जाए आप कुशिस कीजेगा समय निकाल के वेव दिखा देता हूँ और यह देखिए यह लोकलर ले लेते हैं तो यह देखिए एक इनपुट वेव दिखा रहा हूँ जो कि इस ए वाले पे जा रही थी उस समय वेव फॉर्म ए यह इनपुट वाली है तो यहाँ पर यह सीधी रेखा बना देते हैं और इसी के नीचे ऐसे, this is waveform B, waveform, जो B पर, B मतलब इस पे जो waveform आ रहा है, इसका उल्टा चलता है वो, तो ये मैं ऐसे बना देता हूँ, ये दिखिए, इतने में, ये अगर उपर है ये, तो ये इतने में, कि ऐसे नीचे बना दीजिए जब यह फॉर्वर्ड बायस तो रिवर्स बायस और इसी तरीके से यह देखिए ऐसे बना दीजिए है और यह आपका नीचे यह दोनों क्या है इनपुट है अब इसके आउटपुट की बात की जाए थोड़ा से इसको बिसकाना होगा ऊपर और यह देखिए इसे आउटपुट है मैंने पूरा ही आपको समझा दिया है और अब इसका मतलब भी समझा दूंगा यहां से जो forward biased है यह ऐसे करके pulses ऐसे चली जाती रहेंगी तो यह जो है यह डीवन डायोड था यह डीटू डायोड था यह आपका मिलता है डीटू डीवन जो फॉरवर्ड बायस्ड है यह रिवर्ड बायस्ड है इसका कुछ नहीं मिला फॉरवर्ड यह देखिए फॉरवर्ड बायस्ड है तो यह डीट� कि यह आउटपुट वोल्टेज यह करेंट आप लिख सकते हैं जो भी लोड पर लगा कर बैठे हैं तो यह आउटपुट हो गया बाकि यह इनपुट हो गया जैसे आप समझ पाए अब इसकी थोड़ी वर्किंग भी लगे हाथ में समझा देता हूं पहले तो वर्किंग में जैसा आप इसकी वर्किंग रेक्टिफिकेशन जो होता है उसका मेन गुढ़ी होता है कि जब भी आप डायोड को फॉर्वर्ड बाइसिंग में लगाते हैं करेंट अलाव करता है मेजॉरिटी चार्च कैरियर से और रिवर्स बाइसिंग में यह कि करेंट एलाउ नहीं करता मोर एलेस यह रेसिटेंस काफी ज्यादा होता है तो जब यह आपने एसी करेंट लगाया तो सपोस करिए पहले किसी वक्त यह प्लस रहा होगा और यह माइनस रहा होगा ऐसे बना देते हैं तो यह प्लस हो गया लेकर बेटा और यह माइनस हो गया इसी हिसाब से ठीक अब यह अगर प्लस है तो यह पी है ना यह पी एंड जंक्शन है पी एंड ऐसे तो पी वाला प्लस है और एन वाला यहां से देखिए तो सेंटर टैपिंग में सिर्फ कम बोल्टेज पर यानि यह माइनस पर है तो यह फॉरवर्ड वाइसिंग पर है इस समय मैं इसी वाइट के लिए लिख रहा हूं यह फॉरवर्ड वाइसिंग पर है यह रिवर्स वाइसिंग पर है दिखिन नेगेटिव से पी कनेक्ट है और एन वाला जो कनेक्शन है वो इसकी पिक्चा प्लस पर है है तो यहां से करेंट आपकी जाएगी और यहां से नहीं जाएगी दिन लग दीवन से करेंट फ्लो होगी जैसा दिख रहा फौवर्ड वाइसिंग दीवन से करेंट आ गई लेकिन दीटू से करेंट नहीं जाएगी क्योंकि इस समय रिवर्स वाइसिंग में ठीक है अगले छड़ में क्या होगा क्योंकि AC तो बदलता रहता है अपना system तो मैं color दूसरा लेता हूँ अगले छड़ यह minus हो जाता है और यह plus बदलेगा एक बार minus plus तो यह value हो गई minus और यह value हो गई beta plus देख पा रहे हैं बदल गया भाई वो cycle होती है AC की बदलता रहता है तो यहाँ पर अब यह जो पहले forward bicing में था यह अब reverse bicing में आ गया है कि यह कनेक्शन पीवाला माइनस से है और एन वाला कनेक्शन इसके पिक्षा प्लस से है तो यह रिवर्स बाइसिंग में है और अब यह फावर्ड बाइसिंग में तो इससे करेंट नहीं जाएगी इससे जाएगी फॉर बाइसिंग से तो यहां पर यह चीज दिखिए से current जा रही है, D2 से देखिए, और इस D1 से नहीं जा रही है, इस तरह से यह पूरी कहानी, full wave rectification, यह क्या है, full wave rectification का circuit diagram है, और साथ में यह इसका resultant waveform है, यह मैंने पूरी बात आपको बता दिये, ठीक, अब देखते हैं, second वाला part क्या था, यहाँ पर draw VI characteristics of a pn junction diode explain how these characteristics make a diode suitable for rectification तो कुछ भी नहीं है बहुत ही सरल है ये तो forward और reverse by इसका आपको diagram बनाना है तो कुछ ना कीज़े जब भी बोलते हैं VI characteristic का मतलब होता है V और I में graph बना दो तो मैं यहाँ पर ऐसे खीच रहा हूँ तो जिसे आप लिख रहे हैं, वी आई, characteristic, characteristic of a, diode, है अब यहां पर फॉर्ड बाइस इधर वाला इस फॉर्ड वाइसिंग दिखा रहे हैं अभी मिलिख दूंगा तो यहां पर इस एक्सेस पर क्या दिखा देते हैं वोल्ड्स एक वोल्ड दो वोल्ड तीन वोल्ड्स और इधर निगेटिव वाले वोल्ड माइनस वन माइनस टू माइनस तीन फॉर्ड वाइसिंग में यह जो करेंट होती है वह मिली एंपियर में होती है दिस इज इन मिली एंपियर और मिली एंपियर में लिख दीजिए दस बीच तीस अ कि ऐसे 40 करके और इसके अपोजिट जाएंगे तो माइक्रो इंपेयर में करेंट होती जो कि काफी कम होती है तो 0.5 माइनस में कह लीजिए माइनस में जी रोग वन कह लीजिए और इसी तरह यह कह सकते हैं डेढ़ और यह जो current है, यह है micro ampere में, यह थी आपकी milli ampere में, यह मैंने diagram बढ़िया सा कीस दिया, अब यहाँ पर मैं color को कर लेता हूँ white, और saturation current जब तक नहीं, three short voltage तक कुछ current नहीं जाती, तो यह थोड़ा सा ऐसे जाएगा, और इसके बाद यह graph ऐसे चला जाएगा, यह बन गया आ� बाई सिंग अब इस तरफ आ जाओ तो रिवर्स वाइसिंग तो मैं यहां लिख देता हूं रिवर्स बाई सिंग पूरा आप समझ लीजिए भले थोड़ा वक्त लगे लेकिन चीजें यह करंट और ऐसे ब्रेकडाउन हो जाएगा यहां तो दिस इस ब्रेक डाउन तो यह आपने विआई क्रेक्ट्रेस्टिक बना दी फॉर्वर्ड एंड रिवर्स बाइसिंग की आप पूछा था कि इसका कौन सा गुड़ ऐसा होता है जो रेक्टिफिकेशन में काम आता है तो इसका जो प्रॉपर्टी है जो गुड़ है वो यह है फॉर् forward by seeing में देखिए इसकी करंट की वैलू मिलती है यह काफी मिल रही है ना माय मिली एंपीयर में जा रही है ज्यादा है तो फॉर्वर्ड बाइसिंग में यह करंट एलाउड कर रहा है और रिवर्स बाइसिंग में देखिए बुल्टेज बढ़ाने पर भी करंट की वैलू लगभग सेचुरेट रहती है बढ़ती नहीं है बहुत ही कम रहती है तो यह इसकी जो प्रॉपर्टी है कि फॉर्वर्ड बाइसिंग में आप मोटा तौर पर लिखें तो करंट एलाउड है कर दो है और रिवर्स बाइसिंग में यह रही बेटा रिवर्स बाइसिंग में आपकी करेंट नोट अलाउड लिख दे रहे हैं इसी को लिखते हैं, this property is used for rectification. रेक्टिफिकेशन का मतलब क्या होता है जो AC वाला गुड़ है AC वोल्टेज को DC वोल्टेज AC करेंट को DC करेंट में चेंज करना ये रेक्टिफिकेशन की बात है तो ये भी देखिए मैंने पूरा आपको बना के समझा दिया अब इसके बाद देखिए देखते हैं कुछ एक चीज और पूछी तीसरा सवाल भी है उसको भी करेंगे जैसे पूरी बात तीनों बहुत जरूरी हैं इंपोर्टेंट इसलिए करना अवश्यक है तो मैं कलर तो यह पकड़ लेता हूं लिखा दिखिए नंबर तीन कार्बन एंड सिलिकॉन have the same lattice structure NCERT के सवाल है then why is carbon an insulator carbon insulator क्यों है जबकि silicon हमारा semiconductor है ऐसा क्यों है important सवाल है कई बार आ चुका है तो आईए इसको भी समझ लेते हैं बड़े परदे पर यहाँ पर entry मारते हैं number तीसरा part हम अगर carbon की बात करें तो कार्बन का जो एटॉमिक नंबर है, वो Z की वैलू होती 6, तो इसका configuration, electronic configuration लिखोगे, तो 1S2, 2S2 और 2P2 आ जाएगा, यह आप chemistry में बहुत ज़दा अच्छा जानते होंगे, मुझसे बहुत अच्छा मालूम होगा आपको, दूसरी बात करते हैं, लोग सिलिकॉन की तो सिलिकॉन मे��� क्या होता है इसका जो एटमिक नंबर है यह 14 तो यहां पर देखिए कंफिग्रेशन क्या है वन एस टू पी 6 10 हो गए और उसके बाद 3S2 and 3P2 यह configuration इसका है तो यहाँ पर आप क्या देख रहे हैं कि outer shell में 4 electron है उपर वाले भी 4 हैं लेकिन यह third orbit में है इसलिए इनका तूटना आसान है भाई मैं आपको diagram भी बनाता हूँ जब पढ़ी रहे हैं तो बहुती जानदार तरीके से silicon की बात करें तो यह मालीजे nucleus हो गया पहले आपने बनाया ऐसे बनाया होंगे दो electron दिये और अगले में आपने सब्बोस करिए यहाँ पे 8 एलेक्ट्रोन थे तो 8 एलेक्ट्रोन भर डाले, एक, दो, तीन, चार, पाँच, छे, साथ, आठ, ठीक है, और फिर इसके बाहर आ गया है आप तीसरे वाले और्बिट में, उसमें कितने 4 एलेक्ट्रोन थे, एक, दो, तीन, आपको कितने मेरे चार एलेक्ट्रोन, ये सिलिकॉन की बात हम कर रहे हैं, तो ये जो बाहर वाले एलेक्ट्रोन हैं, इनको तोड़ना सिलिकॉन में आसान है, जबकि कारबन की बात कर लो, जब इसका बनाया है तो कारबन का भी क्यों ना बना दे, ये नुकलस हो गया, और श� कि जिसका एटेमिक नंबर छह था यह हम ऊपर समझा चुके हैं तो इसको इन चारों इलेक्ट्राउनों को तोड़ के निकालना इस क्वाइट डिफिकल्ट क्योंकि न्यूक्लिस के पास हैं काफी ज्यादा स्ट्रॉंगली बाउंड हैं तो यह बिहेव कर जाते हैं क्योंकि एलेक्ट्रोन तूटते नहीं है ना यह तूटकर निकलेंगे नहीं तो फिर चार्ज कैरियर का काम करेगा और यहां पर यह इस न्यूक्लस सिथ थर्ड ऑर्बिट में यह ने थर्ड ऑर्बिट में तो इसको तोड़ पाना इन लक्टोनों को कार्बन की बनस्पत आसान रहता है तो यह इसका बिहेवियर इसलिए अ सेमी कंडक्टर की तरह हो जाता है तो ये सेमी कंडक्टर बन जाता है जबकि कारबन आपका इंसुलेटर की तरह होता है मैंने एक बात को पूरी विसलेशन करके आपको समझाया है कोई भी टुकड़ा कहीं पूछा जाया है आप असानी से अंसर कर पाएंगे चेष्टा करूँगा ये question है हट जाता हूँ आप इसका screen shot ले लेवे ले लिया होगा उमीद कर रहे हैं और ये देखिए पहले वाला अनसर्था सरकिट डाइग्राम वेगरा full wave rectifier का मैं हटता हूँ तो ये full wave मैं यहाँ कहीं heading डाल दूँ full wave rectifier जैसे कोई बच्चा आदमें देखें तो यह ढूनना ना पड़े कि है ये किसका डाइग्राम तो full wave rectifier का डाइग्राम, circuit डाइग्राम और waveform में नीचे आपको दिखाई पड़ रहा है pause करके कि आप इसको अच्छे से नोट कर सकते हैं मेरे कहाल से कर पाए होंगे फिर इसका तीसरा पार्ट आ जाता है बेटा यह देखिए यह दूसरा पार्ट मतलब जिसमें फॉरवर्ड और रिवर्स बाइसिंग और कौन सी प्रोपर्टी है जो रेक्टिफिकेशन में काम आ रही है two important processes involved in the formation of p-n junction diode अच्छा, with the help of a circuit diagram explain the working of a junction diode as a full wave rectification ये तो अलड़ी हम पिछले समझा चुके हैं circuit diagram draw its input and output waveforms, ये भी हम लोग कर चुके हैं भी किया है, state the characteristic property of a junction diode that makes it suitable, ये भी कर चुके हैं यानि सब कुछ कर चुके हैं पहले वाला जो PN junction बन रहा है उसमें दो important processes हमको बताने हैं तो अब यह बताता है दो important process कौन से होते हैं diffusion and drift current तो यहाँ पर लिख लेते हैं two important process कौन सा एक लिख लीजे आप diffusion current करेंट और दूसरा बेटा यहां आ जाएगा ड्रिफ्ट करेंट अब यह डिफ्यूजन डिफ्ट करेंट किस चडिया का नाम है आपने पढ़ा जरूर होगा मैं आपको याद भी दिला देता हूं यह देखिए पी एन जंक्शन बना रहा हूं आपको समझाने के लिए अब इस PN junction में आप जानते हैं, PN junction लाकर अलग से जोड़े नहीं जाते, P और N नहीं, क्योंकि atomic level पे continuity नहीं बनती, तो एक slab को ही, एक crystal को ही लेकर आधे को हम dope कर देते हैं N type, आधे को कर देते हैं P type, तो PN junction बन जाता है, अब देखें ये, ये मालीजे P type मामला है, majority charge कर रह और कलर को कुछ और करना चलो यह लेते हैं यह प्यार लेते हैं तो यह जो पी टाइप होते हैं इसके अंदर तो अधिकता किसकी रहेगी होल्स की अधिकता रहेगी तो जो होल्स होंगे वह कैसे होंगे बेटा यह देखिए माइनस बना दीजिए और साथ में यह होल ऐसे माइनस और यह होल तो यह कुछ मैं दिखा देता हूं चलिए यहां बना देता हूं अ यह देखिए यह इस समय क्या है ना यह एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल है पी टाइप एंड टाइप जो भी सेमीकंडक्डक्टर रहते हैं एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल होते हैं माइनस इसलिए दिखाया है कि यह इसके साथ होल है एक माइनस एक प्लस होल की प्लस तो दोनों मिलकर एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल है अगर यह होल इसको छोड़ जाएगा तब यह माइनस रह जाएगा आयन जाएगा और इसी तरह यह एंड टाइप में आ जाओ तो इसका मैं कलर थोड़ा बदलना चाहूंगा यह लेते हैं एंड टाइप में आपके पास एलेक्ट्रोनों की आपकी अधिकता रहती है तो यहां पर आप इसको लिख दीजिए प्लस और साथ में एक एलेक्ट्रोन ऐसे बना देते हैं प्लस और एक एलेक्ट्रोन ऐसे प्लस एक एलेक्ट्रोन प्लस और यह भी इस समय एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल हैं अब यह पास जंक्शन पर आते जंक्शन का मतलब वह रीजन जहां पर यह एक दूसरे के पास आ रहे हैं जिससे ट्रेन के जंक्शन होते हैं तो उस समय यहां पर क्या भसड होती है मैं इसको बनाने की कोशिश कर रहा हूं यहां भी कहानी होगी यह माइनस यह ऐसे बना देते हैं थोड़ा सा समझाएंगे थोड़ा प्यार से आप समझेंगे और साहब यहां पर यह वाले आइटम है तो प्लस के साथ एलेक्ट्रोन लस के साथ एलेक्ट्रोन, यह देखिए यहाँ पर यह इस्थिति बनी हुई है, अब क्या होता है कि यह एलेक्ट्रोन इस होल को पसंद करते हैं, तो एलेक्ट्रोनों की क्या होती है, डिफ्यूजन स्टार्ट होता है, एलेक्ट्रोनों का डिफ्य� एंड टाइप तो यहां आप लिख सकते हैं एलेक्ट्रोन डिफ्यूजन या इसकी विपरीद दिशा तो यह ऐसे जा रहे हैं तो फोल्ड इफ्यूजन इसकी एपोजिट जगह थोड़ी कम लग रही है यह मैं इसे लिख देता हूं फोल्ड इफ्यूजन कि समझना बहुत आसान होता है सब इन फ्यूज नहीं हो सकते आप समझ रहे होंगे बड़ी होल पॉजिटिव है एलेक्ट्रोन निगेटिव दोनों विपरीद दिशा में काम करेंगे तो एलेक्ट्रोन ऐसे डिफ्यूज होते हैं और होट ऐसे डिफ्यूज होते हैं तो डिफ्यूज होते हैं तो यह इनको मिल जाते जाकर ऐसे एलेक्ट्रोन होल में जाकर ऐसे मिल जाता है तो इस समय आपकी जो करेंट है डिफ्यूज करेंट पॉजिटिव दिशा में होल जा है तो इस दिशा में करेंट होती है इसे बोलते हैं डिफ्यूजन करेंट मैं थोड़ा ऊपर करना चाहूंगा अभी तो इस समय डिफ्यूजन करेंट की डायरेक्शन क्या है समझो दिस इस दी डिफ्यूजन करेंट और direction of current किया है, P से लेकर N की तरफ, PN, P से N की तरफ diffusion current, हो गई diffusion current, चालू रहा ही कारिकरम, और जब ये चालू यहाँ पर रहता है, तो ये जब electron इस hole से मिल जाएंगे, तो electron और whole मिलके neutral हो जाएंगे, बात खतम, केवल क्या मिलेगा हमको यहाँ पर अब, इसको एक डाग्राम और मनाते हैं, कोई बात नहीं, थोड़ा समय लग जाए, लेकिन आप समझ पाईए, अब इसके बाद जो घटना घटी, यहाँ पर दिखिए, सेंटर पर, यहाँ पर आपके ये और ये साहा प्लस रह गया, बाकी चीज़े नहीं बना रहे हैं, ये P टाइप इधर था, N टाइप इधर था, यहां देखिए, ये whole electron मिलके गायब हो गए, electrically neutral हो गए, तो ये minus बचा रह गया, और ये plus बचा रह गया, ये जो layer बनती है, ये, इसे हम बोलते हैं, depletion layer, डिप्लीशन रीजन या लेयर जो भी लिख दीजिए यह डिप्लीशन लेयर के वोलते हैं को कि यहां पर चार्जर दिप्लीट हो गए डिप्लीट मतलब खत्म हो गए अब आप अंग्रेज कहां खत्म हो गए यह तो सर चार्ज दिख रहे हैं ये जो charges हैं ये ions हैं ये चल नहीं सकते हैं immobile हैं इससे तो electron निकला है ने electron तो कहीं भी भाग जाता है लेकिन घर गरस्ती जो बसी पुरा मकान थोड़ी भागता है उसका एक बंदा भाग गया आसान है भागना लेकिन ये यह जो आयन है यह देख के तो लग रहा है कि चार आयन हैं बिल्कुल आयन है लेकिन चल नहीं पाएंगे यह इम्मोबाइल हैं चल नहीं सकते हैं इसलिए जो रीजन बनता है इसे बोलते हैं डिपलीशन रीजन और अब इस वज़े से इस डिपलीशन रीजन की वज़े से एक पोटेंशियल बोल सकते हैं क्यों बैरियर बोल रहे हैं भी दिखाते हैं आपको एलेक्टिक फिल्ड प्लस से माइनस की तरफ क्रिएट होता है तो प्लस से माइनस की तरफ क्रिएट हो गया अब क्या होगा कि अगर कोई एलेक्ट्रोन यहां बई एंट टाइप में एलेक्ट् इस एलेक्टिक फील्ड की वजह से इस एलेक्टोन पर किधर फोर्स लगेगा अपोजिट दिशा में तो यह नहीं जा पाएगा आगे इसको पीछे गसीट के ठीक देगा यह ठीक तो अब यह जो एलेक्टोन इधर फिका रहा है और पॉजिटिव चार्ज की बात करें तो होल आपका इधर फिका रहा है इस वूल एलेक्टोन की दिशा में ही पॉजिटिव पर जो फोर्स लगता है इस फोर्स बात समझ में आ रही है तो यहां पर होल्स का डायरेक्शन किधर है एंड टूपी तो ये जो current चालू होती इसे बोलते है drift current drift current और इसका direction क्या है n से p ये दिखे भाग रहा है इदर n to p तो ये एक चीज diffusion current जो मैंने बात की थी और ये दूसरी आ गई drift current ये दोनों देखिए एक दूसरे से विपरीद दिशा में एक इधर जा रही है और एक इधर जा रही है और ये कारिकरम तब तक चलता रहता है जब तक कि दोनों current इक्वल ना हो जाता है जाएं जब ये equal हो जाती हैं तो उस समय equilibrium establish हो आता है कोई current flow नहीं कर रही होती है ये दो main चीज़ें हैं pn junction बनते वक्त प्रश्नावार पर प् बाकि मैंने दो नाम और लिए, वो भी important है, depletion region, और, क्या नाम लिया था उसके अलावा, barrier potential, लेकिन main दो चीज़े, diffusion and drift current की बात, उमीद है आप समझ पाए होंगे, तो मैं यहाँ पर इसको ऐसे दिखा देता हूँ, थोड़ा अलग से दिखाई पड़ जाया, धीरे सारी बखिया उधेर दी इसकी यही पूरा चेप्टर ही रिवाइज हो रहा है बस इसको नोट कर लीजे बाप है ना शांती से देकर नोट कर लें आप तो इसको उपर से थोड़ा लाना होगा है तो यहां रोकते हैं और साहब इसको आप नोट कर लें फिर अगला भी बड़ा इंपोर्टेंट सवाल जो काफी पूछा जाता है पॉज करके नोट कर पाएंगे आप इसको थोड़ा ऊपर ले जाते हैं और आप इसको प्यार से नोट करेंगे इसमें पूछा गया है कि इन एंट टाइप समीकंडक्डक्टर एक्सट्रेंसिक समीकंडक्डक्टर में एंट टाइप होते हैं ना दोनर एनर्जी लेविड लाइस अब देखिए यह भी आपको यह भी आगे कुछ नहीं है जो हम लोग बनाएंगे याद रखिएगा खैर मैं बनाकर ही दिखा देता हूं दो चार मिनट जो भी लगे आपकी समझ में आना चाहिए दिस इस वैलेंस बैंड और यह रहता है कंडक्शन बैंड और यहां प इस कंडक्शन बैंड के पास में ED एक नया लेविल एनर्जी लेविल बन जाता है जैसे बोलते हैं ED डोनर लेविल एनर्जी लेविल तो ये किसके पास में है कंडक्शन बैंड के जस्ट नीचे 0.01 एलेक्ट्रोन वोल्ट का गैप रहता है तो इसके हिसाप से अंसर इस बी कि अंसर बी में देखें जस्ट बिलो दिकंडक्शन बैंड यह कंडक्शन बैंड के जस्ट बिलो आपका फोटो अब आप देख पा रहे हैं तो यह इसका अंसर हो गया ध्यान रखिएगा और इसी में अगर पी टाइप होता है तो पी टाइप का एक्सेप्ट एटम होते हैं, वैलेंस बेंड के पास में होता है, आगे कुछ शन है, मैं फिर से बनाओंगा इसको, तो वैलेंस बेंड, पी टाइप में, आपका जो एक्सेप्टर एटम होते हैं, वो उनका एनरजी लेविल, वैलेंस बेंड के जस्ट उपर होता है, English between, इंट्रेंसिक और इक्स्ट्रेंसिक सेमीकंडक्डक्टर तो इंट्रेंसिक सेमीकंडक्डक्टर प्यूरेस्ट फॉर्म आफ सेमीकंडक्डक्टर है सिलिकोन जर्मेनियम इक्स्ट्रेंसिक सेमीकंडक्टर क्या होते हैं जब हम इसमें सिलिकोन जर्मेनियम में इंप्यूरिटी इसलिए एड करते हैं अपनी इच्छा अनुसार ठीक है तो खैर जो सवाल है वही अपने आपको रोकते हैं यहाँ पर difference के तौर पर मैं लिख देता हूँ intrinsic, semiconductor लिख लीजेगा आगे, यह extrinsic, कुछ मैं differences लिख देता हूँ, पहला क्या होता है, यह pure semiconductor है, pure semiconductor, और यह tetravalent, कि क्रिस्टल्स होते हैं कि सिलिकोन जर्मेनियम यह सेमी कंडक्टर इंप्यूर होते हैं पहले ही पॉइंट है तो लिखेंगे इंप्यूर्टी एड और इंप्यूर्टी जो एटम्स होते हैं अ एटम्स ऑफ ग्रुप थ्री और फाइव ग्रुप तीन या पांच अच्छा कई बार बच्चे पूछते क्या है कि भी यह जो इंप्यूरिटी एडड इन प्यूर सेमीकंडक्टर तो कहते हैं सर की भाई ये pure semiconductor है तो कोई भी impurity add करते हैं नहीं हम जो impurity add करते हैं वो इसका इसके आसपास की ही होनी चाहिए जैसे उसको जब वो atom को हटावे और खुद बैठे तो उसका lattice structure distorted नहीं हो तो यहाँ पर pure semiconductor में तो tetravalent रहते हैं चार electron बाहर तो चार की जगा हम group 3 जिसमें 3 electron बाहर हैं या group 5 जिसमें 5 electron बाहर हैं वो add करते हैं इसी addition की वज़े से p-type n-type बन जाएगा करते हैं खेर आप यह समझ पाए impurity added आप color को बदलने की कोशिस कर रहे हैं इसकी जो conductivity होती वो low होती है electrical conductivity कंडक्टिविटी इस लो और इसकी जो कंडक्टिविटी हाई है हाई कंडक्टिविटी में करके बता रहा हूं जिसे बातों को अच्छे से पकड़ सकें अब यहाँ पर क्या होता है नमबर तीन पर कोई भी एनरजी लेविल नहीं मिलता कंडक्षन वैलेंस बैंड के बीच में नो एनर्जी लेविल बिट्वीन कंडक्शन बैंड एंड वैलेंस बैंड जो इंट्रेंसिक सेमी कंडक्टर होते हैं ना तो नीचे जो वैलेंस बैंड कंडक्शन उसके बीच में कुछ भी नहीं रहता इसमें रहता है डिपेंडिंग ऑन दिस सिचुएशन तो परमिटेड एनर्जी स्टेट्स अ रिस्टेड्स इन बिट्वीन कंडक्शन बैंड एंड वेलेंस बैंड डोनर वाला ट्रवला जो नर्जी लिविल होता वो नमबर तीन हो गया और बात करें आप बहुत कुछ लिख स कि कुछ बातें और कर देते हैं यहां पर नंबर आफ जो फ्री लेक्ट्रोंस है और नंबर आफ जो होल्स होते हैं यह दोनों इक्वल होते हैं यहां पर यह इक्वल नहीं होते कैसे डोपिंग किए हुए हैं उस पर डिपेंड करता है नहीं ज्यादा है कि एनएड ज्यादा है नंबर पांच की बात कर लेते हैं एक और लिख देते हैं इसकी जो कंडक्टिविटी वह केवल टेंपरेचर पर डिपेंड करती है एलेक्टिकल कंडक्टिविटी अ कंडक्टिविटी डिपेंड्स ऑन टेंप्रेचर यहां पर क्या है कि टेंप्रेचर के साथ डोपिंग कंसेंट्रेशन पर भी डिपेंड करती है डिपेंड्स ऑन टेंप्रेचर एंड डोपिंग कंसेंट्रेशन यह दिखिए मैंने पूरी बात लिख दी है एकदम जितने नंबर का भी होगा आधा नंबर भी नहीं कट सकता आपका आप इसको नोट कर लीजिए लिख के बता दिया जैसे आप बड़ी ही शानदार तरीके से इसको पकड़ पाएं पर अब यहां देखते हैं यह क्या ह एंड ये भी पूछा जाता P-type, N-type, P-type का energy level डाइग्राम बनाना है, temperature 0 Kelvin से जब जादा हूँ, ठीक है, in the case of N-type semiconductor, the donor energy level is slightly below the bottom of the conduction band, whereas in P-type semiconductor, इसी का अंसर ही लिख दिया है, the acceptor energy level is slightly above the top of the valence band, explain giving examples what role do these energy levels play in conduction and valence bond, तो यह नोंने पूछा है कि बड़ी डाइग्राम बनाइए कैसे इसके अंदर कंडक्टिविटी एलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी चालू जाती वह भी बताइए तो कोई बात नहीं है बता दी जाएगी तो पहले बात हम लोग करते हैं एंड टाइप समीकंडक्टर के डाइग्राम की दोनों एक की साथ बना देंगे तो और अच्छा रहेगा तो यहां पर आप बनाइए वैलेंस बैंड ईवी यह किसका बना रहे हैं एंड टाइप है और टेंप्रेचर है जीरो केल्विन से ज्यादा ठीक है अब यहां पर यह एनर्जी अभी बनाते हैं और यह एक यहां बन जाएगा आपका कंडक्शन बैंड का एनर्जी लेविल यहां पर कुछ आप ऐसे बना सकते हैं कुछ होल्स पड़े हैं ब्लब एलेक्ट्रोन जो छोड़कर गया हूंगा और यह कुछ एलेक्ट्रोन यहां पर भरे हुए हैं अ कि यह देखिए और चाहें तो और भी लकीरें की सकते हैं ऐसे-ऐसे किताबों में खिची होती हैं कि ऐसे बना सकते हैं एनर्जी बैंड को दिखाते हुए ठीक है अब यहां पर जो कंडक्शन बैंड है इस कंडक्शन बैंड में आपको एलेक्ट्रोन आपको मिल जाएंगे ऐसे-ऐसे जीरो केल्विन पी ये एलेक्ट्रोन कूद के और उपर चला गया है खैर उससे पहले जो ये तो कुछ-कुछ कूद के जाएगी और N टाइप में जो डोनर के एनर्जी लेविल होता है वहाँ से एलेक्ट्रोन बहुत जाते हैं वो एनर्जी लेविल जस्ट बिलो दी कंडक्शन बैंड होगा ये एनर्जी लेविल कितना है डोनर एटम का डोनर एटम का एनर्जी लेवेल और यह एनर्जी लेवेल कंडक्शन मैंट के कितने करीब होता है विच इस वेरी क्लोस इसकी वेलू होती है 0.01 एलेक्ट्रॉन वोल्ट यहां पर जो donor वाले हैं, उनको जैसे ही थोड़ी energy मिलती, खट से चले जाते हैं, conduction band में, और conduction band में electron पहुँच गया, तो electrical conductivity चालू हो गई, यह मैं समझा रहा हूँ process कैसे होता है, यहां से कूद के उपर जाते हैं, जाना मुश्किल है क्योंकि energy gap लंबा है लेकिन यहां से जो just below 0.001 0.01 electron volt का gap बहुत कम है तो n type semiconductor में यह donor energy level just below the conduction band होता है तो जैसे ही कुछ energy मिलेगी खट से यहां चले जाएंगे electrical conductivity चालू हो जाएगी यह n type का मामला हो गया अब हम लोग बात करते हैं p type semiconductor के लिए तो यहां लिख देते हैं p type टेंप्रेचर है जीरो कैल्विन से ज्यादा कलर को येलो ले लेते हैं और यहां पर देखिए क्या होगा यह वैलेंस बैंक एनर्जी लेविल बना लीजिए यहां पर कुछ फोल्स दिख जाएंगे आपको और कुछ एलेक्ट्रोन भी यहां मौजूद मिलेंगे आपको यह देखिए एलेक्ट्रोन मिल गया यह इस तरीके से कहानी और यह हो गई यहां पर आपकी कंडक्शन बैंड का एनर्जी लेविल यहां भी आपको ऐसे से अब ने एनर्जी लेविल कुछ बना मारा और यहां भी एलेक्ट्रोन आपको मिल जाएंगे कि कुछ एलेक्ट्राउन जो यहां से कूटकर गए होंगे अब इसमें जो कहानी होती है वह कहानी होती है होल्स के दौरा तो एक नया एनर्जी लेविल जो कि वैलेंस वेंट के जस्ट ऊपर आपको मिल जाता है यह देखिए एनर्जी लेविल इसे बोलते हैं एक्सेप लेविल ए और यह जो गैप होता है यह दिस आल्सो वेरी लेस्ट क्या रेंज होती है 0.01 से लेकर 0.05 एलेक्ट्रोन वोल्ट में तो जो एलेक्ट्रोन यहां पर यह पी टाइप है ध्यान रखना पी टाइप में होल्स से कंडक्शन पैदा बजॉर्टी चार्ज कर रही है तो यहां वाले एलेक्ट्रोनों को जैसे ही थोड़ी नर्जी मिलती है कूद के एक्सेप्टर एटम पर चले जाते हैं तो वो electron यहाँ आपको पहुँच गए और यहाँ hole खाली हो गया यह कारिकरम बहुत होता है जिससे कि आपको P type semiconductor में conductivity मिलती है और कुछ में जादा energy होईगी तो कूद के यहाँ चले जाएंगे लेकिन majority क्या है majority holes की वज़े से यहाँ पर आपको जादा conductivity मिलती है और holes बनने की प्रकरिया आसान है यहाँ क्योंकि acceptor atom का energy level just above the वैलेंस बैंड होता है तो जरा सा भी आपने एनरजी दी कूट के यहाँ पे पहुँच गए एलेक्टोन यह होल बना दिया और पी टाइप में इस तरह की चर्चा चालू हो गई तो यह पी टाइप एन टाइप सेमी कंडॉक्टर का एनरजी लेविल डाइग्राम है यह आपक उमीद है आप इसको note कर पाए होंगे, question था और यह इसका solution हो गया, इस diagram वगेरा बनाना आपको आना चाहिए, बड़ी अच्छी वात है, यहाँ पर क्या पूछा जा रहा है, लेकिन distinguish between the intrinsic semiconductor, अब यह मुझे काफी बाचीत लिखी थी, purest form of semiconductor, and a P-type semiconductor, P-type होते हैं, extrinsic, extrinsic दो तरह के होते हैं, P-type and type, यह आपको मालूमी है, बता चुके हैं भी आपको, give reasons why a P-type semiconductor is electrically neutral, although NH is much more than any, ठीक है, तो पहले difference की बात करते हैं, यहां लिखते हैं, intrinsic, और यहां लिख देते हैं P-type, जो की extrinsic है, पहली बात pure form है, pure semiconductor, इसमें doping होती है, impure है, doped with, ट्राइवेलेंट इसेलमूनियम इस तरह से हम इंप्यूरिटी एड करते हैं इसमें तब यह पी टाइप बनता है दूसरी बात करें चार्ज कैरियेज इसके अंदर क्या रहते हैं एनी बराबर एनेच जितने एलेक्ट्रोन होंगे उतने ही होल्स होएंगे और इसके अंदर आप सेकंड पॉइंट अगर देखें तो एनेच की वैलू काफी जादा होती है एनी से तो मेज़ॉरिटी चार्ज करियर होल्स होते हैं मायनेटरी एलेक्ट्रोन्स होते हैं अगला पॉइंट अगर आप देखन ऑन टेंप्रेचर यह क्या है डिपेंड्स ऑन टेंप्रेचर एंड इसके साथ डोपिंग कंसेंट्रेशन यह बात यहां कंप्लीट हो गई अब क्या कह रहा है कि भाई जो यह पी टाइप समीकंडक्डक्टर है यह एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल कैसे है क्योंकि यह तो होल ज्यादा होते हैं एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल इसलिए है कि जो भी आप शुरू में प्योरिस ट्रॉम ऑफ समीकंडक्डक्टर लिए थे जिससे सिलिकॉन वह एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल था उसमें आपने और फोटो से समझना चाहें तो माल लीजिए ये एल्मूनियम है और बाकी ये सिलिकॉन वेगेरा इसके चारो तरफ हैं अब जो एलमोनियम आपने डाला है मैं एल ऐसे लिख देता हूं इसके अंदर इसके बाहर तीन लेक्ट्रोन है सपोस करिए तो प्लस तीन हो गया इसका नूकलेस में चार्ज और बाकी बॉंडिंग ये बनावेगा तो ये एक इसका और इसका यहाँ पर क्या रहा सिलिकॉन का तो एक है खुद का ये होल पकड़े हुए तो ये जो hole आप positive treat कर रहे हैं, इसके अंदर भी तो, आप जो hole देख रहे हैं, अंदर कितना है, plus 3 है charge, अब बाहर 3 electron है, तो electrically neutral है न, इस electron इसके कितने पास थे, ये एक electron ये इसका, एक electron ये, तीन electron बाहर, plus 3 अंदर, तो electrically neutral हो गया total मामला, ये hole तो अलग से बना हुआ है, और ये इस समय ये electrically neutral हो, होता है, बाकि जब hole, यहाँ पर कोई electron आ जाएगा, बगल से कूद कर तो यह ion तब हो जाएगा, negative ion क्योंकि electron को, तब भी तो बोलते हैं, यह acceptor ion है, accept कर लेता है लेकिन तब भी पूरा as a material तब भी electrically neutral ही रहता है, तो ठीक है, यह इसकी कहानी हुई, जो मैंने आपको समझाने की कोशिस की है, note कर लीजे अगला question देखें, लिखा है, answer the following questions with reason जंग जं वेन इट इस फॉरवर्ड बायस्ट एंड इट इस हाई वेन दर रिवर्स बायस तो फॉरवर्ड बायसिंग में मेजॉरिटी चार्ज कैरियर आपके फ्लो होते हैं और ये क्यों फ्लो होते हैं योगी जो बैरियर पोटेंशल होता है वो कम हो जाता है इसमें आपने देखा हो है और यहां पर यह मान लोग पी टाइप है यह एंटाइप है तो यहां निगेटिव मिल जाता है ऐसे आपको प्लस और इसका बैरियर पोटेंशल रहता है इस तरीके से डायरेक्शन मतलब प्लस से माइनस बनाए रेक्टिक फील्ड मन ले और यहां पर बेटा जब इसको आप प्लस से कनेक्ट कर देते हैं यह फॉर्वर्ड वाइसिंग हो गई ना अ पी को प्लस से और एन को माइनस से तो ये देखिए इसका जो अपलाइड वोल्टेज है वी ये इसके खिलाफ प्लस से माइनस खिलाफ काम करता है तो इसका जो नेट बैरियर पोटेंशियल है ये डिक्रीज कर जाता है आप लिख सकते हैं VB-V इसलिए current forward biasing में majority charge carrier की आसानी से flow होती है जबकि reverse bias कर देंगे तो potential barrier will be much higher क्योंकि दुनों को बाया जाएगा direction एक ही हो जाएगा तो आप समझ गया होंगे यहां भी is less potential barrier decrease हो रहा है forward biasing में तो आप इसको चाहें तो लिख सकते हैं potential net potential barrier decreases in forward biasing एंड वाइस वर्सा का मतलब होता है नेट पोटेंशल बैरियर इंक्रीजेस इन रिवर्स वाइसिंग इसलिए यहां पर करेंट अराजीन से फ्लो होगी इसकी विपरीद दिशा में फ्लो नहीं होगी डोपिंग इसलिए करनी पड़ती है क्योंकि जो प्यूरिस्ट फॉर्म आफ सेमी कंडक्टर है उसमें एक तो एनी बराबर एनेच होता है और उपर से चार्ज कैरियर्स काफी कम होते हैं चार्ज कैरियर्स इस क्वाइट लेस्स इन इंट्रेंसिक तो intrinsic में एक तो charge carrier कम है, तो conductivity low मिलेगी, और any बराबर NH रहेगा, तो किसी का भी dominance हम कुछ चाहिए, कि hole जादा हो जाएं, electron जादा हो जाएं, हमें circuit में ज़रूरत हो, तो हम नहीं कर पाएंगे इसके अंदर, तो इस वज़े से हम इसमें doping करते हैं, यानि जान बुचके deliberately हम impurity add करते हैं, 1 ppm होती है, parts per million. जिससे कंडक्टिविटी यह चार्ज कर यह समझा लेते हैं और एनी एनच में जिसका भी डॉमिनेंस चाहिए उसके हिसाब से इंप्यूरिटी ऐड कर देते तो पीट एंट बन जाता है इस दरीजन में रीजन क्या है चार्ज करियर का कम हां और दूसरा रीजन भी मैंने लिख दिया जहां एनी बराबर एनच होता है तो इसको नोट कर लीजिए यहां लिखा स्प्लेन विद दिया पाप दिग्राम द फॉरमेशन ऑफ डिप्लीशन रीजन एंड बैरियर पोटेंशल इन एपिएंट जंक्शन यह मैंने आपको इसी में explain कर दिया है शुरू में जब diffusion current and drift current की बात कर रहे थे आपसे तो आपको दिखाया था ना कि यहाँ पर इस region में p type ये है और n type ये है तो यहाँ पर कहानी कुछ ऐसे हो जाती है कि ये minus वाले इधर आ जाते है और plus वाले बाजू में ऐसे खड़े मिलते हैं और यह जो region बनता है इसे आप बोलते हैं depletion region layer या region जो भी बोलना चाहें depletion का मतलब deplete हो गए हैं charges यहां से यानि charges खतम हो गए हैं फिर से आप दिला रहा हूँ यह जो charges ions दिख रहे हैं यह immobile ions हैं कि इस आई किसी काम के चार्ज नहीं खड़े चल नहीं सकते हैं तो जो हमारे कामी का नहीं होना ना होना बात खत्म तो इसीलिए बोलते हैं यहां पर जो मोबाइल चलने वाले जो चार्ज थे वह डिप्लीट कर गए हैं खातम हो नहीं है इसलिए इसको डिप्लीशन लेयर बुरीजन बोलते जो मैंने आपको समझाया भी था और इसी से यह दिखिए तो यह बैरियर पोटेंशल इस प्लस से माइनस की तरफ जो एलेक्ट्रिक फील्ड बनता है यह आपका इसे बैरियर पोटेंशल potential को barrier potential, electric field को barrier electric field कह सकते हैं, यह barrier potential कह लाता है, और यह किस की विज़े से बन रहा है, यह immobile ions की विज़े से बन रहा है, यह कहानी यहाँ पर ऐसे खड़ी होती है, मैं समझा चुका हूँ, एक बार फिर से आपको थोड़ा सा याद दिला दिया, तो आप इसको फोटो बना सकते हैं, लिखा है, at equilibrium, इने PN junction, PN junction में equilibrium पर, Net current कितनी होती है? तो net current भाईया zero होती equilibrium पे diffusion current और drift current एक दूसरे के विपरीत होती हैं और equal होती हैं equilibrium पे दोनों same हो जाएंगी तो net current will be zero तो इसका जो answer है वो answer होगा C answer is बिटा C zero as diffusion and drift current are equal and opposite लेकिन आप समझ तो पाए होंगे यह एक नुमेरिकल सामारे सामने आ गया है बड़े राम से इसको लगाएंगे देखिए लिखा था सर्किट शोन द फिगर है टू अपोजिटली कनेक्टेड आईडियल डायोड्स कनेक्टेड इन पैरलल एक यह है भाई साहब एक यह है फाइंड दिकरेंट फ्लॉइंग थ्रू द इस डायोड इन द सर्किट दोनों डायोड से कितनी-कितनी करेंट जा रही है यह पकड़कर हमको बतानी है तो यहां पर ध्यान से देखिए प्लस से एक अ connection यह देखिए PN ऐसे है न यह तो आपको याद रहता है फिर भी मैं बना दे रहा हूँ PN ऐसे है यह P से N प्लस वाला connected है P से और minus वाला connected है N से तो यह forward vising में है इसकी देखिए यह P वाला connected है minus से N वाला connected है plus से तो यह reverse vising में है हम जानते हैं कि जो reverse vising में current होती है वो allow नहीं होती यानि यह जो diode number 1 है इस branch में कोई current नहीं जाएगी क्यों कि ये reverse biasing में है no current in D1 because it is in reverse biased condition reverse biasing लिख देते हैं इतना तो आप समझदार हैं ठीक यहां पर यह फॉर्वर्ड वाइसिंग में तो यह करंट अलाउट करेगा यह ब्रांच किसी काम की नहीं है तो यहां से देखिए दो ओम और यह चार टोटल कितना रेसिटेंस है छे ओम का तो डी टू इस इन फॉर्वर्ड बाइसिंग, FB मतलब forward बाइसिंग, तो current कितनी हो गई, Y is equal to R equivalent, V कितना है, 12 volt, R कितना है, 2 होम इसका, 4 होम इसका, series में, तो 2 plus 4, 12, आप आ� एरो की तरफ एरो जिदर है पी से इन की तरफ ये अर्थिंग है ये किसका निशान है अर्थ का तो पी वाला किस से कनेक्टेड है अर्थ से है नी जीरो वोल्ट से अर्थिंग है जीरो वोल्ट है और एन वाला किस से कनेक्टेड है प्लस पाँच से वोट यह ना पांच वोट देखिए पांच वोट कह लीजिए या पांच वोट पर एक कुछ ड्रॉप भी हो रहा होगा फिर भी यह पॉजिटिव पर ही रहने वाला है तो यह एन पोटेंशियल आफ एन इस ग्रेटर थे पोटेंशियल आफ पी इसका क्या मतलब है कि यह रि� कम से connect करते हैं, तो वो तार forward biasing, यह उल्टा हो गया, P वाले का potential कम है, यानि relatively negative से connect किया हुआ है, और N वाला relatively positive से connect किया है, इसका मतलब क्या है, यह reverse biasing में है, यह reverse biasing condition में है, आप उमीद है, समझ पाया हूँ, मैं अटता हूँ, इसको आप pause करके note कर लीजे, अब यहाँ पर बोला है, using the necessary circuit diagrams, शो हॉट द वी आई करेक्ट्रेस्टिक्स और पीए जंक्शन आर ऑप्टेंड ठीक है अच्छा यह बन सरकित डाइग्राम पूछा कि फॉर्वर्ड बाइसिंग के लिए सरकित डाइग्राम कैसे बनाओगे तो कोई दिक्कत नहीं है पहले वाले यह बना देते बड़े दिनी से तो पहले वाला ले रहे हैं फॉर्वर्ड बाइसिंग दिखिए सिंपल सी बात क्या है कि वी आई करेक्ट्रेस्टिक्स बनाने का मतलब है कि हमें पोटेंशल भी नापना है एक्रॉस डायोड और करेंट भी नापना है अ forward vising में current की value milli ampere में होती, इतना ध्यान अखना है reverse में micro ampere में तो यह एक बना दीजे यहाँ diode यह बना गया diode का symbol pn, इसे आप p लिख दीजे, इसे आप n, जैसे आसानी से बना सकें इसका हमें नापना है voltage, तो v से नपाई कर देंगे current भी नापनी है, तो एक current के लिए यहाँ पर milli ampere का हम लोग emitter लगा दीजे और यहाँ पर हम इसको change करने वाला अलग-अलग वैल्यूज ले सकें उसके लिए और बैटरी को प्लस माइनस कनेक्ट कीजिए और यह वायर आप यहां से निकाल कर इससे कनेक्ट कर दीजिए यह देखिए डाइग्राम बन गया यह प्लस वाला देखिए कनेक्शन यह प्लस है यह माइनस है यह प्लस पी से कनेक्टेड है और एन वाला कनेक्शन माइनस से है तो यह फॉर्वर्ड वाइसिंग में है और इसी तरीके से बात करेंगे, तो यह plus minus है, क्योंकि यह plus वाला इस्सा plus और minus जा रहा है, this is the circuit diagram forward vising के लिए, reverse vising में, यहाँ देखिए, milliamperes में लगाया है न, जब reverse vising में लगाएंगे, तो यह micro amperes में लगाएंगे, वो भी बना देते हैं, यहाँ देखिए, reverse vising की बात क बाय सिंग मेटा नंबर टू जो भी था इसके अंदर अब यहां पर डायग्राम पी एन जंक्शन बनाते हैं इसे पी लिख दो इसे एल लिख दो वोल्ट मीटर हमको लगाना है प्लस माइनस बाद में लगाएंगे एक हमको माइक्रो एमपीयर नापने के लिए मीटर से यह और यह रहा है इसका पोटेंशियल डिवाइडर यह बनाया और यहां माइनस लगा देंगे पहले यह देखिए अभी देखिए माइनस वाले का जो कनेक्शन है माइनस प्लस यह माइनस से कनेक्टेड हो गया और यह प्लस से कनेक्टेड हो गया इस रिवर्स बाइसिंग यह दोनों सरकिट डायग्राम बन गए फॉरवर्ड बाइसिंग और रिवर्स बाइसिंग के और forward reverse biasing का जो graph होता हुआ वो मैं नहीं बना रहा हूँ, already बना चुका हूँ repeat नहीं कर रहा हूँ, तो आप graph भी बनाना चाहें तो बना सकते हैं कि forward biasing में यह current जा रही है और reverse biasing में ऐसे current जा रही है, this is the circuit diagram जो इन्होंने हम लोगों से पूछा था मेरे कारण से pause करके note कर पाए हूँ. लिखा है the ability of a junction diode to dash an alternating voltage is based on the fact that it allows current to pass only when it is forward bias. ये इस property किसकी हुआ करती थी बिटा? rectification के काम आती थी. तो यहाँ जो value word आएगा वो आएगा rectify. यह मुझे इसी के दोरान पढ़ा है तो forward biasing में current को allow करना reverse biasing में current को allow नहीं करना इस property का इस्तेमाल करते हैं rectification के लिए rectification का मतलब है alternating current को alternating voltage को direct voltage में change करना यह कहानी आप यहाँ पे note कर पाए होंगे लिखा है give two difference between a half wave rectifier and a full wave rectifier हाफ वेव फुल में रेक्टिफिकेशन क्या होता है तो यह देखिए लिख दीजिए हाफ वेव और यहां लिख दीजिए फुल वेव तो हाफ वेव रेक्टिफिकेशन में क्या आता है उनली कनवर्ट्स हाफ पल्स only converts one half cycle of an alternating current यहाँ पर क्या है converts full cycle of AC आपको यादी होगा इस वाले में हाफ एमे इस तरह से pulses मिलते थे ऐसे आधा गाया बादा है और इसमें जो पल्स थे ये पल्स ऐसे मिला करते थे फुल वेव रेक्टिफिकेशन में यहाँ पर दूसरी बात जो अक्सर आपसे पूछी जाती है कि इंपुट आउटपुट फ्रिक्वेंसी विल बी सेम इंपुट फ्रिक्वेंसी इस एकल्ट टू आउटपुट फ्रिक्वेंसी के अगर 50 हर्ट्स का इंपुट है तो आउटपुट भी 50 हर्ट्स का होगा यहाँ क्या करता है ये डबल कर देता है आउटपुट फ्रिक्वेंसी इस इक्वेल्ट टू इन्टू इन्पुट फ्रेक्वेंसी अगर आपने इन्पुट लगाया है 50 हर्ट्स का तो आउटपूट मिलेगा सौ हर्ट्स का यह बात ध्यान रखिए कि यह कई जगह आपसे पूछी जाती है हाफ वे फुल वेव का रेक्टिफिकेशन हो गया तो इसको आप नोट कर लीजिए पॉज करके यहां पर देखिए विद्धि हेल्प आफ सर्किट डायग्राम अ एक्सप्लेइन ब्रिफली हावे पीएन जंक्शन डायोड वर्क से हाफ वेव रेक्टिफिकेशन फुल वेव का तुम लोग बनाई चुके हैं एक ट्रांसफार्मर फिर बना दीजे ये प्रामरी ट्रांसफार्मर हो गया एसी सोर्स लगा दें इससे और ये देखे ये ट्रांसफार्मर बनाया आपने ये सेकंडरी हो गया और एक डायोड यूज़ करते हैं इसमें हाफ वेव रेक्टिफिकेशन में और ये देखे यहाँ पर लोड लगा दीजे एक्स कि यह हो गया वाई और इस वाले को कनेक्ट कर दीजिए इससे इसे ए बोल दें कि बजनामकराण कर दें भी बन चुका है यह डायोड है और यह ट्रांसफॉर्मर है बस यह प्राइमरी यह सेकंडरी बात खत्म हो गई यहां पर यह आउटपुट है आरल यह कहानी है, तो यह कहानी में working की बात करेगा, तो working आप समझी रहे हैं, जिस पल यह plus होगा और यह minus, यह plus हो गया, यह minus हो गया, plus वाला p से connected, n वाला minus से connected, अब यह forward vising में है, pulse निकालेगा, current को allow कर देगा, अब अगले ही छड़ क्या होगा, मैं इसको color को बदलता हूँ, ज प्लस माइनेस बदलता रहता है तो माइनेस वाला पी से कनेक्टेड हो जाएगा और एन वाला प्लस से कनेक्टेड हो जाएगा नहीं रिवर्स बाइसिंग में चला जाएगा तो इस रिवर्स बाइसिंग में करेंट नॉट एलाउट आई नॉट थोड़ा अलग नहीं आई नॉट एलाउट, तो आधी पल्स एक साइकल के अंदर क्या होगा कि forward vicing में पल्स निकला और reverse vicing में पल्स नहीं निकला, यह half wave rectification है full wave का तो हम लोग discussion कर ही चुके हैं तो यह बात आप इसका waveform बनाना हो, तो input आप लिखे input में यह देखिए, ऐसे दिखा दीजिए और यह रहा output जहां forward vising है, वो तो आपको pulse मिलेगी, यहाँ पर नहीं मिलेगी, और फिर यहाँ पर आपको ऐसे pulse मिलेगी, this is output waveform, यह v output लिख सकते हैं, इसी तरीके से आप, v output, और यह time बन गया यह, यह waveform है, वेवफॉर्म जरूर मना दिया करिए, पूछें चाहें ना, पूछें, ये कहानी इसकी निपट जाती है यहाँ पर, चली, इन ए प्योर सेमी कंडक्टर क्रिस्टल आफ सिलिकॉन, इफ एंटी मनी इस एड़ेड, तेन वाट? type of extrinsic semiconductor is obtained तो आपको ये समझ में आना चाहिए जो antimony होता है इसकी valence cell में group 5 का है कि group 3 का है तो group 5 का है antimony तो antimony अगर यही नहीं पता होगा तो करी नहीं पाएंगे antimony जो की SB है is a pentavalent impurity pentavalent इंप्यूरिटी इसके बाहर वाले ओर्बिट में पांच एलेक्ट्रोन मिलेंगे तो यह n-type सेमी कंडक्टर देगा कंडक्टर कि डोनर एटम बन जाएगा ना डोनर क्योंकि लेकिन दे रहा है तो ड्रॉब्ब एनर्जी बैंड डाइग्राम एक्स्टेंसिक इसके लिए वह हम लोग ऑलरेडी बना चुके हैं फिर भी एक बार बना रहे हैं नीचे पकड़ लीजिए वेलेंस बैंड और एक बना देते हैं ऊपर कंडक्शन बैंड और डोनर लेविल जो होता है उसके पास होता है तो यहां आप बना दीजिए डोनर लेविल का इडी जो कि काफी करीब है इससे गैप के है 0.01 एलेक्ट्रॉन वोर्ड और यहाँ पर आप कई सारे ऐसे मना सकते हैं आप और यहाँ की बातचीत करेंगे तो यहाँ आपको मिल जाएंगे होल और कुछ एलेक्ट्रॉन भी यह देखिए कहानी ऐसे बन गई, यह आपकी कहानी बन गई, यहाँ पर एलेक्ट्रॉन जो मौजूद है, वो आसानी से कूद कर कंडक्शन बैंड में चला जाता है, क्योंकि जस्ट बिलो दी कंडक्शन बैंड वो होता है यहाँ पर, तो यहाँ पर आप देखिए चार यह आए चार यह बना दिया ही ठीक नहीं है बल्कि यहां पर ज्यादा एलेक्ट्रोन बना देते हैं लोग क्योंकि आपको ऐसा फीलो कि यहां से ज्यादा लोग आए हैं यहां से कम लोग आते यहां से जिंपर के आजाना मुश्किल हो जाता है तो यह कहानी हो जाती है य ये n टाइप पे, और p टाइप में acceptor atom, खेर आप समझ गये होंगे, पढ़ा तो आपने जरूर बढ़ गया तरीके से होगा, draw energy band diagram of a p-type semiconductor, also write two differences between p and n-type, तो p-n-type semiconductor का diagram हम already बना चुके हैं, अभी कई बार बनाया है, एक जल्दी से reference अगर आपको देना चाहें, तो आप, आप एंड टाइप की बात करें भी मनाया था एंड टाइप यह डोनर लेविल एक मिल जाता है आपको कहां पर कंडक्शन बैंड के पास में और इसका जो गैप वह 0.01 एलेक्ट्रॉन वोल्ट होता है यह आपका वैलेंस बैंड है एंड टाइप की कहानी है यह ठीक और यहां पर आपको एक दो होल मिलेंगे ज्यादा नहीं बाकी एलेक्ट्रॉन भरे हुए मिलेंगे कि ऐसे और यहां पर आपको एक टाउन की मात्रा ज्यादा मिलेगी यहां से गए हैं सब यह क्या है एंड टाइप के लिए अगर पीट आपको बनाना यहां पर टंपरेशन लिख दीजिए जीरो कैलोविन से ज्यादा के लिए बातचीत गई है और इसी तरह अगर आप पीट बनाना चाहें एंड टाइप तो पीट आपके लिए यहां आपका अ वैलेंस वाला इसके पास में एक एनर्जी लेविल मिल जाता है एक्सेप्टर आटम का विच इस क्वाइट नेरेट टू दिस ये एक्सेप्टर आटम मिला और इसका जो गैप है वो गैप भी बहुत ही कम होता है 0.01 से लेकर 0.05 एलेक्ट्रॉन वोर्ट के बीच में ये कंडक्शन बैंड हो गया बस कहानी इस तरीके से बना सकते हैं और यहाँ पर आपको मिलेंगे हूल्स जादा कि यह कुछ एलेक्ट्रोन भी मिलेंगे लेकिन होलों की संख्या आपको ज्यादा मिलने वाली है और यहां बात करें तो एक आधा एलेक्ट्रोन यह भी पहुंच जाएगा यहां से जंप करके यह कहानी किसकी है पैंट टाइप थी यह पी टाइप है जब टंप्रेचर जीरो कैल्विन से ऊपर है मैंने दुबारा बना दिया डायग्राम को कि यहां पर यह ध्यान कीजिएगा एंड टाइप में डोनर लेविल अ conduction band के just नीचे, और P type में, acceptor level, just conduction band से, valence band से just उपर, यह कहानी यहाँ पर हो जाती है, अच्छा difference की बात कर रहे हैं, P and N type तो difference भी बता लेने में कोई बुराई नहीं है, तो मैं यहाँ पर लिख देता हूँ, N type, एंट टाइप्स दोनों ही एक्स्ट्रेंसिक है लेकिन एंट टाइप में अलग-अलग मामला तो हो गई होगा तो यह होता है यह इंप्यूर्टी जो होती है वह फिफ्ट ग्रुप की होती है एटम्स आफ ग्रुप 5 और यहां इंप्यूर्टी जो होगी आफ ग्रुप तीन एग्जांपल जैसे कि एल्मूनियम वगैरह ले लेते हैं इंडियम वगैरह ठीक यहां पर फॉसफोरस वगैरह ले सकते हैं पांच जिसके अंदर पांचवा ग्रुप आ जाए और जो इंप्यूरिटी एटम्स है उसको हम बोलते हैं पर डोनर्स इंप्यूरिटी एटम्स कॉल्ड डोनर्स और यहां पर क्या होता है इंप्यूरिटी एटम्स कॉल्ड एस एक्सेप्टर ठीक कि एक और इंट्रस्टिंग जो बातें ने लिखी हैं जब दो ही थे शायद डिफरेंस इसका जो डोनर होता है इनका एनर्जी लेविएल कंडक्शन बैंड से जस्ट नीचे होता है एंड टाइप में तो डोनर इंप्यूर्टी लेविएल जस्ट बिलो कंडक्शन बैंड और यहां की बात कर दीजिए आप acceptor वाले की, तो acceptor impurity levels, just above valence band, यहां पर आपके जो majority charge carriers हैं, वह एलेक्ट्रॉन एनी ऐसे लिख देते हैं जट से एनएच के बराबर है वह नंबर चार लिख दीजिए एन फोल्स आर मच गिरिटर देन एनी यह हो गए तीन चार डिफरेंस बड़े सानी से लिख सकते हैं इंपोर्टेंट पूछा जाता है आपसे खैर इसको नोट लीजिए अगला सावाल देखते हैं बिटा मेरे कहाल से आप इसको पॉस करके नोट कर पाए होंगे ये पीछे वाला भी आप नोट कर लीजिए अगर चूक गए हैं तो असानी से नोट कर सकते हैं ये next question पे आते हैं लिखा है when a voltage drop across एपी एंड जंक्शन डायोड इज इंक्रीज्ड फॉर्म दिस वन टू दिस वन द चेंज इन दी डायोड करेंट इस टेन मिली एंपियर वॉट इस दिडा इन रेसिटेंस देखिए जो डायोड होता है वह ऑम्स फॉलो तो नहीं करता तो इसका रेसिटेंस डायनेमिक निकालते हैं डायनेमिक बदलता हुआ तो जो डायनेमिक रेसिटेंस है डायना मिक रेसिस्टेंस अ जिसे आप आरेडी लिख रहे हैं वह था चेंज इन वोल्टेज अपन चेंज इन करेंट एक पर्टिकुलर रेंज के लिए तो यहां पर डेल्टा वी की बात करेंगे तो 0.71-0.70 वोल्ड और करेंट में बदलाव है 10 मिली एमपियर का शॉल करेंगे वन ओम, यह आपका दिखिए यहाँ पर answer आ जाता है बहुती आसानी से, तो इसको भी आप pause करके know, how does the width of a depletion region of a p-n junction vary if the doping concentration is increased, हमेशा याद रखिए कि doping concentration का depletion layer की width से उल्टा inverse relation है, तो अगर doping concentration कंसेंट्रेशन अगर हम इंक्रीज करते हैं तो डिप फिर टॉप डिप्लीशन रीजन विल डिक्रीज यह डिक्रीज हो जाएगी बात पकड़ में आ गई होगी और डोपिंग कंसेंट्रेशन अगर आप घटावेंगे तो यह विट्स जो है आपकी वो increase कर जाएगी, उल्टा चलेगा लिदे के और इस तरीके से कहा नहीं हो सकती कि doping concentration से depletion layer की width पर क्या आसर पढ़ रहा है तो इसको भी आप pause करके note कर ले अगला लिखाया कि in half wave rectification what is the output frequency if input frequency is 25 Hz देखिए half wave rectification मैं आपको बताया है और सिखाया है half wave में input फ्रिक्वेंसी इस एकॉल टू आउटपुट फ्रिक्वेंसी रहती है यानि यहां पच्चे सर्च अगर इनपुट है तो आउटपुट भी 25 हर्ट्स रहने वाली है यह तो अंसर इसका है अगर यह फुल वेव हो जाए अ तो input की जो frequency रहती है, उसको output की जो frequency होगी, output frequency is equal to 2 into input frequency. तो अगर ये full wave rectification होता, तो इसका answer हो जाता, 50 हर्ट्स अगर यह फुल वेव होता तो लेकिन यहां पर यह अंसर कितना है 25 हर्ट्स क्योंकि यह हाफ वेव के बारे में पूछा है तो उमीद है आप इसको समझ पाए होंगे इसको अच्छे से नोट कर लीजे पूरे कॉशिंस कंप्लीट हो जाते हैं तो उमीद है बच्चो आप नोट कर पाए होंगे और इस तरह के सारे सवाल लगाने पर एकदम फूल प्रूफ आप हो जाने वाले हैं अगर आपको वीडियो पसंद आया है तो लाइक और शेयर जरूर कीजेगा और अर्विंद एकडमी चैनल को सब्सक्राइब परना मत बुलियेगा Top Quality Physics 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